भारत का स्वदेशी करण या आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जूरी कोर्ट कार्यकर्ताओं ने 28 जून को एक वेबिनार किया जिसमे 40 लोगो ने हिस्सा लिया।
इस वीडियो को youtube पर देखने के लिए : https://www.youtube.com/watch?v=464SvZ05HkA&t=12s
चर्चा का मूल विषय भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को खड़ा करने के लिए महत्त्वपूर्ण कानून था। इस चर्चा में यह समझाया गया कि किन कारणों से भारत के आम नागरिक माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक, एप्पल जैसी कम्पनिया भारत के अंदर नहीं खड़ी कर पाते। और उन कारणों के समाधान के रूप में जूरी कोर्ट, वोट वापसी पासबुक, और रिक्त भूमि कर कानून के बारे में समझाया गया।
अगले वेबिनार में समाधान के रूप में 2 और कानूनों के बारे में बताया जायेगा जिनमे धन-वापसी कानून और सज्जन-नागरिक द्वारा बन्दूक रखने के अधिकार को लागू करने के कानून के बारे में चर्चा होगी।
2. चर्चा के विषयचर्चा के विषय
● भारत की बदहाल निर्माण इकाइयां (manufacturing units)
● समस्या के कारणों की गलत जानकारी और गलत समाधान
● समस्या के सही कारण और असली समाधान
1. अदालतों का भ्रष्टाचार और गैर जवाबदेही,
2. नेता-पुलिस-अधिकारीयों का भ्रष्टाचार और गैर जवाबदेही,
3. टैक्स के गलत कानून,
4. महँगी जमीने,
5. विज्ञान-गणित शिक्षा का स्तर |
3. ● भारत की बदहाल निर्माण इकाइयांभारत की बदहाल निर्माण इकाइयां (manufacturing units)(manufacturing units)
● भारत आज की तारिख में वैसे तो बहुत से सामान नहीं बना पाता, लेकिन सेमीकं डक्टर चिप के निर्माण
में भारत शून्य है और न ही भारत बेहतर इंजन बना पाता है।
● आज भारत में किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे स्मार्ट फ़ोन, टीवी, कै लकु लेटर, LED
बल्ब, आदि तो बनता नहीं साथ ही बहुत से इलेक्ट्रिकल सामान जैसे पंखो में लगने वाली मोटर,
बिजली-झालर, आदि भी इम्पोर्टेड हैं, या
विदेशी कं पनियों की मशीनो से भारत में बनते हैं।
● यहां तक की स्वदेशी का प्रचार करने वाली पतंजलि कं पनी भी विदेशी मशीनो पर चलती है।
● साथ ही बहुत सी ऐसी मशीने जो लगभग पूरी तरह से मैके निकल हैं जैसे
कार-मोटरसाइकिल के इंजन, खुदाई-माइनिंग की मशीने, आदि
भी भारत नहीं बना पाता।
4.
5. Increasing trade
deficit is mainly
due to
higher imports of
products such
as crude oil,
electronic goods,
iron and steel,
chemicals,
coke,
fertilisers,
and machinery.
6. ● समस्या के कारणों की गलत जानकारी और गलत समाधानसमस्या के कारणों की गलत जानकारी और गलत समाधान
● कु छ लोग तो इसे समस्या मानते ही नहीं हैं। उनका मानना है की हर देश हर कु छ नहीं बना सकता
और अगर हम नहीं बनाते तो कहीं से खरीद लेते हैं तो समस्या ही क्या है !
● जो लोग इसे समस्या की तरह देखते हैं अक्सर उनके पास गलत जानकारी होती है और जिस वजह से
गलत समाधान भी उनके पास होते हैं।
● समस्या की गलत जानकारी: जनता के चरित्र और मानसिकता को समस्या मानना, जैसे भारत के लोग
> ज्यादा बुद्धिमान नहीं है।
> मेहनत नहीं करना चाहते।
> विदेशी सामान ज्यादा पसंद करते हैं।
> सरकारी नौकरी में खुश रहते हैं।
देश की गुलामी को कारण मानना,
आबादी को कारण मानना,
गरीबों को कारण मानना,
प्रतिभा का विदेश पलायन को कारण बताना,
गलत
कारण
7. समस्या के सही कारण और असली समाधानसमस्या के सही कारण और असली समाधान
-- शून्य से व्यवसाय-फै क्ट्री को खोलकर चला पाना बहुत मुश्किल है --
● जिसके 5 मुख्य कारण:
1. अदालतों का भ्रष्टाचार और धीमी गति → जूरी कोर्ट
2. टैक्स के गलत कानून
3. महँगी जमीन (भूमि)
4. सरकार-प्रसाशन की गैर-जवाबदेही और भ्रष्टाचार → वोट वापसी पासबुक
5. गणित-विज्ञान की अच्छी शिक्षा की कमी → वोट वापसी पासबुक, सात्य सिस्टम
● इन कानूनों के आने से भारत 5-6 वर्षों में चीन की बराबरी कर लेगा और 15-16 वर्षो बाद अमेरिका को
पछाड़ देगा।
.
रिक्त भूमि कर (Empty Land Tax)
8. जूरी कोर्टजूरी कोर्ट
● 1. जूरी कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के लिए 25-55 आयुवर्ग के 12-1500 नागरिको का चयन जिले की मतदाता सूची में
से लॉटरी द्वारा किया जाता है। नागरिको के इस समूह को जूरी मंडल कहते है।
● 2. जूरी में आम नागरिक अदालत में बैठ के सारी तफ्तीश सुनते हैं, जूरी के सदस्य दोनों पक्ष के गवाह, वकील, आदि को
सुनते हैं जैसे मौजूदा जज सि स्टम में जज करता है।
● 3. जूरी सदस्यों की संख्या निर्भर करती है की मामला कितना गंभीर है। प्रत्येक मुकदमे के लिए अलग जूरी होती है, और
फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जाती है।
● 4. हर मुकदमे के लि ए अलग से जूरी मंडल होने के कारण फै सला हफ्ते दो हफ्ते में आ जाता है। जो व्यक्ति किसी मुकदमें
में फै सला दे चुका है, उसे अगले 5 वर्ष तक जूरी में नहीं बुलाया जाता।
9. रिक्त भूमि कररिक्त भूमि कर / Empty Land Tax/ Empty Land Tax
● यह क़ानून अकार्यशील एवं अनुपयोगी जमीन को कर योग्य बनाता है।
● इस क़ानून के गेजेट में छपने के बाद जीएसटी रद्द हो जाएगा और नागरिको को वर्ष में एक बार 1% की
दर सिर्फ रिक्त भूमि कर चुकाना होगा। .
● आज की तारिख में चीन 105 बड़े शहरों में जमीन की कीमत निम्न है
(1) घर बनाने के लिए — रु 2000 - 9000 sq ft
(2) व्यवसाय या इंडस्ट्री के लिए — रु 300 - 855 sq ft
जबकि भारत में बड़े शहरो में कीमत है:
(1) घर बनाने के लिए — रु 10,000-25,000 sq ft
(2) व्यवसाय या इंडस्ट्री के लिए — रु 4000-10,000 sq ft
● चीन में 20 फ़ीट बाई 20 फ़ीट की दुकान आप 30 साल के लिए 3-4 लाख में खरीद सकते हैं जबकि भारत में
आपको 30-36 लाख रुपए तक देने पड़ सकते हैं
● भारत में ऊँ ची कीमतों के अलावा दूसरी समस्या है जमीन की अनुपलब्धता ।
10. रिक्त भूमि कररिक्त भूमि कर / Empty Land Tax/ Empty Land Tax
First requirement is LAND
सबसे पहले जमीन चाहिए
11. रिक्त भूमि कररिक्त भूमि कर / Empty Land Tax/ Empty Land Tax
● प्रस्तावित संपत्ति कर के आने से जमीनों की कीमतें 5-10 गुना तक कम हो जायेगी,
● जिससे उद्योगों का विकास होगा,
● भू संसाधन का समान वितरण होगा,
● गरीबी कम होगी, तथा
● सरकार को इतना राजस्व मिलने लगेगा कि हम भारत की सेना को मजबूत बना सके ।
12. वोट वापसी पासबुकवोट वापसी पासबुक
वोट वापसी पासबुक के दायरे में यह अधिकारी / नेता / जज आयेंगे:
● जिला पुलिस प्रमुख, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला जूरी प्रशासक,
मिलावट रोक अधिकारी
● DD चेयरमेन, RBI गवर्नर, CBI डायरेक्टर, BSNL चेयरमेन, सेंसर बोर्ड चेयरमेन, के न्द्रीय सूचना
आयुक्त
● जिला जज, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रिय जूरी प्रशासक
तब यदि आप ऊपर दिए गए किसी अधिकारी के काम-काज से संतुष्ट नहीं है, और उसे निकालकर किसी अन्य
व्यक्ति को लाना चाहते है तो पटवारी कार्यालय में जाकर स्वीकृ ति के रूप में अपनी हाँ दर्ज करवा सकते है।
आप किसी भी दिन अपनी स्वीकृ ति दे सकते है, या अपनी स्वीकृ ति रद्द कर सकते है। आपकी स्वीकृ ति की एंट्री
वोट वापसी पासबुक में आएगी। यह स्वीकृ ति आपका वोट नही है, बल्कि यह एक सुझाव है ।