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हिन्दी की इस कक्षा में आपका िाहदिक अहिनंदन िै ।
प्रस्तुतकताि
श्याम सुंदर दास
प्रहिहक्षत स्नातक हिक्षक हिन्दी
जवािर नवोदय हवद्यालय,पेखुबेला
ऊना ,हिमाचल प्रदेि।
अध्याय क
े बारे में जानकारी
प्यारे बच्ों ! आज िम हजस अध्याय क
े बारे में जानेंगे उसमें पवित
िी िै, नहदयां िी िैं, सागर िी िैं और उनमें आपस में संबंध िी िैं। इन
सबक
े आधार पर िम आपसे पूवि ज्ञान से संबंहधत प्रश्न पूछ्कर पाठ क
े
नाम तक पहंचेंगे।
पूवि ज्ञान
प्रश्न 1. अवकाि क
े दौरान आप किााँ घूमने गए थे ?
उत्तर 1. पिाड़ों पर, तीथिस्थल पर।
प्रश्न 2. सबसे ऊ
ाँ चा पवित कौन सा िैं?
उत्तर 2. हिमालय पवित।
प्रश्न 3. हिमालय पवित का बर्
ि जल बनकर मैदानों में हकस रूप में
आता िैं?
उत्तर 3. नहदयों क
े रूप में।
प्रश्न 4. अगर नदी हिमालय की लड़की िै, तो लड़की का
पयाियवाची बहवचन क
े रूप में क्या िोगा ?
उत्तर 4. बेहियााँ।
आज िम हिमालय की बेहियााँ पाठ क
े
बारे में चचाि करेंगे।
हिमालय की बेहियााँ (नागाजुिन)
हिमालय की बेहियााँ पाठ सुप्रहसद्ध लेखक नागाजुिन द्वारा हलखखत िै।
इस लेख में लेखक ने हिमालय पवित से हनकलने वाली नहदयों का
वर्िन हकया िै। हिमालय से बिने वाली गंगा, यमुना, सतलुज आहद
नहदयााँ दू र से लेखक को िांत, गंिीर हदखाई देती थीं। वे एक सभ्य
महिला की तरि प्रतीत िोती थीं। उनक
े मन में श्रद्धा क
े िाव थे। वि
इनमें मााँ, दादी, मौसी और मामी की गोद की तरि डुबहकयााँ लगाया
करते थे। जब लेखक ने इन नहदयों को हिमालय क
े क
ं धे पर चढ़कर
देखा तो वे नहदयां समतल मैदानों में हविाल हदखाई देती थी।
इन नहदयों का उछलना, क
ू दना, िाँसना, उल्लास न जाने
किााँ गायब िो जाता िै। लेखक को हिमालय की इन बेहियों की
बाल लीलाओं को देखकर आश्चयि िोता िै। हिमालय की इन
बेहियों का न जाने कौन सा लक्ष्य िै जो इस प्रकार बेचैन िोकर
बि रिी िैं। ये बर्
ि की पिाहड़यों में घाहियों में व चोहियों पर
लीलाएाँ करती िैं। देवदार, चीड़, हचनार आहद क
े जंगलों में
पहाँचकर िायद इन नहदयों को अपनी बातें याद आ जाती िोंगी।
न जाने हिमालय इन बेहियों क
े निखिपन को क
ै से झेलता
िोगा। हसंधु और ब्रिमपुत्र दो मिानहदयााँ हिमालय से हनकलकर
समुद्र में हमल जाती िैं।
लेखक ने इन नहदयों को बूढ़े हिमालय की गोद में खेलने
वाली बाहलकाएाँ बताया िैं। हिमालय को ससुर और समुद्र को
उसका दामाद किने में िी लेखक को कोई हझझक निीं िोती।
काहलदास क
े यक्ष ने िी अपने मेघदू त में किा था हक बेतवा नदी
को अपने प्रेम का संदेि देते जाना। इससे लगता िै हक
काहलदास जैसे मिान कहव को िी नहदयों का सचेतन रूप
पसंद था। काका कालेलकर ने िी नहदयों को लोकमाता किा
िै। लेहकन लेखक इन्हें माता से पिले बेहियों क
े रूप में देखता
िैं।
लेखक हतब्बत में सतलुज क
े हकनारे बैठकर उसक
े पहवत्र
रूप से प्रिाहवत िो गया था। वि खुि िोकर गीत गाने लग गया
था।
प्रश्न [दीघि]
1. हसंधु और ब्रह्मपुत्र नदी की क्या हविेषताएाँ बताई गई िैं ?
2. काका कालेलकर ने नहदयों को लोकमाता क्यों किा िै ?
3. हिमालय की यात्रा में लेखक ने हकन-हकन संबंधों की चचाि की िै
?
प्रश्न [लघु]
1. नहदयों को मााँ किने की परंपरा िमारे यिााँ कार्ी पुरानी िै।
लेहकन लेखक उन्हें हकन-हकन रूपों में देखता िैं ?
2. सतलुज नदी को हकस की बेिी किा गया िै और क्यों ?
3. नहदयों का लक्ष्य क्या िैं, हजसने इन्हें बेचैन कर रखा िै ?
प्रश्न [अहत लघु]
1. हिमालय की बेहियों का िाथ पकड़ने का सौिाग्य हकसे हमला
िै ?
2. लेखक क
े हदल में नहदयों क
े प्रहत क
ै से िाव थे ?
3. हकसका प्रेम पाकर िी बेहियों का हृदय अतृप्त िैं ?
बहहवकल्पीय प्रश्न
1. लेखक ने हकसे दू र से देखा था ?
क. गंगा को
ख. यमुना को
ग. सतलुज को
घ. सिी को
2. बेहियों की बाल-लीला देखकर लेखक को क्या हआ ?
क. हचंता व हिक्र
ख. कौतूिल व हवस्मय
ग. ईर्ष्ाि व सिानुिूहत
घ. क्रोध व प्रेम
3. हिमालय से हकतनी मिानहदयााँ हनकलती िैं ?
क. एक
ख. दो
ग. तीन
घ. चार
समकालीन अहत मित्त्वपूर्ि प्रश्न
1. अगर हिमालय पवित न िोता तो िमें हकन-हकन कहठनाइयों का
सामना करना पड़ता ?
2. िमें नहदयों क
े जल को प्रदू हषत क्यों निीं करना चाहिए ?
3. नहदयों क
े हनमािर् में हिमालय पवित का क्या योगदान िै ?
पुनरावृहत्त
प्रश्न 1. हिमालय की बेहियााँ पाठ क
े लेखक का नाम बताइए ?
उत्तर 1. नागाजुिन
प्रश्न 2. पवित राज की संज्ञा हकस पवित को दी गई िै ?
उत्तर 2. हिमालय को
प्रश्न 3. हसंधु और ब्रह्मपुत्र नदी किााँ से हनकलती िैं ?
उत्तर 3. हिमालय पवित से
प्रश्न 4. हिमालय पवित से हनकलकर नहदयााँ अंत में हकससे हमलती
िैं ?
उत्तर 4. समुद्र से
आिार
इस पररयोजना को ध्यानपूविक देखने, समझने व मनन करने क
े हलए
आपका िाहदिक धन्यवाद।
आपका िुिहचंतक :
श्याम सुंदर दास, प्रहिहक्षत स्नातक हिक्षक [हिन्दी]
जवािर नवोदय हवद्यालय, पेखुबेला
ऊना, हिमाचल प्रदेि।

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  • 1. हिन्दी की इस कक्षा में आपका िाहदिक अहिनंदन िै ।
  • 2. प्रस्तुतकताि श्याम सुंदर दास प्रहिहक्षत स्नातक हिक्षक हिन्दी जवािर नवोदय हवद्यालय,पेखुबेला ऊना ,हिमाचल प्रदेि।
  • 3. अध्याय क े बारे में जानकारी प्यारे बच्ों ! आज िम हजस अध्याय क े बारे में जानेंगे उसमें पवित िी िै, नहदयां िी िैं, सागर िी िैं और उनमें आपस में संबंध िी िैं। इन सबक े आधार पर िम आपसे पूवि ज्ञान से संबंहधत प्रश्न पूछ्कर पाठ क े नाम तक पहंचेंगे।
  • 4. पूवि ज्ञान प्रश्न 1. अवकाि क े दौरान आप किााँ घूमने गए थे ?
  • 5. उत्तर 1. पिाड़ों पर, तीथिस्थल पर।
  • 6. प्रश्न 2. सबसे ऊ ाँ चा पवित कौन सा िैं?
  • 8. प्रश्न 3. हिमालय पवित का बर् ि जल बनकर मैदानों में हकस रूप में आता िैं?
  • 9. उत्तर 3. नहदयों क े रूप में।
  • 10. प्रश्न 4. अगर नदी हिमालय की लड़की िै, तो लड़की का पयाियवाची बहवचन क े रूप में क्या िोगा ?
  • 12. आज िम हिमालय की बेहियााँ पाठ क े बारे में चचाि करेंगे।
  • 13. हिमालय की बेहियााँ (नागाजुिन) हिमालय की बेहियााँ पाठ सुप्रहसद्ध लेखक नागाजुिन द्वारा हलखखत िै। इस लेख में लेखक ने हिमालय पवित से हनकलने वाली नहदयों का वर्िन हकया िै। हिमालय से बिने वाली गंगा, यमुना, सतलुज आहद नहदयााँ दू र से लेखक को िांत, गंिीर हदखाई देती थीं। वे एक सभ्य महिला की तरि प्रतीत िोती थीं। उनक े मन में श्रद्धा क े िाव थे। वि इनमें मााँ, दादी, मौसी और मामी की गोद की तरि डुबहकयााँ लगाया करते थे। जब लेखक ने इन नहदयों को हिमालय क े क ं धे पर चढ़कर देखा तो वे नहदयां समतल मैदानों में हविाल हदखाई देती थी।
  • 14. इन नहदयों का उछलना, क ू दना, िाँसना, उल्लास न जाने किााँ गायब िो जाता िै। लेखक को हिमालय की इन बेहियों की बाल लीलाओं को देखकर आश्चयि िोता िै। हिमालय की इन बेहियों का न जाने कौन सा लक्ष्य िै जो इस प्रकार बेचैन िोकर बि रिी िैं। ये बर् ि की पिाहड़यों में घाहियों में व चोहियों पर लीलाएाँ करती िैं। देवदार, चीड़, हचनार आहद क े जंगलों में पहाँचकर िायद इन नहदयों को अपनी बातें याद आ जाती िोंगी। न जाने हिमालय इन बेहियों क े निखिपन को क ै से झेलता िोगा। हसंधु और ब्रिमपुत्र दो मिानहदयााँ हिमालय से हनकलकर समुद्र में हमल जाती िैं।
  • 15. लेखक ने इन नहदयों को बूढ़े हिमालय की गोद में खेलने वाली बाहलकाएाँ बताया िैं। हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद किने में िी लेखक को कोई हझझक निीं िोती। काहलदास क े यक्ष ने िी अपने मेघदू त में किा था हक बेतवा नदी को अपने प्रेम का संदेि देते जाना। इससे लगता िै हक काहलदास जैसे मिान कहव को िी नहदयों का सचेतन रूप पसंद था। काका कालेलकर ने िी नहदयों को लोकमाता किा िै। लेहकन लेखक इन्हें माता से पिले बेहियों क े रूप में देखता िैं।
  • 16. लेखक हतब्बत में सतलुज क े हकनारे बैठकर उसक े पहवत्र रूप से प्रिाहवत िो गया था। वि खुि िोकर गीत गाने लग गया था।
  • 17. प्रश्न [दीघि] 1. हसंधु और ब्रह्मपुत्र नदी की क्या हविेषताएाँ बताई गई िैं ? 2. काका कालेलकर ने नहदयों को लोकमाता क्यों किा िै ? 3. हिमालय की यात्रा में लेखक ने हकन-हकन संबंधों की चचाि की िै ?
  • 18. प्रश्न [लघु] 1. नहदयों को मााँ किने की परंपरा िमारे यिााँ कार्ी पुरानी िै। लेहकन लेखक उन्हें हकन-हकन रूपों में देखता िैं ? 2. सतलुज नदी को हकस की बेिी किा गया िै और क्यों ? 3. नहदयों का लक्ष्य क्या िैं, हजसने इन्हें बेचैन कर रखा िै ?
  • 19. प्रश्न [अहत लघु] 1. हिमालय की बेहियों का िाथ पकड़ने का सौिाग्य हकसे हमला िै ? 2. लेखक क े हदल में नहदयों क े प्रहत क ै से िाव थे ? 3. हकसका प्रेम पाकर िी बेहियों का हृदय अतृप्त िैं ?
  • 20. बहहवकल्पीय प्रश्न 1. लेखक ने हकसे दू र से देखा था ? क. गंगा को ख. यमुना को ग. सतलुज को घ. सिी को
  • 21. 2. बेहियों की बाल-लीला देखकर लेखक को क्या हआ ? क. हचंता व हिक्र ख. कौतूिल व हवस्मय ग. ईर्ष्ाि व सिानुिूहत घ. क्रोध व प्रेम
  • 22. 3. हिमालय से हकतनी मिानहदयााँ हनकलती िैं ? क. एक ख. दो ग. तीन घ. चार
  • 23. समकालीन अहत मित्त्वपूर्ि प्रश्न 1. अगर हिमालय पवित न िोता तो िमें हकन-हकन कहठनाइयों का सामना करना पड़ता ? 2. िमें नहदयों क े जल को प्रदू हषत क्यों निीं करना चाहिए ? 3. नहदयों क े हनमािर् में हिमालय पवित का क्या योगदान िै ?
  • 24. पुनरावृहत्त प्रश्न 1. हिमालय की बेहियााँ पाठ क े लेखक का नाम बताइए ?
  • 26. प्रश्न 2. पवित राज की संज्ञा हकस पवित को दी गई िै ?
  • 28. प्रश्न 3. हसंधु और ब्रह्मपुत्र नदी किााँ से हनकलती िैं ?
  • 30. प्रश्न 4. हिमालय पवित से हनकलकर नहदयााँ अंत में हकससे हमलती िैं ?
  • 32. आिार इस पररयोजना को ध्यानपूविक देखने, समझने व मनन करने क े हलए आपका िाहदिक धन्यवाद। आपका िुिहचंतक : श्याम सुंदर दास, प्रहिहक्षत स्नातक हिक्षक [हिन्दी] जवािर नवोदय हवद्यालय, पेखुबेला ऊना, हिमाचल प्रदेि।