2. उपनाम :- एक भारतीय आत्मा
जन्म स्थान :- ग्राम बबई, जिला होशंगाबाद,
मध्य प्रदेश, भारत
कु छ प्रमुख कृ ततयााँ :- हहम ककरीटनी, हहम
तरंगगनी, युग चारण, साहहत्य देवता
वर्ववर्वध :- काव्य संग्रह "हहम तरंगगनी" के ललये
1955 का साहहत्य अकादमी। पद्म भूषण सहहत
अनेक प्रततजठित सम्मान और पुरस्कार से
सम्मातनत
जीर्वनी :- माखनलाल चतुवेदी / पररचय
3. कै दी और कोककला / माखनलाल चतुर्वेदी
क्या गाती हो?
क्यों रह-रह िाती हो?
कोककल बोलो तो !
क्या लाती हो?
सन्देशा ककसका है?
कोककल बोलो तो !
4. ऊँ ची काली दीवारों के घेरे में,
डाकू , चोरों, बटमारों के डेरे में,
िीने को देते नहीं पेट भर खाना,
मरने भी देते नहीं, तड़प रह िाना !
िीवन पर अब हदन-रात कड़ा पहरा है,
शासन है, या तम का प्रभाव गहरा है?
हहमकर तनराश कर चला रात भी काली,
इस समय काललमामयी िगी क्यूँ आली ?
5. क्यों हूक पड़ी?
वेदना-बोझ वाली-सी;
कोककल बोलो तो !
क्या हुई बावली?
अद््ध रात्रि को चीखी,
कोककल बोलो तो !
ककस दावानल की
ज्वालाएँ हैं दीखीं?
कोककल बोलो तो !
उपनामएक भारतीय आत्माजन्म स्थानग्राम बबई, जिला होशंगाबाद, मध्य प्रदेश, भारतकुछ प्रमुखकृतियाँहिम किरीटनी, हिम तरंगिनी, युग चारण, साहित्य देवताविविधकाव्य संग्रह "हिम तरंगिनी" के लिये 1955 का साहित्य अकादमी। पद्म भूषण सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानितजीवनीमाखनलाल चतुर्वेदी / परिचय
क्या गाती हो?क्यों रह-रह जाती हो?कोकिल बोलो तो !क्या लाती हो?सन्देशा किसका है?कोकिल बोलो तो !
ऊँची काली दीवारों के घेरे में,डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में,जीने को देते नहीं पेट भर खाना,मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना !जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है,शासन है, या तम का प्रभाव गहरा है?हिमकर निराश कर चला रात भी काली,इस समय कालिमामयी जगी क्यूँ आली ?
क्या हुई बावली?अर्द्ध रात्रि को चीखी,कोकिल बोलो तो !किस दावानल कीज्वालाएँ हैं दीखीं?कोकिल बोलो तो !
क्रिया शब्दों में लगने वाले प्रत्यय ( कृत प्रत्यय ) -
मूल शब्द
प्रत्यय
प्रत्यय युक्त शब्द
नकल
ई
नकली
खोद
आई
खुदाई
तैयार
ई
तैयारी
चल
आऊ
चलाऊ
पालन
हार
पालनहार
कतर
नी
कतरनी
लिख
आवट
लिखावट
उड़
आन
उड़ान
कृपा
आलु
कृपालु
घबरा
आहट
घबराहट
खेल
ना
खेलना
दे
य
देय
लेन
दार
लेनदार
भूल
अक्कड़
भूलक्कड़