2. इंग्लैंड में समाज कार्य का
इतिहास
Made by: Devashish sharma
MSW 1st Sem.
Submitted to:- Dr. R.K. Bharti Sir
3. एक परिचय
मानव समाज के इतिहास में प्रत्येक समाज औि प्रत्येक युग में दुर्बलिा, तनर्बनिा, तनिाश्रय व्यक्ति िहे हैं।
प्रत्येक समाज में आने कमजोि सदस्यों की ककसी न ककसी रूप में सहायिा कििा आया है। सभी सभ्यिाओ मैं
ऐसे चचन्ह ममलिे है क्जनसे पिा चलिा है कक उस समय के तनवासी उन तनवामसयो के प्रति जो र्ीमाि, वृद्र्,
अपंग , तनर्बन एवम तनिाचश्रि थे। र्मब औि र्ाममबक संस्थाओं के प्रािम्भ होिे ही र्ाममबक गुरुओ ने हि समाज में
ऐसे सभी व्यक्तियों को सुिक्षा प्रदान किने में नेिृत्व प्रदान ककया र्ाममबक भावनाओं ईश्वि की कृ पा
प्राप्ि किने की इच्छा ने सहायिा औि दान को प्रोत्साहन ददया। पिस्पि सहायिा प्रदान किने की भावना ,
होना इसाई र्मब को ही प्रोत्साहन ददया। इसी भावना के कािण र्ाममबक संस्थाओं द्वािा मांगे गए दान
प्रथा में ऐसे ही होिा है। मध्यकालीन चगिजा घिों में तनर्बन की सहायिा के कायों का प्रशासन मुख्य
पादरियों स्थानीय पादरियों औि मुख्य पादरियों के नीचे िीसिे स्िि के अचर्कारियों को दे ददया। इसाई
र्मब को िाजकीय र्मब का स्िि प्राप्ि होने के साथ-साथ मठो के तनर्बनों के मलए संस्थाएं स्थािपि की।
, जो अनाथ आश्रम औि अपंगों के मलए ग्रहों के रूप में सेवा प्रदान किने लगी। मुख्य रूप से र्ाममबक
प्रचािक दान एकत्र किने औि लाचाि ओं को सहायिा प्रदान किने में संलग्न िहे पिंिु इसके फलस्वरूप
भी पूिे यूिोप में मभक्षावृिि अचर्क र्ढ़ गई, तयोंकक मभक्षा मांगना ना के वल आसान सार्न था विन् इसे
समाज से मान्यिा प्राप्ि थी। मभक्षावृिि के इस प्रकाि र्ढ़ जाने के कािण इसको िाज्य में अच्छा नहीं
समझा। इसके पश्चाि िविवर् कानून, तनयम एवं मद से िोकने के मलए पूणब प्रयास ककए गए।
4. इंग्लैंड में समाज कायब इतिहास
(अवस्थाएं, चिण,तनयम कानून एवं सुर्ाि के
िवमभन्न कानून वगीकिण)
:-जर् यूिोप में ईसाई र्मब को िाजकीय र्मब का स्िि प्राप्ि हुआ िो मठों में तनर्बनों के
मलए संस्थाएं स्थािपि हुई।
• मभक्षावृिि र्ढ़ने लगी
कािण:- जर् संस्थाएं स्थािपि हुई िो लोगो को लगा मभक्षावृिि एक आसान ििीका है जीवन यापन
का।
• िोकने के मलए कानून र्नाये गए।
1. मभक्षावृिि िोकना, कौशल िवकास किना इत्यादद।
2. दास प्रथा िोकने की पहल।
• जमबनी में ‘मादटबन लूथि’ ने 1520 मैं मभक्षा देने औि िोक लगाने औि तनर्बन सहायिा र्नाने के
मलए एक कोष र्नाने का सुझाव ददया।
5. • जमबनी में दाशबतनक ‘जुआन लुइस’ ने पहली र्ाि तनर्बन व्यक्तिओ की परिक्स्थतियां सुर्ािने पि र्ल
ददया:-- प्रमशक्षण, नौकिी, पुनवाबस इत्यादद।
• इंग्लैंड में फादि ‘िवंसेंट डी पॉल’ ने ‘लेडीज ऑफ चैरिटी’ ओि ‘ डॉटसब ऑफ चैरिटी’ र्नाई।
इंग्लैंड:- मध्यकालीन इंग्लैंड मैं तनर्बनों की देख िेख पूणब रूप से चचब का काम था।
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14वी शिाब्दी मैं जागीदािी प्रथा समाप्ि होने के र्ाद इनलैंड मैं भयंकि प्लेग फै ला क्जससे र्हुि
व्यक्तिओ की मृत्यु हुई क्जससे श्रममको की संख्या र्ढ़ गयी औि मजदुिी र्ढ़ गयी।
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इससे तनपटने के मलए बर्ना उद्देश्य घूम िहे लोगों को श्रम र्ल में शाममल किने के मलए
‘एडवेटब िृिीय’ ने ‘statute of labourer’ कानून र्नाया। इसमे स्वस्थ व्यक्तिओ को काम ममलने पि
काम किना अतनवायब होगा , मभक्षा या दान देने पि भी िोक लगा दी गयी.
• ये पहला ऐसा कानून र्ना क्जसमे िाज्य सिा ने हस्िछेप ककया।
6. • 1531 मैं ‘हेनिी 8th’ ने एक नया कानून र्नाया कक नगि प्रमुख ओि शांति के न्यायार्ीश , वृद्र्ो एवं
तनर्बनों की देखभाल एवं तनगिानी किेंगे। जो लोग असमथब थे उन्हें एक तनर्ाबरिि छेत्र मैं मभक्षा
मांगने का लाइसेंस ददया जाएगा।
ित्पश्चाि 1536 मैं इस कानून में ज़रूिी संशोर्न ककए गए।
इंग्लैंड में तनर्बन कानून ( Poor Law Of England ):
The Elizabethan Poor Law of 1601:
प्रमुख विशेषिाए:
िपिा एवम ् िपिामह के तनवाबह का उििदातयत्व संिान पि |
तनर्बनों की सहायिा के मलए ३ श्रेणणया र्ने गयी :
I. स्वस्थ शािीि तनर्बन :- सुर्ि गृह एवम कायबग्रह में िखने का प्रावर्ान ककया गया |
II. लाचाि तनर्बन :- सहायिा, अश्र्यग्रह |
III. पिार्ीन र्च्चे :- इच्छु क लोगो को दे ददए गये |
तनर्बन सहायिा के मलए तनर्बन क्र कोष स्थािपि ककया गया |
7. Poor Law Reform Of 1834 :
तनर्बन सहायिा व्यय कोष को एक तिहाई कम कि ददया |
तनयंत्रण के मलए के न्रीय मंडल स्थािपि ककये गया |
कायबग्रह के अनुसाि अनुशाशन को औि कठोि कि ददया गया |
Poor Law Commission Of 1905 :
वृद्र्ो के मलए िाक्रिय पेंशन |
तनर्बनों का मुफ्ि उपचाि |
सावबजातनक िोजगाि सेवाएं |
सामाक्जक र्ीमा प्रावर्ान |
बच्चो के ललए आिासीर् विद्र्ालर् आदि की लसफारिश की गर्ी |
8. Modern Social Security Program
आधुतिक सामाजजक सुिक्षा कार्यक्रम
The Baveridge Report :- द्वििीर् विश्िर्ुद्ध से उत्पन्ि सामाजजक समस्र्ाओ क के
समाधाि के ललए १९४१ में ‘विललर्म बेिरिज’ आर्ोग
बिार्ा गर्ा एिम् इसमें सामाजजक सुिक्षा की 5 पद्धतिर् बिाई जो इस प्रकाि हैं :-
सामाजजक बीमा
जिसहार्िा
बच्चो के ललए भत्ता
व्र्ापक तिशुल्क स्िास््र् ि पुििायस सेिाएं
पूर्य िोजगाि की सुिक्षा |
Note:- र्े रिपोर्य इंग्लैंड के आधुतिक-सामाजजक सुिक्षा कार्यक्रम की िींि मािी जािी हैं |
9. इंग्लैंड में समाज सुर्ाि एवं चैरिटी आगेनाइजेशन
इंग्लैंड में समाज सुर्ाि ३ कािको से प्रभािवि हुआ :-
समाज सुर्ाि आन्दोलन
चैरिटी आगेनाइजेशन
सामाक्जक अनुसन्र्ान की प्रणामलयााँ |
ओर्ोगीकिण के कािण समाज सुर्ाि के िवकास को सर्से प्रमुख कािण श्रममक संघ आन्दोलन था
| श्रममक संघो ने श्रममको की दशा सुर्ािने के मलए प्रयास ककये | ‘श्रममक संघ कांग्रेस’ एक फे डिेशन
के रूप में स्थािपि हुईं |
10. चैरिटी आगेनाइजेशन सोसाइटी
१८६९ई० में लन्दन में ‘सोसाइटी फॉि आगेनाइजेशन चैरिटेर्ल रिलीफ एंड िेप्रेमसंग मेडडमसटी’ की
स्थापना की गई, क्जसका नाम र्दलकि र्ाद में ‘चैरिटी आगेनाइजेशन सोसाइटी’ कि ददया गया |
इसके मसद्र्ांि ‘थॉमस कोल्मेसब’ के िवचािो पि आर्ारिि हैं, क्जनके अनुसाि तनर्बन को अपनी
संपूणब योग्यिा का प्रयोग किके अपने भिण पोषण के मलए िवकमसि किना चादहए | यह सोसाइटी
सिकािी सहायिा के िवरुद्र् थी इसमलए इसे स्वमसेवी प्रयासों को र्ढावा ददया गया |
इसके अतिरिति ‘द सेटलमेंट हाउस’ आन्दोलन क्जसमे र्ड़े-र्ड़े िवश्विवध्यालयो के िवद्याथी ने
ममलन र्स्िी में जाकि कायब ककया |
तनरकषब :- र्ैविीज रिपोटब इंग्लैंड के आर्ुतनक कल्याण िवर्ान का आर्ाि र्न गयी औि अन्य
देशो के मलए भी एक आदशब र्न गयी |