स्तन कैंसर
स्तन कैंसर स्त्रियों का सबसे भयावह कैंसर है और स्त्रियों में कैंसर से मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। प्रारंभिक अवस्था में यह लक्षणहीन रोग है, कोई दर्द या तकलीफ नहीं होती है। क्योंकि यह बहुत ही कुटिल रोग है, चुपचाप दबे पांव आता है, धीरे-धीरे पैर फैलाता है, शुरू में स्तन और आसपास के लसिका-पर्वों (Lymph Nodes) पर अपना नियंत्रण स्थापित करता है, शरीर की रक्षाप्रणाली को कमजोर करता है और संवेदनशील स्थानों पर अपनी सेना और युद्ध-पोत तैनात करता है। इस तरह पूरी तैयारी होने के बाद ही यह युद्ध का बिगुल बजाता है। परन्तु स्वपरीक्षण, सोनोग्राफी, चिकित्सकीय परीक्षण, मेमोग्राफी, सुई द्वारा जीवोति-जाँच (Fine Needle Aspiration Biopsy) द्वारा हम इस रोग को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर सकते हैं। बिलकुल प्रारंभिक अवस्था में इस रोग का शल्य द्वारा पूर्ण उपचार (Complete Cure) संभव है।
स्तन कैंसर के उपचार द्वारा हम सूक्ष्म स्थलान्तर रोग (micro metastatic disease) अर्थात स्तन और स्थानीय लसिका-पर्व को लांघ कर बाहर निकल चुकी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं और इस रोग की मृत्यु दर में 35-70% कमी ला सकते हैं। पिछले दो दशकों में इस रोग पर बहुत अनुसंधान हुए हैं और रोग को समझने, बेहतर उपचार खोजने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। (ध्यान रहे अर्बुद, कार्सिनोमा और कैंसर पर्यायवाची हैं)
स्तन की संरचना
स्तन स्त्री की छाती के अग्रभाग में वक्षपेशी (pectorals major muscle) के ऊपर अवस्थित दो गोलाकार दुग्ध उत्पादन इकाइयां होती हैं, जो प्रसव के बाद शिशु के पोषण हेतु अमृततुल्य दुग्ध का स्राव करती हैं। यह स्त्री का सबसे सुन्दर अंग है और सभी स्त्री-पुरुष इसकी और आकर्षित रहते हैं, जिसका एक विशेष मनोवैज्ञानिक कारण है। उनका अवचेतन मन जानता है कि जीवन के प्रारम्भिक दौर में उनकी क्षुधा इन्हीं के द्वारा शान्त होती थी और इन
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर स्त्रियों का सबसे भयावह कैंसर है और स्त्रियों में कैंसर से मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। प्रारंभिक अवस्था में यह लक्षणहीन रोग है, कोई दर्द या तकलीफ नहीं होती है। क्योंकि यह बहुत ही कुटिल रोग है, चुपचाप दबे पांव आता है, धीरे-धीरे पैर फैलाता है, शुरू में स्तन और आसपास के लसिका-पर्वों (Lymph Nodes) पर अपना नियंत्रण स्थापित करता है, शरीर की रक्षाप्रणाली को कमजोर करता है और संवेदनशील स्थानों पर अपनी सेना और युद्ध-पोत तैनात करता है। इस तरह पूरी तैयारी होने के बाद ही यह युद्ध का बिगुल बजाता है। परन्तु स्वपरीक्षण, सोनोग्राफी, चिकित्सकीय परीक्षण, मेमोग्राफी, सुई द्वारा जीवोति-जाँच (Fine Needle Aspiration Biopsy) द्वारा हम इस रोग को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर सकते हैं। बिलकुल प्रारंभिक अवस्था में इस रोग का शल्य द्वारा पूर्ण उपचार (Complete Cure) संभव है।
स्तन कैंसर के उपचार द्वारा हम सूक्ष्म स्थलान्तर रोग (micro metastatic disease) अर्थात स्तन और स्थानीय लसिका-पर्व को लांघ कर बाहर निकल चुकी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं और इस रोग की मृत्यु दर में 35-70% कमी ला सकते हैं। पिछले दो दशकों में इस रोग पर बहुत अनुसंधान हुए हैं और रोग को समझने, बेहतर उपचार खोजने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। (ध्यान रहे अर्बुद, कार्सिनोमा और कैंसर पर्यायवाची हैं)
स्तन की संरचना
स्तन स्त्री की छाती के अग्रभाग में वक्षपेशी (pectorals major muscle) के ऊपर अवस्थित दो गोलाकार दुग्ध उत्पादन इकाइयां होती हैं, जो प्रसव के बाद शिशु के पोषण हेतु अमृततुल्य दुग्ध का स्राव करती हैं। यह स्त्री का सबसे सुन्दर अंग है और सभी स्त्री-पुरुष इसकी और आकर्षित रहते हैं, जिसका एक विशेष मनोवैज्ञानिक कारण है। उनका अवचेतन मन जानता है कि जीवन के प्रारम्भिक दौर में उनकी क्षुधा इन्हीं के द्वारा शान्त होती थी और इन