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1. By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor )
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IN HINDI
रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
2. रक्तस्राव
रक्तस्राव को रक्त वाहिकाओं से
निकलिे वाले रक्त के रूप में
पररभाषित ककया जाता िै। यहि समय
पर नियंत्रित िि ं ककया जाता िै तो
रक्तस्राव कभी-कभी मौत की स्थथनत
पैिा कर सकता िै । रक्तस्राव में
प्राथममक चचककत्सा बिुत मित्वप्ण िै
4. आघात / िुघटिा
चोट लगिे से रक्तस्राव िो सकता िै। चोटें उिकी गंभीरता
में मभन्ि िोती िैं। िििाक चोट के सामान्य प्रकारों में
शाममल िैं:
खरोंच abrasion
िील contusion
घाव laceration
सुई, िाख्ि, या चाक् जैसी वथतुओं से पंचर घाव
कु चलिे की चोट
बंि्क की गोल के घाव
5. चचककत्सा की स्थथनत
कु छ चचककत्सा स्थथनतयां भी िैं जो रक्तस्राव का कारण बि
सकती िैं। चचककत्सीय स्थथनत के कारण रक्तस्राव, आघात
रक्तस्राव की तुलिा में कम आम िै। रक्तस्राव का कारण
बििे वाल स्थथनतयों में शाममल िैं:
ि मोकिमलया
लेककममया
स्जगर के रोग
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
षवटाममि k की कमी
6. िवाइयााँ
कु छ िवाएं रक्तस्राव की संभाविा को बढा सकती िैं,
या रक्तस्राव का कारण भी बि सकती िैं। रक्तस्राव
के मलए स्जम्मेिार िवाओं में एंट कोआगुलंट्स शाममल
िो सकते िैं जैसे-
> एस्थपररि > क्लोषपडोग्रेल
> डडषपररडामोल > हटक्लोषपडीि
> वारिाररि > एिॉक्सैपररि
> िेपररि
7. रक्तस्राव के षवमभन्ि वगीकरण िैं-
रक्तस्राव की सति के आधार पर।
रक्त वाहिकाओं की भागीिार के आधार पर।
ख्ि की कमी के आधार पर।
रक्तस्राव के प्रकार (वगीकरण)
8. रक्तस्राव की सति के आधार पर
रक्तस्राव की सति के आधार पर इसे इस तरि से
वगीकृ त ककया जाता िै
1. आंतररक रक्तस्राव- जब रक्तस्राव शर र के गुिा के
भीतर से िोता िै, तो यि आंतररक रक्तस्राव के रूप में
जािा जाता िै। यि तुरंत िि ं िेखा जा सकता िै, लेककि
बाि में रक्त मुंि की िाक से या मल या म्ि में बािर
निकलता िुआ हिखाई िे सकता िै।
2. बािर रक्तस्राव- जब रक्तस्राव शर र की बािर सति
से िोता िै और बािर रक्तस्राव के रूप में जािा जाता िै,
तो इसे तुरंत िेखा जाता िै।
9. रक्त वाहिकाओं की भागीिार के आधार पर।
रक्त वाहिकाओं की भागीिार के आधार पर इसे इस
प्रकार वगीकृ त ककया गया िै-
1. धमिी रक्तस्राव- जब रक्तस्राव धमिी से िोता िै। इस
प्रकार के रक्तस्राव में तेजी से ख्ि की कमी िोती िै।
2. मशरा रक्तस्राव- जब रक्तस्राव िसों से िोता िै। इस
प्रकार में रक्त धीरे-धीरे लेककि लगातार निकलता िै।
3. के मशका रक्तस्राव- जब रक्तस्राव के मशकाओं से िोता
िै। इस प्रकार में रक्त बिुत धीरे-धीरे निकलता िै और
रक्त की मािा बिुत कम िो जाती िै।
10. ख्ि की कमी के आधार पर।
रक्तस्राव की मािा के आधार पर रक्तस्राव को इस प्रकार
वगीकृ त ककया जाता िै-
Class 1, Class 2, Class 3 and Class 4
11. रक्तस्राव के संके त और लक्षण
संके त और लक्षण रक्तस्राव के प्रकार और गंभीरता पर निभर
करते िैं स्जसमें शाममल िो सकते िैं-
> बािर निरंतर रक्तस्राव
> सांस लेिे में तकल ि
> चक्कर आिा
> भ्रम > अत्यचधक पसीिा
> चेतिा का िुकसाि > निम्ि रक्तचाप
> तीव्र हृिय गनत > कमजोर िाडी
> अत्यचधक प्यास
12. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Don’t remove any clothing or debris on the wound.
बडी या गिर एम्बेडेड ऑब्जेक्ट्स को ि निकालें। घाव
की जांच ि करें और ि ि इसे साि करिे का प्रयास
करें। आपका पिला काम रक्तस्राव को रोकिा िै। यहि
उपलब्ध िो तो डडथपोजेबल सुरक्षात्मक िथतािे पििें।
13. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Stop the bleeding.
घाव पर एक पट्ट या साि कपडा रखें। रक्तस्राव को
नियंत्रित करिे के मलए अपिी िथेल के साथ पट्ट
को मजब्ती से िबाएं। रक्तस्राव बंि िोिे तक लगातार
िबाव डालें। घाव को मोट पट्ट या साि कपडे के
टुकडे से बांधकर िबाव बिाए रखें। आंख की चोट या
एम्बेडेड वथतु पर सीधा िबाव ि डालें। चचपकिे वाल
टेप के साथ पट्ट को सुरक्षक्षत करें या अपिे िाथों से
िबाव बिाए रखें। यहि संभव िो, तो हिल के थतर से
ऊपर एक घायल अंग उठाएं।
14. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Help the injured person lie down.
यहि संभव िो तो, शर र की गमी के िुकसाि को रोकिे के मलए
व्यस्क्त को गल चा या कं बल पर रखें। घायल व्यस्क्त को धीरे-धीरे
आश्वथत करें।
Don't remove the gauze or bandage.
यहि घाव पर पट्ट या अन्य कपडे से ख्ि बिता िै, तो उसके ऊपर
एक और पट्ट जोडें। और क्षेि पर मजब्ती से िबाव बिाए रखें।
15. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Tourniquets:
एक ट्निके ट एक अंग से जीवि-धमकी वाले रक्तस्राव को
नियंत्रित करिे में प्रभावी िै। यहि आप ऐसा करिे के मलए
प्रमशक्षक्षत िैं, तो एक ट्निके ट लाग् करें। जब आपातकाल ि
सिायता आती िै, तो बताएं कक ट्निके ट ककतिी िेर तक रिा िै।
Immobilize the injured body part as much as possible.
पट्हटयों को उिके थथाि पर छोड िें और घायल व्यस्क्त
को स्जतिी जल्ि िो सके आपातकाल ि कक्ष में ले जाएं।
16. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Applying pressure
िम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष िबाव लगाकर रक्तस्राव को नियंत्रित
कर सकते िैं। प्रत्यक्ष िबाव को िल्के रक्तस्राव के मलए सीधे
घाव पर लगाया जाता िै।
17. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Applying pressure :
अप्रत्यक्ष िबाव रक्तस्राव वाले
हिथसे के ऊपर िबाव त्रबंिुओं पर
लगाया जाता िै।
18. रक्तस्राव में प्राथममक उपचार-
Transport the client to hospital as early as
possible. यहि रक्तस्राव बंि िि ं ककया जाता िै तो इससे
सिमा लग सकता िै जो जीवि के मलए खतरिाक स्थथनत िै
इसमलए रोगी को अथपताल पिुंचािे या सिायता के मलए
बुलािे की व्यवथथा करें - 112
19. By – SURESH KUMAR ( Nursing Tutor )
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