2. जलवायु
जलवायु शब्द दो शब्दोों क
े मेल से बना है जल +वायु
जल का अर्ा वषाण से है और वायु का अर्ा पवन से
अर्ाात् वषाण व पवन से ही वकसी स्र्ान की जलवायु
प्रभाववत होती हैI
इोंग्लिश में climate शब्द लैवटन भाषा क
े clima शब्द
से बना है वजसका अर्ा पृथ्वी क
े झुकाव से हैI जलवायु
मुख्यतः अक्षाोंश(पृथ्वी क
े झुकाव) पर वनभार करती हैI
3. जलवायु
वकसी भी स्र्ान की वायुमोंडलीय
दशाओों( तापमान,आद्रता,वषाा
आवद) क
े दीर्ाकालीन योग को
जलवायु कहते हैi
4. मौसम
वकसी भी स्र्ान की वायुमोंडलीय दशाओों(
तापमान,आद्रता,वषाा आवद) क
े अल्पकावलक योग को
मौसम कहते हैi
5. जलवायु व मौसम मे अोंतर
वकसी भी स्र्ान की
वायुमोंडलीय दशाओों(
तापमान,आद्रता,वषाा आवद)
क
े दीर्ाकालीन योग को
जलवायु कहते हैi
यह ववस्तृत क्षेत्र को प्रभाववत
करती है I
जलवायु एक लम्बे
समय(लगभग 30 वषा से
अविक) एक जैसी रहती है
वकसी भी स्र्ान की
वायुमोंडलीय दशाओों(
तापमान,आद्रता,वषाा आवद) क
े
अल्पकावलक योग को मौसम
कहते हैi
यह एक छोटे क्षेत्र को प्रभाववत
करता है I
मौसम प्राय: एक वदन में कई
बार बदलता हैं I
6. भारत की जलवायु
भारत की जलवायु को मुख्यतः मानसूनी जलवायु कहा
जाता है I
एवशया में इस प्रकार की जलवायु मुख्यतः दवक्षण और
दवक्षण पूवा में पाई जाती हैंI
देश में जलवायु में प्रादेवशक वभन्ताए भी देखने को वमलती
हैं
हम दो तत्व तापमान और वषाण को लेकर देखते है की
एक स्र्ान से दुसरे स्र्ान पर तर्ा एक मौसम से दुसरे
मौसम में इनमें वकस प्रकार की वभन्नता हैं I
7. भारत में प्रदेशो में तापमान व वषाण में अोंतर
तापमान
गवमायोों में राजस्र्ान क
े क
ु छ
स्र्ानोों मै तापमान लगभग 50
वडग्री तक पहुँच जाता हैं
उसी समयसमय जम्मू कश्मीर
क
े पहलगाोंव में तापमान 20
वडग्री रहता हैं
सदी की रात में जम्मू कश्मीर में
द्रास का तापमान -45 वडग्री
सेग्लियश होता हैं जबकी
वतरुवनोंतपुरम में यह 22 वडग्री
सेग्लियश होता हैं
वषाण- वहमालय में वषाण वहम क
े
रूप में होता हैं
इस प्रकार मेर्ालय मे 400
सेंटीमीटर वषाा होती है जबकी
लद्दाख व पविम राजस्र्ान मे यह
10 सेंटीमीटर होती है
इसी प्रकार तवमलनाडु तट पर
अविकतर वषाा अक्तूबर व
नवम्बर मे होती हैं
8. जलवायु को वनयोंवत्रत करने वाले कारक
अक्षाोंश
ऊचाई
वायुदाब एवों पवन तोंत्र
समुोंद्र तट से दू री
महासागरीय िराए
उच्चIवच लक्षण
10. अक्षाोंश
पृथ्वी की गोलाई क
े कारण, इसे प्राप्त सोरउजाा की
मात्रा अक्षाशो क
े अनुसार अलग अलग होती हैI
इसक
े पररणामस्वरूप तापमान ववषुवत वृत से ध्रुवोों की
ओर सामान्यत: र्टता जाता हैI
12. ऊचाई
जब कोई व्यग्लक्त पृथ्वी की सतह से ऊचाई की ओर
जाता है, तब वायुमोंडल की सर्नता कम हो जाती है
तर्ा तापमान र्ट जाता हैI
इसवलए पहाविया गमी क
े मौसम मे भी ठों डी होती हैI
14. वायुदाब एवों पवन तोंत्र
वायुदाब एवों पवन तोंत्र उस स्र्ान क
े अक्षाोंश तर्ा
ऊचाई पर वनभार करता हैI
इस प्रकार यह तापमान एवों वषाा क
े ववतरण को भी
प्रभाववत करता हैI
18. महासागरीय िIराए
महासागरीय िIराए समुोंदर से तट की ओर चलने वाली
हवाओों क
े सार् तटीय क्षत्रो की जलवायु को प्रभाववत
करती हैI
उदारण क
े वलए, कोई भी तटीय क्षेत्र जहाुँ गमा व िोंदी
जल िाराए बहती है और वायु की वदशा समुोंदर से तट
की ओर हो तब वह तट गरम व ठों डा हो जाएगाI
20. उच्चावच लक्षण
ऊचें पवात ठों डी व गमा वायु को अवरोवित करते हैI
यवद उनकी ऊचाई इतनी हो की वे वषाा लाने वाली
वायु क
े रास्तोों को रोकने मै सक्षम होते है,तो ये वषाा का
कारण भी बनते हैI
पवातोों क
े पवन ववमुखी ढाल अपेक्षाक
ृ त सूखे रहते हैI