1- Natural farming MoRD Govt. of India by Dr. Govind Sharma
1. प्राक
ृ तिक क
ृ ति
राष्ट्र ीय तिशन प्राक
ृ तिक खेिी
NATURAL FARMING
NATIONAL MISSION ON NATURAL FARMING
Dr. Govind Sharma
(Ph.D / M.Tech/MCA)
INDIAN INSTITUTE OF REMOTE SENSING
GOVERNMENT OF INDIA
www.nrlm.gov.in
www.naturalfarming.dac.gov.in
3. तिशन
NATIONAL MISSION ON NATURAL FARMING-
प्राक
ृ तिक खेिी पर राष्ट्र ीय तिशन (एनएिएनएफ) क
ृ ति
एवं तकसान कल्याण िंत्रालय, भारि सरकार की एक
पहल है तिसका उद्देश्य प्राक
ृ तिक क
ृ ति पद्धतिय ं क
बढावा देना है।
NATIONAL RURAL LIVELIHOOD MISSION-
राष्ट्र ीय ग्रािीण आिीतवका तिशन भारि सरकार, ग्रािीण
तवकास िंत्रालय द्वारा कायाान्विि एक गरीबी उन्मूलन
पररय िना है। यह य िना स्वर िगार क बढावा देने और
ग्रािीण गरीब ं क
े संगठन पर क
ें तिि है
4. पररभािा प्राक
ृ तिक खेिी
“प्राक
ृ तिक खेिी एक रसायन-िुक्त पारंपररक क
ृ ति
पद्धति है। इसे क
ृ ति पाररन्वस्थतिकी आधाररि तवतवध क
ृ ति
प्रणाली िाना िािा है ि फसल ं, पेड ं और पशुधन क
कायाात्मक िैव तवतवधिा क
े साथ एकीक
ृ ि करिी है"-
नीति आय ग
www.naturalfarming.niti.gov.in
प्राक
ृ तिक खेिी एक ऐसी प्रणाली है िहां प्रक
ृ ति क
े तनयि ं क क
ृ ति पद्धतिय ं पर लागू
तकया िािा है। यह तवतध प्रत्येक खेिी वाले क्षेत्र की प्राक
ृ तिक िैव तवतवधिा क
े साथ
काि करिी है, तिससे िीतवि िीव ं, पौध ं और िानवर ं द न ं की ितटलिा क
प्र त्सातहि तकया िािा है ि खाद्य पौध ं क
े साथ-साथ प्रत्येक तवशेि पाररन्वस्थतिकी िंत्र
क पनपने क
े तलए आकार देिे हैं। प्राक
ृ तिक खेिी उन प्राक
ृ तिक या पाररन्वस्थतिक
प्रतियाओं पर आधाररि ह िी है ि खेि ं िें या उसक
े आसपास िौिूद ह िी हैं।
5. • स्वास्थ्यवारी: प्राक
ृ तिक खेिी िें क ई ज़हरीले कीटनाशक या क
े तिकल
खाद नहीं ह िी, इसतलए इसक
े उत्पाद ं िें क
े तिकल रेतसड्यू की
आशंका कि ह िी है। यह उत्पाद ं का स्वास्थ्य क प्रभातवि करने वाले
क
े तिकल्स से िुक्त खाद्य प्राप्त करने का अच्छा िरीका है।
• पयाावरण संरक्षण: प्राक
ृ तिक खेिी िें क
ृ ति वािावरण क संरतक्षि रखने
का अतद्विीय ध्येय है। इसका प्रय ग करने से िल, तिट्टी, और िैव
तवतवधिा क संरतक्षि तकया िा सकिा है।
• सािर्थ्ा बढाना: प्राक
ृ तिक खेिी क अपनाने से तकसान ं का सािर्थ्ा भी
बढ सकिा है। क
े तिकल क
े बिाय प्राक
ृ तिक िरीक ं से प्रबंध तकया िा
सकिा है और तबिाररय ं एवं कीट ं से लडने क
े तलए प्राक
ृ तिक उपाय
अपनाए िा सकिे हैं।
• िल संरक्षण: प्राक
ृ तिक खेिी िें सृतिि खाद और उत्पादन प्रतिया िें
कि पानी का उपय ग ह िा है, ि िल संरचना क सुधारिा है।
• गुणवत्ता: प्राक
ृ तिक खेिी का उत्पाद अक्सर स्वातदष्ट् और प िक ह िा
है ि उत्पाद ं की गुणवत्ता क बढािी हैं।
प्राक
ृ तिक खेिी की िरुरि क् ं ?
6. • स्वास्थ्य प्रभाव: तकट नाशक दवाओं क
े अत्यतधक उपय ग से संबंतधि स्वास्थ्य
सिस्याएं ह सकिी हैं। यह दवाएँ क
ृ ति कायाकिााओं, तकसान ं और उनक
े
पररवार ं क एक्सप ि करिी हैं, तिससे वे संििण, श्वसन दुबालिा, त्वचा की
सिस्याएँ , और अन्य सिस्याओं का तशकार ह सकिे हैं।
• प िण की गुणवत्ता पर प्रभाव: तकट नाशक दवाओं का अत्यतधक प्रय ग खाद्य
पदाथों की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डाल सकिा है। इन दवाओं क
े अतधक उपय ग
से खाद्य पदाथों िें अतिररक्त रेतसड्यू का खिरा ह िा है, ि िानव स्वास्थ्य क
े तलए
हातनकारक ह सकिा है।
• प्राक
ृ तिक संिुलन का उल्टाव: तकट नाशक दवाओं का अत्यतधक प्रय ग प्राक
ृ तिक
संिुलन क उल्टा सकिा है, िैसे िाइि ऑगेतनज्म्स और कीट ं क
े संिुलन क
प्रभातवि करक
े । इससे प्राक
ृ तिक संघिा, बाधक िीव ं की वृन्वद्ध, और फसल क
े
संरक्षण िें सिस्याएँ उत्पन्न ह सकिी हैं।
• िातत्रक और िल िें प्रदू िण: तकट नाशक दवाओं क
े अतधक उपय ग से िाटी और
िल िें प्रदू िण का खिरा ह सकिा है। ये िव्य िल प्रदू िण क
े कारण और िलीय
िीवन क प्रभातवि कर सकिे हैं।
• िीवन तवतवधिा क
े किी: तकट नाशक दवाओं का अत्यतधक प्रय ग िीवन
तवतवधिा क कि कर सकिा है, क् ंतक ये उपय ग तनकाय ं क नुकसान पहंचा
सकिे हैं और तवतभन्न प्रकार क
े िीव ं क
े तलए खिरा पैदा कर सकिे हैं।
िीवन िें िहर
7. • िैतवक खेिी: प्राक
ृ तिक खेिी का िुख्य तसद्धांि है तक वह िैतवक
खाद ं और िैतवक कीटनाशक ं का उपय ग करिी है। यह खेिी क
े
प्रतियाओं क प्राक
ृ तिक िरीक
े से प्रबंतधि करिी है।
• सांतवकी: प्राक
ृ तिक खेिी िें बुतनयादी तसद्धांि ं िें से एक है सांतवकी,
तिसिें खेिी क
े तलए स्थानीय और प्राक
ृ तिक संसाधन ं का उपय ग
तकया िािा है।
• संरक्षण और संवधान: प्राक
ृ तिक खेिी का िूल िकसद भूति, िल,
और िैव तवतवधिा क संरतक्षि और संवतधाि करना है।
• सािर्थ्ा और सिानिा: प्राक
ृ तिक खेिी िें सािर्थ्ा और सिानिा क
िहत्व तदया िािा है, ि तवतभन्न प्राक
ृ तिक प्रतियाओं क
े िाध्यि से
प्राप्त ह िा है।
• स्थातयत्व: प्राक
ृ तिक खेिी का एक अन्य िहत्वपूणा तसद्धांि है
स्थातयत्व, ि बािार, पयाावरण, और सािातिक िानक ं क संिुतलि
रूप से संभालने का तिम्मेदारी लेिा है।
प्राक
ृ तिक खेिी क
े िुख्य तसद्धांि
8. प्राक
ृ तिक खेिी िें "बाय -इनपुट" का अथा है तक खेिी िें उपय ग
ह ने वाले सभी पदाथा प्राक
ृ तिक और िैतवक ह ं। इसिें िैतवक
खाद, कम्प स्ट, ग बर, िीवाणु, और पौध ं से प्राप्त की गई अन्य
िैतवक पदाथा शातिल ह िे हैं। यह खेिी क
े उत्पादन िें क
े तिकल
क
े बिाय प्राक
ृ तिक और िैतवक िरीक
े से प्रबंधन क प्र त्सातहि
करिा है
बाय -इनपुट
1.
प िण क
े तलए
तबिािृि
िीवािृि
घनािीवािृि
2.
कीट/र ग बचाव क
े तलए
ब्रह्मास्त्र
तनिास्त्र
अतिशास्त्र
दशपनी अक
ा
9.
10.
11.
12.
13.
14.
15.
16. • गुणवत्ता का िूल्यांकन: तिटटी की गुणवत्ता का िूल्यांकन
करने क
े तलए तवतभन्न पैरािीटसा िैसे तक pH िान,
उच्चिि प्रयासी ित्व, उपलब्ध न्यूतटरएं ट्स, और तिटटी की
संरचना की िांच की िािी है।
• तिटटी का निूना लेना: तिटटी क
े निूने क सही िरीक
े से
लेना एक िहत्वपूणा प्रतिया है। इसे खेि की तवतभन्न क्षेत्र ं
से तलया िािा है और इसका अध्ययन तकया िािा है।
• परीक्षण और तवश्लेिण: निूने क लेने क
े बाद, तिटटी की
तवतभन्न गुणवत्ताएँ परीक्षण की िािी हैं, िैसे तक pH िान,
न्यूतटरएं ट्स की िात्रा, और तिट्टी की संरचना।
• ररप तटिंग और सलाह: तिटटी की िाँच क
े निीिे क
ररप टा तकया िािा है और उस पर आधाररि तकसान ं क
खाद, िल, और कीटनाशक ं क
े तलए सलाह दी िािी है।
तिट्टी की िाँच
17. • तिट्टी परीक्षण क
े तलए सबसे पहले खेि िें 4 से 6 तिट्टी क
े
निूना लेने क
े तलए स्थान का चयन करें, तफर उस िगह
की ऊपर की तिट्टी की फावडा से साफई कर लें, उसक
े
बाद क
ु दाली या खुरपी से ‘व्ही (V) आकार का 6 इंच गहरा
गड्ढा कर लें, उसक
े बाद गड्ढे से खुरपी की सहायिा से
ऊपर से नीचे द न ं िरफ से आधा तकल तिट्टी ख द लें।
• उसक
े बाद सभी गड्ढ ं की तिट्टी क एक साथ इकट्ठा
करक
े तिला लें तफर उस ढेर िें से तिट्टी क
े निूना हेिु
आधा तकल ग्राि तिट्टी क एक प्लान्वस्टक या कपडे की
थैली िें ििा कर लें, यतद तिट्टी गीली ह ि छाँव िें सुखा
लें।
• इस प्रकार तिट्टी का निूना िाँच क
े तलए िैयार ह िािा
है। उस निूना क तिट्टी परीक्षण प्रय गशाला िें भेिकर
िाँच करा लें और िृदा स्वास्थ्य काडा क
े आधार पर ही
निूना एकत्रीकरण तवतध
18. • िल संरक्षण: प्राक
ृ तिक खेिी िें िल संरक्षण का
अतधकिि ध्यान तदया िािा है।
• िल आधाररि खेिी: िल-आधाररि खेिी िकनीक ं का
उपय ग तकया िािा है, िैसे की बूंद बूंद की खेिी,
तसंचाई की नली, और िूल्यांकन क
े आधार पर तसंचाई
की तवतधयाँ।
• िल संरक्षण क
े प्रौद्य तगकी: प्राक
ृ तिक खेिी िें, िल
संरक्षण क
े प्रौद्य तगतकय ं का उपय ग तकया िािा है,
िैसे तक बूंद बूंद की खेिी, तसंचाई की नली, पूणा बाररश
िल संचयन, और िल तफल्टरेशन तसस्टि।
• िल संरक्षण और उपय तगिा: प्राक
ृ तिक खेिी िें, िल
संरक्षण और उपय तगिा क िहत्वपूणा िाना िािा है।
यह सुतनतिि करने का एक िरीका है तक िल का सही
िल प्रबंधन