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संगोष्ठी पत्र
प्रश्नपत्र:- प्राकृ तिक भाषा संसाधन
विषय:- अर्थविज्ञान विश्लेषण
मागथदर्थक
डॉ.पीयूष प्रिाप ससंह  
सह  ायक प्रोफे सर
प्रस्िुिकिी
अंजना ककर्नपुरी
एम. आई. एल. ई.
िृिीय छमाह  ी
अध्ययन सत्र(2017-18)
सूचना एिं भाषा असभयांत्रत्रकी के न्द्र
मह  ात्मा गांधी अंिरराष्रीय हह  ंदी विश्िविद्यालय, िधाथ
अर्थविज्ञान
 अर्थविज्ञान में र्ब्दार्थ के आंिररक पक्ष का वििेचन,विश्लेषण
ककया जािा ह  ै।
 अर्थविज्ञान एक प्रकार की िैज्ञातनक प्रकिया ह  ै जजसके अंिगथि ह  म
र्ब्द , syllable , पद , िाक्य और प्रोजक्ि के आधार पर अर्थ का
अध्ययन करिे ह  ैं।
 इसके अंिगथि ह  म िाक्यों में छु पे द्विअर्ी या बह  ुअर्ी संरचना
को समझने की कोसर्र् करिे ह  ैं।
 Semantics र्ब्द को सबसे पह  ले michel breal ने प्रस्िुि ककया
र्ा।
 इन्द्ह  ोंने प्रमाणणक िौर पर बिाया ह  ै की ककसी भी भाषा में अर्र्थय
बदलाि के अर्र्थय रूपांिरण के आधार पर भाषा का प्रयोग ककया
जािा ह  ै।
अर्थ और सन्द्दभथ
 अर्थ से सम्बंर्धि दो िरीके से बाि करने की प्रकिया को अर्थ और
सन्द्दभथ कह  िे ह  ैं।
 reference is a relationship between parts of a language and
things outside the language.
 सन्द्दभथ दो िरह   के ह  ोिे ह  ैं :-
 Variable reference (चर सन्दर्भ)- िे reference जजसके एक से
अर्धक अर्थ ह  ो चर सन्द्दभथ या चर उद्धरण कह  िे ह  ैं।
जैसे :- सोना,बाड़ी
 Constant reference (अचर सन्दर्भ)- िे reference जजनके के िल
एक अर्थ ह  ो अचर सन्द्दभथ या अचर उद्धरण कह  िे ह  ैं।
जैसे :- सूयथ,पृथ्िी
अर्थ के स्िरुप
 Analytic (विश्लेष्णात्मक िाक्य)- विश्लेष्णात्मक िाक्य पूणथिः सत्य
ह  ोिे ह  ैं क्योंकक इसका अर्थ पूणथिः पररणाम पर आधाररि ह  ोिा ह  ै। यह  
सूचनात्मक नह  ीं ह  ोिे ह  ैं।
जैसे :- सूयथ पूिथ से उगिा ह  ै।
 Synthetic (संश्लेवित िाक्य)- संश्लेवषि िाक्य िे िाक्य ह  ोिे ह  ैं जो
सत्य एिं असत्य पर तनभथर करिे ह  ैं। इस िरह   के िाक्य तनश्चय ह  ी
सूचनात्मक एिं सांसाररक पररजस्र्ति पर आधाररि ह  ोिे ह  ैं।
इस िरह   के िाक्यों में अर्र्थय संबंध र्ब्दों एिं उनके िाक्य प्रयोगों पर
आधाररि ह  ोिे ह  ैं।
जैसे :- में कल विद्यालय जाऊं गा।
 Contradiction (असंगत िाक्य)- असंगि िाक्य पूरी िरह   से
असत्य ह  ोिे ह  ैं जो की अर्थ के अनुरूप र्ब्दों से त्रबल्कु ल नह  ीं
समलिे ह  ैं।
जैसे :- पृथ्िी समिल ह  ै।
अर्र्थय संबंध
अर्र्थय संबंध के स्िरूपों को सभन्द्न रूपों में विभाजजि ककया जा
सकिा ह  ै :-
1. समानिा के आधार पर
2. असमानिा के आधार पर
समानिा के आधार पर
 Synonymy (पयाथयिा):- जैसे – सोना और स्िणथ , पानी और जल।
 Paraphrase (सविस्िार):- जैसे – राम से मोह  न ने आम ख़रीदा।
मोह  न ने राम से आम ख़रीदा।
 Hyponymy :- जैसे – गुलाब(hyponymy) एक खूबसूरि फू ल ह  ै।
 Entailment (अनुलाग):- जैसे – राम आम खािा ह  ै।
आम का अनुलाग ह  ै फल ।
 Homonymy (समनामिा):- जैसे – bank ,आम
 Polysemy (अनेकार्थकिा):- जैसे – मुख : गौमुख , घर का मुख
असमानता के आधार पर
 Binary Antonym (युग्म विलोमिा):- जैसे – सच-झूठ ,लाभ-ह  ातन,
सुख-दुःख , हदन-राि
 Converse (विपरीिात्मकिा):- जैसे – राम मोह  न का पुत्र ह  ै।
मोह  न राम का वपिा ह  ै।
 Gradable /polar antonyms (विपरीि विलोमिा):-
जैसे – गमथ-ठण्डा ,बड़ा-छोटा
 Overlapping antonyms (अतिछाहदि विलोमिा):-
जैसे – नमथ-सख्ि ,अच्छा-बुरा
 Homophone (सम्ध्िन्द्यात्मक):- जैसे- (hair , here) (i ,eye )
 Homograph (समलेख):- जैसे – bear त्रबयर (भालू)
bear बेयर (सह  ना)
 Hetronym :- जैसे – चोटी , झरना
सन्द्दभथ सूची
 र्ोलानाथ ततिारी – ‘र्ािा विज्ञान प्रिेश एिं ह ंदी र्ािा’,प्रथम
संस्करण (२००७),पृ. सं. १६
 पदम ् श्री डॉ. कवपलदेि द्वििेदी आचायभ – ‘र्ािा विज्ञान एिं र्ािा
शास्र’,सातिााँ संस्करण (२००२)
 डॉ. राजमणण शमाभ – ‘आधुतनक र्ािा-विज्ञान’,चतुथभ संस्करण
(२००७)

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  • 1. संगोष्ठी पत्र प्रश्नपत्र:- प्राकृ तिक भाषा संसाधन विषय:- अर्थविज्ञान विश्लेषण मागथदर्थक डॉ.पीयूष प्रिाप ससंह सह ायक प्रोफे सर प्रस्िुिकिी अंजना ककर्नपुरी एम. आई. एल. ई. िृिीय छमाह ी अध्ययन सत्र(2017-18) सूचना एिं भाषा असभयांत्रत्रकी के न्द्र मह ात्मा गांधी अंिरराष्रीय हह ंदी विश्िविद्यालय, िधाथ
  • 2. अर्थविज्ञान  अर्थविज्ञान में र्ब्दार्थ के आंिररक पक्ष का वििेचन,विश्लेषण ककया जािा ह ै।  अर्थविज्ञान एक प्रकार की िैज्ञातनक प्रकिया ह ै जजसके अंिगथि ह म र्ब्द , syllable , पद , िाक्य और प्रोजक्ि के आधार पर अर्थ का अध्ययन करिे ह ैं।  इसके अंिगथि ह म िाक्यों में छु पे द्विअर्ी या बह ुअर्ी संरचना को समझने की कोसर्र् करिे ह ैं।  Semantics र्ब्द को सबसे पह ले michel breal ने प्रस्िुि ककया र्ा।  इन्द्ह ोंने प्रमाणणक िौर पर बिाया ह ै की ककसी भी भाषा में अर्र्थय बदलाि के अर्र्थय रूपांिरण के आधार पर भाषा का प्रयोग ककया जािा ह ै।
  • 3. अर्थ और सन्द्दभथ  अर्थ से सम्बंर्धि दो िरीके से बाि करने की प्रकिया को अर्थ और सन्द्दभथ कह िे ह ैं।  reference is a relationship between parts of a language and things outside the language.  सन्द्दभथ दो िरह के ह ोिे ह ैं :-  Variable reference (चर सन्दर्भ)- िे reference जजसके एक से अर्धक अर्थ ह ो चर सन्द्दभथ या चर उद्धरण कह िे ह ैं। जैसे :- सोना,बाड़ी  Constant reference (अचर सन्दर्भ)- िे reference जजनके के िल एक अर्थ ह ो अचर सन्द्दभथ या अचर उद्धरण कह िे ह ैं। जैसे :- सूयथ,पृथ्िी
  • 4. अर्थ के स्िरुप  Analytic (विश्लेष्णात्मक िाक्य)- विश्लेष्णात्मक िाक्य पूणथिः सत्य ह ोिे ह ैं क्योंकक इसका अर्थ पूणथिः पररणाम पर आधाररि ह ोिा ह ै। यह सूचनात्मक नह ीं ह ोिे ह ैं। जैसे :- सूयथ पूिथ से उगिा ह ै।  Synthetic (संश्लेवित िाक्य)- संश्लेवषि िाक्य िे िाक्य ह ोिे ह ैं जो सत्य एिं असत्य पर तनभथर करिे ह ैं। इस िरह के िाक्य तनश्चय ह ी सूचनात्मक एिं सांसाररक पररजस्र्ति पर आधाररि ह ोिे ह ैं। इस िरह के िाक्यों में अर्र्थय संबंध र्ब्दों एिं उनके िाक्य प्रयोगों पर आधाररि ह ोिे ह ैं। जैसे :- में कल विद्यालय जाऊं गा।
  • 5.  Contradiction (असंगत िाक्य)- असंगि िाक्य पूरी िरह से असत्य ह ोिे ह ैं जो की अर्थ के अनुरूप र्ब्दों से त्रबल्कु ल नह ीं समलिे ह ैं। जैसे :- पृथ्िी समिल ह ै। अर्र्थय संबंध अर्र्थय संबंध के स्िरूपों को सभन्द्न रूपों में विभाजजि ककया जा सकिा ह ै :- 1. समानिा के आधार पर 2. असमानिा के आधार पर
  • 6. समानिा के आधार पर  Synonymy (पयाथयिा):- जैसे – सोना और स्िणथ , पानी और जल।  Paraphrase (सविस्िार):- जैसे – राम से मोह न ने आम ख़रीदा। मोह न ने राम से आम ख़रीदा।  Hyponymy :- जैसे – गुलाब(hyponymy) एक खूबसूरि फू ल ह ै।  Entailment (अनुलाग):- जैसे – राम आम खािा ह ै। आम का अनुलाग ह ै फल ।
  • 7.  Homonymy (समनामिा):- जैसे – bank ,आम  Polysemy (अनेकार्थकिा):- जैसे – मुख : गौमुख , घर का मुख असमानता के आधार पर  Binary Antonym (युग्म विलोमिा):- जैसे – सच-झूठ ,लाभ-ह ातन, सुख-दुःख , हदन-राि  Converse (विपरीिात्मकिा):- जैसे – राम मोह न का पुत्र ह ै। मोह न राम का वपिा ह ै।
  • 8.  Gradable /polar antonyms (विपरीि विलोमिा):- जैसे – गमथ-ठण्डा ,बड़ा-छोटा  Overlapping antonyms (अतिछाहदि विलोमिा):- जैसे – नमथ-सख्ि ,अच्छा-बुरा  Homophone (सम्ध्िन्द्यात्मक):- जैसे- (hair , here) (i ,eye )  Homograph (समलेख):- जैसे – bear त्रबयर (भालू) bear बेयर (सह ना)  Hetronym :- जैसे – चोटी , झरना
  • 9. सन्द्दभथ सूची  र्ोलानाथ ततिारी – ‘र्ािा विज्ञान प्रिेश एिं ह ंदी र्ािा’,प्रथम संस्करण (२००७),पृ. सं. १६  पदम ् श्री डॉ. कवपलदेि द्वििेदी आचायभ – ‘र्ािा विज्ञान एिं र्ािा शास्र’,सातिााँ संस्करण (२००२)  डॉ. राजमणण शमाभ – ‘आधुतनक र्ािा-विज्ञान’,चतुथभ संस्करण (२००७)