3. नए राजवंशों का उदय
सातवीं सदी आते आते शवशिन्न िागों में बडे िूस्वामी
और योर्द्ा-सरदार अशस्तत्व में आ चुके थे। राजा लोग
प्राय: उन्हें अपने मातहत या सामंत के रुप में मान्यता देते
थे। उनसे उम्मीद की जाती थी शक वे राजा या स्वामी के
शलए उपहार लाएँ, उनके दरबार में हाशजरी लगाएँ और उन्हें
सैन्य सहायता प्रदान करें। अशिक सत्ता और संपदा
हाशसल करने पर सामंत अपने-आप को महासामंत
महामन्ड्लेश्वर (पूरे मण्डल का स्वामी) घोशित कर लेते थे।
किी किी वे अपने स्वामी के अशिपत्य से स्वतंत्र हो जाने
का दावा िी करते थे। इस तरह का एक उदाहरण दक्कन
में राष्ट्रकू टों का था िुरुआत में वे कनाधटक के चालुक्य
राजाओं के अिीनस्थ थे| आठवीं सदी के मध्य में एक
राष्ट्रकू ट प्रिान दंतीदुगध ने अपने चालुक्य स्वामी को
अिीनता से इंकार कर शदया, उसे हराया और शहरण्यगिध
नामक एक अनुष्ठान शकया।
10. कृषि और ष िंचाई
चोलों की कई उपलषधियााँ कृषि में हुए नए षिका ों
के माध्यम े िंभि हुई। मानषचत्र को देषिए और गौर कीषिए षक
कािेरी नदी बिंगाल की िाडी में षमलने े पहले कई छोटी-छोटी
शािाओिं में बाँट िाती है। ये शािाएाँ बार-बार पानी उलीचती हैं,
षि े षकनारों पर उपिाऊ षमट्टी िमा होती रहती है। शािाओिं
का पानी, कृषि, षिशेितः चािल की िेती के षलए आिश्यक
आद्रता भी मुहैया करता है।
हालााँषक तषमलनाडु के दू रे षहस् ों में कृषि पहले ही
षिकष त हो चुकी थी, पर पााँचिी या छठी दी में आकर ही इ
इलाके में बडे पैमाने पर िेती शुरु हो पाई। कुछ इलाकों में ििंगलों
को ाफ षकया िाना था और कुछ दू रे इलाकों में िमीन को
मतल षकया िाना था। डेल्टा क्षेत्रों में बाढ़ को रोकने के षलए
तटबिंि बनाए िाने थे और पानी को िेतों तक ले िाने के षलए
नहरों का षनमााण होना था। कई क्षेत्रों में एक ाल में दो फ लें
उगाई िाती थी।
15. कृषि और ष िंचाई
चोलों की कई उपलषधियााँ कृषि में हुए नए षिका ों
के माध्यम े िंभि हुई। मानषचत्र को देषिए और गौर कीषिए षक
कािेरी नदी बिंगाल की िाडी में षमलने े पहले कई छोटी-छोटी
शािाओिं में बाँट िाती है। ये शािाएाँ बार-बार पानी उलीचती हैं,
षि े षकनारों पर उपिाऊ षमट्टी िमा होती रहती है। शािाओिं
का पानी, कृषि, षिशेितः चािल की िेती के षलए आिश्यक
आद्रता भी मुहैया करता है।
हालााँषक तषमलनाडु के दू रे षहस् ों में कृषि पहले ही
षिकष त हो चुकी थी, पर पााँचिी या छठी दी में आकर ही इ
इलाके में बडे पैमाने पर िेती शुरु हो पाई। कुछ इलाकों में ििंगलों
को ाफ षकया िाना था और कुछ दू रे इलाकों में िमीन को
मतल षकया िाना था। डेल्टा क्षेत्रों में बाढ़ को रोकने के षलए
तटबिंि बनाए िाने थे और पानी को िेतों तक ले िाने के षलए
नहरों का षनमााण होना था। कई क्षेत्रों में एक ाल में दो फ लें
उगाई िाती थी।
19. कृषि और ष िंचाई
चोलों की कई उपलषधियााँ कृषि में हुए नए षिका ों
के माध्यम े िंभि हुई। मानषचत्र को देषिए और गौर कीषिए
षक कािेरी नदी बिंगाल की िाडी में षमलने े पहले कई छोटी-
छोटी शािाओिं में बाँट िाती है। ये शािाएाँ बार-बार पानी
उलीचती हैं, षि े षकनारों पर उपिाऊ षमट्टी िमा होती रहती
है। शािाओिंका पानी, कृषि, षिशेितः चािल की िेती के षलए
आिश्यक आद्रता भी मुहैया करता है।
हालााँषक तषमलनाडु के दू रे षहस् ों में कृषि पहले ही
षिकष त हो चुकी थी, पर पााँचिी या छठी दी में आकर ही इ
इलाके में बडे पैमाने पर िेती शुरु हो पाई। कुछ इलाकों में ििंगलों
को ाफ षकया िाना था और कुछ दू रे इलाकों में िमीन को
मतल षकया िाना था। डेल्टा क्षेत्रों में बाढ़ को रोकने के षलए
तटबिंि बनाए िाने थे और पानी को िेतों तक ले िाने के षलए
नहरों का षनमााण होना था। कई क्षेत्रों में एक ाल में दो फ लें
उगाई िाती थी।