3. जन्म
• सुभद्रा क
ु मारी चौहान का जन्म १६ अगस्त १९०४ में
इलाहाबाद क
े यनकट यनहालपुर नामक गााँि में ज़मीींदार
पररिार में हुआ था ।
• इनक
े वपता का नाम ठाक
ु र रामनाथ ससींह था ।
• १९१९ में उनका वििाह ठाक
ु र लक्ष्मण ससींह क
े साथ हुआ ।
4. जीिन पररचि
• १९२१ में गाींधी जी क
े असहिोग आींदोलन में भाग लेने
िाली िे पहली महहला थी ।
• िे दो बार जेल भी गिी थी ।
• िे एक रचनाकार होने क
े साथ साथ एक स्िाधीनता
सींग्राम की सेनानी भी थी ।
5. पढाई
• उनक
े वपता सिक्षा क
े प्रेमी थे और उन्ही की देख-रेख
में उनकी प्रारम्भभक सिक्षा हुई ।
• बाल्िकाल से ही िे कविताएाँ रचने लगी थी ।
• उनकी रचनाएाँ राष्ट्रीिता की भािना से पररपूणण थी ।
6. कृ यतिााँ
• उन्होंने अपने जीिनकाल में लगभग ८८ कविताएाँ और
४६ कहायनिााँ की रचना की ।
•इनका पहला काव्ि सींग्रह ‘मुक
ु ल’ १९३० में प्रकासित
हुआ ।
•इनकी चुनी हुई कविताएाँ ‘त्रत्रधारा’ में प्रकासित हुई ।
9. प्रससद्ध कविताएाँ ि कहायनिााँ
• झााँसी की रानी
• उल्लास
• आराधना
• हहींगिाला
• टााँगेिाला
• सोने की क
ीं ठी
10. पुरस्कार / सभमान
• इन्हें ‘मुक
ु ल’ तथा ‘त्रबखरे मोती’ क
े सलए अलग अलग पुरस्कार
समले ।
• भारतीि तटरक्षक सेना ने २८ अप्रेल २००६ को सुभद्रा क
ु मारी
को सभमायनत करते हुए इनक
े नाम निीन यनिुतत जहाज़ कर
हदिा ।
• भारतीि डाक तार ने ६ अगस्त १९७६ को सुभद्रा क
ु मारी
चौहान क
े सभमान में २५ पैसे का एक डाक हटकट जारी ककिा
था ।
11. मृत्िु
• सुभद्रा क
ु मारी की मृत्िु १५ फ़रिरी १९४८ को ४३ साल
की उम्र में हुई ।
• उनकी मृत्िु ससिनी में कार दुर्णटना में हुई ।
14. जन्म
• प्रेमचींद का जन्म २३ जलाई १८८० में िाराणसी क
े लमही गााँि
में एक कािस्थ पररिार में हुआ था ।
• उनकी माता का नाम आनींदी देिी तथा वपता का नाम मुींिी
अजाबराि था ।
• उनक
े वपता दकमुींिी थे ।
15. जीिन पररचि
• प्रेमचींद की आरम्भभक सिक्षा फ़ारसी में हुई थी ।
• जब िे ७ साल क
े थे तभी उनकी माता का स्िगणिास
हो गिा था और सोलह साल क
े होने पर उनक
े वपता का
देहाींत हो गिा।
• जब िे १५ िर्ण क
े थे तभी उनकी िादी हो गिी थी ।
• उनका बचपन से ही पढने का िौक़ था ।
16. पढाई
• प्रेमचींद की आरींसभक सिक्षा फ़ारसी में हुई थी ।
• जब िे तेरह िर्ण क
े थे तभी उन्होंने यतसलस्म-ए-होिरुबा पढ सलिा
था और उन्होंने उदूण क
े मिहूर रचनाकार रतन्नाथ िरसार,
समज़ाण हाडी और मौलाना िरर क
े उपन्िास पढ सलए थे ।
• उन्होंने १९१० में बी ऐ ककिा और किर सिक्षा विभाग में
इन्स्पेतटर पद पर यनिुतत हुए ।
17. रचनाएाँ
प्रेमचींद ने ३०१ कहायनिााँ और १५ उपन्िास सलखीीं ।
उनमे से क
ु छ आगे प्रस्तुत की गईं है ।
18. उपन्िास
प्रेमचींद ने अपने जीिन में १६ उपन्िास सलखे थे ।
उनमे से क
ु छ प्रससध िह हैं ;
•गोदान ( 1936 )
•यनमणला ( 1927 )
•ग़बन ( 1928 )
•रींगभूसम ( 1925 )
19. कहानी सींग्रह
प्रेमचींद क
े कई कहानी सींग्रह प्रकासित हुए । क
ु छ
क
े नाम िह हैं ;
•सप्तत्सरोज
•नियनचध
•समाहताण
•मानसरोिर
20. कहायनिााँ
प्रेमचींद की मिहूर कहायनिााँ ;
• ईदगाह
• दो बैलों की कथा
• पूस की रात
• कफ़न
• बडे भई साहब
• प्रािम्चचत
21. पुरस्कार
• १९३६ में उनकी मृत्िु क
े क
ु छ समि पहले उन्हें
‘प्रग्रेससि िक
ण र असोसीएिन’ का प्रेससडेंट चुना गिा था।
• मुींिी प्रेमचींद की स्मृयत में भारतीि डाक की ओर से
31 जुलाई 1980 में उनकी जन्मिती की अिसर पर 30
पैसे मूल्ि का एक डाक हटकट जारी ककिा ।
22. मृत्िु
• मुींिी प्रेमचींदजी की मृत्िु 8 अततूबर 1936 में हुई
• उनका देहािसान जलोदर रोग से हुआ ।
• उनकी िाद में उनक
े गाि में प्रेमचींद मेमोरीिल दरिाज़ा
बनािा गिा है ।