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आत्मआत्म--निर्भर भारतनिर्भर भारत:: बन्दूक रखने के अधिकारबन्दूक रखने के अधिकार पर जनमत संग्रहपर जनमत संग्रह
स्वदेशी भाग - 3
2
चर्चा के विषयचर्चा के विषय
> हथियारों के प्रकार
> बन्दूक क्यों?
> बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है?
> क्या बन्दूक होने से लोग एक-दुसरे को मारने लगेंगे?
> प्रस्तावित जनमत संग्रह के लिए ड्राफ्ट का सार (Summary)
> कानून लागू हो गया तो भारत में क्या परिवर्तन होंगे?
3
हथियारों के प्रकारहथियारों के प्रकार -- पुरातनकालपुरातनकाल
5000 years ago
भाला, तीर-धनुष, तलवारें, खंजर
4
हथियारों के प्रकारहथियारों के प्रकार -- वर्तमान मेंवर्तमान में
रस्सी/दुपट्टा/ साड़ीफिनाइल-तेजाब, चाकू -छु री,
ईंट-पत्थर
लाठी-डंडा
5
16 June, 2020
29 June, 2020
29 April, 2020
13 March, 2020
6
बन्दूक क्यों?
□ घरों में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की रेंज कम है।
उनसे सिर्फ खुद को मारा जा सकता है या फिर अपने से कमजोर को।
□ अपने से मजबूत दुश्मन को मारने में घरेलू हथियार काम नहीं आते।
□ दुश्मन की संख्या ज्यादा होने पर घरेलू हथियार काम नहीं आते।
□ खासकर से दुश्मन देश की सेना से लड़ने के लिए आधुनिक बंदूके जरूरी हैं।
7
बन्दूक होने से क्या फायदा ?
छोटे फायदे
> बन्दूक की रेंज और मारक क्षमता बेहतर होने के कारण इसको चलाने वाले व्यक्ति की शारीरिक शक्ति
ज्यादा मायने नहीं रखती । संख्या बल भी ज्यादा मायने नहीं रखता ।
> जिस वजह से समाज के बाहुबली और बुरे लोग अपने से कमजोर का शोषण नहीं करते।
> दंगो में अपने परिवार/समुदाय की रक्षा करने में सहायक।
> चाकू , छू री, लाठी दिखा के लूट-पाट करने की सहूलियत खत्म हो जाएगी।
> लड़कियों/महिलाओंके साथ दुर्व्यवहार, शोषण, अपराध, आदि कम हो जायेंगे।
> पुलिस की आम जनता को पीटने की ताकत खत्म हो जाएगी।
> सरकारें लोगों को अनसुना नहीं करेंगी।
बड़े फायदे >> " दुश्मन देश की सेना हमला करने से डरती हैं। "
>> " हथियार निर्माण में देश बेहतर हो जाता है। "
8
9
बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है?
पपुआ न्यू गिनी के इलाके में कु छ आतंकियों ने 22 लोगों की हत्या कर दी ।
इस इलाके में प्राकृ तिक संसाधन पाए जाते हैं और आदवासी
यहां से हटा दिए जायेंगे तो इन्हे निकाला जा सके गा ।
अफ्रीकी देश माली के एक गाँव में कु छ
आतंकियों ने घुसकर लगभग 100 लोगों को मार डाला
और 19 का अपहरण कर के ले गए।
10
बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है?
1937 में जापान की सेना चीन के नानजिंग शहर में घुस गयी जो उस समय चीन की राजधानी थी ।
6 हफ्ते तक जापान के जवानों ने कत्लेआम मचाया:
> किसी भी उम्र की लड़की का बलात्कार । 5 वर्ष की बच्चिओं
से 80 वर्ष की औरतों को भी नहीं छोड़ा गया ।
> भूखे कु त्तों को बंद कमरे में लोगों को नोच-नोच के खाने के लिए छोड़ देना ।
> जिन्दा गाड़ के मरने के लिए छोड़ देना ।
> जिन्दा जला देना ।
11
बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है?
चीन में हुए इस नरसंहार के ठीक 12 वर्ष बाद, 1949 से 1959 तक,
चीन की सेना ने तिब्बत में 10 वर्षो तक आतंकवाद फै लाया ।
इस पूरे समयकाल में तिब्बत बौद्ध भिक्षुओंकी हत्या हुई,
लाखों को जेल में डाला गया
और लाखों भाग के भारत, नेपाल, भूटान में बस गए ।
दलाई लामा आज तक भारत में छिपे हैं।
तिब्बत की आबादी 60 लाख थी जिसमे
से 12 लाख से अधिक की सीधे हत्या हुई थी 10 वर्षों में।
12
बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है?
IraqBeforeWarIraqAfterWar
13
बन्दूक होने से क्या फायदा ?
वियतनाम के आम नागरिको ने बन्दूक के दम पर
अमेरिकी सैनिको को बंदी बना लिया था।
1962 भारत-चीन युद्ध में जब सेना पिछड़ने
लगी तो वहां के पुरुष-महिलाओंने बंदूके
लेकर लड़ने का फै सला किया था।
14
बन्दूक होने से क्या फायदा ?
इनोवेशन होता है, बेहतर हथियार
और तकनीक की खोज होती है।
अगर भारत में लोगों को हथियार रखने का
अधिकार मिलता है तो हमारे कारीगर
भी विश्वस्तरीय बंदूके बना पाएंगे।
पाकिस्तान के नागरिक AK - 47 की हूबहू कॉपी
कर लेते हैं जो असली बन्दूक की तरह काम करती है।
15
क्या बन्दूक होने
से लोग एक-दुसरे को
मारने लगेंगे?
16
GUN OWNERSHIP IN THE USA
अमेरिका के नागरिको के पास 40 करोड़ बंदूके हैं, अमेरिका की आबादी 33 करोड़ है।
लोगों के पास पुलिस से 400 गुना ज्यादा हथियार हैं और सेना से 100 गुना ज्यादा।
हथियार रखने के कई कारण हैं लेकिन ज्यादातर लोग हथियार सुरक्षा के लिए रखते हैं जिनमे 27% महिलाएं
और 8% पुरुष हथियार सिर्फ सुरक्षा कारणों से रखते हैं ।
Number of deaths in the USA each year (2018)
Heart disease: 647,457, Cancer: 599,108, Accidents: 169,936, Chronic respiratory diseases:
160,201, Stroke: 146,383,
Alzheimer’s disease: 121,404, Diabetes: 83,564, Influenza and pneumonia: 55,672, Nephritis,
nephrotic syndrome, and nephrosis: 50,633, suicide: 47,173 (39,000 = 82% gun suicides),
Homicide+Mass shootings = 14000
Total deaths due to reasons other than guns = 20,80,000
सिर्फबंदूकों से होने वाली मौतें = 14,000
सिर्फबंदूकों से होने वाली मौतें का प्रतिशत= 14,000/20,80,000 x 100 = 0.67%
17
Gun Ownership India: Coorg
भारत के कू र्ग district में बिना लाइसेंस के बन्दूक रखने का अधिकार है ।
डिस्ट्रिक्ट में पिछले 100 वर्षों से बन्दूक से एक भी गलत घटना नहीं हुई ।
कू र्ग में क्राइम रेट भारत के अन्य शहरों की तुलना में बहुत कम है:
कू र्ग — 299, दिल्ली — 974, इंदौर — 769,
भोपाल — 719, जयपुर — 597
18
प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 1
प्रधानमंत्री इस क़ानून को सिर्फ तब लागू करेंगे जब जनमत संग्रह में भारत के कु ल मतदाताओंके कम से कम
55% मतदाता इस क़ानून को लागू करने की स्पष्ट सहमती दें।
इस क़ानून से सम्बंधित सभी मामलो का निपटान नागरिको की जूरी द्वारा किया जाएगा जज द्वारा नहीं।
जूरी किसी नागरिक के बंदूक धारण करने पर प्रतिबन्ध या दंड लगा सके गी।
यह क़ानून प्रत्येक सज्जन भारतीय को बंदूक रखने का अधिकार देता है । साथ ही 10 लाख से अधिक
संपत्ति रखने वाले नागरिको के लिए कम से कम 1 बंदूक एवं 100 जिंदा कारतूस रखना अनिवार्य होगा ।
PM किसी राज्य के 55% मतदाताओ की सहमती से यह क़ानून किसी राज्य या किसी जिले में भी लागू कर
सकते है।
CM भी इस क़ानून को अपने राज्य के कु छ जिलो या पूरे राज्य में लागू कर सकते है।
19
प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 2
प्रधानमंत्री प्रत्येक जिले में एक जिला शस्त्र अधिकारी (DGO = District Gun Officer) की नियुक्ति करेंगे।
जिला शस्त्र अधिकारी एवं उसका स्टाफ वोट वापसी एवं जूरी मंडल के दायरे में होगा।
> जिला शस्त्र अधिकारी सभी नागरिकों को बंदूक चलाने एवं इसके रख रखाव के लिए अनिवार्य ट्रेनिंग तथा
वैकल्पिक ट्रेनिंग के नियम निर्धारित करेगा ।
अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम की घोषणा होने पर जिला क्षेत्र में रहने वाले 22 से 50 वर्ष की आयु के सभी
नागरिकों के लिए 2 वर्ष के भीतर प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा।
DGO प्रशिक्षण शिविरो के संचालन के लिए आवश्यक निधि रक्षा मंत्री आदि से प्राप्त कर सकता है, या अनुदान, चंदे आदि स्वीकार कर सकता
है। प्रशिक्षण शुल्क प्रशिक्षुओंद्वारा देय होगा, तथा प्रशिक्षण शुल्क की दरें जिला शस्त्र अधिकारी द्वारा तय की जाएँगी।
DGO प्रति सप्ताह महा-जूरी मंडल की उपस्थिति में मतदाता सूची से 0.01% वयस्क नागरिको का चयन लॉटरी से
करेगा। DGO या उसके द्वारा नियुक्त कर्मचारी लॉटरी द्वारा चुने हुए नागरिकों के यहाँ जाकर ये सुनिश्चित करेगा कि वे
नागरिक निर्धारित नियम के अनुसार बन्दूक तथा कारतूस रख रहे है या नहीं।
20
प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 3
इस क़ानून में वयस्क नागरिक से आशय है - ऐसा भारतीय नागरिक जिसकी आयु 22 वर्ष से अधिक हो ।
यह क़ानून 22 वर्ष से कम उम्र के नागरिको को बंदूक धारण करने की अनुमति नहीं देता है। 22 वर्ष से कम आयु के नागरिक स्पष्ट रूप से इस
क़ानून के दायरे से बाहर रहेंगे।
यह क़ानून लागू होने के बाद भारत का कोई भी सज्जन वयस्क नागरिक अपने पास छोटी, मध्यम या बड़े आकार की
कोई भी पंजीकृ त (Registered) बन्दूक रख सके गा:
1. बंदूक रखने के लिए नागरिक को जिला शस्त्र अधिकारी के पास अपनी बंदूक का पंजीयन कराना होगा।
2. कोई भी नागरिक किसी भी श्रेणी की 2 बंदूके अपने पास रख सके गा।
3. दो से अधिक बंदूके रखने के लिए नागरिक को जिला पुलिस प्रमुख से लाइसेंस लेना होगा।
21
प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 4
भारत सरकार इंसास राइफल, 303, 202, .22 रिवोल्वर और भारतीय पुलिस द्वारा प्रयोग की जाने वाली
सभी बंदूकें , जो इंसास से कम के स्तर की है, उनके डिजाईन सार्वजनिक करेगी। कोई भी नागरिक इस
डिजाईन से बिना किसी लाइसेंस के , सिर्फ पंजीकरण करवाकर बंदूक, बन्दुक के पुर्जे, कारतूस, बुलेट प्रूफ
जैके ट बनाने की फै क्ट्री लगा सकता है।
> भारत में यदि कोई भी व्यक्ति बंदूक बनाने की निर्माण इकाई, कारखाना आदि लगाना चाहता है तो वह जिला
शस्त्र अधिकारी के पास अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर कारखाना शुरू कर सके गा। कारखाना शुरू करने के लिए
किसी लाइसेंस या किसी भी विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी ।
> यह क़ानून लागू होने के बाद भारत में बंदूक निर्माण में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं होगी, और सिर्फ
भारतीय नागरिको के सम्पूर्ण स्वामित्व वाली इकाइयां ही बंदूक निर्माण के कारखाने स्थापित कर सके गी।
22
कानून लागू हो गया तो भारत में क्या परिवर्तन होंगे?
1. चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, से होने वाले युद्ध का खतरा टल जायेगा ।
2. अगर हुआ भी तो कम नुकसान उठाना पड़ेगा ।
3. भारत हथियारों के विकास में आत्म-निर्भर बन जायेगा ।
4. सरकार द्वारा लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओंका हनन नहीं होगा और सरकारें/अधिकारी/जज आदि
नागरिको से तमीज से पेश आने लगेंगे ।
23
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Referendum for Gun rights in India | सज्जन नागरिको द्वारा बन्दूक रखने के अधिकार पर जनमत संग्रह

  • 1. आत्मआत्म--निर्भर भारतनिर्भर भारत:: बन्दूक रखने के अधिकारबन्दूक रखने के अधिकार पर जनमत संग्रहपर जनमत संग्रह स्वदेशी भाग - 3
  • 2. 2 चर्चा के विषयचर्चा के विषय > हथियारों के प्रकार > बन्दूक क्यों? > बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है? > क्या बन्दूक होने से लोग एक-दुसरे को मारने लगेंगे? > प्रस्तावित जनमत संग्रह के लिए ड्राफ्ट का सार (Summary) > कानून लागू हो गया तो भारत में क्या परिवर्तन होंगे?
  • 3. 3 हथियारों के प्रकारहथियारों के प्रकार -- पुरातनकालपुरातनकाल 5000 years ago भाला, तीर-धनुष, तलवारें, खंजर
  • 4. 4 हथियारों के प्रकारहथियारों के प्रकार -- वर्तमान मेंवर्तमान में रस्सी/दुपट्टा/ साड़ीफिनाइल-तेजाब, चाकू -छु री, ईंट-पत्थर लाठी-डंडा
  • 5. 5 16 June, 2020 29 June, 2020 29 April, 2020 13 March, 2020
  • 6. 6 बन्दूक क्यों? □ घरों में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की रेंज कम है। उनसे सिर्फ खुद को मारा जा सकता है या फिर अपने से कमजोर को। □ अपने से मजबूत दुश्मन को मारने में घरेलू हथियार काम नहीं आते। □ दुश्मन की संख्या ज्यादा होने पर घरेलू हथियार काम नहीं आते। □ खासकर से दुश्मन देश की सेना से लड़ने के लिए आधुनिक बंदूके जरूरी हैं।
  • 7. 7 बन्दूक होने से क्या फायदा ? छोटे फायदे > बन्दूक की रेंज और मारक क्षमता बेहतर होने के कारण इसको चलाने वाले व्यक्ति की शारीरिक शक्ति ज्यादा मायने नहीं रखती । संख्या बल भी ज्यादा मायने नहीं रखता । > जिस वजह से समाज के बाहुबली और बुरे लोग अपने से कमजोर का शोषण नहीं करते। > दंगो में अपने परिवार/समुदाय की रक्षा करने में सहायक। > चाकू , छू री, लाठी दिखा के लूट-पाट करने की सहूलियत खत्म हो जाएगी। > लड़कियों/महिलाओंके साथ दुर्व्यवहार, शोषण, अपराध, आदि कम हो जायेंगे। > पुलिस की आम जनता को पीटने की ताकत खत्म हो जाएगी। > सरकारें लोगों को अनसुना नहीं करेंगी। बड़े फायदे >> " दुश्मन देश की सेना हमला करने से डरती हैं। " >> " हथियार निर्माण में देश बेहतर हो जाता है। "
  • 8. 8
  • 9. 9 बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है? पपुआ न्यू गिनी के इलाके में कु छ आतंकियों ने 22 लोगों की हत्या कर दी । इस इलाके में प्राकृ तिक संसाधन पाए जाते हैं और आदवासी यहां से हटा दिए जायेंगे तो इन्हे निकाला जा सके गा । अफ्रीकी देश माली के एक गाँव में कु छ आतंकियों ने घुसकर लगभग 100 लोगों को मार डाला और 19 का अपहरण कर के ले गए।
  • 10. 10 बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है? 1937 में जापान की सेना चीन के नानजिंग शहर में घुस गयी जो उस समय चीन की राजधानी थी । 6 हफ्ते तक जापान के जवानों ने कत्लेआम मचाया: > किसी भी उम्र की लड़की का बलात्कार । 5 वर्ष की बच्चिओं से 80 वर्ष की औरतों को भी नहीं छोड़ा गया । > भूखे कु त्तों को बंद कमरे में लोगों को नोच-नोच के खाने के लिए छोड़ देना । > जिन्दा गाड़ के मरने के लिए छोड़ देना । > जिन्दा जला देना ।
  • 11. 11 बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है? चीन में हुए इस नरसंहार के ठीक 12 वर्ष बाद, 1949 से 1959 तक, चीन की सेना ने तिब्बत में 10 वर्षो तक आतंकवाद फै लाया । इस पूरे समयकाल में तिब्बत बौद्ध भिक्षुओंकी हत्या हुई, लाखों को जेल में डाला गया और लाखों भाग के भारत, नेपाल, भूटान में बस गए । दलाई लामा आज तक भारत में छिपे हैं। तिब्बत की आबादी 60 लाख थी जिसमे से 12 लाख से अधिक की सीधे हत्या हुई थी 10 वर्षों में।
  • 12. 12 बन्दूक न होने पर क्या हो सकता है? IraqBeforeWarIraqAfterWar
  • 13. 13 बन्दूक होने से क्या फायदा ? वियतनाम के आम नागरिको ने बन्दूक के दम पर अमेरिकी सैनिको को बंदी बना लिया था। 1962 भारत-चीन युद्ध में जब सेना पिछड़ने लगी तो वहां के पुरुष-महिलाओंने बंदूके लेकर लड़ने का फै सला किया था।
  • 14. 14 बन्दूक होने से क्या फायदा ? इनोवेशन होता है, बेहतर हथियार और तकनीक की खोज होती है। अगर भारत में लोगों को हथियार रखने का अधिकार मिलता है तो हमारे कारीगर भी विश्वस्तरीय बंदूके बना पाएंगे। पाकिस्तान के नागरिक AK - 47 की हूबहू कॉपी कर लेते हैं जो असली बन्दूक की तरह काम करती है।
  • 15. 15 क्या बन्दूक होने से लोग एक-दुसरे को मारने लगेंगे?
  • 16. 16 GUN OWNERSHIP IN THE USA अमेरिका के नागरिको के पास 40 करोड़ बंदूके हैं, अमेरिका की आबादी 33 करोड़ है। लोगों के पास पुलिस से 400 गुना ज्यादा हथियार हैं और सेना से 100 गुना ज्यादा। हथियार रखने के कई कारण हैं लेकिन ज्यादातर लोग हथियार सुरक्षा के लिए रखते हैं जिनमे 27% महिलाएं और 8% पुरुष हथियार सिर्फ सुरक्षा कारणों से रखते हैं । Number of deaths in the USA each year (2018) Heart disease: 647,457, Cancer: 599,108, Accidents: 169,936, Chronic respiratory diseases: 160,201, Stroke: 146,383, Alzheimer’s disease: 121,404, Diabetes: 83,564, Influenza and pneumonia: 55,672, Nephritis, nephrotic syndrome, and nephrosis: 50,633, suicide: 47,173 (39,000 = 82% gun suicides), Homicide+Mass shootings = 14000 Total deaths due to reasons other than guns = 20,80,000 सिर्फबंदूकों से होने वाली मौतें = 14,000 सिर्फबंदूकों से होने वाली मौतें का प्रतिशत= 14,000/20,80,000 x 100 = 0.67%
  • 17. 17 Gun Ownership India: Coorg भारत के कू र्ग district में बिना लाइसेंस के बन्दूक रखने का अधिकार है । डिस्ट्रिक्ट में पिछले 100 वर्षों से बन्दूक से एक भी गलत घटना नहीं हुई । कू र्ग में क्राइम रेट भारत के अन्य शहरों की तुलना में बहुत कम है: कू र्ग — 299, दिल्ली — 974, इंदौर — 769, भोपाल — 719, जयपुर — 597
  • 18. 18 प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 1 प्रधानमंत्री इस क़ानून को सिर्फ तब लागू करेंगे जब जनमत संग्रह में भारत के कु ल मतदाताओंके कम से कम 55% मतदाता इस क़ानून को लागू करने की स्पष्ट सहमती दें। इस क़ानून से सम्बंधित सभी मामलो का निपटान नागरिको की जूरी द्वारा किया जाएगा जज द्वारा नहीं। जूरी किसी नागरिक के बंदूक धारण करने पर प्रतिबन्ध या दंड लगा सके गी। यह क़ानून प्रत्येक सज्जन भारतीय को बंदूक रखने का अधिकार देता है । साथ ही 10 लाख से अधिक संपत्ति रखने वाले नागरिको के लिए कम से कम 1 बंदूक एवं 100 जिंदा कारतूस रखना अनिवार्य होगा । PM किसी राज्य के 55% मतदाताओ की सहमती से यह क़ानून किसी राज्य या किसी जिले में भी लागू कर सकते है। CM भी इस क़ानून को अपने राज्य के कु छ जिलो या पूरे राज्य में लागू कर सकते है।
  • 19. 19 प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 2 प्रधानमंत्री प्रत्येक जिले में एक जिला शस्त्र अधिकारी (DGO = District Gun Officer) की नियुक्ति करेंगे। जिला शस्त्र अधिकारी एवं उसका स्टाफ वोट वापसी एवं जूरी मंडल के दायरे में होगा। > जिला शस्त्र अधिकारी सभी नागरिकों को बंदूक चलाने एवं इसके रख रखाव के लिए अनिवार्य ट्रेनिंग तथा वैकल्पिक ट्रेनिंग के नियम निर्धारित करेगा । अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम की घोषणा होने पर जिला क्षेत्र में रहने वाले 22 से 50 वर्ष की आयु के सभी नागरिकों के लिए 2 वर्ष के भीतर प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। DGO प्रशिक्षण शिविरो के संचालन के लिए आवश्यक निधि रक्षा मंत्री आदि से प्राप्त कर सकता है, या अनुदान, चंदे आदि स्वीकार कर सकता है। प्रशिक्षण शुल्क प्रशिक्षुओंद्वारा देय होगा, तथा प्रशिक्षण शुल्क की दरें जिला शस्त्र अधिकारी द्वारा तय की जाएँगी। DGO प्रति सप्ताह महा-जूरी मंडल की उपस्थिति में मतदाता सूची से 0.01% वयस्क नागरिको का चयन लॉटरी से करेगा। DGO या उसके द्वारा नियुक्त कर्मचारी लॉटरी द्वारा चुने हुए नागरिकों के यहाँ जाकर ये सुनिश्चित करेगा कि वे नागरिक निर्धारित नियम के अनुसार बन्दूक तथा कारतूस रख रहे है या नहीं।
  • 20. 20 प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 3 इस क़ानून में वयस्क नागरिक से आशय है - ऐसा भारतीय नागरिक जिसकी आयु 22 वर्ष से अधिक हो । यह क़ानून 22 वर्ष से कम उम्र के नागरिको को बंदूक धारण करने की अनुमति नहीं देता है। 22 वर्ष से कम आयु के नागरिक स्पष्ट रूप से इस क़ानून के दायरे से बाहर रहेंगे। यह क़ानून लागू होने के बाद भारत का कोई भी सज्जन वयस्क नागरिक अपने पास छोटी, मध्यम या बड़े आकार की कोई भी पंजीकृ त (Registered) बन्दूक रख सके गा: 1. बंदूक रखने के लिए नागरिक को जिला शस्त्र अधिकारी के पास अपनी बंदूक का पंजीयन कराना होगा। 2. कोई भी नागरिक किसी भी श्रेणी की 2 बंदूके अपने पास रख सके गा। 3. दो से अधिक बंदूके रखने के लिए नागरिक को जिला पुलिस प्रमुख से लाइसेंस लेना होगा।
  • 21. 21 प्रस्तावित जनमत संग्रह कानून का ड्राफ्ट - 4 भारत सरकार इंसास राइफल, 303, 202, .22 रिवोल्वर और भारतीय पुलिस द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी बंदूकें , जो इंसास से कम के स्तर की है, उनके डिजाईन सार्वजनिक करेगी। कोई भी नागरिक इस डिजाईन से बिना किसी लाइसेंस के , सिर्फ पंजीकरण करवाकर बंदूक, बन्दुक के पुर्जे, कारतूस, बुलेट प्रूफ जैके ट बनाने की फै क्ट्री लगा सकता है। > भारत में यदि कोई भी व्यक्ति बंदूक बनाने की निर्माण इकाई, कारखाना आदि लगाना चाहता है तो वह जिला शस्त्र अधिकारी के पास अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर कारखाना शुरू कर सके गा। कारखाना शुरू करने के लिए किसी लाइसेंस या किसी भी विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी । > यह क़ानून लागू होने के बाद भारत में बंदूक निर्माण में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं होगी, और सिर्फ भारतीय नागरिको के सम्पूर्ण स्वामित्व वाली इकाइयां ही बंदूक निर्माण के कारखाने स्थापित कर सके गी।
  • 22. 22 कानून लागू हो गया तो भारत में क्या परिवर्तन होंगे? 1. चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, से होने वाले युद्ध का खतरा टल जायेगा । 2. अगर हुआ भी तो कम नुकसान उठाना पड़ेगा । 3. भारत हथियारों के विकास में आत्म-निर्भर बन जायेगा । 4. सरकार द्वारा लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओंका हनन नहीं होगा और सरकारें/अधिकारी/जज आदि नागरिको से तमीज से पेश आने लगेंगे ।