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By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor )
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“MY STUDENT SUPPORT SYSTEM”
IN HINDI
Self-development
(आत्म-विकास)
आत्म-विकास को सामान्य शब्दों में परिभावित ककया जा
सकता है, जैसे कक ककसी व्यक्तत के कामकाजी जीिन
में आिश्यक जानकािी प्राप्त किना, परििततन के लिए
नई जानकािी औि कौशि प्राप्त किना, सीखने के लिए
सीखना औि पूिे जीिन में इस ज्ञान को बनाए िखना।
Self-development
(आत्म-विकास) ……
व्यक्ततगत विकास एक आजीिन प्रकिया है। यह िोगों को अपने
कौशि औि गुणों का आकिन किने, जीिन में अपने िक्ष्यों पि विचाि
किने औि अपनी क्षमता को महसूस किने औि अधिकतम किने के
लिए िक्ष्य ननिातरित किने का एक तिीका है।
व्यक्ततगत विकास में ऐसी गनतविधियााँ शालमि हैं जो जागरूकता औि
पहचान को बेहति बनाती हैं, प्रनतभा औि क्षमता का विकास किती हैं,
मानि पूूंजी का ननमातण किती हैं औि िोजगाि की सुवििा प्रदान किती
हैं, जीिन की गुणित्ता को बढाती हैं औि सपनों औि आकाूंक्षाओूं की
प्राक्प्त में योगदान देती हैं।
Self-development
(आत्म-विकास) ……
व्यक्ततगत विकास एक ितका है। यह एक सूंघित है। यह एक
चुनौती है। बबना ककसी चुनौती के कोई भी जीत नहीूं होगी।
यही सब जीिन है। यह सूंघित औि अपने आप को औि अपने
कौशि को विकलसत किने की चुनौती है कक हम बाजाि में
हमािा मूल्य तया बना सकते हैं। यह उन कौशिों औि मूल्य
को बाजाि में िे जा िहा है औि यह देख िहा है कक यह हमािे
लिए तया िापसी किेगा।
स्ि-विकास की प्रकिया
स्ि-विकास की प्रकिया में शालमि हैं -
◦I. स्ियूं के बािे में जागरूकता विकलसत किना
.
◦ 2. स्ि-विकास के तिीके अपनाना।
I. स्ियूं के बािे में जागरूकता
विकलसत किना
आत्म-जागरूकता के माध्यम से व्यक्ततगत प्रभािशीिता बढ
जाती है। आत्म-जागरूकता ककसी व्यक्तत के स्ियूं के बािे में
जागरूकता / समझ का स्ति है। जोहिी मॉडि के अनुसाि,
स्ियूं को समझने के दो आयाम हैं:
1. ककसी व्यक्तत के व्यिहाि औि शैिी के िे पहिू जो
स्ियूं को ज्ञात हैं, औि
2. उसके व्यिहाि के उन पहिुओूं को क्जनके साथ िह
बातचीत किता है (अन्य)।
I. स्ियूं के बािे में जागरूकता
विकलसत किना…….
यह ननम्नलिखखत तिीकों से ककया जा सकता है:
(A) उसे अपने आप का विश्िेिण किना चाहहए औि अपनी
ताकत औि कमजोरियों की पहचान किनी चाहहए।
(B) उसे अपने व्यिहाि औि भािनात्मक क्स्थनत को समझना
चाहहए औि दूसिों के साथ सूंबूंि बनाने का प्रयास किना
चाहहए।
(C) स्ियूं की पहचान किने पि, यहद िह कमजोरियों का
विश्िेिण किता है, तो उसे दूि किने औि अपनी ताकत
विकलसत किने का प्रयास किना चाहहए।
I. स्ियूं के बािे में जागरूकता
विकलसत किना…….
(D) परििततन आत्म-विकास का साि है। उसे बदिने के लिए
खुिा होना चाहहए औि यहद िह स्ियूं के लिए अज्ञात है, तो
उसे दूसिों की सिाह को स्िीकाि किना चाहहए औि
सकािात्मक हदमाग सेट किना चाहहए।
(E) उसे पािस्परिक प्रकियाओूं में बदिाि के माध्यम से
अपने व्यिहाि को समायोक्जत किना चाहहए।
2. स्ि-विकास के तिीके अपनाना।
यह ननम्नलिखखत तिीकों से ककया जा सकता है:
1. िचनात्मक व्यिहाि
2. समय प्रबूंिन
3. ज्ञान का उन्नयन
1. िचनात्मक व्यिहाि
व्यक्तत को िचनात्मक व्यिहाि में सूंिग्न होना चाहहए जो िक्ष्य
प्राक्प्त की ओि िे जाता है। यह उत्तेजनाओूं को प्रबूंधित किके
विकलसत ककया जा सकता है जो उनके व्यिहाि को प्रभावित किते हैं।
उसे ऐसी उत्तेजनाओूं को दूि किना चाहहए जो अिाूंछनीय व्यिहाि को
जन्म देती हैं औि उत्तेजनाओूं को बढािा देती हैं जो िाूंछनीय व्यिहाि
को उत्पन्न किती हैं।
नई उत्तेजनाओूं को पेश किके या मौजूदा उत्तेजनाओूं को किि से
व्यिक्स्थत किके नए व्यिहाि भी बनाए जा सकते हैं। एक बाि
उत्तेजना पैदा हो जाने पि, पुनव्यतिक्स्थत, कम या बढ जाने पि,
प्रबूंिक उस उत्तेजना से उत्पन्न अपने व्यिहाि को मापता है औि
िक्ष्यों को प्राप्त किने के लिए इसे पुष्ट किता है।
2. समय प्रबूंिन
सूंगठनात्मक िक्ष्यों को प्राप्त किने में व्यक्तत को समय की
कमी होती है। समय प्रबूंिन उन तत्िों को कम किता है जो
समय की बबातदी किते हैं। समय की बबातदी के परिणामस्िरूप
आूंतरिक सूंगठनात्मक कािक अनुधचत ननयोजन, ओिििकत ,
प्रनतननधि को विििता, कायत स्थधगत किना आहद हैं।
बाहिी कािक शोि, अनािश्यक बैठकें औि यात्रा, पयातििण के
बािे में अिूिी जानकािी आहद हैं। उसे इन तत्िों को कम
किना चाहहए औि अपने आप को, दूसिों को समझने औि
सूंगठनात्मक िक्ष्यों के साथ अपने ज्ञान को सूंबूंधित किने
के लिए अपना समय ठीक से प्रबूंधित किना चाहहए।
3. ज्ञान का उन्नयन
व्यक्तत को न के िि ननहदतष्ट कायत या औपचारिक
सूंगठनात्मक गनतविधियााँ किनी चाहहए, बक्ल्क अपने
विशेिाधिकािों के क्षेत्र में अच्छी पुस्तकों, पबत्रकाओूं औि
पबत्रकाओूं को पढकि अपने ज्ञान को समृद्ि किना चाहहए।
साहहत्य के अध्ययन से आत्म-विकास होता है औि
सूंगठनात्मक िक्ष्यों में योगदान होता है। सेलमनाि, सम्मेिन
औि कायतशािाओूं औि ई िननिंग में भाग िेना भी इस सूंबूंि
में मददगाि है।
व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि
सामाक्जक बातचीत से दूि मत िहो:
: लसित इसलिए कक आपको िगता है कक आप अच्छे नहीूं हदख िहे हैं,
िोगों से लमिने से मत बचें। अिसिों की तिाश किें, विलभन्न
कायतिमों में जाएूं, पोशाक शैिी भी आपको सकािात्मक महसूस किाती
है। इसलिए िुक स्टाइि औि बात किने के तिीके पि ध्यान दें।
अपनी सकािात्मकता को जानें: यहद प्रत्येक व्यक्तत की अपनी सीमाएाँ
हैं, तो उसकी सकािात्मक क्स्थनत भी है। ये सकािात्मक हैं क्जन्हें
आपको ध्यान कें हित किने की आिश्यकता है। अपनी ताकत पता है।
उन्हें स्िीकाि किें औि उनके साथ काम किें। यह ननक्श्चत रूप से
आपकी चुनौनतयों को दूि किने में मदद किेगा औि आपको िूंबे समय
तक िे जाएगा।
व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि …..
अपने कम्िटत जोन से बाहि ननकिें
नए कौशि सीखकि खुद को चुनौती देने के लिए तैयाि िहें। ज्यादाति िोगों के
लिए कु छ शुरू किने के लिए यह एक बहुत बडा सीखने की अिस्था है, इसलिए
आपके पास बहुत ही सकािात्मक, खुिे विचािों िािा होना चाहहए औि आपके
द्िािा ककए जाने िािे ककसी भी बदिाि को गिे िगाना चाहहए।
विििताओूं से डिने की जरूित नहीूं है
गिनतयााँ किने के बािे में धचूंता न किें, आप अपनी यात्रा में गिनतयााँ किेंगे
औि उनमें से बहुत कु छ आपको कु छ समय के लिए िोक सकते हैं, िेककन एक
बाि जब आप उन्हें हधथयाि बना िेते हैं, तो इन तिीको को समाप्त ककया जा
सकता है औि आप आगे बढ सकते हैं।
व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि …..
अपनी पहचान बनाओ
अपनी सभी बातों में खुद को ब्ाूंड किें जो भी सामग्री आप िहाूं सूंिाद किते हैं,
आपको यह सुननक्श्चत किना चाहहए कक यह आपको सकािात्मक िोशनी में
हदखाता है।बातचीत औि ननणतय में खुद को शालमि किें ।
एक नेता के रूप में आओ
आप जो कु छ भी सीखते हैं औि हािाूंकक आप जानते हैं, उसका अच्छी तिह से
उपयोग किें। आप क्जस भी वििय से पढते हैं, उस पि एक अधिकािी बनें, किि
आपके पास इसे दूसिों तक पहुूंचाने का ज्ञान होगा औि यहद आप सही तिीके से
अपना सूंदेश देते हैं, तो आप अनुयानययों को आकवितत किेंगे। अपने आप को
व्यतत किें औि हमेशा किें, खुद को एक नेता के रूप में हदखाएूं
व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि …..
प्रयास औि ननयलमतता
यह आपकी दैननक योजना से जुडा है िेककन महत्िपूणत है। प्रासूंधगक
औि ननिूंति प्रयास के साथ हि हदन कु छ नया सीखे, महीने में एक
बाि गनतविधि के विशाि विस्िोट से बहुत बेहति है ननयलमतता ।
प्रयास औि ननयलमतता से हि हदन जीतेंगे।
हाि मत मानो
मुझे पता है कक यह बहुत मुक्श्कि है िेककन आप ननिूंति प्रयासों के
द्िािा अपनी हाि को अपनी जीत में बदि सकते हैं । आप प्रयास से
के िि कु छ औि हफ्तों या महीनों में सकते हैं।व्यक्तत हमेशा जीतता है
जो प्रयास औि कोलशश किता है
By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor )
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Self development in HINDI

  • 1. By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor ) TO WATCH THIS SLIDE WITH VOICE EXPALINATION AS VIDEO PLEASE VISIT MY CHANNEL “MY STUDENT SUPPORT SYSTEM” IN HINDI
  • 2. Self-development (आत्म-विकास) आत्म-विकास को सामान्य शब्दों में परिभावित ककया जा सकता है, जैसे कक ककसी व्यक्तत के कामकाजी जीिन में आिश्यक जानकािी प्राप्त किना, परििततन के लिए नई जानकािी औि कौशि प्राप्त किना, सीखने के लिए सीखना औि पूिे जीिन में इस ज्ञान को बनाए िखना।
  • 3. Self-development (आत्म-विकास) …… व्यक्ततगत विकास एक आजीिन प्रकिया है। यह िोगों को अपने कौशि औि गुणों का आकिन किने, जीिन में अपने िक्ष्यों पि विचाि किने औि अपनी क्षमता को महसूस किने औि अधिकतम किने के लिए िक्ष्य ननिातरित किने का एक तिीका है। व्यक्ततगत विकास में ऐसी गनतविधियााँ शालमि हैं जो जागरूकता औि पहचान को बेहति बनाती हैं, प्रनतभा औि क्षमता का विकास किती हैं, मानि पूूंजी का ननमातण किती हैं औि िोजगाि की सुवििा प्रदान किती हैं, जीिन की गुणित्ता को बढाती हैं औि सपनों औि आकाूंक्षाओूं की प्राक्प्त में योगदान देती हैं।
  • 4. Self-development (आत्म-विकास) …… व्यक्ततगत विकास एक ितका है। यह एक सूंघित है। यह एक चुनौती है। बबना ककसी चुनौती के कोई भी जीत नहीूं होगी। यही सब जीिन है। यह सूंघित औि अपने आप को औि अपने कौशि को विकलसत किने की चुनौती है कक हम बाजाि में हमािा मूल्य तया बना सकते हैं। यह उन कौशिों औि मूल्य को बाजाि में िे जा िहा है औि यह देख िहा है कक यह हमािे लिए तया िापसी किेगा।
  • 5. स्ि-विकास की प्रकिया स्ि-विकास की प्रकिया में शालमि हैं - ◦I. स्ियूं के बािे में जागरूकता विकलसत किना . ◦ 2. स्ि-विकास के तिीके अपनाना।
  • 6. I. स्ियूं के बािे में जागरूकता विकलसत किना आत्म-जागरूकता के माध्यम से व्यक्ततगत प्रभािशीिता बढ जाती है। आत्म-जागरूकता ककसी व्यक्तत के स्ियूं के बािे में जागरूकता / समझ का स्ति है। जोहिी मॉडि के अनुसाि, स्ियूं को समझने के दो आयाम हैं: 1. ककसी व्यक्तत के व्यिहाि औि शैिी के िे पहिू जो स्ियूं को ज्ञात हैं, औि 2. उसके व्यिहाि के उन पहिुओूं को क्जनके साथ िह बातचीत किता है (अन्य)।
  • 7. I. स्ियूं के बािे में जागरूकता विकलसत किना……. यह ननम्नलिखखत तिीकों से ककया जा सकता है: (A) उसे अपने आप का विश्िेिण किना चाहहए औि अपनी ताकत औि कमजोरियों की पहचान किनी चाहहए। (B) उसे अपने व्यिहाि औि भािनात्मक क्स्थनत को समझना चाहहए औि दूसिों के साथ सूंबूंि बनाने का प्रयास किना चाहहए। (C) स्ियूं की पहचान किने पि, यहद िह कमजोरियों का विश्िेिण किता है, तो उसे दूि किने औि अपनी ताकत विकलसत किने का प्रयास किना चाहहए।
  • 8. I. स्ियूं के बािे में जागरूकता विकलसत किना……. (D) परििततन आत्म-विकास का साि है। उसे बदिने के लिए खुिा होना चाहहए औि यहद िह स्ियूं के लिए अज्ञात है, तो उसे दूसिों की सिाह को स्िीकाि किना चाहहए औि सकािात्मक हदमाग सेट किना चाहहए। (E) उसे पािस्परिक प्रकियाओूं में बदिाि के माध्यम से अपने व्यिहाि को समायोक्जत किना चाहहए।
  • 9. 2. स्ि-विकास के तिीके अपनाना। यह ननम्नलिखखत तिीकों से ककया जा सकता है: 1. िचनात्मक व्यिहाि 2. समय प्रबूंिन 3. ज्ञान का उन्नयन
  • 10. 1. िचनात्मक व्यिहाि व्यक्तत को िचनात्मक व्यिहाि में सूंिग्न होना चाहहए जो िक्ष्य प्राक्प्त की ओि िे जाता है। यह उत्तेजनाओूं को प्रबूंधित किके विकलसत ककया जा सकता है जो उनके व्यिहाि को प्रभावित किते हैं। उसे ऐसी उत्तेजनाओूं को दूि किना चाहहए जो अिाूंछनीय व्यिहाि को जन्म देती हैं औि उत्तेजनाओूं को बढािा देती हैं जो िाूंछनीय व्यिहाि को उत्पन्न किती हैं। नई उत्तेजनाओूं को पेश किके या मौजूदा उत्तेजनाओूं को किि से व्यिक्स्थत किके नए व्यिहाि भी बनाए जा सकते हैं। एक बाि उत्तेजना पैदा हो जाने पि, पुनव्यतिक्स्थत, कम या बढ जाने पि, प्रबूंिक उस उत्तेजना से उत्पन्न अपने व्यिहाि को मापता है औि िक्ष्यों को प्राप्त किने के लिए इसे पुष्ट किता है।
  • 11. 2. समय प्रबूंिन सूंगठनात्मक िक्ष्यों को प्राप्त किने में व्यक्तत को समय की कमी होती है। समय प्रबूंिन उन तत्िों को कम किता है जो समय की बबातदी किते हैं। समय की बबातदी के परिणामस्िरूप आूंतरिक सूंगठनात्मक कािक अनुधचत ननयोजन, ओिििकत , प्रनतननधि को विििता, कायत स्थधगत किना आहद हैं। बाहिी कािक शोि, अनािश्यक बैठकें औि यात्रा, पयातििण के बािे में अिूिी जानकािी आहद हैं। उसे इन तत्िों को कम किना चाहहए औि अपने आप को, दूसिों को समझने औि सूंगठनात्मक िक्ष्यों के साथ अपने ज्ञान को सूंबूंधित किने के लिए अपना समय ठीक से प्रबूंधित किना चाहहए।
  • 12. 3. ज्ञान का उन्नयन व्यक्तत को न के िि ननहदतष्ट कायत या औपचारिक सूंगठनात्मक गनतविधियााँ किनी चाहहए, बक्ल्क अपने विशेिाधिकािों के क्षेत्र में अच्छी पुस्तकों, पबत्रकाओूं औि पबत्रकाओूं को पढकि अपने ज्ञान को समृद्ि किना चाहहए। साहहत्य के अध्ययन से आत्म-विकास होता है औि सूंगठनात्मक िक्ष्यों में योगदान होता है। सेलमनाि, सम्मेिन औि कायतशािाओूं औि ई िननिंग में भाग िेना भी इस सूंबूंि में मददगाि है।
  • 13. व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि सामाक्जक बातचीत से दूि मत िहो: : लसित इसलिए कक आपको िगता है कक आप अच्छे नहीूं हदख िहे हैं, िोगों से लमिने से मत बचें। अिसिों की तिाश किें, विलभन्न कायतिमों में जाएूं, पोशाक शैिी भी आपको सकािात्मक महसूस किाती है। इसलिए िुक स्टाइि औि बात किने के तिीके पि ध्यान दें। अपनी सकािात्मकता को जानें: यहद प्रत्येक व्यक्तत की अपनी सीमाएाँ हैं, तो उसकी सकािात्मक क्स्थनत भी है। ये सकािात्मक हैं क्जन्हें आपको ध्यान कें हित किने की आिश्यकता है। अपनी ताकत पता है। उन्हें स्िीकाि किें औि उनके साथ काम किें। यह ननक्श्चत रूप से आपकी चुनौनतयों को दूि किने में मदद किेगा औि आपको िूंबे समय तक िे जाएगा।
  • 14. व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि ….. अपने कम्िटत जोन से बाहि ननकिें नए कौशि सीखकि खुद को चुनौती देने के लिए तैयाि िहें। ज्यादाति िोगों के लिए कु छ शुरू किने के लिए यह एक बहुत बडा सीखने की अिस्था है, इसलिए आपके पास बहुत ही सकािात्मक, खुिे विचािों िािा होना चाहहए औि आपके द्िािा ककए जाने िािे ककसी भी बदिाि को गिे िगाना चाहहए। विििताओूं से डिने की जरूित नहीूं है गिनतयााँ किने के बािे में धचूंता न किें, आप अपनी यात्रा में गिनतयााँ किेंगे औि उनमें से बहुत कु छ आपको कु छ समय के लिए िोक सकते हैं, िेककन एक बाि जब आप उन्हें हधथयाि बना िेते हैं, तो इन तिीको को समाप्त ककया जा सकता है औि आप आगे बढ सकते हैं।
  • 15. व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि ….. अपनी पहचान बनाओ अपनी सभी बातों में खुद को ब्ाूंड किें जो भी सामग्री आप िहाूं सूंिाद किते हैं, आपको यह सुननक्श्चत किना चाहहए कक यह आपको सकािात्मक िोशनी में हदखाता है।बातचीत औि ननणतय में खुद को शालमि किें । एक नेता के रूप में आओ आप जो कु छ भी सीखते हैं औि हािाूंकक आप जानते हैं, उसका अच्छी तिह से उपयोग किें। आप क्जस भी वििय से पढते हैं, उस पि एक अधिकािी बनें, किि आपके पास इसे दूसिों तक पहुूंचाने का ज्ञान होगा औि यहद आप सही तिीके से अपना सूंदेश देते हैं, तो आप अनुयानययों को आकवितत किेंगे। अपने आप को व्यतत किें औि हमेशा किें, खुद को एक नेता के रूप में हदखाएूं
  • 16. व्यक्ततत्ि विकास के लिए त्िरित सुझाि ….. प्रयास औि ननयलमतता यह आपकी दैननक योजना से जुडा है िेककन महत्िपूणत है। प्रासूंधगक औि ननिूंति प्रयास के साथ हि हदन कु छ नया सीखे, महीने में एक बाि गनतविधि के विशाि विस्िोट से बहुत बेहति है ननयलमतता । प्रयास औि ननयलमतता से हि हदन जीतेंगे। हाि मत मानो मुझे पता है कक यह बहुत मुक्श्कि है िेककन आप ननिूंति प्रयासों के द्िािा अपनी हाि को अपनी जीत में बदि सकते हैं । आप प्रयास से के िि कु छ औि हफ्तों या महीनों में सकते हैं।व्यक्तत हमेशा जीतता है जो प्रयास औि कोलशश किता है
  • 17. By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor ) TO UNDERSTAND THIS TOPIC EASILY PLEASE WATCH THIS VIDEO ON MY YOUTUBE CHANNEL AND DO NOT FORGET TO SUBSCRIBE