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Evolution of Social work
education in India
 विश्िविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार समाज कायय में पहला
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम मुुंबई में सोिल साइुंस लीग द्िारा 1920 में चलाया
गया।
 यह कल्याण कायय में लगे हुए स्िैच्छिक काययकर्ायओुं के शलए कम समय
का पाठ्यक्रम था।
 समाज कायय में जीिन िृत्त के शलए प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की दृच्टि से
मुुंबई में पहली व्यािसाययक सुंस्था 1936 में स्थावपर् की गई।
 जो कक सर दोराबजी िािा ग्रैजुएि स्कू ल ऑफ सोिल िकय (िािा
इुंस्िीट्यूि ऑफ सोिल साइुंसेज नाम में पररियर्यर्) नाम से जाना गया।
 स्िर्ुंत्रर्ा प्राच्तर् के पश्चार् 1947 में कािी विद्यापीठ िाराणसी र्था
कॉलेज ऑफ सोिल सवियस गुजरार् विद्यापीठ अहमदाबाद की स्थापना
हुई।
 1948 में अमेररका की युंग िूमेन कक्रच्श्चयन एसोशसएिन के विदेि
अनुभाग की सहायर्ा से उर्री युंग िूमेंस कक्रच्श्चयन एसोशसएिन के
र्त्िाधान के अुंर्गयर् ददल्ली स्कू ल ऑफ सोिल िकय की स्थापना हुई।
 1949 में ददल्ली विश्िविद्यालय ने इसे सुंबद्धर्ा प्रदान की र्था 1961
में इस विश्िविद्यालय ने इस स्कू ल के प्रबुंधन को अपने हाथों में ले
शलया
 विश्िविद्यालय के एक भाग के रूप में पहला स्कू ल 1949 50 में बड़ौदा
में स्थावपर् ककया गया र्था लखनऊ विश्िविद्यालय के समाज कायय
विभाग की स्थापना की गई इसके पश्चार् मद्रास स्कू ल ऑफ सोिल
िकय की स्थापना 1952 में की गई।
 वपिले िह दिकों के द़ौरान विश्िविद्यालय व्यिस्था में व्यािसाययक
समाज कायय पाठ्यक्रम को उपलब्ध कराने िाले िैक्षक्षक सुंस्थानों की
सुंख्या में काफी बढोर्री हुई है।
 इनमें से कु ि समाज कायय के स्नार्क उपाधध कु ि स्नार्कोत्तर
उपाधध र्था कु ि सदियकफके ि पाठ्यक्रम उपलब्ध करार्े हैं र्था कु ि
पीएचडी काययक्रम भी चलार्े हैं।
 आुंकडे प्रदशियर् करर्े हैं कक महाराटर राज्य सबसे आगे है जहाुं सबसे
अधधक सुंस्थान स्थावपर् ककए गए है।
 विश्िविद्यालय अनुदान आयोग द्िारा 1960 में समाज कायय शिक्षा
के शलए प्रथम पुनरािलोकन सशमयर् की यनयुच्तर् की गई।
 समाज कायय शिक्षा के मानकों की अशभिृद्धध एिुं अनुरक्षण हेर्ु समाज
कायय शिक्षा के समन्िय, प्रशिक्षण अनुसुंधान एिुं अभ्यास के शलए
1975 में द्र्ीय पुनरािलोकन सशमयर् की यनयुच्तर् की गई।
 सन 2001 की समाज कायय शिक्षा की र्ृर्ीय पुनरािलोकन सशमयर् ने
इस बार् पर बल ददया कक समाज कायय शिक्षा को उन सामाच्जक
िास्र्विकर्ा से जोडा जाए जहाुं इस व्यिसाय का अभ्यास ककया जार्ा
है।
 इसने यह िकालर् की कक समाज कायय के पाठ्यक्रम 4 सेिों एिुं प्रभाि
क्षेत्रों में बाुंिा जाए । चार प्रभाि क्षेत्रों के नाम यनम्नशलखखर् हैं-
 (1) कोर प्रभाि क्षेत्र (2)सहायक प्रभाि क्षेत्र
 (3) अुंर्वियषयक प्रभाि क्षेत्र (4) चुनाि करने िाला प्रभाि क्षेत्र
 कोर प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् दियन विचारधारा मूल्य नीयर्िास्त्र
शसद्धाुंर् एिुं अिधारणाएुं सच्म्मशलर् हैं सहायक प्रभाि क्षेत्र कोर
प्रभाि क्षेत्र को सहायर्ा देने के शलए ज्ञान एिुं कु िलर्ायें उपलब्ध
करार्ा है।
 अुंर्वियषयक प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् समाज कायय व्यिसाय से सुंबुंधधर्
अन्य विषयों से शलए गए शसद्धाुंर् एिुं अिधारणाएुं आर्ी हैं।
 चुने जाने योग्य प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् विकल्प के पाठ्यक्रम आर्े
हैं इस सशमयर् ने अभ्यास को सीखने हेर्ु सीखने िालों के अिसरों
को महत्ि ददए जाने पर बल ददया है।
 इुंददरा गाुंधी मुतर् विश्िविद्यालय दूरस्थ शिक्षा की अग्रणी सुंस्था है
च्जसने समाज कायय शिक्षा उपलब्ध कराने की पहल की है
 इस क्षेत्र में दूरस्थ शिक्षा उपलब्ध कराने का यह निीन कदम समाज
कायय की व्यिसाययक शिक्षा एिुं प्रशिक्षण के इयर्हास में अत्युंर्
महत्िपूणय कदम है।
 समाज कायय शिक्षा की अनेक कशमयाुं दूर करने के शलए अनेक
औधचत्यपूणय कायय ककए गए हैं।
 उदाहरणाथय िैक्षखणक मानकों को बनाए रखने के शलए उत्तरदाययत्ि राटर
की सुंस्था एिुं सुंगठनों के साथ पाठ्यक्रम यनमायण करना अध्यापन में
सहायर्ा करने िाले सुंयुंत्रों र्था क्षेत्रीय र्था स्थानीय आिश्यकर्ाओुं की
पूयर्य के शलए महत्िपूणय पाठ्यक्रम बनाना इत्यादद।
 विकशसर् देिों में प्रचशलर् समाज कायय शिक्षा का मॉडल विकासिील
देिों की आिश्यकर्ाओुं के अनुरूप नहीुं है।
 सामाच्जक कायय शिक्षा का मॉडल प्रत्येक की ऐयर्हाशसक और साुंस्कृ यर्क
जडों के अनुरूप होना चादहए।
 इससे देि की बहुसुंख्यक आबादी की सामाच्जक आधथयक आिश्यकर्ाओुं
की पूयर्य होनी चादहए वििेष रूप से गरीबी की चुऩौर्ी।
 म़ौजूदा पररच्स्थयर् को ध्यान में रखर्े हुए विकास का उद्देश्य स्पटि
रूप से पररभावषर् ककया जाना चादहए।
 समाज कायय शिक्षा की सुंरचना सामग्री और प्रकक्रया से सुंबुंधधर् होनी
चादहए।
 शिक्षक ज्ञान के िाहक हैं और शिक्षा के माध्यम से ज्ञान विकशसर्
करर्े हैं।
 शिक्षक िात्रों को मागयदियन कर सकर्े हैं र्था ज्ञान की पहचान
और व्याख्या करने में महत्िपूणय भूशमका यनभार्े हैं।
 सामाच्जक कायय शिक्षा के पाठ्यक्रम का सूचीबद्ध रूप में होना भी
अत्युंर् आिश्यक है।
 सामाच्जक कायय पेिे को मजबूर् करने के शलए ज्ञान का विकशसर्
अिस्था में होना अत्युंर् आिश्यक है।
 सामाच्जक कायय शिक्षा का भारर् में विकास र्ो हो रहा है लेककन
इसको और सही प्रकार से लागू करना भी अत्युंर् आिश्यक है
भारर् में शिक्षा को व्यिसाययक रूप देने की कोशिि की जा रही
है जबकक इसको सेिा भाि के साथ ककया जाना अत्युंर् ही
आिश्यक है बहुर् से सुंस्थानों में शिक्षकों की कमी होने पर भी
िहाुं पर समाज कायय शिक्षा को पढाया जा रहा है अर्ः समझा
जा सकर्ा है कक बबना शिक्षकों के ककस प्रकार की शिक्षा िहाुं
प्रदान की जा रही होगी अर्ः इस ददिा में सुधार ककया जाना
अत्युंर् ही आिश्यक है।
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  • 1. Evolution of Social work education in India
  • 2.  विश्िविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार समाज कायय में पहला प्रशिक्षण पाठ्यक्रम मुुंबई में सोिल साइुंस लीग द्िारा 1920 में चलाया गया।  यह कल्याण कायय में लगे हुए स्िैच्छिक काययकर्ायओुं के शलए कम समय का पाठ्यक्रम था।  समाज कायय में जीिन िृत्त के शलए प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की दृच्टि से मुुंबई में पहली व्यािसाययक सुंस्था 1936 में स्थावपर् की गई।  जो कक सर दोराबजी िािा ग्रैजुएि स्कू ल ऑफ सोिल िकय (िािा इुंस्िीट्यूि ऑफ सोिल साइुंसेज नाम में पररियर्यर्) नाम से जाना गया।
  • 3.  स्िर्ुंत्रर्ा प्राच्तर् के पश्चार् 1947 में कािी विद्यापीठ िाराणसी र्था कॉलेज ऑफ सोिल सवियस गुजरार् विद्यापीठ अहमदाबाद की स्थापना हुई।  1948 में अमेररका की युंग िूमेन कक्रच्श्चयन एसोशसएिन के विदेि अनुभाग की सहायर्ा से उर्री युंग िूमेंस कक्रच्श्चयन एसोशसएिन के र्त्िाधान के अुंर्गयर् ददल्ली स्कू ल ऑफ सोिल िकय की स्थापना हुई।  1949 में ददल्ली विश्िविद्यालय ने इसे सुंबद्धर्ा प्रदान की र्था 1961 में इस विश्िविद्यालय ने इस स्कू ल के प्रबुंधन को अपने हाथों में ले शलया  विश्िविद्यालय के एक भाग के रूप में पहला स्कू ल 1949 50 में बड़ौदा में स्थावपर् ककया गया र्था लखनऊ विश्िविद्यालय के समाज कायय विभाग की स्थापना की गई इसके पश्चार् मद्रास स्कू ल ऑफ सोिल िकय की स्थापना 1952 में की गई।
  • 4.  वपिले िह दिकों के द़ौरान विश्िविद्यालय व्यिस्था में व्यािसाययक समाज कायय पाठ्यक्रम को उपलब्ध कराने िाले िैक्षक्षक सुंस्थानों की सुंख्या में काफी बढोर्री हुई है।  इनमें से कु ि समाज कायय के स्नार्क उपाधध कु ि स्नार्कोत्तर उपाधध र्था कु ि सदियकफके ि पाठ्यक्रम उपलब्ध करार्े हैं र्था कु ि पीएचडी काययक्रम भी चलार्े हैं।  आुंकडे प्रदशियर् करर्े हैं कक महाराटर राज्य सबसे आगे है जहाुं सबसे अधधक सुंस्थान स्थावपर् ककए गए है।  विश्िविद्यालय अनुदान आयोग द्िारा 1960 में समाज कायय शिक्षा के शलए प्रथम पुनरािलोकन सशमयर् की यनयुच्तर् की गई।
  • 5.  समाज कायय शिक्षा के मानकों की अशभिृद्धध एिुं अनुरक्षण हेर्ु समाज कायय शिक्षा के समन्िय, प्रशिक्षण अनुसुंधान एिुं अभ्यास के शलए 1975 में द्र्ीय पुनरािलोकन सशमयर् की यनयुच्तर् की गई।  सन 2001 की समाज कायय शिक्षा की र्ृर्ीय पुनरािलोकन सशमयर् ने इस बार् पर बल ददया कक समाज कायय शिक्षा को उन सामाच्जक िास्र्विकर्ा से जोडा जाए जहाुं इस व्यिसाय का अभ्यास ककया जार्ा है।  इसने यह िकालर् की कक समाज कायय के पाठ्यक्रम 4 सेिों एिुं प्रभाि क्षेत्रों में बाुंिा जाए । चार प्रभाि क्षेत्रों के नाम यनम्नशलखखर् हैं-
  • 6.  (1) कोर प्रभाि क्षेत्र (2)सहायक प्रभाि क्षेत्र  (3) अुंर्वियषयक प्रभाि क्षेत्र (4) चुनाि करने िाला प्रभाि क्षेत्र  कोर प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् दियन विचारधारा मूल्य नीयर्िास्त्र शसद्धाुंर् एिुं अिधारणाएुं सच्म्मशलर् हैं सहायक प्रभाि क्षेत्र कोर प्रभाि क्षेत्र को सहायर्ा देने के शलए ज्ञान एिुं कु िलर्ायें उपलब्ध करार्ा है।  अुंर्वियषयक प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् समाज कायय व्यिसाय से सुंबुंधधर् अन्य विषयों से शलए गए शसद्धाुंर् एिुं अिधारणाएुं आर्ी हैं।  चुने जाने योग्य प्रभाि क्षेत्र के अुंर्गयर् विकल्प के पाठ्यक्रम आर्े हैं इस सशमयर् ने अभ्यास को सीखने हेर्ु सीखने िालों के अिसरों को महत्ि ददए जाने पर बल ददया है।
  • 7.  इुंददरा गाुंधी मुतर् विश्िविद्यालय दूरस्थ शिक्षा की अग्रणी सुंस्था है च्जसने समाज कायय शिक्षा उपलब्ध कराने की पहल की है  इस क्षेत्र में दूरस्थ शिक्षा उपलब्ध कराने का यह निीन कदम समाज कायय की व्यिसाययक शिक्षा एिुं प्रशिक्षण के इयर्हास में अत्युंर् महत्िपूणय कदम है।  समाज कायय शिक्षा की अनेक कशमयाुं दूर करने के शलए अनेक औधचत्यपूणय कायय ककए गए हैं।  उदाहरणाथय िैक्षखणक मानकों को बनाए रखने के शलए उत्तरदाययत्ि राटर की सुंस्था एिुं सुंगठनों के साथ पाठ्यक्रम यनमायण करना अध्यापन में सहायर्ा करने िाले सुंयुंत्रों र्था क्षेत्रीय र्था स्थानीय आिश्यकर्ाओुं की पूयर्य के शलए महत्िपूणय पाठ्यक्रम बनाना इत्यादद।
  • 8.  विकशसर् देिों में प्रचशलर् समाज कायय शिक्षा का मॉडल विकासिील देिों की आिश्यकर्ाओुं के अनुरूप नहीुं है।  सामाच्जक कायय शिक्षा का मॉडल प्रत्येक की ऐयर्हाशसक और साुंस्कृ यर्क जडों के अनुरूप होना चादहए।  इससे देि की बहुसुंख्यक आबादी की सामाच्जक आधथयक आिश्यकर्ाओुं की पूयर्य होनी चादहए वििेष रूप से गरीबी की चुऩौर्ी।  म़ौजूदा पररच्स्थयर् को ध्यान में रखर्े हुए विकास का उद्देश्य स्पटि रूप से पररभावषर् ककया जाना चादहए।  समाज कायय शिक्षा की सुंरचना सामग्री और प्रकक्रया से सुंबुंधधर् होनी चादहए।
  • 9.  शिक्षक ज्ञान के िाहक हैं और शिक्षा के माध्यम से ज्ञान विकशसर् करर्े हैं।  शिक्षक िात्रों को मागयदियन कर सकर्े हैं र्था ज्ञान की पहचान और व्याख्या करने में महत्िपूणय भूशमका यनभार्े हैं।  सामाच्जक कायय शिक्षा के पाठ्यक्रम का सूचीबद्ध रूप में होना भी अत्युंर् आिश्यक है।  सामाच्जक कायय पेिे को मजबूर् करने के शलए ज्ञान का विकशसर् अिस्था में होना अत्युंर् आिश्यक है।
  • 10.  सामाच्जक कायय शिक्षा का भारर् में विकास र्ो हो रहा है लेककन इसको और सही प्रकार से लागू करना भी अत्युंर् आिश्यक है भारर् में शिक्षा को व्यिसाययक रूप देने की कोशिि की जा रही है जबकक इसको सेिा भाि के साथ ककया जाना अत्युंर् ही आिश्यक है बहुर् से सुंस्थानों में शिक्षकों की कमी होने पर भी िहाुं पर समाज कायय शिक्षा को पढाया जा रहा है अर्ः समझा जा सकर्ा है कक बबना शिक्षकों के ककस प्रकार की शिक्षा िहाुं प्रदान की जा रही होगी अर्ः इस ददिा में सुधार ककया जाना अत्युंर् ही आिश्यक है।