2. पानी, पृथ्वी पर जीशित प्राशिय ों क
े अस्तित्व का कारि, ग्रह का
70% से अशिक शहस्सा है। जल िह जादुई तरल है, ज जानिर ों,
पौि ों, पेड ों, जीिािुओों और शिषािुओों क जीिन प्रदान करता है।
जल ही िह कारि है शजसक
े कारि पृथ्वी जीिन का समर्थन कर
सकती है और अन्य ग्रह नहीों कर सकते।
मानि िरीर का 60% तक पानी से बना है। जबशक ग्रह पर पानी
की बहुतायत है, मनुष्य और जानिर ों द्वारा हर चीज का सेिन नहीों
शकया जा सकता है। यह दुर्ाथग्यपूिथ है शक पृथ्वी पर क
े िल 3%
पानी ही मीठा पानी है, ज प र्टेबल और उपर् ग करने क
े शलए
सुरशक्षत है।
3. जल एिों मानि का गहरा एिों व्यापक सम्बन्ध है। मनुष्य जल
क शिशर्न्न कायों में प्रय ग करता है। जैसे इमारत ों, नहर ों,
घार्टी, पुल ों, जलघर ों, जलक
ुों ड ों, नाशलय ों एिों िस्तिघर ों आशद
क
े शनमाथि में। जल का अन्य उपय ग खाना पकाने, सफाई
करने, गमथ पदार्थ क ठों डा करने, िाष्प िस्ति, पररिहन,
शसोंचाई ि मत्स्यपालन आशद कायों क
े शलये शकया जाता है।
ऊपरी महानदी बेशसन में िहरी क्षेत् ों में औसत 70 लीर्टर प्रशत
व्यस्ति एिों ग्रामीि क्षेत् ों में 40 लीर्टर प्रशतव्यस्ति प्रशतशदन जल
का उपय ग शकया जाता है।