इस भागती दौड़ती जिंदगी से दूर हम सब फिर से उस बचपन में जाना चाहते है, वो बचकाना बातें करना चाहते है, वो बेपरवाह हंसी फिर से हँसना चाहते है, कभी कभी डांस केवल खुद के लिए करना चाहते है | वो बचपन के छोटे छोटे ख़ज़ाने: बर्फ का गोला, नारंगी की पच्चीस पैसे वाली गोलियां, वो लॉलीपॉप, और भी ऐसा ही बहुत कुछ जो हमें बचपन में ले जाता है | ये छोटे छोटे ख़ज़ाने आज भी कई महँगी चीजों से ज्यादा खुशियां बिखेर देते है |
1. जब हम ब चे थे जो हम बड़े होने
ना | बड़े लोग जो चाहे वो कर सकते
ना कोई उ ह पढ़ने को कहता है |
हम वो पावर (जो चाहे सो करने क
िज मेदा रयां आती है उसक बहुत
हमारा बचपन, हमार मासू मयत ,
अब जब हम उस ब डपन म है तो
बचपन चाहते है शायद ऐसे कु छ श द
सावन, वो कागज क क ती ......" |
हम सब फर से उस बचपन म जाना
फर से हँसना चाहते है, कभी कभी
छोटे ख़ज़ाने: बफ का गोला, नारंगी
बहुत कु छ जो हम बचपन म ले जाता
खु शयां बखेर देते है |
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एक दन बचपन का
Image courtesy: www.pixabay.com
क ज द थी| हम लगता था क बड़ा हो जाना कतना
सकते है , जहाँ चाहे वहां जा सकते है, ना कोई उ ह
| और ऐसे ह कतने अन गनत क पे रज़न हम अ सर
क ) चाहते थे, पर हम पूर तरह अन भ थे क पावर
बड़ी क मत होती है और वो क मत है शायद हमारा
, और भी शायद बहुत कु छ |
शायद बहुत महँगी सी लगती है ये पावर और अब
श द म "ये दौलत भी ले लो ....... मुझको लौट
......" |
जाना चाहते है, वो बचकाना बात करना चाहते है, वो
कभी डांस के वल खुद के लए करना चाहते है | वो बचपन
नारंगी क प चीस पैसे वाल गो लयां, वो लॉल पॉप, और
जाता है | ये छोटे छोटे ख़ज़ाने आज भी कई महँगी चीज
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कतना अ छा है
डांट सकता है,
अ सर करते थे |
पावर के साथ जो
हमारा अ हड़पन,
हम वा पस वो
दो बचपन का
वो बेपरवाह हंसी
बचपन के छोटे
और भी ऐसा ह
चीज से यादा
2. या आपने कभी सोचा है क ब चे
य क हर कोई उनका यान रखता
य क उनक िजद पूर क जाती
य क उनके ऊपर िज मेदा रयां
जवाब ये है क
- वो खुद से बात कम करते है
- वो आसानी से हस देते है और
- वो अपने मन म बुरे व त को
- उनका दमाग क पे रज़न से दूर
- वो ईगो से दूर रहते है
- उनके पास जवाब से यादा सवाल
- वो नेह दखाने म हचकते नह ं
आप सोच रहे ह गे क अब वापस
लए नह ं तो कु छ व त के लए तो
तैयार है ?
नोट 1: अगर आप माता- पता है
जायेगा य क आपको भी ब च
जैसा देखना, आपके ब च के लए
नोट 2: आप खुश है क आप फर
जा रहे है पर पूर तरह से नह ं | आपको
बनाना, ना ता तैयार करना, कपडे
कं ह सच है क हम हमारा बचपन पूर
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इतने खुश कै से रहते है?
रखता है ................ नह ं
जाती है ........... नह ं
िज मेदा रयां नह ं होती .......... नह ं
और आसानी से रो देते है
संजो के नह ं रखते
दूर रहता है
सवाल होते है या यूँ कहे उ ह सीखने म झझक नह ं
नह ं है
ब चा बना भी बचपना करने जैसा है | पर ये बचपन
तो कया ह जा सकता है | तो या आप भी बचपना
और आपके छोटे-छोटे ब चे है तो बचपन पाना थोड़ा
के साथ ब चा बनने का बहाना मल जायेगा और
भी सर ाइज होगा |
फर से ब चे बंनने जा रहे है तो थोड़ा कए | आप ब चा
आपको कु छ काम तो खुद ह करने ह गे | जैसे खुद
मशीन म डालना | बुरा लगता है ये सब सुन कर
पूर तरह वा पस नह ं पा सकते
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नह ं होती
बचपन हमेशा के
बचपना करने के लए
थोड़ा आसान हो
और आपको ब चे
ब चा बनने तो
खुद के लए चाय
कर, पर कं ह ना
3. नोट 3: एक दन, बचपन के नाम
सकते, य क, आपको याद होगा
था |
तो या कया जा सकता है दन को
1. आपका हो वो दन: आपको बचपन
बराबर िज मेदा रयां हो या आप छु ी
2. उठे कु छ देर से: सुबह ज द उठने
देखा जाए तो हर तरह क भागम भाग
दन तो लेट उठने क ल ज़र ब च
3. अपने पसंद दा काटून दे खये:
आसान तर का या होगा ? टॉम एंड
काटून करै टर या फर आज के दौर
4. लॉल पॉप: आज आप इतने स म
चॉ लेट वो मज़ा नह ं दे सकती, जो
और साथ ह साथ अपने भाई बहनो
कु छ मज़े के पल लॉल पॉप म |
5. बचपन क क वताय: बचपन क
उस व त इन क वताओं को याद करना
ख़ुशी से भर देती है | साथ ह आज
क बचपन म हमने कभी इस चीज
फर इससे हम या सीखने को मल
6. बचपन के खेल: जब हम ब च
याद आ जाती है | वो छु पा-छु पी, झूले
जाने या या, जो हम आज भी
जाए | वो भी ये सोचे बना क लोग
7. ाइंग बुक और वो रंग: या आप
बहुत मदद करते है और जीवन म उ साह
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पर, आप पूरा व त ब तर पर लेटे- लेटे, ट वी देख
क बचपन म एक जगह टक कर बैठना ह सबसे
को बचपन भरा बनाने के लए :
बचपन जीने के लए ऐसा दन चुनना होगा िजस दन
छु ी पर हो ता क आप अपने बचपन को पूर तरह जी
उठने क भागम भाग, आगे के काम नपटाने क भागम
भाग से मु त होता है बचपन | कम से कम, कू ल
ब च के पास होती ह है तो य ना हम भी इसका आनंद
बचपन को याद करना हो, तो काटून क गुदगुदाती
एंड जेर , डक टे स, मोगल , गायब आया, और ना जाने
दौर के काटून को देख कर भी नया बचपन िजया जा
स म है क महँगी से महँगी चॉ लेट खर द सकते है
जो वो चंद पय वाल लॉल पॉप को घंटो तक चूसने
बहनो को देर तक बची लॉल पॉप से चढ़ाने म आता था
क उन क वताओं को याद करने का मज़ा सच म नराला
करना बहुत मुि कल हुआ करता था पर आज भी वो
आज भी जब आप उन क वताओं को पढ़गे, सुनेगे या देखगे
चीज पर यान ह नह ं दया क वो हम य पढ़ाई
मल रहा है तो तैयार हो जाइये वो सीखने को जो अब
ब च को खेलता हुआ देखते है तो हम भी हमारे बचपन
झूले जोर जोर से झूलना, फसल प ी पर उलटे चढ़ना
खु शय से भर देता है तो य ना उन पल को
लोग या सोचगे |
आप जानते है क ड ेशन और नेगे ट वट को दूर करने
उ साह को बनाये रखते है | तो य ना लाइफ टाइल
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कर नह ं बता
सबसे मुि कल होता
आप पर न के
जी सके |
भागम भाग, वैसे
कू ल क छु ी वाले
आनंद ले |
गुदगुदाती दु नयां से
जाने कतने ह
सकता है |
है पर कोई भी
चूसने म आता था
था | तो ढूँ ढये
नराला होता है |
वो क वताय हम
देखगे तो पाएंगे
जा रह है या
भी बाक है |
बचपन के खेल क
चढ़ना, और भी ना
फर से िजया
करने म कलस
टाइल और होम
4. डेकॉर के कलस से बाहर नकल कर
और म दावे से कह सकती हूँ क अगर
फर से वो सीनर ज़ ज र बनाएंगे िजसमे
सबके बीच म आपक सु दर सी झोपडी
को, उन रंग को फर से जीने के लए
8. साइ कल पर घूमता जहान: या
घूमाना याद है ? तब वो एक घंटे तक
घुमाने क चाह रह जाना, बचपने
साइ कल से जुड़ा कोई क सा ना
आपके दो फायदे है, एक : आप बचपन
9. फू टते गु बारे: वशेष तौर पर ये
क थीम पाट मे ला ट मे बलून फोड़ना
10. कॉ म स: या आपको आज
नागराज | मेरा फ़े वरेट कॉ मक कै रे टर
अपना फे वरेट कॉ मक कै रे टर का
कॉ म स पढ़ कर बचपन को याद कर
11. पंचतं क कहा नयां: पंचतं
ऐसी बहुत सी कहा नयां है जो दाद
देती है | मे दावे से कह सकती हूँ
य ना कहा नय के अंत के साथ साथ
12. बनाये बुलबुले: शायद ह कोई
बुलबुल को बनाने के पीछे हम सब
होने तक बस एक ह को शश मे
को शश मे जी ल िजये बचपन, चाहे
बचपन जीने के बहुत से तर के है पर
िज दा रहे | तो ये आपक चॉइस
ब चे को िज दा रखे और आपको खुश
क तरह िजए और अपने जीवन मे
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कर फर से उस के च बुक और रंग क दु नयां म खो
अगर आप को वो लक के च बुक और कलर दए जाए
िजसमे वो पहा ड़यां, उड़ते पंछ , झरने से बहता पानी
झोपडी और पास म ह आपका खेत | तो तैयार है आप
लए |
या आपको अब भी वो गम क छु य मे, कराये पे
तक लगातार साइ कल घुमाना, और फर भी आ खर
बचपने को और अमीर से भर देता है | शायद ह कोई
हो तो आइये फर से साइ कल से जुड़े नए क से
बचपन को फर से जी पाएंगे | दो : आपक सेहत दु त
ये काम मुझे बहुत ह पसंद है , वो भी इतना क म
फोड़ना नह ं भूलती और ये चीज मुझमे अंदर तक ख़ुशी
आज भी याद है : चाचा चौधर , पंक , ब लू, सुपर
कै रे टर था - बांके लाल | जब भी कोई कॉ म स क बात
नाम अपने आप जुबान पे आ जाता है तो युओं
कर लया जाए |
क कहा नयां, व म बेताल, अकबर बीरबल, संघासन
दाद नानी क कहा नय क और अपने बचपन क
क आप उनमे से अ धकतर कहा नय का अंत भूल
साथ अपना बचपन भी ढूंढ लया जाए |
होगा िजसने बचपन मे साबुन के पानी से बुलबुले
सब कु छ भूल जाया करते थे | हम वो बुलबुल के पानी
लगे रहते थे क बड़े से बड़ा बुलबुल बनाये | तो
चाहे कु छ पल के लए ह सह |
पर के वल एक शत के साथ, वो ये क हमारे अंदर का
है क आप हमेशा छोटा-छोटा कु छ ऐसा कर जो आपके
खुश रखे, या फर मह ने मे या साल मे एक दन
वो मासू मयत बनाये रखे |
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खो जाय जाये |
जाए तो आप
पानी और इन
आप उन ल ह
पे ल साइ कल
आ खर मे थोड़ा और
कोई हो िजसका
बनाये | इसम
दु त रहेगी |
म अपनी बे टय
ख़ुशी भर देती है|
सुपर कमांडो ुव,
बात करता है तो
युओं ना फर से
संघासन ब तीसी
याद िज़ंदा कर
भूल गए ह गे, तो
ना बनाये हो |
पानी के ख़तम
तो फर से उसी
का ब चा हमेशा
आपके अंदर के
पूर तरह ब चे
5. शेयर वद मी: आप ऐसी कोनसी म ती
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म ती है िजसे याद करके , िजसे अपना कर अपने बचपन को
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