Development Of sanskrit literature in odisha.. Project for class 10 students. study on sanskrit literature development took place in Odisha.For more such content vist www.summarynets.blogspot.com
3. विष्णु सरमा (450 ए.िी )
• विष्णु सरमा प्रससद्ध संस्कृ त नीततपुस्तक
पंचतन्त्र क
े रचतयता थे।
• नीततकथाओं में पञ्चतन्त्र का पिला स्थान
िै।
• उपलब्ध प्रमाणों क
े आधार पर किा जा
सकता िै कक जब इस ग्रंथ की रचना पूरी
िुई, तब उनकी उम्र ८० िर्ष क
े करीब थी।
• िे दक्षिण भारत क
े महिलारोप्य नामक
नगर में रिते थे।
• उन्त्िोंने समाज और संस्कृ तत की विसभन्त्न
समस्याओं पर 75 किातनयों िाले पांच
भागों में पंचतंर भी सलखा।
4. मुरारी (850 ए.िी )
• अनारघरिा (देिनागरी अनर्घयषघि) रामायण
की एक नाटकीय ररटेसलंग िै, और शास्रीय
संस्कृ त कविता क
े सबसे चुनौतीपूणष टुकडों
में से एक िै।
• यि ब्राह्मण दरबारी कवि, मुरारी द्िारा
एकमार जीवित कायष िै, जो 8 िीं और 10
िीं शताब्दी ईस्िी सन् क
े बीच कभी रिता
था, शायद उडीसा में या पडोसी दक्षिण
भारत में।
5. सत्यानंद सरस्िती (1099 ए.िी)
• सत्यानंद सरस्िती भारत में एक संन्त्यासी,
योग सशिक और गुरु थे।
• िि डििाइन लाइफ सोसायटी क
े संस्थापक
थे और बबिार स्क
ू ल ऑफ योग की
स्थापना की।
• उन्त्िोंने 80 से अधधक पुस्तक
ें सलखीं,
जजनमें आसन प्राणायाम मुद्रा बांधा नामक
उनकी लोकवप्रय पुजस्तका शासमल िै।
• उनका किना िै कक उन्त्िें छि साल की उम्र
में आध्याजत्मक अनुभि िोने लगे जब
उनकी सजगता ने शरीर छोड हदया और
उन्त्िोंने खुद को फशष पर बेसुध पडा देखा।