खेती में रसायनों के आने से कई लोग यह देखकर भ्रमित हो गए कि वे क्या हासिल कर सकते हैं। पैदावार में विस्फोट हुआ। शुरुआत में, मिट्टी स्वस्थ थी। रासायनिक उर्वरकों से होने वाली कोई भी क्षति शायद ही ध्यान देने योग्य थी। कीटों ने रसायनों के लिए प्रतिरोध विकसित नहीं किया था। प्रौद्योगिकी दुनिया भर में फैल गई क्योंकि इसे कृषि में क्रांति माना जाता था।
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jaivik kheti ke faayde
1. जैविक खेती क्या
है?(jaivik kheti)
खेती में रसायनों क
े आने से कई लोग यह देखकर
भ्रममत हो गए कक िे क्या हामसल कर सकते हैं।
पैदािार में विस्फोट हुआ। शुरुआत में, ममट्टी स्िस्थ
थी। रासायननक उिवरकों से होने िाली कोई भी क्षनत
शायद ही ध्यान देने योग्य थी। कीटों ने रसायनों क
े
मलए प्रनतरोध विकमसत नहीीं ककया था। प्रौद्योगगकी
दुननया भर में फ
ै ल गई क्योंकक इसे कृ वि में क्ाींनत
माना जाता था।
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2. jaivik kheti
जैविक खेती एक ऐसी तकनीक है, जजसमें पौधों
की खेती और प्राकृ नतक तरीक
े से जानिरों का
पालन-पोिण शाममल है। इस प्रकक्या में जैविक
सामग्री का उपयोग, ममट्टी की उिवरता और
पाररजस्थनतक सींतुलन बनाए रखने क
े मलए
मसींथेटटक पदाथों से परहेज करना शाममल है
जजससे प्रदूिण और अपव्यय को कम ककया जा
सक
े ।
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3. Product buy- Tirpal
दूसरे शब्दों में, जैविक खेती एक कृ वि पद्धनत है जजसमें मसींथेटटक आधाररत
उिवरकों और कीटनाशकों क
े उपयोग क
े बबना फसलों को उगाना और उनका
पोिण करना शाममल है। इसक
े अलािा, ककसी भी आनुिींमशक रूप से सींशोगधत
जीिों की अनुमनत नहीीं है।
यह फसल चक्, हरी खाद, जैविक अपमशष्ट, जैविक कीट ननयींत्रण, खननज और
रॉक एडिटटव्स जैसे पाररजस्थनतक रूप से सींतुमलत कृ वि मसद्धाींतों पर ननभवर
करता है। जैविक खेती कीटनाशकों और उिवरकों का उपयोग करती है यटद उन्हें
प्राकृ नतक माना जाता है और विमभन्न पेट्रोक
े ममकल उिवरकों और कीटनाशकों क
े
उपयोग से बचा जाता है।
4. Read- terrace farming
जैविक कृ वि सींगठनों क
े मलए 1972 में स्थावपत एक अींतरावष्ट्रीय
सींगठन इींटरनेशनल फ
े िरेशन ऑफ ऑगेननक एग्रीकल्चर मूिमेंट्स
(IFOAM) जैविक खेती क
े लक्ष्य को पररभावित करता है:"जैविक
कृ वि एक उत्पादन प्रणाली है जो ममट्टी, पाररजस्थनतक तींत्र और
लोगों क
े स्िास््य को बनाए रखती है। यह प्रनतक
ू ल प्रभािों िाले
आदानों क
े उपयोग क
े बजाय पाररजस्थनतक प्रकक्याओीं, जैि
विविधता और स्थानीय पररजस्थनतयों क
े अनुक
ू ल चक्ों पर ननभवर
करता है। साझा पयाविरण को लाभ पहुींचाने क
े मलए जैविक कृ वि
परींपरा, निाचार और विज्ञान को जोड़ती है और सभी शाममल
लोगों क
े मलए उगचत सींबींधों और जीिन की अच्छी गुणित्ता को
बढािा देती है…”
5. जैविक और पारींपररक खेती क
े तरीकों क
े बीच अींतर
(difference between jaivik and conventional
farming methods )
पारींपररक खेती क
े तरीकों में, बीज बोने से पहले,
ककसान को ककसी भी प्राकृ नतक रूप से मौजूद
फफ
ूीं दनाशकों को नष्ट करने क
े मलए कठोर रसायनों का
उपयोग करक
े अपने खेत को उपचाररत करना होगा या
धूममल करना होगा। िह पेट्रोमलयम आधाररत उिवरकों का
उपयोग करक
े ममट्टी को उिवररत करेगा। दूसरी ओर,
जैविक ककसान प्राकृ नतक-आधाररत उिवरक जैसे खाद,
हड्िी का भोजन या शींख उिवरक का नछड़काि करक
े
बुिाई से पहले अपनी भूमम को तैयार और समृद्ध
करेगा।
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बीज बोने से पहले, जैविक ककसान कीड़ों और कीटों को दूर रखने
क
े मलए बीजों को फफ
ूीं दनाशकों और कीटनाशकों में मभगो देंगे।
कीड़ों को रोपे गए बीजों को चुराने से रोकने क
े मलए मसींचाई क
े
पानी में रसायन भी ममलाए जाते हैं।दूसरी ओर, जैविक ककसान
अपने बीजों को ककसी भी रासायननक घोल में नहीीं मभगोएगा और
न ही जोड़े गए रसायनों क
े साथ पानी का उपयोग करक
े नए
लगाए गए बीजों की मसींचाई करेगा। िास्ति में, िह पररिद क
े
पानी से भी मसींचाई नहीीं करेगा, जो आमतौर पर ककसी भी
बैक्टीररया को मारने क
े मलए क्लोरीनयुक्त होता है। िह सूखे
महीनों क
े दौरान उपयोग करने क
े मलए प्राकृ नतक ििाव या फसल
और सींग्रटहत ििाव जल पर ननभवर करेगा।
Jaivik kheti
7. Read About- smart irrigation system
जब बीज अींक
ु ररत हो गए हैं, और मातम से छ
ु टकारा
पाने का समय आ गया है, तो पारींपररक ककसान
खरपतिारों को नष्ट करने क
े मलए खरपतिारनाशी का
उपयोग करेंगे। जैविक ककसान खरपतिार की समस्या से
ननजात पाने क
े मलए ऐसे रसायनों का प्रयोग नहीीं करेंगे।
इसक
े बजाय, िह शारीररक रूप से खेत की जुताई
करेगा, हालााँकक यह बहुत श्रमसाध्य है। बेहतर अभी भी,
जैविक ककसान खरपतिारों को नष्ट करने क
े मलए फ्लेम
िीिर का उपयोग कर सकते हैं या जानिरों को मातम
खाने क
े मलए उपयोग कर सकते हैं।
Jaivik kheti
8. Read about-organic farming in india
जब खपत की बात आती है, तो यह कोई ब्रेनर नहीीं है
कक परींपरागत ककसान क
े उत्पादों का उपभोग करने
िाला कोई भी व्यजक्त शरीर में कीटनाशक और
खरपतिारनाशी अिशेिों को अिशोवित कर लेगा, जजससे
कैं सर जैसी खतरनाक बीमाररयाीं हो सकती हैं। लोग
समझते हैं कक स्िास््य उनक
े मलए महत्िपूणव है और
इसमलए िे आज ररकॉिव सींख्या में जैविक हो रहे हैं।
Jaivik kheti
9. जैविक खेती क
े कारण (reason of jaivik kheti)
ग्रह की जनसींख्या आसमान छ
ू रही है और दुननया क
े मलए
भोजन उपलब्ध कराना अत्यींत कटठन होता जा रहा है। टटकाऊ
खेती और सभी क
े मलए भोजन का उत्पादन समय की माींग है।
हररत क्ाींनत और इसकी रासायननक-आधाररत तकनीक अपनी
अपील खो रही है क्योंकक लाभाींश गगर रहे हैं और ररटनव अजस्थर
है। प्रदूिण और जलिायु पररितवन अन्य नकारात्मक बाहरी कारक
हैं जो जीिाश्म ईंधन आधाररत रसायनों क
े उपयोग क
े कारण होते
हैं।
10. हमारे आहार विकल्पों क
े बािजूद,
जैविक भोजन आपक
े मलए अब तक का
सबसे अच्छा विकल्प है, और इसका
अथव है जैविक खेती क
े तरीकों को
अपनाना। यहााँ कारण हैं कक हमें जैविक
खेती क
े तरीकों को अपनाने की
आिश्यकता क्यों है:
Jaivik kheti
11. 1. पोिक तत्िों क
े लाभ प्राप्त करने क
े मलए
जैविक खेतों क
े खाद्य पदाथव पारींपररक खेतों की तुलना
में पोिक तत्िों जैसे विटाममन, एींजाइम, खननज और
अन्य सूक्ष्म पोिक तत्िों से भरे होते हैं। ऐसा इसमलए है
क्योंकक स्थायी प्रथाओीं का उपयोग करक
े जैविक खेतों
का प्रबींधन और पोिण ककया जाता है। िास्ति में, क
ु छ
वपछले शोधकतावओीं ने जैविक खेतों और पारींपररक खेतों
दोनों से सजब्जयाीं, फल और अनाज एकत्र और परीक्षण
ककया।
Jaivik kheti
12. जैविक खेती का ननष्क
व िव
ननष्किव यह था कक जैविक खेतों क
े खाद्य पदाथों में
िाणणजययक या पारींपररक खेतों से प्राप्त होने िाले पोिक
तत्िों की तुलना में अगधक पोिक तत्ि थे। अध्ययन
इस बात की पुजष्ट करने क
े मलए आगे चला गया कक
जैविक खेतों से इन फलों और सजब्जयों की पाींच सवििंग्स
में विटाममन सी की पयावप्त मात्रा की पेशकश की गई
थी। हालाींकक, फलों और सजब्जयों की समान मात्रा में
समान पयावप्त भत्ता नहीीं टदया गया था।
Jaivik kheti
13. 2. जीएमओ से दूर
रहेंआींकड़े बताते हैं कक आनुिींमशक रूप से सींशोगधत
खाद्य पदाथव (जीएमओ) प्राकृ नतक खाद्य स्रोतों को
िास्तविक िरािनी गनत से दूवित कर रहे हैं, जो हमारी
समझ से परे गींभीर प्रभाि टदखा रहे हैं। जो चीज उन्हें
एक बड़ा खतरा बनाती है, िह यह है कक उन पर लेबल
भी नहीीं लगाया जाता है। इसमलए, िास्तविक स्रोतों से
प्राप्त जैविक खाद्य पदाथों से गचपक
े रहना जीएमओ क
े
इन गींभीर प्रभािों को कम करने का एकमात्र तरीका है।
14. 3. प्राकृ नतक और बेहतर स्िाद
जजन लोगों ने जैविक खेती िाले खाद्य
पदाथों का स्िाद चखा है, िे इस त्य की
पुजष्ट करेंगे कक उनका स्िाद प्राकृ नतक और
बेहतर है। प्राकृ नतक और बेहतर स्िाद
अच्छी तरह से सींतुमलत और पोवित ममट्टी
से उपजा है। जैविक ककसान हमेशा मात्रा से
अगधक गुणित्ता को प्राथममकता देते हैं।
Jaivik kheti
15. 4. खेती को सीधा समथवन
जैविक ककसानों से खाद्य पदाथव खरीदना एक लागत प्रभािी
भविष्य में एक ननजश्चत ननिेश है। परींपरागत खेती क
े तरीकों ने
वपछले ििों में अगधकाींश सरकारों से बड़ी सजब्सिी और कर
कटौती का आनींद मलया है। इससे व्यािसानयक रूप से उत्पाटदत
खाद्य पदाथों का प्रसार हुआ है जजससे कैं सर जैसी खतरनाक
बीमाररयाीं बढी हैं।इन समस्याओीं को कम करने और भविष्य को
सुरक्षक्षत करने क
े मलए सरकारों ने जैविक कृ वि प्रौद्योगगककयों में
ननिेश करने का समय आ गया है। यह सब आपक
े द्िारा ज्ञात
जैविक स्रोतों से खाद्य पदाथव खरीदने से शुरू होता है।
Jaivik kheti
16. 5. कृ वि विविधता क
े सींरक्षण क
े मलए
इन टदनों विलुप्त प्रजानतयों क
े बारे में खबरें सुनना
सामान्य बात है और यह एक प्रमुख गचींता का वििय
होना चाटहए। क
े िल वपछली शताब्दी में, यह अनुमान
लगाया गया है कक फसलों की 75 प्रनतशत कृ वि
विविधता का सफाया कर टदया गया है। खेती क
े एक
रूप की ओर झुकना भविष्य में आपदा का एक नुस्खा
है। एक क्लामसक उदाहरण एक आलू है। बाजार में
अलग-अलग िैरायटी उपलब्ध थी। आज आलू की एक
ही प्रजानत का बोलबाला है।
Jaivik kheti
17. यह एक खतरनाक जस्थनत है क्योंकक अगर कीट
आज उपलब्ध आलू की बची हुई प्रजानत को नष्ट
कर देते हैं, तो हमारे पास आलू नहीीं बचेगा। यही
कारण है कक हमें एक स्थायी भविष्य की गारींटी
क
े मलए जैविक खेती क
े तरीकों की आिश्यकता
है जो रोग और कीट प्रनतरोधी फसलों का
उत्पादन करते हैं।
Jaivik kheti
18. 6. पशु उत्पादों में एींटीबायोटटक्स, ड्रग्स और
हामोन को रोकने क
े मलए
िाणणजययक िेयरी और माींस खतरनाक पदाथों से दूवित होने क
े
मलए अनतसींिेदनशील होते हैं। एक अमेररकी जनवल में एक आींकड़े
से पता चला है कक 90% से अगधक रसायनों का उपभोग माींस क
े
ऊतकों और िेयरी उत्पादों से होता है।पयाविरण सींरक्षण एजेंसी
(ईपीए) की एक ररपोटव क
े मुताबबक, पोल्ट्री, माींस, अींिे, मछली
और िेयरी उत्पाद से आबादी िाले अगधकाींश कीटनाशकों का
उपभोग ककया जाता है क्योंकक इन उत्पादों का उत्पादन करने
िाले पशु और पक्षी खाद्य श्रृींखला क
े शीिव पर बैठते हैं।
19. इसका मतलब है कक उन्हें रसायनों और वििाक्त पदाथों से भरे
खाद्य पदाथव णखलाए जाते हैं। ड्रग्स, एींटीबायोटटक्स और ग्रोथ
हामोन भी इन जानिरों में इींजेक्ट ककए जाते हैं और इसमलए,
सीधे माींस और िेयरी उत्पादों में स्थानाींतररत हो जाते हैं। खेती
की गई मछली, बीफ और िेयरी उत्पादों को णखलाया जाने िाला
हामोन सप्लीमेंट रसायनों क
े अींतग्रवहण में शजक्तशाली योगदान
देता है। ये रसायन क
े िल कई जटटलताओीं क
े साथ आते हैं जैसे
कक आनुिींमशक समस्याएीं, कैं सर क
े जोणखम, ट्यूमर का बढना
और युिािस्था की शुरुआत में अन्य जटटलताएीं।
20. जैविक खेती की मुख्य विशेिताएीं1(main
points of jaivik kheti)
जैविक खेती की मुख्य विशेिताएीं1. जैविक सामग्री का उपयोग करक
े ममट्टी की
गुणित्ता की रक्षा करना और जैविक गनतविगध को प्रोत्साटहत करना
2. मृदा सूक्ष्मजीिों का उपयोग करक
े फसल पोिक तत्िों का अप्रत्यक्ष प्रािधान
3. फमलयाीं का उपयोग कर ममट्टी में नाइट्रोजन जस्थरीकरण4. फसल चक्, जैविक
विविधता, प्राकृ नतक परभक्षी, जैविक खाद और उपयुक्त रासायननक, थमवल और जैविक
हस्तक्षेप जैसी विगधयों पर आधाररत खरपतिार और कीट ननयींत्रण
5. पशुधन पालन, आिास की देखभाल, पोिण, स्िास््य, पालन और प्रजनन
6. बड़े पयाविरण की देखभाल और प्राकृ नतक आिासों का सींरक्षण और
21. जैविक खेती क
े चार मसद्धाींत
स्िास््य का मसद्धाींतजैविक कृ वि को ममट्टी,
पौधों, जानिरों, मनुष्यों और पृ्िी क
े स्िास््य
और कल्याण में योगदान देना चाटहए। यह
मानमसक, शारीररक, पाररजस्थनतक और सामाजजक
कल्याण का ननिावह है। उदाहरण क
े मलए, यह
मनुष्यों क
े मलए प्रदूिण और रासायननक मुक्त,
पौजष्टक खाद्य पदाथव प्रदान करता है।
Jaivik kheti
22. 2. ननष्पक्षता का मसद्धाींत
मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणणयों दोनों क
े बीच साझा
ग्रह की समानता और न्याय बनाए रखने में ननष्पक्षता
स्पष्ट है। जैविक खेती जीिन की अच्छी गुणित्ता प्रदान
करती है और गरीबी को कम करने में मदद करती है।
प्राकृ नतक सींसाधनों का वििेकपूणव उपयोग और भािी
पीटढयों क
े मलए सींरक्षक्षत ककया जाना चाटहए।
Jaivik kheti
23. 3. पाररजस्थनतक सींतुलन का मसद्धाींत
जैविक खेती को जीवित पाररजस्थनतक तींत्र पर आधाररत होना चाटहए। जैविक खेती क
े
तरीकों को प्रकृ नत में पाररजस्थनतक सींतुलन और चक्ों क
े अनुक
ू ल होना चाटहए।
4. देखभाल का मसद्धाींतितवमान और भविष्य की पीटढयों और पयाविरण को लाभ
पहुींचाने क
े मलए जैविक कृ वि को सािधानीपूिवक और जजम्मेदार तरीक
े से ककया जाना
चाटहए।आधुननक और पारींपररक कृ वि विगधयों क
े विपरीत, जैविक खेती मसींथेटटक
रसायनों पर ननभवर नहीीं है। यह ममट्टी की उिवरता बढाने क
े मलए प्राकृ नतक, जैविक
तरीकों का उपयोग करता है जैसे कक माइक्ोबबयल गनतविगध पौधों क
े पोिण को बढािा
देती है।