भारतीय समाज का मार्गदर्शन करने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ना केवल एक शिक्षाविद् बल्कि एक महान् दार्शनिक और भारतीय संस्कृति के घोतक थे।
वह सम्पूर्ण विश्व को विद्या के एक मंदिर की भांति देखा करते थे। और उन्नत शिक्षा व्यवस्था को ही देश की प्रगति का आधार मानते थे।तो चलिए जानते हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के बारे में।
हिंदी साहित्य के भीष्म माने जाने वाले भीष्म साहनी कथाकर के साथ-साथ उपन्यासकार और नाटककार के रूप में भी जाने जाते हैं।उनकी रचनाओं के बारे में पढ़ें सोलवेदा पर।
भारतीय समाज का मार्गदर्शन करने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ना केवल एक शिक्षाविद् बल्कि एक महान् दार्शनिक और भारतीय संस्कृति के घोतक थे।
वह सम्पूर्ण विश्व को विद्या के एक मंदिर की भांति देखा करते थे। और उन्नत शिक्षा व्यवस्था को ही देश की प्रगति का आधार मानते थे।तो चलिए जानते हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के बारे में।
हिंदी साहित्य के भीष्म माने जाने वाले भीष्म साहनी कथाकर के साथ-साथ उपन्यासकार और नाटककार के रूप में भी जाने जाते हैं।उनकी रचनाओं के बारे में पढ़ें सोलवेदा पर।
Condition of Women before and after independencepragya tripathi
This slide discusses the key points about the conditions of women in India before and after Independence. Equal rights and freedom was given to women when and how? The revolts , revolutionaries and the sacrifices made.
Condition of Women before and after independencepragya tripathi
This slide discusses the key points about the conditions of women in India before and after Independence. Equal rights and freedom was given to women when and how? The revolts , revolutionaries and the sacrifices made.
3. रमादेव़ी चौधरी
• रमादेव़ी चौधरी (3 टदसंबर 1899 - 22
जुलाई 1985), जजन्हें रमा देव़ी क
े िाम
से भ़ी जािा जाता है, एक भारत़ीय
स्वतंत्रता सेिाि़ी और एक समाज
सुधारक थ़ीं। उन्हें ओडिशा क
े लोगों
द्वारा मााँ (मााँ) कहा जाता था।
भुविेश्वर में रामादेव़ी मटहला
ववश्वववद्यालय का िाम इस महाि
व्यजततत्व क
े िाम पर रखा गया है।
4. • 1947 में भारत की स्वतंत्रता क
े बाद, रमा देव़ी िे आचायय
वविोबा भावे क
े भूदाि और ग्रामदाि आंदोलि क
े भलए
खुद को समवपयत कर टदया। 1952 में उन्होंिे अपिे पनत
क
े साथ भूभम देिे क
े संदेश का प्रचार करिे क
े भलए राज्य
भर में लगभग 4000 ककलोम़ीिर की पैदल यात्रा की भू
भमहीिों और गरीबों को धि।
1928 से, रमा देव़ी जगतभसंहपुर में अलका आश्रम में र
हीं
• उन्होंिे उत्कल खादी मंिल की स्थापिा में मदद की और
रामचंद्रपुर में एक भशक्षक प्रभशक्षण क
ें द्र और बलवाड़ी
की भ़ी स्थापिा की। 1950 में उन्होंिे िुम्बुरुगेडगेडा में एक
आटदवास़ी कल्याण क
ें द्र की स्थापिा की। 1951 क
े
अकाल क
े दौराि उन्होंिे और मालत़ी िे कोरापुि में
अकाल राहत क
े भलए काम ककया। उन्होंिे 1962 क
े
भारत-च़ीि युद्ध से प्रभाववत सैनिकों की सहायता क
े
भलए काम ककया।
5. सुध़ीरा दास
• सुध़ीरा दास (8 माचय 1932 - 30
अतिूबर 2015) एक भारत़ीय
इंज़ीनियर थ़ीं। वह ओडिशा राज्य
की पहली मटहला इंज़ीनियर थ़ीं।
वह ऐसे समय में एक इंज़ीनियर
बि़ीं जब भारत में मटहलाओं क
े
भलए भशक्षा एक वजजयत थ़ी।
6. • एमएसस़ी क
े साथ स्िातक करिे क
े बाद। (िेक), दास िे 1957 में गणणत
ववभाग में लेतचरर क
े रूप में बरहामपुर इंज़ीनियररंग स्क
ू ल (वतयमाि में उमा
चरण पििायक इंज़ीनियररंग स्क
ू ल) में पढािा शुरू ककया। बाद में वह मटहला
पॉभलिेजतिक, राउरक
े ला की वप्रंभसपल बि़ीं। 1957-1990 क
े दौराि, उन्होंिे
ववभभन्ि ववभभन्ि क्षमताओं में ओडिशा सरकार की सेवा की। उस अवधध क
े
दौराि उन्होंिे मटहला पॉभलिेजतिक, भुविेश्वर की स्थापिा की, जो मटहला
छात्रों को डिप्लोमा काययक्रम प्रदाि करिे वाली संस्था है जो उिक
े प्रमुख
योगदािों में से एक रही है।
7. वप्रयंबदा मोहंत़ी हेजमदी
• वप्रयंबदा मोहंत़ी हेजमादी एक वैज्ञानिक, भशक्षाववद
और ओडिस़ी की एक भारत़ीय शास्त्ऱीय िृत्यांगिा,
कला लेखक और एक ज़ीवववज्ञाि़ी हैं। 18 िवंबर 1939
को जन्म़ी, उन्होंिे मास्िर डिग्ऱी हाभसल की और बाद में
भमभशगि ववश्वववद्यालय से जूलॉज़ी में िॉतिरेि की
डिग्ऱी प्राप्त की। एि आबयर, यूएसए। उन्होंिे बाि
बबहारी मैत़ी क
े तहत कम उम्र से ओडिस़ी में महारत
हाभसल की और 1954 में िई टदल्ली में इंिर-
यूनिवभसयिी यूथ फ
े जस्िवल में उिक
े ओडिस़ी प्रदशयि िे
प्रभसद्ध कला सम़ीक्षक चाल्सय फ
ै बरी क
े माध्यम से
अंतरराष्ट्रीय ध्याि आकवषयत करिे में िृत्य शैली की
मदद की। हंगरी, जो समारोह में उपजस्थत थे।
8. • वप्रयंबािा इंडियि एक
े िम़ी ऑफ साइंसेज की फ
े लो हैं। उन्होंिे कई लेख और
ककताबें भलख़ी हैं जैसे, ओडिस़ी: एि इंडियि तलाभसकल िांस फॉमय, ओडिस़ी क
े
भारत़ीय तलाभसक रूप क
े इनतहास और ववकास को ववस्तृत करता है।
"पाररजस्थनतकी, प्रजिि पैििय, ववकास और क
ै ररयोिाइप पैििय का एक
अध्ययि" ओभलव ररिले क
े ववस्तृत पैििय, उड़ीसा क
े गटहरमाथा क
े
लेवपिोचेली ओभलवेभसया
9. इंदुलता सुकला
• उन्होंिे अपि़ी स्क
ू ली भशक्षा महाराि़ी प्रेम क
ु मारी गल्सय
स्क
ू ल से की और ब़ी.एसस़ी. एमप़ीस़ी से गणणत ऑिसय क
े
साथ। कॉलेज, बारीपदा। उसिे अपि़ी एम.एसस़ी. 1966 में
रेिशॉ कॉलेज, किक से गणणत में, और एम.प़ी.स़ी. में
व्याख्याता क
े रूप में एक संक्षक्षप्त काययकाल था। कॉलेज,
[उद्धरण वांनछत] बत्रबबक्रम पनत की देखरेख में प़ीएचि़ी
करिे क
े भलए स़ीएसआईआर फ
ै लोभशप क
े साथ जबलपुर
ववश्वववद्यालय में जािे से पहले। अपिे शोध का प़ीछा
करते हुए, वह िवंबर 1970 में संबलपुर ववश्वववद्यालय में
गणणत़ीय ववज्ञाि क
े स्क
ू ल में एक व्याख्याता क
े रूप में
शाभमल हुईं, और माचय 2004 में अपि़ी सेवानिवृवि तक
वहीं रहीं।
10. वह पाठ्यपुस्तक िंबर थ्योरी एंि इट्स
एप्लीक
े शि िू कक्रप्िोग्राफी (किक: कल्याण़ी
पजललशसय, 2000) की लेणखका हैं। अपिे शोध में,
उन्होंिे फ
ू ररयर श्रृंखला पर अंग्रेज़ी गणणतज्ञ
ब्रायि क
ु ट्ििर क
े साथ काम ककया। वह
अमेररकि मैथमैटिकल सोसाइिी (एएमएस) और
इंडियि मैथमैटिकल सोसाइिी (आईएमएस) की
आज़ीवि सदस्य हैं।