Dangers of Cell phones सेलफोन – फ्रैंडली पिजन या ब्रेन बगOm Verma
आज सेलफोन हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज बिना सेलफोन के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। जिधर देखो उधर आपको लोग हाथ में सेलफोन थामें दिखाई देंगे, ठीक वैसे ही जैसे द्वापर युग में श्री कृष्ण अपनी अंगुली में सुदर्शन चक्र धारण करके घूमा करते थे। देखते ही देखते पिछले 15 वर्षों में सेलफोन के जाल ने पूरे विश्व को जकड़ लिया है। किशोर लड़के और लड़कियाँ तो सेलफोन के दीवाने हो चुके हैं, सुबह से लेकर रात तक सेलफोन से ही चिपके रहते हैं। भारत में सेलफोन की क्रांति लाने में अंबानी बंधुओं का भी बहुत बड़ा हाथ है। "कर लो दुनिया मुट्ठी में" के नारे का सहारा लेकर इन्होंने खूब मोबाइल रूपी मौत का कारोबार किया। लोग तो दुनिया को शायद अपनी मुट्ठी में नहीं कर सके लेकिन अंबानी बन्धु जरूर टाटा, बिरला आदि सभी अमीरों को पीछे छोड़ कर भारत के सबसे अमीर आदमी बन बैठे।
बाजार में शौकीन लोगों के लिए कई कम्पनियाँ हीरे-जवाहरात जड़े नित नये मंहगे और नायाब सेलफोन भी बेचने लगी हैं। 2009 में स्टुअर्ट ह्यूजेस कम्पनी ने दुनिया का सबसे मंहगा गोल्डस्ट्राइकर आईफोन बाजार में उतारा था। इस फोन को बनाने में 271 ग्राम सोना और 200 हीरे काम में लिए गये हैं। 53 खूबसूरत रत्नों से ऐपल का लोगो बनाया है और होम बटन पर 7.1 केरेट का बड़ा हीरा जड़ा गया है। इसकी कीमत 3.2 मिलियन डॉलर (लगभग 15 करोड़ रुपये) रखी गई है। लेकिन इतना मंहगा होने पर भी यह है तो मौत का ही सामान।
आज पूरे विश्व में 5.6 बिलियन सेलफोन उपभोक्ता हैं। भारत विश्व में दूसरे नम्बर पर आता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार नवम्बर, 2011 में हमारे यहाँ 881,400,578 सेलफोन उपभोक्ता थे। यानि हमारे 73.27% लोग सेलफोन रखते हैं। एक अनुमान के अनुसार 2014 तक यह संख्या एक अरब हो जायेगी। लेकिन मुद्दे की बात यह है कि सरकारी संस्थाओं नें बिना सोचे-समझे
Presentation of GreenYourMove's hybrid approach in 3rd International Conferen...GreenYourMove
Presentation of the Journey planning problem and GreenYourMove's hybrid approach.
Dr. Georgios Saharidis, Fragogios Antonis, Rizopoulos Dimitris, Chrysostomos Chatzigeorgiou
Simposium Keris Summit 2015 | Dari Mega Remeng untuk Indonesia (Fathorrakhman)Hafiz Priyotomo
Dari Mega Remeng untuk Indonesia
Fathorrakhman
Simposium Keris Summit 2015
Pelestarian dan Pengembangan Ekonomi Kreatif Keris Nusantara
Benteng Vredeburg, 28 Oktober 2015
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आज सेलफोन हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज बिना सेलफोन के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। जिधर देखो उधर आपको लोग हाथ में सेलफोन थामें दिखाई देंगे, ठीक वैसे ही जैसे द्वापर युग में श्री कृष्ण अपनी अंगुली में सुदर्शन चक्र धारण करके घूमा करते थे। देखते ही देखते पिछले 15 वर्षों में सेलफोन के जाल ने पूरे विश्व को जकड़ लिया है। किशोर लड़के और लड़कियाँ तो सेलफोन के दीवाने हो चुके हैं, सुबह से लेकर रात तक सेलफोन से ही चिपके रहते हैं। भारत में सेलफोन की क्रांति लाने में अंबानी बंधुओं का भी बहुत बड़ा हाथ है। "कर लो दुनिया मुट्ठी में" के नारे का सहारा लेकर इन्होंने खूब मोबाइल रूपी मौत का कारोबार किया। लोग तो दुनिया को शायद अपनी मुट्ठी में नहीं कर सके लेकिन अंबानी बन्धु जरूर टाटा, बिरला आदि सभी अमीरों को पीछे छोड़ कर भारत के सबसे अमीर आदमी बन बैठे।
बाजार में शौकीन लोगों के लिए कई कम्पनियाँ हीरे-जवाहरात जड़े नित नये मंहगे और नायाब सेलफोन भी बेचने लगी हैं। 2009 में स्टुअर्ट ह्यूजेस कम्पनी ने दुनिया का सबसे मंहगा गोल्डस्ट्राइकर आईफोन बाजार में उतारा था। इस फोन को बनाने में 271 ग्राम सोना और 200 हीरे काम में लिए गये हैं। 53 खूबसूरत रत्नों से ऐपल का लोगो बनाया है और होम बटन पर 7.1 केरेट का बड़ा हीरा जड़ा गया है। इसकी कीमत 3.2 मिलियन डॉलर (लगभग 15 करोड़ रुपये) रखी गई है। लेकिन इतना मंहगा होने पर भी यह है तो मौत का ही सामान।
आज पूरे विश्व में 5.6 बिलियन सेलफोन उपभोक्ता हैं। भारत विश्व में दूसरे नम्बर पर आता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार नवम्बर, 2011 में हमारे यहाँ 881,400,578 सेलफोन उपभोक्ता थे। यानि हमारे 73.27% लोग सेलफोन रखते हैं। एक अनुमान के अनुसार 2014 तक यह संख्या एक अरब हो जायेगी। लेकिन मुद्दे की बात यह है कि सरकारी संस्थाओं नें बिना सोचे-समझे
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Dr. Georgios Saharidis, Fragogios Antonis, Rizopoulos Dimitris, Chrysostomos Chatzigeorgiou
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Benteng Vredeburg, 28 Oktober 2015