उर्जा के रूप
प्रकार
विधुत उर्जा
रासायनिक
गतिज
प्रकाश
स्त्त्हिज
आदि प्रकार
दो मुख्या प्रकार की उर्जा गतिज तथा स्त्त्हिज उर्जा का विवरण
और इनके उदाहरण best gif file incloude
उर्जा के रूप
प्रकार
विधुत उर्जा
रासायनिक
गतिज
प्रकाश
स्त्त्हिज
आदि प्रकार
दो मुख्या प्रकार की उर्जा गतिज तथा स्त्त्हिज उर्जा का विवरण
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ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
ज्वालामुखी जिसके अंतर्गत वह सम्पूर्ण प्रक्रिया आ जाती है जिसके माध्यम से भू -गर्भ से मेग्मा भूतल की ओर आता है अथवा पृथ्वी के भीतरी भाग से जो दहकते हुए पदार्थ जिस मार्ग विशेष से निकलते है उसे ज्वालामुखीकहते हैं |
2. अम्ल (एसिड):-
• एसिड शब्द लेटिन भाषा िे सलया गया है जििका
अर्थ होता है खट्िा .
• ये स्वाद में खट्िे होते है
• ये नीले सलिमि को लाल में बदल देता है
• ये िलीय ववलयन में H + आयन देता है
प्रबल अम्ल :-Hcl , H2So4 , HNO3
दुबथल अम्ल :-CH3COOH,लैजटिक एसिड ,
िान्द्र अम्ल :-जििमे अम्ल अधिक मात्र में हो ,तर्ा
पानी अल्प मात्र में हो
मंद अम्ल :- जििमे अम्ल कम मात्र में हो और पानी
अधिक मात्र में हो
3. क्षारक :-(BASE)
ये स्वाद में कड़वे होते है
ये लाल ललटमस को नीले में बदलते है
ये जलीय ववलयन में OH- आयन देते है
प्रबल क्षारक :- NaOH , KOH
दुबबल क्षारक :-NH4OH
4. अम्ल (एसिड):-
• एसिड शब्द लेटिन भाषा िे
सलया गया है जििका अर्थ होता
है खट्िा .
• ये स्वाद में खट्िे होते है
• ये नीले सलिमि को लाल में
बदल देता है
• ये िलीय ववलयन में H + आयन
देता है
प्रबल अम्ल :-Hcl , H2So4 , HNO3
दुबथल अम्ल :-CH3COOH,लैजटिक
एसिड ,
िान्द्र अम्ल :-जििमे अम्ल अधिक
मात्र में हो ,तर्ा पानी अल्प
मात्र में हो
मंद अम्ल :- जििमे अम्ल कम
मात्र में हो और पानी अधिक
मात्र में हो
क्षारक :-(BASE)
ये स्वाद में कड़वे होते है
ये लाल ललटमस को नील में बदलते
है
ये जलीय ववलयन में OH- आयन
देते है
प्रबल क्षारक :- NaOH , KOH
दुबबल क्षारक :-NH4OH
5.
6. क्षार(Alkali) :- जल में घुलनशील क्षारक को क्षार
कहते है
लवण(Salt):- लवण अम्ल एवं क्षार की परस्पर
असभक्रिया िे प्राप्त होता है
उदाहरण :- Nacl , Kcl
7. सूचक(Indicator):-सूचक ककसी ददए गये ववलयन
में अम्ल या क्षारक की उपस्स्तथि दशाबते है
सूचक क
े प्रकार:
वेसे तो सूचक क
े बहुत प्रकार होते है परंतु इसक
े
सामन्य प्रकार ननम्नानुसार है
1. प्राक
ृ ततक िंिूचक
2. िंश्लेवषत िंिूचक
3. गंिीय िंिूचक
4. िावथत्रत्रक िंिूचक
8. १. प्राकृ नतक संसूचक (Natural Indicator )
• वे सूचक जो प्राकृ नतक स्रोतों से प्राप्त होता है वे
प्राकृ नतक संसूचक कहलाते है जैसे :- हल्दी ,
ललटमस , चाइना रोज , लाल गोभी आदद
• ललटमस:-ललटमस ववलयन बैगनी रंग का रंजक
होता है जो िैलोफाइटा समूह क
े लाइक
े न पौधे से
ननकला जाता है ललटमस ववलयन जब न अम्लीय
होता है ना ही क्षारकीय होता है तब इसका रंग
बैगनी होता है .
• ललटमस पर :- ललटमस पर २ रंगों का होता है
नीला एवं लाल . अम्ल, नील ललटमस पर को
लाल कर देता है जबकक क्षारक , लाल ललटमस पर
को नीला कर देता है .
9. • हल्दी:- हल्दी भी एक अन्य प्रकार का प्राकृ नतक
सूचक है . यह वपला रंग का होता है , कई बार
आपने देखा होगा की जब ककसी सफ़
े द कपड़ो पर
सब्जी का दाग लग जाता है और जब इसे साबुन
से धोते है तो यह उस दाग क
े धब्बे को भूरा-लाल
कर देता है. अम्ल क
े साि हल्दी क
े रंग में कोई
पररवतबन नहीं होता है .”क्षारक क
े साि इसका रंग
भूरा-लाल हो जाता है “.
2. संश्लेवित संसूचक :-ये वे सूचक है जो प्राकृ नतक
नही होते है लेककन रासायननक पदािो द्वारा
बनाया जाता है . जैसे :- लमिेल ऑरेंज ,एवं
कफनोल््िीन आदद . इनका उपयोग अम्ल तिा
क्षारक की जांच क
े ललए होता है .