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रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
परिचय
फितवब िव नवम : --------------रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
लेखि िव नवम : ------------------------िवज़़ी-उल-ि
ु ज़्जवत मस़ीहे फमल्लत
मोहम्मद अनर्र आलम
र्वफलद िव नवम : ------------------------मोहम्मद अब्बवस आलम अशरि़ी
बव-र्िवलत : ----------------------------सैय्यद शि़ील अहमद फिश्त़ी इब्ने
सैय्यद फ़रज़़ंद अल़ी फिश्त़ी
खखलवित :--------------------------------------------िवरो़ं फसलफसले ि़ी
ररहवइश : ----------------------------- म़ीरव रोड मु़ंबई ठवणे महवरवष्ट्र भवरत
मुक्कमल फडज़वइन :---------------------अल्लवमव मोहम्मद शमशवद आलम
(जवनश़ीने हुज़़ूर मस़ीहे फमल्लत )
फह़ंद़ी टवइफ ़ंग :---------------------------- स़ूि़ी अल़ी अिबर (सुल्तवन ुऱी)
छ वई :-------------------(05/03/2021, 20 रजबुल मुरज्जब 1442 फहजऱी )
सहवयि :---------------सैय्यद तवहव फिश्त़ी इब्ने सैय्यद शि़ील अहमद फिश्त़ी
प्रिवशि :---------------------दवरुल उल़ूम ि
ै ज़वने मुस्तिव एज़ूि
े श्नल टरस्ट,
म़ीरव रोड मु़ंबई
तबवअत :--------------------------------------- ि
ै ज़वने मुस्तिव अि
े डम़ी,
(मि
ा ज़ुल मरवि़ीज़ बवबुल इल्म जनरल लवइब्रेऱी)
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
01 - मनक़बत 18
02 - यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन 19
03 - फहन्द है र्तन मेरव 20
04 - तज़म़ीन बर अशआर हज़रत सै. ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 21
05 - तफ़्स़ीले शवह अस्त हुसैन 22
06 - बवदशवह अस्त हुसैन 22
07 - मतलबे शवह अस्त हुसैन 22
08 - बवदशवह अस्त हुसैन 23
09 - मतलब 23
10 - मुक़द्दमव 32
11 - फलखने ि़ी र्जह 38
12 - मुसलसल हयवत 38
13 - रद़ी अल्लवहु अन्हहु फलखने ि़ी र्जह 39
14 - बैय्यत क़
ु रवन ि़ी रौशऩी में 41
15 - बैय्यत ि
े बेगैर जवफहफलयत ि़ी मौत 43
16 - औफलयव अल्लवह 44
17 - र्ल़ी अल्लवह ि़ी अलवमत 45
18 - औफलयव-ए-िरवम ि
े अक़्सवम 47
19 - औफलयव-ए-िरवम ि
े िज़वएल 53
20 - मुरवक़बव 57
21 - द़ीने हक़ ि
े मफहम्मवत 58
22 - आज ि
े मजज़़ूब 61
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
23 - ि
ु त्ते ि
े अ़ंदर दस फसिवत 63
24 - नफ़्स ि
े सवत अक़सवम और उनि़ी तफ्स़ीलवत 65
25 - अर्वाह ि
े अक़सवम 72
26 - रूह और रूहवफनयत 75
27 - रूहुल अर्वाह फिल फह़ंद हज़रत सै. ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन 79
28 - औफलयव अल्लवह िव मक़वम 81
29 - द़ू सऱी र्जह 83
30 - त़ीसऱी र्जह (क़
ु तुबुल अक़तवब अव्वल़ीन अर्वाह) 86
31 - सर ज़म़ीने फहन्द 94
32 - बवबव रतन फहन्द़ी 95
33 - शैख़ ि़ी त़ीन दुआए़ं 98
34 - र्ह त़ीन दुआए़ं 98
35 - मक़ब़ूफलयत 99
36 - बुल़ंद मक़वम 104
37 - अशे आज़म 105
38 - हर्व 106
39 - ज़म़ीन 106
40 - लत़ीिव 106
41 - वऩी 107
42 - िवसव 108
43 - त्थर 108
44 - आग 109
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
45 - जवनर्र 110
46 - ेट िव बच्चव 111
47 - अलक़वबवते मुक़द्दसव 115
48 - मक़ब़ूले आम खखतवबवत 115
49 - अलक़वबवत ि़ी तशऱीह 116
50 - मुईन िव मतलब 117
51 - मुईने द़ीन 125
52 - यव मुईन िव फर्दा 126
53 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 128
54 - आ िव मुिद्दस खवनदवन 141
55 - सैय्यद गयवसुद्द़ीन हसन ि़ी मस़ीहवई 143
56 - जद्दे अमजद ख़्ववजव सैय्यद िमवलुद्द़ीन तवफहर 146
57 - र्वफलदे मवफजद ि़ी शवद़ी 147
58 - फर्लवदत मुबवरि 149
59 - जवए फर्लवदत 169
60 - फिश्त़ी और अजमेऱी से शोहरत 150
61 - नसब नवमव-ए- ेदऱी 152
62 - नसब नवमव-ए-मवदऱी 153
63 - हुफलयव शऱीफ़ 154
64 - जमवले मुस्तिव (स.अ.) ि़ी एि झलि 155
65 - अक़से जम़ील 156
66 - आितवबे फर्लवयत ि़ी जलर्व नुमवई 157
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
67 - क़तव-ए-तवऱीख़ फर्लवदते बव-सआदत 158
68 - फशिमे मवदर में िलमव-ए-तैय्यबव िव फर्दा 159
69 - अक़्तवबो अब्दवल ि़ी मुबवरिबवद 159
70 - आ िव इसमे गरवम़ी 160
71 - बि न ि
े र्वफक़यवत 161
72 - गऱीब नर्वज़ िव एि ररक्कत आमेज़ र्वफक़यव 162
73 - बि न में खेलि
़ू द से द़ू ऱी 163
74 - तवल़ीम िव आगवज़ और र्वफलदे मवफजद िव इ़ंतक़वल 164
75 – र्वफलदे मवफजदव िव फर्सवल 164
76 - र्वफलदव मवफजदव ि
े इ़ंतिवल से मुतवअखल्लक़ मुख्तफलफ़ अक़र्वल 165
77 - र्वफलदे बुज़ुगार्वर ि़ी फर्रवसत 166
78 - गैब़ी मददगवर 166
79 - मजज़़ूब ि़ी आमद 168
80 - म़ंफज़ल ि़ी तलवश 170
81 - म़ंफज़ले मक़स़ूद ि़ी जवफनब हलव क़दम 171
82 - हुस़ूले इल्म 172
83 - ऩूर िव ज़ुहूर 172
84 - मौलवनव हसवमुद्द़ीन ि़ी ेशिश 174
85 - दो लुटेरो़ं से मुलवक़वत 175
86 - मेज़बवने ज़ईिव 177
87 - एि क़वफफ़ले ि़ी फक़समत जवग़ी 177
88 - क़ौमे गुज़ और हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 178
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
89 - गुज़्जो़ं ि़ी नस़ीहत 179
90 - अल्लवमव अब्दुल्लवह ख़्ववरज़म़ी से मुलवक़वत 182
91 - फख़दमते शैख़ में 183
92 - ररयवज़तो मुजवफहदव 185
93 - आ शैख़ ि
े सवथ बैतुल्लवह शऱीि में 186
94 - दरबवरे ररसवलत (स.अ.) में हवज़ऱी 188
95 - स्यवहतो फज़यवरत 189
96 - दरबवरे ररसवलत से फह़ंदुस्तवन जवने िव हुक्म 191
97 - स्यवहतो फज़यवरत ि़ी र्जवहत 192
98 - आ िबालव-ए-मोअल्लव में 198
99 - फह़ंदुस्तवन िव सिर 203
100 - र्जह तस्म़ीयव अजमेर 204
101 - अजमेर ि़ी तवऱीख़़ी म़ंज़र नवमव 205
102 - इल्मे नुज़ूम से हज़रत सै. ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव हुफलयव 208
103 - देहल़ी से अजमेर 209
104 - शवद़ी देर् िव आनव 211
105 - जोग़ी अजय वल 214
106 - रवजव िो फगरफ्तवर िरि
े लश्करे इस्लवम ि
े हर्वले फियव 221
107 - रवजव ि़ी धमि़ी 222
108 - इस्लवम़ी लश्कर ि़ी ितह 222
109 - बदलव लेने ि़ी तैयवररयव़ं 223
110 - द़ू सऱी ख़ू़ं रेज़ ज़ंग 227
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
111 - गौऱी बवरगवहे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी में 230
112 - शवद़ी मुबवरि 231
113 औलवदे हसनव 232
114- आ ि
े सवले सवहब 234
115 - मुिम्मल तबल़ीग़ी फनज़वम ि़ी तश्क़ील 234
116 - एख़्लवक़ र् आदवत 236
117 - गऱीब रर्ऱी 237
118 - आ ि़ी ि
ै य्यवज़़ी 238
119 - आ ि़ी सवदग़ी 239
120 - डोस़ी िव ख़्यवल 240
121 - मुऱीद र् मोअतक़़ीद से मोहब्बत 241
122 - तर्वज़े र् इ़ंफिसवऱी 242
123 - दुर्ेश ि
े सवथ हुसने सुल़ूि 242
124 - दवा ोश़ी 243
125 – अल्लवह िव ख़ौि 243
126 - इफत्तबव-ए-सुन्नत 244
127 - मोहब्बते रस़ूल (स.अ.) 246
128 - मुफशाद ि़ी तिऱीम 247
129 – नमवज़ 248
130 - ररयवज़तो मुजवफहदव 250
131 – अल्लवह िव इश्क़ 251
132 - शवने जलवलो जमवल 251
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
133 - आ से अि़ीदत और खुल़ूस 252
134 - आ ि़ी ि
ै ज़े रसवऩी 253
135 - इस्तगरवक़़ी ि
ै फियत 255
136 - फलबवस मुबवरि 256
137 - गुज़र औक़वत 256
138 - सिर ि़ी हवलत में 257
139 - हज़रत क़
ु तुबुल अक़्तवब िव बयवन 257
137 - नवइबुन्नब़ी फिल फह़ंद 260
138 - क़वफसमे ग़ंज़ीनव-ए-मवरेित 262
139 - इस्लवम ि
ै से ि
ै लव 262
140 - ृथ्व़ीरवज ि़ी औलवद 263
141 - उद़ूा जबवन ि़ी इखिदव 264
142 - तबल़ीग में िवमयवब़ी 265
143 – नत़ीजव 266
144 - तफ्स़ीले खोलिव-ए-फिरवम 267
145- आ ि
े खोलिव 268
146 - सवफहबे मजवज़ खोल्फव-ए-अफजन्नव 271
147 - फर्सवले हक़ 271
148 - ख़्ववजव ि
ु तुब ि़ी सोिने ि़ी र्जह 272
149 - नमवज़े जनवज़व र् तिि़ीनो तदि़ीन 275
150 - रौज़व-ए-अक़्दस 267
151- तवऱीख़़ी तफ़स़ीलवत 278
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
152 – तसवऩीि 285
153 - ख़सवइले मुतबरािव र् इस्तेगरवक़ 285
154 - हुसने खुल्कक़ 286
155 – रहेज़गवऱी 286
156 - फ़ज़लो िमवल 287
157 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी और सेमव 287
158 - ि
ै फियते सेमव 289
159 - सेमव ि
े र्ह अशआर 292
160 - सेमव एि मुख्तफलि ि़ीह मसलव 295
161 - हज़रत फिरवग देहलऱ्ी िव नज़ररयव-ए-सेमव 296
162 - सेमव ि
े शरवयत 298
163 - महवफिले सेमव तबल़ीग िव मोअखिरे ज़ररयव 300
164 - इस्लवम में मौस़ीक़़ी ि़ी हैफसयत 301
165 - अ़ंफबयव-ए-फिरवम (अ.) ि़ी खुश आर्वज़़ी 306
166 - फिक़ह़ी मज़वफहब ि़ी रौशऩी में नवगमग़ी िव तसव्वुर 317
167 - िोक़हव-ए-अहनवि िव मर्क्कक़फ़ 318
168 - फिक़हे मवफलि़ी में गेनव से मुतवअखल्लक़ मर्क्कक़फ़ 321
169 - फिक़हे शविई में गेनव िव तसव्वुर 323
170 - िोक़हव-ए-हनवबलव िव मर्क्कक़फ़ 327
171 - ख़ुलवसव- ए-बहस 333
172 - सहवबव तवबईन और ओलमव िव मज़वम़ीर ि
े सवथ सेमव सुननव 334
173 - मज़वम़ीर ि
े सवथ सुनने र्वले सहवबव 334
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
174 - मज़वम़ीर ि
े सवथ सुनने र्वले तवबईन 335
175 - मज़वम़ीर ि
े सवथ सुनने र्वले ओलमव 335
176 - मलि
़ू ज़वते मुक़द्दसव 337
177 - िरवमवते हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 344
178 - खवनव-ए-िवबव िव तर्वि 345
179 - मज़ल़ूम नर्वज़़ी 345
180 - फनगवहो़ं से ओझल हो गए 346
181 - मौत से ररहवई 347
182 - नवब़ीनव िो आ़ंखें अतव िर द़ी 347
183 - िरवमवते ख़ल़ील़ी 349
184 - भ़ूखे र रहम 350
185 - छ: रोफटयव़ं 351
186 - हवथ़ी त्थर िव 351
187- िवबव फदखव फदयव 352
188 - दस्ते गैब 352
189 - फदल्ल़ी िव बवदशवह 353
190 - मुखश्कल मसवयल िव हल 354
191 - बसा से फनजवत फमल गई 354
192 - लडिव हो गयव 355
193 - गैब ि़ी ख़बर 355
194 - मुदवा सर सब्ज़ हो गए 356
195 - दुश्मन दुर्ेश हो गयव 356
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
196 - गवय फज़न्दव हो गई 357
197 - बदिवर र्वल़ी हो गयव 357
198 - बफछयव ने द़ू ध फदयव 358
199 - द़ू ध ़ी फलयव 359
200- ि
ु छ िरवमवत िव खुलवसव 360
201 - तसरु
ा िवते रूहवऩी 363
202 - शवने बन्दव नर्वज़़ी 363
203 - हज़रत ग़ंजे शिर ि़ी इस्लवह 365
204 - हज़रत बवबव िऱीद ग़ंजे शिर ि़ी ख़ुस़ूस़ी नमवज़ 366
205 - सलवम िव जर्वब 367
206 - बवदशवह जहव़ंग़ीर ि़ी मन्नत 368
207 - आ ि़ी नज़र 369
208 - मुसविव ि
े फलए हवथ बवहर आ गयव 370
209 - वन ि़ी फगलर्ऱी इनवयत िरमवई 371
210- एि बद अक़़ीदव दरबवरे ख़्ववजव में 372
211 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव िखरुद्द़ीन गुदेज़़ी 373
212 - मज़वरे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव िखरुद्द़ीन गुदेज़़ी 375
213 - फजन्नवत 376
214 - सहवब़ी फजन्न 379
215 - सवफहबे फमजवज़ खोलिव-ए-अफजन्नव 381
216 - िरम ि़ी बवररश 381
217 - जन्नत़ी दरर्वज़व ि़ी र्जह 383
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
218 - आ ने नमवज़े जनवजव ढवई 384
219 - फतलवर्ते क़
ु रवन अज़़ीज़ थव 384
220 - आ ि
े ज़मवने ि
े मुखस्लम बवदशवह 386
221 - ऐन ब़ंदग़ी है 387
222 - आ ि़ी तबल़ीग़ी जद्दो-जहद 389
223 - तबल़ीगे नबऱ्ी िव हस़ीन अक्स 391
224 - रस़ूल (स.अ.) और अतव-ए-रस़ूल 394
225 – गलत िहम़ी िव एज़वलव 395
226 - फिश्त़ी ऱंग 396
227 - इ़ंक़लवब ि
े बवऩी 396
228 - आ ि़ी मस़ीहवई 397
229 - अशआर 398
230 - शहवबुद्द़ीन गौऱी 399
231 - ि
ु तुबुद्द़ीन ऐबि 399
232 - शमसुद्द़ीन अल्तमश 400
233 - बवदशवह महम़ूद खखलज़ी 400
234 - बवदशवह बवबर र् बवदशवह हुमवय़ू़ं 401
235 - बवदशवह अिबर 401
236 - बवदशवह जहव़ंग़ीर 403
237- शवहजहव़ं 404
238 - अबुल मुज़फ्फर बवदशवह औऱंगज़ेब 404
239 - इमवरते आस्तवनव-ए-आफलयव 405
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
240 - नक्कवर ख़वनव-ए-उस्मवफनयव 406
241 - नक्कवर ख़वनव शवहजहवऩी िलमव िव दरर्वज़व 406
242 - अिबऱी मखिद 407
243 - बुल़ंद दरर्वज़व 408
244 - बड़ी डेग 408
245 - छोट़ी डेग 409
246 - शवमे फिरवग 409
247 - महफिल ख़वनव 409
248 - हौज़ 410
249 - ल़ंगर ख़वनव 410
250 - प्यवले ि़ी छतऱी 410
251 - मखिद स़ंदल र्वल़ी 411
252 - औफलयव मखिद 412
253 - मज़वर फनज़वमे फसक़्कव 412
254- बेगम़ी दवलवन 413
255 - गु़ंबद मुबवरि 414
256 - क़
ु रवन मज़ीद 414
257 - मज़वर सैय्यदव ब़ीब़ी हवफफ़ज़व जमवल सवफहबव 415
258 - मज़वरे दुख्तरे शवहजहव़ं 415
259 - जन्नत़ी दरर्वज़व 416
260 - अिवाट िव दवलवन 416
261 - मवलर्व र्वलो़ं िव दवलवन 416
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
262 - झवलरव 417
263 - अहवत-ए-िवरयवर 417
264 - जवमव मखिद शवहजहवऩी 418
265 - फिल्लव क़
ु तुब सवहब 419
266 - दौलत बवग 419
267 - फिल्लव शवह मदवर 419
268 - हज़रत बवबव िऱीद िव फिल्लव 420
269- आ ि
े ब़ीफर्यो़ं ि
े मज़वरवत 420
270 - ढवई फदन िव झो डव 420
271 - अिसोस 422
272 - फक़लव तवरवगढ 424
273 - खुद्दवम हज़रवत िव तवल्लुक़ और फनस्बत 425
274 - दरगवह शऱीि ि
े रुस़ूमवत 426
275- अगर आ िवहते हैं फि 427
276 - तो आ िो िवफहए फि 427
277- आ भ़ी 428
278 - झ़ंडव िढवने ि़ी रस्म 428
279 - उसा मुबवरि ि
े रुस़ूमवत 428
280 - फख़दमत ि़ी औक़वत 429
281 - गुस्ल शऱीि 429
282 - जन्नत़ी दरर्वज़व खुलने ि
े औक़वत 430
283 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव मक़वम 431
284 - इरशवदवते हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 432
285 - दरबवर शऱीि र हवफज़ऱी ि
े आदवब 433
286 - मुझ र िरम नर्वज़़ी 435
287 - सलवम 437
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स.न० उनर्वने ेज नम्बर
288 - भ़ूल़ी हुई मन्नते ि
ै से अदव िरें? 438
289 - तिस़ील 438
290 - बव-र्िवलत 439
291 - ख़तरनवि सव़ं 442
292 - डवि
़ू ने हवथ ि़ूमव 442
293 - हवफसद़ीन 446
294 - ि
ु छ अच्छ़ी बवतें 447
295 - फलबवस 449
296 – एतेमवद 449
297 - तौबव 450
298 - दुआ 450
299 - ज़म़ीर 450
300 - सबसे मुख़्तसर 451
301 - िलमव-ए-तैय्यबव ि
े दो फहिे 451
302 - स़ूरह िवफतहव ि
े िज़वयल 452
303 - फसि
ा 2 फमनट ि़ी तर्ज्जव 460
304 - मक्ख़ी ि़ी तरह नव बनो 461
305 - मधुमक्ख़ी बने 461
306 - मनक़बत हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 462
307 - मैं मद़ीने िलव 463
308 - नज़्म दर क़
ु रवऩी आयवत 464
309 – इस्लवम़ी हिवन त्र 466
310 – रहमतुल-फलल-फहन्द 467
311 – खवत्मव 469
312 – तविुरे हसनव 471
313 – रस्मे इजरव 473
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
मनक़बत
फ़रज़़ंदे अल़ी ि
े दर से फनजवत ले जवओ |
ख़्ववजव बवट रहे हैं खैरवत ले जवओ ||
ज़म़ीने फह़ंद है यह स़ूफियो़ं ि़ी बस्त़ी है |
बवट रहे हैं हुि
़ू मत खैरवत ले जवओ ||
गुलवमे ख़्ववजव िभ़ी मरतव नह़ी़ं जवद़ू गर |
दवमन में ल ेटो अजय वल हयवत ले जवओ ||
ख़्ववजव-ए-फह़ंदल र्ल़ी ि़ी शवन क्यव िहनव
बरस रह़ी है रहमत फदन रवत ले जवओ ||
हव़ं यह़ी है फहन्द ि
े सुल्तवन क्यव िहनव |
मोहब्बत ि
े एर्ज़ नेमते िवयनवत ले जवओ ||
उन ि
े दरबवर में तजल्ल़ी है मद़ीने ि़ी |
बट रहे हैं हसनैन ि
े सदक़वत ले जवओ ||
नज़र आत़ी है यहव़ं नजि ि़ी शवन क्यव िहनव |
भर लो दवमन अ ने ऐ अनर्र सौगवत ले जवओ ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
या ख़्वाजा मुईनुद्दीन हसन
नर्वस-ए-रस़ूले ज़मन यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन |
िरज़़ंदे हुसैनो हसन यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
देखखए हवल बे क़रवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन |
र्ज्द में हैं सद हज़वरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
आस्तवने वि तेरव मस्कने बे िवरगवाँ |
मव मन हर फदल ि
ु गवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
आ ि
े फबन िौन दवमन में छु वएगव मुझे |
जुमें इफसयव़ं बेशुमवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
जव़ं फिदव िरने तुम्हवऱी जलर्व गवहे नवज़ में |
सि ब सि हैं जव़ं फनसवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
आ ि
े ददे मोहब्बत िो फलए िलतव रहव |
आए फितने रहगुज़वरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
आ ि
े फबन गमज़दो िो फिस ने द़ी जवए नवह |
लवख देखे गमगुसवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
ख़वि सवरवने दरे अक़दस िव दवर्व तो नह़ी |
ख़वि अमें आाँ ख़विसवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
जुमलव यवरवने तोरव महब़ूब तर दवनम ज़जव़ं |
मन गुलवमे जुमलव यवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
हवाँ अनर्र अशरि ने देखव आस्तव़ं र आि
े |
सरनगो़ं हैं तवजदवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
हहन्द है वतन मेिा
लहू लवल फज़न्दग़ी हररयवल़ी सि
े द है ििन मेरव |
मैं गुलवमे ख़्ववजव हू़ं फहन्द है र्तन मेरव ||
ज़म़ी़ं े सजदव तयम्मुम भ़ी मदिन भ़ी यह़ी़ं |
मुसलमवनवने फहन्द िो फितनव अज़़ीज़ है र्तन मेरव ||
िरतव रहू़ंगव तवऱीि अ ने र्तन ि़ी हरदम |
फसतम ि
े बवर्ज़ूद नवगमव सरव है दहन मेरव ||
ख़्ववजव ि
े फबठवए ऊ
़ं ट न उठव सि
े अनर्र |
गुलवमो़ं िो िौन हटवएगव मुतमइन है ज़हन मेरव ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
तज़मीन बि अशआि
हज़ित सैय्यद ख़्वाजा हहिंदल वली
ऩूरे िश्मे मोहम्मद मुस्तिव अस्त हुसैन |
रवहते ज़हरव र् मुताज़व अस्त हुसैन ||
शहसर्वरे शोहदव-ए-िरबलव अस्त हुसैन |
रवफक़बे दोशे मुस्तिव अस्त हुसैन ||
शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन |
द़ीन अस्त हुसैन द़ी़ं नवह अस्त हुसैन ||
बदबख़्त अस्त यज़़ीद ल़ीद अस्त यज़़ीद |
शरवब़ी अस्त यज़़ीद ज़वऩी अस्त यज़़ीद ||
हमव बुरवइए ज़मवनव ऊ बवऩी अस्त यज़़ीद |
अव्वल लवनत़ी अज़वज़़ील सवऩी अस्त यज़़ीद ||
सर दवद न दवद दस्त दर दस्ते यज़़ीद |
हक्कक़व ि
े फबनवए लव इलवहव अस्त हुसैन ||
दर ख़यवले नमवज़े खैरुलर्रव अस्त हुसैन |
ऐ जर्वनवने बफहश्त सरदवर अस्त हुसैन ||
दर आमदे हुसैन खुतबव बन्द िरदन य़ंबर |
फ़खरे अर्वाहे आलमे अर्वाह अस्त हुसैन ||
नेदवये रुह़ी रूह अस्त हुसैन |
इसमे अल्लवह ज़वत अस्त हुसैन ||
बिौले मुस्तिव इाँ अस्त हुसैन |
अल हुसैन फमन्ऩी र् अनव फमन अस्त हुसै ||
सलवम बर मुईनुद्द़ीन हसन फिश्त़ी |
अतवये रस़ूल मुईन जद अस्त हुसैन ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द ख़्ववजव मुईन |
अनर्र तमन्नव-ए-आमदे फहन्द मुईन अस्त हुसैन ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
तफसीले शाह अस्त हुसैन
लफ्ज़े शवह रूह ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
लफ्ज़े शवह आलमें लव-मिव़ं ि
े फलए इस्तेमवल होतव है।
लफ्ज़े शवह आलमे बवफतन ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
लफ्ज़े शवह तऱीक़त र् िक्र ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
बादशाह अस्त हुसैन
लफ्ज़े बवदशवह फजस्म ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
लफ्ज़े बवदशवह आलवमे नवस़ूत ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
लफ्ज़े बवदशवह आलमे ज़वफहर ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
लफ्ज़े बवदशवह शऱीयत ि
े फलए इस्तेमवल होतव है |
मतलबे शाह अस्त हुसैन
हुसैन रूह हैं |
हुसैन हक़़ीक़ते लवमिवाँ हैं |
हुसैन ेशर्वए बवफतन हैं |
हुसैन िक्रो तऱीक़त ि
े मुक़तदव हैं |
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
बादशाह अस्त हुसैन
हुसैन फजस्म हैं |
हुसैन ह़ी दुफनयव हैं |
हुसैन जलर्ए ज़वफहर हैं |
हुसैन ेशर्वए शऱीयत हैं |
शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन |
मतलब
ज़वफहर हुसैन, बवफतन हुसैन, अव्वल हुसैन, आफख़र हुसैन,
ज़वफहर हुसैन, बवफतन हुसैन, द़ीन हुसैन, दुफनयव हुसैन,
अज़ल हुसैन,अबद हुसैन, शऱीयत हुसैन, तऱीक़त हुसैन |
शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन |
दीन अस्त हुसैन, दीिंपनाह अस्त हुसैन ||
रूह भ़ी हुसैन हैं, फजस्म भ़ी हुसैन हैं, ज़वफहर में भ़ी हुसैन हैं, बवफतन में
भ़ी हुसैन है, तिम़ीले इ़ंसवफनयते द़ीन भ़ी हुसैन हैं, द़ीन िो क़यवमत
ति नवह देने र्वले भ़ी हुसैन हैं |
सि दाद ना दाद दस्त दि दस्ते यज़ीद |
हक्का क
े बेनाए ला इलाहा अस्त हुसैन ||
सर दे फदयव मगर नह़ी़ं फदयव अ नव हवथ यज़़ीद ि
े हवथ र |
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
हक़ तो यह है ि
े लव इलवहव (अल्लवह बस मव फसर्व अल्लवह) इश्क़
ि
े दवस्तवन ि़ी बुफनयवद भ़ी हुसैन हैं। िरबलव तेऱी खवि ि
े हर ज़रे
ि़ी अज़मत र् ररिअत और िमवफलयवत िो सलवम
नेदाए रुही रूह अस्त हुसैन, इसमे अल्लाह ज़ात अस्त हुसैन |
सवगरे इरिवने फहदवयत "क़
ु रवन मज़ीद" ि़ी स़ूरह अल क़स में "अल
बुक्कतुल मुबवरिः " से मुरवद “िबालव-ए-मुअल्लव' है।
सुरवख म़ी शर्द फदले मवि़ू़ं गुल हुसैन,
हर जव ि
े फज़क्र
े हक़़ीक़ते िरबलव बोर्द ।
साहहब िं
रौनि
े शम्मे इरिव़ं र्वसल़ीन र् आफशक़़ीन ि़ी जवन ज़ीनते शोहदव-
ए-िमवल, मम्ब-ए-मरिज़ुल जमवल मरवफतबुशशवन अल्हस़ीनुल
हुसैन अलैफहिलवम" यवऩी आलमे नवस़ूत में जहव़ं ज़वतो िमवल
(रू ) में सज धज ि
े नब़ूव्वत र् फर्लवयत अ ऩी शवन ि
े लवयक़
भर ़ूर अ़ंदवज़ से मवरूि में जलर्वगर हो | ज़वत ि
े मरतबे िो
“हुसैन” िहते हैं ।
दरनर्वये फज़़ंदग़ी सोज़ अज़ हुसैन,
अहले हक़ हुररायत आम़ूज़ अज़ हुसैन।
गमें हुसैन मे रोनव सुन्नते रस़ूल सल्लल्लवहु अलैफह र् आफलह़ी र्
सल्लम है और उस गम र् अश्कबवऱी और फगररयव िव तअलुक़ ज़ेरे
इरिवन र् इश्क़ इस िरमवने हक़़ीक़त “अल हुसैनो फमफन्न र् अनव
फमनल हुसैन "ि़ी मवरेित र् इरिवन से मशरूत है।अज़ बस फि
यह हक़़ीक़त बवइसे तशऱ्ीश र् अज़़ीयत है फि िबालव-ए-मुअल्लव
में गुलशने ज़हरव िो उजवडने र्वले, ज़ुररायते ैगम्बर िव तमवशव
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
देखने र्वले, बनवने र्वले मुसलमवन थे । फजब्रवईल (अ.) िव यह ैगवम
उम्मत ि
े फलए तव- क़यवमत फिस़ी आित से िम नह़ी़ं ।
‫محمد‬ ‫یا‬
‫ان‬
‫ىي‬‫ل‬‫ا‬ ‫یده‬ ‫واما‬ ‫بعدک‬ ‫ن‬‫م‬ ‫السالم‬ ‫علیہ‬ ‫حسنی‬ ‫"ہذا‬ ‫ابنک‬ ‫ل‬‫تقت‬ ‫امتک‬
‫صدره‬‫اىل‬‫وضمه‬‫اهلل‬‫رسول‬‫فبیک‬‫الحسنی‬
०
तजुामव :- ऐ मुहम्मद ! आ ि़ी रेहलत ि
े बवद आ ि़ी उम्मत इस
िरज़न्द (इमवम हुसैन) िो शह़ीद िर देग़ी ।
फजब्रवईल ि़ी यह बवत समवअत िरने ि
े बवद हुज़़ूर सैय्यदे आलम
(स.अ.) रोने लगे | और इमवम हुसैन िो अ ने स़ीने से लगव फलयव ।
अहले हक़ ि
े फलए सर्वनेह िबालव र्वफियव नह़ी़ं हक्क
ु ल्यक़़ीन ि़ी
इस्तेजवबे फसरु
ा ल हक़़ीक़त है | और "हक़़ीक़ते िबालव देखने
(मुशवफहदव) िव नवम है, ऐनुल यक़़ीन है। बवद अज़ िबालव, र्ज़ूद
मेजवज़ (फजस्म) और बवफतन (रूह र् िल्ब) र हक़़ीक़ते िबालव
ब़ीतन िव नवम है ।” यवऩी हक्क
ु ल यक़़ीन है। िबालव ऐसव मितबे
इश्क़
े ज़वत है फजसमे इबवदतो मवरेित, फिदविवऱी, तसल़ीमो रज़व,
जमवलो जलवल, इस्तेक्लवल, शुजवअत र् गैरत, सआदत र् फनजवत
मताबव अज़़ीम शहवदतुल यक़़ीन है | हक़़ीक़ते िबालव एि मुिम्मल
जविव र् आईनये हयवत है ।
सच्चा इश्क़ हसन इब्ने अली द बाहु सिडेवे िाज़ ने भने ह
ऐ इ़ंसवनो़ं सुनो़ं ! हज़रत सैय्यदनव इमवम आल़ी मक़वम हुसैन
अलैफहिलवम फसफ़
ा िबालव र् द़ीन ि़ी ज़रूरत नह़ी़ं बखि ि
ु ल
अ़ंफबयव-ए-िरवम ि़ी भ़ी ज़रूरत हैं सैय्यदे आलम (स.अ.) ने
िरमवयव ‫ویری‬
‫یل‬‫مث‬‫ایکم‬ तुम में से िौन है मेऱी तरह ? मज़ीद
िरमवयव:
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
"
‫احد‬‫یوذى‬‫وما‬‫اهلل‬‫يف‬‫اوذیت‬‫ولقد‬
"०
तबल़ीगे द़ीन ि
े रवस्ते में फजतऩी अफज़य्यत र् तिवल़ीि मुझे द़ी गई
फिस़ी और िो इतऩी अज़़ीय्यत नह़ी़ं हु़ंि़ी अब ज़ेरे इरिवन इस
िरमवने वि
"
‫"الحسنی‬‫ن‬‫م‬‫وانا‬‫ىن‬‫م‬‫الحسنی‬
"०
ि
े सवथ िबालव में जवने मोहम्मद (स.अ.) मसवइबो अलम,
मुखश्कलवतो ज़ुल्मो फसतम ि
े हवड ट़ू टने र्वल़ी हस्त़ी ज़ब़ीहे आज़म
ि़ी हक़़ीक़त र् मवरेित ि़ी जेहत क़दम बढव | नवम नेहवद शऱीयत
र्वले आफद, नमवज़़ी और उनि़ी ज़ुररायत अ़ंजवम, हैरवनो रेशवन है |
और तव क़यवमत रहेग़ी और ि
े उन्ो़ंने "फिसि
े " सवथ क्यव फियव है
हक्क
ु ल-यक़़ीन र्वलो़ं ि
े फलए यह "मै" रवज़े फसरु
ा ल िवयनवत है ।
तहक़़ीक़ हुज़़ूर बवइसे तखल़ीि
े िवयनवत ि़ी "मै" रब, अल्लवह,
रहमवन "मै" ि
े मवबैन िोई फ़ि
ा नह़ी ।
सवफहबवने ! हुसैऩी होने ि
े फलए फिस़ी फफ़क़
े र् मज़हब से मु़ंखस्लि
होने ि़ी ज़रूरत नह़ी | फसि
ा हक़़ीक़़ी इ़ंसवफनयत र् िल्बे सल़ीम ि़ी
ज़रूरत है ।
"अठािह हज़ाि जू आलम आहा आगे हुसैन दे मदे ह ,,
साहदक
े दीन इन्ााँ दा बाहाँ जेडे सि क
ु बाानी कि दे ह ||
क़
ु रवन लवरैब फितवब म़ंबव-ए-फहदवयतो़ं मवरेफ़त है। ि
ु रवने वि िव
र्ह अहले बैत एि द़ू जे से मरब़ूत हैं | अलग नह़ी़ं हो सिते "‫ص‬ "
"सवद" र्वल़ी स़ूरतो़ं िव मजमुआ फितवब़ी शक्ल में है | जबफि " ‫س‬
" "स़ीन" र्वल़ी स़ूरतें मुजिम हैं जो नवस़ूत में िलत़ी फिरत़ी फदखवई
देत़ी हैं । आह िवश ! आ़ंख र्वलव "इस" क़
ु दरते ज़ेबव िव नज़वरव
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
देखे अल-अस्ल रूहे इबवदत "आदत" िो ति
ा िरने फमसदवक़
मवरेित होिर रर्वयत़ी आदत बईद िरने िव नवम है । नव फि
आदत बनव लेने िव | आदत र गवफलब आनव ह़ी िमवले िज़़ीलतो
इिरवम है। फजगर गोशव-ए-सैय्यदे िवयनवत िो शह़ीद िरने र्वले
नवमो नेहवद शऱीयत र्वले रर्वयत़ी आफद, नमवज़़ी थे | जो इमवमे
बरहक़, शमए रहमते हवद़ी यवऩी इमवमे फहदवयत से टिरवने गए,
तहक़ीक़ ! आफद जब हवद़ी से तसवदम िरेगव यवऩी ज़ंग िरेगव द़ू र
िोई भ़ी हो ऐने हक़़ीक़त है ि
े िबाल ने ह़ी ब व होनव है क़यवमत ह़ी
बर व होग़ी।
आ़ं इमवमे आफशिव़ं ुर बुत़ूल सरो आज़वदे
जफबस्तवने रस़ूल
अल्लवह अल्लवह बवए फबखस्मल्लवह फ दर मवनव फज़बहे अज़़ीम
आमदे फ सर
ऐ हक्क
ु ल यक़़ीन र्वलो़ं ! लो अब िबालव िव नज़वरव देखो ि
े फिस
फिस ि
े सवथ क्यव क्यव हुआ है यवद रखो फितवब “सवनेह िबालव "
बयवन िर सित़ी है। हक़़ीक़ते िबालव नह़ी़ं | ये हक़़ीक़त आलमे
अल्लवह में
"
‫الحس‬
‫ی‬
‫ن‬
‫الحس‬
‫ی‬
‫ن‬
" “सैय्यद” मुशवहेद-ए-हक्क
ु ल यक़़ीन से बयवन िर
सितव है।
अल़ी िव ज़ेब र् ज़ेन फज़न्दव है
िवफतमव िव िैन फज़न्दव है
न ़ूछ र्क़्त ि
े इन बे ज़बवन फितवबो से
सुनो अज़वन तो समझो हुसैन फज़न्दव हैं।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
(दवनव-ए-रवज़) जल्लव जलवलहू र् सलवमुल्लवह़ी अलैफहम अजमईन ||
दशान िो तरसत़ी हू़ं मोरे भवग जगवओ अजमेर बुलवओ
ि़ूम़ू़ं मैं तेरे रौज़व-ए-अनर्र ि़ी जवल़ी अजमेर ि
े र्वल़ी
अस्सलामु अलैक
ु म व िहमतुल्लही बिकातुहु
हज़रत क़वज़़ी सवहब मैं आ ि़ी बवरगवह में अज़ा िरतव हूाँ फि ि
ु छ
तहऱीरें शोशल म़ीफडयव र गफदाश िर रह़ी है जो ि
े दजा ज़ेल है......
र्ह इबवरवत यह हैं !
शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन
द़ीन अस्त हुसैन द़ी़ं नवह अस्त हुसैन
सर दवद नव दवद दस्त दर दस्ते यवज़़ीद
हक्कव ि
े बेनवए लव इलवहव अस्त हुसैन
मज़ि
़ू रव रोबवई र ि़ंद एतरवजवत ि
े जर्वबवत आज िल ये
अशआर अक्सर महवफिल में ढे जवते हैं और ये िहव जवतव है फि
यह अशआर हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ने फलखव है |
हवलव़ंफि हक़़ीक़त तो ये है फि यह अशआर हज़रत सैय्यद ख़्ववजव
फहन्दल र्ल़ी ि
े िलवम है ह़ी नह़ी़ं और फिर इस िौथे शेर िव मवनव
ह़ी ि
ु फियव है फजसिव मफ़हूम ये बनतव है ि
े अल्लवह ि़ी तौह़ीद ि
े
बवऩी हुसैन हैं| (अस्तगफिरुल्लवह) "शाह अस्त हुसैन बादशाह
अस्त हुसैन" हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी िव नह़ी़ं है | गऱीब
नर्वज़ होिर इतऩी ि
ु फियव बवत नह़ी िर सिते | यह दर अस्ल
एि ईरवऩी शवयर मुईनुद्द़ीन हसन स़ंजऱी ि
े हैं जो फशयव थव | अब
अहले सुन्नत नवदवफनश्तव तौर र फशयव दवफनश्तव तौर र हज़रत
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ि़ी तरि मनस़ूब िरते हैं । और फिर
इस शेर िव मवनव ह़ी गलत है |
"हक्का क
े हबनाये ला इलाहा अस्त हुसैन" इस िव मवनव यह है
ि
े अल्लवह ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं | लव इलवहव ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं
(सुम्मव मवज़ल्लवह) इस मिहूम र यह़ी बनव ि
े हुसैन अल्लवह ि़ी
बुफनयवद हैं | हुसैन हले हैं और अल्लवह बवद में है |
(अस्तगफिरुल्लवह) तो यह इस्लवम है यव ि
ु ि ? यक़़ीनन ि
ु ि है ।
इस तरह ि़ी खुरविवत शोशल म़ीफडयव र िल रह़ी है ख़ुस़ूसन
क़ाज़ी उल क
ु ज़्जात साहब इस र रौशऩी डवलें तवफि हक़़ीक़त
अर्वम िो तव िले और लोगो िो तव िले और लोग गुमरवह होने
से बिें ?
सैय्यद मोहम्मद तवहव फिश्त़ी अजमेर शऱीि
अल-जवाब :- फबऔफनल मलफिल र्हवब इस तरह जवफहल ि़ी
जेहवलत उज़्र नह़ी़ं सवयल ने यहव़ं जवफहल और आफलम में फ़ि
ा
फदखविर फबलव र्जह क़वफबफलयत जतवई है | र्ह शेर फजसिव भ़ी हो
उसमें जरुरते शवयऱी ि़ी र्जह से ़ूरव िलम-ए-तैय्यबव मज़ि
़ू र
नह़ी़ं है | मगर जवफहल ि
े सवमने क्यव ज़रूरत थ़ी फजस िव बवइस
उसने “लव इलवहव” र एखतेसवर फियव उसिव फबलव ज़रूरत “लव
इलवहव” र एक़तेसवर िरनव जेहवलत है | क्यो़ंफि फसि
ा इतनव
िलमव िव मवनव यक़़ीनन क़ब़ीह बखि उसि़ी हक़़ीक़त र नज़र
ि़ी जवए तो ि
ु ि है |
मगर जवफहल ि़ी मुरवद हरफगज़ र्ह मवनव नह़ी़ं है जो क़ब़ीहो ि
ु ि
होतव है | इसफलए उस र हुक्मे ि
ु ि न होगव ।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
‫اذالم‬‫اما‬‫لالیمان‬‫معتقد‬‫النہ‬‫یكفر‬‫ال‬‫به‬‫كلم‬‫یت‬‫ولم‬‫اهلل‬‫اال‬‫یقول‬‫واردان‬‫الہ‬‫ال‬‫قال‬‫ن‬‫م‬
‫کافر‬ ‫فهو‬‫فقط‬‫ىف‬‫لن‬‫ا‬‫وارد‬‫ثبات‬‫اال‬‫لہ‬‫یا‬‫یخطر‬
०
‫نمرب‬‫(جلد‬
6
،
‫صفحہ‬
347
)
शेर मज़ि
़ू रह हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव ह़ी है आज ति
सभ़ी ने इन अशआर िो उऩ्ी ि़ी तरि मनस़ूब फियव है और
दरबवरे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी में फलखव देखव | मगर
आज ति फिस़ी ज़ी इल्म यव फिस़ी ़ीरे तऱीक़त ने इन अशआरो़ं
र ि
ु छ नह़ी़ं िरमवयव | यवद रहे फि फ़वरस़ी में अशआर हज़रत
सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ने दवतव ग़ंज बख्श लवहौऱी ि़ी शवन में
भ़ी फलखव है | उन ि
े खोलिव ने भ़ी िहव है लेि़ीन इसिव मिहूम
दुरुस्त है र् ज़ने शवयऱी ि़ी र्जह से अगर इसमें “लव इलवहव” र
एख़तेसवर दुरुस्त है। तो इसिव मतलब हरफगज़ नह़ी़ं ि
े फबलव
ज़रूरत भ़ी एक़तेसवर दुरुस्त है | ज़रूरते शवयऱी इस र दवल है ि
े
िवयल ि़ी मुरवद यक़़ीनन ़ूरव िलमव है | स्यवक़
े िलवम से भ़ी
इसि़ी तवईद होत़ी है | अगर मवज़ल्लवह नि़ी महज़ मुरवद हो तो
द़ीन और द़ीन नवह होने ि
े बजवए उसिव अक्स हो जवयेगव और
जब नफ़़ी महज़ नह़ी तो सैय्यदनव हुसैन वि महज़ ि़ी बुफनयवद
िहव़ं हुए ि
े तौह़ीन िव सर्वल ैदव हो फमसरव िव मतलब यह
िलमव-ए-तैय्यबव ि
े हक़ ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं िलम-ए-तैय्यबव िव
एि हक़ यह भ़ी है िवफसिो िवफजर ि
े हवथ र बैय्यत न ि़ी जवए
और उसे सैय्यदुल अ़ंफबयव िव जव नश़ीन तस्ल़ीम नव फियव जवए |
यक़़ीनन उस हक़ िो इमवम ने िवफमल तौर र ़ूरव फियव और
यज़़ीद ल़ीद ि़ी फमट्ट़ी ल़ीद िरि
े रख फदए और िलमव ि़ी लवज
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
रख ल़ी और मवनव ि
े फलहवज़ से द़ीन नवह िहव गयव। हद़ीस
शऱीि में है :
‫الجنة‬‫ل‬‫خ‬‫فد‬‫اهلل‬‫اال‬‫الہ‬‫ال‬‫قال‬‫ن‬‫م‬
०
ि
े तशऱीह में ओलमव िरमवते हैं ि
े फजस ने यह िलमव ढव और
सवथ में भ़ी उसिव हक़ अदव फियव यवऩी अरिवने इस्लवम िो ़ूरव
फियव र्ह इस बशवरत िव हक़दवर है | य़ू़ं ह़ी मज़ि
़ू रह फमसरव में
िलमव-ए-तैय्यबव से िलमव-ए-तैय्यबव िव हक़ है | फिर ये बवत दौरे
यज़़ीद ि
े सवमने रख िर ि़ी गई है। जैसव फि इस तरह ि
े िलवम
एि मख्स़ूस दौर ि
े फलए ह़ी िह़ी जवत़ी है इसफलए “अस्बि
़ू नल
अव्वल़ून” इसमें शवफमल नह़ी़ं इस़ी र्जह से “इल्लल्लवह" उसि
े
ज़हन में हो सितव है । बखि एि मुसलमवन से यह़ी तसव्वुर फियव
जव सितव है | मज़़ीद हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ि
े
अशआर िो समझने ि
े फलए मुफहब्बे अहलेबैत होनव ज़रूऱी है ।
अगर यज़़ीद िव ज़रवा बरवबर भ़ी शवएबव है तो र्ह शख्स इन
अशआर िो नह़ी़ं समझ सितव इन अशआर में अगर न ज़रे अम़ीक़
से देखे तो इल्मे मवरेित र् इल्मे हक़़ीक़त र् इल्मे अक़वयद और
इल्मे शऱीयत ि़ी बे नवह दौलत मौज़ूद है | और सबसे बड़ी
फहमवक़त यह है फि उस हस्त़ी ि
े अशआर से ि
ु ि सवफबत िरने
िो सोि रहें हैं। फजसने सवरे फहन्द िो इस्लवम फदयव । इन अशआर
िो फिन मौि
े र िहे हैं र्ह आगे तहऱीर ि़ी गई है। | (र्ल्लवहु
आलम फबिर्वब)
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
मुक़द्दमा
‫الطیبنی‬‫وآله‬‫والمرسلنی‬‫االنیاء‬‫سید‬‫محمد‬‫یل‬‫ع‬‫والسالم‬‫والصلة‬‫العالمنی‬‫رب‬‫هلل‬‫الحمد‬
‫الرجیم‬‫ن‬‫لشیط‬‫ا‬‫ن‬‫م‬‫باهلل‬‫فاعوذ‬‫المکرمنی‬‫واصحابہ‬‫ن‬‫ی‬‫والطابر‬
०
‫الرحیم‬‫ن‬‫حم‬‫الر‬‫اهلل‬‫بسم‬
०
‫اتاكم‬ ‫وما‬
‫فخذوه‬ ‫الرسول‬
०
‫العظیم‬ ‫موالنا‬ ‫اهلل‬ ‫صدق‬
०
‫آل‬ ‫و‬ ‫محمد‬ ‫یل‬‫ع‬ ‫ل‬‫ص‬ ‫اللهم‬
‫(ص‬‫محمد‬
)
०
तजुामव :- रस़ूल (स.अ.) जो अतव िरमवए़ं र्ह ले लो ||
यवऩी अल्लवह िव हुक्म है फि मेरे महब़ूब (स.) जो भ़ी अतव िरमवए़ं
ले लो | अल्लवह तअलव ने तवजदवरे िवयनवत हज़रत मोहम्मद
मुस्तिव (स.अ.) िो अखऱी नब़ी बनविर बऩी नौए इ़ंसवन ि़ी
फहदवयत ि
े फलए मबऊस िरमवयव । आ (स.अ.) ि़ी 63 सवलव
ज़वफहऱी फज़न्दग़ी अमल़ी जद्दो जहद से इबवरत है | आ (स.अ.) ने
तबल़ीगो इशवअते इस्लवम ि
े फलए हर तरह ि़ी तिल़ीि
ें बदवाश्त
फिए । यह उऩ्ी तिवल़ीफ़ िव समर (िल) है फि आज हम ति
द़ीने इस्लवम िव ैगवम हु़ंिव । अल्लवह तआलव ने अ ने हब़ीब
हज़रत मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) र आखऱी फितवब क़
ु रवने हि़ीम
नवफज़ल िरमवई | और उसि
े सवथ सवथ अ ने हब़ीब हज़रत
मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) ि़ी सुन्नत ि़ी इत्तेबव भ़ी फ़ज़ा क़रवर द़ी
इशवाद िरमवयव :
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
‫فانتهوا‬‫عنه‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫اتكمر‬‫وما‬
०
तजुामव :- और जो ि
ु छ रस़ूल तुम्हें अतव िरमवए़ं सो उसे ले फलयव
िरो और फजससे तुम्हें मनव िरमवए़ं सो (उससे) रुि जवओ |
(अलक़
ु रवन, अल-हश्र :- 58:7)
यह आयत सरवहतन इस बवत र दवल है फि हम र हुज़़ूर (स.अ.)
ि
े अक़र्वलो अिआल ि़ी इफत्तबव लवफज़म क़रवर द़ी गई है । अगर
हम इस इफत्तबव ि
े इम्तेहवन र ़ूरव उतरेंगे तो िवमयवब हो़ंगे र्रनव
फहरवसव र् फज़ल्लत हमवरव मुक़द्दर होग़ी। हज़रत अब़ू हुरैरव (र.अ.)
रर्वयत िरते हैं ि
े रस़ूले अिरम सल्लल्लवहु अलैह़ी र् आफलह़ी
र्सल्लम ने इरशवद िरमवयव :
‫اهلل‬‫یص‬‫ع‬‫فقد‬‫عصاين‬‫ن‬‫م‬‫و‬‫اهلل‬‫اطاع‬‫فقد‬‫ىن‬‫ع‬‫اطا‬‫ن‬‫م‬
०
(सह़ी बुखवऱी फितवबुल अहिवम : रक़म-671)
(सह़ी मुखस्लम फितवबुल इमरत : रक़म-1838)
तजुामव: फजसने मेऱी इतवअत ि़ी सो उसने अल्लवह ि़ी इतवअत ि़ी |
और फजसने मेऱी नव िरमवऩी ि़ी सो उसने अल्लवह ि़ी नविरमवऩी
ि़ी |
मज़ि
़ू रह बवलव हद़ीस शऱीि र्वज़ेह िर रह़ी है ि
े हुज़़ूर (स.अ.) ि़ी
ईतवअत ह़ी अल्लवह ि़ी इतवअत है और आ (स.अ.) ि़ी
नविरमवऩी दर हक़़ीक़त अल्लवह तवलव ि़ी नविरमवऩी ि़ी | स
हमें िवफहए ि
े अगर हम दुफनयव र् आखखरत में िवमयवबो िवमरवन
होनव िवहते हैं तो हुज़़ूर (स.अ.) से अ नव ट़ू टव हुआ तअल्लुक़ फिर
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
से बहवल िर लें | तवफि अज़मते रफ्तव िो व सि
ें । एतवअते रस़ूल
(स.अ.) ह़ी र्ह अक्स़ीर नुस्खव है फजस र अमल ैरव होिर अल्लवह
तबवरि र् तआलव ि़ी मोहब्बत और रज़व हवफसल ि़ी जव सित़ी है
और दर हक़़ीक़त एतवअते रस़ूल ह़ी इतवअते रब है।
‫اهلل‬‫اطاع‬‫فقد‬‫الرسول‬‫ع‬‫یط‬‫ن‬‫م‬
०
तजुामव :- फजसने रस़ूल ि़ी इतवअत ि़ी उसने दर हक़़ीक़त अल्लवह
ि़ी इतवअत ि़ी । और इस इतवअत ि
े सम्रवत क्यव हैं ?
‫اهلل‬‫یحببكم‬‫فاتبعوین‬‫اهلل‬‫تحبون‬‫كنتم‬‫ان‬
०
तजुामव :- अगर तुम अल्लवह से मोहब्बत िरते हो तो मेऱी इत्तेबव
िरो अल्लवह तुमसे मोहब्बत िरने लगेगव ।
: ‫ح‬‫صحی‬
‫ن‬‫ع‬ ،‫منصور‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫سفیان‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫ن‬‫حم‬‫الر‬ ‫عبد‬ ‫حدثنا‬ ،‫ىن‬‫لمث‬‫ا‬ ‫ن‬‫ب‬ ‫محمد‬ ‫حدثنا‬
‫والمستوشمات‬ ‫الوشمات‬ ‫اهلل‬ ‫ن‬‫لع‬ ‫مهن‬‫ع‬ ‫اهلل‬ ‫ریض‬ ‫اهلل‬ ‫عبد‬ ‫ن‬‫ع‬ ‫علقمة‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫ابراہیم‬
‫رسول‬‫رسول‬‫ن‬‫لع‬‫ن‬‫م‬‫ن‬‫لع‬‫ا‬ ‫ال‬‫ماىل‬‫اهلل‬‫ق‬‫تخل‬‫ا‬‫المغري‬‫ن‬‫للحس‬‫والمتفلجات‬،‫والمتنمصات‬
‫اهلل‬‫كتاب‬‫وهو‬‫وسلم‬‫علیہ‬‫اهلل‬‫یل‬‫ص‬‫اهلل‬
०
(तजुामव सह़ी बुखवऱी हद़ीस ऩंबर 5948)
फितवबे फलबवस ि
े बयवन में बवब : गोदर्वने र्वल़ी औरत ि़ी बुरवई
िव बयवन हमसे मोहम्मद फबन मुस्नव ने बयवन फियव िहव हमसे
अब्दुल रहमवन ने बयवन फियव उनसे सुफियवन फबन अईनव ने उनसे
मनस़ूर ने उनसे इब्रवफहम ने उनसे अल्कक़मव ने और उनसे हज़रत
अब्दुल्लवह फबन मसऊद (र.अ.) ने :- गोदने र और गोदर्वने
र्वफलयो़ं र, बवल उखवडने र्वफलयो़ं र और ख़ूबस़ूरत़ी ि
े फलए दव़ंतो़ं
ि
े दरफमयवन ि
ु शवदग़ी िरने र्वफलयो़ं र जो अल्लवह ि़ी ैदवइश में
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
तब्द़ील़ी िरत़ी हैं अल्लवह तआलव ने उन र लवनत भेज़ी है | फिर
मैं क्यो़ं नव उन र लवनत भेज़ू़ं फजन र रस़ूलल्लवह ने लवनत भेज़ी है
और र्ह फितवबुल्लवह में मौज़ूद हैं। आयत शऱीि :
‫ا‬‫وما‬
‫فانتهوا‬‫عنه‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫كم‬‫ت‬
०
(अल हश्र : 7)
ि़ी तरि से इशवरव है ि
े जो ि
ु छ रस़ूलल्लवह (स.अ.) तुमिो हुक्म
िरमवए़ं उसे बजव लवओ और फजससे मनव िरें उससे रुि जवओ
उसि
े तहत इजमवल़ी तौर र “ अर्वफमर र् नर्वह़ी " दवखखल हैं |
आज िव ि
ै शन जो मदों और औरतो़ं ने अ नवयव है जो ऩंगे न र
अमवदव हैं र्ह सब इस लवनत ि
े तहत दवखखल हैं | सनद में मज़ि
़ू र
अलक़मव फबन र्क़वस लेश़ी हैं जो आ़ं हज़रत (स.अ.) ि
े अहद
मुबवरि में ैदव हुए और ज़ंगे ख़ंदि में शऱीि हुए अब्दुल मफलि
फबन मरर्वन ि
े दौर में र्िवत वए | फितवबुल्लवह में मज़ि
़ू र होने से
र्ह आयत मुरवद है फजसमें है ।
‫ا‬‫وما‬
‫فانتهوا‬‫عنہ‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫كم‬‫ت‬
०
यवऩी रस़ूले िऱीम जो फहदवयत तुमिो दें उसे तुम क़
ु ब़ूल िर लो
और फजन िवमो़ं से तुमिो मनव िरमवए़ं उनसे रुि जवओ उसमें
जुमलव “अर्वफमर र् नर्वह़ी" में दवखखल है | हद़ीस में मुज़ि
़ू रह
नर्वह़ी भ़ी इस़ी आयत ि
े ज़ेल में हैं। हद़ीस ि
े अल्फवज़ दजा ज़ेल हैं:
‫انما‬
‫لمع‬‫ا‬‫واهلل‬‫القاسم‬‫انا‬
‫یط‬
०
मुज़ि
़ू रह हद़ीस िव मतलब यह है फि रस़ूले अिरम (स.अ.) अ ऩी
मज़़ी से ि
ु छ नह़ी़ं िरते, नव फिस़ी िो अ ऩी मज़़ी से ि
ु छ िहते हैं,
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
नव फिस़ी िो अ ऩी मज़़ी से ि
ु छ अतव िरमवते हैं, और नव तो
फिस़ी से अतव िो अ ऩी मज़़ी से रोिते हैं, नव फिस़ी िो िम यव
ज्यवदव देने में अ ऩी मज़़ी िो शवफमल िरते हैं | बखि यह सब
अल्लवह रब्बुल इज़्जत ि़ी मज़़ी ि
े तवबे रहते हुए िरते हैं फलहवज़व
मतलब यह हुआ ि
े देने र्वलव अल्लवह तवलव है और मैं तो तक़स़ीम
िरने र्वलव ह़ं ।
(जैसव ि
े ितहलबवऱी, शरेह सह़ी बुखवऱी में है : 3117)
‫واهلل‬‫اوله‬‫يف‬‫ح‬‫فلی‬‫ن‬‫ع‬‫النعمان‬‫ن‬‫ب‬‫ح‬‫ی‬‫شر‬‫ن‬‫ع‬‫احمد‬‫روایة‬‫یف‬‫امنعکم‬‫وال‬‫اعطیكم‬‫ما‬‫قوله‬
‫ا‬‫ال‬:‫ىن‬‫لمع‬‫وا‬‫یط‬‫لمع‬‫ا‬
‫ع‬‫من‬‫وال‬‫بعطیة‬‫فیكم‬‫تصرف‬
‫حیث‬‫ع‬‫ض‬‫ا‬‫القاسم‬‫انا‬‫انما‬‫وقوله‬‫اي‬‫برا‬
‫ا‬‫احدا‬‫ع‬‫من‬‫ا‬‫وال‬‫احدا‬‫یط‬‫ع‬‫ا‬‫ال‬‫ایی‬‫امرت‬
‫بمام‬‫ق‬‫ی‬‫طر‬‫ن‬‫م‬‫داود‬‫جهابو‬‫اخر‬‫وقد‬‫اهلل‬‫بامر‬‫ال‬
‫خا‬‫اال‬‫انا‬‫ان‬:‫بلفظ‬‫هریرة‬‫أىب‬‫ن‬‫ع‬
‫زن‬
०
म अती : अतव िरने र्वलव | क़ाहसम : तक़स़ीम िरने र्वलव |
शरह : अल्लवह तआलव नेमतें अतव िरमवतव है और सरिवरे दो
आलम उन्ें तक़स़ीम िरते हैं एि बड़ी नेमत ररज्क़ है जो मखल़ूक़
िो अल्लवह ि़ी अतव से हुज़़ूर (स.अ.) ि
े ज़ररए फमलत़ी है ।
‫ں‬‫ہی‬‫یط‬‫مع‬‫رىب‬
o
क़वफसम िरमवने रस़ूल (स.अ.) है :
"
‫یط‬‫یع‬‫واهلل‬‫قاسم‬‫انا‬‫إنما‬
"o
तजुामव :- यवऩी अल्लवह िऱीम आतव िरमवतव है और मैं तक़स़ीम
िरतव हू़ं । (बुखवऱी : 1:42, हद़ीस : 71)
शवरह बुखवऱी िक़़ीरे आज़मे फहन्द मुफ्त़ी मोहम्मद शऱीि
ु ल हक़
अमजद़ी (र.अ.) इस हद़ीस ि
े तहत िरमवते हैं :- मवनव यह हुए फि
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
मखल़ूक़वत में से फजस फिस़ी िो अब ति जो ि
ु छ फमलव आइ़ंदव
फमलेगव उन सबिव देने र्वलव अल्लवह है और उन सब िव बव़ंटने
र्वलव मैं हू़ं | फजस तरह अल्लवह ि
े मोअत़ी होने में फिस़ी फक़स्म ि़ी
िोई तख्स़ीस जवयज़ नह़ी़ं |
उस़ी तरह हुज़़ूरे अक़दस ि
े क़वफसम होने में फिस़ी फक़स्म ि़ी
तख्स़ीस जवयज़ नह़ी़ं । फजस तरह मुसलमवनो़ं िव एतेक़वद है फि
आलम ि़ी हर ऩूअ हर िदा ख्ववह र्ह िररश्ते हो़ं, ख्ववह र्ह इ़ंसवन
हो़ं, ख्ववह र्ह फजन हो़ं, ख्ववह र्ह और ि
ु छ सब िो सब ि
ु छ
अल्लवह ि़ी अतव से फमलेगव उस़ी तरह यह एतेक़वद भ़ी र्वफजब ि
े
सब िो फबलव इस्तेशनव जो ि
ु छ फमलव यव फमलेगव र्ह सब हुज़़ूरे
अक़दस (स.अ.) ि
े देने से फमलतव है । (नजहतुल क़वऱी 1,425)
तुमिो क़वफसम फियव है रज़्जवक़ ने
तुमने सब ि
ु छ फदयव यव रस़ूलल्लवह (स.अ.)
ररज्क रब िव है तुम खखलवते हो
सवरे आलम िो यव रस़ूलल्लवह (स.अ.)
बिज़ले रब सर ज़म़ीने फहन्द में अल्लवह और उसि
े रस़ूल (स.अ.)
ने हम फहन्द र्वलो़ं िो गोयव रस़ूल (स.अ.) ि़ी अतव अल्लवह ि़ी
आतव है अल्लवह और रस़ूल ि़ी अतव एि अज़़ीम तोहिव है ।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
हलखने की वजह
इस फितवब में तक़ऱीबन हर जगह सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िो इस लब
ि
े सवथ फलखने ि़ी िोफशश ि़ी है इस उम्म़ीद र ि
े आ खुश हो जवए़ं |
आ ि़ी फनगवहे लुत्फ़ो इनवयत हो क्यो़ंफि इस़ी लक़ब से हुज़़ूर सैय्यदुल
अ़ंफबयव अल्लवह ि
े महब़ूब (स.अ.) ने यवद िरमवयव है । फजस तरह
आ ि
े जद सैय्यदुल औफलयव मौलव–ए-िवयनवत बवबुल इल्म हज़रत
अल़ी िरामल्लवहु र्जहुल िऱीम िो अबु तोरवब ि
े लक़ब से हज़रत
मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) ने यवद िरमवयव थव । इस़ी तरह ख्ववजव-ए-ि
ु ल
ख्ववजगवन मवफलि
े फह़ंदुस्तवन फह़ंदल र्ल़ी रहमतुल-फलल-फहन्द रूहुल
अर्वाह फिल फहन्द हज़रत सैय्यद ख्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन फिश्त़ी िो
हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी (र.अ.) ि
े लक़ब से यवद िरने र आ
बहुत खुश हो़ं।
मुसलसल हयात
नर्वसव फह़ंदल र्ल़ी नवनव मवफलि
े ि
ु ल िवयनवत है |
ख्ववज-ए-ि
ु ल ख्ववजगवन आ ह़ी ि़ी ज़वत है ||
बवदे फर्सवल भ़ी फदए हैं सलवम िव जर्वब |
ि
ै स़ी र्िवत? यह मुसलसल हयवत है ||
दो िवर िरवमवत हो तो मवनें फसि
ा र्ल़ी |
हयवत बवदे फर्सवल फसल फसल-ए-िरवमवत है ||
मुमफिन नह़ी़ं फितवबो़ं से इरिवने फह़ंदल र्ल़ी |
ि
ै ज़वन और बवत है इल्म और बवत है ||
र्क़्ते फर्सवल ेशवऩी े यह रक़म थव अनर्र |
हवज़व हब़ीबुल्लवह मवतव ि़ी हुखब्बल्लवह ||
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
िदीअल्लाहु अन्हहु हलखने की वजह
हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी ि
े ़ीरो मुफशाद ने हज़रत सैय्यद
ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव हवथ िड िर दुआ ि़ी ऐ अल्लवह ! मैं
अ ने मुईनुद्द़ीन ि
े फलए तुझसे त़ीन ि़ीज़ो़ं िव तलबगवर हू़ं ! आर्वज़
आई ि
े ऐ उस्मवन मुईनुद्द़ीन ि
े फलए जो ि
ु छ तलब िरोगे फदयव
जवएगव | यह हुक्म विर अज़ा फियव :- ऐ अल्लवह ! त़ू मेरे मुईनुद्द़ीन
िो क़
ु ब़ूल िरमव | इशवादे बवऱी तआलव हुआ हमने ि
ु ब़ूल फियव ||
फिर अज़ा फियव ि
े मेरे मुईनुद्द़ीन िो मुझसे ज़्यवदव शोहरत अतव
िरमव | इशवादे बवऱी तआलव हुआ ि
े हमने क़
ु ब़ूल फियव ||
फिर अज़ा फियव ि
े मेरे मुईनुद्द़ीन में अ ने जलर्े और अ ने हब़ीब
ि़ी शवन ैदव िरमव | इरशवदे बवऱी तआलव हुआ ि
े यह भ़ी दुआ
हमने क़
ु ब़ूल ि़ी ||
िुनव़ंिे आखखर र्क़्त में इस दुआ िव इस तरह ज़हूर हुआ फि
आ ि़ी फर्सवल ि
े बवद आ ि़ी ेशवऩी मुबवरि र अरब़ी में फलखव
हुआ थव। “हाज़ा हबीबुल्लाल माता फी-हुब्बिल्लाह”
तजुामव : यवऩी यह अल्लवह ि
े हब़ीब हैं और इनिव फर्सवल अल्लवह
ह़ी ि़ी मोहब्बत में हुआ है।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
इस़ी र्जह से मैंने हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी ि
े नवम ि
े सवथ
रद़ी अल्लवहु तआलव अन्हहु फलखव है । ि
े आ से अल्लवह रवज़़ी और
आ अल्लवह से रवज़़ी जभ़ी तो उनि़ी ेशवऩी मुबवरि र र्क़्ते
फर्सवल यह फलखव थव । “हाज़ा हबीबुल्लाल माता फी-हुब्बिल्लाह”
तजुामव : यवऩी यह अल्लवह ि
े हब़ीब हैं और इनिव फर्सवल अल्लवह
ह़ी ि़ी मोहब्बत में हुआ है।
क़
ु िआने किीम से दलील ! अहलेबैते अतहवर र अलैफहिलवम
ढनव फलखनव जवयज़ है । क्यो़ंफि फहदवयत में नब़ी-ए-िऱीम (स.अ.)
ि़ी एत्तेबव में अहलेबैते नब़ी अलैफहमुिलवम सबसे अव्वल़ीन हैं ।
सहवब-ए-िरवम ि
े जैसे अक़़ीदतम़ंद और उनि
े जैसे खवफलस
अक़वएद अ नवते हुए नेि आमवल में ैरऱ्ी िरने र्वले स्ववफलह़ीन
और औफलयव अल्लवह र रद़ी अल्लवहु अन्हहु फलखनव ढनव जवयज़
है ।
म हम्मद अनवि आलम
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
बैय्यत क़
ु िान की िौशनी में
बेशि अल्लवह रवज़़ी हुआ ईमवन र्वलो़ं से जब र्ह उस ेड ि
े ऩीिे
तुम्हवऱी बैय्यत ि़ी है ।
इस आयते िऱीमव से सवफबत होतव है ि
े फिस़ी मवमलव र बैय्यत
िरनव सुन्नते रस़ूलल्लवह है | और अरब में यह ररर्वज है फि जब
र्वदव फलयव (स.अ.) जवतव है तो हवथ र हवथ रखिर उसे मज़ब़ूत
फियव जवतव है । अ़ंग्रेज़ो़ं में रवयज है फि र्ह हवथ र हवथ मवर िर
तवल़ी बजवते हैं । स जब आज भ़ी गुलवमवने रस़ूलल्लवह (स.अ.)
गुनवहो़ं से मुिम्मल बेज़वऱी िव इज़हवर और तफहय्यव फिस़ी र्ल़ी-ए-
िवफमल यवऩी अल्लवह तआलव से क़
ु बा रखने र्वले र् स्ववलेह ब़ंदे ि
े
हवथ र हवथ रखिर बव-तऱीि
े अरब र्वदव िरते हैं । बतऱीक़
े अरब
इसफलए ि
े रस़ूले अरब़ी (स.अ.) ने अ ने रोज़ो शब अलवर्व अशो
ज़मव़ं मक्कव मद़ीनव में बसर िरमवये इसफलए बव-तऱीि
े अरब िहव
गयव । हक़़ीक़त में बव-तऱीि
े हक़ तआलव है यवऩी यह तऱीिव
अल्लवह तआलव ने फसखवयव फजसिव बयवन क़
ु रवने िऱीम में य़ू़ं आतव
है।
जो तुम्हवऱी बैय्यत िरते हैं र्ह तो अल्लवह ह़ी से बैय्यत िरते हैं |
(स़ूरह ितेह, आयत ऩंबर 10)
अब र्व स आते हैं आयत ऩंबर 18 र :- "बेशि अल्लवह रवज़़ी
हुआ ईमवन र्वलो़ं से जब र्ह उस ेड ि
े ऩीिे तुम्हवऱी बैय्यत िरते
थे।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
स सवफबत हुआ ि
े गुनवहो़ं और बुरवई से फिनवरव िश होने ि
े फलए
बैय्यत होनव ज़रूऱी है | और िरमवयव ईमवन र्वले ह़ी बैय्यत िरते
हैं। क्यव िरते हैं ? उसिव जर्वब : इस़ी स़ूरते मुबवरि "स़ूरह ितह"
में बयवन होतव है फि जब रस़ूलल्लवह ने मद़ीनव मुनव्वरव से मक्कव
मुिरामव उमरव िरने िव इरवदव िरमवयव तो ि
ु छ लोग फजन्ें ़ीछे
रह जवने र्वलो़ं िव लक़ब फमलव हुज़़ूर (स.अ.) ि
े सवथ ि
ु रैश ि
े
खौि से रर्वनव न हुऐ । तो उस र अल्लवह तआलव ने र्ह़ी नवफज़ल
िरमवई : (स़ूरह ितह, आयत ऩंबर : 11)
अब तुमसे िहेंगे जो गर्वर ़ीछे रह गये थे ि
े हमें हमवरे मवल और
हमवरे घर र्वलो़ं ने जवने से मशग़ूल अब हुज़़ूर (स.अ.) हमवऱी
मगफिरत िवफहए | यवऩी जो ईमवन र्वले नह़ी़ं और जो बैय्यत नह़ी़ं
िरते र्ह फसि
ा ह़ीलव बहवनव बनवते हैं । जैसव फि ऊ र ि़ी आयत
में बयवन हुआ फिर अल्लवह तआलव इरशवद िरमवतव है : "अ ऩी
ज़बवनो़ं से र्ह बवत िहते हैं । जो उनि
े फदलो़ं में नह़ी़ं" यवऩी झ़ूठ
बोलते हैं । (स़ूरह ितह, आयत ऩंबर : 12 )
बखि तुम ़ीछे रह जवने र्वले तो यह समझे हुए थे फि रस़ूल (स.अ.)
और मुसलमवन हरफगज़ घरो़ं िो र्व स नव आए़ं गे । इस आयत में
अल्लवह तआलव ह़ीलव बनवने र्वलो़ं ि
े झ़ूठ अिशव िरमवतव है और
उनि
े फदलो़ं ि़ी बवत िो सब र र्वज़ह िरमव देतव है ।
तो र्वज़ह हो गयव ि
े मोफमऩीन तऱीक़ र् इत्तेबव-ए-सुन्नते रस़ूलल्लवह
(स.अ.) र अमल ैरव हैं | और ि
ु फ्फवर ि
े ैरोिवर हमेशव ि़ी
तरह बहवने बनवने में मसरूि हैं।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
आइए अब ढें बैय्यते ररज़र्वन ि
े बवरे में फजसि़ी र्जवहत स़ूरह
ितह ि़ी आयत ऩंबर 18 ि़ी तफ़स़ीर में दजा है |
अलि
ु रवन :- तजुामव :- बेशि अल्लवह रवज़़ी हुआ ईमवन र्वलो़ं से
जब र्ह उस ेड ि
े ऩीिे तुम्हवऱी बैय्यत िरते थे ।
तिस़ीर : हुदैफबयव में ि़ू़ंफि इन बैय्यत िरने र्वलो़ं िो अल्लवह ि
े
रज़व ि़ी बशवरत द़ी गई | इसफलए इस बैय्यत िो बैय्यते ररज़र्वन
िहते हैं ।
बैय्यत क
े बेगैि जाहहहलयत की मौत
रस़ूल अल्लवह (स.अ.) ने िरमवयव :
‫اهلل‬‫رسول‬
‫ﷺ‬
‫حجة‬‫ال‬‫القیامة‬‫یوم‬‫اهلل‬‫ىق‬‫ل‬‫طاعة‬‫ن‬‫م‬‫یدا‬‫ع‬‫خل‬‫ن‬‫م‬‫یقول‬
‫لہ‬
‫مات‬‫ن‬‫م‬‫و‬
‫جاهلیا‬‫میتة‬‫مات‬‫بیعة‬‫عنقة‬‫يف‬‫س‬‫لی‬‫و‬
०
तजुामव :- जो शख्स अ नव हवथ एतवअत से फनिवलेगव तो क़यवमत ि
े
फदन अल्लवह से मुलवक़वत र उसि
े वस िोई दल़ील नव होग़ी और
जो भ़ी शख्स बैय्यत ि
े बेगैर मरव तो र्ह जवफहफलयत ि़ी मौत मरव।
(सह़ी मुखस्लम)
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
औहलया अल्लाह
‫ن‬‫ی‬‫الذ‬‫یحزنون‬‫والهم‬‫مهی‬‫عل‬‫خوف‬‫ال‬‫اهلل‬‫اولیاء‬‫ان‬‫اال‬
‫یتقون‬‫وکانو‬‫آمنوا‬
०
तजुामव :- सुन लो बेशि अल्लवह ि
े र्फलयो़ं र नव ि
ु छ खौि है और नव
ि
ु छ गम र्ह जो ईमवन लवए और रहेज़गवऱी िरते हैं । (तिस़ीरे
मस़ीह़ी)
‫اهلل‬‫اولیاء‬‫ان‬‫اال‬
०
तजुामव :- सुन लो बेशि अल्लवह ि
े र्फलयो़ं |
आलव ि़ी लफ्ज़े "र्ल़ी" फर्लव से बनव है फजसिव मवनव ि
ु बा और नुसरत है
। र्ल़ी अल्लवह र्ह है जो िरवयेज़ ि़ी अदवयग़ी से अल्लवह तआलव िव
क़
ु बा हवफसल िरे और अल्लवह ि़ी एतवअत में मशग़ूल रहे | और उसिव
फदल अल्लवह तवलव ि़ी ऩूरे जलवल ि़ी मवररित में मुस्तगरक़ हो जब देखे
अल्लवह ि़ी क़
ु दरत ि
े दलवयल िो देखें और जब अल्लवह तवलव ि़ी
आयतें ह़ी सुनने और जब बोले तो अ ने रब ि़ी सनव ह़ी ि
े सवथ बोले
और जब हरित िरें एतवअते रब में हरित िरें और जब िोफशश िरें
तो उस़ी िवम में िोफशश िरे जो अल्लवह ि
े ि
ु बा िव ज़ररयव हो अल्लवह
तवलव ि
े फज़क्र से नव थि
े | और िश्में फदल से अल्लवह ि
े फसर्व गैर िो नव
देखे यह फसित औफलयव अल्लवह ि़ी है । ब़ंदव जब इस हवल र हु़ंितव
है तो अल्लवह तवलव उस िव र्ल़ी र् नवफसर और मुईनो मददगवर होतव है।
रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन
वली अल्लाह की अलामात
ओलमव ने "र्ल़ी उल्लवह" ि़ी िस़ीर अलवमवत बयवन िरमवई है
जैसे मुतविल्लम़ीन यवऩी इल्मे िलवम ि
े मवफहर ओलमव िहते हैं ।
र्ल़ी र्ह है जो सह़ी और दल़ील र बऩी एतेक़वद रखतव हो और
शऱीयत ि
े मुतवफबक़ नेि आमवल बजव लवतव हो । बवज़ आरेि़ीन ने
िरमवयव ि
े फर्लवयत अल्लवह िव ि
ु बा और हमेशव अल्लवह तवलव ि
े
सवथ मशग़ूल रहने िव नवम है । जब बन्दव उस मक़वम र हु़ंितव
है तो उसिो फिस़ी ि़ीज़ िव खौि नह़ी़ं रहतव और नव फिस़ी शै ि
े
िौत होने िव गम होतव है । हज़रत अब्दुल्लवह फबन अब्बवस (र.अ.)
ने िरमवयव ि
े र्ल़ी र्ह है फजसिो देखने से अल्लवह यवद आए |
फतब्ऱी ि़ी हद़ीस में भ़ी है । इब्ने ज़ैद ने िहव र्ल़ी र्ह है फजसमें र्ह
फसित हो जो इससे अगल़ी आयवत में मज़ि
़ू र है :
‫ا‬‫وکانو‬‫امنوا‬‫ن‬‫ی‬‫الذ‬
‫یتقون‬
o
यवऩी ईमवन और तक़र्व दोनो़ं िव जवमे हो | बवज़ ओलमव ने
िरमवयव ि
े र्ल़ी र्ह है जो खवफलस अल्लवह ि
े फलए मोहब्बत िरें ।
औफलयव ि़ी यह फसित बहुत सवऱी अहवद़ीस में फज़क्र हुई है । बवज़
बुज़ुगवाने द़ीन ने िरमवयव :- र्ल़ी र्ह हैं जो एतवआत यवऩी
िरमवबरदवऱी से अल्लवह ि
े क़
ु बा ि़ी तलब िरते हैं और अल्लवह
तवलव िरवमत से उनि़ी िवरसवज़़ी िरमवतव है । यव र्ह फजनि़ी
फहदवयत िव दल़ील ि
े सवथ अल्लवह तवलव िव िि़ील हो और र्ह
अल्लवह तवलव ि़ी ब़ंदग़ी िव हक़ अदव िरने और उसि
े मखल़ूि
र रहम िरने ि
े फलए र्क्कफ़ हो गए। (खवफज़न य़ूनुस, तहतुल
आयत)
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  • 4. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 01 - मनक़बत 18 02 - यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन 19 03 - फहन्द है र्तन मेरव 20 04 - तज़म़ीन बर अशआर हज़रत सै. ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 21 05 - तफ़्स़ीले शवह अस्त हुसैन 22 06 - बवदशवह अस्त हुसैन 22 07 - मतलबे शवह अस्त हुसैन 22 08 - बवदशवह अस्त हुसैन 23 09 - मतलब 23 10 - मुक़द्दमव 32 11 - फलखने ि़ी र्जह 38 12 - मुसलसल हयवत 38 13 - रद़ी अल्लवहु अन्हहु फलखने ि़ी र्जह 39 14 - बैय्यत क़ ु रवन ि़ी रौशऩी में 41 15 - बैय्यत ि े बेगैर जवफहफलयत ि़ी मौत 43 16 - औफलयव अल्लवह 44 17 - र्ल़ी अल्लवह ि़ी अलवमत 45 18 - औफलयव-ए-िरवम ि े अक़्सवम 47 19 - औफलयव-ए-िरवम ि े िज़वएल 53 20 - मुरवक़बव 57 21 - द़ीने हक़ ि े मफहम्मवत 58 22 - आज ि े मजज़़ूब 61
  • 5. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 23 - ि ु त्ते ि े अ़ंदर दस फसिवत 63 24 - नफ़्स ि े सवत अक़सवम और उनि़ी तफ्स़ीलवत 65 25 - अर्वाह ि े अक़सवम 72 26 - रूह और रूहवफनयत 75 27 - रूहुल अर्वाह फिल फह़ंद हज़रत सै. ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन 79 28 - औफलयव अल्लवह िव मक़वम 81 29 - द़ू सऱी र्जह 83 30 - त़ीसऱी र्जह (क़ ु तुबुल अक़तवब अव्वल़ीन अर्वाह) 86 31 - सर ज़म़ीने फहन्द 94 32 - बवबव रतन फहन्द़ी 95 33 - शैख़ ि़ी त़ीन दुआए़ं 98 34 - र्ह त़ीन दुआए़ं 98 35 - मक़ब़ूफलयत 99 36 - बुल़ंद मक़वम 104 37 - अशे आज़म 105 38 - हर्व 106 39 - ज़म़ीन 106 40 - लत़ीिव 106 41 - वऩी 107 42 - िवसव 108 43 - त्थर 108 44 - आग 109
  • 6. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 45 - जवनर्र 110 46 - ेट िव बच्चव 111 47 - अलक़वबवते मुक़द्दसव 115 48 - मक़ब़ूले आम खखतवबवत 115 49 - अलक़वबवत ि़ी तशऱीह 116 50 - मुईन िव मतलब 117 51 - मुईने द़ीन 125 52 - यव मुईन िव फर्दा 126 53 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 128 54 - आ िव मुिद्दस खवनदवन 141 55 - सैय्यद गयवसुद्द़ीन हसन ि़ी मस़ीहवई 143 56 - जद्दे अमजद ख़्ववजव सैय्यद िमवलुद्द़ीन तवफहर 146 57 - र्वफलदे मवफजद ि़ी शवद़ी 147 58 - फर्लवदत मुबवरि 149 59 - जवए फर्लवदत 169 60 - फिश्त़ी और अजमेऱी से शोहरत 150 61 - नसब नवमव-ए- ेदऱी 152 62 - नसब नवमव-ए-मवदऱी 153 63 - हुफलयव शऱीफ़ 154 64 - जमवले मुस्तिव (स.अ.) ि़ी एि झलि 155 65 - अक़से जम़ील 156 66 - आितवबे फर्लवयत ि़ी जलर्व नुमवई 157
  • 7. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 67 - क़तव-ए-तवऱीख़ फर्लवदते बव-सआदत 158 68 - फशिमे मवदर में िलमव-ए-तैय्यबव िव फर्दा 159 69 - अक़्तवबो अब्दवल ि़ी मुबवरिबवद 159 70 - आ िव इसमे गरवम़ी 160 71 - बि न ि े र्वफक़यवत 161 72 - गऱीब नर्वज़ िव एि ररक्कत आमेज़ र्वफक़यव 162 73 - बि न में खेलि ़ू द से द़ू ऱी 163 74 - तवल़ीम िव आगवज़ और र्वफलदे मवफजद िव इ़ंतक़वल 164 75 – र्वफलदे मवफजदव िव फर्सवल 164 76 - र्वफलदव मवफजदव ि े इ़ंतिवल से मुतवअखल्लक़ मुख्तफलफ़ अक़र्वल 165 77 - र्वफलदे बुज़ुगार्वर ि़ी फर्रवसत 166 78 - गैब़ी मददगवर 166 79 - मजज़़ूब ि़ी आमद 168 80 - म़ंफज़ल ि़ी तलवश 170 81 - म़ंफज़ले मक़स़ूद ि़ी जवफनब हलव क़दम 171 82 - हुस़ूले इल्म 172 83 - ऩूर िव ज़ुहूर 172 84 - मौलवनव हसवमुद्द़ीन ि़ी ेशिश 174 85 - दो लुटेरो़ं से मुलवक़वत 175 86 - मेज़बवने ज़ईिव 177 87 - एि क़वफफ़ले ि़ी फक़समत जवग़ी 177 88 - क़ौमे गुज़ और हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 178
  • 8. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 89 - गुज़्जो़ं ि़ी नस़ीहत 179 90 - अल्लवमव अब्दुल्लवह ख़्ववरज़म़ी से मुलवक़वत 182 91 - फख़दमते शैख़ में 183 92 - ररयवज़तो मुजवफहदव 185 93 - आ शैख़ ि े सवथ बैतुल्लवह शऱीि में 186 94 - दरबवरे ररसवलत (स.अ.) में हवज़ऱी 188 95 - स्यवहतो फज़यवरत 189 96 - दरबवरे ररसवलत से फह़ंदुस्तवन जवने िव हुक्म 191 97 - स्यवहतो फज़यवरत ि़ी र्जवहत 192 98 - आ िबालव-ए-मोअल्लव में 198 99 - फह़ंदुस्तवन िव सिर 203 100 - र्जह तस्म़ीयव अजमेर 204 101 - अजमेर ि़ी तवऱीख़़ी म़ंज़र नवमव 205 102 - इल्मे नुज़ूम से हज़रत सै. ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव हुफलयव 208 103 - देहल़ी से अजमेर 209 104 - शवद़ी देर् िव आनव 211 105 - जोग़ी अजय वल 214 106 - रवजव िो फगरफ्तवर िरि े लश्करे इस्लवम ि े हर्वले फियव 221 107 - रवजव ि़ी धमि़ी 222 108 - इस्लवम़ी लश्कर ि़ी ितह 222 109 - बदलव लेने ि़ी तैयवररयव़ं 223 110 - द़ू सऱी ख़ू़ं रेज़ ज़ंग 227
  • 9. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 111 - गौऱी बवरगवहे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी में 230 112 - शवद़ी मुबवरि 231 113 औलवदे हसनव 232 114- आ ि े सवले सवहब 234 115 - मुिम्मल तबल़ीग़ी फनज़वम ि़ी तश्क़ील 234 116 - एख़्लवक़ र् आदवत 236 117 - गऱीब रर्ऱी 237 118 - आ ि़ी ि ै य्यवज़़ी 238 119 - आ ि़ी सवदग़ी 239 120 - डोस़ी िव ख़्यवल 240 121 - मुऱीद र् मोअतक़़ीद से मोहब्बत 241 122 - तर्वज़े र् इ़ंफिसवऱी 242 123 - दुर्ेश ि े सवथ हुसने सुल़ूि 242 124 - दवा ोश़ी 243 125 – अल्लवह िव ख़ौि 243 126 - इफत्तबव-ए-सुन्नत 244 127 - मोहब्बते रस़ूल (स.अ.) 246 128 - मुफशाद ि़ी तिऱीम 247 129 – नमवज़ 248 130 - ररयवज़तो मुजवफहदव 250 131 – अल्लवह िव इश्क़ 251 132 - शवने जलवलो जमवल 251
  • 10. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 133 - आ से अि़ीदत और खुल़ूस 252 134 - आ ि़ी ि ै ज़े रसवऩी 253 135 - इस्तगरवक़़ी ि ै फियत 255 136 - फलबवस मुबवरि 256 137 - गुज़र औक़वत 256 138 - सिर ि़ी हवलत में 257 139 - हज़रत क़ ु तुबुल अक़्तवब िव बयवन 257 137 - नवइबुन्नब़ी फिल फह़ंद 260 138 - क़वफसमे ग़ंज़ीनव-ए-मवरेित 262 139 - इस्लवम ि ै से ि ै लव 262 140 - ृथ्व़ीरवज ि़ी औलवद 263 141 - उद़ूा जबवन ि़ी इखिदव 264 142 - तबल़ीग में िवमयवब़ी 265 143 – नत़ीजव 266 144 - तफ्स़ीले खोलिव-ए-फिरवम 267 145- आ ि े खोलिव 268 146 - सवफहबे मजवज़ खोल्फव-ए-अफजन्नव 271 147 - फर्सवले हक़ 271 148 - ख़्ववजव ि ु तुब ि़ी सोिने ि़ी र्जह 272 149 - नमवज़े जनवज़व र् तिि़ीनो तदि़ीन 275 150 - रौज़व-ए-अक़्दस 267 151- तवऱीख़़ी तफ़स़ीलवत 278
  • 11. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 152 – तसवऩीि 285 153 - ख़सवइले मुतबरािव र् इस्तेगरवक़ 285 154 - हुसने खुल्कक़ 286 155 – रहेज़गवऱी 286 156 - फ़ज़लो िमवल 287 157 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी और सेमव 287 158 - ि ै फियते सेमव 289 159 - सेमव ि े र्ह अशआर 292 160 - सेमव एि मुख्तफलि ि़ीह मसलव 295 161 - हज़रत फिरवग देहलऱ्ी िव नज़ररयव-ए-सेमव 296 162 - सेमव ि े शरवयत 298 163 - महवफिले सेमव तबल़ीग िव मोअखिरे ज़ररयव 300 164 - इस्लवम में मौस़ीक़़ी ि़ी हैफसयत 301 165 - अ़ंफबयव-ए-फिरवम (अ.) ि़ी खुश आर्वज़़ी 306 166 - फिक़ह़ी मज़वफहब ि़ी रौशऩी में नवगमग़ी िव तसव्वुर 317 167 - िोक़हव-ए-अहनवि िव मर्क्कक़फ़ 318 168 - फिक़हे मवफलि़ी में गेनव से मुतवअखल्लक़ मर्क्कक़फ़ 321 169 - फिक़हे शविई में गेनव िव तसव्वुर 323 170 - िोक़हव-ए-हनवबलव िव मर्क्कक़फ़ 327 171 - ख़ुलवसव- ए-बहस 333 172 - सहवबव तवबईन और ओलमव िव मज़वम़ीर ि े सवथ सेमव सुननव 334 173 - मज़वम़ीर ि े सवथ सुनने र्वले सहवबव 334
  • 12. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 174 - मज़वम़ीर ि े सवथ सुनने र्वले तवबईन 335 175 - मज़वम़ीर ि े सवथ सुनने र्वले ओलमव 335 176 - मलि ़ू ज़वते मुक़द्दसव 337 177 - िरवमवते हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 344 178 - खवनव-ए-िवबव िव तर्वि 345 179 - मज़ल़ूम नर्वज़़ी 345 180 - फनगवहो़ं से ओझल हो गए 346 181 - मौत से ररहवई 347 182 - नवब़ीनव िो आ़ंखें अतव िर द़ी 347 183 - िरवमवते ख़ल़ील़ी 349 184 - भ़ूखे र रहम 350 185 - छ: रोफटयव़ं 351 186 - हवथ़ी त्थर िव 351 187- िवबव फदखव फदयव 352 188 - दस्ते गैब 352 189 - फदल्ल़ी िव बवदशवह 353 190 - मुखश्कल मसवयल िव हल 354 191 - बसा से फनजवत फमल गई 354 192 - लडिव हो गयव 355 193 - गैब ि़ी ख़बर 355 194 - मुदवा सर सब्ज़ हो गए 356 195 - दुश्मन दुर्ेश हो गयव 356
  • 13. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 196 - गवय फज़न्दव हो गई 357 197 - बदिवर र्वल़ी हो गयव 357 198 - बफछयव ने द़ू ध फदयव 358 199 - द़ू ध ़ी फलयव 359 200- ि ु छ िरवमवत िव खुलवसव 360 201 - तसरु ा िवते रूहवऩी 363 202 - शवने बन्दव नर्वज़़ी 363 203 - हज़रत ग़ंजे शिर ि़ी इस्लवह 365 204 - हज़रत बवबव िऱीद ग़ंजे शिर ि़ी ख़ुस़ूस़ी नमवज़ 366 205 - सलवम िव जर्वब 367 206 - बवदशवह जहव़ंग़ीर ि़ी मन्नत 368 207 - आ ि़ी नज़र 369 208 - मुसविव ि े फलए हवथ बवहर आ गयव 370 209 - वन ि़ी फगलर्ऱी इनवयत िरमवई 371 210- एि बद अक़़ीदव दरबवरे ख़्ववजव में 372 211 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव िखरुद्द़ीन गुदेज़़ी 373 212 - मज़वरे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव िखरुद्द़ीन गुदेज़़ी 375 213 - फजन्नवत 376 214 - सहवब़ी फजन्न 379 215 - सवफहबे फमजवज़ खोलिव-ए-अफजन्नव 381 216 - िरम ि़ी बवररश 381 217 - जन्नत़ी दरर्वज़व ि़ी र्जह 383
  • 14. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 218 - आ ने नमवज़े जनवजव ढवई 384 219 - फतलवर्ते क़ ु रवन अज़़ीज़ थव 384 220 - आ ि े ज़मवने ि े मुखस्लम बवदशवह 386 221 - ऐन ब़ंदग़ी है 387 222 - आ ि़ी तबल़ीग़ी जद्दो-जहद 389 223 - तबल़ीगे नबऱ्ी िव हस़ीन अक्स 391 224 - रस़ूल (स.अ.) और अतव-ए-रस़ूल 394 225 – गलत िहम़ी िव एज़वलव 395 226 - फिश्त़ी ऱंग 396 227 - इ़ंक़लवब ि े बवऩी 396 228 - आ ि़ी मस़ीहवई 397 229 - अशआर 398 230 - शहवबुद्द़ीन गौऱी 399 231 - ि ु तुबुद्द़ीन ऐबि 399 232 - शमसुद्द़ीन अल्तमश 400 233 - बवदशवह महम़ूद खखलज़ी 400 234 - बवदशवह बवबर र् बवदशवह हुमवय़ू़ं 401 235 - बवदशवह अिबर 401 236 - बवदशवह जहव़ंग़ीर 403 237- शवहजहव़ं 404 238 - अबुल मुज़फ्फर बवदशवह औऱंगज़ेब 404 239 - इमवरते आस्तवनव-ए-आफलयव 405
  • 15. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 240 - नक्कवर ख़वनव-ए-उस्मवफनयव 406 241 - नक्कवर ख़वनव शवहजहवऩी िलमव िव दरर्वज़व 406 242 - अिबऱी मखिद 407 243 - बुल़ंद दरर्वज़व 408 244 - बड़ी डेग 408 245 - छोट़ी डेग 409 246 - शवमे फिरवग 409 247 - महफिल ख़वनव 409 248 - हौज़ 410 249 - ल़ंगर ख़वनव 410 250 - प्यवले ि़ी छतऱी 410 251 - मखिद स़ंदल र्वल़ी 411 252 - औफलयव मखिद 412 253 - मज़वर फनज़वमे फसक़्कव 412 254- बेगम़ी दवलवन 413 255 - गु़ंबद मुबवरि 414 256 - क़ ु रवन मज़ीद 414 257 - मज़वर सैय्यदव ब़ीब़ी हवफफ़ज़व जमवल सवफहबव 415 258 - मज़वरे दुख्तरे शवहजहव़ं 415 259 - जन्नत़ी दरर्वज़व 416 260 - अिवाट िव दवलवन 416 261 - मवलर्व र्वलो़ं िव दवलवन 416
  • 16. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 262 - झवलरव 417 263 - अहवत-ए-िवरयवर 417 264 - जवमव मखिद शवहजहवऩी 418 265 - फिल्लव क़ ु तुब सवहब 419 266 - दौलत बवग 419 267 - फिल्लव शवह मदवर 419 268 - हज़रत बवबव िऱीद िव फिल्लव 420 269- आ ि े ब़ीफर्यो़ं ि े मज़वरवत 420 270 - ढवई फदन िव झो डव 420 271 - अिसोस 422 272 - फक़लव तवरवगढ 424 273 - खुद्दवम हज़रवत िव तवल्लुक़ और फनस्बत 425 274 - दरगवह शऱीि ि े रुस़ूमवत 426 275- अगर आ िवहते हैं फि 427 276 - तो आ िो िवफहए फि 427 277- आ भ़ी 428 278 - झ़ंडव िढवने ि़ी रस्म 428 279 - उसा मुबवरि ि े रुस़ूमवत 428 280 - फख़दमत ि़ी औक़वत 429 281 - गुस्ल शऱीि 429 282 - जन्नत़ी दरर्वज़व खुलने ि े औक़वत 430 283 - हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव मक़वम 431 284 - इरशवदवते हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 432 285 - दरबवर शऱीि र हवफज़ऱी ि े आदवब 433 286 - मुझ र िरम नर्वज़़ी 435 287 - सलवम 437
  • 17. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स.न० उनर्वने ेज नम्बर 288 - भ़ूल़ी हुई मन्नते ि ै से अदव िरें? 438 289 - तिस़ील 438 290 - बव-र्िवलत 439 291 - ख़तरनवि सव़ं 442 292 - डवि ़ू ने हवथ ि़ूमव 442 293 - हवफसद़ीन 446 294 - ि ु छ अच्छ़ी बवतें 447 295 - फलबवस 449 296 – एतेमवद 449 297 - तौबव 450 298 - दुआ 450 299 - ज़म़ीर 450 300 - सबसे मुख़्तसर 451 301 - िलमव-ए-तैय्यबव ि े दो फहिे 451 302 - स़ूरह िवफतहव ि े िज़वयल 452 303 - फसि ा 2 फमनट ि़ी तर्ज्जव 460 304 - मक्ख़ी ि़ी तरह नव बनो 461 305 - मधुमक्ख़ी बने 461 306 - मनक़बत हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी 462 307 - मैं मद़ीने िलव 463 308 - नज़्म दर क़ ु रवऩी आयवत 464 309 – इस्लवम़ी हिवन त्र 466 310 – रहमतुल-फलल-फहन्द 467 311 – खवत्मव 469 312 – तविुरे हसनव 471 313 – रस्मे इजरव 473
  • 18. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन मनक़बत फ़रज़़ंदे अल़ी ि े दर से फनजवत ले जवओ | ख़्ववजव बवट रहे हैं खैरवत ले जवओ || ज़म़ीने फह़ंद है यह स़ूफियो़ं ि़ी बस्त़ी है | बवट रहे हैं हुि ़ू मत खैरवत ले जवओ || गुलवमे ख़्ववजव िभ़ी मरतव नह़ी़ं जवद़ू गर | दवमन में ल ेटो अजय वल हयवत ले जवओ || ख़्ववजव-ए-फह़ंदल र्ल़ी ि़ी शवन क्यव िहनव बरस रह़ी है रहमत फदन रवत ले जवओ || हव़ं यह़ी है फहन्द ि े सुल्तवन क्यव िहनव | मोहब्बत ि े एर्ज़ नेमते िवयनवत ले जवओ || उन ि े दरबवर में तजल्ल़ी है मद़ीने ि़ी | बट रहे हैं हसनैन ि े सदक़वत ले जवओ || नज़र आत़ी है यहव़ं नजि ि़ी शवन क्यव िहनव | भर लो दवमन अ ने ऐ अनर्र सौगवत ले जवओ ||
  • 19. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन या ख़्वाजा मुईनुद्दीन हसन नर्वस-ए-रस़ूले ज़मन यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन | िरज़़ंदे हुसैनो हसन यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || देखखए हवल बे क़रवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन | र्ज्द में हैं सद हज़वरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || आस्तवने वि तेरव मस्कने बे िवरगवाँ | मव मन हर फदल ि ु गवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || आ ि े फबन िौन दवमन में छु वएगव मुझे | जुमें इफसयव़ं बेशुमवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || जव़ं फिदव िरने तुम्हवऱी जलर्व गवहे नवज़ में | सि ब सि हैं जव़ं फनसवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || आ ि े ददे मोहब्बत िो फलए िलतव रहव | आए फितने रहगुज़वरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || आ ि े फबन गमज़दो िो फिस ने द़ी जवए नवह | लवख देखे गमगुसवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || ख़वि सवरवने दरे अक़दस िव दवर्व तो नह़ी | ख़वि अमें आाँ ख़विसवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || जुमलव यवरवने तोरव महब़ूब तर दवनम ज़जव़ं | मन गुलवमे जुमलव यवरव़ं यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन || हवाँ अनर्र अशरि ने देखव आस्तव़ं र आि े | सरनगो़ं हैं तवजदवरवाँ यव ख़्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन ||
  • 20. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन हहन्द है वतन मेिा लहू लवल फज़न्दग़ी हररयवल़ी सि े द है ििन मेरव | मैं गुलवमे ख़्ववजव हू़ं फहन्द है र्तन मेरव || ज़म़ी़ं े सजदव तयम्मुम भ़ी मदिन भ़ी यह़ी़ं | मुसलमवनवने फहन्द िो फितनव अज़़ीज़ है र्तन मेरव || िरतव रहू़ंगव तवऱीि अ ने र्तन ि़ी हरदम | फसतम ि े बवर्ज़ूद नवगमव सरव है दहन मेरव || ख़्ववजव ि े फबठवए ऊ ़ं ट न उठव सि े अनर्र | गुलवमो़ं िो िौन हटवएगव मुतमइन है ज़हन मेरव ||
  • 21. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन तज़मीन बि अशआि हज़ित सैय्यद ख़्वाजा हहिंदल वली ऩूरे िश्मे मोहम्मद मुस्तिव अस्त हुसैन | रवहते ज़हरव र् मुताज़व अस्त हुसैन || शहसर्वरे शोहदव-ए-िरबलव अस्त हुसैन | रवफक़बे दोशे मुस्तिव अस्त हुसैन || शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन | द़ीन अस्त हुसैन द़ी़ं नवह अस्त हुसैन || बदबख़्त अस्त यज़़ीद ल़ीद अस्त यज़़ीद | शरवब़ी अस्त यज़़ीद ज़वऩी अस्त यज़़ीद || हमव बुरवइए ज़मवनव ऊ बवऩी अस्त यज़़ीद | अव्वल लवनत़ी अज़वज़़ील सवऩी अस्त यज़़ीद || सर दवद न दवद दस्त दर दस्ते यज़़ीद | हक्कक़व ि े फबनवए लव इलवहव अस्त हुसैन || दर ख़यवले नमवज़े खैरुलर्रव अस्त हुसैन | ऐ जर्वनवने बफहश्त सरदवर अस्त हुसैन || दर आमदे हुसैन खुतबव बन्द िरदन य़ंबर | फ़खरे अर्वाहे आलमे अर्वाह अस्त हुसैन || नेदवये रुह़ी रूह अस्त हुसैन | इसमे अल्लवह ज़वत अस्त हुसैन || बिौले मुस्तिव इाँ अस्त हुसैन | अल हुसैन फमन्ऩी र् अनव फमन अस्त हुसै || सलवम बर मुईनुद्द़ीन हसन फिश्त़ी | अतवये रस़ूल मुईन जद अस्त हुसैन || रूहुल अर्वाह फिल फहन्द ख़्ववजव मुईन | अनर्र तमन्नव-ए-आमदे फहन्द मुईन अस्त हुसैन ||
  • 22. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन तफसीले शाह अस्त हुसैन लफ्ज़े शवह रूह ि े फलए इस्तेमवल होतव है | लफ्ज़े शवह आलमें लव-मिव़ं ि े फलए इस्तेमवल होतव है। लफ्ज़े शवह आलमे बवफतन ि े फलए इस्तेमवल होतव है | लफ्ज़े शवह तऱीक़त र् िक्र ि े फलए इस्तेमवल होतव है | बादशाह अस्त हुसैन लफ्ज़े बवदशवह फजस्म ि े फलए इस्तेमवल होतव है | लफ्ज़े बवदशवह आलवमे नवस़ूत ि े फलए इस्तेमवल होतव है | लफ्ज़े बवदशवह आलमे ज़वफहर ि े फलए इस्तेमवल होतव है | लफ्ज़े बवदशवह शऱीयत ि े फलए इस्तेमवल होतव है | मतलबे शाह अस्त हुसैन हुसैन रूह हैं | हुसैन हक़़ीक़ते लवमिवाँ हैं | हुसैन ेशर्वए बवफतन हैं | हुसैन िक्रो तऱीक़त ि े मुक़तदव हैं |
  • 23. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन बादशाह अस्त हुसैन हुसैन फजस्म हैं | हुसैन ह़ी दुफनयव हैं | हुसैन जलर्ए ज़वफहर हैं | हुसैन ेशर्वए शऱीयत हैं | शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन | मतलब ज़वफहर हुसैन, बवफतन हुसैन, अव्वल हुसैन, आफख़र हुसैन, ज़वफहर हुसैन, बवफतन हुसैन, द़ीन हुसैन, दुफनयव हुसैन, अज़ल हुसैन,अबद हुसैन, शऱीयत हुसैन, तऱीक़त हुसैन | शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन | दीन अस्त हुसैन, दीिंपनाह अस्त हुसैन || रूह भ़ी हुसैन हैं, फजस्म भ़ी हुसैन हैं, ज़वफहर में भ़ी हुसैन हैं, बवफतन में भ़ी हुसैन है, तिम़ीले इ़ंसवफनयते द़ीन भ़ी हुसैन हैं, द़ीन िो क़यवमत ति नवह देने र्वले भ़ी हुसैन हैं | सि दाद ना दाद दस्त दि दस्ते यज़ीद | हक्का क े बेनाए ला इलाहा अस्त हुसैन || सर दे फदयव मगर नह़ी़ं फदयव अ नव हवथ यज़़ीद ि े हवथ र |
  • 24. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन हक़ तो यह है ि े लव इलवहव (अल्लवह बस मव फसर्व अल्लवह) इश्क़ ि े दवस्तवन ि़ी बुफनयवद भ़ी हुसैन हैं। िरबलव तेऱी खवि ि े हर ज़रे ि़ी अज़मत र् ररिअत और िमवफलयवत िो सलवम नेदाए रुही रूह अस्त हुसैन, इसमे अल्लाह ज़ात अस्त हुसैन | सवगरे इरिवने फहदवयत "क़ ु रवन मज़ीद" ि़ी स़ूरह अल क़स में "अल बुक्कतुल मुबवरिः " से मुरवद “िबालव-ए-मुअल्लव' है। सुरवख म़ी शर्द फदले मवि़ू़ं गुल हुसैन, हर जव ि े फज़क्र े हक़़ीक़ते िरबलव बोर्द । साहहब िं रौनि े शम्मे इरिव़ं र्वसल़ीन र् आफशक़़ीन ि़ी जवन ज़ीनते शोहदव- ए-िमवल, मम्ब-ए-मरिज़ुल जमवल मरवफतबुशशवन अल्हस़ीनुल हुसैन अलैफहिलवम" यवऩी आलमे नवस़ूत में जहव़ं ज़वतो िमवल (रू ) में सज धज ि े नब़ूव्वत र् फर्लवयत अ ऩी शवन ि े लवयक़ भर ़ूर अ़ंदवज़ से मवरूि में जलर्वगर हो | ज़वत ि े मरतबे िो “हुसैन” िहते हैं । दरनर्वये फज़़ंदग़ी सोज़ अज़ हुसैन, अहले हक़ हुररायत आम़ूज़ अज़ हुसैन। गमें हुसैन मे रोनव सुन्नते रस़ूल सल्लल्लवहु अलैफह र् आफलह़ी र् सल्लम है और उस गम र् अश्कबवऱी और फगररयव िव तअलुक़ ज़ेरे इरिवन र् इश्क़ इस िरमवने हक़़ीक़त “अल हुसैनो फमफन्न र् अनव फमनल हुसैन "ि़ी मवरेित र् इरिवन से मशरूत है।अज़ बस फि यह हक़़ीक़त बवइसे तशऱ्ीश र् अज़़ीयत है फि िबालव-ए-मुअल्लव में गुलशने ज़हरव िो उजवडने र्वले, ज़ुररायते ैगम्बर िव तमवशव
  • 25. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन देखने र्वले, बनवने र्वले मुसलमवन थे । फजब्रवईल (अ.) िव यह ैगवम उम्मत ि े फलए तव- क़यवमत फिस़ी आित से िम नह़ी़ं । ‫محمد‬ ‫یا‬ ‫ان‬ ‫ىي‬‫ل‬‫ا‬ ‫یده‬ ‫واما‬ ‫بعدک‬ ‫ن‬‫م‬ ‫السالم‬ ‫علیہ‬ ‫حسنی‬ ‫"ہذا‬ ‫ابنک‬ ‫ل‬‫تقت‬ ‫امتک‬ ‫صدره‬‫اىل‬‫وضمه‬‫اهلل‬‫رسول‬‫فبیک‬‫الحسنی‬ ० तजुामव :- ऐ मुहम्मद ! आ ि़ी रेहलत ि े बवद आ ि़ी उम्मत इस िरज़न्द (इमवम हुसैन) िो शह़ीद िर देग़ी । फजब्रवईल ि़ी यह बवत समवअत िरने ि े बवद हुज़़ूर सैय्यदे आलम (स.अ.) रोने लगे | और इमवम हुसैन िो अ ने स़ीने से लगव फलयव । अहले हक़ ि े फलए सर्वनेह िबालव र्वफियव नह़ी़ं हक्क ु ल्यक़़ीन ि़ी इस्तेजवबे फसरु ा ल हक़़ीक़त है | और "हक़़ीक़ते िबालव देखने (मुशवफहदव) िव नवम है, ऐनुल यक़़ीन है। बवद अज़ िबालव, र्ज़ूद मेजवज़ (फजस्म) और बवफतन (रूह र् िल्ब) र हक़़ीक़ते िबालव ब़ीतन िव नवम है ।” यवऩी हक्क ु ल यक़़ीन है। िबालव ऐसव मितबे इश्क़ े ज़वत है फजसमे इबवदतो मवरेित, फिदविवऱी, तसल़ीमो रज़व, जमवलो जलवल, इस्तेक्लवल, शुजवअत र् गैरत, सआदत र् फनजवत मताबव अज़़ीम शहवदतुल यक़़ीन है | हक़़ीक़ते िबालव एि मुिम्मल जविव र् आईनये हयवत है । सच्चा इश्क़ हसन इब्ने अली द बाहु सिडेवे िाज़ ने भने ह ऐ इ़ंसवनो़ं सुनो़ं ! हज़रत सैय्यदनव इमवम आल़ी मक़वम हुसैन अलैफहिलवम फसफ़ ा िबालव र् द़ीन ि़ी ज़रूरत नह़ी़ं बखि ि ु ल अ़ंफबयव-ए-िरवम ि़ी भ़ी ज़रूरत हैं सैय्यदे आलम (स.अ.) ने िरमवयव ‫ویری‬ ‫یل‬‫مث‬‫ایکم‬ तुम में से िौन है मेऱी तरह ? मज़ीद िरमवयव:
  • 26. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन " ‫احد‬‫یوذى‬‫وما‬‫اهلل‬‫يف‬‫اوذیت‬‫ولقد‬ "० तबल़ीगे द़ीन ि े रवस्ते में फजतऩी अफज़य्यत र् तिवल़ीि मुझे द़ी गई फिस़ी और िो इतऩी अज़़ीय्यत नह़ी़ं हु़ंि़ी अब ज़ेरे इरिवन इस िरमवने वि " ‫"الحسنی‬‫ن‬‫م‬‫وانا‬‫ىن‬‫م‬‫الحسنی‬ "० ि े सवथ िबालव में जवने मोहम्मद (स.अ.) मसवइबो अलम, मुखश्कलवतो ज़ुल्मो फसतम ि े हवड ट़ू टने र्वल़ी हस्त़ी ज़ब़ीहे आज़म ि़ी हक़़ीक़त र् मवरेित ि़ी जेहत क़दम बढव | नवम नेहवद शऱीयत र्वले आफद, नमवज़़ी और उनि़ी ज़ुररायत अ़ंजवम, हैरवनो रेशवन है | और तव क़यवमत रहेग़ी और ि े उन्ो़ंने "फिसि े " सवथ क्यव फियव है हक्क ु ल-यक़़ीन र्वलो़ं ि े फलए यह "मै" रवज़े फसरु ा ल िवयनवत है । तहक़़ीक़ हुज़़ूर बवइसे तखल़ीि े िवयनवत ि़ी "मै" रब, अल्लवह, रहमवन "मै" ि े मवबैन िोई फ़ि ा नह़ी । सवफहबवने ! हुसैऩी होने ि े फलए फिस़ी फफ़क़ े र् मज़हब से मु़ंखस्लि होने ि़ी ज़रूरत नह़ी | फसि ा हक़़ीक़़ी इ़ंसवफनयत र् िल्बे सल़ीम ि़ी ज़रूरत है । "अठािह हज़ाि जू आलम आहा आगे हुसैन दे मदे ह ,, साहदक े दीन इन्ााँ दा बाहाँ जेडे सि क ु बाानी कि दे ह || क़ ु रवन लवरैब फितवब म़ंबव-ए-फहदवयतो़ं मवरेफ़त है। ि ु रवने वि िव र्ह अहले बैत एि द़ू जे से मरब़ूत हैं | अलग नह़ी़ं हो सिते "‫ص‬ " "सवद" र्वल़ी स़ूरतो़ं िव मजमुआ फितवब़ी शक्ल में है | जबफि " ‫س‬ " "स़ीन" र्वल़ी स़ूरतें मुजिम हैं जो नवस़ूत में िलत़ी फिरत़ी फदखवई देत़ी हैं । आह िवश ! आ़ंख र्वलव "इस" क़ ु दरते ज़ेबव िव नज़वरव
  • 27. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन देखे अल-अस्ल रूहे इबवदत "आदत" िो ति ा िरने फमसदवक़ मवरेित होिर रर्वयत़ी आदत बईद िरने िव नवम है । नव फि आदत बनव लेने िव | आदत र गवफलब आनव ह़ी िमवले िज़़ीलतो इिरवम है। फजगर गोशव-ए-सैय्यदे िवयनवत िो शह़ीद िरने र्वले नवमो नेहवद शऱीयत र्वले रर्वयत़ी आफद, नमवज़़ी थे | जो इमवमे बरहक़, शमए रहमते हवद़ी यवऩी इमवमे फहदवयत से टिरवने गए, तहक़ीक़ ! आफद जब हवद़ी से तसवदम िरेगव यवऩी ज़ंग िरेगव द़ू र िोई भ़ी हो ऐने हक़़ीक़त है ि े िबाल ने ह़ी ब व होनव है क़यवमत ह़ी बर व होग़ी। आ़ं इमवमे आफशिव़ं ुर बुत़ूल सरो आज़वदे जफबस्तवने रस़ूल अल्लवह अल्लवह बवए फबखस्मल्लवह फ दर मवनव फज़बहे अज़़ीम आमदे फ सर ऐ हक्क ु ल यक़़ीन र्वलो़ं ! लो अब िबालव िव नज़वरव देखो ि े फिस फिस ि े सवथ क्यव क्यव हुआ है यवद रखो फितवब “सवनेह िबालव " बयवन िर सित़ी है। हक़़ीक़ते िबालव नह़ी़ं | ये हक़़ीक़त आलमे अल्लवह में " ‫الحس‬ ‫ی‬ ‫ن‬ ‫الحس‬ ‫ی‬ ‫ن‬ " “सैय्यद” मुशवहेद-ए-हक्क ु ल यक़़ीन से बयवन िर सितव है। अल़ी िव ज़ेब र् ज़ेन फज़न्दव है िवफतमव िव िैन फज़न्दव है न ़ूछ र्क़्त ि े इन बे ज़बवन फितवबो से सुनो अज़वन तो समझो हुसैन फज़न्दव हैं।
  • 28. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन (दवनव-ए-रवज़) जल्लव जलवलहू र् सलवमुल्लवह़ी अलैफहम अजमईन || दशान िो तरसत़ी हू़ं मोरे भवग जगवओ अजमेर बुलवओ ि़ूम़ू़ं मैं तेरे रौज़व-ए-अनर्र ि़ी जवल़ी अजमेर ि े र्वल़ी अस्सलामु अलैक ु म व िहमतुल्लही बिकातुहु हज़रत क़वज़़ी सवहब मैं आ ि़ी बवरगवह में अज़ा िरतव हूाँ फि ि ु छ तहऱीरें शोशल म़ीफडयव र गफदाश िर रह़ी है जो ि े दजा ज़ेल है...... र्ह इबवरवत यह हैं ! शवह अस्त हुसैन बवदशवह अस्त हुसैन द़ीन अस्त हुसैन द़ी़ं नवह अस्त हुसैन सर दवद नव दवद दस्त दर दस्ते यवज़़ीद हक्कव ि े बेनवए लव इलवहव अस्त हुसैन मज़ि ़ू रव रोबवई र ि़ंद एतरवजवत ि े जर्वबवत आज िल ये अशआर अक्सर महवफिल में ढे जवते हैं और ये िहव जवतव है फि यह अशआर हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ने फलखव है | हवलव़ंफि हक़़ीक़त तो ये है फि यह अशआर हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ि े िलवम है ह़ी नह़ी़ं और फिर इस िौथे शेर िव मवनव ह़ी ि ु फियव है फजसिव मफ़हूम ये बनतव है ि े अल्लवह ि़ी तौह़ीद ि े बवऩी हुसैन हैं| (अस्तगफिरुल्लवह) "शाह अस्त हुसैन बादशाह अस्त हुसैन" हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी िव नह़ी़ं है | गऱीब नर्वज़ होिर इतऩी ि ु फियव बवत नह़ी िर सिते | यह दर अस्ल एि ईरवऩी शवयर मुईनुद्द़ीन हसन स़ंजऱी ि े हैं जो फशयव थव | अब अहले सुन्नत नवदवफनश्तव तौर र फशयव दवफनश्तव तौर र हज़रत
  • 29. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ि़ी तरि मनस़ूब िरते हैं । और फिर इस शेर िव मवनव ह़ी गलत है | "हक्का क े हबनाये ला इलाहा अस्त हुसैन" इस िव मवनव यह है ि े अल्लवह ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं | लव इलवहव ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं (सुम्मव मवज़ल्लवह) इस मिहूम र यह़ी बनव ि े हुसैन अल्लवह ि़ी बुफनयवद हैं | हुसैन हले हैं और अल्लवह बवद में है | (अस्तगफिरुल्लवह) तो यह इस्लवम है यव ि ु ि ? यक़़ीनन ि ु ि है । इस तरह ि़ी खुरविवत शोशल म़ीफडयव र िल रह़ी है ख़ुस़ूसन क़ाज़ी उल क ु ज़्जात साहब इस र रौशऩी डवलें तवफि हक़़ीक़त अर्वम िो तव िले और लोगो िो तव िले और लोग गुमरवह होने से बिें ? सैय्यद मोहम्मद तवहव फिश्त़ी अजमेर शऱीि अल-जवाब :- फबऔफनल मलफिल र्हवब इस तरह जवफहल ि़ी जेहवलत उज़्र नह़ी़ं सवयल ने यहव़ं जवफहल और आफलम में फ़ि ा फदखविर फबलव र्जह क़वफबफलयत जतवई है | र्ह शेर फजसिव भ़ी हो उसमें जरुरते शवयऱी ि़ी र्जह से ़ूरव िलम-ए-तैय्यबव मज़ि ़ू र नह़ी़ं है | मगर जवफहल ि े सवमने क्यव ज़रूरत थ़ी फजस िव बवइस उसने “लव इलवहव” र एखतेसवर फियव उसिव फबलव ज़रूरत “लव इलवहव” र एक़तेसवर िरनव जेहवलत है | क्यो़ंफि फसि ा इतनव िलमव िव मवनव यक़़ीनन क़ब़ीह बखि उसि़ी हक़़ीक़त र नज़र ि़ी जवए तो ि ु ि है | मगर जवफहल ि़ी मुरवद हरफगज़ र्ह मवनव नह़ी़ं है जो क़ब़ीहो ि ु ि होतव है | इसफलए उस र हुक्मे ि ु ि न होगव ।
  • 30. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन ‫اذالم‬‫اما‬‫لالیمان‬‫معتقد‬‫النہ‬‫یكفر‬‫ال‬‫به‬‫كلم‬‫یت‬‫ولم‬‫اهلل‬‫اال‬‫یقول‬‫واردان‬‫الہ‬‫ال‬‫قال‬‫ن‬‫م‬ ‫کافر‬ ‫فهو‬‫فقط‬‫ىف‬‫لن‬‫ا‬‫وارد‬‫ثبات‬‫اال‬‫لہ‬‫یا‬‫یخطر‬ ० ‫نمرب‬‫(جلد‬ 6 ، ‫صفحہ‬ 347 ) शेर मज़ि ़ू रह हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव ह़ी है आज ति सभ़ी ने इन अशआर िो उऩ्ी ि़ी तरि मनस़ूब फियव है और दरबवरे हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी में फलखव देखव | मगर आज ति फिस़ी ज़ी इल्म यव फिस़ी ़ीरे तऱीक़त ने इन अशआरो़ं र ि ु छ नह़ी़ं िरमवयव | यवद रहे फि फ़वरस़ी में अशआर हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ने दवतव ग़ंज बख्श लवहौऱी ि़ी शवन में भ़ी फलखव है | उन ि े खोलिव ने भ़ी िहव है लेि़ीन इसिव मिहूम दुरुस्त है र् ज़ने शवयऱी ि़ी र्जह से अगर इसमें “लव इलवहव” र एख़तेसवर दुरुस्त है। तो इसिव मतलब हरफगज़ नह़ी़ं ि े फबलव ज़रूरत भ़ी एक़तेसवर दुरुस्त है | ज़रूरते शवयऱी इस र दवल है ि े िवयल ि़ी मुरवद यक़़ीनन ़ूरव िलमव है | स्यवक़ े िलवम से भ़ी इसि़ी तवईद होत़ी है | अगर मवज़ल्लवह नि़ी महज़ मुरवद हो तो द़ीन और द़ीन नवह होने ि े बजवए उसिव अक्स हो जवयेगव और जब नफ़़ी महज़ नह़ी तो सैय्यदनव हुसैन वि महज़ ि़ी बुफनयवद िहव़ं हुए ि े तौह़ीन िव सर्वल ैदव हो फमसरव िव मतलब यह िलमव-ए-तैय्यबव ि े हक़ ि़ी बुफनयवद हुसैन हैं िलम-ए-तैय्यबव िव एि हक़ यह भ़ी है िवफसिो िवफजर ि े हवथ र बैय्यत न ि़ी जवए और उसे सैय्यदुल अ़ंफबयव िव जव नश़ीन तस्ल़ीम नव फियव जवए | यक़़ीनन उस हक़ िो इमवम ने िवफमल तौर र ़ूरव फियव और यज़़ीद ल़ीद ि़ी फमट्ट़ी ल़ीद िरि े रख फदए और िलमव ि़ी लवज
  • 31. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन रख ल़ी और मवनव ि े फलहवज़ से द़ीन नवह िहव गयव। हद़ीस शऱीि में है : ‫الجنة‬‫ل‬‫خ‬‫فد‬‫اهلل‬‫اال‬‫الہ‬‫ال‬‫قال‬‫ن‬‫م‬ ० ि े तशऱीह में ओलमव िरमवते हैं ि े फजस ने यह िलमव ढव और सवथ में भ़ी उसिव हक़ अदव फियव यवऩी अरिवने इस्लवम िो ़ूरव फियव र्ह इस बशवरत िव हक़दवर है | य़ू़ं ह़ी मज़ि ़ू रह फमसरव में िलमव-ए-तैय्यबव से िलमव-ए-तैय्यबव िव हक़ है | फिर ये बवत दौरे यज़़ीद ि े सवमने रख िर ि़ी गई है। जैसव फि इस तरह ि े िलवम एि मख्स़ूस दौर ि े फलए ह़ी िह़ी जवत़ी है इसफलए “अस्बि ़ू नल अव्वल़ून” इसमें शवफमल नह़ी़ं इस़ी र्जह से “इल्लल्लवह" उसि े ज़हन में हो सितव है । बखि एि मुसलमवन से यह़ी तसव्वुर फियव जव सितव है | मज़़ीद हज़रत सैय्यद ख़्ववजव फहन्दल र्ल़ी ि े अशआर िो समझने ि े फलए मुफहब्बे अहलेबैत होनव ज़रूऱी है । अगर यज़़ीद िव ज़रवा बरवबर भ़ी शवएबव है तो र्ह शख्स इन अशआर िो नह़ी़ं समझ सितव इन अशआर में अगर न ज़रे अम़ीक़ से देखे तो इल्मे मवरेित र् इल्मे हक़़ीक़त र् इल्मे अक़वयद और इल्मे शऱीयत ि़ी बे नवह दौलत मौज़ूद है | और सबसे बड़ी फहमवक़त यह है फि उस हस्त़ी ि े अशआर से ि ु ि सवफबत िरने िो सोि रहें हैं। फजसने सवरे फहन्द िो इस्लवम फदयव । इन अशआर िो फिन मौि े र िहे हैं र्ह आगे तहऱीर ि़ी गई है। | (र्ल्लवहु आलम फबिर्वब)
  • 32. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन मुक़द्दमा ‫الطیبنی‬‫وآله‬‫والمرسلنی‬‫االنیاء‬‫سید‬‫محمد‬‫یل‬‫ع‬‫والسالم‬‫والصلة‬‫العالمنی‬‫رب‬‫هلل‬‫الحمد‬ ‫الرجیم‬‫ن‬‫لشیط‬‫ا‬‫ن‬‫م‬‫باهلل‬‫فاعوذ‬‫المکرمنی‬‫واصحابہ‬‫ن‬‫ی‬‫والطابر‬ ० ‫الرحیم‬‫ن‬‫حم‬‫الر‬‫اهلل‬‫بسم‬ ० ‫اتاكم‬ ‫وما‬ ‫فخذوه‬ ‫الرسول‬ ० ‫العظیم‬ ‫موالنا‬ ‫اهلل‬ ‫صدق‬ ० ‫آل‬ ‫و‬ ‫محمد‬ ‫یل‬‫ع‬ ‫ل‬‫ص‬ ‫اللهم‬ ‫(ص‬‫محمد‬ ) ० तजुामव :- रस़ूल (स.अ.) जो अतव िरमवए़ं र्ह ले लो || यवऩी अल्लवह िव हुक्म है फि मेरे महब़ूब (स.) जो भ़ी अतव िरमवए़ं ले लो | अल्लवह तअलव ने तवजदवरे िवयनवत हज़रत मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) िो अखऱी नब़ी बनविर बऩी नौए इ़ंसवन ि़ी फहदवयत ि े फलए मबऊस िरमवयव । आ (स.अ.) ि़ी 63 सवलव ज़वफहऱी फज़न्दग़ी अमल़ी जद्दो जहद से इबवरत है | आ (स.अ.) ने तबल़ीगो इशवअते इस्लवम ि े फलए हर तरह ि़ी तिल़ीि ें बदवाश्त फिए । यह उऩ्ी तिवल़ीफ़ िव समर (िल) है फि आज हम ति द़ीने इस्लवम िव ैगवम हु़ंिव । अल्लवह तआलव ने अ ने हब़ीब हज़रत मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) र आखऱी फितवब क़ ु रवने हि़ीम नवफज़ल िरमवई | और उसि े सवथ सवथ अ ने हब़ीब हज़रत मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) ि़ी सुन्नत ि़ी इत्तेबव भ़ी फ़ज़ा क़रवर द़ी इशवाद िरमवयव :
  • 33. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन ‫فانتهوا‬‫عنه‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫اتكمر‬‫وما‬ ० तजुामव :- और जो ि ु छ रस़ूल तुम्हें अतव िरमवए़ं सो उसे ले फलयव िरो और फजससे तुम्हें मनव िरमवए़ं सो (उससे) रुि जवओ | (अलक़ ु रवन, अल-हश्र :- 58:7) यह आयत सरवहतन इस बवत र दवल है फि हम र हुज़़ूर (स.अ.) ि े अक़र्वलो अिआल ि़ी इफत्तबव लवफज़म क़रवर द़ी गई है । अगर हम इस इफत्तबव ि े इम्तेहवन र ़ूरव उतरेंगे तो िवमयवब हो़ंगे र्रनव फहरवसव र् फज़ल्लत हमवरव मुक़द्दर होग़ी। हज़रत अब़ू हुरैरव (र.अ.) रर्वयत िरते हैं ि े रस़ूले अिरम सल्लल्लवहु अलैह़ी र् आफलह़ी र्सल्लम ने इरशवद िरमवयव : ‫اهلل‬‫یص‬‫ع‬‫فقد‬‫عصاين‬‫ن‬‫م‬‫و‬‫اهلل‬‫اطاع‬‫فقد‬‫ىن‬‫ع‬‫اطا‬‫ن‬‫م‬ ० (सह़ी बुखवऱी फितवबुल अहिवम : रक़म-671) (सह़ी मुखस्लम फितवबुल इमरत : रक़म-1838) तजुामव: फजसने मेऱी इतवअत ि़ी सो उसने अल्लवह ि़ी इतवअत ि़ी | और फजसने मेऱी नव िरमवऩी ि़ी सो उसने अल्लवह ि़ी नविरमवऩी ि़ी | मज़ि ़ू रह बवलव हद़ीस शऱीि र्वज़ेह िर रह़ी है ि े हुज़़ूर (स.अ.) ि़ी ईतवअत ह़ी अल्लवह ि़ी इतवअत है और आ (स.अ.) ि़ी नविरमवऩी दर हक़़ीक़त अल्लवह तवलव ि़ी नविरमवऩी ि़ी | स हमें िवफहए ि े अगर हम दुफनयव र् आखखरत में िवमयवबो िवमरवन होनव िवहते हैं तो हुज़़ूर (स.अ.) से अ नव ट़ू टव हुआ तअल्लुक़ फिर
  • 34. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन से बहवल िर लें | तवफि अज़मते रफ्तव िो व सि ें । एतवअते रस़ूल (स.अ.) ह़ी र्ह अक्स़ीर नुस्खव है फजस र अमल ैरव होिर अल्लवह तबवरि र् तआलव ि़ी मोहब्बत और रज़व हवफसल ि़ी जव सित़ी है और दर हक़़ीक़त एतवअते रस़ूल ह़ी इतवअते रब है। ‫اهلل‬‫اطاع‬‫فقد‬‫الرسول‬‫ع‬‫یط‬‫ن‬‫م‬ ० तजुामव :- फजसने रस़ूल ि़ी इतवअत ि़ी उसने दर हक़़ीक़त अल्लवह ि़ी इतवअत ि़ी । और इस इतवअत ि े सम्रवत क्यव हैं ? ‫اهلل‬‫یحببكم‬‫فاتبعوین‬‫اهلل‬‫تحبون‬‫كنتم‬‫ان‬ ० तजुामव :- अगर तुम अल्लवह से मोहब्बत िरते हो तो मेऱी इत्तेबव िरो अल्लवह तुमसे मोहब्बत िरने लगेगव । : ‫ح‬‫صحی‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫منصور‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫سفیان‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫ن‬‫حم‬‫الر‬ ‫عبد‬ ‫حدثنا‬ ،‫ىن‬‫لمث‬‫ا‬ ‫ن‬‫ب‬ ‫محمد‬ ‫حدثنا‬ ‫والمستوشمات‬ ‫الوشمات‬ ‫اهلل‬ ‫ن‬‫لع‬ ‫مهن‬‫ع‬ ‫اهلل‬ ‫ریض‬ ‫اهلل‬ ‫عبد‬ ‫ن‬‫ع‬ ‫علقمة‬ ‫ن‬‫ع‬ ،‫ابراہیم‬ ‫رسول‬‫رسول‬‫ن‬‫لع‬‫ن‬‫م‬‫ن‬‫لع‬‫ا‬ ‫ال‬‫ماىل‬‫اهلل‬‫ق‬‫تخل‬‫ا‬‫المغري‬‫ن‬‫للحس‬‫والمتفلجات‬،‫والمتنمصات‬ ‫اهلل‬‫كتاب‬‫وهو‬‫وسلم‬‫علیہ‬‫اهلل‬‫یل‬‫ص‬‫اهلل‬ ० (तजुामव सह़ी बुखवऱी हद़ीस ऩंबर 5948) फितवबे फलबवस ि े बयवन में बवब : गोदर्वने र्वल़ी औरत ि़ी बुरवई िव बयवन हमसे मोहम्मद फबन मुस्नव ने बयवन फियव िहव हमसे अब्दुल रहमवन ने बयवन फियव उनसे सुफियवन फबन अईनव ने उनसे मनस़ूर ने उनसे इब्रवफहम ने उनसे अल्कक़मव ने और उनसे हज़रत अब्दुल्लवह फबन मसऊद (र.अ.) ने :- गोदने र और गोदर्वने र्वफलयो़ं र, बवल उखवडने र्वफलयो़ं र और ख़ूबस़ूरत़ी ि े फलए दव़ंतो़ं ि े दरफमयवन ि ु शवदग़ी िरने र्वफलयो़ं र जो अल्लवह ि़ी ैदवइश में
  • 35. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन तब्द़ील़ी िरत़ी हैं अल्लवह तआलव ने उन र लवनत भेज़ी है | फिर मैं क्यो़ं नव उन र लवनत भेज़ू़ं फजन र रस़ूलल्लवह ने लवनत भेज़ी है और र्ह फितवबुल्लवह में मौज़ूद हैं। आयत शऱीि : ‫ا‬‫وما‬ ‫فانتهوا‬‫عنه‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫كم‬‫ت‬ ० (अल हश्र : 7) ि़ी तरि से इशवरव है ि े जो ि ु छ रस़ूलल्लवह (स.अ.) तुमिो हुक्म िरमवए़ं उसे बजव लवओ और फजससे मनव िरें उससे रुि जवओ उसि े तहत इजमवल़ी तौर र “ अर्वफमर र् नर्वह़ी " दवखखल हैं | आज िव ि ै शन जो मदों और औरतो़ं ने अ नवयव है जो ऩंगे न र अमवदव हैं र्ह सब इस लवनत ि े तहत दवखखल हैं | सनद में मज़ि ़ू र अलक़मव फबन र्क़वस लेश़ी हैं जो आ़ं हज़रत (स.अ.) ि े अहद मुबवरि में ैदव हुए और ज़ंगे ख़ंदि में शऱीि हुए अब्दुल मफलि फबन मरर्वन ि े दौर में र्िवत वए | फितवबुल्लवह में मज़ि ़ू र होने से र्ह आयत मुरवद है फजसमें है । ‫ا‬‫وما‬ ‫فانتهوا‬‫عنہ‬‫نهكم‬‫وما‬‫فخذوه‬‫الرسول‬‫كم‬‫ت‬ ० यवऩी रस़ूले िऱीम जो फहदवयत तुमिो दें उसे तुम क़ ु ब़ूल िर लो और फजन िवमो़ं से तुमिो मनव िरमवए़ं उनसे रुि जवओ उसमें जुमलव “अर्वफमर र् नर्वह़ी" में दवखखल है | हद़ीस में मुज़ि ़ू रह नर्वह़ी भ़ी इस़ी आयत ि े ज़ेल में हैं। हद़ीस ि े अल्फवज़ दजा ज़ेल हैं: ‫انما‬ ‫لمع‬‫ا‬‫واهلل‬‫القاسم‬‫انا‬ ‫یط‬ ० मुज़ि ़ू रह हद़ीस िव मतलब यह है फि रस़ूले अिरम (स.अ.) अ ऩी मज़़ी से ि ु छ नह़ी़ं िरते, नव फिस़ी िो अ ऩी मज़़ी से ि ु छ िहते हैं,
  • 36. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन नव फिस़ी िो अ ऩी मज़़ी से ि ु छ अतव िरमवते हैं, और नव तो फिस़ी से अतव िो अ ऩी मज़़ी से रोिते हैं, नव फिस़ी िो िम यव ज्यवदव देने में अ ऩी मज़़ी िो शवफमल िरते हैं | बखि यह सब अल्लवह रब्बुल इज़्जत ि़ी मज़़ी ि े तवबे रहते हुए िरते हैं फलहवज़व मतलब यह हुआ ि े देने र्वलव अल्लवह तवलव है और मैं तो तक़स़ीम िरने र्वलव ह़ं । (जैसव ि े ितहलबवऱी, शरेह सह़ी बुखवऱी में है : 3117) ‫واهلل‬‫اوله‬‫يف‬‫ح‬‫فلی‬‫ن‬‫ع‬‫النعمان‬‫ن‬‫ب‬‫ح‬‫ی‬‫شر‬‫ن‬‫ع‬‫احمد‬‫روایة‬‫یف‬‫امنعکم‬‫وال‬‫اعطیكم‬‫ما‬‫قوله‬ ‫ا‬‫ال‬:‫ىن‬‫لمع‬‫وا‬‫یط‬‫لمع‬‫ا‬ ‫ع‬‫من‬‫وال‬‫بعطیة‬‫فیكم‬‫تصرف‬ ‫حیث‬‫ع‬‫ض‬‫ا‬‫القاسم‬‫انا‬‫انما‬‫وقوله‬‫اي‬‫برا‬ ‫ا‬‫احدا‬‫ع‬‫من‬‫ا‬‫وال‬‫احدا‬‫یط‬‫ع‬‫ا‬‫ال‬‫ایی‬‫امرت‬ ‫بمام‬‫ق‬‫ی‬‫طر‬‫ن‬‫م‬‫داود‬‫جهابو‬‫اخر‬‫وقد‬‫اهلل‬‫بامر‬‫ال‬ ‫خا‬‫اال‬‫انا‬‫ان‬:‫بلفظ‬‫هریرة‬‫أىب‬‫ن‬‫ع‬ ‫زن‬ ० म अती : अतव िरने र्वलव | क़ाहसम : तक़स़ीम िरने र्वलव | शरह : अल्लवह तआलव नेमतें अतव िरमवतव है और सरिवरे दो आलम उन्ें तक़स़ीम िरते हैं एि बड़ी नेमत ररज्क़ है जो मखल़ूक़ िो अल्लवह ि़ी अतव से हुज़़ूर (स.अ.) ि े ज़ररए फमलत़ी है । ‫ں‬‫ہی‬‫یط‬‫مع‬‫رىب‬ o क़वफसम िरमवने रस़ूल (स.अ.) है : " ‫یط‬‫یع‬‫واهلل‬‫قاسم‬‫انا‬‫إنما‬ "o तजुामव :- यवऩी अल्लवह िऱीम आतव िरमवतव है और मैं तक़स़ीम िरतव हू़ं । (बुखवऱी : 1:42, हद़ीस : 71) शवरह बुखवऱी िक़़ीरे आज़मे फहन्द मुफ्त़ी मोहम्मद शऱीि ु ल हक़ अमजद़ी (र.अ.) इस हद़ीस ि े तहत िरमवते हैं :- मवनव यह हुए फि
  • 37. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन मखल़ूक़वत में से फजस फिस़ी िो अब ति जो ि ु छ फमलव आइ़ंदव फमलेगव उन सबिव देने र्वलव अल्लवह है और उन सब िव बव़ंटने र्वलव मैं हू़ं | फजस तरह अल्लवह ि े मोअत़ी होने में फिस़ी फक़स्म ि़ी िोई तख्स़ीस जवयज़ नह़ी़ं | उस़ी तरह हुज़़ूरे अक़दस ि े क़वफसम होने में फिस़ी फक़स्म ि़ी तख्स़ीस जवयज़ नह़ी़ं । फजस तरह मुसलमवनो़ं िव एतेक़वद है फि आलम ि़ी हर ऩूअ हर िदा ख्ववह र्ह िररश्ते हो़ं, ख्ववह र्ह इ़ंसवन हो़ं, ख्ववह र्ह फजन हो़ं, ख्ववह र्ह और ि ु छ सब िो सब ि ु छ अल्लवह ि़ी अतव से फमलेगव उस़ी तरह यह एतेक़वद भ़ी र्वफजब ि े सब िो फबलव इस्तेशनव जो ि ु छ फमलव यव फमलेगव र्ह सब हुज़़ूरे अक़दस (स.अ.) ि े देने से फमलतव है । (नजहतुल क़वऱी 1,425) तुमिो क़वफसम फियव है रज़्जवक़ ने तुमने सब ि ु छ फदयव यव रस़ूलल्लवह (स.अ.) ररज्क रब िव है तुम खखलवते हो सवरे आलम िो यव रस़ूलल्लवह (स.अ.) बिज़ले रब सर ज़म़ीने फहन्द में अल्लवह और उसि े रस़ूल (स.अ.) ने हम फहन्द र्वलो़ं िो गोयव रस़ूल (स.अ.) ि़ी अतव अल्लवह ि़ी आतव है अल्लवह और रस़ूल ि़ी अतव एि अज़़ीम तोहिव है ।
  • 38. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन हलखने की वजह इस फितवब में तक़ऱीबन हर जगह सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िो इस लब ि े सवथ फलखने ि़ी िोफशश ि़ी है इस उम्म़ीद र ि े आ खुश हो जवए़ं | आ ि़ी फनगवहे लुत्फ़ो इनवयत हो क्यो़ंफि इस़ी लक़ब से हुज़़ूर सैय्यदुल अ़ंफबयव अल्लवह ि े महब़ूब (स.अ.) ने यवद िरमवयव है । फजस तरह आ ि े जद सैय्यदुल औफलयव मौलव–ए-िवयनवत बवबुल इल्म हज़रत अल़ी िरामल्लवहु र्जहुल िऱीम िो अबु तोरवब ि े लक़ब से हज़रत मोहम्मद मुस्तिव (स.अ.) ने यवद िरमवयव थव । इस़ी तरह ख्ववजव-ए-ि ु ल ख्ववजगवन मवफलि े फह़ंदुस्तवन फह़ंदल र्ल़ी रहमतुल-फलल-फहन्द रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत सैय्यद ख्ववजव मुईनुद्द़ीन हसन फिश्त़ी िो हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी (र.अ.) ि े लक़ब से यवद िरने र आ बहुत खुश हो़ं। मुसलसल हयात नर्वसव फह़ंदल र्ल़ी नवनव मवफलि े ि ु ल िवयनवत है | ख्ववज-ए-ि ु ल ख्ववजगवन आ ह़ी ि़ी ज़वत है || बवदे फर्सवल भ़ी फदए हैं सलवम िव जर्वब | ि ै स़ी र्िवत? यह मुसलसल हयवत है || दो िवर िरवमवत हो तो मवनें फसि ा र्ल़ी | हयवत बवदे फर्सवल फसल फसल-ए-िरवमवत है || मुमफिन नह़ी़ं फितवबो़ं से इरिवने फह़ंदल र्ल़ी | ि ै ज़वन और बवत है इल्म और बवत है || र्क़्ते फर्सवल ेशवऩी े यह रक़म थव अनर्र | हवज़व हब़ीबुल्लवह मवतव ि़ी हुखब्बल्लवह ||
  • 39. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन िदीअल्लाहु अन्हहु हलखने की वजह हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी ि े ़ीरो मुफशाद ने हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी िव हवथ िड िर दुआ ि़ी ऐ अल्लवह ! मैं अ ने मुईनुद्द़ीन ि े फलए तुझसे त़ीन ि़ीज़ो़ं िव तलबगवर हू़ं ! आर्वज़ आई ि े ऐ उस्मवन मुईनुद्द़ीन ि े फलए जो ि ु छ तलब िरोगे फदयव जवएगव | यह हुक्म विर अज़ा फियव :- ऐ अल्लवह ! त़ू मेरे मुईनुद्द़ीन िो क़ ु ब़ूल िरमव | इशवादे बवऱी तआलव हुआ हमने ि ु ब़ूल फियव || फिर अज़ा फियव ि े मेरे मुईनुद्द़ीन िो मुझसे ज़्यवदव शोहरत अतव िरमव | इशवादे बवऱी तआलव हुआ ि े हमने क़ ु ब़ूल फियव || फिर अज़ा फियव ि े मेरे मुईनुद्द़ीन में अ ने जलर्े और अ ने हब़ीब ि़ी शवन ैदव िरमव | इरशवदे बवऱी तआलव हुआ ि े यह भ़ी दुआ हमने क़ ु ब़ूल ि़ी || िुनव़ंिे आखखर र्क़्त में इस दुआ िव इस तरह ज़हूर हुआ फि आ ि़ी फर्सवल ि े बवद आ ि़ी ेशवऩी मुबवरि र अरब़ी में फलखव हुआ थव। “हाज़ा हबीबुल्लाल माता फी-हुब्बिल्लाह” तजुामव : यवऩी यह अल्लवह ि े हब़ीब हैं और इनिव फर्सवल अल्लवह ह़ी ि़ी मोहब्बत में हुआ है।
  • 40. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन इस़ी र्जह से मैंने हज़रत सैय्यद ख्ववजव फह़ंदल र्ल़ी ि े नवम ि े सवथ रद़ी अल्लवहु तआलव अन्हहु फलखव है । ि े आ से अल्लवह रवज़़ी और आ अल्लवह से रवज़़ी जभ़ी तो उनि़ी ेशवऩी मुबवरि र र्क़्ते फर्सवल यह फलखव थव । “हाज़ा हबीबुल्लाल माता फी-हुब्बिल्लाह” तजुामव : यवऩी यह अल्लवह ि े हब़ीब हैं और इनिव फर्सवल अल्लवह ह़ी ि़ी मोहब्बत में हुआ है। क़ ु िआने किीम से दलील ! अहलेबैते अतहवर र अलैफहिलवम ढनव फलखनव जवयज़ है । क्यो़ंफि फहदवयत में नब़ी-ए-िऱीम (स.अ.) ि़ी एत्तेबव में अहलेबैते नब़ी अलैफहमुिलवम सबसे अव्वल़ीन हैं । सहवब-ए-िरवम ि े जैसे अक़़ीदतम़ंद और उनि े जैसे खवफलस अक़वएद अ नवते हुए नेि आमवल में ैरऱ्ी िरने र्वले स्ववफलह़ीन और औफलयव अल्लवह र रद़ी अल्लवहु अन्हहु फलखनव ढनव जवयज़ है । म हम्मद अनवि आलम
  • 41. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन बैय्यत क़ ु िान की िौशनी में बेशि अल्लवह रवज़़ी हुआ ईमवन र्वलो़ं से जब र्ह उस ेड ि े ऩीिे तुम्हवऱी बैय्यत ि़ी है । इस आयते िऱीमव से सवफबत होतव है ि े फिस़ी मवमलव र बैय्यत िरनव सुन्नते रस़ूलल्लवह है | और अरब में यह ररर्वज है फि जब र्वदव फलयव (स.अ.) जवतव है तो हवथ र हवथ रखिर उसे मज़ब़ूत फियव जवतव है । अ़ंग्रेज़ो़ं में रवयज है फि र्ह हवथ र हवथ मवर िर तवल़ी बजवते हैं । स जब आज भ़ी गुलवमवने रस़ूलल्लवह (स.अ.) गुनवहो़ं से मुिम्मल बेज़वऱी िव इज़हवर और तफहय्यव फिस़ी र्ल़ी-ए- िवफमल यवऩी अल्लवह तआलव से क़ ु बा रखने र्वले र् स्ववलेह ब़ंदे ि े हवथ र हवथ रखिर बव-तऱीि े अरब र्वदव िरते हैं । बतऱीक़ े अरब इसफलए ि े रस़ूले अरब़ी (स.अ.) ने अ ने रोज़ो शब अलवर्व अशो ज़मव़ं मक्कव मद़ीनव में बसर िरमवये इसफलए बव-तऱीि े अरब िहव गयव । हक़़ीक़त में बव-तऱीि े हक़ तआलव है यवऩी यह तऱीिव अल्लवह तआलव ने फसखवयव फजसिव बयवन क़ ु रवने िऱीम में य़ू़ं आतव है। जो तुम्हवऱी बैय्यत िरते हैं र्ह तो अल्लवह ह़ी से बैय्यत िरते हैं | (स़ूरह ितेह, आयत ऩंबर 10) अब र्व स आते हैं आयत ऩंबर 18 र :- "बेशि अल्लवह रवज़़ी हुआ ईमवन र्वलो़ं से जब र्ह उस ेड ि े ऩीिे तुम्हवऱी बैय्यत िरते थे।
  • 42. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन स सवफबत हुआ ि े गुनवहो़ं और बुरवई से फिनवरव िश होने ि े फलए बैय्यत होनव ज़रूऱी है | और िरमवयव ईमवन र्वले ह़ी बैय्यत िरते हैं। क्यव िरते हैं ? उसिव जर्वब : इस़ी स़ूरते मुबवरि "स़ूरह ितह" में बयवन होतव है फि जब रस़ूलल्लवह ने मद़ीनव मुनव्वरव से मक्कव मुिरामव उमरव िरने िव इरवदव िरमवयव तो ि ु छ लोग फजन्ें ़ीछे रह जवने र्वलो़ं िव लक़ब फमलव हुज़़ूर (स.अ.) ि े सवथ ि ु रैश ि े खौि से रर्वनव न हुऐ । तो उस र अल्लवह तआलव ने र्ह़ी नवफज़ल िरमवई : (स़ूरह ितह, आयत ऩंबर : 11) अब तुमसे िहेंगे जो गर्वर ़ीछे रह गये थे ि े हमें हमवरे मवल और हमवरे घर र्वलो़ं ने जवने से मशग़ूल अब हुज़़ूर (स.अ.) हमवऱी मगफिरत िवफहए | यवऩी जो ईमवन र्वले नह़ी़ं और जो बैय्यत नह़ी़ं िरते र्ह फसि ा ह़ीलव बहवनव बनवते हैं । जैसव फि ऊ र ि़ी आयत में बयवन हुआ फिर अल्लवह तआलव इरशवद िरमवतव है : "अ ऩी ज़बवनो़ं से र्ह बवत िहते हैं । जो उनि े फदलो़ं में नह़ी़ं" यवऩी झ़ूठ बोलते हैं । (स़ूरह ितह, आयत ऩंबर : 12 ) बखि तुम ़ीछे रह जवने र्वले तो यह समझे हुए थे फि रस़ूल (स.अ.) और मुसलमवन हरफगज़ घरो़ं िो र्व स नव आए़ं गे । इस आयत में अल्लवह तआलव ह़ीलव बनवने र्वलो़ं ि े झ़ूठ अिशव िरमवतव है और उनि े फदलो़ं ि़ी बवत िो सब र र्वज़ह िरमव देतव है । तो र्वज़ह हो गयव ि े मोफमऩीन तऱीक़ र् इत्तेबव-ए-सुन्नते रस़ूलल्लवह (स.अ.) र अमल ैरव हैं | और ि ु फ्फवर ि े ैरोिवर हमेशव ि़ी तरह बहवने बनवने में मसरूि हैं।
  • 43. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन आइए अब ढें बैय्यते ररज़र्वन ि े बवरे में फजसि़ी र्जवहत स़ूरह ितह ि़ी आयत ऩंबर 18 ि़ी तफ़स़ीर में दजा है | अलि ु रवन :- तजुामव :- बेशि अल्लवह रवज़़ी हुआ ईमवन र्वलो़ं से जब र्ह उस ेड ि े ऩीिे तुम्हवऱी बैय्यत िरते थे । तिस़ीर : हुदैफबयव में ि़ू़ंफि इन बैय्यत िरने र्वलो़ं िो अल्लवह ि े रज़व ि़ी बशवरत द़ी गई | इसफलए इस बैय्यत िो बैय्यते ररज़र्वन िहते हैं । बैय्यत क े बेगैि जाहहहलयत की मौत रस़ूल अल्लवह (स.अ.) ने िरमवयव : ‫اهلل‬‫رسول‬ ‫ﷺ‬ ‫حجة‬‫ال‬‫القیامة‬‫یوم‬‫اهلل‬‫ىق‬‫ل‬‫طاعة‬‫ن‬‫م‬‫یدا‬‫ع‬‫خل‬‫ن‬‫م‬‫یقول‬ ‫لہ‬ ‫مات‬‫ن‬‫م‬‫و‬ ‫جاهلیا‬‫میتة‬‫مات‬‫بیعة‬‫عنقة‬‫يف‬‫س‬‫لی‬‫و‬ ० तजुामव :- जो शख्स अ नव हवथ एतवअत से फनिवलेगव तो क़यवमत ि े फदन अल्लवह से मुलवक़वत र उसि े वस िोई दल़ील नव होग़ी और जो भ़ी शख्स बैय्यत ि े बेगैर मरव तो र्ह जवफहफलयत ि़ी मौत मरव। (सह़ी मुखस्लम)
  • 44. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन औहलया अल्लाह ‫ن‬‫ی‬‫الذ‬‫یحزنون‬‫والهم‬‫مهی‬‫عل‬‫خوف‬‫ال‬‫اهلل‬‫اولیاء‬‫ان‬‫اال‬ ‫یتقون‬‫وکانو‬‫آمنوا‬ ० तजुामव :- सुन लो बेशि अल्लवह ि े र्फलयो़ं र नव ि ु छ खौि है और नव ि ु छ गम र्ह जो ईमवन लवए और रहेज़गवऱी िरते हैं । (तिस़ीरे मस़ीह़ी) ‫اهلل‬‫اولیاء‬‫ان‬‫اال‬ ० तजुामव :- सुन लो बेशि अल्लवह ि े र्फलयो़ं | आलव ि़ी लफ्ज़े "र्ल़ी" फर्लव से बनव है फजसिव मवनव ि ु बा और नुसरत है । र्ल़ी अल्लवह र्ह है जो िरवयेज़ ि़ी अदवयग़ी से अल्लवह तआलव िव क़ ु बा हवफसल िरे और अल्लवह ि़ी एतवअत में मशग़ूल रहे | और उसिव फदल अल्लवह तवलव ि़ी ऩूरे जलवल ि़ी मवररित में मुस्तगरक़ हो जब देखे अल्लवह ि़ी क़ ु दरत ि े दलवयल िो देखें और जब अल्लवह तवलव ि़ी आयतें ह़ी सुनने और जब बोले तो अ ने रब ि़ी सनव ह़ी ि े सवथ बोले और जब हरित िरें एतवअते रब में हरित िरें और जब िोफशश िरें तो उस़ी िवम में िोफशश िरे जो अल्लवह ि े ि ु बा िव ज़ररयव हो अल्लवह तवलव ि े फज़क्र से नव थि े | और िश्में फदल से अल्लवह ि े फसर्व गैर िो नव देखे यह फसित औफलयव अल्लवह ि़ी है । ब़ंदव जब इस हवल र हु़ंितव है तो अल्लवह तवलव उस िव र्ल़ी र् नवफसर और मुईनो मददगवर होतव है।
  • 45. रूहुल अर्वाह फिल फहन्द हज़रत ख्ववजव मुईन वली अल्लाह की अलामात ओलमव ने "र्ल़ी उल्लवह" ि़ी िस़ीर अलवमवत बयवन िरमवई है जैसे मुतविल्लम़ीन यवऩी इल्मे िलवम ि े मवफहर ओलमव िहते हैं । र्ल़ी र्ह है जो सह़ी और दल़ील र बऩी एतेक़वद रखतव हो और शऱीयत ि े मुतवफबक़ नेि आमवल बजव लवतव हो । बवज़ आरेि़ीन ने िरमवयव ि े फर्लवयत अल्लवह िव ि ु बा और हमेशव अल्लवह तवलव ि े सवथ मशग़ूल रहने िव नवम है । जब बन्दव उस मक़वम र हु़ंितव है तो उसिो फिस़ी ि़ीज़ िव खौि नह़ी़ं रहतव और नव फिस़ी शै ि े िौत होने िव गम होतव है । हज़रत अब्दुल्लवह फबन अब्बवस (र.अ.) ने िरमवयव ि े र्ल़ी र्ह है फजसिो देखने से अल्लवह यवद आए | फतब्ऱी ि़ी हद़ीस में भ़ी है । इब्ने ज़ैद ने िहव र्ल़ी र्ह है फजसमें र्ह फसित हो जो इससे अगल़ी आयवत में मज़ि ़ू र है : ‫ا‬‫وکانو‬‫امنوا‬‫ن‬‫ی‬‫الذ‬ ‫یتقون‬ o यवऩी ईमवन और तक़र्व दोनो़ं िव जवमे हो | बवज़ ओलमव ने िरमवयव ि े र्ल़ी र्ह है जो खवफलस अल्लवह ि े फलए मोहब्बत िरें । औफलयव ि़ी यह फसित बहुत सवऱी अहवद़ीस में फज़क्र हुई है । बवज़ बुज़ुगवाने द़ीन ने िरमवयव :- र्ल़ी र्ह हैं जो एतवआत यवऩी िरमवबरदवऱी से अल्लवह ि े क़ ु बा ि़ी तलब िरते हैं और अल्लवह तवलव िरवमत से उनि़ी िवरसवज़़ी िरमवतव है । यव र्ह फजनि़ी फहदवयत िव दल़ील ि े सवथ अल्लवह तवलव िव िि़ील हो और र्ह अल्लवह तवलव ि़ी ब़ंदग़ी िव हक़ अदव िरने और उसि े मखल़ूि र रहम िरने ि े फलए र्क्कफ़ हो गए। (खवफज़न य़ूनुस, तहतुल आयत)