5. 1. लौह तत्ि को हम खून की लाली के रूप में भी पहचानते हैं.
2. लौह तत्ि, प्रोर्ीन के साथ षमल कर शरीर में हीमोग्लोषिन का
षनमाटण करता है.
3. हीमोग्लोषिन शरीर के षिषभन्द्न अंगों में प्राण िायु अथाटत
ऑक्सीजन पहुँचाता है षजससे शरीर के अंग सुचारु रूप से कायट
कर पाते हैं.
लौह तत्व की अवश्यक जािकारी
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
6. 1. षकशोररयों कों
2. युिषतयों तथा अन्द्य मषहलाओंको
3. अस्िस््य व्यषक्त को
4. चोषर्ल व्यषक्त को
5. नियुिकों और पुरुिों को
6. षकसी भी कु पोषित व्यषक्त को .
रक्ताल्पता इन्द्हें हो सकती है
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
7. रक्ताल्पता के लक्षण
1. दैषनक कायट करते हये जल्द ही थकािर् होना, हाुँफी ाना.
2. स्िभाि में षचड़षचड़ापन होना.
3. िच्चों का एकाग्रषचत्त नहीं हो पाना और एक जगह मन नहीं
लगना.
4. मन घिराना, मन डूिना, ात्मषिश्वास में कमी होना.
5. षदन भर रोने का मन करना, गला रुुँ धा हा लगना.
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
8. रक्ताल्पता के िारीररक लक्षण :
1. नाखूनों में लाली न होना िषल्क पीलापन होना अथिा नाखून का
सफे द होना.
2. ाुँख के पलक को नीचे कर के देखें लाली की कमी षदखेगी.
3. जीभ के चारों ओर के षकनारों पर लाली नहीं षदखना.
4. जीभ का सूजना (ग्लॉसाईषर्स), षसर ददट होना, चक्कर ाना तथा
कमिोरी लगना.
5. चेह्ररे पर काुँषत और चमक की कमी होना.
6. चेहरा िुझा-िुझा षदखना.
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
9. 1. भोजि में लौह तत्व, फोशलक अम्ल और शवटाशमि सी के
स्त्रोत का सेवि ि करिे के कारण
2. माहवारी के कारण
3. चोट लर्िे के कारण
4. अशिक खूि बहिे की कारण
5. स्िास््य कारणों से.
6. पोषण साक्षरता का अभाव एवं उपेक्षा.
7. क्रय िशक्त कम होिे के कारण.
8. पोिक ाहार को प्रभाषित करती कु ररषतयों .
रक्ताल्पता के कारण
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
10. 1. मषहलओंमें हीमोग्लोषिन की ादशट मात्रा: 12. 0 – 15.5 ग्राम /
डैसी लीर्र रक्त
2. पुरुिों में हीमोग्लोषिन की ादशट मात्रा: 13.5 – 17.5 ग्राम / डैसी
लीर्र रक्त
िरीर में हीमोग्लोशबि की आदिग मात्रा
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
11. हीमोग्लोशबि की सामान्द्य स्तर से कमी का अर्ग:
1. लौह तत्ि की कमी, षिर्ाषमन िी-9 की कमी अथिा षिर्ाषमन सी
की कमी.
2. हायपोथॉईरॉईड अथिा थैलीसीषमया होना.
हीमोग्लोशबि की सामन्द्य स्तर से अशिकता का अर्ग:
1. फे फड़ों में संक्रमण, शरीर में पानी की क्मी होना, अषधक धूम्रपान
करना, अषधक उल्र्ी होना, जलना.
2. धरती के ऊुँ चे क्षेत्र में षनिास करना, िहत अषधक कसरत करना.
हीमोग्लोशबि की कमी अर्वा अशिकता का तात्पयग
12. लौह तत्व और फोशलक अम्ल (शवटाशमि बी-9) की दैशिक आवश्यकता
लौह तत्व की दैशिक अवश्यकता:
1. ियस्क पुरुि में : 16-18 षमली ग्रा / षदन
2. ियस्क पुरुि में : 12-18 षमली ग्रा / षदन
फोशलक अम्ल की दैशिक आवश्यकता:
1. (समान्द्य पररषस्थषत): 0.2 षमग्रा /षदन
2. षकशोररयों, गभटिती तथा धात्री मषहला: 0.4 षमग्रा/षदन
ध्याि दें : सामान्द्य दैषनक ािश्यकता से अषधक से अषधक लौह तत्ि
का सेिन स्िास््य के षलये हाषनकारक होता है.
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
13. रक्ताल्पता का शिदाि (लौह तत्व के अच्छे स्त्रोत)
1. लौह तत्ि के स्त्रोतों को भोजन में शाषमल करना जैसे: गहरी हरी
पत्तेदार सषज़ियाुँ जैसे पालक, चौलाई, राजगीर दाना.
2. अलसी एिं षतल
3. फषलयाुँ, मसूर और सोयािीन र्ोफू एिं काजू, .
4. सािुत अनाज, जई एिं षकनोा.
5. अनार, चुकन्द्दर, खजूर, मशरूम, भुना हा ालू
6. पूरक ाहार की गोषलयों का सेिन.
7. सज़िी को लोहे की कड़ाही में पकायें और पकते समय नींिू का रस
भी शाषमल करें. सज़िी िनते ही सज़िी को स्र्ील के ितटन में
षनकाल ले षजससे सज़िी षखली षखली िनेगी.
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
14. रक्ताल्पता का शिदाि (फोशलक अम्ल:बी 9 के अच्छे स्त्रोत)
1. फषलयाुँ, मुुँहफली तथा सूयटमुखी की िीज.
2. ताजे फल एिं फलों का रस, सािुत अनाज, इत्याषद.
3. पूरक ाहार की गोषलयाुँ
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
15. रक्ताल्पता का शिदाि (शवटाशमि-सी के अच्छे स्त्रोत)
1. नींिू िगीय खट्टे फल जैसे नींिू, संतरा, मौसम्िी, मैंडाररन, स्क्िाश.
2. ाुँिला, पपीता एिं कीिी
3. हरी एिं लाल षमचट
4. गोषभयाुँ, ालू एिं शकरकं द
5. र्मार्र एिं र्मार्र का रस
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय
16. साविािी
1. चाय का सेिन कतई नहीं करें यह शरीर में लौह तत्ि के अिशोिण
को रोकता है.
2. यषद ाप कै षल्शयम की पूरक ाहार गोषलयों का सेिन करते हैं तो
लौह तत्ि की पूरक ाहार गोली का सेि न कम से कम 2 से 3 घंर्े
के अंतर से करें.
जिाहरलाल नेह्ररू कृ षि षिश्वषिद्यालय