1. INDIA'S - ISLAMIC MADARSA
AADHUNIKIKARAN SHIKSHAK SANGH
UP - 10 September ko Team Banayi gayi hai jisko 5 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करना होगा जबकि 28
अक्टूबर को शासन को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश क
े गैर मान्यता प्राप्त मदरसों से कागज दिखाने को कहा है. जल्दी ही प्रदेश क
े
मदरसों पर एक खास सर्वे होने जा रहा है. इस सर्वे की खबर से राजनीतिक भूचाल आ गया है.
यूपी की योगी सरकार ने मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फ
ै सला लिया है। बुधवार को हुए इस फ
ै सले क
े बाद विपक्षी
नेताओं ने इसे सांप्रदायिकता से जोड़ते हुए नया विवाद पैदा कर दिया है। योगी सरकार ने हालांकि क
े वल गैर
मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करक
े अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है लेकिन फ
ै सले को सभी मदरसों और यहां
तक की मुस्लिम समाज क
े अधिकारों से जोड़ दिया गया है। एमआईएमआईएम क
े प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तो
मदरसों क
े सर्वेक्षण को मिनी एनआरसी बता दिया है। आइये जानते हैं क्या है योगी सरकार की तैयारी और क्यों
सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने जा रही है।
UP में मदरसों का सर्वे कराएगी योगी सरकार, जुटाएगी ये जानकारियां
2. छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता क
े सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की
अपेक्षा क
े मुताबिक, प्रदेश क
े सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फ
ै सला किया है. अल्पसंख्यक
कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश क
े मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति क
े
विवादित होने या समिति क
े किसी सदस्य क
े अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे क
े प्रधानाचार्य और जिला
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सक
ें गे. इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई
समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी क
े लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.
बुधवार को प्रदेश में अब गैर सरकारी मान्यता वाले मदरसों का सर्वे कराने संबंधी आदेश जारी हुआ था। इस बाबत
सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। दरअसल बाल संरक्षण आयोग को मिली शिकायतों क
े आधार पर यह
सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य क
े सभी ऐसे मदरसों क
े सर्वे का
निर्देश जारी किया है, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है। इसक
े लिए राज्य क
े सभी सभी जिलाधिकारियों को निर्देश
जारी किया गया है। सर्वे की इस टीम में एसडीएम, बीएसए और अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल रहेंगे। -NRC
-AIMIM
UP Madrasa Survey:
एनसीपीसीआर चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने कहा कि सरकार को पूरा अधिकार है कि वह मदरसा का सर्वे करे.
उन्होंने कहा कि ओवैसी की यह दलील यहां पर नहीं चलेगी, कि उन्हें आर्टिकल 30 क
े तहत विशेष अधिकार प्राप्त
है. उन्होंने कहा कि मैं तो सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने-अपने राज्यों क
े अंदर बच्चों क
े
अधिकारों को लेकर सर्वे करे, क्योंकि कोई भी सांप्रदायिक अधिकार बच्चों क
े अधिकार से ऊपर नहीं हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया जाएगा। इसक
े माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि
राज्य क
े मदरसों में छात्र-छात्राओं की स्थिति क
ै सी है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा क
े अनुसार
मदरसों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध है अथवा नहीं, इसकी जानकारी ली जाएगी। प्रदेश क
े सभी गैर मान्यता प्राप्त
मदरसों में पाठ्यक्रम को भी खंगाला जाएगा।
जानकारी क
े अनुसार, मदरसा का संचालन करने वाले का नाम, मदरसा निजी भवन में चल रहा है या किराए क
े
भवन में है, मदरसे में छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी है, पेयजल, क
ु र्सी - मेज, बिजली आपूर्ति तथा शौचालय की
3. व्यवस्था को भी संज्ञान में लिया जाएगा। मदरसे में शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और किस स्रोत से मदरसे में
आय हो रही है। इसको भी देखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार क
े अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने कहा है कि राज्य सरकार इस सर्वेक्षण क
े
बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी। अभी सरकार का उद्देश्य, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों क
े
बारे में सूचनाएं एकत्र करना है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त क
ु ल 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी
अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है।