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गलतिय ाँ तिनकी विह से
असफल होिे हैं हम
डॉ र िेश वम ा
अतसस्टेंट प्रोफे सर (मनोतवज्ञ न)
र िकीय मह तवद्य लय आदमपुर, तहस र, हररय ण
IAS बनन एक वो सुनहर ख्व ब है िो ल खों युव ओं के तदल में
पलि है।इसको पूर करने के तलए हर एक अभ्यर्थी िी ि न लग देि है
लेतकन उनमें से कु छ ही सफल हो प िे हैं ब की लोगों के तलए ये म त्र एक
ख्व ब ही रह ि ि है।क्य तसफा कड़ी मेहनि करन हमे IAS बन सकि है?
िो मेर िव ब है -नहीं। IAS बनने के तलए कड़ी मेहनि के स र्थ बहुि कु छ
और भी चीि हैं तिनक हमें ध्य न रखन च तहए। आि मैं आपके बीच अपने
अनुभव शेयर कर रह हाँ और उन गलतियों को आपके स मने रख रह हाँ िो
हम री सफलि के आड़े आिी हैं। इन गलतियों की विह से य िो सफलि
देर से तमलिी है य कई ब र समय तनकल ि ि है लेतकन सफलि नहीं तमल
प िी।
1. गलि शुरुआि: अक्सर जब तैयारी के क्षेत्र में आते हैं तो जोश
इतना होता है कक कबना कु छ जाने और समझे बस तैयारी में जुट जाते हैं।
लेककन वो जोश फू ले हुए गुब्बारे की तरह अस्थायी होता है लेककन इसके
साथ इच्छाशकि, अटूट कवश्वास, मानकसक रूप से हार को सहन करने की
शकि की भी आवश्यकता होती है।
आपका पहला कदम परीक्षा के बारे में तथा कसलेबस की सम्पूर्ण
जानकारी लेना होना चाकहए।
2. परीक्ष के म ध्यम क चयन: कहिंदी भाषी या अन्य क्षेत्रीय
भाषाओिं मे तैयारी करने वाले अभ्यकथणयों के मन मे ऐसी धारर्ा बन
चुकी है कक अगर कसलेक्शन होगा तो कसफण अिंग्रेजी कवषय से इसकलए
अिंग्रेजी कवषय का चयन करें। खैर ये बात सच है कक सफल
कवद्याकथणयों में सवाणकधक प्रकतशत अिंग्रेजी भाषा रखने वालों का है
लेककन कहिंदी भाषा से चयन कम होने के बहुत सारे कारर् हैं।
आप उस भाषा का चयन करें कजस भाषा मे आप अच्छा
कलख सकते हैं। क्योंककिं मुख्य परीक्षा में अिंक भाषा के चुनाव से नहीं
आपके उत्तर लेखन से कमलते हैं।
3. वैकल्पिक ववषय का चयन: अक्सर देखा है
कक लोग अिने वैकल्पिक ववषय का चयन विछलले
वषों में उस ववषय के ककतने अभ्यर्थी सफल हुए
उनकी संख्या को देख कर करते हैं जो कक सबसे
बड़ी गलती होती है।
उस ववषय का चयन ल्जस ववषय मे अिने
आि को सहज महसूस करते हैं और अिने
प्राप्त ज्ञान को िरीक्षा में बेहतर तरीके से ललख
सकते हैं।
4. मागगदर्गन: गलत मागगदर्गन आिके जीवन के
बहुमूपय वषों का ववनार् कर सकता है। इसललए हर
ककसी के अंधभक्त ना बने और अिनी बुद्धध एवं वववेक
का भी प्रयोग करें।ये सही है कक एक सफल व्यल्क्त उसने
क्या ककया ये बता सकता है लेककन ये जरूरी नहीं
कक वो आि िर भी लागू हों।
इसके सार्थ-सार्थ असफल व्यल्क्त से भी लमलें
क्योंकक वह आिको उन गलततयों को बताएगा ल्जनका
वो साक्षी रहा है।और ये दोनों बातें जानना आिके ललए
जरूरी है।
5. अध्ययन सामग्री: तैयारी में आते ही लोग इस
मायाजाल में उलझ जाते हैं और 100% सफलता की
गारंटी देनी वाली ककताबें, चमत्कारी नोट्स इत्यादद
इत्यादद खरीद कर अिनी रैक सजाने लग जाते हैं।
NCERT के सार्थ प्रत्येक ववषय से 2-3 अिेक्षक्षत
ककताबें और 2-3 मालसक ित्रिकाएं िूवग वषग के हल प्रश्न
िि चादहए होती हैं िरीक्षा के तनकट टेस्ट सीरीज जॉइन
करनी चादहए या हल करनी चादहए। ककसी भी 1 या 2
कोधचंग और ककसी अनुभवी अभ्यर्थी के ऐसे नोट्स जो
upsc का िूरा लसलेबस कवर करते हैं और आिकी समझ
मे आ रहे हैं काफी होते हैं।
6. रणनीतत: बहुत से अभ्यर्थी कोई भी रणनीतत नही
बनाते या कफर गलत बना लेते हैं। आसिास से िूछल कर
या कफर इंटरनेट की सहायता से प्रलसद्ध लेखकों की
ककताबें खरीद लेते हैं और तैयारी में लग जाते हैं, ऐसा
करना घातक हो सकता है।
सबसे िहले NCERT की सभी आवश्यक ककताबें
खरीदें और उन्हें सबसे िहले िढ़ें और समझें। सार्थ मे
विछलले वषों के प्रश्न िि िर कम से कम 2-3 बार नज़र
डालते रहें। यह आिके मूलभूत ज्ञान को सुदृढ़ करेगा।
इसके िश्चात दूसरी ककताबों की और हार्थ बढ़ाएं।
7. िढ़ने का तरीका: बहुत से अभ्यर्थी बस ददन रात
िढ़ने में लगे रहते हैं लेककन कफर भी सफल नहीं हो
िाते। हम ककतने घंटे िढ़ रहे हैं ये मायने नहीं रखता। हम
क्या और कै से िढ़ रहे हैं ये मायने रखता है।आि एक बार
मे 2 ववषय उठाइये और ददन में ल्जतने घंटे िढ़ते हैं उनको
2-2 घंटे के स्लॉट्स में बांदटए।
जैसे कक आि 8 घंटे िढ़ते हैं तो इसको 4 भागों में
बांट लील्जये और 2 घण्टे का एक स्लॉट
समसामतयकी,न्यूज़िेिर,कं टेम्प्प्रेरी इस्यू आदद को
दील्जये और 2 घंटे का समय अिनी वैकल्पिक ववषय को
दील्जये। बाकी 2-2 घंटे के 2 स्लॉट्स 2 ववषय जो आिको
िढ़ने हैं उनको दील्जये और हर 2 घंटे की िढ़ाई के बाद
र्थोड़ा ददमाग को आराम दील्जये।
8. तनरंतरता : अक्सर जब अभ्यर्थी जोर् में होते हैं तो
तनरंतर 10-12 या अधधक घण्टे िढ़ाई करते हैं लेककन
बीच-बीच मे जाने अनजाने में 5-10 ददन का Gap कर
लेते हैं जो िढाई की तनरंतरता को बाधधत कर देता
है।
एक ददनचयाग बनाइये। अगर जॉब करने वाले हैं तो
उसके दहसाब से या कफर लसफग तैयारी करने वाले हैं तो
उसके दहसाब से और दृढ़ता से उसका िालन करें।
9. सामाल्जक जीवन का त्याग: ये सही है कक यदद
आिको अिना लक्ष्य को िाना है तो कु छल समय के
ललए है अस्र्थायी रूि से तो सामाल्जक जीवन से र्थोड़ा
दूरी र्थोड़ी दूरी बना लेनी चादहए लेककन िूरी तरह से
लमिों और िररवार से दूर मत होइए। क्योंकक जब
अके लािन महसूस होगा तो आि डडप्रेर्न में चले जायँगे
वो ज्यादा खतरनाक ल्स्र्थतत होगी।
अिने वववेक और लक्ष्य को ध्यान में रखते
हुए िढ़ाई और समाज के बीच संतुलन बनाये रखखये।
10. अिने र्ौक और खुलर्यों का त्याग: ये सोचना
गलत होगा कक हमे सफल होना है तो हमारी ल्जंदगी में
मौज मस्ती की कोई जगह नहीं।जबकक होना ये चादहए
कक आि आवश्यकतानुसार मनोरंजन कील्जये,गाना
बजाना या कफर कोई खेल जो आिके र्ौक हैं सब कील्जये
लेककन एक सीमा के अंदर रहकर।सप्ताह में एक ददन या
2 सप्ताह में एक ददन कु छल घंटे आि खुद की खुलर्यों को
भी दील्जये।जब हमारा मन खुर् रहता है और ददमाग
र्ांत रहता है तो हमारे ददमाग की क्षमता का हम िूणग
इस्तेमाल कर सकते हैं।
याद रखखये िढ़ाई के सार्थ मौज मस्ती और खुर्
रहने वाले लोग जपदी सफल होते िाए गए हैं।
स्माटग स्टडी कील्जये और अिने
लक्ष्य को भेद दील्जये
हम री शुभक मन एं
आपके स र्थ हैं
धन्यवाद
िल्द ही तफर तमलेंगे
vermasujit@yahoo.com

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  • 1. गलतिय ाँ तिनकी विह से असफल होिे हैं हम डॉ र िेश वम ा अतसस्टेंट प्रोफे सर (मनोतवज्ञ न) र िकीय मह तवद्य लय आदमपुर, तहस र, हररय ण
  • 2. IAS बनन एक वो सुनहर ख्व ब है िो ल खों युव ओं के तदल में पलि है।इसको पूर करने के तलए हर एक अभ्यर्थी िी ि न लग देि है लेतकन उनमें से कु छ ही सफल हो प िे हैं ब की लोगों के तलए ये म त्र एक ख्व ब ही रह ि ि है।क्य तसफा कड़ी मेहनि करन हमे IAS बन सकि है? िो मेर िव ब है -नहीं। IAS बनने के तलए कड़ी मेहनि के स र्थ बहुि कु छ और भी चीि हैं तिनक हमें ध्य न रखन च तहए। आि मैं आपके बीच अपने अनुभव शेयर कर रह हाँ और उन गलतियों को आपके स मने रख रह हाँ िो हम री सफलि के आड़े आिी हैं। इन गलतियों की विह से य िो सफलि देर से तमलिी है य कई ब र समय तनकल ि ि है लेतकन सफलि नहीं तमल प िी।
  • 3. 1. गलि शुरुआि: अक्सर जब तैयारी के क्षेत्र में आते हैं तो जोश इतना होता है कक कबना कु छ जाने और समझे बस तैयारी में जुट जाते हैं। लेककन वो जोश फू ले हुए गुब्बारे की तरह अस्थायी होता है लेककन इसके साथ इच्छाशकि, अटूट कवश्वास, मानकसक रूप से हार को सहन करने की शकि की भी आवश्यकता होती है। आपका पहला कदम परीक्षा के बारे में तथा कसलेबस की सम्पूर्ण जानकारी लेना होना चाकहए।
  • 4. 2. परीक्ष के म ध्यम क चयन: कहिंदी भाषी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओिं मे तैयारी करने वाले अभ्यकथणयों के मन मे ऐसी धारर्ा बन चुकी है कक अगर कसलेक्शन होगा तो कसफण अिंग्रेजी कवषय से इसकलए अिंग्रेजी कवषय का चयन करें। खैर ये बात सच है कक सफल कवद्याकथणयों में सवाणकधक प्रकतशत अिंग्रेजी भाषा रखने वालों का है लेककन कहिंदी भाषा से चयन कम होने के बहुत सारे कारर् हैं। आप उस भाषा का चयन करें कजस भाषा मे आप अच्छा कलख सकते हैं। क्योंककिं मुख्य परीक्षा में अिंक भाषा के चुनाव से नहीं आपके उत्तर लेखन से कमलते हैं।
  • 5. 3. वैकल्पिक ववषय का चयन: अक्सर देखा है कक लोग अिने वैकल्पिक ववषय का चयन विछलले वषों में उस ववषय के ककतने अभ्यर्थी सफल हुए उनकी संख्या को देख कर करते हैं जो कक सबसे बड़ी गलती होती है। उस ववषय का चयन ल्जस ववषय मे अिने आि को सहज महसूस करते हैं और अिने प्राप्त ज्ञान को िरीक्षा में बेहतर तरीके से ललख सकते हैं।
  • 6. 4. मागगदर्गन: गलत मागगदर्गन आिके जीवन के बहुमूपय वषों का ववनार् कर सकता है। इसललए हर ककसी के अंधभक्त ना बने और अिनी बुद्धध एवं वववेक का भी प्रयोग करें।ये सही है कक एक सफल व्यल्क्त उसने क्या ककया ये बता सकता है लेककन ये जरूरी नहीं कक वो आि िर भी लागू हों। इसके सार्थ-सार्थ असफल व्यल्क्त से भी लमलें क्योंकक वह आिको उन गलततयों को बताएगा ल्जनका वो साक्षी रहा है।और ये दोनों बातें जानना आिके ललए जरूरी है।
  • 7. 5. अध्ययन सामग्री: तैयारी में आते ही लोग इस मायाजाल में उलझ जाते हैं और 100% सफलता की गारंटी देनी वाली ककताबें, चमत्कारी नोट्स इत्यादद इत्यादद खरीद कर अिनी रैक सजाने लग जाते हैं। NCERT के सार्थ प्रत्येक ववषय से 2-3 अिेक्षक्षत ककताबें और 2-3 मालसक ित्रिकाएं िूवग वषग के हल प्रश्न िि चादहए होती हैं िरीक्षा के तनकट टेस्ट सीरीज जॉइन करनी चादहए या हल करनी चादहए। ककसी भी 1 या 2 कोधचंग और ककसी अनुभवी अभ्यर्थी के ऐसे नोट्स जो upsc का िूरा लसलेबस कवर करते हैं और आिकी समझ मे आ रहे हैं काफी होते हैं।
  • 8. 6. रणनीतत: बहुत से अभ्यर्थी कोई भी रणनीतत नही बनाते या कफर गलत बना लेते हैं। आसिास से िूछल कर या कफर इंटरनेट की सहायता से प्रलसद्ध लेखकों की ककताबें खरीद लेते हैं और तैयारी में लग जाते हैं, ऐसा करना घातक हो सकता है। सबसे िहले NCERT की सभी आवश्यक ककताबें खरीदें और उन्हें सबसे िहले िढ़ें और समझें। सार्थ मे विछलले वषों के प्रश्न िि िर कम से कम 2-3 बार नज़र डालते रहें। यह आिके मूलभूत ज्ञान को सुदृढ़ करेगा। इसके िश्चात दूसरी ककताबों की और हार्थ बढ़ाएं।
  • 9. 7. िढ़ने का तरीका: बहुत से अभ्यर्थी बस ददन रात िढ़ने में लगे रहते हैं लेककन कफर भी सफल नहीं हो िाते। हम ककतने घंटे िढ़ रहे हैं ये मायने नहीं रखता। हम क्या और कै से िढ़ रहे हैं ये मायने रखता है।आि एक बार मे 2 ववषय उठाइये और ददन में ल्जतने घंटे िढ़ते हैं उनको 2-2 घंटे के स्लॉट्स में बांदटए। जैसे कक आि 8 घंटे िढ़ते हैं तो इसको 4 भागों में बांट लील्जये और 2 घण्टे का एक स्लॉट समसामतयकी,न्यूज़िेिर,कं टेम्प्प्रेरी इस्यू आदद को दील्जये और 2 घंटे का समय अिनी वैकल्पिक ववषय को दील्जये। बाकी 2-2 घंटे के 2 स्लॉट्स 2 ववषय जो आिको िढ़ने हैं उनको दील्जये और हर 2 घंटे की िढ़ाई के बाद र्थोड़ा ददमाग को आराम दील्जये।
  • 10. 8. तनरंतरता : अक्सर जब अभ्यर्थी जोर् में होते हैं तो तनरंतर 10-12 या अधधक घण्टे िढ़ाई करते हैं लेककन बीच-बीच मे जाने अनजाने में 5-10 ददन का Gap कर लेते हैं जो िढाई की तनरंतरता को बाधधत कर देता है। एक ददनचयाग बनाइये। अगर जॉब करने वाले हैं तो उसके दहसाब से या कफर लसफग तैयारी करने वाले हैं तो उसके दहसाब से और दृढ़ता से उसका िालन करें।
  • 11. 9. सामाल्जक जीवन का त्याग: ये सही है कक यदद आिको अिना लक्ष्य को िाना है तो कु छल समय के ललए है अस्र्थायी रूि से तो सामाल्जक जीवन से र्थोड़ा दूरी र्थोड़ी दूरी बना लेनी चादहए लेककन िूरी तरह से लमिों और िररवार से दूर मत होइए। क्योंकक जब अके लािन महसूस होगा तो आि डडप्रेर्न में चले जायँगे वो ज्यादा खतरनाक ल्स्र्थतत होगी। अिने वववेक और लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए िढ़ाई और समाज के बीच संतुलन बनाये रखखये।
  • 12. 10. अिने र्ौक और खुलर्यों का त्याग: ये सोचना गलत होगा कक हमे सफल होना है तो हमारी ल्जंदगी में मौज मस्ती की कोई जगह नहीं।जबकक होना ये चादहए कक आि आवश्यकतानुसार मनोरंजन कील्जये,गाना बजाना या कफर कोई खेल जो आिके र्ौक हैं सब कील्जये लेककन एक सीमा के अंदर रहकर।सप्ताह में एक ददन या 2 सप्ताह में एक ददन कु छल घंटे आि खुद की खुलर्यों को भी दील्जये।जब हमारा मन खुर् रहता है और ददमाग र्ांत रहता है तो हमारे ददमाग की क्षमता का हम िूणग इस्तेमाल कर सकते हैं। याद रखखये िढ़ाई के सार्थ मौज मस्ती और खुर् रहने वाले लोग जपदी सफल होते िाए गए हैं।
  • 13. स्माटग स्टडी कील्जये और अिने लक्ष्य को भेद दील्जये हम री शुभक मन एं आपके स र्थ हैं
  • 14. धन्यवाद िल्द ही तफर तमलेंगे vermasujit@yahoo.com