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पाठ योजना
कक्षा – आठवीं
दिनाांक: ----------------
पाठ का नाम - कबीर की साखी
1.सामान्य उद्देश
2.विशशष्ट उद्देश
3.सहायक सामग्री
4.प्रस्तुतीकरण
5.मूलयाांकन
 1.छात्रों में काव्य के प्रति रूति उत्पन्न करना।
 2.छात्रों को सस्वर कतविा विन का अभ्यास
करना।
 3.छात्रों में भावानुभूति िथा सौंद थाानु भूति का
तवकास करना।
 4.छात्रों को रिना के व्दारा भाव अवगि करना।
 1.छात्र काव्य के भावों को बोधगम्य करके अपने
शब्दों में प्रस्िुि कर सकें गे ।
 2.छात्र बह्रयाडबरों से दूर रहने का प्रयास करेंगे ।
 3.छात्र भाव, सौंदया, और तशल्प शौंदया को समझ
सकें गे ।
 4.छात्र ईश्वर की सवाव्यापकिा के संदेश को ग्रहण
कर सकें गे ।
 दनर्ााररत पुस्तकें तथा सांत कबीर का भाव
दित्र
 (flash cards)
 शामपट
 खँडी और पोंच्िन एवां िाटा आदि ।
 सवाप्रथम तवद्यातथायों को कबीरदास का पररिय
देिे हुए उनके काव्य पाठ साखी का भाव एवं
व्याख्यान तनम्न तितखि रूप से बिाया
जाएगा।
 “जादत न पूछो सार्ु की, पूछ लीदजये ज्ञान,
मोल करो तरवार का, पडा रहन िो म्यान”।।
 ज्ञान – जानकारी
 म्यान – तलिार रखने का कोष
सज्जन की जादत न पूछ कर उसके
ज्ञान को समझना िादहए। तलवार
का मूल्य होता है न दक उसकी मयान
का – उसे ढकने वाले खोल का।
 आदशा वािन को सुनकर िथा अनुकरण वािन
के द्वारा साखी का अथा िथा भाव ग्रहण करेंगे ।
 शामपट पर देखकर तवतभन्न शब्दों के अथा िथा
उदाहरण तिखेंगे ।
 तजज्ञासा समाधान हेिु प्रश्न पूछ सकिे ह ।
 तदए गए अभ्यास काया िथा , गृहकाया को पूणा
करेंगें ।
 मौतखक रुप से साखी के भाव बिा सकें गें ।
 मौदखक रुप से िोहा पढवाना...
 प्रश्न पूछकर अभ्यास करवाना...
 िाटा दिखाकर दिर पुनरावृदत करवाना...
 गृहकाया िेकर बच्िों में कबीर के बारे में
पूर्ात: ज्ञान प्राप्त करवाना....

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  • 1. पाठ योजना कक्षा – आठवीं दिनाांक: ---------------- पाठ का नाम - कबीर की साखी
  • 2.
  • 3. 1.सामान्य उद्देश 2.विशशष्ट उद्देश 3.सहायक सामग्री 4.प्रस्तुतीकरण 5.मूलयाांकन
  • 4.  1.छात्रों में काव्य के प्रति रूति उत्पन्न करना।  2.छात्रों को सस्वर कतविा विन का अभ्यास करना।  3.छात्रों में भावानुभूति िथा सौंद थाानु भूति का तवकास करना।  4.छात्रों को रिना के व्दारा भाव अवगि करना।
  • 5.  1.छात्र काव्य के भावों को बोधगम्य करके अपने शब्दों में प्रस्िुि कर सकें गे ।  2.छात्र बह्रयाडबरों से दूर रहने का प्रयास करेंगे ।  3.छात्र भाव, सौंदया, और तशल्प शौंदया को समझ सकें गे ।  4.छात्र ईश्वर की सवाव्यापकिा के संदेश को ग्रहण कर सकें गे ।
  • 6.  दनर्ााररत पुस्तकें तथा सांत कबीर का भाव दित्र  (flash cards)  शामपट  खँडी और पोंच्िन एवां िाटा आदि ।
  • 7.  सवाप्रथम तवद्यातथायों को कबीरदास का पररिय देिे हुए उनके काव्य पाठ साखी का भाव एवं व्याख्यान तनम्न तितखि रूप से बिाया जाएगा।  “जादत न पूछो सार्ु की, पूछ लीदजये ज्ञान, मोल करो तरवार का, पडा रहन िो म्यान”।।
  • 8.  ज्ञान – जानकारी  म्यान – तलिार रखने का कोष
  • 9. सज्जन की जादत न पूछ कर उसके ज्ञान को समझना िादहए। तलवार का मूल्य होता है न दक उसकी मयान का – उसे ढकने वाले खोल का।
  • 10.  आदशा वािन को सुनकर िथा अनुकरण वािन के द्वारा साखी का अथा िथा भाव ग्रहण करेंगे ।  शामपट पर देखकर तवतभन्न शब्दों के अथा िथा उदाहरण तिखेंगे ।  तजज्ञासा समाधान हेिु प्रश्न पूछ सकिे ह ।  तदए गए अभ्यास काया िथा , गृहकाया को पूणा करेंगें ।  मौतखक रुप से साखी के भाव बिा सकें गें ।
  • 11.  मौदखक रुप से िोहा पढवाना...  प्रश्न पूछकर अभ्यास करवाना...  िाटा दिखाकर दिर पुनरावृदत करवाना...  गृहकाया िेकर बच्िों में कबीर के बारे में पूर्ात: ज्ञान प्राप्त करवाना....