2. जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की जर्शेषता का
बोध हो, उसे जर्शेषण कहते हैं |
जैसे →
यह पेड़ विशाल है |
र्ैशाली लंबी है |
र्ह गाय सफ
े द है |
मेज़ पर चार पुस्तक
ें रखी हैं |
4. 1. गुणिाचक
िो जर्शेषण संज्ञा या सर्वनाम क
े गुण, दोष, दशा,
भार्, रंग, आकार, समय, स्थान आजद का बोध कराते
हैं, उन्हें गुणर्ाचक जर्शेषण कहते हैं;
िैसे – यह घोड़ा कमज़ोर है |
यह आम मीठा है |
यह आदमी लंबा है |
5. 2. पररमाणिाचक विशेषण
िो जर्शेषण शब्द जकसी र्स्तु की मात्रा, नाप-
तोल आजद का बोध कराते है, उन्हें
पररमाणर्ाचक जर्शेषण कहते हैं |
िैसे –
सीता चार मीटर कपड़ा लाई |
मााँ ने द़ो दजजन क
े ले खरीदे |
राम ने आि द़ो लीटर दू ध जलया है
|
6. पररमाणिाचक विशेषण क
े प्रकार
जनजित
पररमाण
र्ाचक
अजनजित पररमाण
र्ाचक
वनवित पररमाणिाचक
→ तीन लीटर दू ध देना
→ आगरा 250 वक. मी. दू र है |
→ एक वकल़ो चीनी दे दो |
अवनवित पररमाणिाचक
बच्चें ने थ़ोड़ा दू ध पीया है |
दीदी बाज़ार से क
ु छ फल लेकर आई है
7. संख्यािाचक विशेषण क
े प्रकार
जनजित संख्या र्ाचक अजनजित संख्या र्ाचक
वनवित संख्यािाचक
→ रेखा क
े पास तीन पुस्तक
ें हैं |
→ र्ेदांत ने कक्षा में पहला स्थान प्राप्त जकया
|
अवनवित संख्यािाचक
→ बािार में बहुत दुकाने हैं |
→मंजदर में कई औरतें आईं |
8. 4. सािजनावमक या संक
े तिाचक विशेषण
िो सर्वनाम शब्द जकसी संज्ञा क
े पहले िुड़कर उसकी
ओर संक
े त करते हैं, उसे सार्वनाजमक या संक
े तर्ाचक
जर्शेषण कहते हैं |
िैसे →
यह त़ोता बोलता है |
यह पुस्तक मेरी है |
यह लड़की अच्छा गाती हैं।
9. 5.प्रविशेषण
क
ु छ शब्द जर्शेषणों की भी जर्शेषता
बताते हैं, ऐसे शब्दों को प्रजर्शेषण
कहते हैं;
जैसे →
र्ह अवत सुंदर है |
मोहन बहुत मोटा है |