Chapter 2 right in indian constitution XI Political Science
Historical development of social work in uk
1. SUBMITTED TO: SUBMITTED BY :
DR. R.K BHARTI GAURAV KUMAR
SENIOR FACULTY MSW Ist SEM
ROLL NO – 9
2. आवश्यकताग्रस्त व्यक्ततयों की सहायता करने का कायय मानव समाज
की स्थापना से ही होता है आदिकाल में धमयगुरुओं प्रचारकों तथा
अनुयायययों ने िीन िुखियों की सहायता का उत्तर िाययत्व प्रिान
ककया सन 1520 में जमयनी में मादटयन लूथर ने भिक्षावतित्त को रोकने
तथा सिी पैररसों में िीन िुखियों की सहायता हेतु िोजन वस्र
इत्यादि प्रिान करने के भलए िानपेटी की स्थापना ककए जाने
की अपील की उसी प्रकार 17 वी शताब्िी में फ्ांस में फािर
िवन्सेन्ट ि पाल अनेक प्रकार के सुधार ककए उसी प्रकार इन सिी
सुधारों को प्रणाम स्वरूप समाजकायय के िवकास के भलए उचचत िूभम
तैयार हुई
इंग्लैंड में समाज कायय के इतिहास को चार श्रेखणयों में िविाक्जत ककया
गया है
3. 14 वी शताब्िी तक यनधयनों अपंगों एवं अपादहजओं की भिक्षा
िेना एक पुण्य का काम समझा जाता था चचय का प्रमुि कायय
यनधयनों को िान िेना तथा उनकी सहायता करना था ईसाई धमय
को राज धमय का स्तर प्राप्त होने के साथ-साथ मठों में यनधयनों के
भलए संस्थाएं स्थािपत की गई जो अनाथ वतद्धो रोचगयों एवं
अपंगों की बुयनयािी आवश्यकताओं की पूयतय करते थे और
बेघरो को शरण िेती थी इससे भिक्षावतित्त में वतद्चध हुई क्जसे
राज्य मेंअच्छा नहीं समझा यनधयन सहायता पर इतना अचधक
व्यय ककए जाने पर कोई लाि प्राप्त नहीं होता था।
4. 1349 में ककं ग एडवडय तततीय ने यह आिेश दिया कक शारीररक दृक्टट से
हटट पुटट प्रत्येक व्यक्तत को कोई कायय अवश्य करें तथा वह अपने
पेररस को छोडे बबना ककसी िी ऐसे व्यक्तत के यहां काम करें जो उसे
काम िेना चाहे सन 1531 हेनरी आठवें ने कानून के अचधकाररयों के
भलए पंजीकरण अवश्य करा दिया गया तथा उन्हें एक िवशेष क्षेर के
अंतगयत िवच्छा मांगने के भलएलाइसेंस दिए गए तथा इसके साथ
स्वास््य शरीर वाले लोगों को िीि मांगने पर कोडे लगाए और उन्हें
कायय करने के भलए बाध्य ककया गया सन 1532 में कारीगरों के कानून
के अधीन मजिूरी और कायय करने का समय यनक्श्चत ककया गया
तथा बेकार और काम न करने वालों को काम के भलए बाध्य ककया
1536 में पहली बार इंग्लैंड की सरकार के तत्वाधान में यनधयनों की
सहायता के भलए एक योजना बनाई क्जसके अधीन ऐसे यनधयनों की जो
3 वषय से काउंटी में रह रहे हो उनकी पैररसो में पंजीकरण की
व्यवस्था की गई 1576 में सुधार गतह स्थािपत ककए गए इसमें बाि
यनधयनों की सहायता के भलए 1601 में एभलजाबेथ का यनधयन कानून
बनाया गया क्जसे 43 एभलजाबेथ के नाम से जाना जाता है।
5. 1832 में यनधयन कानून के प्रसारण एवं व्यवहाररक कायायन्वयन
की जांच करने के भलए शाही आयोजन की यनयुक्तत की गई इस
आयोग ने कहा कक यनधयन सहायता बच्चों एवं स्वस्थ शरीर वाले
व्यक्ततयों में आवारापन एवं भिक्षावतित्त को प्रोत्सादहत करती है
इस आयोग ने यनम्नभलखित संस्तुयतयों हैं
1 सहायता प्राप्त करने की इच्छा रिने वाले सिी समथय
अभ्यचथययों को काययक्रमों में रिा जाए
2 के वल रोचगयों वतद्धो एवं नवजात भशशुओं वाली िवधवाओं
को ही बाहरी सहायता प्रिान की जाए
3 यनयंरण स्थािपत करने के भलए एक कें द्रीय पररषि की
स्थापना की जाए
6. सन् 1905 में बेकार कमयकार अचधयनयम पाररत ककया गया क्जसके
अधीन स्थानीय कटट यनवारण सभमयत द्वारा बेकारों को सहायता िेने
का प्रस्ताव ककया गया।
1908 में वतद्धावस्था पेंशन कानून पास हुआ क्जसके अधीन 70 वषय से
अचधक आयु के आवश्यकता अनुसार यनधयन व वतद्धों को पांच सीभलंग
प्रयत सप्ताह की पेंशन दिए जाने की व्यवस्था की 1909 में श्रम
कायायलय अचधयनयम पाररत हुआ
1911 में राटरीय बीमा कानून बना क्जसके अधीन यनम्न आय समूह के
व्यक्ततयों के भलए अयनवायय स्वास््य बीमा की व्यवस्था की गई
1925 में िवधवा अनाथ एवं वतद्धावस्था पेंशन अचधयनयम पाररत
हुआ 1934 में बेकारी अचधयनयम पास ककया गया इसके अधीन
बेकारी सहायता के प्रशासन का उत्तरिाययत्वकारी सहायता बोडय को
सौंपा गया।
7. 1941 में इंग्लैंड ने समाज के क्षेर में चलाने वाली समस्त
कल्याणकारी योजनाओं में सुधार करना प्रारम्ि कर
दिया।इस आधार पर 'लाडय िवभलयम ' की बेवररज की
अध्यक्षता में एक सामाक्जक बीमा एवं इससे संबंचधत
िविाग का यनमायण ककया गया।क्जसे allied service के
नाम से जाना जाता है।
8. • सामाक्जक बीमा
• जन सहायता
• बच्चों के भलए आवश्यक ित्ते
• व्यापक यनिः शुल्क स्वास््य व पुनयवास सेवाएं
• पूणय रोजगार का अनुरक्षण
9. • 1944 - पेंशन एवं राटरीय सहायता पररषि
• 1945 - पररवार ित्ता कानून
• 1946 - राटरीय बीमा कानून
• 1946 - राटरीय स्वास्थ सेवा काननू
• 1948 - राटरीय सहायता बोडय
• 1986- सामाक्जक सुरक्षा अचधयनयम
10. इग्लैंड में समाज कायय भशक्षा का प्रारम्ि 1950 के बाि ही माना जाता
है चचककत्सीय समाज कायय,मानभसक स्वास््य, कु छ िवशेष क्षेर में
िवकास हुआ इसके अलावा अल्पकालीन प्रभशक्षण दिया जाता था।
कानेजी की पहली ररपोटय 1947 जो समाज काययकतायओं के
सेवायोजन एवं प्रभशक्षण में संबंचधत थी उन्होंने इस सेवायोजन
एवं प्रभशक्षण से संबंचधत थी उन्होंने इस बात की पुक्टट की
ककसी िवश्विवद्यालय के अंतगयत स्वतंर रूप से चलने वाला
समाजकायय िवद्यालय िोला जाए
1951 में कनेजी रस्ट द्वारा िूसरी ररपोटय को प्रकाशन ककया गया था।
क्जसका नाम बिलकर ' व्यावहाररक समाज अध्ययन संस्थान ' कर
दिया गया।
एक आंकलन के आधार पर 1975 तक यूनाइटेड ककं गडम के 35
िवश्विवद्यालयों में समाज कायय के िविाग थे।