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नया साल नई उम्मीदो् के साथ दस््क दे चुका है. 5 राज्यो् मे् विधानसभा
चुनाि के वलए वसयासी सरगव्मियां तेज है्. कोरोना के नए िैवरएंट ओवमक््ॉन
के संक््मण की गवत भी तेज है. पूि्ािनुमान से भी कही् आगे. कई राज्यो् की
बंवदशे् बता रही है् वक विशेषज््ो् ने सरकारो् को क्या सलाह दी है. पर बड्ा सिाल यह वक विशेषज््ो् की यह
सलाह क्या वसर्फ जनता पर लागू करने के वलए है? वन:संदेह ‘ना’ जिाब होगा. वरर ताबड्तोड् चुनािी
रैवलयां और जनसभाएं क्यो्? जबवक इनमे् बड्ी संख्या मे् लोग शावमल हो रहे है्. 5 प््वतशत लोग भी बचाि
के मानको् का पालन करते नजर नही् आ रहे. आदश्ि स्थथवत नकारा सावबत हो रहा है. कोई पीछे नही्. भाजपा
की ओर से प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी, गृहमंत््ी अवमत शाह, खुद उत््र प््देश के मुख्यमंत््ी योगी आवदत्यनाथ की
रैवलयो् की तथ्िीरो् को देखकर समझना मुस्ककल नही् है. समाजिादी पाट््ी के अवखलेश यादि और बसपा
सुप््ीमो मायािती भी पीछे नही्. इनकी रैवलयो् मे् भी संक््मण विरोधी ‘उन्मादी’ भीड वदखाई दे रही है. कांग््ेस
मे् विशेष तौर पर व््पयंका गांधी िाड््ा युिा िग्ि को लव््ित करके चल रही है्. इन युिाओ् को वकसी भी रैली
मे् देख लीवजए. माथ्क नही्, सोशल विथ्टे्वसंग नही्. तमाम वसयासी दलो् की रैवलयो् मे् जुट रही ये भीड्
ओवमक््ॉन को न्योता नही् तो क्या है? जो लोग भीड् का वहथ्सा बन रहे है्, उन्हे् शायद इस बात का एहसास
नही् है वक िो वकस खतरे की जद मे् है. जम्हूवरयत की वजद जायज है, वजंदगी सबसे बड्ी है. आज जब
हालात वबगड् रहे है्, तो इन्हे् रोकने की वजम्मेदारी भी इन झंिाबरदारो् पर ही है, जो इन्हे् जुटाने के वलए
पसीना बहा रहे है्. जनतंत्् मे् जनता की सरकार होती है और जनता के वलए होती है. इन सरकारो् को चुनने
का काय्ि चुनाि के द््ारा होता है, लेवकन जब ये चुनाि ही आम जनता के वहतो् की उपेि््ा करने िाले हो, तो
इन्हे् लोकतांव््तक नही् कहा जा सकता. इन चुनािो् मे् कोरोना महामारी के वलए जारी वकए गए प््ािधानो्,
बंवदशो् एिं वनद््ेशो् का उल्लंघन होना वकसी त््ासदी से कम नही् है. भयंकर भूल है.जहां तक नजर जाती है,
िहां तक लोगो् की भीड देखकर पुलवकत होने िालो् को तवनक भी वचंता नही्. जनता की जीिन-रि््ा से क्यो्
ज्यादा महत्िपूण्ि हो गया है चुनाि-प््चार? राजनीवतक थ्िाथ््ो् के वलए बरती जा रही लापरिाही चुनािी लाभ
दे सकती है, लेवकन जनता को भारी कीमत चुकानी पड सकती है. इसी साल अप््ैल से जून के बीच आई
कोविि की दूसरी लहर से शायद ही कोई हो, जो अछूता रहा हो. शायद ही कोई हो वजसने वकसी वरक्तेदार,
करीबी, पवरवचत, पड्ोसी या दोस्् को न खोया हो. मगर इस आपदा से ठीक पहले बंगाल मे् ‘विवधित’
विधानसभा चुनाि कराए गए. विवधित इसवलए क्यो्वक एक तरर देश मे् लाखो् की तादाद मे् कोविि केस
आ रहे थे, रोज हजारो् लोग मर रहे थे, मगर नेताओ् ने अपनी रैवलयो् और रोि शो जारी रखे... इनमे् कही्
कोई कमी नही् आने दी. अप््ैल-मई मे् उत््र प््देश मे् ही इसी साल कोविि की दूसरी लहर के बीच हुए
‘ऐवतहावसक’ पंचायत चुनािो् को कौन भूल सकता है? चार चरणो् मे् हुए व््तस््रीय पंचायत चुनाि के बाद
ग््ामीण ि््ेत््ो् मे् कोरोना संक््मण तेजी से रैला. हर वजले मे् दम तोड्ने िाले और संक््वमतो् की संख्या मे् तेजी
से इजारा हुआ. गांि-गांि ऐसे लोग थे, वजन्हे् बुखार और सांस लेने मे् वदक््त हो रही थी. सांस उखड्ने
पर अथ्पताल ले जाने से पहले ही इनकी मौत हो गई. हजारो् की तादाद मे् वजन सरकारी कम्िचावरयो् की
चुनाि मे् ड््ूटी लगी, िे ड््ूटी से लौटे तो कोरोना साथ लेकर घर पहुंचे. शोधकत्ािओ् ने अनुमान जताया है
वक ररिरी मे् ओवमक््ॉन केस पीक पर हो्गे. ऐसे मे् क्या सरकार और राजनीवतक दल वपछली गलवतयो् से
सबक लेते हुए रैवलयां और रोि शो बंद करने की वहम्मत जुटाएंगे. िैसे भी, नाइट कर्य्िू लगने और मेहमानो्
की संख्या सीवमत होने पर लोगो् ने तंज कसना शुर् कर वदया है वक भारत मे् कोविि रात मे् सूनी सड्को् पर
रैल जाता है, लेवकन रैवलयो् मे् नही् रैलता. रैवलयो् की तथ्िीरो् को देखकर यही लगता है वक वसयासी दलो्
के समथ्िक जोश मे् होश खो रहे है्. हालात देख इलाहाबाद हाईकोट्ि को आगे आना पड्ा. खुद इलाहाबाद
हाई कोट्ि के जज ने प््धानमंत््ी और चुनाि आयोग से अनुरोध वकया है वक िह यूपी चुनाि के प््चार मे्
राजनीवतक पाव्टियो् की ओर से भीड् इकट््ा कर चुनािी रैवलयां करने पर रोक लगाएं. सुझाि भी वदया है वक
तीसरी लहर से जनता को बचाने के वलए राजनीवतक पाव्टियां टीिी और अखबारो् के जवरए चुनाि प््चार करे्.
प््धानमंत््ी से हाई कोट्ि जज ने अनुरोध तक वकया है वक हो सके तो चुनाि टालने पर विचार करे्, क्यो्वक
जान है तो जहान है. जीिन रहेगा तो चुनािी रैवलयां, सभाएं आगे भी होती रहे्गी. इस अपील का मतलब
बेहद आत्ि है. विश्् थ्िाथ्थ्य संगठन के मानको् के मुतावबक, 1000 लोगो् पर एक िॉक्टर होना चावहए.
वहन्दुस््ान मे् 1404 लोगो् पर एक िॉक्टर है और वजन राज्यो् मे् चुनाि होने है्, उनके आंकड्ो् की बात करे्
तो यूपी मे् 2365 लोगो् पर एक िॉक्टर है. उत््राखंि मे् 1069 लोगो् पर एक िॉक्टर है, िही् पंजाब मे् 483
लोगो् पर एक िॉक्टर है. कोरोना की वपछली लहरो् मे् ये देखा गया है वक पव््िमी देशो् की अच्छी से अच्छी
व्यिथ्था महामारी की भार को झेल नही् पाई. तीसरी लहर की नौबत नही् आए, इसी वदशा मे् कदम उठाए
जाने चावहए.... अभी भी समय है.
जनिरी 2022
1
< प््काशक
अजय बागड्ी
< संपादक
नीरज ओमप््काश श््ीिास््ि *
QMH/L@GGHM10264
< वष्ि-1, < अंर -6 < जनवरी 2022
‘पॉवर ऑफ वन’ पस््िरा मे् प््रासशत लेखरो् रे सवचार,
आलेख एवं सवज््ापनो् री सरसी भी सवषयवस््ु रा पस््िरा
समर्िन नही् ररता. (सवषयवस््ु री यह शत्ि पॉवर ऑफ वन रे
स्वयं रे द््ारा सदये गए िवज््ापनो् पर लागू नही् है.)
*पीआरबी एक्ट रे तहत
समाचार चयन रे सलए िजम्मेदार.
< संपादकीय/प््काशन काय्ाािय
501, गोमती अपाट्िमे्ट, लॉ रालेज चौर,
नागपुर, सजला नागपुर (महाराष््््)-440010
मो. 7020395674, 9373390340
< मुद््ण :-
शक्कत सडसजटल सस्विसेस, 10, शक्कत हाऊस, वध्ाि
रोड, नागपुर (महाराष््््)-440012
< ििशेष सहयोग
राजेश नामदेव
श््ेता ससन्हा
सशल्पा भालावी
< विपणन एिं वित््
डा. असीम पराते
असमा खान
< प््सार और प््चार
अजीत रामटेरे
< ब्यूरो चीफ
असमत भट््, मुंबई
असदसत त्यागी, िदल्ली
जीते्द््ससंह चौधरी, लखनऊ
< तकनीकी सहयोग
सहमांशु िचमुररर
नरे्द्् धास्मिर
< सहयोगी
प््भा लसलत ससंह, नागपुर
सुरसभ िसंह, पुणे
< फोटोग््ाफर
अजहर खान
< विविक सिाहकार
एड. अभय अनंत बांगड्े
संपादकीय
विज््ापन के विए :-
onvdqnenmdmdvr`c~fl`hk.bnl
समाचार के विए :-
dchsnqonvdqnenmd~fl`hk.bnl
उपरोक्त ईमेल पर संपर्क ररे्.
लोग रहें, तो लोकतंतंं का परंव भी मनेगा
जनिरी 2022 2
रत के प््धानमंत््ी के
र्प मे् नरे्द्् मोदी के
काय्िकाल मे् इसका आकलन
करना भी काम महत्््ि का
विषय नही् है वक उन्हो्ने
वहन्दू संथ्कृवत और वहन्दुओ्
के अंदर गौरि का भाि
बढ़ाने के वलए क्या-क्या
वकया है. लोग कहते है् तो
कोई अवतशयोस्कत नही् वक
प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी हमारी ‘वहंदुिादी’ आशा और
विश््ास के प््वतवबंब बनकर आगे आए है्. उनके
नेतृत्ि मे् भारत आजादी के ‘अमृत काल’ मे्
आत्मवनभ्िर और पवरपक्ि कदमो् से हर वदशा मे्
मजबूती से आगे बढ़ रहा है. प््धानमंत््ी मोदी ने देश
के आध्यास्तमक के्द््ो् के जीण््ोद््ार और उनको भव्य
थ्िर्प देने का जो बीडा उठाया है, उसे धाव्मिक पि््
से कही् अवधक सभ्यता, संथ्कृवत और सनातनी
प््वतमानो् के संरि््ण के र्प मे् देखना चावहए.
हमने आपदा के बाद नए र्प मे् विकवसत होती
केदारपुरी और आथ्था के प््तीक केदारनाथ धाम से
विश्् को जोडने िाले पूज्य आवद शंकराचाय्ि से
देश की नई पीढ़ी का पवरचय होते देखा है. हममे् से
वकसी ने भी अयोध्या मे् भगिान श््ीराम की
जन्मभूवम से जुडे मुद््े के इस तरह शांवत के साथ
समाधान हो जाने की कल्पना नही् की थी. आज
भगिान राम की जन्मभूवम पर उनका भव्य मंवदर बन
रहा है. धम्ि के प््वत आथ्था के साथ-साथ सामावजक
सद््ाि का िातािरण एक बडी वजम्मेदारी है, वजसे
प््धानमंत््ी बखूबी वनभा रहे है्. कहा जा रहा है वक
देश ही नही्, उन्हो्ने विदेश मे् भी आध्यास्तमक और
आथ्था के ऐसे के्द््ो् के जीण््ोद््ार मे् र्वच वदखाई
है, वजसका थ्िागत वकया जाना चावहए.
िाकई, प््धानमंत््ी के नेतृत्ि मे् भारतिष्ि मे् सही
मायनो् मे् आध्यास्तमक और सांथ्कृवतक पुनज्ािगरण
हो रहा है. िह अपने ‘मन की बात’ काय्िक््म मे्
ब््ाजील के जोनस मसेटी का वजक्् करते है्, तो
प््िासी भारतीयो् को भी एक कर विश्् कल्याण मे्
अपनी भूवमका वनभाने के वलए प््ेवरत करते है्. वजस
तरह लोकमाता ने जीिन मे् सामावजक कुरीवतयो् के
वखलार लडाई लडी और आध्यास्तमक के्द््ो् के
पुनज्ािगरण का मंत्् लेकर जीिन को समव्पित वकया,
ठीक उसी तरह प््धानमंत््ी भी तमाम चुनौवतयो् और
बाधाओ् को पार करते हुए हमारी महान सभ्यता,
संथ्कृवत और अध्यात्म के संथ्कार को पुनज््ीवित
करने का प््यास कर रहे है्. इसके साथ ही खुले मे्
शौच से मुस्कत, थ्िच्छ भारत अवभयान, उज्््िला
योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरि््ण
और नमावम गंगे जैसे अवभयानो् के जवरये समाज को
आगे बढ़ने का रास््ा तैयार वकया जा रहा है. ये सभी
अवभयान पुनज्ािगरण और लोक-कल्याण की दृव््ि
से देखे जाने चावहए.
भारतिष्ि की पािन धरा ज््ान, विज््ान, कला,
अध्यात्म एिं महानतम संथ्कृवतयो् की जननी है.
सवदयो् से इस भूवम ने मानिता को राह वदखाई है
और िसुधैि कुटुंबकम के संकल्प के साथ संपूण्ि
विश्् के कल्याण का संदेश वदया है. भारतीय
संथ्कृवत का मूल इतना गहरा और व्यापक है वक
इसके प््िाह मे् आई बडी-बडी र्कािटे् भी कभी
बाधा न बन सकी्. देश के कोने-कोने मे् थ्थावपत
आध्यास्तमक ऊज्ाि के सशक्त के्द्् जीिंत और
जागृत पािर हाउस है्, वजन्हे् हमारे मनीवषयो् ने
अपने तपोबल से संजोकर रखा. शरीर, मन और
आत्मा को एकाकार करने िाला विज््ान ‘योग’ हमारे
ऋवष-मुवनयो् द््ारा मानि जावत के वलए असीम
उपहार है. जो लोग अध्यात्म और आथ्था संबंधी
गुफा में साधना
देश रा प््धानमंि््ी बनने रे बाद पीएम मोदी
पहली बार 3 मई 2017 रो रेदारनार पहुंचे
रे. उसी वष्ि 20 अक्तूबर रो पुन: वे
रेदारनार आए. सफर 7 नवंबर 2018 रो मोदी
तीसरी बार रेदारनार पहुंचे. चौरी बार 18 मई
2019 रो धाम पहुंचे तो उन्हो्ने ध्यान गुफा मे्
लगभग 17 घंटे तर साधना भी री. उनरे इस
अंदाज रो देख सभी रायल हुए रे.
अयोधंया में साषंंांग दंडवत
मोदी ने आज, 5 अगस्् 2020 रो अयोध्या मे् भूसमपूजन
से पहले हनुमानगढ्ी और रामलला मंसदर मे् पूजा री.
प््धानमंि््ी मोदी रामलला रे सामने साष््ांग प््णाम सरया.
उन्हो्ने भगवान रो फ्ल चढ्ाए और सफर उनरी पसरक््मा
और आरती री. इसरे बाद प््धानमंि््ी भूसम पूजन रे सलए
गए. वहां भी भूसम पूजन और सशला पूजन रे बाद
प््धानमंि््ी मोदी ने साष््ांग दंडवत प््णाम सरया. प््धानमंि््ी
मोदी साष््ांग प््णाम से पूरा देश भावुर हो गया.
3) गंगा में डुबकी
प््धानमंि््ी नरे्द्् मोदी ने 13 सदसंबर, 2021 रो लसलता
घाट पर गंगा मे् डुबरी लगाई. मोदी पहले राल भैरव
मंसदर पहुंचे. यहां पूजा-अच्िना ररने रे बाद क्््ज मे्
सखरसरया घाट से लसलता घाट तर री याि््ा तय री.
लसलता घाट पर उन्हो्ने पसवि्् गंगा नदी मे् डुबरी लगाई.
रलश मे् जल लेरर अर्य्ि देते सदखाई सदए. इसरे बाद
जलासभषेर रे सलए गंगा जल लेरर राशी सवश््नार
गसलयारे से होते हुए राशी सवश््नार धाम गए.
तीन दृशंय... हहंदुतंर के फ्ंंटफुट पर मोदी
श््ेता वसन्हा
प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी की 3 तस्वीरे् उस सवाल का जवाब है, जजसे कांग््ेस नेता राहुल गांधी ने शुर् की थी. उन्हो्ने कहा था जक ‘वो’ जहन्दू तो है्, लेजकन
जहंदुत्ववादी नही् है्. राजनीजत ही सही, लेजकन इसमे् कोई दो राय नही् जक प््धानमंत््ी मोदी ने भारत के लोगो् को अपने देश की जवरासत से एक नया पजरचय
करवाया है. उन्हे् दुजनया को ये बताते हुए ज्रा भी संकोच नही् हुआ जक वो एक जहन्दू है् और जहन्दुत्व की जीवन पद््जत का पालन करते है्. इससे पहले हमारे देश
के प््धानमंत््ी और बड्े बड्े नेता अपने आपको खुल कर जहन्दुत्व से जोड्ने मे् संकोच करते थे और अपने धम्म को लेकर हमेशा बैकफुट पर रहते थे. उन्हे् लगता
था जक अगर खुल कर अपने धम्म की बात की तो उनकी जसयासत कमज्ोर हो जाएगी.
भा
जनिरी 2022
3
बातो् मे् र्वच नही् रखते, उनके वलए भी योग बेहतर
शारीवरक और मानवसक थ्िाथ्थ्य की ओर जाने का
एक सही रास््ा है. आधुवनक विज््ान ने भी इसे
थ्िीकार वकया है. लंबे कालखंि के बाद प््धानमंत््ी
के सतत ि अथक प््यासो् के बल पर योग एक बार
पुन: प््वतव््ित हुआ है. कोरोना महामारी के दौरान
योग के महत्ि को पूरी दुवनया ने थ्िीकार वकया है.
कुछ खास बातें
गाय : गोहत्या पर प््वतबंध वहन्दुओ् के वलए
एक विशेष मुद््ा रहा है. हालांवक यह एक वििावदत
विषय भी रहा है. भारत के अवधकांश प््देशो् मे्
बहुमत का यही मानना है वक गोहत्या बंद ही होनी
चावहए. उन थ्थानो् पर जहां जहां भारतीय जनता
पाट््ी की सरकार बनी है, िहां िहां पर गाय बचाने
के वलए कडे कानून इधर एक िष्ि मे् बनाए गए है्.
गंगा : िाराणसी मे् जब नरे्द्् मोदी ने चुनाि
के समय अपना कदम रखा था तो उन्हो्ने कहा था
“मुझे न वकसी ने भेजा है, न मै् यहां आया हूं, मुझे
तो मां गंगा ने बुलाया है.” उसके बाद िाराणसी के
जनसभा मे् भी उन्हो्ने गंगा को ही अपना मुख्य
विषय बनाया. गंगा सभी वहन्दुओ् के वलए श््द््ा का
के्द्् हमेशा से ही रही है. उन्हो्ने ‘नमावम गंगे’ वमशन
की शुर्आत की.
योग : संयुक्त राष्््् संघ के इवतहास मे् मोदी के
योग प््स््ाि ने तो नया वरकाि्ि ही बना वदया. 21
जून को योग वदिस के र्प मे् पूरे विश्् मे् मान्यता
वदलिा दी और गि्ि का विषय तो यह रहा वक
अवधकांश अरब देशो् ने तो 21 जून रमिान पड
जाने के कारण एक सप्ताह पहले ही योग वदिस
मना वलया. इस तरह से वहन्दुओ् की इस प््ाचीन
विधा को अवखल विश्् मे् एक नया सम्मान वमला.
केदार धाम : केदार धाम मे् आवद गुर्
शंकराचाय्ि की पुनव्निव्मित समावध और प््वतमा का
अनािरण करने पहुंचे प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी शुक््िार
को न वसर्फ धाव्मिक एिं अध्यात्म पुर्ष के अितार
मे् वदखे. िरन मोदी ने उत््र से दव््िण तक एक देश
को एक सूत्् मे् वपरोने िाले सनातन धम्ि और
भारतीय दश्िन का संदेश देने की कोवशश भी की.
सधे कदम : अयोध्या मे् राम मंवदर, काशी मे्
विश््नाथ धाम और सारनाथ, कुशीनगर और बौद््
गया के भविष्य मे् होने िाले कायाकल्प का खासतौर
पर वजक्् वकया. बड्ी चतुराई से उन्हो्ने पाट््ी के
वहंदुत्ि के मुद््े पर एक कदम आगे बढ़्ा वदया. जब
भाजपा 2024 के चुनाि मे् होगी, तब िह देश
बहुसंख्य वहंदू मतदाताओ् को बता सकेगी वक
प््धानमंत््ी के काय्िकाल मे् ही अयोध्या मे् भगिान
राम के भव्य मंवदर का वनम्ािण शुर् हुआ. केदारनाथ
धाम का पुनव्निम्ािण हुआ. इसके साथ ही करीब
450 करोड् र्पए से बदरीनाथ धाम और काशी मे्
विश््नाथ धाम के कायाकल्प की योजना होगी.
दारीकरण के बाद के युग मे् जहां थ्माट्िरोन,
इंटरनेट और सोशल मीविया ने हमारी व्िंदगी
को पहले से आसान और मनोरंजक बना वदया है.
िही्, इससे फ््ॉि यानी धोखाधड्ी और जालसाि्ी
भी बढ़् गई है. महाराष्््् की उपराजधानी नागपुर मे्
सेना का अवधकारी होने का झांसा देकर साइबर
अपरावधयो् ने मेविकल इस्किपमे्ट विके््ता को लाखो्
र्पए का चूना लगाया. मामला बजाज नगर स्थथत
वशिसुंदर अपाट्िमे्ट वनिासी नागनाथ गौतमराि
किठेकर से जुडी है. उनकी लक्््मी भुिन चौक मे्
आर.एस. मेविटेक नाम से मेविकल इस्किपमे्ट
खरीदी-वबक््ी ि मरम्मत करने की दुकान है. 2 से
3 वदसंबर 2021 की दोपहर मे् आरोपी मंजीतवसंह
और मेजर कुलदीपवसंह नाम से नागनाथ को अलग-
अलग नंबरो् से रोन आए. आरोवपयो् ने उसे बताया
वक िे सेना के अवधकारी है् और सेना के अथ्पताल
के वलए उन्हे् दो ईसीजी मशीन खरीदनी है.
आरोवपयो् ने इसका पेमे्ट ऑनलाइन करने की बात
कही. झांसे मे् आए नागनाथ ने ओटीपी नंबर शेयर
वकया. नंबर शेयर करते ही आरोवपयो् ने नागनाथ के
खाते से रकम वनकाली. इसके बाद वरर आरोवपयो्
ने नागनाथ को उसकी रकम िापस करने तथा
ईसीजी मशीन की रकम देने का झांसा वदया. वरर
नागनाथ ओटीपी नंबर शेयर वकया. इसके बाद
आरोवपयो् ने वरर नागनाथ के खाते से रकम वनकाल
ली. इस तरह आरोवपयो् ने नागनाथ को कुल 18
लाख 83 हजार 607 र्पए का चूना लगाया वदया.
दो आरोवपयो् के वखलार प््करण दज्ि वकया गया है,
लेवकन अभी तक आरोवपयो् का कोई सुराग नही्
वमला है.
इसी तरह इंटरनेट बै्वकंग चलाने मे् समथ्या
आने पर रेलिे के टीटी को कथ्टमर केयर को रोन
लगाना महंगा पड्ा. कामठी रोि गोकुल नगरी स्थथत
सोना अपाट्िमे्ट वनिासी अवमतकुमार प््साद रेलिे मे्
टीटीई है्. उसका एसबीआई बै्क मे् खाता है. अवमत
कुमार को इस बै्क की इंटरनेट सेिा का इस््ेमाल
करने मे् समथ्या आ रही थी. इस कारण उन्हो्ने नेट
पर सच्ि कर संबंवधत कथ्टमर केयर का रोन नंबर
खोजा और उसमे् अपनी समथ्या बताई. कथ्टमर
केयर का कम््ी बनकर बात करने िाले अपराधी ने
अवमत कुमार को एक वलंक भेजी. उस वलंक मे् पूछी
गई जानकारी अवमत कुमार ने भर दी. बताए गए
वदशा-वनद््ेशो् का पालन वकया. आटोपी नंबर भी
शेयर वकया. इसके बाद अवमतकुमार के खाते से 4
लाख 50 हजार र्पए की रकम वनकाल ली गई. यह
िाकया 3 वदसंबर 2021 की दोपहर मे् हुआ. जांच
पड्ताल के दौरान प््करण की पुव््ि होने के बाद
प््करण दज्ि वकया गया है, लेवकन अभी तक आरोपी
का कोई सुराग नही् वमला है, जांच जारी है.
ये दो उदाहरण बानगी है्. ऐसे न जाने वकतने
ही मामले रोज देश के पुवलस थानो् मे् दज्ि हो रहे
है्, लेवकन आरोपी पकडे नही् जा रहे है्. कवतपय
मामलो् मे् वरकिरी होती भी है, लेवकन उसका अलग
ही रंिा है. दरअसल, देश मे् वित््ीय सेिाएं लेने
िाले सभी ग््ाहको् ने विवजटल बै्वकंग को कारी
उत्साह के साथ अपनाया, लेवकन वचंता की बात यह
है वक बै्वकंग रज््ीिाडे का सबसे बडा वशकार भी
उन्हे् ही होना पडा है. विवजटल दुवनया के अपराधी
अपनी जडे् मजबूत करते जा रहे है्. चूंवक
ऑनलाइन-फ््ॉि का हर मामला पुवलस मे् दज्ि नही्
होता, इसवलए कहना मुस्ककल है दुवनया मे् हर वदन
वकतने लोग इस धोखाधड्ी का वशकार बनते है्,
लेवकन ऑनलाइन-फ््ॉि एक सच है, वजसका
कड्िा घूंट सारी दुवनया पीने के वलए वििश है.
ऑनलाइन-फ््ॉि करने िालो् के तौर-तरीके थोड्े
अलग हो सकते है्, लेवकन उनका अंवतम लक्््य होता
है आपका िेटा और पैसा चुराना. सिाल उठते रहे,
पर कोई ठोस जिाब या समाधान आज तक नही्
वमल सका है. वनव््ित तौर पर भारत सरकार
विवजटल भारत की ओर कदम दर कदम बढ़ाती जा
रही है, लेवकन साइबर सुरि््ा को लेकर कोई ठोस
उपाय नजर नही् आ रहा है. देश मे् प््वतवदन सैकड्ो्
मे् नही्, हजारो् मे् मामले दज्ि वकए जा रहे है्, लेवकन
वसर्फ राइले् बढ़् रही है्.
फ््ॉि करने िालो् ने ‘आपदा को ही अिसर’
बना वलया. नतीजतन, ऑनलाइन बै्वकंग ट््ांजैक्शन
से जुड्े फ््ॉि दोगुना रर्तार से बढ़्े. चूंवक इंटरनेट,
नेट बै्वकंग, यूपीआई का चलन सब्जी के ठेले से
लेकर गांि के मजदूर, वकसान, श््वमक िग्ि तक तेजी
से बढ़ा है, िही् जागर्कता और सतक्फता की कमी
के कारण इन सभी को विवजटल रज््ीिाडे से भारी
ि््वत भी उठानी पडी है. साल 2019 मे् ऑनलाइन
ट््ांजेक्शन से जुड्े 2093 फ््ॉि दज्ि हुए, िही् एक
साल के भीतर यह संख्या करीब 4000 पहुंच गई.
इनमे् आधे से ज्यादा मामले बड्े शहरो् मे् दज्ि हुए.
हैदराबाद और मुंबई मे् सबसे ज्यादा फ््ॉि सामने
आए. यह भी कम चौ्काने िाला नही् है वक वजस
हैदराबाद मे् कोविि से पहले तीन साल मे् ऑनलाइन
बै्वकंग फ््ॉि का एक भी मामला दज्ि नही् हुआ था,
िहां साल 2020 मे् 1366 मामले दज्ि हुए. मुंबई मे्
साल 2017 मे् 185 केस दज्ि हुए थे, जो 2020 मे्
बढ़्कर 289 हो गए. आपको बता दे् वक ऑनलाइन
फ््ॉि के 85 रीसदी मामले वसर्फ 5 राज्यो्-उत््र
प््देश, तेलंगाना, महाराष््््, ओविशा और आंध्् प््देश
मे् दज्ि हुए है्.
बस एक गलती और खाता खाली
उ
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नंदपुरी वनिासी पीयूष जैन मूलर्प से कन्नौज
के वछपत््ी का रहने िाला है. िहां घर, इत्् की
रैक्ट््ी, कोल्ि थ्टोर, पेट््ोल पंप है. मुंबई मे् भी घर,
हेि आवरस और शोर्म है. जानकारी के मुतावबक
पीयूष जैन की करीब 40 कंपवनयां है्, वजनमे् दो
वमविल ईथ्ट मे् भी है्. इनका इत्् कन्नौज मे् बनता
है, िही् मुंबई मे् शोर्म है जहां से इत्् को पूरे देश
मे् बेचा जाता है. साथ ही विदेश मे् वनय्ाित भी वकया
जाता है.
एक ड््ाइिर की एक गलती ने पीयूष जैन के
‘लंका’ का भेद खोल वदया. देश की यह सबसे बडी
जीएसटी चोरी है. गुजरात मे् करीब 3 महीने पर
जीएसटी विभाग ने 1 ट््क पकडा, वजसमे् वशखर
पान मसाला लेकर जा रहे माल के साथ करीब 200
रज््ी इनिाइस पकडी गई. इसके बाद से ही
िायरेक्ट््ेट जनरल ऑर जीएसटी इंटेलीजे्स
(िीजीजीआई) की टीम ने कानपुर मे् िेरा िाल
वदया था. गुजरात मे् रज््ी इनिाइस और माल के
साथ पकडा गया ट््क गणपवत ट््ांसपोट्िर प््िीण जैन
का था. प््िीण पीयूष जैन के भाई अमरीष जैन का
बहनोई है. इनके नाम करीब 40 से ज्यादा रम्ि है्.
रज््ी रम्ि के नाम से इनिाइस वशखर गुटखा प््ाइिेट
वल. पता 51/47 नयागंज, कानपुर की ओर से काटी
गई थी. ऐसे मे् कंपनी
के िायरेक्टर प््दीप
कुमार अग््िाल और
भाई दीपक अग््िाल
भी रिार पर आ गए.
िीजीजीआई की टीम
पीयूष जैन के घर पहुंची, तो छापेमारी की सूचना के
बाद ही िह भाग वनकला था. ऐसे मे् इत्् कारोबारी
पीयूष जैन पैसो् को भी वठकाने भी नही् लगा सका.
टीम ने छापेमारी कर अलमावरयो् मे् रखे बंिलो् मे्
इतना पैसा वमला वक टीम के भी होश उड गए. पीयूष
जैन के घर से छापेमारी मे् 200 से ज्यादा चावबयो्
से भरा हुआ एक बैग वमला है. अरसरो् को वसर्फ
शक नही्, बस्लक पक््ा यकीन है वक यह चाबी
लॉकरो् की है्, वजनमे् पीयूष जैन ने अपना काला धन
वछपाकर रखा है.
इन पैसो् की बरामदगी भी वरल्मी थ्टाइल मे् हुई.
अजय देिगन की 'रेि' वरल्म की तरह दीिार के
पीछे नोटो् से भरा कमरा वमला. इतनी रकम वमली
वक अरसरो् की आंखे् भी खुली की खुली रह गई्.
एक गड््ी खी्ची तो भरभराकर बाकी गवड््यां जमीन
पर आ गई्. 13 मशीनो् से 36 घंटे वगनती हुई तब
जाकर 177 करोड र्पए के नोटो् की वगनती पूरी की
जा सकी. लगातार नोट वगनने से तो कई मशीने् तक
जिाब दे गई्. यहां तक वक नोट वगनने के वलए एक
वनजी एजे्सी और बै्क से कम्िचावरयो् को हायर
करना पडा. तब जाकर छापेमारी मे् बरामद पूरी रकम
की वगनती हो सकी.
िीजीजीआई टीम जब शहर के वकदिई नगर
के आनंदपुरी स्थथत पीयूष जैन के घर मे् छापेमारी
की तो कुछ भी हाथ नही् लगा. अरसरो् ने लॉकर,
अलमारी से लेकर रॉल-सीवलंग तक छान मारी कुछ
नही् वमला. पीयूष के बेटो् से पूछताछ मे् कोई ठोस
सुराग नही् वमला. एक पल के वलए लगा वक गलत
सूचना पर छापेमारी की है. हालांवक, तभी िाइवनंग
र्म मे् क््ाॅकरी से सजी बेहद खूबसूरत अलमारी पर
अरसरो् की नजर गई. इटली की महंगी क््ाकरी से
सजी पूरी रैक को करीब से देखने मे् कुछ शंका हुई.
रैक और दीिार के बीच रत््ी भर गैप को देख पूरी
क््ाकरी को हटाया गया. खाली रैक का लॉक खोला
और थोड्ा जोर से वहलाया तो दीिार जैसा दरिाजा
वमल गया. उसकी चाबी नही् वमली. दीिार तोडते ही
अरसरो् की आंखे् खुली की खुली रह गई्. पूरा
कमरा नोटो् की गवड््यो् से भरा था.
िीजीजीआई के एक सीवनयर अरसर ने बताया
वक पीयूष जैन की काली कमाई के बारे मे् वजतना
सोचकर छापेमारी की गई थी. िहां उससे कई गुना
ज्यादा वमली. अभी तक अहमदाबाद, मुंबई, वदल्ली
और खाडी देशो् मे् उसकी कंपवनयो् और वबजनेस
का पता चला है. लेवकन, यह पूरा सच नही् है. देश
और विदेश मे् उसके और भी वठकाने होने की शंका
है. ऐसा लग रहा है वक िहां भी जैन ने अपने गोपनीय
लॉकर बना रखे है् और िहां कैश और जेिरात वछपा
रखे है्. वरलहाल, विभाग का सबसे बडा और
मुस्ककल टाथ्क इन 200 तालो् तक पहुंचना है. इनमे्
से कुछ विदेशो् मे् भी हो सकते है्. अरसरो् का इन
‘धनकुबेर की लंका’ ढही
उत््र प््देश के कन्नौज की गजलयां
इत्् की सुगंध से महकती है्, लेजकन
इस बार ‘इत्् की सड्ांध’ वहां से
उठी है. ऐसी सड्ांध, जजससे पूरे
देश मे् भ््ष््ाचार की बदबू फैल गई
है. जी हां, हम बात कर रहे है् इत््
कारोबारी पीयूष जैन की. यह
कारोबारी अब जगरफ्तार हो चुका है.
बहुत सारे राज, जो अभी कयासो् मे्
है्, वे भी बाहर जनकल सकते है्.
डीजीजीआई (डायरेक्ट््ेट जनरल
ऑफ जीएसटी इंटेलीजे्स) की टीम
ने आयकर जवभाग के साथ जमलकर
कारोबारी पीयूष जैन का यहां
छापेमारी की तो महकमे की आंखे्
फटी रह गई्. जतजलस्मी खजाने से
नोटो् की गज््ियां भरभरा कर जगरती्
रही्. अब तक 257 करोड् र्पए
नकद बरामद जकए गए है्. आजाद
भारत के इजतहास मे् संभवत: यह
पहला मामला है, जब एक साथ
जकसी छापे मे् इतनी नकदी जमली हो.
n हांफ गईं मशीनें, नोट गगनने वाले पसीने-पसीने
n आजाद भारत के इगतहास में संभवत: यह पहला मामला है, जब एक साथ
गकसी छापे में इतनी नकदी गमली हो
आ
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200 तालो् तक पहुंचना इसवलए भी जर्री है वक
पीयूष जैन की अब तक की जो प््िृव््त समझ मे् आई
िह कैश और जेिरात को वछपाकर रखने की है.
कानपुर और कन्नौज मे् उसने तहखानो् और दीिारो्
मे् नगदी को वछपाकर रखा था. ऐसी-ऐसी अलमावरयां
बनिा रखी थी वक आप समझ ही नही् पाएंगे वक
इनके पीछे नगदी है.
पीयूष जैन ने करोडो् की संपव््त महरूज रखने
के वलए गजब का प्लान बनाया था. कानपुर मे्
आनंदपुरी के पूरे घर को वकले मे् तब्दील वकया गया
था. मेन गेट से लेकर सभी वखडवकयो् मे् थ्टील की
मोटी व््गल लगाई गई थी. नौकर ने बताया वक पूरे घर
और छत पर भी कंटीली रे्वसंग लगाई. रात मे्
रे्वसंग मे् करंट भी दौडाया जाता था, वजससे वक
कोई चोर घर के अंदर न घुस सके. घर मे् कही् भी
सीसीटीिी कैमरा नही् लगे है्. इससे ये भी माना जा
रहा है वक घर मे् कौन आ रहा है और कौन नही्,
इसकी जानकारी वकसी को न वमल सके. घर के
अंदर की वकसी भी एस्कटविटी को कोई देख न सके,
इसके वलए पूरे घर की वखडवकयो् मे् काले शीशे
लगाए गए है्. वदन मे् वखडवकयो् के अंदर कुछ भी
देखा नही् जा सकता है. घर मे् मौजूद नौकर के
मुतावबक घर कभी भी खाली नही् छोडा जाता था.
कोई न कोई घर का सदथ्य मौजूद रहता था. मेन गेट
पर िबल दरिाजे लगिाए है्. एक दरिाजा कई
स्किंटल थ्टील का बनाया गया है. इसके बाद लकडी
का मोटा दरिाजा लगाया गया है. घर के अंदर कोई
भी व्यस्कत आसानी से नही् घुस सकता है, इसके पूरे
इंतजाम वकए गए है्.
पीयूष और उसका भाई अमरीष जैन कन्नौज मे्
कंपाउंि वकंग नाम से मशहूर है्. इनका कंपाउंि
(पान मसाला और इत्् मे् र्लेिर के वलए वमलाया
जाने िाला वमश््ण) का पुक्तैनी कारोबार है. इनके
बाबा और वपता भी यही काम करते थे, लेवकन बेहद
सीवमत स््र पर. बीते 15 साल से दोनो् भाई काम
देख रहे है्, लेवकन इनका टन्िओिर भी बहुत अवधक
नही् है. कन्नौज के शीष्ि कारोबावरयो् की सूची मे् भी
इनकी वगनती नही् है. सूत््ो् का कहना है वक इनका
कारोबार गुजरात, मुंबई और कानपुर तक है. कन्नौज
मे् इस तरह का काम बड्े पैमाने पर होता है. छोटे-
छोटे कारोबारी बड्े पान मसाला कारोबावरयो् को
कंपाउंि की आपूव्ति करते है्.
सूत््ो् के अनुसार कन्नौज मे् इत्् और कंपाउंि
के कारोबार पर कुछ साल से एक वसयासी पृि््भूवम
िाले कारोबारी का एकावधकार जैसा है. थ्थानीय
कारोबावरयो् से इत्् और कंपाउंि खरीदकर िह उस
पर अपना टैग लगाकर बड्ी कंपवनयो् से िील करते
है्. 22 वदसंबर को िीजीजीआई (महावनदेशालय
जीएसटी इंटेवलजे्स) ने वशखर पान मसाला के
मावलक के घर भी छापा मारा था. सूत््ो् का दािा है
वक जैन बंधुओ् के बढ़्ते प््भाि को देखते हुए
कारोबारी ने पूरे गठजोड् की जानकारी िीजीजीआई
को दे दी. इसके बाद यह कार्ििाई हुई. यह भी बताया
जा रहा है वक वशकायत करने िाले कारोबारी या
जांच एजे्सी के अरसरो् को भी इस बात की उम्मीद
नही् थी वक पीयूष के वठकानो् से इतना बड्ा खजाना
वनकलेगा.
सूत््ो् ने बताया वक पीयूष के आनंदपुरी स्थथत
आिास से वमले नोटो् के बंिल बहुत पुराने नही् है्.
सामने आया है वक इस साल ररिरी मे् एक पान
मसाला कारोबारी की कानपुर देहात स्थथत पॉवलथ्टर
वरल्म रैक्ट््ी मे् आग लगी थी. इसमे् करोड्ो् के
नुकसान की बात कही गई थी. सूत््ो् के अनुसार,
इसमे् भी खेल हुआ था. प्लांट और मशीनरी को
बेचने के बाद जानबूझकर आग लगिाई गई थी.
इसमे् मशीनो् की वबक््ी से वमले पैसो् के अलािा
करोड्ो् र्पए का क्लेम भी वलया गया.
याद रहे, अवखलेश यादि की सपा ने
विधानसभा चुनाि मे् एक खास समुदाय के िोटो् को
लक्््य करते हुए 22 वकथ्म की प््ाकृवतक सुगंधो् को
वमलाकर एक ‘समाजिादी इत््’ लॉन्च वकया था और
दािा वकया था वक इसकी खुशबू से नररत की
राजनीवत समाप्त होगी. खुद पाट््ी अध्यि्् अवखलेश
यादि ने सपा मुख्यालय मे् इस इत्् का उद्घाटन
वकया. इत्् की शीशी तो छोटी सी थी, पर इसने
राजनीवत के पवरदृक्य पर सभी विरोवधयो् के बयानो्
मे् जगह बनाई और अब महकती खुशबू की जगह
‘कर चोरी’ की सडांध बलबलाकर बाहर वनकल रही
है. तब बताया गया है वक इस इत्् को कन्नौज से
सपा विधान पवरषद सदथ्य पुष्पराज जैन उर्फ पम्मी
जैन ने तैयार करिाया है. बकौल पम्पी इस इत्् को
तैयार करने मे् 2 िैज््ावनको् को 4 महीने का समय
लगा. इसकी खावसयत बताते हुए िे कहते है् वक
कक्मीर से कन्याकुमारी तक इस इत्् मे् 22 प््ाकृवतक
इत््ो् का उपयोग वकया गया है. अब समझ मे् आया
वक इसमे् कक्मीर से कन्याकुमारी तक कर-चोरी की
गई है. वजस तरह अलादीन का वजन्न एक शीशी मे्
बंद था. उसी तरह धनकुबेर का वजन्न भी शीशी मे्
बंद था, जो सरकारी ठोकर लगते ही शीशी से बाहर
आ चुका है और अब अपने सभी अड््ो् को पोल
खोल रहा है.
जानरार बता रहे है् सर इस छापे से सपा रे
इलेक्शन फंड मैनेजमे्ट रो बहुत बडा नुरसान
पहुंचा है. इससे पहले सपा रे फाइने्सर माने
जाने वाले जैने्द्् यादव, पाट््ी रे राष््््ीय ससचव
राजीव राय, मनोज यादव और राहुल भसीन रे
यहां छापा पड्ा रा. इसमे् ररीब 800 ररोड्
र्पए री रर चोरी रा पता चला है. सूि््ो् रे
मुतासबर, जैन पसरवार पर आयरर री छापेमारी
फोन पर बातचीत रो ट््ेस ररने रे बाद हुई है.
यह जानरारी समली री सर रानपुर मे् इि््
रारोबारी पीयूष जैन रे पास चुनाव मे् खच्ि होने
वाला बड्ा फंड रखा हुआ है. सूि््ो् रे मुतासबर
डीजीजीआई री टीम इन पैसो् और
पॉसलसटरल रनेक्शन होने रे सलंर री भी जांच
रर रही है. ऐसे मे् सपा एमएलसी से भी टीम
जल्द पूछताछ रर सरती है. इस रार्िवाई मे्
अभी रई और बडी रार्िवाई भी हो सरती है.
पीयूष जैन के बारे मे् पूरी जानकारी जुटाई गई
तो जानकारी मे् आया वक इनके वपता महेश चंद्् जैन
केवमथ्ट की अच्छी जानकारी रखते है् और इनका
व्यापार भी इत्् से न जुड्ा होकर केवमथ्ट के
कंपाउंविंग से जुड्ा हुआ है और यह गुटखा तंबाकू
और अन्य कंपवनयो् को उसका कंपाउंि देते है्. यह
दो भाई है्. एक पीयूष जैन और एक अमरीश जैन.
दोनो् लोग ही कभी यहां तो कभी कानपुर के आिास
पर रहते है्. िही् इनके वपताजी महेश चंद्् जैन
ज्यादातर कन्नौज के मकान मे् रहते है्. अवखलेश
यादि ने इत्् नगरी से सांसद होने का सरर शुर्
वकया तो उनके साथ इत्् व्यापारी पुष्पराज उर्फ पम्पी
जैन भी उनके साथ पाट््ी मे् शावमल होकर
समाजिादी पाट््ी के कद््ािर नेता बन गए.
समाजिादी पाट््ी से उनका जुड्ाि इत्् नगरी को
अवखलेश से महकाना था, इसके वलए उन्हो्ने
समाजिादी इत्् का वनम्ािण कर उसको लांच वकया
और पाट््ी से एमएलसी का चुनाि लड्कर उसमे्
जीत हावसल करते ही सपा एमएलसी बन गए.
दूरदश्िन पर नब्बे के दशक मे् एक धारािावहक
आता था. उस धारािावहक का नाम था चंद््कांता.
यह धारािावहक देिकीनंदन खन्नी के उपन्यास
चंद््कांता पर के्व््दत था. इस उपन्यास की कहानी मे्
वतवलथ्म की कई अनकही कहावनयो् का समािेश
वमलता है. अबूझ रहथ्यो् के कुहासो् मे् िूबा, जर्ाि-
जर्ाि वतवलथ्म और िैभि की भरपूर गाथाएं अभी
सामने आने को है.
एक नजर
177 करोड कैश : यह नगदी रानपुर रे घर मे् समली
है. जो दीवारो् मे् चुनवा रखी री. उसरे आगे
अलमारी बना रखी री. घर मे् रई जगह मोटी-मोटी
दीवारे् री्. उसरे बीच मे् भी प्लाक्सटर मे् सीलबंद
रररे नगदी रखी री.
275 वकिो सोने-चांदी की वसल्लियां : रन्नौज मे्
एर घर रे तहखाने मे् समली है. इसमे् 250 सरलो
चांदी री ससक्ललयां और 25 सरलो सोने री ई्ट समली्
है्. यह रई बक्सो् मे् भरी रखी री.
9 बोरे मे् भरे वमिे नोट : रन्नौज मे् ही एर और
तहखाना समला है. उसमे् प्लाक्सटर रे 9 बोरे मे्
2000 और 500 रे नोट भरे हुए है्. आशंरा है सर
यह ररम ररीब 50 ररोड र्पए रे ररीब है.
जनिरी 2022 6
प््ीम कोट्ि ने सार कह
वदया वक वनकाय
चुनाि मे् कोई ओबीसी
आरि््ण नही् वदया जाएगा.
जो 27 फ्ीसदी सीटे् इसके
तहत आरव््ित की गई् है,
उसे सामान्य सीट मे् तब्दील
कर चुनाि कराए जाएं.
इसके साथ ही सुप््ीम कोट्ि
ने महाराष्््् सरकार की ओबीसी को 27 प््वतशत
आरि््ण की अवधसूचना रद्् कर दी है. सुप््ीम कोट्ि
ने कहा वबना ि्र्री आंकड्े जुटाए आरि््ण वदया
गया. सुप््ीम कोट्ि ने कहा वक व््टपल टेथ्ट का पालन
वकए वबना ओबीसी आरि््ण के वलए अध्यादेश लाने
के राज्य सरकार के रैसले को थ्िीकार नही् वकया
जा सकता, जो अवनिाय्ि है. व््टपल परीि््ण है् (1)
राज्य के भीतर थ्थानीय वनकायो् के र्प मे् वपछड्ेपन
की प््कृवत और वनवहताथ्ि की कठोर अनुभिजन्य
जांच करने के वलए एक आयोग की थ्थापना; (2)
आयोग की वसरावरशो् के आलोक मे् थ्थानीय
वनकाय-िार प््ािधान वकए जाने के वलए आिक्यक
आरि््ण के अनुपात को वनव्दिि्् करना, तावक
अवधकता का भ््म न हो; और (3) वकसी भी
मामले मे् ऐसा आरि््ण अनुसूवचत जावत/अनुसूवचत
जनजावत/अन्य वपछड्ा िग्ि के पि्् मे् आरव््ित कुल
सीटो् के कुल 50 प््वतशत से अवधक नही् होगा.
यावचका मे् महाराष्््् के अध्यादेश को चुनौती दी गई
थी, वजसने थ्थानीय वनकाय चुनािो् मे् 27%
ओबीसी कोटा पेश वकया था और इसके
पवरणामथ्िर्प राज्य चुनाि आयोग द््ारा उसी को
प््भािी बनाने के वलए अवधसूचना जारी की गई थी.
इस वहसाब से ओबीसी के राजनीवतक आरि््ण
को लेकर सुप््ीम कोट्ि का रैसला महाराष्््् सरकार
के गले की रांस बन गया है. अगर हम पीछे जाएं
तो 1 मई 1962 को महाराष्््् वजला पवरषद और
पंचायत सवमवत अवधवनयम 1961 मे् यह कानून
अव््सत्ि मे् आया था. पंचायती राज को अपने राज्य
मे् लागू करने िाला महाराष्््् 9िां राज्य बना था.
साल 1992 मे् देश मे् मंिल आयोग लागू हुआ.
उसके बाद साल 1994 मे् महाराष्््् वजला पवरषद
और पंचायत सवमवत के अवधवनयम 1961 मे्
बदलाि करते हुए 12(2) सी नई धारा जोड्ते हुए
ओबीसी समाज को 27 फ्ीसदी राजनीवतक
आरि््ण वदया गया. यानी थ्थानीय वनकाय चुनाि मे्
27 फ्ीसदी ओबीसी समाज के उम्मीदिारो् को
आरि््ण रहेगा. इसके बाद 29 मई 2021 को सुप््ीम
कोट्ि का एक रैसला आया, वजसमे् सुप््ीम कोट्ि ने
िावशम, भंिारा, अकोला, नागपुर और गो्वदया यह
5 वजलो् के थ्थावनक वनकाय चुनाि मे् ओबीसी
उम्मीदिारो् का आरि््ण रद्् कर वदया.
महाराष्््् मे् 10 बड्ी महानगर पावलकाओ् के
वनकाय चुनाि आने िाले िक्त मे् होने िाले है्,
वलहाजा ओबीसी आरि््ण के मुद््े को सरकार जल्द
लागू नही् कर सकी तो इसका राजनीवतक नुकसान
भी सरकार को उठाना पड् सकता है. साल 2019 मे्
ठाकरे सरकार जब सत््ा मे् आई उसी िक्त सुप््ीम
कोट्ि ने सरकार द््ारा जर्री िेटा न वदए जाने के
चलते ओबीसी के राजनीवतक आरि््ण पर रोक लगा
दी थी. उस िक्त से ही विपि्् मे् बैठी बीजेपी सरकार
पर इस मुद््े पर ढीला रिैया अपनाने का और ओबीसी
समाज को अनदेखा करने का आरोप लगा रही है.
आंकड्ो् के मुतावबक महाराष्््् मे् ओबीसी
समुदाय की आबादी लगभग 5 करोड् है. वकसी भी
राजनीवतक दल के समीकरण बनाने और वबगाड्ने
मे् ओबीसी समुदाय वनण्ाियक सावबत हो सकता है.
इस बात का अंदाजा सत््ा मे् बैठी वशिसेना-
एनसीपी, कांग््ेस के साथ विपि््ी दल बीजेपी को
भी है, वलहाजा सरकार हो या विपि्् हर कोई इस
समुदाय के साथ खड्ा होता वदखाई दे रहा है. जावहर
है वक आरि््ण का लाभ कुछ समथ्ि जावतयो् के
खाते मे् जाना केिल एक विसंगवत है. अन्य
विसंगवतयो् की चच्ाि इसवलए नही् होती, क्यो्वक
आरि््ण को राजनीवतक र्प से एक नाजुक मसला
बना वदया गया है.
सच््ाई यह भी है वक कई महीनो् तक सरकार
मे् बैठी पाव्टियां जर्री िेटा मुहैया कराने के वलए
सरकार पर आरोप लगाती रही तो इस िाटा को जमा
करने के वलए महत्िपूण्ि वपछड्ा िग्ि आयोग की
थ्थापना कर प््व््कया करती वदखी, लेवकन वजस गवत
की आिक्यकता िाटा एकव््तत करने के वलए जर्री
थी िह करने मे् सरकार नाकामयाब रही है.
अन्य वपछडे िग््ो् की जावतयो् के उपिग््ीकरण
की संभािनाओ् का पता लगाने के वलए गवठत
रोवहणी आयोग की ओर से वमले संकेत यवद यह
रेखांवकत कर रहे है् वक ओबीसी आरि््ण का लाभ
चुवनंदा जावतयो् ने उठाया है तो इसमे् हैरानी नही्.
इस स्थथवत को बयान करने िाले आंकडे उपलब्ध
भले न हो्, लेवकन हर कोई यह जान रहा है वक
हकीकत क्या है. यह विसंगवत केिल ओबीसी
आरि््ण तक ही सीवमत नही् है. यही हालत
अनुसूवचत जावतयो् ि जनजावतयो् को वमले आरि््ण
मे् भी है.
अब जब ओबीसी आरि््ण मे् उपिग््ीकरण की
वदशा मे् कदम उठाए जा रहे है्, तो यह जर्री हो
जाता है वक एससी-एसटी आरि््ण मे् भी ऐसा हो.
नीवत-वनयंता और राजनीवतक दल इससे अनवभज््
नही् हो सकते वक यह आरि््ण मे् विसंगवत, अथ्ाित
सभी पात्् जावतयो् को समुवचत लाभ न वमल पाने
का ही प््वतरल है वक जहां ओबीसी की कुछ
जावतयां अनुसूवचत जावत का दज्ाि चाह रही है्, िही्
कुछ अनुसूवचत जावतयां जनजावत के र्प मे् अपनी
वगनती कराना चाहती है्.
भारत की जनसंख्या का बड्ा वहथ्सा आरि््ण
को ख्त्म करने की राय रखता है. कई लोगो् का
सिाल है वक आव्खर जावत के आधार पर आरि््ण
कब तक जारी रहेगा और योग्यता को वरर से कब
बढ़्ािा वमलना शुर् होगा. दूसरी ओर आबादी का
एक बड्ा वहथ्सा ऐसा भी है, जो वपछड्ी जावतयो् को
आरि््ण देने के पि्् मे् है. उनका कहना है वक
आरि््ण की ि्र्रत आज भी है. वपछड्े िग्ि के
लोगो् और आवदिावसयो् को कोटा वसथ्टम की मदद
से ही सामावजक और आव्थिक र्प से आगे बढ़्ाया
जा सकता है. आरि््ण के पि््धरो् का ये भी तक्फ है
वक वपछड्ेपन को दूर करने के वलए आज भी
आरि््ण की उतनी ही ि्र्रत है वजतनी आि्ादी
के समय थी. उनका कहना है वक आरि््ण से कुछ
फ्ायदा ि्र्र हुआ है, लेवकन वपछड्ी जावतयां अब
27 फीसदी का फ्दा ओबीसी आरकंंण
की लड़ाई ‘राजनीगतक’
सवाल तो वोट बैंक का है
श््ेता वसन्हा
सु
जनिरी 2022
7
भी वपछड्ी है्.
अन्य वपछड्ा िग्ि (ओबीसी) आमतौर पर
सामान्य िग्ि (जनरल) के अंतग्ित आने िाला िह
जावत समूह है, जो आव्थिक और शैव््िक के मामलो्
मे् बाकी सामान्य िग्ि से वपछड्ा हुआ है. भारतीय
संविधान के अनुच्छेद 340 मे् अन्य वपछड्े िग्ि को
सामावजक और शैि््वणक वपछड्ा िग्ि के र्प मे्
बताया गया है. आरि््ण, वकसी प््वतयोवगता मे् वहथ्सा
लेने िाले सभी समाज के िग््ो् को एक ऐसा
शुर्आती वबन्दु प््दान करता है, जहां से सभी िग््ो्
के वलए उनके मंवजल की दूरी बराबर हो. आरि््ण
एक प््कार की मदद है, जो उन िग््ो् को वदया जाता
है वजनके पास समाज के अन्य िग््ो् की तरह उवचत
संसाधन नही् है.
भारत मे् राजनैवतक पाव्टियो् ने आरि््ण जैसी
अवतआिक्यक सुविधा को इस प््कार से अपने
वसयासी रायदे के वलए इस््ेमाल वकया है वक अब
समाज दो मतभेदो् मे् बंट चुका है. एक तरर िो लोग
है् वजन्हे् आरि््ण वमल रहा है और दूसरी तरर िो
वजन्हे् आरि््ण नही् वमल रहा. राजनीवतक दल
इसवलए इसे कुरेदना नही् चाहते वक उन्हे् िोट बै्क
खराब होने का िर है. कई दलो् की राजनीवतक
वखचडी तो इसकी आंच पर ही पक रही है. समय
समय पर जब वजस पाट््ी को जर्रत पड्ी उसने उस
तरह के वनयम लाकर जनता के साथ िोटो् की
राजनीवत की है, लेवकन अन्तत: जनता को वसफफ््
आपसी वििाद ही वमला है. ित्िमान समय मे्
आरि््ण एक वििावदत मुद््ा बन चुका है, वजसका
पूरा श््ेय राजनैवतक दलो् को जाता है.
देखा जाए तो भारत की राजनीवत मे् आरि््ण
शुर् से ही एक वििादाथ्पद मुद््ा रहा है. इस पर आम
सहमवत कभी नही् बन पाई. वरलहाल ओबीसी के
वलए 27 प््वतशत आरि््ण है. कुछ विशेषज्् कहते है्
वक आरि््ण के विरोध के पीछे दो प््मुख कारण है्.
पहला ये वक आरि््ण को लागू करने से पहले इस
पर साि्िजवनक बहस का माहौल नही् बनाया गया.
और दूसरा ये वक इसका िोट बै्क की तरह इस््ेमाल
वकया गया.
अब आरि््ण का मुद््ा एक संिेदनशील वसयासी
मुद््ा बन चुका है. जो भी नेता या पाट््ी इस मुद््े को
उठाने की कोवशश करेगी, उसे चुनाि मे् खावमयाजा
भुगतना पड् सकता है. देखा जाए तो ओबीसी
आरि््ण का अवधकतम लाभ उठाने िाली जावतयां
आमतौर पर िही है्, जो सामावजक एिं आव्थिक र्प
से अपेि््ाकृत सि््म है्. इन्हे् वपछडो् मे् अगडे की
संज््ा दी जा सकती है. अलग-अलग राज्यो् मे् वपछडो्
मे् अगडे का दज्ाि रखने िाली जावतयां वभन्न-वभन्न
है्, लेवकन िे है् सभी राज्यो् मे्. इनमे् से कुछ जावतयां
तो राजनीवतक र्प से भी प््भािी है्. इसके चलते
उनका शासन मे् भी दबदबा है और कही्-कही् तो
प््शासन मे् भी.
मंिल आयोग की वसरावरशो् के आधार पर
प््धानमंत््ी िी.पी. वसंह द््ारा 1989 मे् ओबीसी के
वलए आरि््ण की घोषणा वकए जाने के बाद पूरे उत््र
भारत मे् उच्् जावत के छात््ो् द््ारा बड्े पैमाने पर
विरोध प््दश्िन वकया गया. कुछ विद््ानो् ने तक्फ वदया
वक इस अिवध के दौरान एक मजबूत चुनािी ताकत
के र्प मे् भारतीय जनता पाट््ी का उदय, उच्् जावत
के समथ्िन को आकव्षित करके वनचली जावतयो् की
उन्नवत के वखलार वकए गए 'कुलीन विद््ोह' को
दश्ािता है. इसके कारण अन्यथा विभावजत शूद््ो् की
प््वत-लामबंदी ने ओबीसी को राजनीवतक र्प से एक
प््मुख समूह के र्प मे् एकव््तत वकया. 90 के दशक
मे् ओबीसी के राजनीवतक प््वतवनवधत्ि मे् कारी िृव््द
हुई, वजसे योगे्द्् यादि ने भारत का 'दूसरा
लोकतांव््तक उत्थान' कहा है. ओबीसी को लामबंद
करने िाली राष््््ीय जनता दल और समाजिादी पाट््ी
जैसी पाव्टियां राजनीवत के इस 'मंिलीकरण' के साथ
महत्िपूण्ि र्प से आगे बढ़्ी्.
िैसे थ्ितंत््ता के ठीक बाद ओबीसी कोटा
दव््िण भारत के केिल चार राज्यो्-तवमलनािु,
केरल, आंध्् प््देश और कन्ािटक तक सीवमत था.
इसका कारण यह है वक दव््िण भारत मे् वनम्न जावत
के सामावजक आंदोलनो् का बहुत लंबा इवतहास रहा
है. उदाहरण के वलए, तवमलनािु राज्य मे् जस्थटस
पाट््ी द््ारा की गई राजनीवतक लामबंदी का नेतृत्ि
शूद््ो् ने वकया था. 1935 के प््ांतीय चुनािो् तक,
मद््ास प््ेसीिे्सी की विधावयका मे् पहले से ही दो-
वतहाई गैर-ब््ाह्मण थे. इसवलए यह आि््य्ि की बात
नही् है वक भारत मे् वपछड्ी जावत के वलए पहला
आरि््ण 1921 मे् मद््ास मे् जस्थटस पाट््ी के तहत
लागू वकया गया था.
1870 के दशक में मदंंास पंंेसीडेंसी में ओबीसी शबंद के पंंयोग का सनंदभंभ गमलता है
जावत व्यिथ्था वनव््ित तौर पर सामावजक स््रीकरण के सबसे कठोर र्पो् मे् से एक है, और यह व्यिथ्था
सामावजक और आव्थिक पवरणामो् को तय करना जारी रखती है. कुछ ऐवतहावसक संदभ््ो् को यहां उल्लेवखत
करना अवनिाय्ि है. 1870 के दशक मे् मद््ास प््ेसीिे्सी मे् ओबीसी शब्द के प््योग का सन्दभ्ि वमलता है.
व््बवटश प््शासन ने सकारात्मक कार्ििाई हेतु वनम्न जावत के समूहो् की पहचान करने के वलए शूद्् और 'अछूत'
जावतयो् को 'वपछड्े िग््ो्' के लेबल के तहत जोड्ा. 1935 के भारत सरकार अवधवनयम मे् अछूतो् को
अनुसूवचत जावत के र्प मे् पुनि्िग््ीकृत वकया गया. थ्ितंत््ता के बाद, भारत सरकार ने इस िग््ीकरण का
उपयोग करना जारी रखा. बाबासाहब भीमराि आंबेिकर के प््यासो् के कारण सरकार ने जावत उत्पीड्न को
बड्े पैमाने पर कम करने के वलए ठोस उपाय वकए गए. 1950 मे् अथ्पृक्यता को समाप्त कर वदया गया और
सरकार ने के्द्् और राज्य दोनो् स््रो् पर एससी और एसटी के वलए राजनीवतक प््वतवनवधत्ि अवनिाय्ि कर
वदया. संविधान ने ओबीसी के वलए प््ािधान करने का भी संकल्प वलया था काका कालेलकर और बी.पी.
मंिल की अध्यि््ता मे् क््मशः 1953 और 1978 मे् वपछडी जावत हेतु दो केन्द््ीय स््र के आयोग गवठत वकए
गए. वरर भी, 'ओबीसी' 80 के दशक के अंत तक एक अमूत्ि प््शासवनक श््ेणी बना रहा.
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  • 3. नया साल नई उम्मीदो् के साथ दस््क दे चुका है. 5 राज्यो् मे् विधानसभा चुनाि के वलए वसयासी सरगव्मियां तेज है्. कोरोना के नए िैवरएंट ओवमक््ॉन के संक््मण की गवत भी तेज है. पूि्ािनुमान से भी कही् आगे. कई राज्यो् की बंवदशे् बता रही है् वक विशेषज््ो् ने सरकारो् को क्या सलाह दी है. पर बड्ा सिाल यह वक विशेषज््ो् की यह सलाह क्या वसर्फ जनता पर लागू करने के वलए है? वन:संदेह ‘ना’ जिाब होगा. वरर ताबड्तोड् चुनािी रैवलयां और जनसभाएं क्यो्? जबवक इनमे् बड्ी संख्या मे् लोग शावमल हो रहे है्. 5 प््वतशत लोग भी बचाि के मानको् का पालन करते नजर नही् आ रहे. आदश्ि स्थथवत नकारा सावबत हो रहा है. कोई पीछे नही्. भाजपा की ओर से प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी, गृहमंत््ी अवमत शाह, खुद उत््र प््देश के मुख्यमंत््ी योगी आवदत्यनाथ की रैवलयो् की तथ्िीरो् को देखकर समझना मुस्ककल नही् है. समाजिादी पाट््ी के अवखलेश यादि और बसपा सुप््ीमो मायािती भी पीछे नही्. इनकी रैवलयो् मे् भी संक््मण विरोधी ‘उन्मादी’ भीड वदखाई दे रही है. कांग््ेस मे् विशेष तौर पर व््पयंका गांधी िाड््ा युिा िग्ि को लव््ित करके चल रही है्. इन युिाओ् को वकसी भी रैली मे् देख लीवजए. माथ्क नही्, सोशल विथ्टे्वसंग नही्. तमाम वसयासी दलो् की रैवलयो् मे् जुट रही ये भीड् ओवमक््ॉन को न्योता नही् तो क्या है? जो लोग भीड् का वहथ्सा बन रहे है्, उन्हे् शायद इस बात का एहसास नही् है वक िो वकस खतरे की जद मे् है. जम्हूवरयत की वजद जायज है, वजंदगी सबसे बड्ी है. आज जब हालात वबगड् रहे है्, तो इन्हे् रोकने की वजम्मेदारी भी इन झंिाबरदारो् पर ही है, जो इन्हे् जुटाने के वलए पसीना बहा रहे है्. जनतंत्् मे् जनता की सरकार होती है और जनता के वलए होती है. इन सरकारो् को चुनने का काय्ि चुनाि के द््ारा होता है, लेवकन जब ये चुनाि ही आम जनता के वहतो् की उपेि््ा करने िाले हो, तो इन्हे् लोकतांव््तक नही् कहा जा सकता. इन चुनािो् मे् कोरोना महामारी के वलए जारी वकए गए प््ािधानो्, बंवदशो् एिं वनद््ेशो् का उल्लंघन होना वकसी त््ासदी से कम नही् है. भयंकर भूल है.जहां तक नजर जाती है, िहां तक लोगो् की भीड देखकर पुलवकत होने िालो् को तवनक भी वचंता नही्. जनता की जीिन-रि््ा से क्यो् ज्यादा महत्िपूण्ि हो गया है चुनाि-प््चार? राजनीवतक थ्िाथ््ो् के वलए बरती जा रही लापरिाही चुनािी लाभ दे सकती है, लेवकन जनता को भारी कीमत चुकानी पड सकती है. इसी साल अप््ैल से जून के बीच आई कोविि की दूसरी लहर से शायद ही कोई हो, जो अछूता रहा हो. शायद ही कोई हो वजसने वकसी वरक्तेदार, करीबी, पवरवचत, पड्ोसी या दोस्् को न खोया हो. मगर इस आपदा से ठीक पहले बंगाल मे् ‘विवधित’ विधानसभा चुनाि कराए गए. विवधित इसवलए क्यो्वक एक तरर देश मे् लाखो् की तादाद मे् कोविि केस आ रहे थे, रोज हजारो् लोग मर रहे थे, मगर नेताओ् ने अपनी रैवलयो् और रोि शो जारी रखे... इनमे् कही् कोई कमी नही् आने दी. अप््ैल-मई मे् उत््र प््देश मे् ही इसी साल कोविि की दूसरी लहर के बीच हुए ‘ऐवतहावसक’ पंचायत चुनािो् को कौन भूल सकता है? चार चरणो् मे् हुए व््तस््रीय पंचायत चुनाि के बाद ग््ामीण ि््ेत््ो् मे् कोरोना संक््मण तेजी से रैला. हर वजले मे् दम तोड्ने िाले और संक््वमतो् की संख्या मे् तेजी से इजारा हुआ. गांि-गांि ऐसे लोग थे, वजन्हे् बुखार और सांस लेने मे् वदक््त हो रही थी. सांस उखड्ने पर अथ्पताल ले जाने से पहले ही इनकी मौत हो गई. हजारो् की तादाद मे् वजन सरकारी कम्िचावरयो् की चुनाि मे् ड््ूटी लगी, िे ड््ूटी से लौटे तो कोरोना साथ लेकर घर पहुंचे. शोधकत्ािओ् ने अनुमान जताया है वक ररिरी मे् ओवमक््ॉन केस पीक पर हो्गे. ऐसे मे् क्या सरकार और राजनीवतक दल वपछली गलवतयो् से सबक लेते हुए रैवलयां और रोि शो बंद करने की वहम्मत जुटाएंगे. िैसे भी, नाइट कर्य्िू लगने और मेहमानो् की संख्या सीवमत होने पर लोगो् ने तंज कसना शुर् कर वदया है वक भारत मे् कोविि रात मे् सूनी सड्को् पर रैल जाता है, लेवकन रैवलयो् मे् नही् रैलता. रैवलयो् की तथ्िीरो् को देखकर यही लगता है वक वसयासी दलो् के समथ्िक जोश मे् होश खो रहे है्. हालात देख इलाहाबाद हाईकोट्ि को आगे आना पड्ा. खुद इलाहाबाद हाई कोट्ि के जज ने प््धानमंत््ी और चुनाि आयोग से अनुरोध वकया है वक िह यूपी चुनाि के प््चार मे् राजनीवतक पाव्टियो् की ओर से भीड् इकट््ा कर चुनािी रैवलयां करने पर रोक लगाएं. सुझाि भी वदया है वक तीसरी लहर से जनता को बचाने के वलए राजनीवतक पाव्टियां टीिी और अखबारो् के जवरए चुनाि प््चार करे्. प््धानमंत््ी से हाई कोट्ि जज ने अनुरोध तक वकया है वक हो सके तो चुनाि टालने पर विचार करे्, क्यो्वक जान है तो जहान है. जीिन रहेगा तो चुनािी रैवलयां, सभाएं आगे भी होती रहे्गी. इस अपील का मतलब बेहद आत्ि है. विश्् थ्िाथ्थ्य संगठन के मानको् के मुतावबक, 1000 लोगो् पर एक िॉक्टर होना चावहए. वहन्दुस््ान मे् 1404 लोगो् पर एक िॉक्टर है और वजन राज्यो् मे् चुनाि होने है्, उनके आंकड्ो् की बात करे् तो यूपी मे् 2365 लोगो् पर एक िॉक्टर है. उत््राखंि मे् 1069 लोगो् पर एक िॉक्टर है, िही् पंजाब मे् 483 लोगो् पर एक िॉक्टर है. कोरोना की वपछली लहरो् मे् ये देखा गया है वक पव््िमी देशो् की अच्छी से अच्छी व्यिथ्था महामारी की भार को झेल नही् पाई. तीसरी लहर की नौबत नही् आए, इसी वदशा मे् कदम उठाए जाने चावहए.... अभी भी समय है. जनिरी 2022 1 < प््काशक अजय बागड्ी < संपादक नीरज ओमप््काश श््ीिास््ि * QMH/L@GGHM10264 < वष्ि-1, < अंर -6 < जनवरी 2022 ‘पॉवर ऑफ वन’ पस््िरा मे् प््रासशत लेखरो् रे सवचार, आलेख एवं सवज््ापनो् री सरसी भी सवषयवस््ु रा पस््िरा समर्िन नही् ररता. (सवषयवस््ु री यह शत्ि पॉवर ऑफ वन रे स्वयं रे द््ारा सदये गए िवज््ापनो् पर लागू नही् है.) *पीआरबी एक्ट रे तहत समाचार चयन रे सलए िजम्मेदार. < संपादकीय/प््काशन काय्ाािय 501, गोमती अपाट्िमे्ट, लॉ रालेज चौर, नागपुर, सजला नागपुर (महाराष््््)-440010 मो. 7020395674, 9373390340 < मुद््ण :- शक्कत सडसजटल सस्विसेस, 10, शक्कत हाऊस, वध्ाि रोड, नागपुर (महाराष््््)-440012 < ििशेष सहयोग राजेश नामदेव श््ेता ससन्हा सशल्पा भालावी < विपणन एिं वित्् डा. असीम पराते असमा खान < प््सार और प््चार अजीत रामटेरे < ब्यूरो चीफ असमत भट््, मुंबई असदसत त्यागी, िदल्ली जीते्द््ससंह चौधरी, लखनऊ < तकनीकी सहयोग सहमांशु िचमुररर नरे्द्् धास्मिर < सहयोगी प््भा लसलत ससंह, नागपुर सुरसभ िसंह, पुणे < फोटोग््ाफर अजहर खान < विविक सिाहकार एड. अभय अनंत बांगड्े संपादकीय विज््ापन के विए :- onvdqnenmdmdvr`c~fl`hk.bnl समाचार के विए :- dchsnqonvdqnenmd~fl`hk.bnl उपरोक्त ईमेल पर संपर्क ररे्. लोग रहें, तो लोकतंतंं का परंव भी मनेगा
  • 4. जनिरी 2022 2 रत के प््धानमंत््ी के र्प मे् नरे्द्् मोदी के काय्िकाल मे् इसका आकलन करना भी काम महत्््ि का विषय नही् है वक उन्हो्ने वहन्दू संथ्कृवत और वहन्दुओ् के अंदर गौरि का भाि बढ़ाने के वलए क्या-क्या वकया है. लोग कहते है् तो कोई अवतशयोस्कत नही् वक प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी हमारी ‘वहंदुिादी’ आशा और विश््ास के प््वतवबंब बनकर आगे आए है्. उनके नेतृत्ि मे् भारत आजादी के ‘अमृत काल’ मे् आत्मवनभ्िर और पवरपक्ि कदमो् से हर वदशा मे् मजबूती से आगे बढ़ रहा है. प््धानमंत््ी मोदी ने देश के आध्यास्तमक के्द््ो् के जीण््ोद््ार और उनको भव्य थ्िर्प देने का जो बीडा उठाया है, उसे धाव्मिक पि्् से कही् अवधक सभ्यता, संथ्कृवत और सनातनी प््वतमानो् के संरि््ण के र्प मे् देखना चावहए. हमने आपदा के बाद नए र्प मे् विकवसत होती केदारपुरी और आथ्था के प््तीक केदारनाथ धाम से विश्् को जोडने िाले पूज्य आवद शंकराचाय्ि से देश की नई पीढ़ी का पवरचय होते देखा है. हममे् से वकसी ने भी अयोध्या मे् भगिान श््ीराम की जन्मभूवम से जुडे मुद््े के इस तरह शांवत के साथ समाधान हो जाने की कल्पना नही् की थी. आज भगिान राम की जन्मभूवम पर उनका भव्य मंवदर बन रहा है. धम्ि के प््वत आथ्था के साथ-साथ सामावजक सद््ाि का िातािरण एक बडी वजम्मेदारी है, वजसे प््धानमंत््ी बखूबी वनभा रहे है्. कहा जा रहा है वक देश ही नही्, उन्हो्ने विदेश मे् भी आध्यास्तमक और आथ्था के ऐसे के्द््ो् के जीण््ोद््ार मे् र्वच वदखाई है, वजसका थ्िागत वकया जाना चावहए. िाकई, प््धानमंत््ी के नेतृत्ि मे् भारतिष्ि मे् सही मायनो् मे् आध्यास्तमक और सांथ्कृवतक पुनज्ािगरण हो रहा है. िह अपने ‘मन की बात’ काय्िक््म मे् ब््ाजील के जोनस मसेटी का वजक्् करते है्, तो प््िासी भारतीयो् को भी एक कर विश्् कल्याण मे् अपनी भूवमका वनभाने के वलए प््ेवरत करते है्. वजस तरह लोकमाता ने जीिन मे् सामावजक कुरीवतयो् के वखलार लडाई लडी और आध्यास्तमक के्द््ो् के पुनज्ािगरण का मंत्् लेकर जीिन को समव्पित वकया, ठीक उसी तरह प््धानमंत््ी भी तमाम चुनौवतयो् और बाधाओ् को पार करते हुए हमारी महान सभ्यता, संथ्कृवत और अध्यात्म के संथ्कार को पुनज््ीवित करने का प््यास कर रहे है्. इसके साथ ही खुले मे् शौच से मुस्कत, थ्िच्छ भारत अवभयान, उज्््िला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरि््ण और नमावम गंगे जैसे अवभयानो् के जवरये समाज को आगे बढ़ने का रास््ा तैयार वकया जा रहा है. ये सभी अवभयान पुनज्ािगरण और लोक-कल्याण की दृव््ि से देखे जाने चावहए. भारतिष्ि की पािन धरा ज््ान, विज््ान, कला, अध्यात्म एिं महानतम संथ्कृवतयो् की जननी है. सवदयो् से इस भूवम ने मानिता को राह वदखाई है और िसुधैि कुटुंबकम के संकल्प के साथ संपूण्ि विश्् के कल्याण का संदेश वदया है. भारतीय संथ्कृवत का मूल इतना गहरा और व्यापक है वक इसके प््िाह मे् आई बडी-बडी र्कािटे् भी कभी बाधा न बन सकी्. देश के कोने-कोने मे् थ्थावपत आध्यास्तमक ऊज्ाि के सशक्त के्द्् जीिंत और जागृत पािर हाउस है्, वजन्हे् हमारे मनीवषयो् ने अपने तपोबल से संजोकर रखा. शरीर, मन और आत्मा को एकाकार करने िाला विज््ान ‘योग’ हमारे ऋवष-मुवनयो् द््ारा मानि जावत के वलए असीम उपहार है. जो लोग अध्यात्म और आथ्था संबंधी गुफा में साधना देश रा प््धानमंि््ी बनने रे बाद पीएम मोदी पहली बार 3 मई 2017 रो रेदारनार पहुंचे रे. उसी वष्ि 20 अक्तूबर रो पुन: वे रेदारनार आए. सफर 7 नवंबर 2018 रो मोदी तीसरी बार रेदारनार पहुंचे. चौरी बार 18 मई 2019 रो धाम पहुंचे तो उन्हो्ने ध्यान गुफा मे् लगभग 17 घंटे तर साधना भी री. उनरे इस अंदाज रो देख सभी रायल हुए रे. अयोधंया में साषंंांग दंडवत मोदी ने आज, 5 अगस्् 2020 रो अयोध्या मे् भूसमपूजन से पहले हनुमानगढ्ी और रामलला मंसदर मे् पूजा री. प््धानमंि््ी मोदी रामलला रे सामने साष््ांग प््णाम सरया. उन्हो्ने भगवान रो फ्ल चढ्ाए और सफर उनरी पसरक््मा और आरती री. इसरे बाद प््धानमंि््ी भूसम पूजन रे सलए गए. वहां भी भूसम पूजन और सशला पूजन रे बाद प््धानमंि््ी मोदी ने साष््ांग दंडवत प््णाम सरया. प््धानमंि््ी मोदी साष््ांग प््णाम से पूरा देश भावुर हो गया. 3) गंगा में डुबकी प््धानमंि््ी नरे्द्् मोदी ने 13 सदसंबर, 2021 रो लसलता घाट पर गंगा मे् डुबरी लगाई. मोदी पहले राल भैरव मंसदर पहुंचे. यहां पूजा-अच्िना ररने रे बाद क्््ज मे् सखरसरया घाट से लसलता घाट तर री याि््ा तय री. लसलता घाट पर उन्हो्ने पसवि्् गंगा नदी मे् डुबरी लगाई. रलश मे् जल लेरर अर्य्ि देते सदखाई सदए. इसरे बाद जलासभषेर रे सलए गंगा जल लेरर राशी सवश््नार गसलयारे से होते हुए राशी सवश््नार धाम गए. तीन दृशंय... हहंदुतंर के फ्ंंटफुट पर मोदी श््ेता वसन्हा प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी की 3 तस्वीरे् उस सवाल का जवाब है, जजसे कांग््ेस नेता राहुल गांधी ने शुर् की थी. उन्हो्ने कहा था जक ‘वो’ जहन्दू तो है्, लेजकन जहंदुत्ववादी नही् है्. राजनीजत ही सही, लेजकन इसमे् कोई दो राय नही् जक प््धानमंत््ी मोदी ने भारत के लोगो् को अपने देश की जवरासत से एक नया पजरचय करवाया है. उन्हे् दुजनया को ये बताते हुए ज्रा भी संकोच नही् हुआ जक वो एक जहन्दू है् और जहन्दुत्व की जीवन पद््जत का पालन करते है्. इससे पहले हमारे देश के प््धानमंत््ी और बड्े बड्े नेता अपने आपको खुल कर जहन्दुत्व से जोड्ने मे् संकोच करते थे और अपने धम्म को लेकर हमेशा बैकफुट पर रहते थे. उन्हे् लगता था जक अगर खुल कर अपने धम्म की बात की तो उनकी जसयासत कमज्ोर हो जाएगी. भा
  • 5. जनिरी 2022 3 बातो् मे् र्वच नही् रखते, उनके वलए भी योग बेहतर शारीवरक और मानवसक थ्िाथ्थ्य की ओर जाने का एक सही रास््ा है. आधुवनक विज््ान ने भी इसे थ्िीकार वकया है. लंबे कालखंि के बाद प््धानमंत््ी के सतत ि अथक प््यासो् के बल पर योग एक बार पुन: प््वतव््ित हुआ है. कोरोना महामारी के दौरान योग के महत्ि को पूरी दुवनया ने थ्िीकार वकया है. कुछ खास बातें गाय : गोहत्या पर प््वतबंध वहन्दुओ् के वलए एक विशेष मुद््ा रहा है. हालांवक यह एक वििावदत विषय भी रहा है. भारत के अवधकांश प््देशो् मे् बहुमत का यही मानना है वक गोहत्या बंद ही होनी चावहए. उन थ्थानो् पर जहां जहां भारतीय जनता पाट््ी की सरकार बनी है, िहां िहां पर गाय बचाने के वलए कडे कानून इधर एक िष्ि मे् बनाए गए है्. गंगा : िाराणसी मे् जब नरे्द्् मोदी ने चुनाि के समय अपना कदम रखा था तो उन्हो्ने कहा था “मुझे न वकसी ने भेजा है, न मै् यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है.” उसके बाद िाराणसी के जनसभा मे् भी उन्हो्ने गंगा को ही अपना मुख्य विषय बनाया. गंगा सभी वहन्दुओ् के वलए श््द््ा का के्द्् हमेशा से ही रही है. उन्हो्ने ‘नमावम गंगे’ वमशन की शुर्आत की. योग : संयुक्त राष्््् संघ के इवतहास मे् मोदी के योग प््स््ाि ने तो नया वरकाि्ि ही बना वदया. 21 जून को योग वदिस के र्प मे् पूरे विश्् मे् मान्यता वदलिा दी और गि्ि का विषय तो यह रहा वक अवधकांश अरब देशो् ने तो 21 जून रमिान पड जाने के कारण एक सप्ताह पहले ही योग वदिस मना वलया. इस तरह से वहन्दुओ् की इस प््ाचीन विधा को अवखल विश्् मे् एक नया सम्मान वमला. केदार धाम : केदार धाम मे् आवद गुर् शंकराचाय्ि की पुनव्निव्मित समावध और प््वतमा का अनािरण करने पहुंचे प््धानमंत््ी नरे्द्् मोदी शुक््िार को न वसर्फ धाव्मिक एिं अध्यात्म पुर्ष के अितार मे् वदखे. िरन मोदी ने उत््र से दव््िण तक एक देश को एक सूत्् मे् वपरोने िाले सनातन धम्ि और भारतीय दश्िन का संदेश देने की कोवशश भी की. सधे कदम : अयोध्या मे् राम मंवदर, काशी मे् विश््नाथ धाम और सारनाथ, कुशीनगर और बौद्् गया के भविष्य मे् होने िाले कायाकल्प का खासतौर पर वजक्् वकया. बड्ी चतुराई से उन्हो्ने पाट््ी के वहंदुत्ि के मुद््े पर एक कदम आगे बढ़्ा वदया. जब भाजपा 2024 के चुनाि मे् होगी, तब िह देश बहुसंख्य वहंदू मतदाताओ् को बता सकेगी वक प््धानमंत््ी के काय्िकाल मे् ही अयोध्या मे् भगिान राम के भव्य मंवदर का वनम्ािण शुर् हुआ. केदारनाथ धाम का पुनव्निम्ािण हुआ. इसके साथ ही करीब 450 करोड् र्पए से बदरीनाथ धाम और काशी मे् विश््नाथ धाम के कायाकल्प की योजना होगी. दारीकरण के बाद के युग मे् जहां थ्माट्िरोन, इंटरनेट और सोशल मीविया ने हमारी व्िंदगी को पहले से आसान और मनोरंजक बना वदया है. िही्, इससे फ््ॉि यानी धोखाधड्ी और जालसाि्ी भी बढ़् गई है. महाराष्््् की उपराजधानी नागपुर मे् सेना का अवधकारी होने का झांसा देकर साइबर अपरावधयो् ने मेविकल इस्किपमे्ट विके््ता को लाखो् र्पए का चूना लगाया. मामला बजाज नगर स्थथत वशिसुंदर अपाट्िमे्ट वनिासी नागनाथ गौतमराि किठेकर से जुडी है. उनकी लक्््मी भुिन चौक मे् आर.एस. मेविटेक नाम से मेविकल इस्किपमे्ट खरीदी-वबक््ी ि मरम्मत करने की दुकान है. 2 से 3 वदसंबर 2021 की दोपहर मे् आरोपी मंजीतवसंह और मेजर कुलदीपवसंह नाम से नागनाथ को अलग- अलग नंबरो् से रोन आए. आरोवपयो् ने उसे बताया वक िे सेना के अवधकारी है् और सेना के अथ्पताल के वलए उन्हे् दो ईसीजी मशीन खरीदनी है. आरोवपयो् ने इसका पेमे्ट ऑनलाइन करने की बात कही. झांसे मे् आए नागनाथ ने ओटीपी नंबर शेयर वकया. नंबर शेयर करते ही आरोवपयो् ने नागनाथ के खाते से रकम वनकाली. इसके बाद वरर आरोवपयो् ने नागनाथ को उसकी रकम िापस करने तथा ईसीजी मशीन की रकम देने का झांसा वदया. वरर नागनाथ ओटीपी नंबर शेयर वकया. इसके बाद आरोवपयो् ने वरर नागनाथ के खाते से रकम वनकाल ली. इस तरह आरोवपयो् ने नागनाथ को कुल 18 लाख 83 हजार 607 र्पए का चूना लगाया वदया. दो आरोवपयो् के वखलार प््करण दज्ि वकया गया है, लेवकन अभी तक आरोवपयो् का कोई सुराग नही् वमला है. इसी तरह इंटरनेट बै्वकंग चलाने मे् समथ्या आने पर रेलिे के टीटी को कथ्टमर केयर को रोन लगाना महंगा पड्ा. कामठी रोि गोकुल नगरी स्थथत सोना अपाट्िमे्ट वनिासी अवमतकुमार प््साद रेलिे मे् टीटीई है्. उसका एसबीआई बै्क मे् खाता है. अवमत कुमार को इस बै्क की इंटरनेट सेिा का इस््ेमाल करने मे् समथ्या आ रही थी. इस कारण उन्हो्ने नेट पर सच्ि कर संबंवधत कथ्टमर केयर का रोन नंबर खोजा और उसमे् अपनी समथ्या बताई. कथ्टमर केयर का कम््ी बनकर बात करने िाले अपराधी ने अवमत कुमार को एक वलंक भेजी. उस वलंक मे् पूछी गई जानकारी अवमत कुमार ने भर दी. बताए गए वदशा-वनद््ेशो् का पालन वकया. आटोपी नंबर भी शेयर वकया. इसके बाद अवमतकुमार के खाते से 4 लाख 50 हजार र्पए की रकम वनकाल ली गई. यह िाकया 3 वदसंबर 2021 की दोपहर मे् हुआ. जांच पड्ताल के दौरान प््करण की पुव््ि होने के बाद प््करण दज्ि वकया गया है, लेवकन अभी तक आरोपी का कोई सुराग नही् वमला है, जांच जारी है. ये दो उदाहरण बानगी है्. ऐसे न जाने वकतने ही मामले रोज देश के पुवलस थानो् मे् दज्ि हो रहे है्, लेवकन आरोपी पकडे नही् जा रहे है्. कवतपय मामलो् मे् वरकिरी होती भी है, लेवकन उसका अलग ही रंिा है. दरअसल, देश मे् वित््ीय सेिाएं लेने िाले सभी ग््ाहको् ने विवजटल बै्वकंग को कारी उत्साह के साथ अपनाया, लेवकन वचंता की बात यह है वक बै्वकंग रज््ीिाडे का सबसे बडा वशकार भी उन्हे् ही होना पडा है. विवजटल दुवनया के अपराधी अपनी जडे् मजबूत करते जा रहे है्. चूंवक ऑनलाइन-फ््ॉि का हर मामला पुवलस मे् दज्ि नही् होता, इसवलए कहना मुस्ककल है दुवनया मे् हर वदन वकतने लोग इस धोखाधड्ी का वशकार बनते है्, लेवकन ऑनलाइन-फ््ॉि एक सच है, वजसका कड्िा घूंट सारी दुवनया पीने के वलए वििश है. ऑनलाइन-फ््ॉि करने िालो् के तौर-तरीके थोड्े अलग हो सकते है्, लेवकन उनका अंवतम लक्््य होता है आपका िेटा और पैसा चुराना. सिाल उठते रहे, पर कोई ठोस जिाब या समाधान आज तक नही् वमल सका है. वनव््ित तौर पर भारत सरकार विवजटल भारत की ओर कदम दर कदम बढ़ाती जा रही है, लेवकन साइबर सुरि््ा को लेकर कोई ठोस उपाय नजर नही् आ रहा है. देश मे् प््वतवदन सैकड्ो् मे् नही्, हजारो् मे् मामले दज्ि वकए जा रहे है्, लेवकन वसर्फ राइले् बढ़् रही है्. फ््ॉि करने िालो् ने ‘आपदा को ही अिसर’ बना वलया. नतीजतन, ऑनलाइन बै्वकंग ट््ांजैक्शन से जुड्े फ््ॉि दोगुना रर्तार से बढ़्े. चूंवक इंटरनेट, नेट बै्वकंग, यूपीआई का चलन सब्जी के ठेले से लेकर गांि के मजदूर, वकसान, श््वमक िग्ि तक तेजी से बढ़ा है, िही् जागर्कता और सतक्फता की कमी के कारण इन सभी को विवजटल रज््ीिाडे से भारी ि््वत भी उठानी पडी है. साल 2019 मे् ऑनलाइन ट््ांजेक्शन से जुड्े 2093 फ््ॉि दज्ि हुए, िही् एक साल के भीतर यह संख्या करीब 4000 पहुंच गई. इनमे् आधे से ज्यादा मामले बड्े शहरो् मे् दज्ि हुए. हैदराबाद और मुंबई मे् सबसे ज्यादा फ््ॉि सामने आए. यह भी कम चौ्काने िाला नही् है वक वजस हैदराबाद मे् कोविि से पहले तीन साल मे् ऑनलाइन बै्वकंग फ््ॉि का एक भी मामला दज्ि नही् हुआ था, िहां साल 2020 मे् 1366 मामले दज्ि हुए. मुंबई मे् साल 2017 मे् 185 केस दज्ि हुए थे, जो 2020 मे् बढ़्कर 289 हो गए. आपको बता दे् वक ऑनलाइन फ््ॉि के 85 रीसदी मामले वसर्फ 5 राज्यो्-उत््र प््देश, तेलंगाना, महाराष््््, ओविशा और आंध्् प््देश मे् दज्ि हुए है्. बस एक गलती और खाता खाली उ
  • 6. जनिरी 2022 4 नंदपुरी वनिासी पीयूष जैन मूलर्प से कन्नौज के वछपत््ी का रहने िाला है. िहां घर, इत्् की रैक्ट््ी, कोल्ि थ्टोर, पेट््ोल पंप है. मुंबई मे् भी घर, हेि आवरस और शोर्म है. जानकारी के मुतावबक पीयूष जैन की करीब 40 कंपवनयां है्, वजनमे् दो वमविल ईथ्ट मे् भी है्. इनका इत्् कन्नौज मे् बनता है, िही् मुंबई मे् शोर्म है जहां से इत्् को पूरे देश मे् बेचा जाता है. साथ ही विदेश मे् वनय्ाित भी वकया जाता है. एक ड््ाइिर की एक गलती ने पीयूष जैन के ‘लंका’ का भेद खोल वदया. देश की यह सबसे बडी जीएसटी चोरी है. गुजरात मे् करीब 3 महीने पर जीएसटी विभाग ने 1 ट््क पकडा, वजसमे् वशखर पान मसाला लेकर जा रहे माल के साथ करीब 200 रज््ी इनिाइस पकडी गई. इसके बाद से ही िायरेक्ट््ेट जनरल ऑर जीएसटी इंटेलीजे्स (िीजीजीआई) की टीम ने कानपुर मे् िेरा िाल वदया था. गुजरात मे् रज््ी इनिाइस और माल के साथ पकडा गया ट््क गणपवत ट््ांसपोट्िर प््िीण जैन का था. प््िीण पीयूष जैन के भाई अमरीष जैन का बहनोई है. इनके नाम करीब 40 से ज्यादा रम्ि है्. रज््ी रम्ि के नाम से इनिाइस वशखर गुटखा प््ाइिेट वल. पता 51/47 नयागंज, कानपुर की ओर से काटी गई थी. ऐसे मे् कंपनी के िायरेक्टर प््दीप कुमार अग््िाल और भाई दीपक अग््िाल भी रिार पर आ गए. िीजीजीआई की टीम पीयूष जैन के घर पहुंची, तो छापेमारी की सूचना के बाद ही िह भाग वनकला था. ऐसे मे् इत्् कारोबारी पीयूष जैन पैसो् को भी वठकाने भी नही् लगा सका. टीम ने छापेमारी कर अलमावरयो् मे् रखे बंिलो् मे् इतना पैसा वमला वक टीम के भी होश उड गए. पीयूष जैन के घर से छापेमारी मे् 200 से ज्यादा चावबयो् से भरा हुआ एक बैग वमला है. अरसरो् को वसर्फ शक नही्, बस्लक पक््ा यकीन है वक यह चाबी लॉकरो् की है्, वजनमे् पीयूष जैन ने अपना काला धन वछपाकर रखा है. इन पैसो् की बरामदगी भी वरल्मी थ्टाइल मे् हुई. अजय देिगन की 'रेि' वरल्म की तरह दीिार के पीछे नोटो् से भरा कमरा वमला. इतनी रकम वमली वक अरसरो् की आंखे् भी खुली की खुली रह गई्. एक गड््ी खी्ची तो भरभराकर बाकी गवड््यां जमीन पर आ गई्. 13 मशीनो् से 36 घंटे वगनती हुई तब जाकर 177 करोड र्पए के नोटो् की वगनती पूरी की जा सकी. लगातार नोट वगनने से तो कई मशीने् तक जिाब दे गई्. यहां तक वक नोट वगनने के वलए एक वनजी एजे्सी और बै्क से कम्िचावरयो् को हायर करना पडा. तब जाकर छापेमारी मे् बरामद पूरी रकम की वगनती हो सकी. िीजीजीआई टीम जब शहर के वकदिई नगर के आनंदपुरी स्थथत पीयूष जैन के घर मे् छापेमारी की तो कुछ भी हाथ नही् लगा. अरसरो् ने लॉकर, अलमारी से लेकर रॉल-सीवलंग तक छान मारी कुछ नही् वमला. पीयूष के बेटो् से पूछताछ मे् कोई ठोस सुराग नही् वमला. एक पल के वलए लगा वक गलत सूचना पर छापेमारी की है. हालांवक, तभी िाइवनंग र्म मे् क््ाॅकरी से सजी बेहद खूबसूरत अलमारी पर अरसरो् की नजर गई. इटली की महंगी क््ाकरी से सजी पूरी रैक को करीब से देखने मे् कुछ शंका हुई. रैक और दीिार के बीच रत््ी भर गैप को देख पूरी क््ाकरी को हटाया गया. खाली रैक का लॉक खोला और थोड्ा जोर से वहलाया तो दीिार जैसा दरिाजा वमल गया. उसकी चाबी नही् वमली. दीिार तोडते ही अरसरो् की आंखे् खुली की खुली रह गई्. पूरा कमरा नोटो् की गवड््यो् से भरा था. िीजीजीआई के एक सीवनयर अरसर ने बताया वक पीयूष जैन की काली कमाई के बारे मे् वजतना सोचकर छापेमारी की गई थी. िहां उससे कई गुना ज्यादा वमली. अभी तक अहमदाबाद, मुंबई, वदल्ली और खाडी देशो् मे् उसकी कंपवनयो् और वबजनेस का पता चला है. लेवकन, यह पूरा सच नही् है. देश और विदेश मे् उसके और भी वठकाने होने की शंका है. ऐसा लग रहा है वक िहां भी जैन ने अपने गोपनीय लॉकर बना रखे है् और िहां कैश और जेिरात वछपा रखे है्. वरलहाल, विभाग का सबसे बडा और मुस्ककल टाथ्क इन 200 तालो् तक पहुंचना है. इनमे् से कुछ विदेशो् मे् भी हो सकते है्. अरसरो् का इन ‘धनकुबेर की लंका’ ढही उत््र प््देश के कन्नौज की गजलयां इत्् की सुगंध से महकती है्, लेजकन इस बार ‘इत्् की सड्ांध’ वहां से उठी है. ऐसी सड्ांध, जजससे पूरे देश मे् भ््ष््ाचार की बदबू फैल गई है. जी हां, हम बात कर रहे है् इत्् कारोबारी पीयूष जैन की. यह कारोबारी अब जगरफ्तार हो चुका है. बहुत सारे राज, जो अभी कयासो् मे् है्, वे भी बाहर जनकल सकते है्. डीजीजीआई (डायरेक्ट््ेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजे्स) की टीम ने आयकर जवभाग के साथ जमलकर कारोबारी पीयूष जैन का यहां छापेमारी की तो महकमे की आंखे् फटी रह गई्. जतजलस्मी खजाने से नोटो् की गज््ियां भरभरा कर जगरती् रही्. अब तक 257 करोड् र्पए नकद बरामद जकए गए है्. आजाद भारत के इजतहास मे् संभवत: यह पहला मामला है, जब एक साथ जकसी छापे मे् इतनी नकदी जमली हो. n हांफ गईं मशीनें, नोट गगनने वाले पसीने-पसीने n आजाद भारत के इगतहास में संभवत: यह पहला मामला है, जब एक साथ गकसी छापे में इतनी नकदी गमली हो आ
  • 7. जनिरी 2022 5 200 तालो् तक पहुंचना इसवलए भी जर्री है वक पीयूष जैन की अब तक की जो प््िृव््त समझ मे् आई िह कैश और जेिरात को वछपाकर रखने की है. कानपुर और कन्नौज मे् उसने तहखानो् और दीिारो् मे् नगदी को वछपाकर रखा था. ऐसी-ऐसी अलमावरयां बनिा रखी थी वक आप समझ ही नही् पाएंगे वक इनके पीछे नगदी है. पीयूष जैन ने करोडो् की संपव््त महरूज रखने के वलए गजब का प्लान बनाया था. कानपुर मे् आनंदपुरी के पूरे घर को वकले मे् तब्दील वकया गया था. मेन गेट से लेकर सभी वखडवकयो् मे् थ्टील की मोटी व््गल लगाई गई थी. नौकर ने बताया वक पूरे घर और छत पर भी कंटीली रे्वसंग लगाई. रात मे् रे्वसंग मे् करंट भी दौडाया जाता था, वजससे वक कोई चोर घर के अंदर न घुस सके. घर मे् कही् भी सीसीटीिी कैमरा नही् लगे है्. इससे ये भी माना जा रहा है वक घर मे् कौन आ रहा है और कौन नही्, इसकी जानकारी वकसी को न वमल सके. घर के अंदर की वकसी भी एस्कटविटी को कोई देख न सके, इसके वलए पूरे घर की वखडवकयो् मे् काले शीशे लगाए गए है्. वदन मे् वखडवकयो् के अंदर कुछ भी देखा नही् जा सकता है. घर मे् मौजूद नौकर के मुतावबक घर कभी भी खाली नही् छोडा जाता था. कोई न कोई घर का सदथ्य मौजूद रहता था. मेन गेट पर िबल दरिाजे लगिाए है्. एक दरिाजा कई स्किंटल थ्टील का बनाया गया है. इसके बाद लकडी का मोटा दरिाजा लगाया गया है. घर के अंदर कोई भी व्यस्कत आसानी से नही् घुस सकता है, इसके पूरे इंतजाम वकए गए है्. पीयूष और उसका भाई अमरीष जैन कन्नौज मे् कंपाउंि वकंग नाम से मशहूर है्. इनका कंपाउंि (पान मसाला और इत्् मे् र्लेिर के वलए वमलाया जाने िाला वमश््ण) का पुक्तैनी कारोबार है. इनके बाबा और वपता भी यही काम करते थे, लेवकन बेहद सीवमत स््र पर. बीते 15 साल से दोनो् भाई काम देख रहे है्, लेवकन इनका टन्िओिर भी बहुत अवधक नही् है. कन्नौज के शीष्ि कारोबावरयो् की सूची मे् भी इनकी वगनती नही् है. सूत््ो् का कहना है वक इनका कारोबार गुजरात, मुंबई और कानपुर तक है. कन्नौज मे् इस तरह का काम बड्े पैमाने पर होता है. छोटे- छोटे कारोबारी बड्े पान मसाला कारोबावरयो् को कंपाउंि की आपूव्ति करते है्. सूत््ो् के अनुसार कन्नौज मे् इत्् और कंपाउंि के कारोबार पर कुछ साल से एक वसयासी पृि््भूवम िाले कारोबारी का एकावधकार जैसा है. थ्थानीय कारोबावरयो् से इत्् और कंपाउंि खरीदकर िह उस पर अपना टैग लगाकर बड्ी कंपवनयो् से िील करते है्. 22 वदसंबर को िीजीजीआई (महावनदेशालय जीएसटी इंटेवलजे्स) ने वशखर पान मसाला के मावलक के घर भी छापा मारा था. सूत््ो् का दािा है वक जैन बंधुओ् के बढ़्ते प््भाि को देखते हुए कारोबारी ने पूरे गठजोड् की जानकारी िीजीजीआई को दे दी. इसके बाद यह कार्ििाई हुई. यह भी बताया जा रहा है वक वशकायत करने िाले कारोबारी या जांच एजे्सी के अरसरो् को भी इस बात की उम्मीद नही् थी वक पीयूष के वठकानो् से इतना बड्ा खजाना वनकलेगा. सूत््ो् ने बताया वक पीयूष के आनंदपुरी स्थथत आिास से वमले नोटो् के बंिल बहुत पुराने नही् है्. सामने आया है वक इस साल ररिरी मे् एक पान मसाला कारोबारी की कानपुर देहात स्थथत पॉवलथ्टर वरल्म रैक्ट््ी मे् आग लगी थी. इसमे् करोड्ो् के नुकसान की बात कही गई थी. सूत््ो् के अनुसार, इसमे् भी खेल हुआ था. प्लांट और मशीनरी को बेचने के बाद जानबूझकर आग लगिाई गई थी. इसमे् मशीनो् की वबक््ी से वमले पैसो् के अलािा करोड्ो् र्पए का क्लेम भी वलया गया. याद रहे, अवखलेश यादि की सपा ने विधानसभा चुनाि मे् एक खास समुदाय के िोटो् को लक्््य करते हुए 22 वकथ्म की प््ाकृवतक सुगंधो् को वमलाकर एक ‘समाजिादी इत््’ लॉन्च वकया था और दािा वकया था वक इसकी खुशबू से नररत की राजनीवत समाप्त होगी. खुद पाट््ी अध्यि्् अवखलेश यादि ने सपा मुख्यालय मे् इस इत्् का उद्घाटन वकया. इत्् की शीशी तो छोटी सी थी, पर इसने राजनीवत के पवरदृक्य पर सभी विरोवधयो् के बयानो् मे् जगह बनाई और अब महकती खुशबू की जगह ‘कर चोरी’ की सडांध बलबलाकर बाहर वनकल रही है. तब बताया गया है वक इस इत्् को कन्नौज से सपा विधान पवरषद सदथ्य पुष्पराज जैन उर्फ पम्मी जैन ने तैयार करिाया है. बकौल पम्पी इस इत्् को तैयार करने मे् 2 िैज््ावनको् को 4 महीने का समय लगा. इसकी खावसयत बताते हुए िे कहते है् वक कक्मीर से कन्याकुमारी तक इस इत्् मे् 22 प््ाकृवतक इत््ो् का उपयोग वकया गया है. अब समझ मे् आया वक इसमे् कक्मीर से कन्याकुमारी तक कर-चोरी की गई है. वजस तरह अलादीन का वजन्न एक शीशी मे् बंद था. उसी तरह धनकुबेर का वजन्न भी शीशी मे् बंद था, जो सरकारी ठोकर लगते ही शीशी से बाहर आ चुका है और अब अपने सभी अड््ो् को पोल खोल रहा है. जानरार बता रहे है् सर इस छापे से सपा रे इलेक्शन फंड मैनेजमे्ट रो बहुत बडा नुरसान पहुंचा है. इससे पहले सपा रे फाइने्सर माने जाने वाले जैने्द्् यादव, पाट््ी रे राष््््ीय ससचव राजीव राय, मनोज यादव और राहुल भसीन रे यहां छापा पड्ा रा. इसमे् ररीब 800 ररोड् र्पए री रर चोरी रा पता चला है. सूि््ो् रे मुतासबर, जैन पसरवार पर आयरर री छापेमारी फोन पर बातचीत रो ट््ेस ररने रे बाद हुई है. यह जानरारी समली री सर रानपुर मे् इि्् रारोबारी पीयूष जैन रे पास चुनाव मे् खच्ि होने वाला बड्ा फंड रखा हुआ है. सूि््ो् रे मुतासबर डीजीजीआई री टीम इन पैसो् और पॉसलसटरल रनेक्शन होने रे सलंर री भी जांच रर रही है. ऐसे मे् सपा एमएलसी से भी टीम जल्द पूछताछ रर सरती है. इस रार्िवाई मे् अभी रई और बडी रार्िवाई भी हो सरती है. पीयूष जैन के बारे मे् पूरी जानकारी जुटाई गई तो जानकारी मे् आया वक इनके वपता महेश चंद्् जैन केवमथ्ट की अच्छी जानकारी रखते है् और इनका व्यापार भी इत्् से न जुड्ा होकर केवमथ्ट के कंपाउंविंग से जुड्ा हुआ है और यह गुटखा तंबाकू और अन्य कंपवनयो् को उसका कंपाउंि देते है्. यह दो भाई है्. एक पीयूष जैन और एक अमरीश जैन. दोनो् लोग ही कभी यहां तो कभी कानपुर के आिास पर रहते है्. िही् इनके वपताजी महेश चंद्् जैन ज्यादातर कन्नौज के मकान मे् रहते है्. अवखलेश यादि ने इत्् नगरी से सांसद होने का सरर शुर् वकया तो उनके साथ इत्् व्यापारी पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन भी उनके साथ पाट््ी मे् शावमल होकर समाजिादी पाट््ी के कद््ािर नेता बन गए. समाजिादी पाट््ी से उनका जुड्ाि इत्् नगरी को अवखलेश से महकाना था, इसके वलए उन्हो्ने समाजिादी इत्् का वनम्ािण कर उसको लांच वकया और पाट््ी से एमएलसी का चुनाि लड्कर उसमे् जीत हावसल करते ही सपा एमएलसी बन गए. दूरदश्िन पर नब्बे के दशक मे् एक धारािावहक आता था. उस धारािावहक का नाम था चंद््कांता. यह धारािावहक देिकीनंदन खन्नी के उपन्यास चंद््कांता पर के्व््दत था. इस उपन्यास की कहानी मे् वतवलथ्म की कई अनकही कहावनयो् का समािेश वमलता है. अबूझ रहथ्यो् के कुहासो् मे् िूबा, जर्ाि- जर्ाि वतवलथ्म और िैभि की भरपूर गाथाएं अभी सामने आने को है. एक नजर 177 करोड कैश : यह नगदी रानपुर रे घर मे् समली है. जो दीवारो् मे् चुनवा रखी री. उसरे आगे अलमारी बना रखी री. घर मे् रई जगह मोटी-मोटी दीवारे् री्. उसरे बीच मे् भी प्लाक्सटर मे् सीलबंद रररे नगदी रखी री. 275 वकिो सोने-चांदी की वसल्लियां : रन्नौज मे् एर घर रे तहखाने मे् समली है. इसमे् 250 सरलो चांदी री ससक्ललयां और 25 सरलो सोने री ई्ट समली् है्. यह रई बक्सो् मे् भरी रखी री. 9 बोरे मे् भरे वमिे नोट : रन्नौज मे् ही एर और तहखाना समला है. उसमे् प्लाक्सटर रे 9 बोरे मे् 2000 और 500 रे नोट भरे हुए है्. आशंरा है सर यह ररम ररीब 50 ररोड र्पए रे ररीब है.
  • 8. जनिरी 2022 6 प््ीम कोट्ि ने सार कह वदया वक वनकाय चुनाि मे् कोई ओबीसी आरि््ण नही् वदया जाएगा. जो 27 फ्ीसदी सीटे् इसके तहत आरव््ित की गई् है, उसे सामान्य सीट मे् तब्दील कर चुनाि कराए जाएं. इसके साथ ही सुप््ीम कोट्ि ने महाराष्््् सरकार की ओबीसी को 27 प््वतशत आरि््ण की अवधसूचना रद्् कर दी है. सुप््ीम कोट्ि ने कहा वबना ि्र्री आंकड्े जुटाए आरि््ण वदया गया. सुप््ीम कोट्ि ने कहा वक व््टपल टेथ्ट का पालन वकए वबना ओबीसी आरि््ण के वलए अध्यादेश लाने के राज्य सरकार के रैसले को थ्िीकार नही् वकया जा सकता, जो अवनिाय्ि है. व््टपल परीि््ण है् (1) राज्य के भीतर थ्थानीय वनकायो् के र्प मे् वपछड्ेपन की प््कृवत और वनवहताथ्ि की कठोर अनुभिजन्य जांच करने के वलए एक आयोग की थ्थापना; (2) आयोग की वसरावरशो् के आलोक मे् थ्थानीय वनकाय-िार प््ािधान वकए जाने के वलए आिक्यक आरि््ण के अनुपात को वनव्दिि्् करना, तावक अवधकता का भ््म न हो; और (3) वकसी भी मामले मे् ऐसा आरि््ण अनुसूवचत जावत/अनुसूवचत जनजावत/अन्य वपछड्ा िग्ि के पि्् मे् आरव््ित कुल सीटो् के कुल 50 प््वतशत से अवधक नही् होगा. यावचका मे् महाराष्््् के अध्यादेश को चुनौती दी गई थी, वजसने थ्थानीय वनकाय चुनािो् मे् 27% ओबीसी कोटा पेश वकया था और इसके पवरणामथ्िर्प राज्य चुनाि आयोग द््ारा उसी को प््भािी बनाने के वलए अवधसूचना जारी की गई थी. इस वहसाब से ओबीसी के राजनीवतक आरि््ण को लेकर सुप््ीम कोट्ि का रैसला महाराष्््् सरकार के गले की रांस बन गया है. अगर हम पीछे जाएं तो 1 मई 1962 को महाराष्््् वजला पवरषद और पंचायत सवमवत अवधवनयम 1961 मे् यह कानून अव््सत्ि मे् आया था. पंचायती राज को अपने राज्य मे् लागू करने िाला महाराष्््् 9िां राज्य बना था. साल 1992 मे् देश मे् मंिल आयोग लागू हुआ. उसके बाद साल 1994 मे् महाराष्््् वजला पवरषद और पंचायत सवमवत के अवधवनयम 1961 मे् बदलाि करते हुए 12(2) सी नई धारा जोड्ते हुए ओबीसी समाज को 27 फ्ीसदी राजनीवतक आरि््ण वदया गया. यानी थ्थानीय वनकाय चुनाि मे् 27 फ्ीसदी ओबीसी समाज के उम्मीदिारो् को आरि््ण रहेगा. इसके बाद 29 मई 2021 को सुप््ीम कोट्ि का एक रैसला आया, वजसमे् सुप््ीम कोट्ि ने िावशम, भंिारा, अकोला, नागपुर और गो्वदया यह 5 वजलो् के थ्थावनक वनकाय चुनाि मे् ओबीसी उम्मीदिारो् का आरि््ण रद्् कर वदया. महाराष्््् मे् 10 बड्ी महानगर पावलकाओ् के वनकाय चुनाि आने िाले िक्त मे् होने िाले है्, वलहाजा ओबीसी आरि््ण के मुद््े को सरकार जल्द लागू नही् कर सकी तो इसका राजनीवतक नुकसान भी सरकार को उठाना पड् सकता है. साल 2019 मे् ठाकरे सरकार जब सत््ा मे् आई उसी िक्त सुप््ीम कोट्ि ने सरकार द््ारा जर्री िेटा न वदए जाने के चलते ओबीसी के राजनीवतक आरि््ण पर रोक लगा दी थी. उस िक्त से ही विपि्् मे् बैठी बीजेपी सरकार पर इस मुद््े पर ढीला रिैया अपनाने का और ओबीसी समाज को अनदेखा करने का आरोप लगा रही है. आंकड्ो् के मुतावबक महाराष्््् मे् ओबीसी समुदाय की आबादी लगभग 5 करोड् है. वकसी भी राजनीवतक दल के समीकरण बनाने और वबगाड्ने मे् ओबीसी समुदाय वनण्ाियक सावबत हो सकता है. इस बात का अंदाजा सत््ा मे् बैठी वशिसेना- एनसीपी, कांग््ेस के साथ विपि््ी दल बीजेपी को भी है, वलहाजा सरकार हो या विपि्् हर कोई इस समुदाय के साथ खड्ा होता वदखाई दे रहा है. जावहर है वक आरि््ण का लाभ कुछ समथ्ि जावतयो् के खाते मे् जाना केिल एक विसंगवत है. अन्य विसंगवतयो् की चच्ाि इसवलए नही् होती, क्यो्वक आरि््ण को राजनीवतक र्प से एक नाजुक मसला बना वदया गया है. सच््ाई यह भी है वक कई महीनो् तक सरकार मे् बैठी पाव्टियां जर्री िेटा मुहैया कराने के वलए सरकार पर आरोप लगाती रही तो इस िाटा को जमा करने के वलए महत्िपूण्ि वपछड्ा िग्ि आयोग की थ्थापना कर प््व््कया करती वदखी, लेवकन वजस गवत की आिक्यकता िाटा एकव््तत करने के वलए जर्री थी िह करने मे् सरकार नाकामयाब रही है. अन्य वपछडे िग््ो् की जावतयो् के उपिग््ीकरण की संभािनाओ् का पता लगाने के वलए गवठत रोवहणी आयोग की ओर से वमले संकेत यवद यह रेखांवकत कर रहे है् वक ओबीसी आरि््ण का लाभ चुवनंदा जावतयो् ने उठाया है तो इसमे् हैरानी नही्. इस स्थथवत को बयान करने िाले आंकडे उपलब्ध भले न हो्, लेवकन हर कोई यह जान रहा है वक हकीकत क्या है. यह विसंगवत केिल ओबीसी आरि््ण तक ही सीवमत नही् है. यही हालत अनुसूवचत जावतयो् ि जनजावतयो् को वमले आरि््ण मे् भी है. अब जब ओबीसी आरि््ण मे् उपिग््ीकरण की वदशा मे् कदम उठाए जा रहे है्, तो यह जर्री हो जाता है वक एससी-एसटी आरि््ण मे् भी ऐसा हो. नीवत-वनयंता और राजनीवतक दल इससे अनवभज्् नही् हो सकते वक यह आरि््ण मे् विसंगवत, अथ्ाित सभी पात्् जावतयो् को समुवचत लाभ न वमल पाने का ही प््वतरल है वक जहां ओबीसी की कुछ जावतयां अनुसूवचत जावत का दज्ाि चाह रही है्, िही् कुछ अनुसूवचत जावतयां जनजावत के र्प मे् अपनी वगनती कराना चाहती है्. भारत की जनसंख्या का बड्ा वहथ्सा आरि््ण को ख्त्म करने की राय रखता है. कई लोगो् का सिाल है वक आव्खर जावत के आधार पर आरि््ण कब तक जारी रहेगा और योग्यता को वरर से कब बढ़्ािा वमलना शुर् होगा. दूसरी ओर आबादी का एक बड्ा वहथ्सा ऐसा भी है, जो वपछड्ी जावतयो् को आरि््ण देने के पि्् मे् है. उनका कहना है वक आरि््ण की ि्र्रत आज भी है. वपछड्े िग्ि के लोगो् और आवदिावसयो् को कोटा वसथ्टम की मदद से ही सामावजक और आव्थिक र्प से आगे बढ़्ाया जा सकता है. आरि््ण के पि््धरो् का ये भी तक्फ है वक वपछड्ेपन को दूर करने के वलए आज भी आरि््ण की उतनी ही ि्र्रत है वजतनी आि्ादी के समय थी. उनका कहना है वक आरि््ण से कुछ फ्ायदा ि्र्र हुआ है, लेवकन वपछड्ी जावतयां अब 27 फीसदी का फ्दा ओबीसी आरकंंण की लड़ाई ‘राजनीगतक’ सवाल तो वोट बैंक का है श््ेता वसन्हा सु
  • 9. जनिरी 2022 7 भी वपछड्ी है्. अन्य वपछड्ा िग्ि (ओबीसी) आमतौर पर सामान्य िग्ि (जनरल) के अंतग्ित आने िाला िह जावत समूह है, जो आव्थिक और शैव््िक के मामलो् मे् बाकी सामान्य िग्ि से वपछड्ा हुआ है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 मे् अन्य वपछड्े िग्ि को सामावजक और शैि््वणक वपछड्ा िग्ि के र्प मे् बताया गया है. आरि््ण, वकसी प््वतयोवगता मे् वहथ्सा लेने िाले सभी समाज के िग््ो् को एक ऐसा शुर्आती वबन्दु प््दान करता है, जहां से सभी िग््ो् के वलए उनके मंवजल की दूरी बराबर हो. आरि््ण एक प््कार की मदद है, जो उन िग््ो् को वदया जाता है वजनके पास समाज के अन्य िग््ो् की तरह उवचत संसाधन नही् है. भारत मे् राजनैवतक पाव्टियो् ने आरि््ण जैसी अवतआिक्यक सुविधा को इस प््कार से अपने वसयासी रायदे के वलए इस््ेमाल वकया है वक अब समाज दो मतभेदो् मे् बंट चुका है. एक तरर िो लोग है् वजन्हे् आरि््ण वमल रहा है और दूसरी तरर िो वजन्हे् आरि््ण नही् वमल रहा. राजनीवतक दल इसवलए इसे कुरेदना नही् चाहते वक उन्हे् िोट बै्क खराब होने का िर है. कई दलो् की राजनीवतक वखचडी तो इसकी आंच पर ही पक रही है. समय समय पर जब वजस पाट््ी को जर्रत पड्ी उसने उस तरह के वनयम लाकर जनता के साथ िोटो् की राजनीवत की है, लेवकन अन्तत: जनता को वसफफ्् आपसी वििाद ही वमला है. ित्िमान समय मे् आरि््ण एक वििावदत मुद््ा बन चुका है, वजसका पूरा श््ेय राजनैवतक दलो् को जाता है. देखा जाए तो भारत की राजनीवत मे् आरि््ण शुर् से ही एक वििादाथ्पद मुद््ा रहा है. इस पर आम सहमवत कभी नही् बन पाई. वरलहाल ओबीसी के वलए 27 प््वतशत आरि््ण है. कुछ विशेषज्् कहते है् वक आरि््ण के विरोध के पीछे दो प््मुख कारण है्. पहला ये वक आरि््ण को लागू करने से पहले इस पर साि्िजवनक बहस का माहौल नही् बनाया गया. और दूसरा ये वक इसका िोट बै्क की तरह इस््ेमाल वकया गया. अब आरि््ण का मुद््ा एक संिेदनशील वसयासी मुद््ा बन चुका है. जो भी नेता या पाट््ी इस मुद््े को उठाने की कोवशश करेगी, उसे चुनाि मे् खावमयाजा भुगतना पड् सकता है. देखा जाए तो ओबीसी आरि््ण का अवधकतम लाभ उठाने िाली जावतयां आमतौर पर िही है्, जो सामावजक एिं आव्थिक र्प से अपेि््ाकृत सि््म है्. इन्हे् वपछडो् मे् अगडे की संज््ा दी जा सकती है. अलग-अलग राज्यो् मे् वपछडो् मे् अगडे का दज्ाि रखने िाली जावतयां वभन्न-वभन्न है्, लेवकन िे है् सभी राज्यो् मे्. इनमे् से कुछ जावतयां तो राजनीवतक र्प से भी प््भािी है्. इसके चलते उनका शासन मे् भी दबदबा है और कही्-कही् तो प््शासन मे् भी. मंिल आयोग की वसरावरशो् के आधार पर प््धानमंत््ी िी.पी. वसंह द््ारा 1989 मे् ओबीसी के वलए आरि््ण की घोषणा वकए जाने के बाद पूरे उत््र भारत मे् उच्् जावत के छात््ो् द््ारा बड्े पैमाने पर विरोध प््दश्िन वकया गया. कुछ विद््ानो् ने तक्फ वदया वक इस अिवध के दौरान एक मजबूत चुनािी ताकत के र्प मे् भारतीय जनता पाट््ी का उदय, उच्् जावत के समथ्िन को आकव्षित करके वनचली जावतयो् की उन्नवत के वखलार वकए गए 'कुलीन विद््ोह' को दश्ािता है. इसके कारण अन्यथा विभावजत शूद््ो् की प््वत-लामबंदी ने ओबीसी को राजनीवतक र्प से एक प््मुख समूह के र्प मे् एकव््तत वकया. 90 के दशक मे् ओबीसी के राजनीवतक प््वतवनवधत्ि मे् कारी िृव््द हुई, वजसे योगे्द्् यादि ने भारत का 'दूसरा लोकतांव््तक उत्थान' कहा है. ओबीसी को लामबंद करने िाली राष््््ीय जनता दल और समाजिादी पाट््ी जैसी पाव्टियां राजनीवत के इस 'मंिलीकरण' के साथ महत्िपूण्ि र्प से आगे बढ़्ी्. िैसे थ्ितंत््ता के ठीक बाद ओबीसी कोटा दव््िण भारत के केिल चार राज्यो्-तवमलनािु, केरल, आंध्् प््देश और कन्ािटक तक सीवमत था. इसका कारण यह है वक दव््िण भारत मे् वनम्न जावत के सामावजक आंदोलनो् का बहुत लंबा इवतहास रहा है. उदाहरण के वलए, तवमलनािु राज्य मे् जस्थटस पाट््ी द््ारा की गई राजनीवतक लामबंदी का नेतृत्ि शूद््ो् ने वकया था. 1935 के प््ांतीय चुनािो् तक, मद््ास प््ेसीिे्सी की विधावयका मे् पहले से ही दो- वतहाई गैर-ब््ाह्मण थे. इसवलए यह आि््य्ि की बात नही् है वक भारत मे् वपछड्ी जावत के वलए पहला आरि््ण 1921 मे् मद््ास मे् जस्थटस पाट््ी के तहत लागू वकया गया था. 1870 के दशक में मदंंास पंंेसीडेंसी में ओबीसी शबंद के पंंयोग का सनंदभंभ गमलता है जावत व्यिथ्था वनव््ित तौर पर सामावजक स््रीकरण के सबसे कठोर र्पो् मे् से एक है, और यह व्यिथ्था सामावजक और आव्थिक पवरणामो् को तय करना जारी रखती है. कुछ ऐवतहावसक संदभ््ो् को यहां उल्लेवखत करना अवनिाय्ि है. 1870 के दशक मे् मद््ास प््ेसीिे्सी मे् ओबीसी शब्द के प््योग का सन्दभ्ि वमलता है. व््बवटश प््शासन ने सकारात्मक कार्ििाई हेतु वनम्न जावत के समूहो् की पहचान करने के वलए शूद्् और 'अछूत' जावतयो् को 'वपछड्े िग््ो्' के लेबल के तहत जोड्ा. 1935 के भारत सरकार अवधवनयम मे् अछूतो् को अनुसूवचत जावत के र्प मे् पुनि्िग््ीकृत वकया गया. थ्ितंत््ता के बाद, भारत सरकार ने इस िग््ीकरण का उपयोग करना जारी रखा. बाबासाहब भीमराि आंबेिकर के प््यासो् के कारण सरकार ने जावत उत्पीड्न को बड्े पैमाने पर कम करने के वलए ठोस उपाय वकए गए. 1950 मे् अथ्पृक्यता को समाप्त कर वदया गया और सरकार ने के्द्् और राज्य दोनो् स््रो् पर एससी और एसटी के वलए राजनीवतक प््वतवनवधत्ि अवनिाय्ि कर वदया. संविधान ने ओबीसी के वलए प््ािधान करने का भी संकल्प वलया था काका कालेलकर और बी.पी. मंिल की अध्यि््ता मे् क््मशः 1953 और 1978 मे् वपछडी जावत हेतु दो केन्द््ीय स््र के आयोग गवठत वकए गए. वरर भी, 'ओबीसी' 80 के दशक के अंत तक एक अमूत्ि प््शासवनक श््ेणी बना रहा.