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अध्याय 1
1 टोबिएलक पुत्र, अननीएलक पुत्र, अदुएलक पुत्र, गिाएलक पुत्र,
असएलक वंशज आ नेफ्तली गोत्रक पुत्र टोिीटक वचनक पुस्तक।
2 अश्शूरक राजा एनेमेसरक समय मे ओ बिस्बे सँ िंदी िनाओल गेल
छल, जे ओबि नगरक दबिना कात अबछ, जकरा गलील मे आसेर सँ
ऊपर नेफ्िाली किल जाइत अबछ।
3 िम तोिीत अपन जीवन भरर सत् य आ न्यायक िाट पर चलैत रिलहँ
अबछ आ अपन भाय सभ आ िमर जाबत, जे िमरा संग नीनवे, अश्शूरक
देश मे आयल छल, हनका सभक लेल िहत रास बभक्षा क
े लहँ।
4 जखन िम अपन देश, इस्राएल देश मे छोट छलहँ, तखन िमर बपता
नेफ्तालीक समस्त गोत्र यरूशलेमक घर सँ खबस पड़ल, जे इस्राएलक
सभ गोत्र मे सँ चुनल गेल छल, जाबि सँ सभ गोत्र िबल चढािय ओतय,
जतय परमात्मा क
े बनवास क
े मंबदर क
े पबवत्र कयल गेल छल आ सि युग
क
े लेल िनल छल |
5 जे सभ गोत्र एक संग बवद्रोि क
े लक आ िमर बपता नेफ्तालीक घराना
िाल िछड़ीक िबलदान देलक।
6 मुदा िम असगरे िेर-िेर पािबन मे यरूशलेम जाइत छलहँ, जेना बक
सभ इस्राएलक लोक क
ेँ अनन्त फरमान द्वारा बनर्ााररत कयल गेल छल,
जाबि मे पबिल फल आ दसम भागक वृद्धि छल, जे पबिने काटल गेल
छल। िम वेदी पर िारूनक सन् तान सभ पुरोबित सभ क
ेँ दऽ देबलयबन।
7 िम सभ उपजाक पबिल दसम भाग िम िारूनक पुत्र सभ क
ेँ देबलयैक
जे यरूशलेम मे सेवा करैत छलाि, आ दसम भाग िम िेबच कऽ िर साल
यरूशलेम मे बितािैत छलहँ।
8 तेसर िम ओकरा सभ क
ेँ देबलयैक, जेना िमर बपताक माय डेिोरा
िमरा आज्ञा देने छलीि, कारण िमर बपता िमरा अनाि छोबड़ देलबन।
9 संगबि जखन िम पुरुखक उम्र मे पहँचलहँ तँ िम अपन पररजन िन्ना
सँ बववाि कऽ लेलहँ आ हनका सँ िम टोबियासक जनम लेलहँ।
10 जखन िमरा सभ क
ेँ िंदी िना कऽ नीनवे लऽ गेलहँ तँ िमर सभ भाय
आ िमर पररजन गैर-यहूदी सभक रोटी खा गेलाि।
11 मुदा िम अपना क
ेँ भोजन करिा सँ िचा लेलहँ।
12 बकएक तँ िम परमेश् वरक स्मरण पूरा मोन सँ करैत छलहँ।
13 परम परमेश् वर िमरा एनेमेसरक समक्ष क
ृ पा आ अनुग्रि देलबन,
जाबि सँ िम हनकर प्रदाता िबन गेलहँ।
14 िम मीबडया मे गेलहँ आ गिररयाक भाय गिाएलक संग मेबदयाक
एक नगर मे दस टोला चानीक भण्डार मे छोबड़ गेलहँ।
15 जखन एनेमेसर मरर गेलाि तखन हनकर पुत्र सन्नािेरीि हनकर जगि
पर राज क
े लबन। जकर सम्पबि परेशान छल, जे िम मीबडया मे नबि जा
सकलहँ।
16 एनेमेसरक समय मे िम अपन भाय सभ क
ेँ िहत रास बभक्षा देलहँ आ
भूखल लोक सभ क
ेँ अपन रोटी देबलयैक।
17 िमर वस्त्र नंगटे सभक लेल, आ जँ िम अपन जाबत मे सँ बकयो मृत
देखलहँ वा नीनवेक देिाल मे फ
े कल गेलहँ तँ ओकरा गाबड़ देलहँ।
18 राजा सनिेरीि जखन बकनको मारर देने रबितबि आ यहूबदया सँ भाबग
गेल रबितबि तँ िम ओकरा सभ क
ेँ गुप्त रूप सँ गाबड़ देबलयबन। कारण,
अपन क्रोर् मे ओ िहतो क
ेँ मारर देलक। मुदा राजाक खोज मे लाश नबि
भेटल।
19 जखन नीनवी मे सँ एक गोटे जा कऽ राजा लग िमरा सँ बशकायत
कयलबन जे िम हनका सभ क
ेँ गाबड़ कऽ नुका गेलहँ। ई िुबि जे िमरा
मारर देिाक लेल खोजल गेल अबछ, िम डर सँ अपना क
ेँ वापस ल'
लेलहँ।
20 तखन िमर सभटा सम् पबि जिरदस्ती छीन लेल गेल, आ ने िमर
पत्नी िन्ना आ िमर िेटा टोबियास छोबड़ िमरा लेल बकछु नबि िचल।
21 पाँच पचास बदन नबि िीतल जे हनकर दू टा िेटा हनका मारर देलकबन
आ ओ सभ अररातक पिाड़ बदस भाबग गेलाि। हनकर पुत्र सरक
े डोनस
हनकर जगि पर राज क
े लबन। जे अपन बपताक बिसाि-बकताि आ
ओकर सभ काज पर िमर भाय अनाएलक पुत्र अबचयाचरस क
ेँ बनयुक्त
कयलबन।
22 अबचयाचारस िमरा लेल बवनती करैत िम नीनवे घुरर गेलहँ।
अबचयाचारस मद्यपान करऽ वला, बचन्हारक रखवाला, भंडारी आ
बिसाि-बकतािक देखरेख करऽ िला छल।
अध्याय 2
1 जखन िम फ
े र घर आबि गेलहँ आ िमर पत्नी िन्ना िमरा पुत्र
टोबियासक संग पेन्टेकोस्टक पािबन मे, जे सात सप्तािक पबवत्र पािबन
अबछ, तखन िमरा लेल एकटा नीक भोजन तैयार कयल गेल छल, जाबि
मे िम खाइले िैबस गेलहँ।
2 जखन िम प्रचुर मात्रा मे भोजन देखलहँ तँ िम अपन िेटा क
ेँ
किबलयबन, “जाउ, िमरा सभक भाय सभ मे सँ जे गरीि आदमी भेटत,
जे प्रभु परमेश् वरक मनन करैत अबछ। आ देखू, िम अिाँक लेल बटक
ै त
छी।
3 मुदा ओ फ
े र आबि कऽ किलबिन, “िे बपता, िमरा सभक एकटा जाबत
मे सँ एक गोटेक गला दिा कऽ िजार मे फ
े बक देल गेल अबछ।”
4 तखन िम कोनो मांसक स्वाद लेिा सँ पबिने उबि कऽ ओकरा एकटा
कोिली मे ल’ गेलहँ जाित र्रर सूयाास्त नबि भ’ गेल।
5 तखन िम घुरर कऽ र्ोआ कऽ अपन मांस भारी भऽ कऽ खा गेलहँ।
6 आमोसक ओबि भबवष्यवाणी क
ेँ मोन पाड़ैत जेना ओ किने छलाि,
“अिाँ सभक भोज शोक मे िदबल जायत आ अिाँक सभटा आनन्द
बवलाप मे िदबल जायत।”
7 तेँ िम कानलहँ, आ सूयाास्तक िाद िम जा कऽ कब्र िना कऽ हनका
गाबड़ देबलयबन।
8 मुदा िमर पड़ोसी सभ िमरा पर मजाक उड़िैत किलक, “ई आदमी
एखन र्रर एबि िातक कारणेँ मारल जाय सँ नबि डेरा रिल अबछ। तइयो
देखू, ओ मृत् यु क
ेँ फ
े र सँ गाबड़ दैत छबि।
9 ओिी राबत िम दफन कऽ कऽ घुरलहँ आ अपन आँगनक देिाल लग
सुबत गेलहँ।
10 िम ई नबि जनैत छलहँ जे देिाल मे गौरैया सभ अबछ आ िमर आँद्धख
खुजल अबछ, गौरैया सभ िमर आँद्धख मे गरम गोिर क
ेँ मंद कऽ देलक
आ आँद्धख मे उज्जरता आबि गेल अबचयाचरस िमरा पोषण जरूर क
े लक,
जाित िम एबलमैस मे नबि गेलहँ।
11 िमर पत्नी अन्ना स् त्रीगणक काज कऽ लेलक।
12 जखन ओ ओकरा सभ क
ेँ माबलक सभ लग घर पिा देलबिन, तखन
ओ सभ हनका मजदू री दऽ देलबिन आ एकटा िछड़ाक अबतररक्त
हनका सभ क
ेँ सेिो दऽ देलबिन।
13 जखन ओ िमरा घर मे आबि कऽ कानय लगलहँ तँ िम ओकरा
किबलयबन, “ई िच्ची कतऽ सँ आयल अबछ?” चोरी नबि भेल अबछ?
माबलक सभक
ेँ सौंपि; कारण, चोरी भेल कोनो वस्तु क
ेँ खायि उबचत
नबि अबछ।
14 मुदा ओ िमरा पर उिर देलबिन, “मजदू री सँ िेसी उपिार मे देल
गेल अबछ।” मुदा िम ओकरा पर बवश्वास नबि क
े लहँ, मुदा ओकरा
माबलक सभ क
ेँ सौंपिाक आज्ञा देबलयबन, आ िम ओकरा पर लद्धज्जत भ'
गेलहँ। मुदा ओ िमरा पर उिर देलबिन, “अिाँक बभक्षा आ र्माकमा
कतय अबछ?” देखू, अिाँ आ अिाँक सभ काज ज्ञात अबछ।
अध्याय 3
1 तखन िम दुखी भऽ कऽ कानलहँ आ दुुः ख मे प्रािाना कऽ कऽ प्रािाना
क
े लहँ।
2 िे प्रभु, अिाँ र्मी छी, आ अिाँक सभ काज आ अिाँक सभ मागा दया
आ सत्य अबछ, आ अिाँ सदा-सत्य आ न्यायपूवाक न्याय करैत छी।
3 िमरा मोन पाड़ू आ िमरा बदस देखू, िमर पाप आ अज्ञानता आ िमर
पूवाज सभक पापक कारणेँ िमरा दंड नबि बदअ जे अिाँक समक्ष पाप
क
े ने छबि।
4 बकएक तँ ओ सभ अिाँक आज्ञाक पालन नबि क
े लक, तेँ अिाँ िमरा
सभ क
ेँ लूटिाक लेल, िंदी मे आ मृत्युक लेल आ ओबि सभ जाबत सभक
लेल अपमानक फकड़ाक लेल सौंबप देबलयैक।
5 आि अिाँक न्याय िहत आ सत्य अबछ, िमरा संग िमर पाप आ िमर
पूवाजक पाप जकाँ व्यविार करू।
6 आि िमरा संग जेना नीक लागय, से करू आ िमरा सँ िमर आत् मा
छीनिाक आज्ञा बदअ जाबि सँ िम भंग भऽ कऽ पृि् वी िबन सकि,
बकएक तँ िमरा लेल जीबवत रििा सँ िेसी मरि लाभक अबछ, बकएक तँ
िम िूि सुनलहँ डाँटैत छी आ िहत दुखी िोइत छी, तेँ आज्ञा बदअ जे
आि िम एबि बवपबि सँ मुक्त भऽ अनन्त स्थान मे जाइ।
7 ओिी बदन एकिताने मे मीबडयाक एकटा नगर मे रागुएलक िेटी सारा
क
ेँ सेिो ओकर बपताक दासी सभ द्वारा बनन्दा कयल गेलबन।
8 बकएक तँ हनकर बववाि सातटा पबत सँ भऽ गेल छलबन, बजनका
अस्मोदीयस दुष्टात्मा हनका संग सुतिा सँ पबिने मारर देने छलबन। ओ
सभ किलक जे, की तोरा नबि िुिल अबछ जे अिाँ अपन पबतक गला
रेतने छी? अिाँक सातटा पबत पबिने सँ अबछ, आ ने अिाँक नाम हनका
सभ मे सँ ककरो नाम पर राखल गेल छल।
9 अिाँ ओकरा सभक लेल िमरा सभ क
ेँ बकएक मारर देलहँ? जँ ओ सभ
मरर गेल छबि तँ हनका सभक पाछाँ लाबग जाउ, िम सभ अिाँक
ेँ कबियो
िेटा-िेटी नबि देखि।
10 ई िात सुबन ओ िहत दुखी भऽ गेलीि जे ओ अपना क
ेँ गला दिा कऽ
मारर लेलबन। ओ िजलीि, “िम अपन बपताक एकलौती िेटी छी, आ जँ
िम ई काज करि तँ हनका लेल ई अपमान िोयत आ िम हनकर िुढापा
क
ेँ दुखक संग बचता मे पहँचा देिबन।”
11 तखन ओ द्धखड़की बदस प्रािाना करैत िजलीि, “िे िमर परमेश् वर,
अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक पबवत्र आ गौरवशाली नाम सदाक लेल र्न्य आ
सम्मानजनक अबछ।
12 आि िे प्रभु, िम अपन नजरर आ मुँि अिाँ बदस राद्धख रिल छी।
13 ओ कहू जे, “िमरा पृि् वी पर सँ बनकाबल बदअ, जाबि सँ िम आि ओ
अपमान नबि सुनि।”
14 िे प्रभु, अिाँ जनैत छी जे िम मनुष् य सभक संग सभ पाप सँ शुि
छी।
“ हनकर जीबवत, जकरा लेल िम अपना क
ेँ पत्नीक रूप मे राद्धख सक
ै त
छी। आ िम बकएक जीि? मुदा जँ अिाँ क
ेँ नबि नीक लागय जे िम मरर
जायि, तँ िमरा पर बकछु ध्यान देिाक आ िमरा पर दया करिाक आज्ञा
बदयौक, जाबि सँ िम आि कोनो बनन्दा नबि सुनि।”
16 तखन दुनू गोटेक प्रािाना मिान परमेश् वरक मबिमाक समक्ष सुनल
गेल।
17 राफ
े ल क
ेँ दुनू गोटे क
ेँ िीक करिाक लेल पिाओल गेलबन, अिाात्
टोबिटक आँद्धखक उज्जरता क
ेँ दू र करिाक लेल आ रागुएलक िेटी सारा
क
ेँ टोबिटक पुत्र टोबिया क
ेँ पत्नीक रूप मे देिाक लेल। आ अस्मोबडयस
क
ेँ दुष्टात्मा क
ेँ िाद्धन्ह देिाक लेल। कारण ओ उिराबर्कारक अबर्कार सँ
टोबियाक छल। ओिी समय टोिीत घर आबि गेलाि आ हनकर घर मे
प्रवेश कयलबन आ रागुएलक िेटी सारा अपन ऊपरका कोिली सँ उतरर
गेलीि।
अध्याय 4
1 ओबि बदन टोबित क
ेँ ओ पाइ मोन पड़लबन जे ओ मीबडयाक क्रोर् मे
गिाएल क
ेँ सौंपने छलाि।
2 ओ मने-मन किलबिन, “िमरा मृत्युक इच्छा अबछ। िम अपन पुत्र
टोबियास क
ेँ बकएक नबि िजािैत छी जे िम मरिा सँ पबिने ओकरा
पाइक संक
े त दऽ सकि?
3 ओ हनका िजा कऽ किलबिन, “िमर िेटा, जखन िम मरर जायि
तखन िमरा गाबड़ बदअ। आ अपन माय क
ेँ बतरस्कार नबि करू, िल् बक
जीवन भरर हनकर आदर करू आ जे हनका नीक लागत से करू आ
हनका दुखी नबि करू।
4 िे िमर िेटा, मोन राखू जे जखन अिाँ अपन पेट मे छलहँ तखन ओ
अिाँक लेल िहत रास खतरा देखने छलीि, आ जखन ओ मरर गेलीि
तखन हनका िमरा लग एकटा कब्र मे गाबड़ बदयौक।
5 िमर िेटा, अपन भरर बदन िमरा सभक परमेश् वर परमेश् वरक प्रबत
र्् यान राखू, आ अपन इच्छा क
ेँ पाप करिाक वा हनकर आज्ञाक
उल्लंघन नबि करिाक चािी।
6 जँ अिाँ सत् य काज करि तँ अिाँक काज अिाँ आ न्यायपूवाक जीिैत
सभ लोकक लेल सफल िोयत।
7 अपन सम्पबि सँ बभक्षा बदअ। जखन अिाँ बभक्षा देि तखन अिाँक
नजरर मे ईष्याा नबि िो आ ने कोनो गरीि सँ मुँि घुमाउ आ परमेश् वरक
मुँि अिाँ सँ नबि भंग िोयत।
8 जँ अिाँ लग प्रचुरता अबछ तँ तदनुसार बभक्षा बदअ।
9 अिाँ आवश्यकताक बदन अपना लेल नीक भंडार जमा करैत छी।
10 बकएक तँ बभक्षा मृत्यु सँ मुक्त करैत अबछ आ अन्हार मे नबि आिय
दैत अबछ।
11 बकएक तँ परमेश् वरक नजरर मे बभक्षा देबनिार सभ क
ेँ नीक वरदान
अबछ।
12 िे िौआ, सभ वेश्यावृबि सँ सावर्ान रहू, आ मुख्यतुः अपन पूवाजक
वंशज मे सँ एकटा पत्नी िनाउ आ कोनो परदेशी स् त्री क
ेँ नबि बलअि, जे
अिाँक बपताक गोत्र मे नबि अबछ, बकएक तँ िम सभ प्रवक
् ता सभक
संतान छी, नोि, अब्रािम , इसिाक आ याक
ू ि: िमर िेटा, मोन राखू जे
िमरा सभक पूवाज सभ शुरूए सँ ई सभ अपन-अपन जाबत सँ बववाि
कएने छलाि, आ अपन संतान मे आशीवााबदत छलाि, आ हनकर वंशज
एबि देशक उिराबर्कारी िनत।
13 तेँ िे िौआ, अपन भाय सभ सँ प्रेम करू आ अपन भाय सभ क
ेँ , अपन
प्रजाक पुत्र-िेटी सभ क
ेँ अपन मन मे बतरस्क
ृ त नबि करू, कारण जे
घमंड मे बवनाश आ िहत रास कष्ट आ अश्लीलता मे क्षय िोइत छै क आ
िहत अभाव, बकएक तँ अश्लीलता अकालक जननी बिक।
14 जे क
े ओ अिाँक लेल काज क
े ने अबछ, ओकर मजदू री तोरा संग नबि
रिय, िल् बक ओकरा िाि सँ दऽ बदयौक, बकएक तँ जँ अिाँ परमेश्
वरक सेवा करि तँ ओ अिाँ क
ेँ सेिो िदला देत। आ अपन सभ गप्प-
सप्प मे िुद्धिमान िनू।
15 जकरा अिाँ घृणा करैत छी से ककरो संग नबि करू।
16 अपन रोटी मे सँ बकछु भूखल क
ेँ बदअ आ अपन वस्त्र मे सँ नंगटे लोक
क
ेँ बदअ। अपन प्रचुरताक अनुसार बभक्षा बदअ, आ जखन अिाँ बभक्षा दैत
छी तखन अिाँक आँद्धख क
ेँ ईष्याा नबि िोअय।”
17 र्मी लोकक दफन पर अपन रोटी उिबल बदयौक, मुदा दुष्ट क
ेँ बकछु
नबि बदयौक।
18 सभ िुद्धिमान सभ सँ सलाि माँगू, आ कोनो लाभदायक सलाि क
ेँ
बतरस्कार नबि करू।
19 अपन परमेश् वर परमेश् वर क
ेँ सबदखन आशीष करू आ हनका सँ
इच् छा करू जे अिाँक िाट िीक िो आ अिाँक सभ िाट आ बवश् वास
नीक िो। मुदा प्रभु स्वयं सभ नीक वस्तु दैत छबि, आ जकरा चािै छबि,
तकरा नम्र करैत छबि। तेँ आि, िमर िौआ, िमर आज्ञा सभ क
ेँ मोन
राखू, आ ने ओकरा सभ क
ेँ अपन मोन सँ िटाओल जाय।”
20 आि िम हनका सभ क
ेँ ई िात िुिा रिल छी जे िम मीबडया मे रेगेस
मे गिररयाक पुत्र गिाएल क
ेँ दस टोला सौंबप देबलयैक।
21 िे िौआ, एबि िात सँ नबि डेराउ जे िम सभ गरीि भऽ गेलहँ, बकएक
तँ अिाँ परमेश् वर सँ डेरा कऽ सभ पाप सँ िबट कऽ हनकर नजरर मे जे
नीक लागय, से करि तँ अिाँ लग िहत सम् पबि अबछ।
अध्याय 5
1 तोबियास उिर देलबिन, “बपता, अिाँ जे आज्ञा देने छी, िम सभ काज
करि।
2 मुदा िम हनका नबि बचन्हैत छी, िम पाइ कोना पाबि सकि?
3 तखन ओ ओकरा िािक लेख दऽ कऽ किलबिन, “िम जीिैत काल
तोरा संग जािऽ वला आदमी ताबक बलअ, आ िम ओकरा मजदू री दऽ
देि।”
4 यीशु जखन एक आदमी क
ेँ ताकय गेलाि तँ हनका राफ
े ल भेटलबन जे
एकटा स् वगादू त छलाि।
5 मुदा ओ नबि जनैत छलाि। ओ ओकरा किलबिन, “की अिाँ िमरा
संग रेगेस जा सक
ै त छी?” की अिाँ ओबि स्थान सभ क
ेँ नीक जकाँ जनैत
छी?
6 स् वगादू त हनका किलबिन, “िम अिाँक संग जायि आ िाट नीक
जकाँ जनैत छी।
7 तखन टोबिया हनका किलबिन, “जाित र्रर िम अपन बपता क
ेँ नबि
कबि देि, ताित र्रर िमरा लेल रहू।”
8 तखन ओ हनका किलबिन, “जाउ आ रुक
ू नबि।” तखन ओ भीतर
जा कऽ अपन बपता क
ेँ किलबिन, “देखू, िमरा एकटा एिन भेटल अबछ
जे िमरा संग चलत।” तखन ओ किलबिन, “ओकरा िमरा लग िजाउ,
जाबि सँ िम ई जाबन सकि जे ओ कोन गोत्रक छबि आ अिाँक संग
जेिाक लेल ओ भरोसेमंद लोक छबि वा नबि।”
9 ओ हनका िजौलबन आ ओ भीतर आबि गेलाि आ ओ सभ एक-दोसर
क
ेँ प्रणाम कयलबन।
10 तखन टोिीत हनका किलबिन, “भाई, िमरा ई देखा बदअ जे अिाँ
कोन गोत्र आ कोन वंशक छी।”
11 ओ ओकरा सभ क
ेँ किलबिन, “की अिाँ अपन िेटाक संग जेिाक
लेल कोनो गोत्र वा क
ु टुम्ब वा भाड़ाक लोकक खोज मे छी?” तखन टोिीत
हनका किलबिन, “िे भाइ, िम अिाँक पररजन आ नाम जाबन चािैत
छी।”
12 तखन ओ किलबिन, “िम अजररया छी, जे मिान अनबनया आ
अिाँक भाय सभक पुत्र छी।”
13 तखन टोिीत किलबिन, “भैया, अिाँक स्वागत अबछ। आि िमरा पर
क्रोर् नबि करू, कारण िम अिाँक गोत्र आ अिाँक पररवार क
ेँ जानिाक
लेल पूछने छी। कारण, अिाँ िमर भाय छी, जे ईमानदार आ नीक वंशक
छी, बकएक तँ िम सभ ओबि मिान समैयाक पुत्र अनबनया आ योनािा क
ेँ
जनैत छी, जखन िम सभ एक संग यरूशलेम आरार्ना करिाक लेल
गेल रिी आ जेि िच्चा आ फलक दसम भाग चढा देलहँ। ओ सभ िमरा
सभक भाइ सभक गलती सँ नबि ििकाओल गेल।
14 मुदा िमरा कहू जे िम अिाँ क
ेँ कोन मजदू री देि? की अिाँ एक बदन
मे एक डर ाकम आ आवश्यक वस्तु चािैत छी जेना िमर अपन िेटाक लेल?
15 मुदा, जँ अिाँ सभ सुरबक्षत घुरर जायि तँ िम अिाँक मजदू री मे बकछु
जोबड़ देि।
16 तेँ ओ सभ प्रसन्न भेलाि। तखन ओ टोबियास क
ेँ किलबिन, “यात्राक
लेल अपना क
ेँ तैयार करू, तखन परमेश् वर अिाँ क
ेँ नीक यात्रा पिा
देबिन।” जखन ओकर िेटा यात्राक लेल सभ बकछु तैयार कऽ लेलक तँ
ओकर बपता किलबिन, “अिाँ एबि आदमीक संग जाउ आ स्वगा मे
रिबनिार परमेश् वर अिाँक यात्रा क
ेँ सफल िनाउ आ परमेश् वरक स्
वगादू त अिाँ सभक संग रिबि।” तेँ दुनू गोटे आगू िबढ गेलाि, आ
युवकक क
ु क
ु र सेिो हनका सभक संग।
17 मुदा ओकर माय िन्ना काबन कऽ टोबिट क
ेँ किलबिन, “अिाँ िमरा
सभक िेटा क
ेँ बकएक बवदा कऽ देलहँ?” की ओ िमरा सभक िािक
लािी नबि छबि, जे िमरा सभ सँ पबिने भीतर-िािर बनकलैत छबि?
18 पाइ मे पाइ जोड़िाक लोभ नबि करू, िल् बक ई िमरा सभक
िच्चाक आदर मे कचरा जकाँ िो।
19 बकएक तँ प्रभु जे िमरा सभ क
ेँ जीिाक लेल देने छबि, से िमरा सभ
क
ेँ पयााप्त अबछ।
20 तखन टोिीत ओकरा किलबिन, “िे िमर िबिन, कोनो परवाि नबि
करू। ओ सुरबक्षत घुरर कऽ आओत आ तोिर आँद्धख ओकरा देखत।”
21 बकएक तँ नीक स् वगादू त हनका संग राखत आ हनकर यात्रा सम्पन्न
िोयत आ ओ सुरबक्षत घुरर कऽ आओत।
22 तखन ओ कानि समाप्त कऽ लेलबन।
अध्याय 6
1 ओ सभ यात्रा करैत काल साँि मे टाइबग्रस नदी पर पहँबच गेलाि आ
ओतबि ििरलाि।
2 जखन युवक निाए लेल उतरलाि तँ नदीसँ माछ उछबल कऽ ओकरा
खाए चािैत छल।
3 तखन स् वगादू त हनका किलबिन, “माछ लऽ बलअ।” युवक माछ
पकबड़ कऽ जमीन पर खींच लेलक।
4 स् वगादू त हनका किलबिन, “माछ खोबल कऽ हृदय आ यक
ृ त आ बपि
लऽ कऽ सुरबक्षत राद्धख बदयौक।”
5 तखन ओ युवक स् वगादू तक आज्ञानुसार कयलक। माछ भुबज कऽ ओ
सभ ओकरा खा लेलक, तखन दुनू गोटे एकिटानेक नजदीक नबि पहँबच
गेल।
6 तखन ओ युवक स् वगादू त क
ेँ किलकबन, “अजररया भाय, माछक
हृदय, यक
ृ त आ गला क
ेँ कोन काज?
7 ओ हनका किलबिन, “हृदय आ यक
ृ त क
ेँ छ
ू बि कऽ जँ कोनो दुष् टात्
मा ककरो परेशान करैत अबछ तँ िमरा सभ क
ेँ ओबि पुरुष वा स् त्रीक
समक्ष एकर र्ुँआ उड़ािऽ पड़त, आ ओबि दल क
ेँ आि कोनो परेशानी
नबि िोयत।”
8 बपिक िात तँ नीक अबछ जे जकरा आँद्धख मे उज्जरता अबछ तकरा
अबभषेक कयल जाय, तखन ओ िीक भऽ जायत।
9 ओ सभ रगेसक लग पहँचलाि।
10 स् वगादू त युवक क
ेँ किलबिन, “भैया, आइ िम सभ रगुएल लग रिि,
जे अिाँक बपबतयौत भाइ छबि। हनका एकटा एकमात्र िेटी सेिो छबन,
जकर नाम सारा छलबन। िम ओकरा लेल िाजि, जाबि सँ ओ अिाँ क
ेँ
पत्नीक िदला मे देल जाय।”
11 बकएक तँ ओकर अबर्कार तोरे अबछ, बकएक तँ अिाँ मात्र ओकर
पररजन छी।
12 दासी गोरी आ िुद्धिमान अबछ, तेँ आि िमर िात सुनू, िम ओकर
बपता सँ गप्प करि। आ जखन िम सभ रेगेस सँ घुरि तखन िम सभ
बववािक उत्सव मनाएि, कारण िम जनैत छी जे रगुएल मूसाक बनयमक
अनुसार ओकरा दोसर सँ बववाि नबि क' सक
ै त अबछ, मुदा ओ मृत्युक
दोषी िोयत, कारण उिराबर्कारक अबर्कार कोनो सँ िेसी तोरा पर
बनभार करैत अबछ दोसर.
13 तखन ओ युवक स् वगादू त क
ेँ उिर देलबिन, “अजररया भाइ, िम
सुनलहँ जे ई दासी सात आदमी क
ेँ देल गेल अबछ, जे सभ बववाि कोिली
मे मरर गेल।”
14 आि िम अपन बपताक एकलौता िेटा छी, आ डरैत छी जे जँ िम
हनका लग जायि तँ पबिने दोसर जकाँ मरर जायि ओकर; तेँ िमहूँ डरैत
छी जे किीं िम मरर नबि जाइ आ िमरा कारणेँ अपन बपता आ मायक
जान दुखी भ’ क’ बचता मे नबि पहँचा सकि।
15 तखन स् वगादू त हनका किलबिन, “की अिाँ क
ेँ ओ उपदेश नबि मोन
पड़ैत अबछ जे अिाँक बपता अिाँ क
ेँ देने छलाि जे अिाँ अपन पररवारक
पत्नी सँ बववाि करी?” तेँ िे िमर भाइ, िमर िात सुनू। कारण, ओ अिाँ
क
ेँ पत्नीक रूप मे देल जायत। आ दुष्टात्माक कोनो बिसाि नबि करू।
कारण, ओिी राबत ओ अिाँक बववाि मे देल जेतीि।”
16 जखन अिाँ बववािक कोिली मे आबि जायि तखन सुगन्धक राख
लऽ कऽ माछक हृदय आ यक
ृ त मे सँ बकछु भाग ओकरा सभ पर राद्धख
कऽ र्ुँआ उड़ा देि।
17 शैतान एकर गंर् सुबन कऽ भाबग जायत आ फ
े र कबियो नबि आओत,
मुदा जखन अिाँ ओकरा लग आबि जायि तखन अिाँ दुनू गोटे उबि कऽ
परमेश् वर सँ प्रािाना करू जे दयालु परमेश् वर सँ प्रािाना करताि जे
अिाँ सभ पर दया करत आ उिार करताि अिाँ: डेराउ नबि, बकएक तँ
ओ अिाँक लेल शुरूए सँ बनयुक्त छबि। अिाँ ओकरा िचाउ, आ ओ
अिाँक संग चबल जेतीि।” तहूमे िमरा िुिने ओ अिाँक
ेँ संतान पैदा
करतीि। जखन टोबिया ई सभ िात सुबन कऽ ओकरा सँ प्रेम क
े लक आ
ओकर मोन ओकरा संग प्रभावी ढंग सँ जुबड़ गेलै।
CHAPTER 7
1 एकिताने पहँचला पर ओ सभ रगुएलक घर पहँचलाि आ सारा हनका
सभ सँ भेंट क
े लबन।
2 तखन रगुएल अपन पत्नी एडना क
ेँ किलबिन, “ई युवक िमर बपबतयौत
भाइ टोबिट सँ क
े िन अबछ!
3 रगुएल हनका सभ सँ पुछलबिन, “िे भाइ लोकबन, अिाँ सभ कतऽ सँ
छी?” ओ सभ हनका सभ क
ेँ किलबिन, “िम सभ नेफ्तलीमक पुत्र मे सँ
छी जे नीनवे मे िंदी छी।”
4 तखन ओ हनका सभ क
ेँ पुछलबिन, “की अिाँ सभ िमरा सभक
ररश्तेदार टोिीत क
ेँ बचन्हैत छी?” ओ सभ किलबिन, “िम सभ ओकरा
बचन्हैत छी।” तखन ओ किलबिन, “की हनकर स्वास्थ्य नीक अबछ?
5 ओ सभ किलबिन, “ओ जीबवत छबि आ स्वस्थ छबि।”
6 तखन रगुएल उछबल कऽ चुम्मा लेलक आ कानय लागल।
7 ओ हनका आशीष दऽ कऽ किलबिन, “अिाँ ईमानदार आ नीक
लोकक पुत्र छी।” मुदा जखन ओ सुबन कऽ जे टोबिट आन्हर अबछ तँ
ओ दुखी भऽ कऽ काबन रिल छल।
8 तबिना हनकर पत्नी एडना आ हनकर िेटी सारा कानैत छलीि। ततिे
नबि, ओ सभ िँसैत-िँसैत मनोरंजन करैत छलाि; ओ सभ भेँड़ाक मेढा
क
ेँ मारर कऽ टेिुल पर मांसक भंडार राद्धख देलक। तखन टोबिया राफ
े ल
क
ेँ किलबिन, “अजररया भाय, जे िात अिाँ िाट मे किलहँ, तकरा िात
करू, आ ई काज छोबड़ देल जाय।”
9 तखन ओ रगुएल क
ेँ एबि िातक सूचना देलबिन, तखन रगुएल टोबिया
क
ेँ किलबिन, “खाउ-पीबि कऽ मस्त रहू।
10 बकएक तँ अिाँ िमर िेटीक बववाि करि उबचत अबछ।
11 िम अपन िेटी क
ेँ सात आदमी सँ बववाि कऽ देलहँ, जे ओबि राबत मे
मरर गेलाि, मुदा एखन र्रर आनद्धन्दत रहू। मुदा टोबिया किलबिन,
जाित र्रर िम सभ सिमत नबि भ' एक-दोसरक कसम नबि खायि ता
र्रर िम एतय बकछु नबि खाएि।
12 रगुएल किलबिन, “तखन आि सँ ओकरा ओबि तरिेँ ल’ बलअ,
बकएक तँ अिाँ ओकर बपबतयौत िबिन छी, आ ओ तोिर छी, आ दयालु
परमेश् वर अिाँ क
ेँ सभ काज मे नीक सफलता दैत छबि।”
13 तखन ओ अपन िेटी सारा क
ेँ िजौलबन आ ओ अपन बपता लग आबि
गेलाि आ ओ ओकरा िाि पकबड़ कऽ टोबियाक पत्नी िनेलबन आ
किलबिन, “देखू, ओकरा मूसाक बनयमक अनुसार लऽ जाउ आ ओकरा
अपन लग लऽ जाउ।” िािू. ओ हनका सभ क
ेँ आशीवााद देलबिन।
14 ओ एडना क
ेँ अपन स् त्री क
ेँ िजा कऽ कागज लऽ कऽ एकटा वाचा-
पत्र बलद्धख कऽ ओकरा पर मोिर लगा देलक।
15 तखन ओ सभ भोजन करऽ लगलाि।
16 रगुएल अपन पत्नी एडना क
ेँ िजा कऽ किलबिन, “िबिन, एकटा
आओर कोिली तैयार कऽ कऽ ओकरा ओतऽ आबन बदयौक।”
17 ओ अपन आज्ञाक अनुसार काज कऽ कऽ ओतऽ लऽ गेलीि।
18 िे िमर िेटी, नीक सान्त्वना राखू। स्वगा-पृथ्वीक प्रभु अिाँ क
ेँ एबि
दुुः खक लेल आनन्द दैत छबिन।
अध्याय 8
1 ओ सभ भोजन कऽ कऽ टोबिया क
ेँ हनका लग अनलबन।
2 जाइत काल ओ राफ
े लक िात मोन पाड़लबन आ ओबि सुगन्धक राख
लऽ कऽ ओबि पर माछक हृदय आ बजगर लगा देलबन आ ओबि मे र्ुँआ
बनकबल गेलाि।
3 दुष्टात्माक गंर्क गंर्क िाद ओ बमस्रक अन्त्य भाग मे भाबग गेल आ स्
वगादू त ओकरा िाद्धन्ह देलक।
4 दुनू गोटे एक संग िंद भऽ गेलाक िाद टोबिया ओछाओन पर सँ उबि
कऽ किलबिन, “िबिन, उबि कऽ प्रािाना करू जे परमेश् वर िमरा सभ
पर दया करबि।”
5 तखन टोबिया किय लगलाि, “िे िमरा सभक पूवाजक परमेश् वर,
अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक पबवत्र आ गौरवशाली नाम सदाक लेल र्न्य
अबछ। आकाश तोरा आ तोिर सभ प्राणी क
ेँ आशीवााद देय।”
6 अिाँ आदम क
ेँ अपन पत्नी िव्वा क
ेँ सिाबयका आ रििाक लेल दऽ
देबलयैक। िम सभ हनका अपना सन सिायक िनािी।”
7 आि, िे प्रभु, िम एबि िबिन क
ेँ कामुकताक रूप मे नबि, िद्धि सोि
मे मानैत छी।
8 ओ हनका संग िजलीि, “आमीन।”
9 ओबि राबत दुनू गोटे सुबत गेलाि। रगुएल उबि कऽ किर िनौलबन।
10 ओ किलबिन, “िमरा डर अबछ जे किीं ओिो मरर नबि जाबि।”
11 मुदा जखन रगुएल अपन घर मे आबि गेलाि।
12 ओ अपन पत्नी एडना क
ेँ किलबिन। एकटा दासी क
ेँ पिा बदयौक जे
ओ जीबवत अबछ बक नबि, जँ ओ नबि अबछ तँ िम सभ ओकरा गाबड़
सकि, आ ककरो ई िात नबि िुिल।
13 तखन दासी दरिज्जा खोबल कऽ भीतर गेलीि आ दुनू गोटे क
ेँ सुतल
देखलबन।
14 ओ िािर आबि हनका सभ क
ेँ किलबिन जे ओ जीबवत छबि।
15 तखन रगुएल परमेश् वरक स्तुबत करैत किलबिन, “िे परमेश् वर,
अिाँ सभ शुि आ पबवत्र स्तुबतक संग स्तुबत करिाक योग्य छी। तेँ अिाँक
संत सभ अिाँक सभ प्राणी सभक संग अिाँक प्रशंसा करबि। आ अिाँक
सभ स् वगादू त आ अिाँक चुनल लोक अिाँक स्तुबत अनन् त काल र्रर
करबि।”
16 तोिर स्तुबत करिाक चािी, बकएक तँ अिाँ िमरा आनद्धन्दत कएलहँ।
आ से िमरा लग नबि आयल अबछ जे िमरा शंका छल। मुदा अिाँ िमरा
सभक संग अपन िहत दयाक अनुसार व्यविार क
े लहँ।
17 तोिर स्तुबत िोिाक चािी बकएक तँ अिाँ दू गोटे पर दया क
े लहँ जे
हनका सभक पूवाजक एकलौता संतान छलबन।
18 तखन रगुएल अपन नोकर सभ क
ेँ कब्र भरिाक लेल आज्ञा देलबिन।
19 ओ चौदि बदन र्रर बववािक भोज मनौलबन।
20 बववािक बदन समाप्त िेिा सँ पबिने रगुएल हनका शपि दऽ कऽ
किने छलाि जे जा र्रर बववािक चौदि बदन समाप्त नबि भऽ जायत ता
र्रर ओ नबि बवदा भऽ जेताि।
21 तखन ओ अपन आर्ा सम्पबि लऽ कऽ सुरबक्षत अपन बपता लग चबल
जेताि। आ शेष तखन भेटिाक चािी जखन िम आ िमर पत्नी मरर
जायि।
अध्याय 9
1 तखन तोबियास राफ
े ल क
ेँ िजा कऽ किलबिन।
2 अजररया भाय, अपना संग एकटा नोकर आ दू टा ऊ
ँ ट ल’ क’
गिाएल मे मीबडयाक रेगेस जाउ आ िमरा लेल पाइ आबन क’ ओकरा
बववाि मे आबन बदयौक।
3 बकएक तँ रगुएल शपि खा लेने अबछ जे िम नबि जायि।
4 मुदा िमर बपता बदन बगनैत छबि। आ जँ िम िेसी काल देि तऽ हनका
िहत पछतावा िेतबन।
5 तखन राफ
े ल िािर जा कऽ गिाएल लग िैबस गेलाि आ ओकरा
िािक लेख दऽ देलबिन।
6 भोरे-भोर दुनू गोटे एक संग बनकबल कऽ बववाि मे अयलाि।
अध्याय 10
1 ओकर बपता तोिीत सभ बदन गणना करैत छलाि, जखन यात्राक बदन
समाप्त भ’ गेलबन, मुदा ओ सभ नबि अिैत छलाि।
2 तखन टोिीत पुछलबिन, “की ओ सभ रोकल गेल अबछ?” आबक
गिाएल मरर गेल अबछ, आ ओकरा पाइ देिय िला क
े ओ नबि अबछ?
3 तेँ हनका िहत दुख भेलबन।
4 तखन हनकर पत्नी हनका किलबिन, “िमर िेटा मरर गेल अबछ,
कारण ओ िहत बदन र्रर रिैत अबछ। ओ हनका बवलाप करय लगलीि
आ िजलीि।
5 आि िमरा कोनो िातक परवाि नबि अबछ, िमर िेटा, जबिया सँ िम
अिाँ क
ेँ छोबड़ देलहँ, िमर आँद्धखक इजोत।
6 टोिीत हनका सभ क
ेँ किलबिन, “अपन चुप रहू, कोनो परवाि नबि
करू, बकएक तँ ओ सुरबक्षत छबि।”
7 मुदा ओ िजलीि, “अपन चुप रहू आ िमरा र्ोखा नबि बदअ। िमर िेटा
मरर गेल अबछ। ओ सभ बदन ओबि िाट पर बनकलैत छलीि जाबि पर ओ
सभ जाइत छलाि, आ बदन मे भोजन नबि करैत छलीि, आ राबत भरर
अपन िेटा टोबियास क
ेँ बवलाप करि नबि छोड़ैत छलीि, जाित र्रर
बववािक चौदि बदन नबि भ’ गेल छल, जे रगुएल शपि क
े ने छलाि
ओतय खचा करू। तखन टोबियास रगुएल क
ेँ किलबिन, “िमरा जाय
बदअ, बकएक तँ िमर बपता आ िमर माय िमरा देखिाक लेल आि नबि
तक
ै त छबि।”
8 मुदा हनकर ससुर हनका किलबिन, “िमरा संग रहू, िम अिाँक बपता
लग पिा देिबन, आ ओ सभ हनका ई िताओत जे अिाँक संग कोना
चलैत अबछ।”
9 मुदा टोबिया किलबिन, “नबि। मुदा िमरा िािूजी लग जाय बदअ।
10 तखन रगुएल उबि कऽ ओकरा अपन स् त्री सारा आ ओकर आर्ा
सम् पबि, नोकर, माल-जाल आ पाइ दऽ देलक
ै क।
11 ओ हनका सभ क
ेँ आशीष दऽ कऽ बवदा कऽ कऽ बवदा कऽ देलबिन,
“िे िमर िच्चा सभ, स् वगाक परमेश् वर अिाँ सभ क
ेँ एकटा सम्पन्न यात्रा
देबिन।”
12 ओ अपन िेटी क
ेँ किलबिन, “अपन बपता आ सासुक आदर करू, जे
आि अिाँक माता-बपता छबि, जाबि सँ िम अिाँक नीक खिरर सुनि।”
आ ओ ओकरा चुम्मा लेलक। एडना टोबियास क
ेँ सेिो किलबिन, “िमर
बप्रय भाइ, स्वगाक प्रभु अिाँ क
ेँ पुनस्थााबपत करू, आ िमरा मरिा सँ
पबिने िमर िेटी सारा सँ अिाँक िच्चा सभ क
ेँ देखिाक अनुमबत बदअ,
जाबि सँ िम प्रभुक समक्ष आनद्धन्दत भ’ सकि बवशेष बवश्वास; कतय
अबछ ओकर दुष्टताक बवनती नबि करू।
अध्याय 11
1 एबि िातक िाद टोबिया परमेश् वरक स्तुबत करैत बवदा भेलाि जे ओ
हनका सम्पन्न यात्रा देलबन आ रगुएल आ हनकर स् त्री एडना क
ेँ
आशीवााद देलबन आ जाित र्रर ओ सभ नीनवे लग नबि पहँबच गेलाि।
2 तखन राफ
े ल टोबियास क
ेँ किलबिन, “िे भाइ, अिाँ अपन बपता क
ेँ
कोना छोबड़ देलहँ से िुिल अबछ।
3 िम सभ जल्दी-जल्दी अिाँक पत्नीक सोिाँ चबल जाउ आ घर तैयार
करू।
4 माछक बपि िाि मे लऽ बलअ। तेँ ओ सभ अपन िाट पर चबल गेल, आ
क
ु क
ु र हनका सभक पाछाँ-पाछाँ चबल गेल।
5 आि अन्ना अपन िेटाक लेल रस्ता बदस तक
ै त िैसल छलीि।
6 जखन ओ हनका अिैत देद्धख हनकर बपता क
ेँ किलबिन, “देखू,
अिाँक िेटा आ हनका संग गेल आदमी सेिो आबि रिल अबछ।”
7 तखन राफ
े ल किलबिन, “टोबिया, िम जनैत छी जे तोिर बपता ओकर
आँद्धख खोलताि।”
8 तेँ अिाँ ओकर आँद्धख पर बपिक अबभषेक करू आ ओबि मे चुभल
गेला पर ओ रगड़त आ उज्जरता खबस पड़त आ ओ अिाँ क
ेँ देखत।
9 तखन िन्ना दौबड़ कऽ अपन िेटाक गरदबन पर खबस पड़लीि आ
किलबिन, “िे िमर िेटा, िम अिाँ क
ेँ देद्धख कऽ आि सँ मरिा मे संतुष्ट
छी।” आ दुनू गोटे काबन उिलाि।
10 तोिीत सेिो दरिज्जा बदस िबढ कऽ िोकर खा गेल।
11 ओ अपन बपता क
ेँ पकबड़ लेलक, आ ओ अपन बपताक आँद्धख पर
बपि मारर कऽ किलक, “िे िमर बपता, आशा राखू।”
12 जखन ओकर आँद्धख चकनाचूर िोिय लागल तऽ ओ ओकरा सभ क
ेँ
रगबड़ लेलक।
13 आँद्धखक कोन-कोन सँ उज्जरता चबढ गेलबन।
14 ओ काबन कऽ किलबिन, “िे परमेश् वर, अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक
नाम सदाक लेल र्न्य अबछ। आ र्न्य छबि अिाँक सभ पबवत्र स् वगादू त।
15 अिाँ कोड़ा मारर कऽ िमरा पर दया कऽ रिल छी, बकएक तँ िम
अपन पुत्र टोबियास क
ेँ देखैत छी। ओकर िेटा िँसैत-खुशी जा कऽ अपन
बपता क
ेँ मदी मे भेल िड़का-िड़का घटना सभ सुनौलक।
16 तखन टोिीत परमेश् वरक स्तुबत करैत खुशी-खुशी आ स्तुबत करैत
नीनवेक फाटक पर अपन पुतह सँ भेंट करिाक लेल बनकललाि।
17 मुदा टोबिया हनका सभक समक्ष र्न् यवाद देलबन, बकएक तँ परमेश्
वर हनका पर दया कयलबन। जखन ओ अपन पुतोह सारा लग पहँचलाि
तँ हनका आशीवााद देलबिन जे, “िेटी, अिाँक स्वागत अबछ। हनकर सभ
भाय जे नीनवे मे छलाि, हनका सभ मे खुशी भेलबन।
18 अबचयाचारूस आ ओकर भायक पुत्र नस्बास आबि गेलाि।
19 टोबियाक बववाि सात बदन र्रर िहत िषाक संग भेल।
अध्याय 12
1 तखन टोिीत अपन पुत्र टोबियास क
ेँ िजा कऽ किलबिन, “िे िौआ,
देखू जे ओबि आदमी क
ेँ ओकर मजदू री अबछ जे अिाँक संग गेल छल,
आ अिाँ ओकरा आओर दऽ देि।”
2 टोबिया ओकरा किलबिन, “िे बपता, िम जे बकछु अनने छी ताबि मे सँ
आर्ा ओकरा दऽ देि िमरा लेल कोनो िजा नबि।
3 बकएक तँ ओ िमरा अिाँ लग सुरबक्षत लऽ कऽ आबि गेल छबि आ
िमर पत्नी क
ेँ िीक कऽ देलबन आ पाइ िमरा लेल अनलबन आ तबिना
अिाँ क
ेँ िीक कऽ देलबन।
4 तखन िुढिा किलबिन, “ओकरा उबचत अबछ।”
5 तखन ओ स् वगादू त क
ेँ िजा कऽ किलबिन, “अिाँ सभ जे बकछु अनने
छी ताबि मे सँ आर्ा लऽ कऽ सुरबक्षत चबल जाउ।”
6 तखन ओ दुनू गोटे क
ेँ अलग-अलग कऽ कऽ किलबिन, “परमेश् वर
क
ेँ आशीष करू, हनकर स्तुबत करू आ हनकर मबिमा करू आ हनकर
प्रशंसा करू जे ओ अिाँ सभक संग जे काज क
े ने छबि, सभ जीबवत
लोकक नजरर मे।” परमेश् वरक स्तुबत करि, हनकर नामक उदाि
करि आ परमेश् वरक काज क
ेँ आदरपूवाक प्रगट करि नीक अबछ। तेँ
हनकर प्रशंसा करिा मे बशबिल नबि रहू।
7 राजाक रिस्य क
ेँ समेटि नीक अबछ, मुदा परमेश् वरक काज क
ेँ प्रगट
करि आदरक िात अबछ। नीक काज करू, आ कोनो अर्लाि अिाँ क
ेँ
नबि छु ओत।
8 प्रािाना उपवास आ बभक्षा आ र्माक संग नीक िोइत अबछ। र्माक संग
कबनको अर्माक संग िेसी नीक िोइत छै क। सोना जमा करिा सँ नीक
जे बभक्षा देि।
9 बकएक तँ बभक्षा मृत्यु सँ मुक्त करैत अबछ आ सभ पाप क
ेँ शुि कऽ
देत। जे बभक्षा आ र्ाबमाकताक प्रयोग करैत अबछ, से जीवन सँ भरल
रित।
10 मुदा पाप करऽ वला सभ अपन प्राणक शत्रु अबछ।
11 िम अिाँ सभ सँ बकछु ओ नबि राखि। िम किलहँ, “राजाक रिस्य
क
ेँ नजदीक सँ राखि नीक छल, मुदा परमेश् वरक काज सभ क
ेँ प्रगट
करि गौरवशाली अबछ।”
12 आि जखन अिाँ आ अिाँक पुतह सारा क
ेँ प्रािाना क
े लहँ तँ िम पबवत्र
परमेश् वरक समक्ष अिाँक प्रािानाक स्मरण करौलहँ।
13 जखन अिाँ उबि कऽ अपन भोजन छोबड़ मृत् यु क
ेँ िाँपय मे देरी नबि
क
े लहँ तखन अिाँक नीक काज िमरा सँ नुकायल नबि छल, िल् बक िम
अिाँक संग छलहँ।
14 आि परमेश् वर िमरा अिाँ आ अिाँक पुतह सारा क
ेँ िीक करिाक
लेल पिौलबन अबछ।
15 िम राफ
े ल छी, जे सात पबवत्र स् वगादू त मे सँ एक छी, जे पबवत्र
लोकक प्रािाना प्रस्तुत करैत छी आ पबवत्र परमेश् वरक मबिमाक समक्ष
भीतर-िािर जाइत छी।
16 तखन दुनू गोटे घिरा गेलाि आ मुँि पर खबस पड़लाि, कारण ओ
सभ डरैत छलाि।
17 मुदा यीशु हनका सभ क
ेँ किलबिन, “अिाँ सभ क
ेँ डर नबि, बकएक
तँ अिाँ सभ क
ेँ नीक लागत। तेँ परमेश् वरक स्तुबत करू।
18 िम अपन कोनो अनुग्रि सँ नबि, िल् बक अपन परमेश् वरक इच्छा सँ
आयल छी। तेँ हनकर स्तुबत सदाक लेल करू।
19 एतेक बदन िम अिाँ सभक समक्ष प्रगट भेलहँ। मुदा िम ने खयलहँ
आ ने पीलहँ, मुदा अिाँ सभ एकटा दशान देखलहँ।
20 आि परमेश् वर क
ेँ र्न् यवाद बदअ, बकएक तँ िम जे िमरा पिौलबन,
तकरा लग जा रिल छी। मुदा जे बकछु काज िोइत अबछ से सभटा
बकताि मे बलखू।
21 जखन ओ सभ उिला तँ ओकरा फ
े र नबि देखलक।
22 तखन ओ सभ परमेश् वरक पैघ-पैघ आ अद् भुत काज सभ क
ेँ
स्वीकार कयलबन आ प्रभुक स् वगादू त हनका सभ क
ेँ कोना प्रगट
कयलबन।
अध्याय 13
1 तखन टोिीत िषाक प्रािाना बलद्धख कऽ किलबिन, “ओ परमेश् वर जे
अनन् त काल र्रर जीिैत छबि आ हनकर राज् य क
ेँ र्न्य िोबन।”
2 ओ कोड़ा मारैत अबछ आ दया करैत अबछ, ओ नरक बदस लऽ जाइत
अबछ आ फ
े र सँ लऽ जाइत अबछ।
3 िे इस्राएलक सन्तान सभ, गैर-यहूदी सभक समक्ष हनका स्वीकार
करू, बकएक तँ ओ िमरा सभ क
ेँ हनका सभक िीच बछबड़या देलबन।
4 ओतबि हनकर मिानताक प्रचार करू आ सभ जीबवत लोकक समक्ष
हनकर प्रशंसा करू, बकएक तँ ओ िमरा सभक प्रभु छबि आ ओ िमरा
सभक बपता परमेश् वर छबि।
5 ओ िमरा सभक अर्माक कारणेँ कोड़ा मारत आ फ
े र दया करत आ
िमरा सभ क
ेँ ओबि सभ जाबत मे सँ जमा करत, जकरा िीच ओ िमरा
सभ क
ेँ बततर-बितर कऽ देने छबि।
6 जँ अिाँ सभ अपन पूरा मोन आ पूरा मोन सँ हनका बदस घुरैत छी आ
हनका सामने सोि व्यविार करि तँ ओ अिाँ सभ बदस घुरताि आ अिाँ
सभ सँ अपन मुँि नबि नुकाओत। तेँ देखू जे ओ अिाँ सभक संग की
करत, आ पूरा मुँि सँ हनका स्वीकार करू, आ पराक्रमी प्रभुक स्तुबत
करू आ अनन्त राजाक स्तुबत करू। िम अपन िंदी देश मे हनकर स्तुबत
करैत छी, आ एकटा पापी जाबत क
ेँ हनकर पराक्रम आ मबिमा क
े
घोषणा करैत छी। िे पापी सभ, हनका सामने घुबम कऽ न्याय करू।
7 िम अपन परमेश् वरक स्तुबत करि, आ िमर प्राण स् वगाक राजाक
स्तुबत करत आ हनकर मिानता मे आनद्धन्दत िोयत।
8 सभ लोक िाजबि आ हनकर र्ाबमाकताक लेल सभ हनकर स्तुबत
करबि।
9 िे पबवत्र नगर यरूशलेम, ओ तोिर िच्चा सभक काजक कारणेँ तोरा
कोड़ा मारत आ र्मी लोकक पुत्र सभ पर फ
े र दया करत।
10 प्रभुक स्तुबत करू, कारण ओ नीक छबि, आ अनन्त राजाक स्तुबत
करू, जाबि सँ हनकर तम्बू अिाँ मे फ
े र सँ िषा सँ िनय, आ ओ अिाँ मे
जे िंदी छबि, हनका सभ क
ेँ आनद्धन्दत करबि आ अिाँ मे ओबि सभ क
ेँ
सदाक लेल प्रेम करबि जे दयनीय अबछ।
11 िहतो जाबत दू र-दू र सँ प्रभु परमेश् वरक नाम मे आओत, िाि मे
वरदान, स् वगाक राजा क
ेँ वरदान। सभ पीढी अिाँक प्रशंसा िहत िषाक
संग करत।
12 जे सभ अिाँ सँ घृणा करैत अबछ, से सभ शाबपत अबछ आ जे सभ
अिाँ सँ प्रेम करैत अबछ, से सभ र्न्य िोयत।
13 र्मी लोकक सन् तान सभक लेल आनद्धन्दत रहू आ आनद्धन्दत रहू,
बकएक तँ ओ सभ एक िाम जमा भऽ कऽ र्मी सभक प्रभुक आशीष
देत।
14 िे र्न्य अबछ जे अिाँ सँ प्रेम करैत अबछ, बकएक तँ ओ सभ अिाँक
शाद्धन्त मे आनद्धन्दत िोयत। कारण, जखन ओ सभ अिाँक समस्त मबिमा
क
ेँ देद्धख लेत तखन ओ सभ अिाँक लेल आनद्धन्दत िोयत आ अनन्त काल
र्रर आनद्धन्दत रित।
15 िमर प्राण मिान राजा परमेश् वर क
ेँ आशीवााद देय।
16 यरूशलेम नीलमबण आ पन्ना आ कीमती पािर सँ िनत।
17 यरूशलेमक गली सभ िेररल, कािंकल आ ओफीरक पािर सँ
पक्का िोयत।
18 ओकर सभ गली-गली कित, “अलेलुया!” ओ सभ हनकर स्तुबत कऽ
कऽ कित जे, “र्न्य िोउ जे परमेश् वर एकर स्तुबत अनन् त काल र्रर
करैत छबि।”
अध्याय 14
1 तेँ टोिीत परमेश् वरक स्तुबत करि समाप्त कऽ लेलक।
2 ओ आि वषाक िाद हनकर दृबष्ट चबल गेलबन आ ओ बभक्षा देलबन आ
प्रभु परमेश् वरक भय िबढ गेलाि आ हनकर स्तुबत कयलबन।
3 जखन ओ िहत िूढ भ’ गेलाि तखन ओ अपन िेटा आ िेटाक िेटा
सभ क
ेँ िजा कऽ किलबिन, “िमर िेटा, अपन िच्चा सभ क
ेँ लऽ जाउ।
कारण, देखू, िम िूढ भ’ गेल छी आ एबि जीवन सँ िािर बनकलिाक
लेल तैयार छी।
4 िमर िेटा मीबडया मे जाउ, बकएक तँ िम ओबि िात सभ पर बवश्वास
करैत छी जे योनास प्रवक
् ता नीनवेक बवषय मे किलबन जे ओ उखाबड़
देल जायत। आ बकछु काल र्रर मीबडया मे शाद्धन्त िेसी नीक रित। आ
िमरा सभक भाय सभ ओबि नीक देश सँ पृि् वी पर बछबड़या कऽ पड़ल
रिताि, आ यरूशलेम उजाड़ भऽ जायत आ ओबि मे परमेश् वरक घर
जरर जायत आ बकछु समयक लेल उजाड़ भऽ जायत।
5 फ
े र परमेश् वर हनका सभ पर दया करताि आ हनका सभ क
ेँ फ
े र सँ
ओबि देश मे अनताि, जतय ओ सभ मन् बदर िनौताि, मुदा पबिल मन्
बदर जकाँ नबि, जाित र्रर ओबि युगक समय पूरा नबि भऽ जायत। आ
तकर िाद ओ सभ अपन िंदी मे रिल सभ िाम सँ घुरर कऽ यरूशलेम
क
ेँ गौरवशाली ढंग सँ िनौताि, आ ओबि मे परमेश् वरक मंदर सदाक
लेल एकटा गौरवशाली भवनक संग िनत, जेना भबवष्यवक्ता सभ किने
छबि।
6 सभ जाबत घुबम कऽ प्रभु परमेश् वरक भय सत् य भऽ जायत आ अपन
मूबता सभ क
ेँ गाबड़ देत।
7 एबि तरिेँ सभ जाबत प्रभुक स्तुबत करत आ हनकर लोक परमेश् वर क
ेँ
स्वीकार करत आ प्रभु अपन लोक क
ेँ ऊ
ँ च करताि। जे सभ परमेश् वर
परमेश् वर सँ सत् य आ न्याय सँ प्रेम करैत अबछ, से सभ िमरा सभक
भाय सभ पर दया करैत आनद्धन्दत िोयत।
8 आि, िमर िेटा, नीनवे सँ चबल जाउ, बकएक तँ जे िात योनास प्रवक
्
ताक किने छलाि से अवश्य पूरा िोयत।
9 मुदा अिाँ र्मा-बनयम आ आज्ञा सभक पालन करू आ अपना क
ेँ दयालु
आ र्ाबमाक देखाउ जाबि सँ अिाँ क
ेँ नीक लागय।
10 िमरा आ अपन माय क
ेँ िमरा संग शालीनतापूवाक दफना बदअ। मुदा
आि नीनवे मे नबि रिि। मोन राखू, िमर िेटा, अमन ओकरा पालन-
पोषण करय िला अबचयाचरस क
ेँ कोना सम्हारलबन, कोना इजोत सँ
ओकरा अन्हार मे अनलबन, आ कोना ओकरा फ
े र सँ इनाम देलबन, तइयो
अबचयाचरस क
ेँ उिार भेलबन, मुदा दोसर क
ेँ ओकर इनाम भेटलबन,
कारण ओ अन्हार मे उतरर गेलाि। मनसस बभक्षा देलक आ ओ सभ
मृत्युक जाल सँ िबच गेल जे ओ सभ ओकरा लेल राद्धख देने छल।
11 तेँ िे िेटा, आि बवचार करू जे बभक्षा की करैत अबछ आ र्ाबमाकता
कोना उिार करैत अबछ। ई िात कबि कऽ ओ एक सय अिपचास
वषाक भऽ कऽ ओछाओन पर िैसल भूत क
ेँ छोबड़ देलबन। आ हनका
आदरपूवाक दफना देलबन।
12 जखन हनकर माय अन्ना मरर गेलीि तखन ओ हनका अपन बपताक
संग दफना देलबन। मुदा टोबिया अपन पत्नी आ िच्चा सभक संग
एकिताने अपन ससुर रगुएल लग बवदा भेलाि।
13 ओतऽ ओ आदरक संग िूढ भऽ गेलाि आ अपन बपता आ सासु क
ेँ
आदरपूवाक दफना देलबन आ हनका सभक सम्पबि आ अपन बपता
टोिीटक सम्पबि हनका सभक उिराबर्कार मे भेटलबन।
14 ओ एक सय सात िीस वषाक उम्र मे मीबडयाक एकिताने मे मरर
गेलाि।
15 मुदा मरिासँ पबिने ओ निूकोदोनोसोर आ अस्सुरोस द्वारा नीनवेक
बवनाशक िात सुनलबन।

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  • 2. अध्याय 1 1 टोबिएलक पुत्र, अननीएलक पुत्र, अदुएलक पुत्र, गिाएलक पुत्र, असएलक वंशज आ नेफ्तली गोत्रक पुत्र टोिीटक वचनक पुस्तक। 2 अश्शूरक राजा एनेमेसरक समय मे ओ बिस्बे सँ िंदी िनाओल गेल छल, जे ओबि नगरक दबिना कात अबछ, जकरा गलील मे आसेर सँ ऊपर नेफ्िाली किल जाइत अबछ। 3 िम तोिीत अपन जीवन भरर सत् य आ न्यायक िाट पर चलैत रिलहँ अबछ आ अपन भाय सभ आ िमर जाबत, जे िमरा संग नीनवे, अश्शूरक देश मे आयल छल, हनका सभक लेल िहत रास बभक्षा क े लहँ। 4 जखन िम अपन देश, इस्राएल देश मे छोट छलहँ, तखन िमर बपता नेफ्तालीक समस्त गोत्र यरूशलेमक घर सँ खबस पड़ल, जे इस्राएलक सभ गोत्र मे सँ चुनल गेल छल, जाबि सँ सभ गोत्र िबल चढािय ओतय, जतय परमात्मा क े बनवास क े मंबदर क े पबवत्र कयल गेल छल आ सि युग क े लेल िनल छल | 5 जे सभ गोत्र एक संग बवद्रोि क े लक आ िमर बपता नेफ्तालीक घराना िाल िछड़ीक िबलदान देलक। 6 मुदा िम असगरे िेर-िेर पािबन मे यरूशलेम जाइत छलहँ, जेना बक सभ इस्राएलक लोक क ेँ अनन्त फरमान द्वारा बनर्ााररत कयल गेल छल, जाबि मे पबिल फल आ दसम भागक वृद्धि छल, जे पबिने काटल गेल छल। िम वेदी पर िारूनक सन् तान सभ पुरोबित सभ क ेँ दऽ देबलयबन। 7 िम सभ उपजाक पबिल दसम भाग िम िारूनक पुत्र सभ क ेँ देबलयैक जे यरूशलेम मे सेवा करैत छलाि, आ दसम भाग िम िेबच कऽ िर साल यरूशलेम मे बितािैत छलहँ। 8 तेसर िम ओकरा सभ क ेँ देबलयैक, जेना िमर बपताक माय डेिोरा िमरा आज्ञा देने छलीि, कारण िमर बपता िमरा अनाि छोबड़ देलबन। 9 संगबि जखन िम पुरुखक उम्र मे पहँचलहँ तँ िम अपन पररजन िन्ना सँ बववाि कऽ लेलहँ आ हनका सँ िम टोबियासक जनम लेलहँ। 10 जखन िमरा सभ क ेँ िंदी िना कऽ नीनवे लऽ गेलहँ तँ िमर सभ भाय आ िमर पररजन गैर-यहूदी सभक रोटी खा गेलाि। 11 मुदा िम अपना क ेँ भोजन करिा सँ िचा लेलहँ। 12 बकएक तँ िम परमेश् वरक स्मरण पूरा मोन सँ करैत छलहँ। 13 परम परमेश् वर िमरा एनेमेसरक समक्ष क ृ पा आ अनुग्रि देलबन, जाबि सँ िम हनकर प्रदाता िबन गेलहँ। 14 िम मीबडया मे गेलहँ आ गिररयाक भाय गिाएलक संग मेबदयाक एक नगर मे दस टोला चानीक भण्डार मे छोबड़ गेलहँ। 15 जखन एनेमेसर मरर गेलाि तखन हनकर पुत्र सन्नािेरीि हनकर जगि पर राज क े लबन। जकर सम्पबि परेशान छल, जे िम मीबडया मे नबि जा सकलहँ। 16 एनेमेसरक समय मे िम अपन भाय सभ क ेँ िहत रास बभक्षा देलहँ आ भूखल लोक सभ क ेँ अपन रोटी देबलयैक। 17 िमर वस्त्र नंगटे सभक लेल, आ जँ िम अपन जाबत मे सँ बकयो मृत देखलहँ वा नीनवेक देिाल मे फ े कल गेलहँ तँ ओकरा गाबड़ देलहँ। 18 राजा सनिेरीि जखन बकनको मारर देने रबितबि आ यहूबदया सँ भाबग गेल रबितबि तँ िम ओकरा सभ क ेँ गुप्त रूप सँ गाबड़ देबलयबन। कारण, अपन क्रोर् मे ओ िहतो क ेँ मारर देलक। मुदा राजाक खोज मे लाश नबि भेटल। 19 जखन नीनवी मे सँ एक गोटे जा कऽ राजा लग िमरा सँ बशकायत कयलबन जे िम हनका सभ क ेँ गाबड़ कऽ नुका गेलहँ। ई िुबि जे िमरा मारर देिाक लेल खोजल गेल अबछ, िम डर सँ अपना क ेँ वापस ल' लेलहँ। 20 तखन िमर सभटा सम् पबि जिरदस्ती छीन लेल गेल, आ ने िमर पत्नी िन्ना आ िमर िेटा टोबियास छोबड़ िमरा लेल बकछु नबि िचल। 21 पाँच पचास बदन नबि िीतल जे हनकर दू टा िेटा हनका मारर देलकबन आ ओ सभ अररातक पिाड़ बदस भाबग गेलाि। हनकर पुत्र सरक े डोनस हनकर जगि पर राज क े लबन। जे अपन बपताक बिसाि-बकताि आ ओकर सभ काज पर िमर भाय अनाएलक पुत्र अबचयाचरस क ेँ बनयुक्त कयलबन। 22 अबचयाचारस िमरा लेल बवनती करैत िम नीनवे घुरर गेलहँ। अबचयाचारस मद्यपान करऽ वला, बचन्हारक रखवाला, भंडारी आ बिसाि-बकतािक देखरेख करऽ िला छल। अध्याय 2 1 जखन िम फ े र घर आबि गेलहँ आ िमर पत्नी िन्ना िमरा पुत्र टोबियासक संग पेन्टेकोस्टक पािबन मे, जे सात सप्तािक पबवत्र पािबन अबछ, तखन िमरा लेल एकटा नीक भोजन तैयार कयल गेल छल, जाबि मे िम खाइले िैबस गेलहँ। 2 जखन िम प्रचुर मात्रा मे भोजन देखलहँ तँ िम अपन िेटा क ेँ किबलयबन, “जाउ, िमरा सभक भाय सभ मे सँ जे गरीि आदमी भेटत, जे प्रभु परमेश् वरक मनन करैत अबछ। आ देखू, िम अिाँक लेल बटक ै त छी। 3 मुदा ओ फ े र आबि कऽ किलबिन, “िे बपता, िमरा सभक एकटा जाबत मे सँ एक गोटेक गला दिा कऽ िजार मे फ े बक देल गेल अबछ।” 4 तखन िम कोनो मांसक स्वाद लेिा सँ पबिने उबि कऽ ओकरा एकटा कोिली मे ल’ गेलहँ जाित र्रर सूयाास्त नबि भ’ गेल। 5 तखन िम घुरर कऽ र्ोआ कऽ अपन मांस भारी भऽ कऽ खा गेलहँ। 6 आमोसक ओबि भबवष्यवाणी क ेँ मोन पाड़ैत जेना ओ किने छलाि, “अिाँ सभक भोज शोक मे िदबल जायत आ अिाँक सभटा आनन्द बवलाप मे िदबल जायत।” 7 तेँ िम कानलहँ, आ सूयाास्तक िाद िम जा कऽ कब्र िना कऽ हनका गाबड़ देबलयबन। 8 मुदा िमर पड़ोसी सभ िमरा पर मजाक उड़िैत किलक, “ई आदमी एखन र्रर एबि िातक कारणेँ मारल जाय सँ नबि डेरा रिल अबछ। तइयो देखू, ओ मृत् यु क ेँ फ े र सँ गाबड़ दैत छबि। 9 ओिी राबत िम दफन कऽ कऽ घुरलहँ आ अपन आँगनक देिाल लग सुबत गेलहँ। 10 िम ई नबि जनैत छलहँ जे देिाल मे गौरैया सभ अबछ आ िमर आँद्धख खुजल अबछ, गौरैया सभ िमर आँद्धख मे गरम गोिर क ेँ मंद कऽ देलक आ आँद्धख मे उज्जरता आबि गेल अबचयाचरस िमरा पोषण जरूर क े लक, जाित िम एबलमैस मे नबि गेलहँ। 11 िमर पत्नी अन्ना स् त्रीगणक काज कऽ लेलक। 12 जखन ओ ओकरा सभ क ेँ माबलक सभ लग घर पिा देलबिन, तखन ओ सभ हनका मजदू री दऽ देलबिन आ एकटा िछड़ाक अबतररक्त हनका सभ क ेँ सेिो दऽ देलबिन। 13 जखन ओ िमरा घर मे आबि कऽ कानय लगलहँ तँ िम ओकरा किबलयबन, “ई िच्ची कतऽ सँ आयल अबछ?” चोरी नबि भेल अबछ? माबलक सभक ेँ सौंपि; कारण, चोरी भेल कोनो वस्तु क ेँ खायि उबचत नबि अबछ। 14 मुदा ओ िमरा पर उिर देलबिन, “मजदू री सँ िेसी उपिार मे देल गेल अबछ।” मुदा िम ओकरा पर बवश्वास नबि क े लहँ, मुदा ओकरा माबलक सभ क ेँ सौंपिाक आज्ञा देबलयबन, आ िम ओकरा पर लद्धज्जत भ' गेलहँ। मुदा ओ िमरा पर उिर देलबिन, “अिाँक बभक्षा आ र्माकमा कतय अबछ?” देखू, अिाँ आ अिाँक सभ काज ज्ञात अबछ। अध्याय 3 1 तखन िम दुखी भऽ कऽ कानलहँ आ दुुः ख मे प्रािाना कऽ कऽ प्रािाना क े लहँ। 2 िे प्रभु, अिाँ र्मी छी, आ अिाँक सभ काज आ अिाँक सभ मागा दया आ सत्य अबछ, आ अिाँ सदा-सत्य आ न्यायपूवाक न्याय करैत छी। 3 िमरा मोन पाड़ू आ िमरा बदस देखू, िमर पाप आ अज्ञानता आ िमर पूवाज सभक पापक कारणेँ िमरा दंड नबि बदअ जे अिाँक समक्ष पाप क े ने छबि। 4 बकएक तँ ओ सभ अिाँक आज्ञाक पालन नबि क े लक, तेँ अिाँ िमरा सभ क ेँ लूटिाक लेल, िंदी मे आ मृत्युक लेल आ ओबि सभ जाबत सभक लेल अपमानक फकड़ाक लेल सौंबप देबलयैक। 5 आि अिाँक न्याय िहत आ सत्य अबछ, िमरा संग िमर पाप आ िमर पूवाजक पाप जकाँ व्यविार करू। 6 आि िमरा संग जेना नीक लागय, से करू आ िमरा सँ िमर आत् मा छीनिाक आज्ञा बदअ जाबि सँ िम भंग भऽ कऽ पृि् वी िबन सकि, बकएक तँ िमरा लेल जीबवत रििा सँ िेसी मरि लाभक अबछ, बकएक तँ
  • 3. िम िूि सुनलहँ डाँटैत छी आ िहत दुखी िोइत छी, तेँ आज्ञा बदअ जे आि िम एबि बवपबि सँ मुक्त भऽ अनन्त स्थान मे जाइ। 7 ओिी बदन एकिताने मे मीबडयाक एकटा नगर मे रागुएलक िेटी सारा क ेँ सेिो ओकर बपताक दासी सभ द्वारा बनन्दा कयल गेलबन। 8 बकएक तँ हनकर बववाि सातटा पबत सँ भऽ गेल छलबन, बजनका अस्मोदीयस दुष्टात्मा हनका संग सुतिा सँ पबिने मारर देने छलबन। ओ सभ किलक जे, की तोरा नबि िुिल अबछ जे अिाँ अपन पबतक गला रेतने छी? अिाँक सातटा पबत पबिने सँ अबछ, आ ने अिाँक नाम हनका सभ मे सँ ककरो नाम पर राखल गेल छल। 9 अिाँ ओकरा सभक लेल िमरा सभ क ेँ बकएक मारर देलहँ? जँ ओ सभ मरर गेल छबि तँ हनका सभक पाछाँ लाबग जाउ, िम सभ अिाँक ेँ कबियो िेटा-िेटी नबि देखि। 10 ई िात सुबन ओ िहत दुखी भऽ गेलीि जे ओ अपना क ेँ गला दिा कऽ मारर लेलबन। ओ िजलीि, “िम अपन बपताक एकलौती िेटी छी, आ जँ िम ई काज करि तँ हनका लेल ई अपमान िोयत आ िम हनकर िुढापा क ेँ दुखक संग बचता मे पहँचा देिबन।” 11 तखन ओ द्धखड़की बदस प्रािाना करैत िजलीि, “िे िमर परमेश् वर, अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक पबवत्र आ गौरवशाली नाम सदाक लेल र्न्य आ सम्मानजनक अबछ। 12 आि िे प्रभु, िम अपन नजरर आ मुँि अिाँ बदस राद्धख रिल छी। 13 ओ कहू जे, “िमरा पृि् वी पर सँ बनकाबल बदअ, जाबि सँ िम आि ओ अपमान नबि सुनि।” 14 िे प्रभु, अिाँ जनैत छी जे िम मनुष् य सभक संग सभ पाप सँ शुि छी। “ हनकर जीबवत, जकरा लेल िम अपना क ेँ पत्नीक रूप मे राद्धख सक ै त छी। आ िम बकएक जीि? मुदा जँ अिाँ क ेँ नबि नीक लागय जे िम मरर जायि, तँ िमरा पर बकछु ध्यान देिाक आ िमरा पर दया करिाक आज्ञा बदयौक, जाबि सँ िम आि कोनो बनन्दा नबि सुनि।” 16 तखन दुनू गोटेक प्रािाना मिान परमेश् वरक मबिमाक समक्ष सुनल गेल। 17 राफ े ल क ेँ दुनू गोटे क ेँ िीक करिाक लेल पिाओल गेलबन, अिाात् टोबिटक आँद्धखक उज्जरता क ेँ दू र करिाक लेल आ रागुएलक िेटी सारा क ेँ टोबिटक पुत्र टोबिया क ेँ पत्नीक रूप मे देिाक लेल। आ अस्मोबडयस क ेँ दुष्टात्मा क ेँ िाद्धन्ह देिाक लेल। कारण ओ उिराबर्कारक अबर्कार सँ टोबियाक छल। ओिी समय टोिीत घर आबि गेलाि आ हनकर घर मे प्रवेश कयलबन आ रागुएलक िेटी सारा अपन ऊपरका कोिली सँ उतरर गेलीि। अध्याय 4 1 ओबि बदन टोबित क ेँ ओ पाइ मोन पड़लबन जे ओ मीबडयाक क्रोर् मे गिाएल क ेँ सौंपने छलाि। 2 ओ मने-मन किलबिन, “िमरा मृत्युक इच्छा अबछ। िम अपन पुत्र टोबियास क ेँ बकएक नबि िजािैत छी जे िम मरिा सँ पबिने ओकरा पाइक संक े त दऽ सकि? 3 ओ हनका िजा कऽ किलबिन, “िमर िेटा, जखन िम मरर जायि तखन िमरा गाबड़ बदअ। आ अपन माय क ेँ बतरस्कार नबि करू, िल् बक जीवन भरर हनकर आदर करू आ जे हनका नीक लागत से करू आ हनका दुखी नबि करू। 4 िे िमर िेटा, मोन राखू जे जखन अिाँ अपन पेट मे छलहँ तखन ओ अिाँक लेल िहत रास खतरा देखने छलीि, आ जखन ओ मरर गेलीि तखन हनका िमरा लग एकटा कब्र मे गाबड़ बदयौक। 5 िमर िेटा, अपन भरर बदन िमरा सभक परमेश् वर परमेश् वरक प्रबत र्् यान राखू, आ अपन इच्छा क ेँ पाप करिाक वा हनकर आज्ञाक उल्लंघन नबि करिाक चािी। 6 जँ अिाँ सत् य काज करि तँ अिाँक काज अिाँ आ न्यायपूवाक जीिैत सभ लोकक लेल सफल िोयत। 7 अपन सम्पबि सँ बभक्षा बदअ। जखन अिाँ बभक्षा देि तखन अिाँक नजरर मे ईष्याा नबि िो आ ने कोनो गरीि सँ मुँि घुमाउ आ परमेश् वरक मुँि अिाँ सँ नबि भंग िोयत। 8 जँ अिाँ लग प्रचुरता अबछ तँ तदनुसार बभक्षा बदअ। 9 अिाँ आवश्यकताक बदन अपना लेल नीक भंडार जमा करैत छी। 10 बकएक तँ बभक्षा मृत्यु सँ मुक्त करैत अबछ आ अन्हार मे नबि आिय दैत अबछ। 11 बकएक तँ परमेश् वरक नजरर मे बभक्षा देबनिार सभ क ेँ नीक वरदान अबछ। 12 िे िौआ, सभ वेश्यावृबि सँ सावर्ान रहू, आ मुख्यतुः अपन पूवाजक वंशज मे सँ एकटा पत्नी िनाउ आ कोनो परदेशी स् त्री क ेँ नबि बलअि, जे अिाँक बपताक गोत्र मे नबि अबछ, बकएक तँ िम सभ प्रवक ् ता सभक संतान छी, नोि, अब्रािम , इसिाक आ याक ू ि: िमर िेटा, मोन राखू जे िमरा सभक पूवाज सभ शुरूए सँ ई सभ अपन-अपन जाबत सँ बववाि कएने छलाि, आ अपन संतान मे आशीवााबदत छलाि, आ हनकर वंशज एबि देशक उिराबर्कारी िनत। 13 तेँ िे िौआ, अपन भाय सभ सँ प्रेम करू आ अपन भाय सभ क ेँ , अपन प्रजाक पुत्र-िेटी सभ क ेँ अपन मन मे बतरस्क ृ त नबि करू, कारण जे घमंड मे बवनाश आ िहत रास कष्ट आ अश्लीलता मे क्षय िोइत छै क आ िहत अभाव, बकएक तँ अश्लीलता अकालक जननी बिक। 14 जे क े ओ अिाँक लेल काज क े ने अबछ, ओकर मजदू री तोरा संग नबि रिय, िल् बक ओकरा िाि सँ दऽ बदयौक, बकएक तँ जँ अिाँ परमेश् वरक सेवा करि तँ ओ अिाँ क ेँ सेिो िदला देत। आ अपन सभ गप्प- सप्प मे िुद्धिमान िनू। 15 जकरा अिाँ घृणा करैत छी से ककरो संग नबि करू। 16 अपन रोटी मे सँ बकछु भूखल क ेँ बदअ आ अपन वस्त्र मे सँ नंगटे लोक क ेँ बदअ। अपन प्रचुरताक अनुसार बभक्षा बदअ, आ जखन अिाँ बभक्षा दैत छी तखन अिाँक आँद्धख क ेँ ईष्याा नबि िोअय।” 17 र्मी लोकक दफन पर अपन रोटी उिबल बदयौक, मुदा दुष्ट क ेँ बकछु नबि बदयौक। 18 सभ िुद्धिमान सभ सँ सलाि माँगू, आ कोनो लाभदायक सलाि क ेँ बतरस्कार नबि करू। 19 अपन परमेश् वर परमेश् वर क ेँ सबदखन आशीष करू आ हनका सँ इच् छा करू जे अिाँक िाट िीक िो आ अिाँक सभ िाट आ बवश् वास नीक िो। मुदा प्रभु स्वयं सभ नीक वस्तु दैत छबि, आ जकरा चािै छबि, तकरा नम्र करैत छबि। तेँ आि, िमर िौआ, िमर आज्ञा सभ क ेँ मोन राखू, आ ने ओकरा सभ क ेँ अपन मोन सँ िटाओल जाय।” 20 आि िम हनका सभ क ेँ ई िात िुिा रिल छी जे िम मीबडया मे रेगेस मे गिररयाक पुत्र गिाएल क ेँ दस टोला सौंबप देबलयैक। 21 िे िौआ, एबि िात सँ नबि डेराउ जे िम सभ गरीि भऽ गेलहँ, बकएक तँ अिाँ परमेश् वर सँ डेरा कऽ सभ पाप सँ िबट कऽ हनकर नजरर मे जे नीक लागय, से करि तँ अिाँ लग िहत सम् पबि अबछ। अध्याय 5 1 तोबियास उिर देलबिन, “बपता, अिाँ जे आज्ञा देने छी, िम सभ काज करि। 2 मुदा िम हनका नबि बचन्हैत छी, िम पाइ कोना पाबि सकि? 3 तखन ओ ओकरा िािक लेख दऽ कऽ किलबिन, “िम जीिैत काल तोरा संग जािऽ वला आदमी ताबक बलअ, आ िम ओकरा मजदू री दऽ देि।” 4 यीशु जखन एक आदमी क ेँ ताकय गेलाि तँ हनका राफ े ल भेटलबन जे एकटा स् वगादू त छलाि। 5 मुदा ओ नबि जनैत छलाि। ओ ओकरा किलबिन, “की अिाँ िमरा संग रेगेस जा सक ै त छी?” की अिाँ ओबि स्थान सभ क ेँ नीक जकाँ जनैत छी? 6 स् वगादू त हनका किलबिन, “िम अिाँक संग जायि आ िाट नीक जकाँ जनैत छी। 7 तखन टोबिया हनका किलबिन, “जाित र्रर िम अपन बपता क ेँ नबि कबि देि, ताित र्रर िमरा लेल रहू।” 8 तखन ओ हनका किलबिन, “जाउ आ रुक ू नबि।” तखन ओ भीतर जा कऽ अपन बपता क ेँ किलबिन, “देखू, िमरा एकटा एिन भेटल अबछ जे िमरा संग चलत।” तखन ओ किलबिन, “ओकरा िमरा लग िजाउ, जाबि सँ िम ई जाबन सकि जे ओ कोन गोत्रक छबि आ अिाँक संग जेिाक लेल ओ भरोसेमंद लोक छबि वा नबि।”
  • 4. 9 ओ हनका िजौलबन आ ओ भीतर आबि गेलाि आ ओ सभ एक-दोसर क ेँ प्रणाम कयलबन। 10 तखन टोिीत हनका किलबिन, “भाई, िमरा ई देखा बदअ जे अिाँ कोन गोत्र आ कोन वंशक छी।” 11 ओ ओकरा सभ क ेँ किलबिन, “की अिाँ अपन िेटाक संग जेिाक लेल कोनो गोत्र वा क ु टुम्ब वा भाड़ाक लोकक खोज मे छी?” तखन टोिीत हनका किलबिन, “िे भाइ, िम अिाँक पररजन आ नाम जाबन चािैत छी।” 12 तखन ओ किलबिन, “िम अजररया छी, जे मिान अनबनया आ अिाँक भाय सभक पुत्र छी।” 13 तखन टोिीत किलबिन, “भैया, अिाँक स्वागत अबछ। आि िमरा पर क्रोर् नबि करू, कारण िम अिाँक गोत्र आ अिाँक पररवार क ेँ जानिाक लेल पूछने छी। कारण, अिाँ िमर भाय छी, जे ईमानदार आ नीक वंशक छी, बकएक तँ िम सभ ओबि मिान समैयाक पुत्र अनबनया आ योनािा क ेँ जनैत छी, जखन िम सभ एक संग यरूशलेम आरार्ना करिाक लेल गेल रिी आ जेि िच्चा आ फलक दसम भाग चढा देलहँ। ओ सभ िमरा सभक भाइ सभक गलती सँ नबि ििकाओल गेल। 14 मुदा िमरा कहू जे िम अिाँ क ेँ कोन मजदू री देि? की अिाँ एक बदन मे एक डर ाकम आ आवश्यक वस्तु चािैत छी जेना िमर अपन िेटाक लेल? 15 मुदा, जँ अिाँ सभ सुरबक्षत घुरर जायि तँ िम अिाँक मजदू री मे बकछु जोबड़ देि। 16 तेँ ओ सभ प्रसन्न भेलाि। तखन ओ टोबियास क ेँ किलबिन, “यात्राक लेल अपना क ेँ तैयार करू, तखन परमेश् वर अिाँ क ेँ नीक यात्रा पिा देबिन।” जखन ओकर िेटा यात्राक लेल सभ बकछु तैयार कऽ लेलक तँ ओकर बपता किलबिन, “अिाँ एबि आदमीक संग जाउ आ स्वगा मे रिबनिार परमेश् वर अिाँक यात्रा क ेँ सफल िनाउ आ परमेश् वरक स् वगादू त अिाँ सभक संग रिबि।” तेँ दुनू गोटे आगू िबढ गेलाि, आ युवकक क ु क ु र सेिो हनका सभक संग। 17 मुदा ओकर माय िन्ना काबन कऽ टोबिट क ेँ किलबिन, “अिाँ िमरा सभक िेटा क ेँ बकएक बवदा कऽ देलहँ?” की ओ िमरा सभक िािक लािी नबि छबि, जे िमरा सभ सँ पबिने भीतर-िािर बनकलैत छबि? 18 पाइ मे पाइ जोड़िाक लोभ नबि करू, िल् बक ई िमरा सभक िच्चाक आदर मे कचरा जकाँ िो। 19 बकएक तँ प्रभु जे िमरा सभ क ेँ जीिाक लेल देने छबि, से िमरा सभ क ेँ पयााप्त अबछ। 20 तखन टोिीत ओकरा किलबिन, “िे िमर िबिन, कोनो परवाि नबि करू। ओ सुरबक्षत घुरर कऽ आओत आ तोिर आँद्धख ओकरा देखत।” 21 बकएक तँ नीक स् वगादू त हनका संग राखत आ हनकर यात्रा सम्पन्न िोयत आ ओ सुरबक्षत घुरर कऽ आओत। 22 तखन ओ कानि समाप्त कऽ लेलबन। अध्याय 6 1 ओ सभ यात्रा करैत काल साँि मे टाइबग्रस नदी पर पहँबच गेलाि आ ओतबि ििरलाि। 2 जखन युवक निाए लेल उतरलाि तँ नदीसँ माछ उछबल कऽ ओकरा खाए चािैत छल। 3 तखन स् वगादू त हनका किलबिन, “माछ लऽ बलअ।” युवक माछ पकबड़ कऽ जमीन पर खींच लेलक। 4 स् वगादू त हनका किलबिन, “माछ खोबल कऽ हृदय आ यक ृ त आ बपि लऽ कऽ सुरबक्षत राद्धख बदयौक।” 5 तखन ओ युवक स् वगादू तक आज्ञानुसार कयलक। माछ भुबज कऽ ओ सभ ओकरा खा लेलक, तखन दुनू गोटे एकिटानेक नजदीक नबि पहँबच गेल। 6 तखन ओ युवक स् वगादू त क ेँ किलकबन, “अजररया भाय, माछक हृदय, यक ृ त आ गला क ेँ कोन काज? 7 ओ हनका किलबिन, “हृदय आ यक ृ त क ेँ छ ू बि कऽ जँ कोनो दुष् टात् मा ककरो परेशान करैत अबछ तँ िमरा सभ क ेँ ओबि पुरुष वा स् त्रीक समक्ष एकर र्ुँआ उड़ािऽ पड़त, आ ओबि दल क ेँ आि कोनो परेशानी नबि िोयत।” 8 बपिक िात तँ नीक अबछ जे जकरा आँद्धख मे उज्जरता अबछ तकरा अबभषेक कयल जाय, तखन ओ िीक भऽ जायत। 9 ओ सभ रगेसक लग पहँचलाि। 10 स् वगादू त युवक क ेँ किलबिन, “भैया, आइ िम सभ रगुएल लग रिि, जे अिाँक बपबतयौत भाइ छबि। हनका एकटा एकमात्र िेटी सेिो छबन, जकर नाम सारा छलबन। िम ओकरा लेल िाजि, जाबि सँ ओ अिाँ क ेँ पत्नीक िदला मे देल जाय।” 11 बकएक तँ ओकर अबर्कार तोरे अबछ, बकएक तँ अिाँ मात्र ओकर पररजन छी। 12 दासी गोरी आ िुद्धिमान अबछ, तेँ आि िमर िात सुनू, िम ओकर बपता सँ गप्प करि। आ जखन िम सभ रेगेस सँ घुरि तखन िम सभ बववािक उत्सव मनाएि, कारण िम जनैत छी जे रगुएल मूसाक बनयमक अनुसार ओकरा दोसर सँ बववाि नबि क' सक ै त अबछ, मुदा ओ मृत्युक दोषी िोयत, कारण उिराबर्कारक अबर्कार कोनो सँ िेसी तोरा पर बनभार करैत अबछ दोसर. 13 तखन ओ युवक स् वगादू त क ेँ उिर देलबिन, “अजररया भाइ, िम सुनलहँ जे ई दासी सात आदमी क ेँ देल गेल अबछ, जे सभ बववाि कोिली मे मरर गेल।” 14 आि िम अपन बपताक एकलौता िेटा छी, आ डरैत छी जे जँ िम हनका लग जायि तँ पबिने दोसर जकाँ मरर जायि ओकर; तेँ िमहूँ डरैत छी जे किीं िम मरर नबि जाइ आ िमरा कारणेँ अपन बपता आ मायक जान दुखी भ’ क’ बचता मे नबि पहँचा सकि। 15 तखन स् वगादू त हनका किलबिन, “की अिाँ क ेँ ओ उपदेश नबि मोन पड़ैत अबछ जे अिाँक बपता अिाँ क ेँ देने छलाि जे अिाँ अपन पररवारक पत्नी सँ बववाि करी?” तेँ िे िमर भाइ, िमर िात सुनू। कारण, ओ अिाँ क ेँ पत्नीक रूप मे देल जायत। आ दुष्टात्माक कोनो बिसाि नबि करू। कारण, ओिी राबत ओ अिाँक बववाि मे देल जेतीि।” 16 जखन अिाँ बववािक कोिली मे आबि जायि तखन सुगन्धक राख लऽ कऽ माछक हृदय आ यक ृ त मे सँ बकछु भाग ओकरा सभ पर राद्धख कऽ र्ुँआ उड़ा देि। 17 शैतान एकर गंर् सुबन कऽ भाबग जायत आ फ े र कबियो नबि आओत, मुदा जखन अिाँ ओकरा लग आबि जायि तखन अिाँ दुनू गोटे उबि कऽ परमेश् वर सँ प्रािाना करू जे दयालु परमेश् वर सँ प्रािाना करताि जे अिाँ सभ पर दया करत आ उिार करताि अिाँ: डेराउ नबि, बकएक तँ ओ अिाँक लेल शुरूए सँ बनयुक्त छबि। अिाँ ओकरा िचाउ, आ ओ अिाँक संग चबल जेतीि।” तहूमे िमरा िुिने ओ अिाँक ेँ संतान पैदा करतीि। जखन टोबिया ई सभ िात सुबन कऽ ओकरा सँ प्रेम क े लक आ ओकर मोन ओकरा संग प्रभावी ढंग सँ जुबड़ गेलै। CHAPTER 7 1 एकिताने पहँचला पर ओ सभ रगुएलक घर पहँचलाि आ सारा हनका सभ सँ भेंट क े लबन। 2 तखन रगुएल अपन पत्नी एडना क ेँ किलबिन, “ई युवक िमर बपबतयौत भाइ टोबिट सँ क े िन अबछ! 3 रगुएल हनका सभ सँ पुछलबिन, “िे भाइ लोकबन, अिाँ सभ कतऽ सँ छी?” ओ सभ हनका सभ क ेँ किलबिन, “िम सभ नेफ्तलीमक पुत्र मे सँ छी जे नीनवे मे िंदी छी।” 4 तखन ओ हनका सभ क ेँ पुछलबिन, “की अिाँ सभ िमरा सभक ररश्तेदार टोिीत क ेँ बचन्हैत छी?” ओ सभ किलबिन, “िम सभ ओकरा बचन्हैत छी।” तखन ओ किलबिन, “की हनकर स्वास्थ्य नीक अबछ? 5 ओ सभ किलबिन, “ओ जीबवत छबि आ स्वस्थ छबि।” 6 तखन रगुएल उछबल कऽ चुम्मा लेलक आ कानय लागल। 7 ओ हनका आशीष दऽ कऽ किलबिन, “अिाँ ईमानदार आ नीक लोकक पुत्र छी।” मुदा जखन ओ सुबन कऽ जे टोबिट आन्हर अबछ तँ ओ दुखी भऽ कऽ काबन रिल छल। 8 तबिना हनकर पत्नी एडना आ हनकर िेटी सारा कानैत छलीि। ततिे नबि, ओ सभ िँसैत-िँसैत मनोरंजन करैत छलाि; ओ सभ भेँड़ाक मेढा क ेँ मारर कऽ टेिुल पर मांसक भंडार राद्धख देलक। तखन टोबिया राफ े ल क ेँ किलबिन, “अजररया भाय, जे िात अिाँ िाट मे किलहँ, तकरा िात करू, आ ई काज छोबड़ देल जाय।”
  • 5. 9 तखन ओ रगुएल क ेँ एबि िातक सूचना देलबिन, तखन रगुएल टोबिया क ेँ किलबिन, “खाउ-पीबि कऽ मस्त रहू। 10 बकएक तँ अिाँ िमर िेटीक बववाि करि उबचत अबछ। 11 िम अपन िेटी क ेँ सात आदमी सँ बववाि कऽ देलहँ, जे ओबि राबत मे मरर गेलाि, मुदा एखन र्रर आनद्धन्दत रहू। मुदा टोबिया किलबिन, जाित र्रर िम सभ सिमत नबि भ' एक-दोसरक कसम नबि खायि ता र्रर िम एतय बकछु नबि खाएि। 12 रगुएल किलबिन, “तखन आि सँ ओकरा ओबि तरिेँ ल’ बलअ, बकएक तँ अिाँ ओकर बपबतयौत िबिन छी, आ ओ तोिर छी, आ दयालु परमेश् वर अिाँ क ेँ सभ काज मे नीक सफलता दैत छबि।” 13 तखन ओ अपन िेटी सारा क ेँ िजौलबन आ ओ अपन बपता लग आबि गेलाि आ ओ ओकरा िाि पकबड़ कऽ टोबियाक पत्नी िनेलबन आ किलबिन, “देखू, ओकरा मूसाक बनयमक अनुसार लऽ जाउ आ ओकरा अपन लग लऽ जाउ।” िािू. ओ हनका सभ क ेँ आशीवााद देलबिन। 14 ओ एडना क ेँ अपन स् त्री क ेँ िजा कऽ कागज लऽ कऽ एकटा वाचा- पत्र बलद्धख कऽ ओकरा पर मोिर लगा देलक। 15 तखन ओ सभ भोजन करऽ लगलाि। 16 रगुएल अपन पत्नी एडना क ेँ िजा कऽ किलबिन, “िबिन, एकटा आओर कोिली तैयार कऽ कऽ ओकरा ओतऽ आबन बदयौक।” 17 ओ अपन आज्ञाक अनुसार काज कऽ कऽ ओतऽ लऽ गेलीि। 18 िे िमर िेटी, नीक सान्त्वना राखू। स्वगा-पृथ्वीक प्रभु अिाँ क ेँ एबि दुुः खक लेल आनन्द दैत छबिन। अध्याय 8 1 ओ सभ भोजन कऽ कऽ टोबिया क ेँ हनका लग अनलबन। 2 जाइत काल ओ राफ े लक िात मोन पाड़लबन आ ओबि सुगन्धक राख लऽ कऽ ओबि पर माछक हृदय आ बजगर लगा देलबन आ ओबि मे र्ुँआ बनकबल गेलाि। 3 दुष्टात्माक गंर्क गंर्क िाद ओ बमस्रक अन्त्य भाग मे भाबग गेल आ स् वगादू त ओकरा िाद्धन्ह देलक। 4 दुनू गोटे एक संग िंद भऽ गेलाक िाद टोबिया ओछाओन पर सँ उबि कऽ किलबिन, “िबिन, उबि कऽ प्रािाना करू जे परमेश् वर िमरा सभ पर दया करबि।” 5 तखन टोबिया किय लगलाि, “िे िमरा सभक पूवाजक परमेश् वर, अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक पबवत्र आ गौरवशाली नाम सदाक लेल र्न्य अबछ। आकाश तोरा आ तोिर सभ प्राणी क ेँ आशीवााद देय।” 6 अिाँ आदम क ेँ अपन पत्नी िव्वा क ेँ सिाबयका आ रििाक लेल दऽ देबलयैक। िम सभ हनका अपना सन सिायक िनािी।” 7 आि, िे प्रभु, िम एबि िबिन क ेँ कामुकताक रूप मे नबि, िद्धि सोि मे मानैत छी। 8 ओ हनका संग िजलीि, “आमीन।” 9 ओबि राबत दुनू गोटे सुबत गेलाि। रगुएल उबि कऽ किर िनौलबन। 10 ओ किलबिन, “िमरा डर अबछ जे किीं ओिो मरर नबि जाबि।” 11 मुदा जखन रगुएल अपन घर मे आबि गेलाि। 12 ओ अपन पत्नी एडना क ेँ किलबिन। एकटा दासी क ेँ पिा बदयौक जे ओ जीबवत अबछ बक नबि, जँ ओ नबि अबछ तँ िम सभ ओकरा गाबड़ सकि, आ ककरो ई िात नबि िुिल। 13 तखन दासी दरिज्जा खोबल कऽ भीतर गेलीि आ दुनू गोटे क ेँ सुतल देखलबन। 14 ओ िािर आबि हनका सभ क ेँ किलबिन जे ओ जीबवत छबि। 15 तखन रगुएल परमेश् वरक स्तुबत करैत किलबिन, “िे परमेश् वर, अिाँ सभ शुि आ पबवत्र स्तुबतक संग स्तुबत करिाक योग्य छी। तेँ अिाँक संत सभ अिाँक सभ प्राणी सभक संग अिाँक प्रशंसा करबि। आ अिाँक सभ स् वगादू त आ अिाँक चुनल लोक अिाँक स्तुबत अनन् त काल र्रर करबि।” 16 तोिर स्तुबत करिाक चािी, बकएक तँ अिाँ िमरा आनद्धन्दत कएलहँ। आ से िमरा लग नबि आयल अबछ जे िमरा शंका छल। मुदा अिाँ िमरा सभक संग अपन िहत दयाक अनुसार व्यविार क े लहँ। 17 तोिर स्तुबत िोिाक चािी बकएक तँ अिाँ दू गोटे पर दया क े लहँ जे हनका सभक पूवाजक एकलौता संतान छलबन। 18 तखन रगुएल अपन नोकर सभ क ेँ कब्र भरिाक लेल आज्ञा देलबिन। 19 ओ चौदि बदन र्रर बववािक भोज मनौलबन। 20 बववािक बदन समाप्त िेिा सँ पबिने रगुएल हनका शपि दऽ कऽ किने छलाि जे जा र्रर बववािक चौदि बदन समाप्त नबि भऽ जायत ता र्रर ओ नबि बवदा भऽ जेताि। 21 तखन ओ अपन आर्ा सम्पबि लऽ कऽ सुरबक्षत अपन बपता लग चबल जेताि। आ शेष तखन भेटिाक चािी जखन िम आ िमर पत्नी मरर जायि। अध्याय 9 1 तखन तोबियास राफ े ल क ेँ िजा कऽ किलबिन। 2 अजररया भाय, अपना संग एकटा नोकर आ दू टा ऊ ँ ट ल’ क’ गिाएल मे मीबडयाक रेगेस जाउ आ िमरा लेल पाइ आबन क’ ओकरा बववाि मे आबन बदयौक। 3 बकएक तँ रगुएल शपि खा लेने अबछ जे िम नबि जायि। 4 मुदा िमर बपता बदन बगनैत छबि। आ जँ िम िेसी काल देि तऽ हनका िहत पछतावा िेतबन। 5 तखन राफ े ल िािर जा कऽ गिाएल लग िैबस गेलाि आ ओकरा िािक लेख दऽ देलबिन। 6 भोरे-भोर दुनू गोटे एक संग बनकबल कऽ बववाि मे अयलाि। अध्याय 10 1 ओकर बपता तोिीत सभ बदन गणना करैत छलाि, जखन यात्राक बदन समाप्त भ’ गेलबन, मुदा ओ सभ नबि अिैत छलाि। 2 तखन टोिीत पुछलबिन, “की ओ सभ रोकल गेल अबछ?” आबक गिाएल मरर गेल अबछ, आ ओकरा पाइ देिय िला क े ओ नबि अबछ? 3 तेँ हनका िहत दुख भेलबन। 4 तखन हनकर पत्नी हनका किलबिन, “िमर िेटा मरर गेल अबछ, कारण ओ िहत बदन र्रर रिैत अबछ। ओ हनका बवलाप करय लगलीि आ िजलीि। 5 आि िमरा कोनो िातक परवाि नबि अबछ, िमर िेटा, जबिया सँ िम अिाँ क ेँ छोबड़ देलहँ, िमर आँद्धखक इजोत। 6 टोिीत हनका सभ क ेँ किलबिन, “अपन चुप रहू, कोनो परवाि नबि करू, बकएक तँ ओ सुरबक्षत छबि।” 7 मुदा ओ िजलीि, “अपन चुप रहू आ िमरा र्ोखा नबि बदअ। िमर िेटा मरर गेल अबछ। ओ सभ बदन ओबि िाट पर बनकलैत छलीि जाबि पर ओ सभ जाइत छलाि, आ बदन मे भोजन नबि करैत छलीि, आ राबत भरर अपन िेटा टोबियास क ेँ बवलाप करि नबि छोड़ैत छलीि, जाित र्रर बववािक चौदि बदन नबि भ’ गेल छल, जे रगुएल शपि क े ने छलाि ओतय खचा करू। तखन टोबियास रगुएल क ेँ किलबिन, “िमरा जाय बदअ, बकएक तँ िमर बपता आ िमर माय िमरा देखिाक लेल आि नबि तक ै त छबि।” 8 मुदा हनकर ससुर हनका किलबिन, “िमरा संग रहू, िम अिाँक बपता लग पिा देिबन, आ ओ सभ हनका ई िताओत जे अिाँक संग कोना चलैत अबछ।” 9 मुदा टोबिया किलबिन, “नबि। मुदा िमरा िािूजी लग जाय बदअ। 10 तखन रगुएल उबि कऽ ओकरा अपन स् त्री सारा आ ओकर आर्ा सम् पबि, नोकर, माल-जाल आ पाइ दऽ देलक ै क। 11 ओ हनका सभ क ेँ आशीष दऽ कऽ बवदा कऽ कऽ बवदा कऽ देलबिन, “िे िमर िच्चा सभ, स् वगाक परमेश् वर अिाँ सभ क ेँ एकटा सम्पन्न यात्रा देबिन।” 12 ओ अपन िेटी क ेँ किलबिन, “अपन बपता आ सासुक आदर करू, जे आि अिाँक माता-बपता छबि, जाबि सँ िम अिाँक नीक खिरर सुनि।” आ ओ ओकरा चुम्मा लेलक। एडना टोबियास क ेँ सेिो किलबिन, “िमर बप्रय भाइ, स्वगाक प्रभु अिाँ क ेँ पुनस्थााबपत करू, आ िमरा मरिा सँ पबिने िमर िेटी सारा सँ अिाँक िच्चा सभ क ेँ देखिाक अनुमबत बदअ,
  • 6. जाबि सँ िम प्रभुक समक्ष आनद्धन्दत भ’ सकि बवशेष बवश्वास; कतय अबछ ओकर दुष्टताक बवनती नबि करू। अध्याय 11 1 एबि िातक िाद टोबिया परमेश् वरक स्तुबत करैत बवदा भेलाि जे ओ हनका सम्पन्न यात्रा देलबन आ रगुएल आ हनकर स् त्री एडना क ेँ आशीवााद देलबन आ जाित र्रर ओ सभ नीनवे लग नबि पहँबच गेलाि। 2 तखन राफ े ल टोबियास क ेँ किलबिन, “िे भाइ, अिाँ अपन बपता क ेँ कोना छोबड़ देलहँ से िुिल अबछ। 3 िम सभ जल्दी-जल्दी अिाँक पत्नीक सोिाँ चबल जाउ आ घर तैयार करू। 4 माछक बपि िाि मे लऽ बलअ। तेँ ओ सभ अपन िाट पर चबल गेल, आ क ु क ु र हनका सभक पाछाँ-पाछाँ चबल गेल। 5 आि अन्ना अपन िेटाक लेल रस्ता बदस तक ै त िैसल छलीि। 6 जखन ओ हनका अिैत देद्धख हनकर बपता क ेँ किलबिन, “देखू, अिाँक िेटा आ हनका संग गेल आदमी सेिो आबि रिल अबछ।” 7 तखन राफ े ल किलबिन, “टोबिया, िम जनैत छी जे तोिर बपता ओकर आँद्धख खोलताि।” 8 तेँ अिाँ ओकर आँद्धख पर बपिक अबभषेक करू आ ओबि मे चुभल गेला पर ओ रगड़त आ उज्जरता खबस पड़त आ ओ अिाँ क ेँ देखत। 9 तखन िन्ना दौबड़ कऽ अपन िेटाक गरदबन पर खबस पड़लीि आ किलबिन, “िे िमर िेटा, िम अिाँ क ेँ देद्धख कऽ आि सँ मरिा मे संतुष्ट छी।” आ दुनू गोटे काबन उिलाि। 10 तोिीत सेिो दरिज्जा बदस िबढ कऽ िोकर खा गेल। 11 ओ अपन बपता क ेँ पकबड़ लेलक, आ ओ अपन बपताक आँद्धख पर बपि मारर कऽ किलक, “िे िमर बपता, आशा राखू।” 12 जखन ओकर आँद्धख चकनाचूर िोिय लागल तऽ ओ ओकरा सभ क ेँ रगबड़ लेलक। 13 आँद्धखक कोन-कोन सँ उज्जरता चबढ गेलबन। 14 ओ काबन कऽ किलबिन, “िे परमेश् वर, अिाँ र्न्य छी, आ अिाँक नाम सदाक लेल र्न्य अबछ। आ र्न्य छबि अिाँक सभ पबवत्र स् वगादू त। 15 अिाँ कोड़ा मारर कऽ िमरा पर दया कऽ रिल छी, बकएक तँ िम अपन पुत्र टोबियास क ेँ देखैत छी। ओकर िेटा िँसैत-खुशी जा कऽ अपन बपता क ेँ मदी मे भेल िड़का-िड़का घटना सभ सुनौलक। 16 तखन टोिीत परमेश् वरक स्तुबत करैत खुशी-खुशी आ स्तुबत करैत नीनवेक फाटक पर अपन पुतह सँ भेंट करिाक लेल बनकललाि। 17 मुदा टोबिया हनका सभक समक्ष र्न् यवाद देलबन, बकएक तँ परमेश् वर हनका पर दया कयलबन। जखन ओ अपन पुतोह सारा लग पहँचलाि तँ हनका आशीवााद देलबिन जे, “िेटी, अिाँक स्वागत अबछ। हनकर सभ भाय जे नीनवे मे छलाि, हनका सभ मे खुशी भेलबन। 18 अबचयाचारूस आ ओकर भायक पुत्र नस्बास आबि गेलाि। 19 टोबियाक बववाि सात बदन र्रर िहत िषाक संग भेल। अध्याय 12 1 तखन टोिीत अपन पुत्र टोबियास क ेँ िजा कऽ किलबिन, “िे िौआ, देखू जे ओबि आदमी क ेँ ओकर मजदू री अबछ जे अिाँक संग गेल छल, आ अिाँ ओकरा आओर दऽ देि।” 2 टोबिया ओकरा किलबिन, “िे बपता, िम जे बकछु अनने छी ताबि मे सँ आर्ा ओकरा दऽ देि िमरा लेल कोनो िजा नबि। 3 बकएक तँ ओ िमरा अिाँ लग सुरबक्षत लऽ कऽ आबि गेल छबि आ िमर पत्नी क ेँ िीक कऽ देलबन आ पाइ िमरा लेल अनलबन आ तबिना अिाँ क ेँ िीक कऽ देलबन। 4 तखन िुढिा किलबिन, “ओकरा उबचत अबछ।” 5 तखन ओ स् वगादू त क ेँ िजा कऽ किलबिन, “अिाँ सभ जे बकछु अनने छी ताबि मे सँ आर्ा लऽ कऽ सुरबक्षत चबल जाउ।” 6 तखन ओ दुनू गोटे क ेँ अलग-अलग कऽ कऽ किलबिन, “परमेश् वर क ेँ आशीष करू, हनकर स्तुबत करू आ हनकर मबिमा करू आ हनकर प्रशंसा करू जे ओ अिाँ सभक संग जे काज क े ने छबि, सभ जीबवत लोकक नजरर मे।” परमेश् वरक स्तुबत करि, हनकर नामक उदाि करि आ परमेश् वरक काज क ेँ आदरपूवाक प्रगट करि नीक अबछ। तेँ हनकर प्रशंसा करिा मे बशबिल नबि रहू। 7 राजाक रिस्य क ेँ समेटि नीक अबछ, मुदा परमेश् वरक काज क ेँ प्रगट करि आदरक िात अबछ। नीक काज करू, आ कोनो अर्लाि अिाँ क ेँ नबि छु ओत। 8 प्रािाना उपवास आ बभक्षा आ र्माक संग नीक िोइत अबछ। र्माक संग कबनको अर्माक संग िेसी नीक िोइत छै क। सोना जमा करिा सँ नीक जे बभक्षा देि। 9 बकएक तँ बभक्षा मृत्यु सँ मुक्त करैत अबछ आ सभ पाप क ेँ शुि कऽ देत। जे बभक्षा आ र्ाबमाकताक प्रयोग करैत अबछ, से जीवन सँ भरल रित। 10 मुदा पाप करऽ वला सभ अपन प्राणक शत्रु अबछ। 11 िम अिाँ सभ सँ बकछु ओ नबि राखि। िम किलहँ, “राजाक रिस्य क ेँ नजदीक सँ राखि नीक छल, मुदा परमेश् वरक काज सभ क ेँ प्रगट करि गौरवशाली अबछ।” 12 आि जखन अिाँ आ अिाँक पुतह सारा क ेँ प्रािाना क े लहँ तँ िम पबवत्र परमेश् वरक समक्ष अिाँक प्रािानाक स्मरण करौलहँ। 13 जखन अिाँ उबि कऽ अपन भोजन छोबड़ मृत् यु क ेँ िाँपय मे देरी नबि क े लहँ तखन अिाँक नीक काज िमरा सँ नुकायल नबि छल, िल् बक िम अिाँक संग छलहँ। 14 आि परमेश् वर िमरा अिाँ आ अिाँक पुतह सारा क ेँ िीक करिाक लेल पिौलबन अबछ। 15 िम राफ े ल छी, जे सात पबवत्र स् वगादू त मे सँ एक छी, जे पबवत्र लोकक प्रािाना प्रस्तुत करैत छी आ पबवत्र परमेश् वरक मबिमाक समक्ष भीतर-िािर जाइत छी। 16 तखन दुनू गोटे घिरा गेलाि आ मुँि पर खबस पड़लाि, कारण ओ सभ डरैत छलाि। 17 मुदा यीशु हनका सभ क ेँ किलबिन, “अिाँ सभ क ेँ डर नबि, बकएक तँ अिाँ सभ क ेँ नीक लागत। तेँ परमेश् वरक स्तुबत करू। 18 िम अपन कोनो अनुग्रि सँ नबि, िल् बक अपन परमेश् वरक इच्छा सँ आयल छी। तेँ हनकर स्तुबत सदाक लेल करू। 19 एतेक बदन िम अिाँ सभक समक्ष प्रगट भेलहँ। मुदा िम ने खयलहँ आ ने पीलहँ, मुदा अिाँ सभ एकटा दशान देखलहँ। 20 आि परमेश् वर क ेँ र्न् यवाद बदअ, बकएक तँ िम जे िमरा पिौलबन, तकरा लग जा रिल छी। मुदा जे बकछु काज िोइत अबछ से सभटा बकताि मे बलखू। 21 जखन ओ सभ उिला तँ ओकरा फ े र नबि देखलक। 22 तखन ओ सभ परमेश् वरक पैघ-पैघ आ अद् भुत काज सभ क ेँ स्वीकार कयलबन आ प्रभुक स् वगादू त हनका सभ क ेँ कोना प्रगट कयलबन। अध्याय 13 1 तखन टोिीत िषाक प्रािाना बलद्धख कऽ किलबिन, “ओ परमेश् वर जे अनन् त काल र्रर जीिैत छबि आ हनकर राज् य क ेँ र्न्य िोबन।” 2 ओ कोड़ा मारैत अबछ आ दया करैत अबछ, ओ नरक बदस लऽ जाइत अबछ आ फ े र सँ लऽ जाइत अबछ। 3 िे इस्राएलक सन्तान सभ, गैर-यहूदी सभक समक्ष हनका स्वीकार करू, बकएक तँ ओ िमरा सभ क ेँ हनका सभक िीच बछबड़या देलबन। 4 ओतबि हनकर मिानताक प्रचार करू आ सभ जीबवत लोकक समक्ष हनकर प्रशंसा करू, बकएक तँ ओ िमरा सभक प्रभु छबि आ ओ िमरा सभक बपता परमेश् वर छबि। 5 ओ िमरा सभक अर्माक कारणेँ कोड़ा मारत आ फ े र दया करत आ िमरा सभ क ेँ ओबि सभ जाबत मे सँ जमा करत, जकरा िीच ओ िमरा सभ क ेँ बततर-बितर कऽ देने छबि। 6 जँ अिाँ सभ अपन पूरा मोन आ पूरा मोन सँ हनका बदस घुरैत छी आ हनका सामने सोि व्यविार करि तँ ओ अिाँ सभ बदस घुरताि आ अिाँ सभ सँ अपन मुँि नबि नुकाओत। तेँ देखू जे ओ अिाँ सभक संग की करत, आ पूरा मुँि सँ हनका स्वीकार करू, आ पराक्रमी प्रभुक स्तुबत करू आ अनन्त राजाक स्तुबत करू। िम अपन िंदी देश मे हनकर स्तुबत
  • 7. करैत छी, आ एकटा पापी जाबत क ेँ हनकर पराक्रम आ मबिमा क े घोषणा करैत छी। िे पापी सभ, हनका सामने घुबम कऽ न्याय करू। 7 िम अपन परमेश् वरक स्तुबत करि, आ िमर प्राण स् वगाक राजाक स्तुबत करत आ हनकर मिानता मे आनद्धन्दत िोयत। 8 सभ लोक िाजबि आ हनकर र्ाबमाकताक लेल सभ हनकर स्तुबत करबि। 9 िे पबवत्र नगर यरूशलेम, ओ तोिर िच्चा सभक काजक कारणेँ तोरा कोड़ा मारत आ र्मी लोकक पुत्र सभ पर फ े र दया करत। 10 प्रभुक स्तुबत करू, कारण ओ नीक छबि, आ अनन्त राजाक स्तुबत करू, जाबि सँ हनकर तम्बू अिाँ मे फ े र सँ िषा सँ िनय, आ ओ अिाँ मे जे िंदी छबि, हनका सभ क ेँ आनद्धन्दत करबि आ अिाँ मे ओबि सभ क ेँ सदाक लेल प्रेम करबि जे दयनीय अबछ। 11 िहतो जाबत दू र-दू र सँ प्रभु परमेश् वरक नाम मे आओत, िाि मे वरदान, स् वगाक राजा क ेँ वरदान। सभ पीढी अिाँक प्रशंसा िहत िषाक संग करत। 12 जे सभ अिाँ सँ घृणा करैत अबछ, से सभ शाबपत अबछ आ जे सभ अिाँ सँ प्रेम करैत अबछ, से सभ र्न्य िोयत। 13 र्मी लोकक सन् तान सभक लेल आनद्धन्दत रहू आ आनद्धन्दत रहू, बकएक तँ ओ सभ एक िाम जमा भऽ कऽ र्मी सभक प्रभुक आशीष देत। 14 िे र्न्य अबछ जे अिाँ सँ प्रेम करैत अबछ, बकएक तँ ओ सभ अिाँक शाद्धन्त मे आनद्धन्दत िोयत। कारण, जखन ओ सभ अिाँक समस्त मबिमा क ेँ देद्धख लेत तखन ओ सभ अिाँक लेल आनद्धन्दत िोयत आ अनन्त काल र्रर आनद्धन्दत रित। 15 िमर प्राण मिान राजा परमेश् वर क ेँ आशीवााद देय। 16 यरूशलेम नीलमबण आ पन्ना आ कीमती पािर सँ िनत। 17 यरूशलेमक गली सभ िेररल, कािंकल आ ओफीरक पािर सँ पक्का िोयत। 18 ओकर सभ गली-गली कित, “अलेलुया!” ओ सभ हनकर स्तुबत कऽ कऽ कित जे, “र्न्य िोउ जे परमेश् वर एकर स्तुबत अनन् त काल र्रर करैत छबि।” अध्याय 14 1 तेँ टोिीत परमेश् वरक स्तुबत करि समाप्त कऽ लेलक। 2 ओ आि वषाक िाद हनकर दृबष्ट चबल गेलबन आ ओ बभक्षा देलबन आ प्रभु परमेश् वरक भय िबढ गेलाि आ हनकर स्तुबत कयलबन। 3 जखन ओ िहत िूढ भ’ गेलाि तखन ओ अपन िेटा आ िेटाक िेटा सभ क ेँ िजा कऽ किलबिन, “िमर िेटा, अपन िच्चा सभ क ेँ लऽ जाउ। कारण, देखू, िम िूढ भ’ गेल छी आ एबि जीवन सँ िािर बनकलिाक लेल तैयार छी। 4 िमर िेटा मीबडया मे जाउ, बकएक तँ िम ओबि िात सभ पर बवश्वास करैत छी जे योनास प्रवक ् ता नीनवेक बवषय मे किलबन जे ओ उखाबड़ देल जायत। आ बकछु काल र्रर मीबडया मे शाद्धन्त िेसी नीक रित। आ िमरा सभक भाय सभ ओबि नीक देश सँ पृि् वी पर बछबड़या कऽ पड़ल रिताि, आ यरूशलेम उजाड़ भऽ जायत आ ओबि मे परमेश् वरक घर जरर जायत आ बकछु समयक लेल उजाड़ भऽ जायत। 5 फ े र परमेश् वर हनका सभ पर दया करताि आ हनका सभ क ेँ फ े र सँ ओबि देश मे अनताि, जतय ओ सभ मन् बदर िनौताि, मुदा पबिल मन् बदर जकाँ नबि, जाित र्रर ओबि युगक समय पूरा नबि भऽ जायत। आ तकर िाद ओ सभ अपन िंदी मे रिल सभ िाम सँ घुरर कऽ यरूशलेम क ेँ गौरवशाली ढंग सँ िनौताि, आ ओबि मे परमेश् वरक मंदर सदाक लेल एकटा गौरवशाली भवनक संग िनत, जेना भबवष्यवक्ता सभ किने छबि। 6 सभ जाबत घुबम कऽ प्रभु परमेश् वरक भय सत् य भऽ जायत आ अपन मूबता सभ क ेँ गाबड़ देत। 7 एबि तरिेँ सभ जाबत प्रभुक स्तुबत करत आ हनकर लोक परमेश् वर क ेँ स्वीकार करत आ प्रभु अपन लोक क ेँ ऊ ँ च करताि। जे सभ परमेश् वर परमेश् वर सँ सत् य आ न्याय सँ प्रेम करैत अबछ, से सभ िमरा सभक भाय सभ पर दया करैत आनद्धन्दत िोयत। 8 आि, िमर िेटा, नीनवे सँ चबल जाउ, बकएक तँ जे िात योनास प्रवक ् ताक किने छलाि से अवश्य पूरा िोयत। 9 मुदा अिाँ र्मा-बनयम आ आज्ञा सभक पालन करू आ अपना क ेँ दयालु आ र्ाबमाक देखाउ जाबि सँ अिाँ क ेँ नीक लागय। 10 िमरा आ अपन माय क ेँ िमरा संग शालीनतापूवाक दफना बदअ। मुदा आि नीनवे मे नबि रिि। मोन राखू, िमर िेटा, अमन ओकरा पालन- पोषण करय िला अबचयाचरस क ेँ कोना सम्हारलबन, कोना इजोत सँ ओकरा अन्हार मे अनलबन, आ कोना ओकरा फ े र सँ इनाम देलबन, तइयो अबचयाचरस क ेँ उिार भेलबन, मुदा दोसर क ेँ ओकर इनाम भेटलबन, कारण ओ अन्हार मे उतरर गेलाि। मनसस बभक्षा देलक आ ओ सभ मृत्युक जाल सँ िबच गेल जे ओ सभ ओकरा लेल राद्धख देने छल। 11 तेँ िे िेटा, आि बवचार करू जे बभक्षा की करैत अबछ आ र्ाबमाकता कोना उिार करैत अबछ। ई िात कबि कऽ ओ एक सय अिपचास वषाक भऽ कऽ ओछाओन पर िैसल भूत क ेँ छोबड़ देलबन। आ हनका आदरपूवाक दफना देलबन। 12 जखन हनकर माय अन्ना मरर गेलीि तखन ओ हनका अपन बपताक संग दफना देलबन। मुदा टोबिया अपन पत्नी आ िच्चा सभक संग एकिताने अपन ससुर रगुएल लग बवदा भेलाि। 13 ओतऽ ओ आदरक संग िूढ भऽ गेलाि आ अपन बपता आ सासु क ेँ आदरपूवाक दफना देलबन आ हनका सभक सम्पबि आ अपन बपता टोिीटक सम्पबि हनका सभक उिराबर्कार मे भेटलबन। 14 ओ एक सय सात िीस वषाक उम्र मे मीबडयाक एकिताने मे मरर गेलाि। 15 मुदा मरिासँ पबिने ओ निूकोदोनोसोर आ अस्सुरोस द्वारा नीनवेक बवनाशक िात सुनलबन।