http://spiritualworld.co.in श्री गुरु नानक देव जी - ज्योति ज्योत समाना:
गुरु गद्दी की सारी बातचीत भाई बुड्डा जी आदि निकटवर्ती सिखो को समझाकर गुरु नानक देव जी ने बैकुंठ जाने की तैयारी कर ली| ऐसा सुनकर दूर दूर से सिख आपके अन्तिम दर्शन करने ले लिए आ गए| गुरु जी अपनी धर्मशाला में बैठे थे और कीर्तन हो रहा था| इस समय माता सुलखनी जी भी दीन मन होकर गुरु जी के पास आ बैठी| गुरु जी ने दोनों साहिबजादों को भी बुलाया| पर वे थोड़ा समय बैठकर वहाँ से चल दिए|
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Shri Guru Nanak Dev Ji - Passing Away
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2. गुर गद्दी की सारी बातचीत भाई बुड्डा जी आदिद
िनिकटवर्ती िसखो को समझाकर गुर निानिक देवर् जी
निे बैकुंठ जानिे की तैयारी कर ली| ऐसा सुनिकर दूर
दूर से िसख आदपके अन्तिन्तम दशनर्शनि करनिे ले िलए आद
गए| गुर जी अन्तपनिी धर्मर्शशनाला मे बैठे थे और कीतर्शनि
हो रहा था| इस समय माता सुलखनिी जी भी दीनि
मनि होकर गुर जी के पास आद बैठी| गुर जी निे दोनिो
सािहबजादो को भी बुलाया| पर वर्े थोड़ा समय
बैठकर वर्हाँ से चल िदए|
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3. असूज सुदी दसवी संवत् 1539 को संगत के सामने
गुर जी चादर तानकर लेट गए और संगत को धैर्य र
देते हुए कहने लगे-आप सभी सत्य नाम का जाप
करो| जाप कर रही संगत ने जब कुछ समय बाद
देखा तब गुर जी अपना शरीर छोडकर बैर्कुंठ मे जा
चुके थे| आपका अिम न्तम संस्कार करने के िम लए
िम हन्दू कहे िक हमारा गुर हैर् हमने संस्कार करना हैर्|
मुस्लमान कहे िक हमारा पीर हैर् हमने दफ़न करना
हैर्| इस प्रकार झगडा करते जब दोनो धमो के लोगो
ने चादर उठाकर देखा तो आपका शरीर अलोप
था| केवल चादर ही वहाँ रह गई| इस चादर को
लेकर आधा िम हन्दुओ ने संस्कार कर िदय ा और
आधा मुसलमानो ने कबर मे दफ़न कर िदय ा|
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4. कु ल आयु व गुर गदी का समय
गुर नानक देव जी शरीर त्याग कर के संसार मे 70
साल 5 महीने 7 िदन पातशाही करके असूज सुदी
10 संवत् 1539 करतारपुर मे ज्योतित ज्योतत
समाए|
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