2. मौन का शंखनाद
नरेन्द्र तो था ननममतमात्र,
नरेन्द्र के माध्यम से ददया संदेश मौन का,
स्वयं सच्चिदानंद ने।
नरेन्द्र के मौन की गूँज सुनी ववश्व ने,
उस सववधमव सभा में।
हुआ सारा संसार नतमस्तक मौन में।
अब तो है यह खुला रहस्य,
मौन से आए है,
मौन में जाना है।
बीि का सफर तो मौन का उतार िढ़ाव है।
मौन में होता दशवन ‘‘सत्य’’ का
स्वामीजी ने ददया यही संदेश।
3. मौन का शंखनाद
सृच्टि का आधार मौन,
जगत की अमभव्यच्तत का सार मौन।
बुद्ध को देखो शरीर में उतारा मौन,
मौन में है ववस्फोि,
च्जसके आगे परमाणु की
गूँज भी है फीकी फीकी।
4. मौन का शंखनाद
स्वामीजी ने बताया संसार को,
भारत है ववश्वगुरू च्जसका मौन है आधार,
भारत की प्रगनत पर है, ववश्व शांनत का
आधार।
स्वामीजी ने सनातन धमव को समझाया,
मौन से शुरू ककया मौन पर समापन ककया।
5. मौन का शंखनाद
सनातन धमव में मौन है प्रथम शतव,
तयोंकक यह मौन नहीं हैं ननच्टिय,
यह मौन है अनंत संभावनाओं की पोिली।
6. मौन का शंखनाद
करा प्रयास मौन में उतरने का सयव ने भी
करके दस ददन ववपसना-योग,
था प्रयास मौन को समझने का
मौन को समझे मौन
यही समझा मौन का सार।
7. मौन का शंखनाद
स्वामीजी ने बताये, मौन के प्रकार,
सत, रज और तम ्
कहते रूको नही इन तीन प्रकार पर,
करो गीता का पाठ,
जो कहती-होना है त्रत्रगुणातीत
मौन में भी जाना है त्रत्रगुणातीत
8. मौन का शंखनाद
सयव प्रताप ने देखा एन.सी.ई.आर.िी. का
पाठ्यिम,
छठी से बारहवी में समेिा स्वामी जी के जीवनी
को अठाईस शब्दों में,
रहा नहीं जाता इस पाठ्यिम पर मौन,
करता है सयव प्रताप का मन करने को
शंखनाद।
9. मौन का शंखनाद
आओ बनाए नया भारत,
जहाूँ के आदशव हैं स्वामीजी,
जहाूँ की हर कक्षा में हो स्वामीजी जुबानी,
स्वामीजी है भारत के रग रग में।
पाठ्यिम में करते छेड़छाड़,
याद आती जयिंद की
ननजी स्वाथव के कारण कर रहे नमकहरामी
10. मौन का शंखनाद
सयव प्रताप कहता है सुन लो-स्वामीजी है युवा
भारत की आत्मा
और आत्मा तो अमर है सनातन है।
वर्व 2018 है अजब
125 वर्व पवव 1893 में स्वामी गए मशकागो,
गांधी गए दक्षक्षण अफ्रीका
श्री अरववन्द्द आए भारत, नतलक ने ककया
गणेश उत्सव की शुरुआत।
आज भी स्वामीजी के शब्द गूँज रहे दे रहे सब
को प्ररेणा
उठो, जागो, तब तक ववश्राम नही
जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो।
लक्ष्य है सबका अभ्युदय