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1
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
इस्लाम
पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल
सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क
े
आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
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इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
इस्लाम
पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल
सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क
े
आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
यह इस्लाम क
े संक्षिप्त पररचय पर आधाररत, एक अतत
महत्िपूर्ण प़ुस्स्तका है, स्िसमें इस धमण क
े अहम उसूलों,
शििाओं तथा वििेषताओं का, इस्लाम क
े दो असली
संदर्भों अथाणत क
़ु रआन एिं हदीस की रोिनी में, िर्णन
ककया गया है। यह प़ुस्स्तका पररस्स्थततयों और हालात से
इतर, हर समय और हर स्थान क
े म़ुस्स्लमों तथा गैर-
म़ुस्स्लमों को उनकी ज़ुबानों में संबोधधत करती है।
(क
़ु रआन एिं स़ुन्नत क
े तकों से स़ुसज्जित संस्करण)
3
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
1- इस्लाम, द़ुननया क
े समस्त लोगों की तरफ अल्लाह का अंनतम
एिं अिर अमर पैगाम है, ज्िसक
े द्िारा ईश्िरीय धमों और संदेशों का
समापन कर हदया गया है।
इस्लाम, अल्लाह की तरफ से द़ुतनया क
े तमाम लोगों की तरफ र्भेिा िाने िाला
संदेि है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा नहीं र्भेिा है हमने आप को, परन्त़ु
सब मऩुष्यों क
े शलए ि़ुर्भ सूचना देने तथा सचेत करने िाला बनाकर। ककन्त़ु,
अधधकतर लोग ज्ञान नहीं रखते।} [सूरा सबा : 28] तथा अल्लाह तआला का फ़रमान
है :{ऐ नबी! आप लोगों से कह दें कक ऐ मानि िातत क
े लोगो! मैं त़ुम सर्भी की ओर
अल्लाह का रसूल हूूँ।}[सूरा अल-आराफ़: 158]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ
लोगो! त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे पालनहार की ओर से रसूल सत्य लेकर आ गए हैं। अतः,
उनपर ईमान लाओ, यही त़ुम्हारे शलए अच्छा है। तथा यहद क
़ु फ़्र करोगे, तो (याद रखो
कक) अल्लाह ही का है, िो आकािों तथा धरती में है और अल्लाह बडा ज्ञानी एिं ग़ुर्ी
है।}[सूरा अन-तनसा :170] इस्लाम, अल्लाह का अिर-अमर संदेि है, स्िसक
े द्िारा
ईश्िरीय धमों और संदेिों क
े शसलशसले का समापन कर हदया गया है। अल्लाह तआला
की िार्ी है :{म़ुहम्मद -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- त़ुम्हारे प़ुरुषों में से ककसी क
े
वपता नहीं, बस्ल्क अल्लाह क
े संदेििाहक और समस्त नबबयों की अंततम कडी हैं। और
अल्लाह हर चीज को िानने िाला है।}[सूरा अल-अहजाब :40]
2- इस्लाम, ककसी ललंग विशेष या िानत विशेष का नहीं, अवपत़ु
समस्त लोगों क
े ललए अल्लाह तआला का धमम है।
इस्लाम, ककसी शलंग वििेष या िातत वििेष का नहीं, अवपत़ु समस्त लोगों क
े शलए
अल्लाह तआला का धमण है, और पवित्र क
़ु रआन का पहला आदेि, अल्लाह तआला की
यह िार्ी है: {ऐ लोगो! क
े िल अपने उस पालनहार की इबादत करो, स्िसने त़ुम्हें तथा
त़ुमसे पहले िाले लोगों को पैदा ककया, इसी में त़ुम्हारा बचाि है।}[सूरा अल-बकरा: 21]
तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ लोगो! अपने उस पालनहार से डरो स्िसने त़ुम
सबको एक ही प्रार् से उत्पन्न ककया और उसी से उसका िोडा बनाया, कफर उन्हीं दोनों
से बह़ुत-से नर-नाररयों को फ
ै ला हदया।}[सूरा अन-तनसा :1] तथा अब्द़ुल्लाह बबन उमर -
रस्जयल्लाह़ु अनह़ुमा- का िर्णन है कक अल्लाह क
े रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम-
ने मक्का वििय क
े हदन लोगों को संबोधधत ककया। अपने संबोधन में आपने फ़रमाया
:"ऐ लोगो! अल्लाह तआला ने त़ुम्हारे अंदर से अज्ञान य़ुग क
े अहंकार और बाप-दादाओं
पर अऩुधचत गिण ितलाने की क
़ु रीतत को खत्म कर हदया है। अब क
े िल दो ही प्रकार क
े
लोग रह गए हैं : एक, नेक, प़ुर्यकारी और अल्लाह तआला क
े नजदीक सम्मातनत और
दूसरा, पापी, बदबख्त और अल्लाह की नजर में त़ुच्छ। सारे इंसान आदम की संतान हैं
4
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
और आदम को अल्लाह ने शमट्टी से पैदा ककया था। अल्लाह तआला का फ़रमान है : {ऐ
लोगो! बेिक हमने त़ुम सर्भों को एक नर और एक नारी से पैदा ककया है, और गोत्रों
एिं कबीलों में बाूँट हदया है, ताकक एक-दूसरे को पहचान सको। िास्ति में अल्लाह की
नजर में सबसे अधधक सम्मातनत िही है, िो त़ुममें सबसे अधधक अल्लाह से डरने िाला
है। बेिक अल्लाह सबसे अधधक िानने िाला, सबसे अधधक बाख़बर है।} [सूरा अल-
ह़ुि़ुरात :13] ।"इसे ततरशमजी (3270) ने ररिायत ककया है।आपको पवित्र क
़ु रआन की
पवित्र िाणर्यों और अल्लाह क
े रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- क
े मध़ुर उपदेिों
या आदेिों में एक र्भी ऐसा विधान नहीं शमलेगा, िो ककसी वििेष क़ौम या धगरोह क
े
मूल, राष्रीयता या शलंग की वििेष ररयायत पर आधाररत हो।
3- इस्लाम िह ईश्िरीय संदेश है, िो पहले क
े नबियों और रसूलों
क
े उन संदेशों को संपूणमता प्रदान करने आया, िो िे अपनी क़ौमों की
तरफ लेकर प्रेवषत ह़ुए थे।
इस्लाम िह ईश्िरीय संदेि है, िो पहले क
े नबबयों और रसूलों क
े उन संदेिों को
संपूर्णता प्रदान करने आया है, िो िे अपनी क़ौमों की तरफ लेकर प्रेवषत ह़ुए थे।
अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तनःसंदेह हमने आपकी ओर उसी प्रकार िह्य
(प्रकािना) की है, िैसे कक नूह और उनक
े बाद क
े नबबयों की ओर िह्य की, और
इब्राहीम, इस्माईल, इसहाक, याक
ू ब और उनकी औलादों पर, तथा ईसा, अय्यूब, यूऩुस,
हारून और स़ुलैमान पर र्भी िह्य उतारी और दाऊद -अलैहहम़ुस्सलाम- को जबूर
हदया।}[सूरा अन-तनसा :163]यह धमण स्िसे अल्लाह तआला ने पैग़म्बर म़ुहम्मद -
सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- पर िह्य क
े जररए उतारा, िही धमण है, स्िसे अल्लाह
तआला ने पहले क
े नबबयों और रसूलों को देकर र्भेिा था, और स्िसकी उन्हें िसीयत
की थी। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{उसने तनयत ककया है त़ुम्हारे शलए िही धमण,
स्िसका आदेि हदया था नूह़ को और स्िसे िह़्य ककया है आपकी ओर, तथा स्िसका
आदेि हदया था इब्राहीम तथा मूसा और ईसा को कक इस धमण की स्थापना करो और
इसमें र्भेद-र्भाि ना करो। यही बात अवप्रय लगी है म़ुधिकों को, स्िसकी ओर आप ब़ुला
रहे हैं। अल्लाह ही च़ुनता है इसक
े शलए स्िसे चाहे और सीधी राह उसी को हदखाता है,
िो उसी की ओर ध्यानमग्न हो।}[सूरा अि-िूरा : 13]यह ककताब स्िसे अल्लाह तआला
ने पैग़म्बर म़ुहम्मद -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- पर िह्य क
े जररए उतारा है, अपने
से पहले क
े ईश्िरीय ग्रंथों िैसे पररितणन एिं छेड-छाड कर बबगाडे िाने से पहले की
त़ौरात एिं इंिील, की प़ुस्ष्ट करने िाली ककताब है। अल्लाह तआला ने फ़रमाया है
:{तथा िो हमने प्रकािना की है आपकी ओर ये प़ुस्तक, िही सिणथा सच है, और सच
बताती है अपने पूिण की प़ुस्तकों को। िास्ति में, अल्लाह अपने र्भक्तों से सूधचत है,
र्भली-र्भाूँतत देखने िाला है।}[सूरा फ़ाततर : 31]
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इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
4- समस्त नबियों का धमम एक, लेककन शरीयतें (धमम-विधान)
लिन्न थीं।
समस्त नबबयों का धमण एक, लेककन िरीयतें (धमण-विधान) शर्भन्न थीं। अल्लाह
तआला ने फ़रमाया है :{और (ऐ नबी!) हमने आपकी ओर सत्य पर आधाररत प़ुस्तक
(क
़ु रआन) उतार दी, िो अपने पूिण की प़ुस्तकों को सच बताने िाली तथा संरिक है।
अतः आप लोगों क
े बीच तनर्णय उसी से करें, िो अल्लाह ने उतारा है, तथा उनकी
मनमानी पर उस सत्य से विम़ुख होकर ना चलें, िो आपक
े पास आया है। हमने त़ुममें
से प्रत्येक क
े शलए एक धमण विधान तथा एक कायण प्रर्ाली बना हदया था। और यहद
अल्लाह चाहता, तो त़ुम्हें एक ही सम़ुदाय बना देता, परन्त़ु उसने िो क
़ु छ हदया है,
उसमें त़ुम्हारी परीिा लेना चाहता है। अतः, र्भलाइयों में एक-दूसरे से आगे बढ़ िाने
का प्रयास करो, अल्लाह ही की ओर त़ुम सबको ल़ौटकर िाना है। कफर िह त़ुम्हें बता
देगा, स्िन बातों में त़ुम मतर्भेद करते रहे थे।}[सूरा अल-माइदा : 48]और अल्लाह क
े
रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- का कथन है :"मैं ही द़ुतनया एिं आणख़रत दोनों
िहानों में ईसा बबन मरयम -अलैहहमस्सलाम- का ज़्यादा हकदार हूूँ, क्योंकक सारे नबी-
गर् वपतािाई र्भाई हैं। उनकी माताएूँ तो अलग-अलग हैं, पर धमण सबका एक है।"इसे
ब़ुख़ारी (3443) ने ररिायत ककया है।
5- तमाम नबियों और रसूलों, िैसे नूह, इिराहीम, मूसा, स़ुलैमान,
दाऊद और ईसा -अलैहहम़ुस सलाम- आहद ने ज्िस िात की ओर
ि़ुलाया, उसी की ओर इस्लाम िी ि़ुलाता है, और िह है इस िात पर
ईमान कक सिका पालनहार, रचनयता, रोजी-दाता, ज्िलाने िाला, मारने
िाला और पूरे ब्राहमांड का स्िामी क
े िल अल्लाह है। िही है िो सारे
मामलात का व्यस्थापक है, और िह िेहद दयािान और कृ पाल़ु है।
तमाम नबबयों और रसूलों, िैसे नूह, इबराहीम, मूसा, स़ुलैमान, दाऊद और ईसा -
अलैहहम़ुस सलाम- आहद ने स्िस बात की ओर ब़ुलाया, उसी की ओर इस्लाम र्भी
ब़ुलाता है और िह है इस बात पर ईमान कक सबका पालनहार, रचतयता, रोजी-दाता,
स्िलाने िाला, मारने िाला और पूरे ब्राह्मांड का स्िामी क
े िल अल्लाह है। िही है िो
सारे मामलात का व्यस्थापक है और िह बेहद दयािान और कृ पाल़ु है। अल्लाह तआला
का फ़रमान है :{ऐ मऩुष्यो! याद करो अपने ऊपर अल्लाह क
े परोपकार को, क्या कोई
अल्लाह क
े शसिा रचतयता है, िो त़ुम्हें िीविका प्रदान करता हो आकाि तथा धरती
से? नहीं है कोई िंदनीय, परन्त़ु िही। कफर त़ुम कहाूँ कफरे िा रहे हो?}[सूरा फ़ाततर :
3]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(ऐ नबी!) उनसे पूछें कक त़ुम्हें क़ौन आकाि
6
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
तथा धरती से िीविका प्रदान करता है? स़ुनने तथा देखने की िस्क्तयाूँ ककसक
े
अधधकार में हैं? क़ौन तनिीि से िीि को तथा िीि से तनिीि को तनकालता है? िह
क़ौन है, िो विश्ि की व्यिस्था कर रहा है? िे कह देंगे कक अल्लाह! कफर कहो कक
क्या त़ुम (सत्य क
े विरोध से) डरते नहीं हो?}[सूरा यूऩुस : 31]तथा अल्लाह तआला का
फ़रमान है :{या िो है, िो आरंर्भ करता है उत्पस्त्त का, कफर उसे दोहराएगा, तथा क़ौन
त़ुम्हें िीविका देता है आकाि तथा धरती से? क्या कोई पूज्य है अल्लाह क
े साथ?
आप कह दें कक अपना प्रमार् लाओ, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अन-नम्ल : 64]सारे
नबी और रसूल-गर् -अलैहहम़ुस्सलाम- द़ुतनया िालों को क
े िल एक अल्लाह की इबादत
की ओर ब़ुलाने क
े शलए र्भेिे गए। अल्लाह तआला कहता है :{और हमने प्रत्येक
सम़ुदाय में एक रसूल र्भेिा कक अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, और ताग़ूत (हर िह
िस्त़ु स्िसकी अल्लाह क
े अलािा पूिा की िाए) से बचो। तो उनमें से क
़ु छ को,
अल्लाह ने सच्चा रास्ता हदखा हदया और क
़ु छ से ग़ुमराही धचमट गई। तो धरती में
चलो-कफरो, कफर देखो कक झ़ुठलाने िालों का पररर्ाम क
ै सा रहा?}[सूरा अन-नह्लन :
36]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{आपसे पहले िो र्भी सन्देििाहक हमने र्भेिा,
उसपर यही िह्य की कक मेरे अततररक्त कोई िास्तविक पूज्य नहीं है। इसशलए, त़ुम
मेरी ही उपासना करो।}[सूरा अल-अंबबया : 25]अल्लाह तआला ने नूह -अलैहहस्सलाम-
की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा :{ऐ मेरी क़ौम क
े लोगो!
(क
े िल) अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, उसक
े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं। मैं
त़ुम्हारे बारे में एक बडे हदन की यातना से डरता हूूँ।}[सूरा अल-आराफ़ : 59]अल्लाह क
े
ख़लील (परम शमत्र) इबराहीम -अलैहहस्सलाम- ने, िैसा कक अल्लाह तआला ने ख़बर दी
है, अपनी क़ौम से कहा :{तथा इबराहीम को, िब उसने अपनी क़ौम से कहा : इबादत
(िंदना) करो अल्लाह की तथा उससे डरो। यही त़ुम्हारे शलए उत्तम है, यहद त़ुम
िानो।}[सूरा अल-अनकबूत :16]उसी तरह सालेह -अलैहहस्सलाम- ने र्भी, िैसा कक
अल्लाह तआला ने सूचना दी है, कहा था :{उसने कहा : ऐ मेरी क़ौम! अल्लाह की
इबादत (िंदना) करो, उसक
े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं। त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे
पालनहार की ओर से ख़ुला प्रमार् (चमत्कार) आ गया है। यह अल्लाह की ऊ
ूँ टनी
त़ुम्हारे शलए एक चमत्कार है। अतः इसे अल्लाह की धरती में चरने क
े शलए आजाद
छोड दो, और इसे ब़ुरे विचार से हाथ ना लगाना, अन्यथा त़ुम्हें द़ुःखदायी यातना घेर
लेगी।}[सूरा अल-आराफ़ : 73]उसी तरह ि़ुऐब -अलैहहस्सलाम- ने र्भी, िैसा कक अल्लाह
तआला ने सूचना दी है, कहा था :{ऐ मेरी क़ौम क
े लोगो! अल्लाह की इबादत (िंदना)
करो, उसक
े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे पालनहार का ख़ुला
तक
ण (प्रमार्) आ गया है। अतः नाप-तोल पूरा-पूरा करो और लोगों की चीजों में कमी
ना करो, तथा धरती में उसक
े स़ुधार क
े पश्चात उपद्रि न करो। यही त़ुम्हारे शलए
उत्त्म है, यहद त़ुम ईमान िाले हो।}[सूरा अल-आराफ़ : 85]तथा पहली बात, िो
अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- से कही, यह थी :{और मैंने त़ुझे च़ुन शलया
7
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
है। अतः िो िह़्य की िा रही है उसे ध्यान से स़ुन।तनस्संदेह मैं ही अल्लाह हूूँ, मेरे
शसिा कोई पूज्य नहीं, तो मेरी ही इबादत (िंदना) कर, तथा मेरे स्मरर् (याद) क
े शलए
नमाज स्थावपत कर।}[सूरा ताहा :13-14] अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- क
े
बारे में सूचना देते ह़ुए कहा कक उन्होंने अल्लाह की िरर् इन िब्दों में माूँगी :{मैंने
िरर् ली है अपने पालनहार तथा त़ुम्हारे पालनहार की प्रत्येक अहंकारी से, िो ईमान
नहीं रखता हह़साब क
े हदन पर।}[सूरा ग़ाकफ़र : 27] अल्लाह तआला ने ईसा मसीह -
अलैहहस्सलाम- की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा था:{िास्ति
में, अल्लाह ही मेरा और त़ुम सबका पालनहार है। अतः उसी की इबादत (िंदना) करो।
यही सीधी डगर है।}[सूरह आल-ए-इमरान : 51] अल्लाह तआला ने ईसा मसीह -
अलैहहस्सलाम- ही की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा था:{ऐ
इसराईल की संतानो! उसी अल्लाह की इबादत ि बंदगी करो िो मेरा र्भी रब है और
त़ुम्हारा र्भी। तन:संदेह िो अल्लाह क
े साथ शिक
ण करता है, अल्लाह ने उसपर स्िगण
(िन्नत) को हराम कर हदया है, उसका हठकाना िहन्नम है, और याद रखो कक
अत्याचाररयों का कोई सहायक नहीं है।}[सूरा अल-माइदा : 72]बस्ल्क परम सत्य तो यह
है कक त़ौरात और इंिील दोनों में, क
े िल एक अल्लाह की बंदगी करने की ताकीद की
गई है। त़ौरात की विधधवििरर् ककताब में मूसा -अलैहहस्सलाम- का कथन इस प्रकार
आया है :“ऐ इसराईल, ध्यान से स़ुनो! हमारा पूज्य पालनहार, बस एक है।”इंिील-ए-
म़ुरक़्ककस में र्भी आया है कक ईसा मसीह -अलैहहस्सलाम- ने ऐक
े श्िरिाद पर जोर एिं
बल देते ह़ुए कहा :(पहली िसीयत यह है कक ऐ इसराईल, ध्यानपूिणक स़ुनो! हमारा
पूज्य बस एक ही पालनहार है।)अल्लाह तआला ने यह बात बबल्क
़ु ल स्पष्ट कर दी है
कक सारे पैग़म्बरों को िो अहम शमिन देकर र्भेिा गया था, िह ऐक
े श्िरिाद का
आह्िान ही था, िैसा कक उसने फ़रमाया :{और हमने प्रत्येक सम़ुदाय में एक रसूल
र्भेिा कक अल्लाह की इबादत (िंदना) करो और ताग़ूत (अल्लाह क
े अलािा पूिी िाने
िाली हर िस्त़ु) से बचो, तो उनमें से क
़ु छ को अल्लाह ने हहदायत का रास्ता हदखा
हदया और क
़ु छ लोगों से ग़ुमराही धचपक गई।}[सूरा अन-नह्ल : 36]एक और स्थान में
उसका फ़रमान है :{आप कहें कक र्भला देखो तो कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क
े
शसिा, ततनक म़ुझे र्भी हदखा दो कक उन्होंने क्या उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा
उनका कोई साझी है आकािों में? मेरे पास कोई प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की,
अथिा बचा ह़ुआ क
़ु छ ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अल-अहकाफ़ : 4]िैख़ सादी -
अल्लाह उनपर दया करे- कहते हैं :"मालूम ह़ुआ कक बह़ुदेििाहदयों क
े पास, अपने शिक
ण
पर कोई तक
ण और दलील नहीं थी। उन्होंने झूठी धारर्ाओं, कमजोर रायों और अपने
बबगडे ह़ुए हदमागों को आधार बना शलया था। आपको उनक
े हदमागों क
े बबगाड का
पता, उनकी अिस्था का अध्ययन करने, उनक
े ज्ञान और कमण की खोि लगाने और
उन लोगों की हालत पर नजर करने से ही चल िाएगा, स्िन्होंने अपनी पूरी आय़ु
अल्लाह को छोडकर झूठे र्भगिानों की पूिा-अचणना में ग़ुजार दी कक क्या उन झूठे
8
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
र्भगिानों ने उनको द़ुतनया या आणख़रत में जरा र्भी लार्भ पह़ुूँचाया?"तैसीरुल करीशमर
रहमान, पृष्ठ संख्या : 779
6- अल्लाह तआला ही एक मात्र रचनयता है, और िस िही पूिे
िाने का ह़कदार है। उसक
े साथ ककसी और की पूिा-िंदना करना
पूणमतया अऩुचचत है।
बस अल्लाह ही इस बात का ह़कदार है कक उसकी बंदगी की िाए और उसक
े साथ
ककसी को र्भी बंदगी में िरीक और िाशमल न ककया िाए। अल्लाह तआला कहता है
:{ऐ लोगो! अपने उस रब (प्रर्भ़ु) की उपासना करो, स्िसने त़ुम्हें और त़ुमसे पूिण क
े
लोगों को पैदा ककया, ताकक त़ुम अल्लाह से डरने िाले (म़ुत्तकी) बन िाओ।स्िसने
धरती को त़ुम्हारे शलए बबछािन तथा गगन को छत बनाया और आकाि से िल
बरसाया, कफर उससे त़ुम्हारे शलए नाना प्रकार क
े खाद्य पदाथण उपिाए। अतः, िानते
ह़ुए र्भी उसक
े साझी न बनाओ।}[सूरा अल-बकरा : 21-22] तो शसद्ध ह़ुआ कक स्िसने
हमें और हमसे पहले की पीहढ़यों को र्भी पैदा ककया, धरती को हमारे शलए बबछािन
बनाया और आकाि से िल बरसाकर, हमारे शलए नाना प्रकार की िीविकाएूँ एिं
खाद्दान्न पैदा ककए, िही और बस िही हमारी बंदगी और उपासना का ह़कदार र्भी
ठहरता है!! अल्लाह तआला कहता है :{ऐ मऩुष्यो! याद करो अपने ऊपर अल्लाह क
े
परोपकार को, क्या कोई अल्लाह कक शसिा रचतयता है, िो त़ुम्हें िीविका प्रदान करता
हो आकाि तथा धरती से? नहीं है कोई िंदनीय, परन्त़ु िही। कफर त़ुम कहाूँ कफरे िा
रहे हो?}[सूरा फ़ाततर : 3] तो िो पैदा करता और िीविका प्रदान करता है, बस िही
इबादत और बंदगी का ह़कदार र्भी ठहरता है। अल्लाह तआला कहता है :{िही अल्लाह
त़ुम्हारा पालनहार है, उसक
े अततररक्त कोई सच्चा पूज्य नहीं। िह प्रत्येक िस्त़ु का
उत्पस्त्तकार है। अतः, उसी की इबादत करो तथा िही प्रत्येक चीज का अशर्भरिक
है।}[सूरा अल-अनआम :102] इसक
े विपरीत िो क
़ु छ र्भी अल्लाह क
े अलािा पूिा िाता
है, सच्चाई यह है कक इबादत और बंदगी का जरा र्भी ह़कदार नहीं है, क्योंकक िह
आसमानों और धरती क
े एक कर्-मात्र का र्भी माशलक नहीं है, और ना ही ककसी िस्त़ु
में अल्लाह का साझी, मददगार या सहायक है। तो र्भला उसे क्यों और ककस तरह
अल्लाह क
े साथ प़ुकारा िाए या अल्लाह का िरीक करार हदया िाए? अल्लाह तआला
कहता है :{आप कह दें : उन्हें प़ुकारो स्िन्हें त़ुम (पूज्य) समझते हो अल्लाह क
े शसिा।
िह नहीं अधधकार रखते कर् बराबर र्भी, न आकािों में, न धरती में तथा नहीं है
उनका उन दोनों में कोई र्भाग और नहीं है उस अल्लाह का उनमें से कोई
सहायक।}[सूरा सबा : 22] बस अल्लाह तआला ही है स्िसने इन तमाम सृस्ष्टयों को
रचा और अस्स्तत्िहीनता से अस्स्तत्ि प्रदान ककया है और यही एक बह़ुत बडी दलील है
उसक
े अस्स्तत्ि की, उसक
े पालनहार होने और पूज्य होने की। अल्लाह तआला कहता
9
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
है :{और उसकी (िस्क्त) क
े लिर्ों में से एक यह र्भी है कक त़ुम्हें उत्पन्न ककया शमट्टी
से, कफर अब त़ुम मऩुष्य हो (कक धरती में) फ
ै लते िा रहे हो।तथा उसकी तनिातनयों में
से यह (र्भी) है कक उत्पन्न ककए त़ुम्हारे शलए, त़ुम्हीं में से िोडे, ताकक त़ुम िास्न्त
प्राप्त करो उनक
े पास, तथा उत्पन्न कर हदया त़ुम्हारे बीच प्रेम तथा दया। िास्ति में,
इसमें कई तनिानतनयाूँ हैं उन लोगों क
े शलए, िो सोच-विचार करते हैं।और उस की
तनिातनयों में से आसमानों और जमीन को पैदा करना र्भी है, और त़ुम्हारी र्भाषाओं
और रंगों का अलग-अलग होना र्भी है। तन:संदेह इसमें िानने िालों क
े शलए तनिातनयाूँ
म़ौिूद हैं।तथा उसकी तनिातनयों में से है, त़ुम्हारा सोना राबत्र में तथा हदन में और
त़ुम्हारा खोि करना उसकी अऩुग्रह (िीविका) का। िास्ति में, इसमें कई तनिातनयाूँ हैं,
उन लोगों क
े शलए, िो स़ुनते हैं।और उसकी तनिातनयों में से (ये र्भी) है कक िह
हदखाता है त़ुम्हें बबिली को, र्भय तथा आिा बनाकर और उतारता है आकाि से िल,
कफर िीवित करता है उसक
े द्िारा धरती को, उसक
े मरर् क
े पश्चात्। िस्त़ुतः इसमें
कई तनिातनयाूँ हैं उन लोगों क
े शलए, िो सोचते-समझते हैं।और उसकी तनिातनयों में
से यह र्भी एक है कक स्थावपत हैं आकाि तथा धरती उसक
े आदेि से। कफर िब त़ुम्हें
प़ुकारेगा एक बार धरती से, तो सहसा त़ुम तनकल पडोगे।और उसी का है, िो आकािों
तथा धरती में है। सब उसी क
े अधीन हैं।और िही अल्लाह है िो पहली बार पैदा करता
है, कफर उसे िह दोबारा (पैदा) करेगा, और यह उसपर अधधक आसान है।}[सूरा अर-रूम
: 20 - 27] िब नमरूद ने अल्लाह क
े अस्स्तत्ि का इनकार ककया तो इबराहीम -
अलैहहस्सलाम- ने, िैसा कक अल्लाह तआला ने क
़ु रआन में खबर दी है, उससे कहा
:{इबराहीम ने कहा कक अल्लाह, सूरि को पूरब से उगाता है। अब त़ुम जरा उसे
पस्श्चम से उगाकर हदखा दो। काकफ़र यह स़ुनकर सन्न रह गया। सच है कक अल्लाह
तआला जाशलम लोगों को हहदायत नहीं देता है।}[सूरा अल-बकरा : 258] इस प्रकार से
र्भी इबराहीम -अलैहहस्सलाम- ने अपनी क़ौम पर तक
ण शसद्ध ककया कक अल्लाह ही है
स्िसने म़ुझे हहदायत दी है, िही णखलाता-वपलाता है और िब बीमार होता हूूँ तो िही
शिफ़ा देता है। िही मारता है और स्िलाता र्भी िही है। उन्होंने, िैसा कक अल्लाह
तआला ने सूचना दी है, कहा :{स्िसने म़ुझे पैदा ककया, कफर िही म़ुझे मागण र्भी दिाण
रहा है।और िो म़ुझे णखलाता और वपलाता है।और िब रोगी होता हूूँ, तो िही म़ुझे
स्िस्थ करता है।तथा िही म़ुझे मारेगा, कफर म़ुझे िीवित करेगा।}[सूरा अि-ि़ुअरा : 78
-81] अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- क
े बारे में सूचना देते ह़ुए कहा है कक
उन्होंने कफ़रऔन से तक
ण -वितक
ण करते ह़ुए कहा कक उनका रब िही है :{स्िसने हर एक
को उसका वििेष रूप हदया, कफर मागणदिणन ककया।}[सूरा ताहा : 50 ]आसमानों और
जमीन में िो क
़ु छ है, सबको अल्लाह तआला ने इंसान क
े िि में कर हदया है, और
उसे अपनी अनधगनत नेमतें प्रदान की हैं, ताकक िह अल्लाह की बंदगी करे और उसक
े
साथ क
़ु फ़्र ना करे। अल्लाह का फ़रमान है :{क्या त़ुमने नहीं देखा कक अल्लाह ने िि
में कर हदया है त़ुम्हारे शलए, िो क
़ु छ आकािों तथा धरती में है, तथा पूर्ण कर हदया है
10
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
त़ुमपर अपना प़ुरस्कार ख़ुला तथा तछपा? और क
़ु छ लोग वििाद करते हैं अल्लाह क
े
विषय में बबना ककसी ज्ञान, बबना ककसी मागणदिणन और बबना ककसी हदव्य (ऱौिन)
प़ुस्तक क
े ।}[सूरा ल़ुकमान : 20]अल्लाह तआला ने आकािों और धरती की तमाम
चीजों को इंसान क
े िि में तो ककया ही है, साथ ही साथ उसे उसकी जरूरत की हर
िस्त़ु िैसे कान, आूँख और हदल र्भी प्रदान ककया है, ताकक िह ऐसा ज्ञान प्राप्त कर
सक
े िो लार्भकारी हो, और उसे अपने स्िामी और रचतयता की पहचान करा सक
े ।
अल्लाह तआला कहता है :{और अल्लाह ही ने त़ुम्हें त़ुम्हारी माताओं क
े गर्भों से
तनकाला, इस दिा में कक त़ुम क
़ु छ नहीं िानते थे, और त़ुम्हारे कान और आूँख तथा
हदल बनाए, ताकक त़ुम (उसका) उपकार मानो।}[सूरा अन-नह्ल : 78]
ज्ञात ह़ुआ कक अल्लाह ने तमाम िहानों और मानि को पैदा ककया और मानि को
िह सर्भी अंग तथा इंहद्रयाूँ प्रदान कीं स्िनकी उसे आिश्यकता थी। उसपर यह उपकार
र्भी ककया कक उसे िह सर्भी िस्त़ुएूँ र्भी उपलब्ध कराईं, स्िनकी सहायता से िह अल्लाह
की बंदगी और धरती को आबाद कर सक
े । कफर आकािों और धरती पर िो क
़ु छ र्भी
है, सबको उसक
े िि में कर हदया।
कफर अल्लाह तआला ने अपनी तमाम महान सृस्ष्टयों की रचना को अपने पूज्य
होने को िाशमल अपनी पालनहार होने पर तक
ण बनाते ह़ुए कहा :{(ऐ नबी!) उनसे पूछें
कक त़ुम्हें क़ौन आकाि तथा धरती से िीविका प्रदान करता है? स़ुनने तथा देखने की
िस्क्तयाूँ ककसक
े अधधकार में हैं? क़ौन तनिीि से िीि को तथा िीि से तनिीि को
तनकालता है? िह क़ौन है, िो विश्ि की व्यिस्था कर रहा है? िे कह देंगे कक अल्लाह!
कफर कहो कक क्या त़ुम (सत्य का विरोध करने से) डरते नहीं हो?}[सूरा यूऩुस :
31]अल्लाह तआला ने एक और स्थान पर कहा है:{आप कहें कक र्भला देखो तो सही
कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क
े शसिा, ततनक म़ुझे हदखा दो कक उन्होंने क्या
उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा उनका कोई साझा है आकािों में? मेरे पास कोई
प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की अथिा बचा ह़ुआ क
़ु छ ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा
अल-अहकाफ़ : 4]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(अल्लाह ने) िैसा कक त़ुम देख
रहे हो, समस्त आसमानों को बबना स्तंर्भों क
े पैदा ककया, और धरती क
े अंदर कीलें
(पहाड) गाड दीं ताकक िह त़ुम्हें लेकर ढलक न िाए, और उसमें नाना प्रकार क
े च़ौपाए
पैदा करक
े फ
ै ला हदए, कफर आसमान से बाररि बरसाकर हर चीज का बहढ़या िोडा
बनाया। यह है अल्लाह की रचना का उदाहरर्, अब त़ुम म़ुझे ततनक हदखाओ कक
अल्लाह क
े अततररक्त स्िन चीजों की त़ुम पूिा करते हो, उन्होंने क्या क
़ु छ पैदा ककया
है? बस्ल्क सत्य तो यह है कक अत्याचारी, ख़ुली ग़ुमराही में पडे हैं।}[सूरा ल़ुकमान :10-
11] अल्लाह तआला ने एक और स्थान पर कहा है:{क्या यह लोग बबना ककसी पैदा
करने िाले क
े स्ियं पैदा हो गये हैं या यह स्ियं उत्पस्त्तकताण (पैदा करने िाले) हैं?या
उन्होंने ही पैदा ककया है आकािों तथा धरती को? िास्ति में, िे विश्िास ही नहीं रखते
11
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
हैं।या कफर उनक
े पास आपक
े पालनहार क
े ख़जाने हैं या िही (उसक
े ) अधधकारी
हैं?}[सूरा अत- तूर : 35-37]िैख़ सादी कहते हैं :"यह उनक
े विरुद्ध ऐसे मामले पर ऐसी
तक
ण य़ुस्क्त है कक उनक
े शलए सत्य क
े सामने नतमस्तक हो िाने या वििेक और धमण
की पराकाष्ठा से बाहर चले िाने क
े अततररक्त कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता।"तफ़सीर
इब्ने सादी, पृष्ठ संख्या : 816
7- द़ुननया की हर िस्त़ु, चाहे हम उसे देख सक
ें या नहीं देख सक
ें ,
का रचनयता िस अल्लाह है। उसक
े अनतररक्त िो क
़ु छ िी है, उसी की
सृज्टि है। अल्लाह तआला ने आसमानों और धरती को छह हदनों में
पैदा ककया है।
द़ुतनया की हर िस्त़ु, चाहे हम उसे देख सक
ें या नहीं देख सक
ें , का रचतयता बस
अल्लाह है। उसक
े अततररक्त िो क
़ु छ र्भी है, उसी की सृस्ष्ट है। अल्लाह तआला ने
फ़रमाया है :{उनसे पूछो : आकािों तथा धरती का पालनहार क़ौन है? कह दो :
अल्लाह है। कहो कक क्या त़ुमने अल्लाह क
े शसिा उन्हें सहायक बना शलया है, िो
अपने शलए ककसी लार्भ का अधधकार नहीं रखते हैं, और न ककसी हातन का? उनसे कहो
: क्या अंधा और देखने िाला बराबर होता है या अंधकार और प्रकाि बराबर होते हैं?
अथिा उन्होंने अल्लाह क
े अनेक ऐसे साझी बना शलए हैं, स्िन्होंने अल्लाह क
े उत्पस्त्त
करने क
े समान उत्पस्त्त की है, अतः उत्पस्त्त का विषय उनपर उलझ गया है? आप
कह दें कक अल्लाह ही प्रत्येक चीज की उत्पस्त्त करने िाला है और िही अक
े ला
प्रर्भ़ुत्ििाली है।} [सूरा अर-रअ्द :16] एक और स्थान में अल्लाह तआला फ़रमाता है
:{और िह ऐसी चीजें र्भी पैदा करता है, स्िनको त़ुम लोग िानते र्भी नहीं हो।}[सूरा
अन-नह्ल :8]अल्लाह तआला ने आकािों और धरती को छह हदनों में पैदा ककया है,
िैसा कक उसी ने कहा है :{उसी ने उत्पन्न ककया है आकािों तथा धरती को छह हदनों
में, कफर स्स्थत हो गया अिण (शसंहासन) पर। िह िानता है उसे, िो प्रिेि करता है
धरती में, िो तनकलता है उससे, िो उतरता है आकाि से तथा चढ़ता है उसमें और
िह त़ुम्हारे साथ है िहाूँ र्भी त़ुम रहो और अल्लाह िो क
़ु छ त़ुम कर रहे हो, उसे देख
रहा है।}[सूरा अल-हदीद : 4]एक अन्य स्थान में अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा
तनश्चय ही हमने पैदा ककया है आकािों तथा धरती को और िो क
़ु छ दोनों क
े बीच है
छह हदनों में और हमें कोई थकान नहीं ह़ुई।}[सूरा काफ़ : 38]
8- स्िालमत्ि, सृिन, व्यिस्थापन और इिादत में अल्लाह तआला
का कोई साझी एिं शरीक नहीं है।
अल्लाह तआला ही पूरे ब्राह्मांड का अक
े ला स्िामी है। रचना, आधधपत्य और और
व्यिस्था करने में उसका कोई िरीक और साझी नहीं है। अल्लाह का फ़रमान है
12
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
:{आप कहें कक र्भला देखो तो कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क
े शसिा, ततनक म़ुझे
र्भी हदखा दो कक उन्होंने क्या उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा उनका कोई साझी
है आकािों में? मेरे पास कोई प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की, अथिा बचा ह़ुआ क
़ु छ
ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अल-अहकाफ़ : 4]िैख़ सादी -अल्लाह उनपर दया करे-
कहते हैं :"अथाणत, आप उन लोगों से कह दीस्िए स्िन्होंने अल्लाह क
े साथ ढेर सारे
ब़ुत और समत़ुल्य बना शलए हैं कक िे लार्भ पह़ुूँचा सकते हैं न हातन, न म़ौत दे सकते
हैं और न िीिन और ना ही ककसी मृतक को स्जंदा करने में सिम हैं। आप उनक
े
ब़ुतों की लाचारी को उनक
े सामने बबल्क
़ु ल स्पष्ट कर दीस्िए और बता दीस्िए कक िे
इस बात क
े कर् बराबर र्भी ह़कदार नहीं हैं कक उनकी इबादत की िाए। उनसे कहहए
कक यहद उन्होंने धरती की ककसी चीज को पैदा ककया है या आकािों क
े सृिन में
उनकी कोई साझेदारी है तो जरा म़ुझे र्भी हदखा दो। उनसे पूतछए कक क्या उन्होंने
ककसी खगोलीय वपंड का सृिन ककया है, पहाडों को पैदा ककया है, नहरें िारी की हैं,
ककसी मृत पि़ु को स्जंदा ककया है तथा पेड उगाए हैं? क्या उन्होंने इनमें से ककसी
चीज क
े सृिन में हाथ बटाया है? दूसरों को तो रहने दीस्िए, स्ियं यह लोग इनमें से
ककसी र्भी प्रश्न का हाूँ में उत्तर नहीं दे सक
ें गे और यही इस बात की कतई ताकक
ण क
दलील है कक अल्लाह क
े शसिा ककसी र्भी सृस्ष्ट की बंदगी बहरहाल असत्य और
बाततल है।कफर पूिणिों से होकर आने िाली दलील का खंडन करते ह़ुए कहा गया कक
इससे पहले की कोई ऐसी ककताब ही ढूूँढ़कर ले आओ, िो शिक
ण की तरफ़ ब़ुलाती हो
या रसूलों -अलैहहम़ुस्सलाम- से नकल होकर चले आ रहे बचे- ख़ुचे ज्ञान का कोई
ट़ुकडा ही हदखा दो, िो शिक
ण करने का ह़ुक्म देता हो। सिणविहदत है कक उनक
े अंदर
ककसी रसूल क
े हिाले से ऐसी कोई दलील लाने की िमता नहीं है, िो शिक
ण की प़ुस्ष्ट
करे, बस्ल्क हम पूरे यकीन से और डंक
े की चोट पर कह रहे हैं कक समस्त रसूलों ने
ऐक
े श्िरिाद की दाित दी और शिक
ण करने से रोका और यही िह सबसे बडा और
सबसे महत्िपूर्ण ज्ञान है, िो उनसे नकल ककया गया है।"तफ़सीर इब्ने सादी : 779
पवित्र एिं महान अल्लाह ही पूरे ब्राह्मांड का स्िामी है और इस स्िाशमत्ि एिं प्रर्भ़ुत्ि
में उसका कोई िरीक नहीं। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(ऐ नबी!) कहो : ऐ
अल्लाह, ऐ पूरे ब्राह्मांड क
े स्िामी! तू स्िसे चाहे, राज्य दे और स्िससे चाहे, राज्य
छीन ले, तथा स्िसे चाहे, सम्मान दे और स्िसे चाहे, अपमान दे। तेरे ही हाथ में
र्भलाई है। तनस्संदेह तू िो चाहे, कर सकता है।}[सूरा आल-इमरान : 26] अल्लाह
तआला ने इस बात को पूर्णतया स्पष्ट करते ह़ुए कक कयामत क
े हदन सम्पूर्ण
स्िाशमति एिं प्रर्भ़ुत्ि उसी क
े पास होगा, फ़रमाया :{स्िस हदन सब लोग (िीवित
होकर) तनकल पडेंगे। नहीं छ
़ु पी होगी अल्लाह पर उनकी कोई चीज। (ऐसे में िह
पूछेगा) ककसका राज्य है आि? अक
े ले प्रर्भ़ुत्ििाली अल्लाह का।} [सूरा ग़ाकफ़र :16]
स्िाशमत्ि, सृिन, व्यिस्था और इबादत में अल्लाह तआला का कोई साझी एिं िरीक
13
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
नहीं है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा कह दो कक सब प्रिंसा उस अल्लाह क
े
शलए है, स्िसक
े कोई संतान नहीं और ना राज्य में उसका कोई साझी है और ना
अपमान से बचाने क
े शलए उसका कोई समथणक है और आप उसकी महहमा का खूब
िर्णन करें।}[सूरा अल-इसरा :111]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{स्िसक
े शलए
आकािों तथा धरती का राज्य है तथा उसने अपने शलए कोई संतान नहीं बनाई और
ना उसका कोई साझी है राज्य में, तथा उसने प्रत्येक िस्त़ु की उत्पस्त्त की, कफर उसे
एक तनधाणररत रूप हदया।}[सूरा अल-फ़
़ु रकान : 2] तो िही स्िामी है और उसक
े शसिा
िो र्भी है, उसका ग़ुलाम है। िही रचतयता है और उसक
े शसिा िो र्भी है, उसकी रचना
है। िही है िो विश्ि की सारी व्यिस्था करता है। और स्िसकी यह िान हो तो जाहहर
है कक उसी की बंदगी िास्िब होगी और उसक
े शसिा ककसी और की बंदगी तनश्चय ही
वििेकहीनता, शिक
ण और द़ुतनया एिं आणख़रत दोनों को बबगाड देने िाली िस्त़ु ि़ुमार
होगी। अल्लाह तआला कहता है :{और िे कहते हैं कक यहूदी हो िाओ अथिा ईसाई
हो िाओ, त़ुम्हें मागणदिणन शमल िाएगा। आप कह दें कक नहीं! हम तो एक
े श्िरिादी
इबराहीम क
े धमण पर हैं और िह बह़ुदेििाहदयों में से नहीं था।}[सूरा अल-बकरा :135]
एक अन्य स्थान में िह कहता है :{तथा उस व्यस्क्त से अच्छा ककसका धमण हो
सकता है, स्िसने स्ियं को अल्लाह क
े शलए झ़ुका हदया, िह एक
े श्िरिादी र्भी हो और
एक
े श्िरिादी इबराहीम क
े धमण का अऩुसरर् र्भी कर रहा हो? और अल्लाह ने
इबराहीम को अपना विि़ुद्ध शमत्र बना शलया है।} [सूरा अन-तनसा :125] अल्लाह
तआला ने स्पष्ट कर हदया है कक स्िसने र्भी उसक
े दोस्त इबराहीम -अलैहहस्सलाम-
क
े धमण क
े अलािा ककसी और धमण का अऩुसरर् ककया, उसने अपने आपको मूखण
बनाया, िैसा कक उसने कहा है :{तथा क़ौन होगा, िो इबराहीम क
े धमण से विम़ुख हो
िाए, परन्त़ु िही िो स्ियं को मूखण बना ले? िबकक हमने उसे संसार में च़ुन शलया
तथा आणख़रत में उसकी गर्ना सदाचाररयों में होगी।}[सूरा अल-बकरा :130]
9- अल्लाह तआला ने ना ककसी को िना और ना ही िह स्ियं
ककसी क
े द्िारा िना गया, ना उसका समत़ुल्य कोई है और ना ही
कोई समकि।
अल्लाह तआला ने ना ककसी को िना और ना ही िह स्ियं ककसी क
े द्िारा िना
गया, ना उसका समत़ुल्य कोई है और ना ही कोई समकि, िैसा कक उसी ने फ़रमाया
है :{आप कह दीस्िए कक िह अल्लाह एक है।अल्लाह तनरपेि (और सिाणधार) है।ना
उसने (ककसी को) िना, और ना (ककसी ने) उसको िना।और ना उसक
े बराबर कोई है।}
[सूरा अल-इख़लास :1-4] तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{आकािों तथा धरती का
पालनहार तथा िो उन दोनों क
े बीच है, सबका पालनहार िही अल्लाह है। अतः उसी
14
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
की इबादत (िंदना) करें तथा उसकी इबादत पर अडडग रहें। क्या आप उसका समकि
ककसी को िानते हैं?}[सूरा मरयम : 65] अल्लाह तआला दूसरी िगह फ़रमाता है:{िह
आकािों तथा धरती का रचतयता है। उसने बनाए हैं त़ुम्हारी िातत में से त़ुम्हारे िोडे
तथा पि़ुओं क
े िोडे। िह फ
ै ला रहा है त़ुम्हें उसमें। उसक
े िैसा कोई र्भी नहीं है, और
िह सब क
़ु छ स़ुनने-िानने िाला है।}[सूरा अि-िूरा : 11]
10- अल्लाह तआला ककसी चीज में प्रविटि नहीं होता, और ना ही
अपनी सृज्टि में से ककसी चीज में रूपांबत्रत होता है।
अल्लाह तआला ककसी चीज में प्रविष्ट नहीं होता, ना ही अपनी सृस्ष्ट में से
ककसी चीज में रूपांबत्रत होता है, और ना ही ककसी िस्त़ु में शमधित होता है, क्योंकक
अल्लाह ही रचतयता है और उसक
े शसिा िो र्भी है, उसकी सृस्ष्ट है, िही अनश्िर है
और उसक
े शसिा सब क
़ु छ नश्िर है, हर चीज उसक
े स्िाशमत्ि में है और हर चीज का
स्िामी बस िही है। इसशलए, अल्लाह ना ककसी चीज में समाता है और ना ही कोई
चीज उसमें समा सकती है। अल्लाह हर चीज से बडा है और हर चीज से अधधक
वििालकाय है। स्िन ब़ुवद्धहीनों की धारर्ा यह है कक अल्लाह तआला, ईसा मसीह क
े
अंदर समाया ह़ुआ था, उनको नकारते ह़ुए स्ियं अल्लाह ने फ़रमाया है :{तनश्चय ही
िे काकफ़र हो गए, स्िन्होंने कहा कक मरयम का प़ुत्र मसीह ही अल्लाह है। (ऐ नबी!)
उनसे कह दो कक यहद अल्लाह मरयम क
े प़ुत्र और उसकी माता तथा िो र्भी धरती में
है, सबका विनाि कर देना चाहे, तो ककसमें िस्क्त है कक िह उसे रोक दे? तथा
आकाि और धरती और िो र्भी इनक
े बीच में है, सब अल्लाह ही का राज्य है। िह
िो चाहे, उतपन्न करता है तथा िह िो चाहे, कर सकता है।}[सूरा अल-माइदा : 17]
एक अन्य स्थान में उसका फ़रमान है :{तथा पूिण और पस्श्चम अल्लाह ही क
े हैं; त़ुम
स्िधर र्भी म़ुख करो, उधर ही अल्लाह का म़ुख है और अल्लाह अतत वििाल, अतत
ज्ञानी है।तथा उन्होंने कहा कक अल्लाह ने कोई संतान बना ली। िह इससे पवित्र है।
आकािों तथा धरती में िो र्भी है, िह उसी का है और सब उसी क
े आज्ञाकारी हैं।िह
आकािों तथा धरती का आविष्कारक है। िब िह ककसी बात का तनर्णय कर लेता है,
तो उसक
े शलए बस यह आदेि देता है कक "हो िा" और िह हो िाती है।}[सूरा अल-
बकरा : 115-117] एक और िहन िह कहता है :{और उनका कहना तो यह है कक
अतत कृ पािान अल्लाह ने संतान बना रखी है।तन:संदेह त़ुम बह़ुत (ब़ुरी और) र्भारी
चीज लाए हो।करीब है कक इस कथन से आकाि फट िाए और धरती में दराड हो
िाए और पहाड कर्-कर् हो िाएूँ।कक िे रहमान की संतान साबबत करने बैठे हैं।और
रहमान क
े अऩुक
ू ल नहीं कक िह संतान रखे।आकािों और धरती में िो र्भी िस्त़ु है,
अल्लाह का ग़ुलाम बनकर ही आने िाली है।उसने उन्हें तनयंत्रर् में ले रखा है तथा
15
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
उन्हें पूर्णतः धगन रखा है।और प्रत्येक उसक
े समि आने िाला है, प्रलय क
े हदन
अक
े ला।}[सूरा मरयम : 88-95] एक और स्थान में उसका फ़रमान है :{अल्लाह क
े
शसिा कोई इबादत क
े लायक नहीं। िह सदा िीवित है, स्ियं बाकी रहने िाला तथा
सम्पूर्ण िगत को संर्भालने िाला है, ना उसे ऊ
ूँ घ आती है ना नींद। आकाि और
धरती की सारी चीजें उसी की हैं। क़ौन है, िो उसक
े पास उसकी अऩुमतत क
े बबना
अऩुिंसा (शसफ़ाररि) कर सक
े ? िह बंदों क
े सामने की और उनसे ओझल सारी
िस्त़ुओं को िानता है। उसक
े ज्ञान में से कोई चीज इंसान क
े ज्ञान क
े दायरे में नहीं
आ सकती, यह और बात है कक िह ख़ुद ही क
़ु छ बता दे। उसकी क
़ु सी क
े फ
ै लाि ने
आसमान एिं जमीन को घेर रखा है। और उन दोनों की रिा उसे नहीं थकाती। और
िह सबसे ऊ
ूँ चा, महान है।}[सूरा अल-बकरा : 255] स्िसकी िान यह है और स्िसक
े
म़ुकाबले में सृस्ष्टयों की िान इतनी त़ुच्छ है तो जरा सोधचए कक उनमें से ककसी क
े
अंदर उसको क
ै से समाहहत ककया िा सक
े गा? िह ककसको अपनी संतान बनाएगा र्भला
या उसक
े साथ र्भला ककसको पूज्य बनाया िा सक
े गा?
11- अल्लाह तआला अपने िंदों पर िडा ही दयािान और
कृ पाशील है। इसी ललए उसने िह़ुत सारे रसूल िेिे और िह़ुत सारी
ककतािें उतारीं।
अल्लाह तआला अपने बंदों पर बडा ही दयािान और कृ पािील है। उसकी कृ पा एिं
करूर्ा की एक तनिानी यह है कक उसने उनकी ओर बह़ुत सारे रसूल र्भेिे और बह़ुत
सारी ककताबें उतारीं, ताकक उन्हें क
़ु फ्र और शिक
ण क
े अंधकारों से तनकाल कर एक
े श्िरिाद
और हहदायत क
े प्रकाि की ओर ले िाए। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{िही है, िो
उतार रहा है अपने बंदे पर ख़ुली आयतें, ताकक िह त़ुम्हें तनकाले अंधेरों से प्रकाि की
ओर तथा िास्ति में, अल्लाह त़ुम्हारे शलए बेहद करुर्ामय, दयािान ् है।}[सूरा अल-
हदीद : 9] एक अन्य स्थान में उसका फ़रमान है :{और (ऐ नबी!) हमने आपको नहीं
र्भेिा है, ककन्त़ु समस्त संसार क
े शलए दया बना कर।} [सूरा अल-अंबबया : 107]
अल्लाह तआला ने अपने नबी को आदेि हदया है कक िे बंदों को यह सूचना दे दें कक
अल्लाह बेहद माफ़ करने िाला और अत्यंत दयािान है। अल्लाह तआला का फ़रमान है
:{(ऐ नबी!) आप मेरे बंदों को सूधचत कर दें कक िास्ति में, मैं बडा िमािील दयािान ्
हूूँ।} [सूरा अल-हहज्र : 49] उसकी दया और करूर्ा ही का नतीिा है कक िह अपने बंदों
का कष्ट एिं द़ु:ख हरता और उनसे र्भलाई का मामला करता है। कहता है :{और यहद
अल्लाह आपको कोई द़ुःख पह़ुूँचाना चाहे, तो उसक
े शसिा कोई उसे दूर करने िाला नहीं
और यहद आपको कोई र्भलाई पह़ुूँचाना चाहे, तो कोई उसकी र्भलाई को रोकने िाला
नहीं। िह अपनी दया अपने र्भक्तों में से स्िसपर चाहे, करता है तथा िह िमािील
दयािान ् है।} [सूरा यूऩुस : 107]
16
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
12- अल्लाह तआला ही िह अक
े ला दयािान रि है, िो कयामत
क
े हदन समस्त इंसानों का, उन्हें उनकी कब्रों से दोिारा िीवित करक
े
उठाने क
े िाद, हहसाि-ककताि लेगा और हर व्यज्क्त को उसक
े अच्छे-
ि़ुरे कमों क
े अऩुसार प्रनतफल देगा। ज्िसने मोलमन रहते ह़ुए अचछे
कमम ककए होंगे, उसे हमेशा रहने िाली नेमतें प्रदान करेगा और िो
द़ुननया में काक़िर रहा होगा और ि़ुरे कमम ककए होंगे, उसे प्रलय में
ियंकर यातना से ग्रस्त करेगा।
अल्लाह तआला ही िह अक
े ला दयािान रब है, िो कयामत क
े हदन समस्त
इंसानों का, उन्हें उनकी कब्रों से दोबारा िीवित करक
े उठाने क
े बाद, हहसाब-ककताब
लेगा और हर व्यस्क्त को उसक
े अच्छे-ब़ुरे कमों क
े अऩुसार अच्छा या ब़ुरा प्रततफल
देगा। स्िसने मोशमन रहते ह़ुए अचछे कमण ककए होंगे, उसे हमेिा रहने िाली नीमतें
प्रदान करेगा और िो द़ुतनया में काकफ़र रहा होगा और ब़ुरे कमण ककए होंगे, उसे
कयामत क
े हदन र्भयंकर यातना से ग्रस्त करेगा। यह अल्लाह तआला का अपने बंदों
क
े साथ सम्पूर्ण न्याय, हहकमत और करूर्ा ही है कक उसने इस द़ुतनया को कमणर्भूशम
और दूसरे घर अथाणत आणख़रत को िेय, हहसाब-ककताब और बदला पाने का स्थान
बनाया है, ताकक प़ुण्यकारी अपने प़ुण्य का िेय प्राप्त करे और ब़ुराई करने िाला
जाशलम एिं उपद्रिी मानि अपने ज़ुल्म एिं उपद्रि की सजा र्भ़ुगते। चूूँकक क
़ु छ लोग
इन बातों को दूर की क़ौडी समझते हैं, इसशलए अल्लाह तआला ने ऐसी बह़ुत सारी
दलीलें कायम कर दी हैं स्िनसे साबबत होता है कक मरने क
े बाद दोबारा स्जंदा करक
े
उठाए िाने का मामला बबल्क
़ु ल हक और सच है और उसमें ककसी संदेह एिं िक की
कोई ग़ुंिाइि नहीं है। अल्लाह का फ़रमान है :{और उस (अल्लाह) की तनिातनयों में से
(यह र्भी) है कक तू धरती को दबी-दबाई और ि़ुष्क देखता है, कफर िब हम उसपर िषाण
करते हैं तो िह ताजा एिं तनमणल होकर उर्भरने लगती है। स्िसने उसे स्जन्दा कर
हदया, िही तनस्श्चत रूप से म़ुदाण को र्भी स्जन्दा करने िाला है। बेिक िह हर चीज में
सिम है।}[सूरा फ़
़ु स्स्सलत : 39] तथा अल्लाह तआला ने कहा है :{ऐ लोगो! यहद त़ुम
ककसी संदेह में हो प़ुनः िीवित होने क
े विषय में, तो (सोचो कक) हमने त़ुम्हें शमट्टी से
पैदा ककया, कफर िीयण से, कफर रक्त क
े थक्क
े से, कफर माूँस क
े खंड से, िो धचबत्रत
तथा धचत्र विहीन होता है, ताकक हम उिागर कर दें त़ुम्हारे शलए और स्स्थर रखते हैं
गर्भाणियों में िब तक चाहें; एक तनधाणररत अिधध तक, कफर त़ुम्हें तनकालते हैं शिि़ु
बनाकर, कफर ताकक त़ुम पह़ुूँचो अपने य़ौिन को और त़ुममें से क
़ु छ पहले ही मर िाते
हैं और त़ुममें से क
़ु छ िीर्ण आय़ु की ओर फ
े र हदए िाते हैं, ताकक उसे क
़ु छ ज्ञान न
17
इस्लाम पवित्र क
़ु रआन तथा अल्लाह क
े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि
सल्लम की स़ुन्नत क
े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
रह िाए ज्ञान क
े पश्चात् तथा त़ुम देखते हो धरती को सूखी, कफर िब हम उसपर
िल-िषाण करते हैं, तो सहसा लहलहाने और उर्भरने लगी तथा उगा देती है प्रत्येक
प्रकार की स़ुदृश्य िनस्पततयाूँ।}[सूरा अल-हज्ि : 5]इस प्रकार, अल्लाह तआला ने इस
आयत में तीन ऐसी ताकक
ण क दलीलें दी हैं िो मरने क
े बाद दोबारा स्जंदा ककए िाने का
अटल प्रमार् देती हैं, िो क
़ु छ इस तरह हैं :
1- अल्लाह तआला ने मानि को पहली बार शमट्टी से पैदा ककया है और िो उसे
शमट्टी से पैदा करने में सिम है, िह उसे शमट्टी में शमल िाने क
े बाद दोबारा
िीिन देने में र्भी सिम हो सकता है।
2- िो िीयण से मानि पैदा करने में सिम है, िह इंसान को मृत्य़ु क
े बाद दोबारा
िीिन र्भी ल़ौटा सकता है।
3- िो मृत र्भूशम को बाररि क
े जररए स्जंदा कर सकता है, िह मृत इंसान को र्भी
स्जंदा कर सकता है। इस आयत में क
़ु रआन क
े कररश्मे पर र्भी एक महान
दलील तनहहत है। िह यह है कक क
ै से उसने एक बेहद पेचीदा मसले पर तीन
बह़ुत ही महान एिं ताकक
ण क प्रमार्ों को बस एक ही आयत में, िो बह़ुत लंबी
र्भी नहीं है, बह़ुत ही स़ुंदर िैली क
े साथ समेट हदया।
एक और िहन िह कहता है :{स्िस हदन हम लपेट देंगे आकाि को, पंस्िका क
े
पन्नों को लपेट देने क
े समान, िैसे हमने आरंर्भ ककया था प्रथम उत्पस्त्त का, उसी
प्रकार उसे द़ुहराएूँगे। इस (िचन) को पूरा करना हमपर है और हम पूरा करक
े रहेंगे।}
[सूरा अल-अंबबया :104] एक और िगह िह कहता है :{और उस ने हमारे शलए शमसाल
बयान की और अपनी (मूल) पैदाईि को र्भूल गया। कहने लगा कक इन सडी-गली
हड्डडयों को क़ौन स्जन्दा कर सकता है? कह दीस्िए कक उन्हें िह स्जन्दा करेगा स्िसने
उन्हें पहली बार पैदा ककया, िो सब प्रकार की पैदाईि को अच्छी तरह िानने िाला
है।आप कह दें : िही, स्िसने पैदा ककया है प्रथम बार और िह प्रत्येक उत्पस्त्त को
र्भली-र्भाूँतत िानने िाला है।} [सूरा या-सीन : 78] एक अन्य स्थान में िह कहता है
:{क्या त़ुम्हें पैदा करना कहठन है अथिा आकाि को, स्िसे उसने बनाया? (27)।उसकी
छत ऊ
ूँ ची की और उसे च़ौरस ककया।और उसकी रात को अंधेरी तथा हदन को उिाला
ककया।और उसक
े बाद धरती को बबछाया।और उससे उसका पानी और चारा
तनकाला।और पहाडों को अच्छी तरह से गाडा।} [सूरा अन-नास्जआत : 27-32] इस
प्रकार, अल्लाह तआला ने यह स्पष्ट कर हदया कक मऩुष्य को पैदा करना आकाि,
धरती और उन दोनों क
े बीच में िो क
़ु छ र्भी है, को पैदा करने से ज़्यादा कहठन नहीं
है। इससे साबबत हो िाता है कक िो हस्ती आकािों और धरती को पैदा कर सकती है,
िह मानि को दोबारा िीिन र्भी दे सकती है।
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
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इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
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इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय
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इस्लाम पवित्र क़ुरआन तथा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत के आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय

  • 1. 1 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय
  • 2. 2 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय यह इस्लाम क े संक्षिप्त पररचय पर आधाररत, एक अतत महत्िपूर्ण प़ुस्स्तका है, स्िसमें इस धमण क े अहम उसूलों, शििाओं तथा वििेषताओं का, इस्लाम क े दो असली संदर्भों अथाणत क ़ु रआन एिं हदीस की रोिनी में, िर्णन ककया गया है। यह प़ुस्स्तका पररस्स्थततयों और हालात से इतर, हर समय और हर स्थान क े म़ुस्स्लमों तथा गैर- म़ुस्स्लमों को उनकी ज़ुबानों में संबोधधत करती है। (क ़ु रआन एिं स़ुन्नत क े तकों से स़ुसज्जित संस्करण)
  • 3. 3 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय 1- इस्लाम, द़ुननया क े समस्त लोगों की तरफ अल्लाह का अंनतम एिं अिर अमर पैगाम है, ज्िसक े द्िारा ईश्िरीय धमों और संदेशों का समापन कर हदया गया है। इस्लाम, अल्लाह की तरफ से द़ुतनया क े तमाम लोगों की तरफ र्भेिा िाने िाला संदेि है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा नहीं र्भेिा है हमने आप को, परन्त़ु सब मऩुष्यों क े शलए ि़ुर्भ सूचना देने तथा सचेत करने िाला बनाकर। ककन्त़ु, अधधकतर लोग ज्ञान नहीं रखते।} [सूरा सबा : 28] तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ नबी! आप लोगों से कह दें कक ऐ मानि िातत क े लोगो! मैं त़ुम सर्भी की ओर अल्लाह का रसूल हूूँ।}[सूरा अल-आराफ़: 158]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ लोगो! त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे पालनहार की ओर से रसूल सत्य लेकर आ गए हैं। अतः, उनपर ईमान लाओ, यही त़ुम्हारे शलए अच्छा है। तथा यहद क ़ु फ़्र करोगे, तो (याद रखो कक) अल्लाह ही का है, िो आकािों तथा धरती में है और अल्लाह बडा ज्ञानी एिं ग़ुर्ी है।}[सूरा अन-तनसा :170] इस्लाम, अल्लाह का अिर-अमर संदेि है, स्िसक े द्िारा ईश्िरीय धमों और संदेिों क े शसलशसले का समापन कर हदया गया है। अल्लाह तआला की िार्ी है :{म़ुहम्मद -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- त़ुम्हारे प़ुरुषों में से ककसी क े वपता नहीं, बस्ल्क अल्लाह क े संदेििाहक और समस्त नबबयों की अंततम कडी हैं। और अल्लाह हर चीज को िानने िाला है।}[सूरा अल-अहजाब :40] 2- इस्लाम, ककसी ललंग विशेष या िानत विशेष का नहीं, अवपत़ु समस्त लोगों क े ललए अल्लाह तआला का धमम है। इस्लाम, ककसी शलंग वििेष या िातत वििेष का नहीं, अवपत़ु समस्त लोगों क े शलए अल्लाह तआला का धमण है, और पवित्र क ़ु रआन का पहला आदेि, अल्लाह तआला की यह िार्ी है: {ऐ लोगो! क े िल अपने उस पालनहार की इबादत करो, स्िसने त़ुम्हें तथा त़ुमसे पहले िाले लोगों को पैदा ककया, इसी में त़ुम्हारा बचाि है।}[सूरा अल-बकरा: 21] तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ लोगो! अपने उस पालनहार से डरो स्िसने त़ुम सबको एक ही प्रार् से उत्पन्न ककया और उसी से उसका िोडा बनाया, कफर उन्हीं दोनों से बह़ुत-से नर-नाररयों को फ ै ला हदया।}[सूरा अन-तनसा :1] तथा अब्द़ुल्लाह बबन उमर - रस्जयल्लाह़ु अनह़ुमा- का िर्णन है कक अल्लाह क े रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- ने मक्का वििय क े हदन लोगों को संबोधधत ककया। अपने संबोधन में आपने फ़रमाया :"ऐ लोगो! अल्लाह तआला ने त़ुम्हारे अंदर से अज्ञान य़ुग क े अहंकार और बाप-दादाओं पर अऩुधचत गिण ितलाने की क ़ु रीतत को खत्म कर हदया है। अब क े िल दो ही प्रकार क े लोग रह गए हैं : एक, नेक, प़ुर्यकारी और अल्लाह तआला क े नजदीक सम्मातनत और दूसरा, पापी, बदबख्त और अल्लाह की नजर में त़ुच्छ। सारे इंसान आदम की संतान हैं
  • 4. 4 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय और आदम को अल्लाह ने शमट्टी से पैदा ककया था। अल्लाह तआला का फ़रमान है : {ऐ लोगो! बेिक हमने त़ुम सर्भों को एक नर और एक नारी से पैदा ककया है, और गोत्रों एिं कबीलों में बाूँट हदया है, ताकक एक-दूसरे को पहचान सको। िास्ति में अल्लाह की नजर में सबसे अधधक सम्मातनत िही है, िो त़ुममें सबसे अधधक अल्लाह से डरने िाला है। बेिक अल्लाह सबसे अधधक िानने िाला, सबसे अधधक बाख़बर है।} [सूरा अल- ह़ुि़ुरात :13] ।"इसे ततरशमजी (3270) ने ररिायत ककया है।आपको पवित्र क ़ु रआन की पवित्र िाणर्यों और अल्लाह क े रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- क े मध़ुर उपदेिों या आदेिों में एक र्भी ऐसा विधान नहीं शमलेगा, िो ककसी वििेष क़ौम या धगरोह क े मूल, राष्रीयता या शलंग की वििेष ररयायत पर आधाररत हो। 3- इस्लाम िह ईश्िरीय संदेश है, िो पहले क े नबियों और रसूलों क े उन संदेशों को संपूणमता प्रदान करने आया, िो िे अपनी क़ौमों की तरफ लेकर प्रेवषत ह़ुए थे। इस्लाम िह ईश्िरीय संदेि है, िो पहले क े नबबयों और रसूलों क े उन संदेिों को संपूर्णता प्रदान करने आया है, िो िे अपनी क़ौमों की तरफ लेकर प्रेवषत ह़ुए थे। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तनःसंदेह हमने आपकी ओर उसी प्रकार िह्य (प्रकािना) की है, िैसे कक नूह और उनक े बाद क े नबबयों की ओर िह्य की, और इब्राहीम, इस्माईल, इसहाक, याक ू ब और उनकी औलादों पर, तथा ईसा, अय्यूब, यूऩुस, हारून और स़ुलैमान पर र्भी िह्य उतारी और दाऊद -अलैहहम़ुस्सलाम- को जबूर हदया।}[सूरा अन-तनसा :163]यह धमण स्िसे अल्लाह तआला ने पैग़म्बर म़ुहम्मद - सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- पर िह्य क े जररए उतारा, िही धमण है, स्िसे अल्लाह तआला ने पहले क े नबबयों और रसूलों को देकर र्भेिा था, और स्िसकी उन्हें िसीयत की थी। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{उसने तनयत ककया है त़ुम्हारे शलए िही धमण, स्िसका आदेि हदया था नूह़ को और स्िसे िह़्य ककया है आपकी ओर, तथा स्िसका आदेि हदया था इब्राहीम तथा मूसा और ईसा को कक इस धमण की स्थापना करो और इसमें र्भेद-र्भाि ना करो। यही बात अवप्रय लगी है म़ुधिकों को, स्िसकी ओर आप ब़ुला रहे हैं। अल्लाह ही च़ुनता है इसक े शलए स्िसे चाहे और सीधी राह उसी को हदखाता है, िो उसी की ओर ध्यानमग्न हो।}[सूरा अि-िूरा : 13]यह ककताब स्िसे अल्लाह तआला ने पैग़म्बर म़ुहम्मद -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- पर िह्य क े जररए उतारा है, अपने से पहले क े ईश्िरीय ग्रंथों िैसे पररितणन एिं छेड-छाड कर बबगाडे िाने से पहले की त़ौरात एिं इंिील, की प़ुस्ष्ट करने िाली ककताब है। अल्लाह तआला ने फ़रमाया है :{तथा िो हमने प्रकािना की है आपकी ओर ये प़ुस्तक, िही सिणथा सच है, और सच बताती है अपने पूिण की प़ुस्तकों को। िास्ति में, अल्लाह अपने र्भक्तों से सूधचत है, र्भली-र्भाूँतत देखने िाला है।}[सूरा फ़ाततर : 31]
  • 5. 5 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय 4- समस्त नबियों का धमम एक, लेककन शरीयतें (धमम-विधान) लिन्न थीं। समस्त नबबयों का धमण एक, लेककन िरीयतें (धमण-विधान) शर्भन्न थीं। अल्लाह तआला ने फ़रमाया है :{और (ऐ नबी!) हमने आपकी ओर सत्य पर आधाररत प़ुस्तक (क ़ु रआन) उतार दी, िो अपने पूिण की प़ुस्तकों को सच बताने िाली तथा संरिक है। अतः आप लोगों क े बीच तनर्णय उसी से करें, िो अल्लाह ने उतारा है, तथा उनकी मनमानी पर उस सत्य से विम़ुख होकर ना चलें, िो आपक े पास आया है। हमने त़ुममें से प्रत्येक क े शलए एक धमण विधान तथा एक कायण प्रर्ाली बना हदया था। और यहद अल्लाह चाहता, तो त़ुम्हें एक ही सम़ुदाय बना देता, परन्त़ु उसने िो क ़ु छ हदया है, उसमें त़ुम्हारी परीिा लेना चाहता है। अतः, र्भलाइयों में एक-दूसरे से आगे बढ़ िाने का प्रयास करो, अल्लाह ही की ओर त़ुम सबको ल़ौटकर िाना है। कफर िह त़ुम्हें बता देगा, स्िन बातों में त़ुम मतर्भेद करते रहे थे।}[सूरा अल-माइदा : 48]और अल्लाह क े रसूल -सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम- का कथन है :"मैं ही द़ुतनया एिं आणख़रत दोनों िहानों में ईसा बबन मरयम -अलैहहमस्सलाम- का ज़्यादा हकदार हूूँ, क्योंकक सारे नबी- गर् वपतािाई र्भाई हैं। उनकी माताएूँ तो अलग-अलग हैं, पर धमण सबका एक है।"इसे ब़ुख़ारी (3443) ने ररिायत ककया है। 5- तमाम नबियों और रसूलों, िैसे नूह, इिराहीम, मूसा, स़ुलैमान, दाऊद और ईसा -अलैहहम़ुस सलाम- आहद ने ज्िस िात की ओर ि़ुलाया, उसी की ओर इस्लाम िी ि़ुलाता है, और िह है इस िात पर ईमान कक सिका पालनहार, रचनयता, रोजी-दाता, ज्िलाने िाला, मारने िाला और पूरे ब्राहमांड का स्िामी क े िल अल्लाह है। िही है िो सारे मामलात का व्यस्थापक है, और िह िेहद दयािान और कृ पाल़ु है। तमाम नबबयों और रसूलों, िैसे नूह, इबराहीम, मूसा, स़ुलैमान, दाऊद और ईसा - अलैहहम़ुस सलाम- आहद ने स्िस बात की ओर ब़ुलाया, उसी की ओर इस्लाम र्भी ब़ुलाता है और िह है इस बात पर ईमान कक सबका पालनहार, रचतयता, रोजी-दाता, स्िलाने िाला, मारने िाला और पूरे ब्राह्मांड का स्िामी क े िल अल्लाह है। िही है िो सारे मामलात का व्यस्थापक है और िह बेहद दयािान और कृ पाल़ु है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{ऐ मऩुष्यो! याद करो अपने ऊपर अल्लाह क े परोपकार को, क्या कोई अल्लाह क े शसिा रचतयता है, िो त़ुम्हें िीविका प्रदान करता हो आकाि तथा धरती से? नहीं है कोई िंदनीय, परन्त़ु िही। कफर त़ुम कहाूँ कफरे िा रहे हो?}[सूरा फ़ाततर : 3]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(ऐ नबी!) उनसे पूछें कक त़ुम्हें क़ौन आकाि
  • 6. 6 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय तथा धरती से िीविका प्रदान करता है? स़ुनने तथा देखने की िस्क्तयाूँ ककसक े अधधकार में हैं? क़ौन तनिीि से िीि को तथा िीि से तनिीि को तनकालता है? िह क़ौन है, िो विश्ि की व्यिस्था कर रहा है? िे कह देंगे कक अल्लाह! कफर कहो कक क्या त़ुम (सत्य क े विरोध से) डरते नहीं हो?}[सूरा यूऩुस : 31]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{या िो है, िो आरंर्भ करता है उत्पस्त्त का, कफर उसे दोहराएगा, तथा क़ौन त़ुम्हें िीविका देता है आकाि तथा धरती से? क्या कोई पूज्य है अल्लाह क े साथ? आप कह दें कक अपना प्रमार् लाओ, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अन-नम्ल : 64]सारे नबी और रसूल-गर् -अलैहहम़ुस्सलाम- द़ुतनया िालों को क े िल एक अल्लाह की इबादत की ओर ब़ुलाने क े शलए र्भेिे गए। अल्लाह तआला कहता है :{और हमने प्रत्येक सम़ुदाय में एक रसूल र्भेिा कक अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, और ताग़ूत (हर िह िस्त़ु स्िसकी अल्लाह क े अलािा पूिा की िाए) से बचो। तो उनमें से क ़ु छ को, अल्लाह ने सच्चा रास्ता हदखा हदया और क ़ु छ से ग़ुमराही धचमट गई। तो धरती में चलो-कफरो, कफर देखो कक झ़ुठलाने िालों का पररर्ाम क ै सा रहा?}[सूरा अन-नह्लन : 36]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{आपसे पहले िो र्भी सन्देििाहक हमने र्भेिा, उसपर यही िह्य की कक मेरे अततररक्त कोई िास्तविक पूज्य नहीं है। इसशलए, त़ुम मेरी ही उपासना करो।}[सूरा अल-अंबबया : 25]अल्लाह तआला ने नूह -अलैहहस्सलाम- की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा :{ऐ मेरी क़ौम क े लोगो! (क े िल) अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, उसक े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं। मैं त़ुम्हारे बारे में एक बडे हदन की यातना से डरता हूूँ।}[सूरा अल-आराफ़ : 59]अल्लाह क े ख़लील (परम शमत्र) इबराहीम -अलैहहस्सलाम- ने, िैसा कक अल्लाह तआला ने ख़बर दी है, अपनी क़ौम से कहा :{तथा इबराहीम को, िब उसने अपनी क़ौम से कहा : इबादत (िंदना) करो अल्लाह की तथा उससे डरो। यही त़ुम्हारे शलए उत्तम है, यहद त़ुम िानो।}[सूरा अल-अनकबूत :16]उसी तरह सालेह -अलैहहस्सलाम- ने र्भी, िैसा कक अल्लाह तआला ने सूचना दी है, कहा था :{उसने कहा : ऐ मेरी क़ौम! अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, उसक े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं। त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे पालनहार की ओर से ख़ुला प्रमार् (चमत्कार) आ गया है। यह अल्लाह की ऊ ूँ टनी त़ुम्हारे शलए एक चमत्कार है। अतः इसे अल्लाह की धरती में चरने क े शलए आजाद छोड दो, और इसे ब़ुरे विचार से हाथ ना लगाना, अन्यथा त़ुम्हें द़ुःखदायी यातना घेर लेगी।}[सूरा अल-आराफ़ : 73]उसी तरह ि़ुऐब -अलैहहस्सलाम- ने र्भी, िैसा कक अल्लाह तआला ने सूचना दी है, कहा था :{ऐ मेरी क़ौम क े लोगो! अल्लाह की इबादत (िंदना) करो, उसक े शसिा त़ुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। त़ुम्हारे पास त़ुम्हारे पालनहार का ख़ुला तक ण (प्रमार्) आ गया है। अतः नाप-तोल पूरा-पूरा करो और लोगों की चीजों में कमी ना करो, तथा धरती में उसक े स़ुधार क े पश्चात उपद्रि न करो। यही त़ुम्हारे शलए उत्त्म है, यहद त़ुम ईमान िाले हो।}[सूरा अल-आराफ़ : 85]तथा पहली बात, िो अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- से कही, यह थी :{और मैंने त़ुझे च़ुन शलया
  • 7. 7 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय है। अतः िो िह़्य की िा रही है उसे ध्यान से स़ुन।तनस्संदेह मैं ही अल्लाह हूूँ, मेरे शसिा कोई पूज्य नहीं, तो मेरी ही इबादत (िंदना) कर, तथा मेरे स्मरर् (याद) क े शलए नमाज स्थावपत कर।}[सूरा ताहा :13-14] अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- क े बारे में सूचना देते ह़ुए कहा कक उन्होंने अल्लाह की िरर् इन िब्दों में माूँगी :{मैंने िरर् ली है अपने पालनहार तथा त़ुम्हारे पालनहार की प्रत्येक अहंकारी से, िो ईमान नहीं रखता हह़साब क े हदन पर।}[सूरा ग़ाकफ़र : 27] अल्लाह तआला ने ईसा मसीह - अलैहहस्सलाम- की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा था:{िास्ति में, अल्लाह ही मेरा और त़ुम सबका पालनहार है। अतः उसी की इबादत (िंदना) करो। यही सीधी डगर है।}[सूरह आल-ए-इमरान : 51] अल्लाह तआला ने ईसा मसीह - अलैहहस्सलाम- ही की बात करते ह़ुए फ़रमाया कक उन्होंने अपनी क़ौम से कहा था:{ऐ इसराईल की संतानो! उसी अल्लाह की इबादत ि बंदगी करो िो मेरा र्भी रब है और त़ुम्हारा र्भी। तन:संदेह िो अल्लाह क े साथ शिक ण करता है, अल्लाह ने उसपर स्िगण (िन्नत) को हराम कर हदया है, उसका हठकाना िहन्नम है, और याद रखो कक अत्याचाररयों का कोई सहायक नहीं है।}[सूरा अल-माइदा : 72]बस्ल्क परम सत्य तो यह है कक त़ौरात और इंिील दोनों में, क े िल एक अल्लाह की बंदगी करने की ताकीद की गई है। त़ौरात की विधधवििरर् ककताब में मूसा -अलैहहस्सलाम- का कथन इस प्रकार आया है :“ऐ इसराईल, ध्यान से स़ुनो! हमारा पूज्य पालनहार, बस एक है।”इंिील-ए- म़ुरक़्ककस में र्भी आया है कक ईसा मसीह -अलैहहस्सलाम- ने ऐक े श्िरिाद पर जोर एिं बल देते ह़ुए कहा :(पहली िसीयत यह है कक ऐ इसराईल, ध्यानपूिणक स़ुनो! हमारा पूज्य बस एक ही पालनहार है।)अल्लाह तआला ने यह बात बबल्क ़ु ल स्पष्ट कर दी है कक सारे पैग़म्बरों को िो अहम शमिन देकर र्भेिा गया था, िह ऐक े श्िरिाद का आह्िान ही था, िैसा कक उसने फ़रमाया :{और हमने प्रत्येक सम़ुदाय में एक रसूल र्भेिा कक अल्लाह की इबादत (िंदना) करो और ताग़ूत (अल्लाह क े अलािा पूिी िाने िाली हर िस्त़ु) से बचो, तो उनमें से क ़ु छ को अल्लाह ने हहदायत का रास्ता हदखा हदया और क ़ु छ लोगों से ग़ुमराही धचपक गई।}[सूरा अन-नह्ल : 36]एक और स्थान में उसका फ़रमान है :{आप कहें कक र्भला देखो तो कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क े शसिा, ततनक म़ुझे र्भी हदखा दो कक उन्होंने क्या उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा उनका कोई साझी है आकािों में? मेरे पास कोई प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की, अथिा बचा ह़ुआ क ़ु छ ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अल-अहकाफ़ : 4]िैख़ सादी - अल्लाह उनपर दया करे- कहते हैं :"मालूम ह़ुआ कक बह़ुदेििाहदयों क े पास, अपने शिक ण पर कोई तक ण और दलील नहीं थी। उन्होंने झूठी धारर्ाओं, कमजोर रायों और अपने बबगडे ह़ुए हदमागों को आधार बना शलया था। आपको उनक े हदमागों क े बबगाड का पता, उनकी अिस्था का अध्ययन करने, उनक े ज्ञान और कमण की खोि लगाने और उन लोगों की हालत पर नजर करने से ही चल िाएगा, स्िन्होंने अपनी पूरी आय़ु अल्लाह को छोडकर झूठे र्भगिानों की पूिा-अचणना में ग़ुजार दी कक क्या उन झूठे
  • 8. 8 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय र्भगिानों ने उनको द़ुतनया या आणख़रत में जरा र्भी लार्भ पह़ुूँचाया?"तैसीरुल करीशमर रहमान, पृष्ठ संख्या : 779 6- अल्लाह तआला ही एक मात्र रचनयता है, और िस िही पूिे िाने का ह़कदार है। उसक े साथ ककसी और की पूिा-िंदना करना पूणमतया अऩुचचत है। बस अल्लाह ही इस बात का ह़कदार है कक उसकी बंदगी की िाए और उसक े साथ ककसी को र्भी बंदगी में िरीक और िाशमल न ककया िाए। अल्लाह तआला कहता है :{ऐ लोगो! अपने उस रब (प्रर्भ़ु) की उपासना करो, स्िसने त़ुम्हें और त़ुमसे पूिण क े लोगों को पैदा ककया, ताकक त़ुम अल्लाह से डरने िाले (म़ुत्तकी) बन िाओ।स्िसने धरती को त़ुम्हारे शलए बबछािन तथा गगन को छत बनाया और आकाि से िल बरसाया, कफर उससे त़ुम्हारे शलए नाना प्रकार क े खाद्य पदाथण उपिाए। अतः, िानते ह़ुए र्भी उसक े साझी न बनाओ।}[सूरा अल-बकरा : 21-22] तो शसद्ध ह़ुआ कक स्िसने हमें और हमसे पहले की पीहढ़यों को र्भी पैदा ककया, धरती को हमारे शलए बबछािन बनाया और आकाि से िल बरसाकर, हमारे शलए नाना प्रकार की िीविकाएूँ एिं खाद्दान्न पैदा ककए, िही और बस िही हमारी बंदगी और उपासना का ह़कदार र्भी ठहरता है!! अल्लाह तआला कहता है :{ऐ मऩुष्यो! याद करो अपने ऊपर अल्लाह क े परोपकार को, क्या कोई अल्लाह कक शसिा रचतयता है, िो त़ुम्हें िीविका प्रदान करता हो आकाि तथा धरती से? नहीं है कोई िंदनीय, परन्त़ु िही। कफर त़ुम कहाूँ कफरे िा रहे हो?}[सूरा फ़ाततर : 3] तो िो पैदा करता और िीविका प्रदान करता है, बस िही इबादत और बंदगी का ह़कदार र्भी ठहरता है। अल्लाह तआला कहता है :{िही अल्लाह त़ुम्हारा पालनहार है, उसक े अततररक्त कोई सच्चा पूज्य नहीं। िह प्रत्येक िस्त़ु का उत्पस्त्तकार है। अतः, उसी की इबादत करो तथा िही प्रत्येक चीज का अशर्भरिक है।}[सूरा अल-अनआम :102] इसक े विपरीत िो क ़ु छ र्भी अल्लाह क े अलािा पूिा िाता है, सच्चाई यह है कक इबादत और बंदगी का जरा र्भी ह़कदार नहीं है, क्योंकक िह आसमानों और धरती क े एक कर्-मात्र का र्भी माशलक नहीं है, और ना ही ककसी िस्त़ु में अल्लाह का साझी, मददगार या सहायक है। तो र्भला उसे क्यों और ककस तरह अल्लाह क े साथ प़ुकारा िाए या अल्लाह का िरीक करार हदया िाए? अल्लाह तआला कहता है :{आप कह दें : उन्हें प़ुकारो स्िन्हें त़ुम (पूज्य) समझते हो अल्लाह क े शसिा। िह नहीं अधधकार रखते कर् बराबर र्भी, न आकािों में, न धरती में तथा नहीं है उनका उन दोनों में कोई र्भाग और नहीं है उस अल्लाह का उनमें से कोई सहायक।}[सूरा सबा : 22] बस अल्लाह तआला ही है स्िसने इन तमाम सृस्ष्टयों को रचा और अस्स्तत्िहीनता से अस्स्तत्ि प्रदान ककया है और यही एक बह़ुत बडी दलील है उसक े अस्स्तत्ि की, उसक े पालनहार होने और पूज्य होने की। अल्लाह तआला कहता
  • 9. 9 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय है :{और उसकी (िस्क्त) क े लिर्ों में से एक यह र्भी है कक त़ुम्हें उत्पन्न ककया शमट्टी से, कफर अब त़ुम मऩुष्य हो (कक धरती में) फ ै लते िा रहे हो।तथा उसकी तनिातनयों में से यह (र्भी) है कक उत्पन्न ककए त़ुम्हारे शलए, त़ुम्हीं में से िोडे, ताकक त़ुम िास्न्त प्राप्त करो उनक े पास, तथा उत्पन्न कर हदया त़ुम्हारे बीच प्रेम तथा दया। िास्ति में, इसमें कई तनिानतनयाूँ हैं उन लोगों क े शलए, िो सोच-विचार करते हैं।और उस की तनिातनयों में से आसमानों और जमीन को पैदा करना र्भी है, और त़ुम्हारी र्भाषाओं और रंगों का अलग-अलग होना र्भी है। तन:संदेह इसमें िानने िालों क े शलए तनिातनयाूँ म़ौिूद हैं।तथा उसकी तनिातनयों में से है, त़ुम्हारा सोना राबत्र में तथा हदन में और त़ुम्हारा खोि करना उसकी अऩुग्रह (िीविका) का। िास्ति में, इसमें कई तनिातनयाूँ हैं, उन लोगों क े शलए, िो स़ुनते हैं।और उसकी तनिातनयों में से (ये र्भी) है कक िह हदखाता है त़ुम्हें बबिली को, र्भय तथा आिा बनाकर और उतारता है आकाि से िल, कफर िीवित करता है उसक े द्िारा धरती को, उसक े मरर् क े पश्चात्। िस्त़ुतः इसमें कई तनिातनयाूँ हैं उन लोगों क े शलए, िो सोचते-समझते हैं।और उसकी तनिातनयों में से यह र्भी एक है कक स्थावपत हैं आकाि तथा धरती उसक े आदेि से। कफर िब त़ुम्हें प़ुकारेगा एक बार धरती से, तो सहसा त़ुम तनकल पडोगे।और उसी का है, िो आकािों तथा धरती में है। सब उसी क े अधीन हैं।और िही अल्लाह है िो पहली बार पैदा करता है, कफर उसे िह दोबारा (पैदा) करेगा, और यह उसपर अधधक आसान है।}[सूरा अर-रूम : 20 - 27] िब नमरूद ने अल्लाह क े अस्स्तत्ि का इनकार ककया तो इबराहीम - अलैहहस्सलाम- ने, िैसा कक अल्लाह तआला ने क ़ु रआन में खबर दी है, उससे कहा :{इबराहीम ने कहा कक अल्लाह, सूरि को पूरब से उगाता है। अब त़ुम जरा उसे पस्श्चम से उगाकर हदखा दो। काकफ़र यह स़ुनकर सन्न रह गया। सच है कक अल्लाह तआला जाशलम लोगों को हहदायत नहीं देता है।}[सूरा अल-बकरा : 258] इस प्रकार से र्भी इबराहीम -अलैहहस्सलाम- ने अपनी क़ौम पर तक ण शसद्ध ककया कक अल्लाह ही है स्िसने म़ुझे हहदायत दी है, िही णखलाता-वपलाता है और िब बीमार होता हूूँ तो िही शिफ़ा देता है। िही मारता है और स्िलाता र्भी िही है। उन्होंने, िैसा कक अल्लाह तआला ने सूचना दी है, कहा :{स्िसने म़ुझे पैदा ककया, कफर िही म़ुझे मागण र्भी दिाण रहा है।और िो म़ुझे णखलाता और वपलाता है।और िब रोगी होता हूूँ, तो िही म़ुझे स्िस्थ करता है।तथा िही म़ुझे मारेगा, कफर म़ुझे िीवित करेगा।}[सूरा अि-ि़ुअरा : 78 -81] अल्लाह तआला ने मूसा -अलैहहस्सलाम- क े बारे में सूचना देते ह़ुए कहा है कक उन्होंने कफ़रऔन से तक ण -वितक ण करते ह़ुए कहा कक उनका रब िही है :{स्िसने हर एक को उसका वििेष रूप हदया, कफर मागणदिणन ककया।}[सूरा ताहा : 50 ]आसमानों और जमीन में िो क ़ु छ है, सबको अल्लाह तआला ने इंसान क े िि में कर हदया है, और उसे अपनी अनधगनत नेमतें प्रदान की हैं, ताकक िह अल्लाह की बंदगी करे और उसक े साथ क ़ु फ़्र ना करे। अल्लाह का फ़रमान है :{क्या त़ुमने नहीं देखा कक अल्लाह ने िि में कर हदया है त़ुम्हारे शलए, िो क ़ु छ आकािों तथा धरती में है, तथा पूर्ण कर हदया है
  • 10. 10 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय त़ुमपर अपना प़ुरस्कार ख़ुला तथा तछपा? और क ़ु छ लोग वििाद करते हैं अल्लाह क े विषय में बबना ककसी ज्ञान, बबना ककसी मागणदिणन और बबना ककसी हदव्य (ऱौिन) प़ुस्तक क े ।}[सूरा ल़ुकमान : 20]अल्लाह तआला ने आकािों और धरती की तमाम चीजों को इंसान क े िि में तो ककया ही है, साथ ही साथ उसे उसकी जरूरत की हर िस्त़ु िैसे कान, आूँख और हदल र्भी प्रदान ककया है, ताकक िह ऐसा ज्ञान प्राप्त कर सक े िो लार्भकारी हो, और उसे अपने स्िामी और रचतयता की पहचान करा सक े । अल्लाह तआला कहता है :{और अल्लाह ही ने त़ुम्हें त़ुम्हारी माताओं क े गर्भों से तनकाला, इस दिा में कक त़ुम क ़ु छ नहीं िानते थे, और त़ुम्हारे कान और आूँख तथा हदल बनाए, ताकक त़ुम (उसका) उपकार मानो।}[सूरा अन-नह्ल : 78] ज्ञात ह़ुआ कक अल्लाह ने तमाम िहानों और मानि को पैदा ककया और मानि को िह सर्भी अंग तथा इंहद्रयाूँ प्रदान कीं स्िनकी उसे आिश्यकता थी। उसपर यह उपकार र्भी ककया कक उसे िह सर्भी िस्त़ुएूँ र्भी उपलब्ध कराईं, स्िनकी सहायता से िह अल्लाह की बंदगी और धरती को आबाद कर सक े । कफर आकािों और धरती पर िो क ़ु छ र्भी है, सबको उसक े िि में कर हदया। कफर अल्लाह तआला ने अपनी तमाम महान सृस्ष्टयों की रचना को अपने पूज्य होने को िाशमल अपनी पालनहार होने पर तक ण बनाते ह़ुए कहा :{(ऐ नबी!) उनसे पूछें कक त़ुम्हें क़ौन आकाि तथा धरती से िीविका प्रदान करता है? स़ुनने तथा देखने की िस्क्तयाूँ ककसक े अधधकार में हैं? क़ौन तनिीि से िीि को तथा िीि से तनिीि को तनकालता है? िह क़ौन है, िो विश्ि की व्यिस्था कर रहा है? िे कह देंगे कक अल्लाह! कफर कहो कक क्या त़ुम (सत्य का विरोध करने से) डरते नहीं हो?}[सूरा यूऩुस : 31]अल्लाह तआला ने एक और स्थान पर कहा है:{आप कहें कक र्भला देखो तो सही कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क े शसिा, ततनक म़ुझे हदखा दो कक उन्होंने क्या उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा उनका कोई साझा है आकािों में? मेरे पास कोई प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की अथिा बचा ह़ुआ क ़ु छ ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अल-अहकाफ़ : 4]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(अल्लाह ने) िैसा कक त़ुम देख रहे हो, समस्त आसमानों को बबना स्तंर्भों क े पैदा ककया, और धरती क े अंदर कीलें (पहाड) गाड दीं ताकक िह त़ुम्हें लेकर ढलक न िाए, और उसमें नाना प्रकार क े च़ौपाए पैदा करक े फ ै ला हदए, कफर आसमान से बाररि बरसाकर हर चीज का बहढ़या िोडा बनाया। यह है अल्लाह की रचना का उदाहरर्, अब त़ुम म़ुझे ततनक हदखाओ कक अल्लाह क े अततररक्त स्िन चीजों की त़ुम पूिा करते हो, उन्होंने क्या क ़ु छ पैदा ककया है? बस्ल्क सत्य तो यह है कक अत्याचारी, ख़ुली ग़ुमराही में पडे हैं।}[सूरा ल़ुकमान :10- 11] अल्लाह तआला ने एक और स्थान पर कहा है:{क्या यह लोग बबना ककसी पैदा करने िाले क े स्ियं पैदा हो गये हैं या यह स्ियं उत्पस्त्तकताण (पैदा करने िाले) हैं?या उन्होंने ही पैदा ककया है आकािों तथा धरती को? िास्ति में, िे विश्िास ही नहीं रखते
  • 11. 11 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय हैं।या कफर उनक े पास आपक े पालनहार क े ख़जाने हैं या िही (उसक े ) अधधकारी हैं?}[सूरा अत- तूर : 35-37]िैख़ सादी कहते हैं :"यह उनक े विरुद्ध ऐसे मामले पर ऐसी तक ण य़ुस्क्त है कक उनक े शलए सत्य क े सामने नतमस्तक हो िाने या वििेक और धमण की पराकाष्ठा से बाहर चले िाने क े अततररक्त कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता।"तफ़सीर इब्ने सादी, पृष्ठ संख्या : 816 7- द़ुननया की हर िस्त़ु, चाहे हम उसे देख सक ें या नहीं देख सक ें , का रचनयता िस अल्लाह है। उसक े अनतररक्त िो क ़ु छ िी है, उसी की सृज्टि है। अल्लाह तआला ने आसमानों और धरती को छह हदनों में पैदा ककया है। द़ुतनया की हर िस्त़ु, चाहे हम उसे देख सक ें या नहीं देख सक ें , का रचतयता बस अल्लाह है। उसक े अततररक्त िो क ़ु छ र्भी है, उसी की सृस्ष्ट है। अल्लाह तआला ने फ़रमाया है :{उनसे पूछो : आकािों तथा धरती का पालनहार क़ौन है? कह दो : अल्लाह है। कहो कक क्या त़ुमने अल्लाह क े शसिा उन्हें सहायक बना शलया है, िो अपने शलए ककसी लार्भ का अधधकार नहीं रखते हैं, और न ककसी हातन का? उनसे कहो : क्या अंधा और देखने िाला बराबर होता है या अंधकार और प्रकाि बराबर होते हैं? अथिा उन्होंने अल्लाह क े अनेक ऐसे साझी बना शलए हैं, स्िन्होंने अल्लाह क े उत्पस्त्त करने क े समान उत्पस्त्त की है, अतः उत्पस्त्त का विषय उनपर उलझ गया है? आप कह दें कक अल्लाह ही प्रत्येक चीज की उत्पस्त्त करने िाला है और िही अक े ला प्रर्भ़ुत्ििाली है।} [सूरा अर-रअ्द :16] एक और स्थान में अल्लाह तआला फ़रमाता है :{और िह ऐसी चीजें र्भी पैदा करता है, स्िनको त़ुम लोग िानते र्भी नहीं हो।}[सूरा अन-नह्ल :8]अल्लाह तआला ने आकािों और धरती को छह हदनों में पैदा ककया है, िैसा कक उसी ने कहा है :{उसी ने उत्पन्न ककया है आकािों तथा धरती को छह हदनों में, कफर स्स्थत हो गया अिण (शसंहासन) पर। िह िानता है उसे, िो प्रिेि करता है धरती में, िो तनकलता है उससे, िो उतरता है आकाि से तथा चढ़ता है उसमें और िह त़ुम्हारे साथ है िहाूँ र्भी त़ुम रहो और अल्लाह िो क ़ु छ त़ुम कर रहे हो, उसे देख रहा है।}[सूरा अल-हदीद : 4]एक अन्य स्थान में अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा तनश्चय ही हमने पैदा ककया है आकािों तथा धरती को और िो क ़ु छ दोनों क े बीच है छह हदनों में और हमें कोई थकान नहीं ह़ुई।}[सूरा काफ़ : 38] 8- स्िालमत्ि, सृिन, व्यिस्थापन और इिादत में अल्लाह तआला का कोई साझी एिं शरीक नहीं है। अल्लाह तआला ही पूरे ब्राह्मांड का अक े ला स्िामी है। रचना, आधधपत्य और और व्यिस्था करने में उसका कोई िरीक और साझी नहीं है। अल्लाह का फ़रमान है
  • 12. 12 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय :{आप कहें कक र्भला देखो तो कक स्िसे त़ुम प़ुकारते हो अल्लाह क े शसिा, ततनक म़ुझे र्भी हदखा दो कक उन्होंने क्या उत्पन्न ककया है धरती में से? अथिा उनका कोई साझी है आकािों में? मेरे पास कोई प़ुस्तक ले आओ इससे पहले की, अथिा बचा ह़ुआ क ़ु छ ज्ञान, यहद त़ुम सच्चे हो।}[सूरा अल-अहकाफ़ : 4]िैख़ सादी -अल्लाह उनपर दया करे- कहते हैं :"अथाणत, आप उन लोगों से कह दीस्िए स्िन्होंने अल्लाह क े साथ ढेर सारे ब़ुत और समत़ुल्य बना शलए हैं कक िे लार्भ पह़ुूँचा सकते हैं न हातन, न म़ौत दे सकते हैं और न िीिन और ना ही ककसी मृतक को स्जंदा करने में सिम हैं। आप उनक े ब़ुतों की लाचारी को उनक े सामने बबल्क ़ु ल स्पष्ट कर दीस्िए और बता दीस्िए कक िे इस बात क े कर् बराबर र्भी ह़कदार नहीं हैं कक उनकी इबादत की िाए। उनसे कहहए कक यहद उन्होंने धरती की ककसी चीज को पैदा ककया है या आकािों क े सृिन में उनकी कोई साझेदारी है तो जरा म़ुझे र्भी हदखा दो। उनसे पूतछए कक क्या उन्होंने ककसी खगोलीय वपंड का सृिन ककया है, पहाडों को पैदा ककया है, नहरें िारी की हैं, ककसी मृत पि़ु को स्जंदा ककया है तथा पेड उगाए हैं? क्या उन्होंने इनमें से ककसी चीज क े सृिन में हाथ बटाया है? दूसरों को तो रहने दीस्िए, स्ियं यह लोग इनमें से ककसी र्भी प्रश्न का हाूँ में उत्तर नहीं दे सक ें गे और यही इस बात की कतई ताकक ण क दलील है कक अल्लाह क े शसिा ककसी र्भी सृस्ष्ट की बंदगी बहरहाल असत्य और बाततल है।कफर पूिणिों से होकर आने िाली दलील का खंडन करते ह़ुए कहा गया कक इससे पहले की कोई ऐसी ककताब ही ढूूँढ़कर ले आओ, िो शिक ण की तरफ़ ब़ुलाती हो या रसूलों -अलैहहम़ुस्सलाम- से नकल होकर चले आ रहे बचे- ख़ुचे ज्ञान का कोई ट़ुकडा ही हदखा दो, िो शिक ण करने का ह़ुक्म देता हो। सिणविहदत है कक उनक े अंदर ककसी रसूल क े हिाले से ऐसी कोई दलील लाने की िमता नहीं है, िो शिक ण की प़ुस्ष्ट करे, बस्ल्क हम पूरे यकीन से और डंक े की चोट पर कह रहे हैं कक समस्त रसूलों ने ऐक े श्िरिाद की दाित दी और शिक ण करने से रोका और यही िह सबसे बडा और सबसे महत्िपूर्ण ज्ञान है, िो उनसे नकल ककया गया है।"तफ़सीर इब्ने सादी : 779 पवित्र एिं महान अल्लाह ही पूरे ब्राह्मांड का स्िामी है और इस स्िाशमत्ि एिं प्रर्भ़ुत्ि में उसका कोई िरीक नहीं। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(ऐ नबी!) कहो : ऐ अल्लाह, ऐ पूरे ब्राह्मांड क े स्िामी! तू स्िसे चाहे, राज्य दे और स्िससे चाहे, राज्य छीन ले, तथा स्िसे चाहे, सम्मान दे और स्िसे चाहे, अपमान दे। तेरे ही हाथ में र्भलाई है। तनस्संदेह तू िो चाहे, कर सकता है।}[सूरा आल-इमरान : 26] अल्लाह तआला ने इस बात को पूर्णतया स्पष्ट करते ह़ुए कक कयामत क े हदन सम्पूर्ण स्िाशमति एिं प्रर्भ़ुत्ि उसी क े पास होगा, फ़रमाया :{स्िस हदन सब लोग (िीवित होकर) तनकल पडेंगे। नहीं छ ़ु पी होगी अल्लाह पर उनकी कोई चीज। (ऐसे में िह पूछेगा) ककसका राज्य है आि? अक े ले प्रर्भ़ुत्ििाली अल्लाह का।} [सूरा ग़ाकफ़र :16] स्िाशमत्ि, सृिन, व्यिस्था और इबादत में अल्लाह तआला का कोई साझी एिं िरीक
  • 13. 13 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय नहीं है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{तथा कह दो कक सब प्रिंसा उस अल्लाह क े शलए है, स्िसक े कोई संतान नहीं और ना राज्य में उसका कोई साझी है और ना अपमान से बचाने क े शलए उसका कोई समथणक है और आप उसकी महहमा का खूब िर्णन करें।}[सूरा अल-इसरा :111]तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{स्िसक े शलए आकािों तथा धरती का राज्य है तथा उसने अपने शलए कोई संतान नहीं बनाई और ना उसका कोई साझी है राज्य में, तथा उसने प्रत्येक िस्त़ु की उत्पस्त्त की, कफर उसे एक तनधाणररत रूप हदया।}[सूरा अल-फ़ ़ु रकान : 2] तो िही स्िामी है और उसक े शसिा िो र्भी है, उसका ग़ुलाम है। िही रचतयता है और उसक े शसिा िो र्भी है, उसकी रचना है। िही है िो विश्ि की सारी व्यिस्था करता है। और स्िसकी यह िान हो तो जाहहर है कक उसी की बंदगी िास्िब होगी और उसक े शसिा ककसी और की बंदगी तनश्चय ही वििेकहीनता, शिक ण और द़ुतनया एिं आणख़रत दोनों को बबगाड देने िाली िस्त़ु ि़ुमार होगी। अल्लाह तआला कहता है :{और िे कहते हैं कक यहूदी हो िाओ अथिा ईसाई हो िाओ, त़ुम्हें मागणदिणन शमल िाएगा। आप कह दें कक नहीं! हम तो एक े श्िरिादी इबराहीम क े धमण पर हैं और िह बह़ुदेििाहदयों में से नहीं था।}[सूरा अल-बकरा :135] एक अन्य स्थान में िह कहता है :{तथा उस व्यस्क्त से अच्छा ककसका धमण हो सकता है, स्िसने स्ियं को अल्लाह क े शलए झ़ुका हदया, िह एक े श्िरिादी र्भी हो और एक े श्िरिादी इबराहीम क े धमण का अऩुसरर् र्भी कर रहा हो? और अल्लाह ने इबराहीम को अपना विि़ुद्ध शमत्र बना शलया है।} [सूरा अन-तनसा :125] अल्लाह तआला ने स्पष्ट कर हदया है कक स्िसने र्भी उसक े दोस्त इबराहीम -अलैहहस्सलाम- क े धमण क े अलािा ककसी और धमण का अऩुसरर् ककया, उसने अपने आपको मूखण बनाया, िैसा कक उसने कहा है :{तथा क़ौन होगा, िो इबराहीम क े धमण से विम़ुख हो िाए, परन्त़ु िही िो स्ियं को मूखण बना ले? िबकक हमने उसे संसार में च़ुन शलया तथा आणख़रत में उसकी गर्ना सदाचाररयों में होगी।}[सूरा अल-बकरा :130] 9- अल्लाह तआला ने ना ककसी को िना और ना ही िह स्ियं ककसी क े द्िारा िना गया, ना उसका समत़ुल्य कोई है और ना ही कोई समकि। अल्लाह तआला ने ना ककसी को िना और ना ही िह स्ियं ककसी क े द्िारा िना गया, ना उसका समत़ुल्य कोई है और ना ही कोई समकि, िैसा कक उसी ने फ़रमाया है :{आप कह दीस्िए कक िह अल्लाह एक है।अल्लाह तनरपेि (और सिाणधार) है।ना उसने (ककसी को) िना, और ना (ककसी ने) उसको िना।और ना उसक े बराबर कोई है।} [सूरा अल-इख़लास :1-4] तथा अल्लाह तआला का फ़रमान है :{आकािों तथा धरती का पालनहार तथा िो उन दोनों क े बीच है, सबका पालनहार िही अल्लाह है। अतः उसी
  • 14. 14 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय की इबादत (िंदना) करें तथा उसकी इबादत पर अडडग रहें। क्या आप उसका समकि ककसी को िानते हैं?}[सूरा मरयम : 65] अल्लाह तआला दूसरी िगह फ़रमाता है:{िह आकािों तथा धरती का रचतयता है। उसने बनाए हैं त़ुम्हारी िातत में से त़ुम्हारे िोडे तथा पि़ुओं क े िोडे। िह फ ै ला रहा है त़ुम्हें उसमें। उसक े िैसा कोई र्भी नहीं है, और िह सब क ़ु छ स़ुनने-िानने िाला है।}[सूरा अि-िूरा : 11] 10- अल्लाह तआला ककसी चीज में प्रविटि नहीं होता, और ना ही अपनी सृज्टि में से ककसी चीज में रूपांबत्रत होता है। अल्लाह तआला ककसी चीज में प्रविष्ट नहीं होता, ना ही अपनी सृस्ष्ट में से ककसी चीज में रूपांबत्रत होता है, और ना ही ककसी िस्त़ु में शमधित होता है, क्योंकक अल्लाह ही रचतयता है और उसक े शसिा िो र्भी है, उसकी सृस्ष्ट है, िही अनश्िर है और उसक े शसिा सब क ़ु छ नश्िर है, हर चीज उसक े स्िाशमत्ि में है और हर चीज का स्िामी बस िही है। इसशलए, अल्लाह ना ककसी चीज में समाता है और ना ही कोई चीज उसमें समा सकती है। अल्लाह हर चीज से बडा है और हर चीज से अधधक वििालकाय है। स्िन ब़ुवद्धहीनों की धारर्ा यह है कक अल्लाह तआला, ईसा मसीह क े अंदर समाया ह़ुआ था, उनको नकारते ह़ुए स्ियं अल्लाह ने फ़रमाया है :{तनश्चय ही िे काकफ़र हो गए, स्िन्होंने कहा कक मरयम का प़ुत्र मसीह ही अल्लाह है। (ऐ नबी!) उनसे कह दो कक यहद अल्लाह मरयम क े प़ुत्र और उसकी माता तथा िो र्भी धरती में है, सबका विनाि कर देना चाहे, तो ककसमें िस्क्त है कक िह उसे रोक दे? तथा आकाि और धरती और िो र्भी इनक े बीच में है, सब अल्लाह ही का राज्य है। िह िो चाहे, उतपन्न करता है तथा िह िो चाहे, कर सकता है।}[सूरा अल-माइदा : 17] एक अन्य स्थान में उसका फ़रमान है :{तथा पूिण और पस्श्चम अल्लाह ही क े हैं; त़ुम स्िधर र्भी म़ुख करो, उधर ही अल्लाह का म़ुख है और अल्लाह अतत वििाल, अतत ज्ञानी है।तथा उन्होंने कहा कक अल्लाह ने कोई संतान बना ली। िह इससे पवित्र है। आकािों तथा धरती में िो र्भी है, िह उसी का है और सब उसी क े आज्ञाकारी हैं।िह आकािों तथा धरती का आविष्कारक है। िब िह ककसी बात का तनर्णय कर लेता है, तो उसक े शलए बस यह आदेि देता है कक "हो िा" और िह हो िाती है।}[सूरा अल- बकरा : 115-117] एक और िहन िह कहता है :{और उनका कहना तो यह है कक अतत कृ पािान अल्लाह ने संतान बना रखी है।तन:संदेह त़ुम बह़ुत (ब़ुरी और) र्भारी चीज लाए हो।करीब है कक इस कथन से आकाि फट िाए और धरती में दराड हो िाए और पहाड कर्-कर् हो िाएूँ।कक िे रहमान की संतान साबबत करने बैठे हैं।और रहमान क े अऩुक ू ल नहीं कक िह संतान रखे।आकािों और धरती में िो र्भी िस्त़ु है, अल्लाह का ग़ुलाम बनकर ही आने िाली है।उसने उन्हें तनयंत्रर् में ले रखा है तथा
  • 15. 15 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय उन्हें पूर्णतः धगन रखा है।और प्रत्येक उसक े समि आने िाला है, प्रलय क े हदन अक े ला।}[सूरा मरयम : 88-95] एक और स्थान में उसका फ़रमान है :{अल्लाह क े शसिा कोई इबादत क े लायक नहीं। िह सदा िीवित है, स्ियं बाकी रहने िाला तथा सम्पूर्ण िगत को संर्भालने िाला है, ना उसे ऊ ूँ घ आती है ना नींद। आकाि और धरती की सारी चीजें उसी की हैं। क़ौन है, िो उसक े पास उसकी अऩुमतत क े बबना अऩुिंसा (शसफ़ाररि) कर सक े ? िह बंदों क े सामने की और उनसे ओझल सारी िस्त़ुओं को िानता है। उसक े ज्ञान में से कोई चीज इंसान क े ज्ञान क े दायरे में नहीं आ सकती, यह और बात है कक िह ख़ुद ही क ़ु छ बता दे। उसकी क ़ु सी क े फ ै लाि ने आसमान एिं जमीन को घेर रखा है। और उन दोनों की रिा उसे नहीं थकाती। और िह सबसे ऊ ूँ चा, महान है।}[सूरा अल-बकरा : 255] स्िसकी िान यह है और स्िसक े म़ुकाबले में सृस्ष्टयों की िान इतनी त़ुच्छ है तो जरा सोधचए कक उनमें से ककसी क े अंदर उसको क ै से समाहहत ककया िा सक े गा? िह ककसको अपनी संतान बनाएगा र्भला या उसक े साथ र्भला ककसको पूज्य बनाया िा सक े गा? 11- अल्लाह तआला अपने िंदों पर िडा ही दयािान और कृ पाशील है। इसी ललए उसने िह़ुत सारे रसूल िेिे और िह़ुत सारी ककतािें उतारीं। अल्लाह तआला अपने बंदों पर बडा ही दयािान और कृ पािील है। उसकी कृ पा एिं करूर्ा की एक तनिानी यह है कक उसने उनकी ओर बह़ुत सारे रसूल र्भेिे और बह़ुत सारी ककताबें उतारीं, ताकक उन्हें क ़ु फ्र और शिक ण क े अंधकारों से तनकाल कर एक े श्िरिाद और हहदायत क े प्रकाि की ओर ले िाए। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{िही है, िो उतार रहा है अपने बंदे पर ख़ुली आयतें, ताकक िह त़ुम्हें तनकाले अंधेरों से प्रकाि की ओर तथा िास्ति में, अल्लाह त़ुम्हारे शलए बेहद करुर्ामय, दयािान ् है।}[सूरा अल- हदीद : 9] एक अन्य स्थान में उसका फ़रमान है :{और (ऐ नबी!) हमने आपको नहीं र्भेिा है, ककन्त़ु समस्त संसार क े शलए दया बना कर।} [सूरा अल-अंबबया : 107] अल्लाह तआला ने अपने नबी को आदेि हदया है कक िे बंदों को यह सूचना दे दें कक अल्लाह बेहद माफ़ करने िाला और अत्यंत दयािान है। अल्लाह तआला का फ़रमान है :{(ऐ नबी!) आप मेरे बंदों को सूधचत कर दें कक िास्ति में, मैं बडा िमािील दयािान ् हूूँ।} [सूरा अल-हहज्र : 49] उसकी दया और करूर्ा ही का नतीिा है कक िह अपने बंदों का कष्ट एिं द़ु:ख हरता और उनसे र्भलाई का मामला करता है। कहता है :{और यहद अल्लाह आपको कोई द़ुःख पह़ुूँचाना चाहे, तो उसक े शसिा कोई उसे दूर करने िाला नहीं और यहद आपको कोई र्भलाई पह़ुूँचाना चाहे, तो कोई उसकी र्भलाई को रोकने िाला नहीं। िह अपनी दया अपने र्भक्तों में से स्िसपर चाहे, करता है तथा िह िमािील दयािान ् है।} [सूरा यूऩुस : 107]
  • 16. 16 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय 12- अल्लाह तआला ही िह अक े ला दयािान रि है, िो कयामत क े हदन समस्त इंसानों का, उन्हें उनकी कब्रों से दोिारा िीवित करक े उठाने क े िाद, हहसाि-ककताि लेगा और हर व्यज्क्त को उसक े अच्छे- ि़ुरे कमों क े अऩुसार प्रनतफल देगा। ज्िसने मोलमन रहते ह़ुए अचछे कमम ककए होंगे, उसे हमेशा रहने िाली नेमतें प्रदान करेगा और िो द़ुननया में काक़िर रहा होगा और ि़ुरे कमम ककए होंगे, उसे प्रलय में ियंकर यातना से ग्रस्त करेगा। अल्लाह तआला ही िह अक े ला दयािान रब है, िो कयामत क े हदन समस्त इंसानों का, उन्हें उनकी कब्रों से दोबारा िीवित करक े उठाने क े बाद, हहसाब-ककताब लेगा और हर व्यस्क्त को उसक े अच्छे-ब़ुरे कमों क े अऩुसार अच्छा या ब़ुरा प्रततफल देगा। स्िसने मोशमन रहते ह़ुए अचछे कमण ककए होंगे, उसे हमेिा रहने िाली नीमतें प्रदान करेगा और िो द़ुतनया में काकफ़र रहा होगा और ब़ुरे कमण ककए होंगे, उसे कयामत क े हदन र्भयंकर यातना से ग्रस्त करेगा। यह अल्लाह तआला का अपने बंदों क े साथ सम्पूर्ण न्याय, हहकमत और करूर्ा ही है कक उसने इस द़ुतनया को कमणर्भूशम और दूसरे घर अथाणत आणख़रत को िेय, हहसाब-ककताब और बदला पाने का स्थान बनाया है, ताकक प़ुण्यकारी अपने प़ुण्य का िेय प्राप्त करे और ब़ुराई करने िाला जाशलम एिं उपद्रिी मानि अपने ज़ुल्म एिं उपद्रि की सजा र्भ़ुगते। चूूँकक क ़ु छ लोग इन बातों को दूर की क़ौडी समझते हैं, इसशलए अल्लाह तआला ने ऐसी बह़ुत सारी दलीलें कायम कर दी हैं स्िनसे साबबत होता है कक मरने क े बाद दोबारा स्जंदा करक े उठाए िाने का मामला बबल्क ़ु ल हक और सच है और उसमें ककसी संदेह एिं िक की कोई ग़ुंिाइि नहीं है। अल्लाह का फ़रमान है :{और उस (अल्लाह) की तनिातनयों में से (यह र्भी) है कक तू धरती को दबी-दबाई और ि़ुष्क देखता है, कफर िब हम उसपर िषाण करते हैं तो िह ताजा एिं तनमणल होकर उर्भरने लगती है। स्िसने उसे स्जन्दा कर हदया, िही तनस्श्चत रूप से म़ुदाण को र्भी स्जन्दा करने िाला है। बेिक िह हर चीज में सिम है।}[सूरा फ़ ़ु स्स्सलत : 39] तथा अल्लाह तआला ने कहा है :{ऐ लोगो! यहद त़ुम ककसी संदेह में हो प़ुनः िीवित होने क े विषय में, तो (सोचो कक) हमने त़ुम्हें शमट्टी से पैदा ककया, कफर िीयण से, कफर रक्त क े थक्क े से, कफर माूँस क े खंड से, िो धचबत्रत तथा धचत्र विहीन होता है, ताकक हम उिागर कर दें त़ुम्हारे शलए और स्स्थर रखते हैं गर्भाणियों में िब तक चाहें; एक तनधाणररत अिधध तक, कफर त़ुम्हें तनकालते हैं शिि़ु बनाकर, कफर ताकक त़ुम पह़ुूँचो अपने य़ौिन को और त़ुममें से क ़ु छ पहले ही मर िाते हैं और त़ुममें से क ़ु छ िीर्ण आय़ु की ओर फ े र हदए िाते हैं, ताकक उसे क ़ु छ ज्ञान न
  • 17. 17 इस्लाम पवित्र क ़ु रआन तथा अल्लाह क े रसूल सल्लल्लाह़ु अलैहह ि सल्लम की स़ुन्नत क े आलोक में इस्लाम का संक्षिप्त पररचय रह िाए ज्ञान क े पश्चात् तथा त़ुम देखते हो धरती को सूखी, कफर िब हम उसपर िल-िषाण करते हैं, तो सहसा लहलहाने और उर्भरने लगी तथा उगा देती है प्रत्येक प्रकार की स़ुदृश्य िनस्पततयाूँ।}[सूरा अल-हज्ि : 5]इस प्रकार, अल्लाह तआला ने इस आयत में तीन ऐसी ताकक ण क दलीलें दी हैं िो मरने क े बाद दोबारा स्जंदा ककए िाने का अटल प्रमार् देती हैं, िो क ़ु छ इस तरह हैं : 1- अल्लाह तआला ने मानि को पहली बार शमट्टी से पैदा ककया है और िो उसे शमट्टी से पैदा करने में सिम है, िह उसे शमट्टी में शमल िाने क े बाद दोबारा िीिन देने में र्भी सिम हो सकता है। 2- िो िीयण से मानि पैदा करने में सिम है, िह इंसान को मृत्य़ु क े बाद दोबारा िीिन र्भी ल़ौटा सकता है। 3- िो मृत र्भूशम को बाररि क े जररए स्जंदा कर सकता है, िह मृत इंसान को र्भी स्जंदा कर सकता है। इस आयत में क ़ु रआन क े कररश्मे पर र्भी एक महान दलील तनहहत है। िह यह है कक क ै से उसने एक बेहद पेचीदा मसले पर तीन बह़ुत ही महान एिं ताकक ण क प्रमार्ों को बस एक ही आयत में, िो बह़ुत लंबी र्भी नहीं है, बह़ुत ही स़ुंदर िैली क े साथ समेट हदया। एक और िहन िह कहता है :{स्िस हदन हम लपेट देंगे आकाि को, पंस्िका क े पन्नों को लपेट देने क े समान, िैसे हमने आरंर्भ ककया था प्रथम उत्पस्त्त का, उसी प्रकार उसे द़ुहराएूँगे। इस (िचन) को पूरा करना हमपर है और हम पूरा करक े रहेंगे।} [सूरा अल-अंबबया :104] एक और िगह िह कहता है :{और उस ने हमारे शलए शमसाल बयान की और अपनी (मूल) पैदाईि को र्भूल गया। कहने लगा कक इन सडी-गली हड्डडयों को क़ौन स्जन्दा कर सकता है? कह दीस्िए कक उन्हें िह स्जन्दा करेगा स्िसने उन्हें पहली बार पैदा ककया, िो सब प्रकार की पैदाईि को अच्छी तरह िानने िाला है।आप कह दें : िही, स्िसने पैदा ककया है प्रथम बार और िह प्रत्येक उत्पस्त्त को र्भली-र्भाूँतत िानने िाला है।} [सूरा या-सीन : 78] एक अन्य स्थान में िह कहता है :{क्या त़ुम्हें पैदा करना कहठन है अथिा आकाि को, स्िसे उसने बनाया? (27)।उसकी छत ऊ ूँ ची की और उसे च़ौरस ककया।और उसकी रात को अंधेरी तथा हदन को उिाला ककया।और उसक े बाद धरती को बबछाया।और उससे उसका पानी और चारा तनकाला।और पहाडों को अच्छी तरह से गाडा।} [सूरा अन-नास्जआत : 27-32] इस प्रकार, अल्लाह तआला ने यह स्पष्ट कर हदया कक मऩुष्य को पैदा करना आकाि, धरती और उन दोनों क े बीच में िो क ़ु छ र्भी है, को पैदा करने से ज़्यादा कहठन नहीं है। इससे साबबत हो िाता है कक िो हस्ती आकािों और धरती को पैदा कर सकती है, िह मानि को दोबारा िीिन र्भी दे सकती है।