1. 1. अपरूपता किसे िहते है?
2. िार्बन िे अपरूप िौन-िौनसे है?
3. हीरा ग्रेफाइट एवं फु लरीन िी संरचना िो समझाइए
4. हीरे ग्रेफाइट एवं फु लरीन िे गुण व् उपयोग क्या है?
2. परिभाषा :- जर् िोई तत्व दो या दो से अधिि रूपों में पाया जाता है|
जजसिे भोतति व रासायतनि गुण भभन्न हो अपरूप िहलाते है|
जजस प्रिार हीरा िार्बन से तनमीत है उसी प्रिार ग्रेफाइट भी लेकिन रूप अलग अलग होते हं
कार्बन के दो अपिरूप है 01. क्रिष्ट्लीय 02. अक्रिष्ट्लीय
हम इस पाठ में के वल क्रिष्ट्लीय रूप का ही अध्ययन किेंगें |
हीिा
4. हम लोगो ने कई आभूषण आदि में चमकते हुए
नगीने िेखे होंगे |
हीरे में कार्बन परमाणु चतुष्कफलकीय व्यवस्था में होती है
दिससे यह कठोर होता हैं |
दवश्व का सर्से कीमती हीरा कोदहनूर है िो वतबमान में दिदिश
सरकार के पास है , िो भारत से ले िाया गया था |
हीरे िी संरचना
5. गुण:-1. हीरा रंगहीन होता है |
2. हीरा चमिीला होता है |
3. हीरा अत्यंत िठोर होता है |
4. हीरे िा आिार चतुष्फलिीय होता है |
उपयोग :- > जवाहरतो में नगीने िे रूप में पॉभलश में
> िांच िे िाटने में
6. हम भलखने िे भलए जजस पेंभसल िा उपयोग िरते है उसमे
पाया जाने वाला िाला पदार्ब ही िार्बन िा अपरूप ग्रेफाइट ही
होता है
पेंभसल िा यह भाग सािारण र्ोलचाल में लीड िहलाता है |
नोट:- पेंभसल िा र्ीच िे भाग िो र्ोलचाल में लीड िहते है
लेकिन यह लीड नाम सीसे िा होता है लेकिन पेंभसल िा भाग
ग्रेफाइट ही िहलाता है |
ग्रेफाइट िी संरचना
7. गुण :- 1. यह पदार्ब गहरे िूसर रंग िानमब चमिीला होता है
इस पदर्ब िो छू ने पर धचिना लगता है |
2. यह पदर्ब वविुत िा सुचालि होता है |
3. इसिी संरचना परतदार होती है | ये परते एि-दुसरे पर
खखसि सिती है
उपयोग:- 1. पेंभसल र्नाने में
2. इलेक्रोड र्नाने में
3. शुष्ि स्नेहि िे रूप में
8. फु लरीन िार्बन िा ही तीसरा किष््लीय अपररूप है |
फु लरीन िे एि अणु में 60-70 ति िार्बन होते है फु लरीन
िी संरचना फू टर्ाल जैसी होती है|
इसिा नाम वैज्ञातनि “र्ि भमनस्टर फु लरीन” िे नाम पर
रखा गया |
इसे “र्िीर्ाल” भी िहते है |
फु लरीन िी संरचना
9. गुण:-1. वविुत िा चालि होता है अर्ातब उसमें वविुत िरा
प्रवाहहत होती है|
2. 60-70 ति िे िार्बन िे परमाणु ववद्यमान होते हं|
3. फू टर्ाल जैसे संरचना होते है इसे र्िीर्ोल भी िहा जाता
है|