हर अस्वीकारको कर स्वीकार motivating for all defeated depressed
1. हर असवीकारको कर सवीकार,न कोई जीत न कोई हार
जाये न एक पल भी बेकार,रक मत तुझे जाना है पार
रक मत रक मत रक मत, िकसकी भी हो हकमत
रक मत रक मत रक मत, िकसकी भी हो हकमत
िकसकी भी हो हकमत िकसकी भी हो हकमत
रक मत रक मत रक मत रक मत रक मत रक मत
हर असवीकारको कर सवीकार ३ न कोई जीत न कोई हार ३
जाये न एक पल भी बेकार,रक मत तुझे जाना है पार
िहममत पयारे तू कभी न हार, तेरा बस तू ही है यार
हर असवीकारको कर सवीकार,न कोई जीत न कोई हार||१||
खुदमे कर सुधार ,तोही जीवनमे बहार
दो िदन का संसार,कयू भागे है बेकार
पकडके लोग चार,कयू बनता है लाचार
सबजी न खाये यार, बस तू खाये है आचार
रोग दुख दे हार,उसके पेहले ही सुधार
हर असवीकारको कर सवीकार,न कोई जीत न कोई हार||२||
दो लबजोका आधार, जीवन है मायाबाजार
जब तक न टूटे अहंकार, वो दुख दे बारबार
अरे पास है पल चार,कयू रहता है गवार
दे दुजेको आधार,पर कभी न दे उधार
हर असवीकारको कर सवीकार,न कोई जीत न कोई हार||३||
िबन िपये ही मुझे चढ जाती है, िबन िपये ही मुझे चढ जाती है
इंसािनयत िक शराब का नशा,मानवता और भाईचारेकी नशा
इनसािनयतसे िजसे है पयार, उसे रहती है हरदम खुमार
झूठा भी करले पयार,झूठा भी हस ले यार
झूठा ही पेम कर ले, झुठा िवशास रखले
2. झूठा ही पेमसे खाले,झूठा ही पेमसे पी ले
झूठा ही िदलसे देदे, झूठा पेम् भी ख़ुशी दे
कौन कमबखत कहता है? शराब पीनेकी चीज है!
कौन बदतमीज दुसरेको िपलाकर उसको शराबका गुलाम बनाये
शराब बनाये अचछे खासे इनसान को नाचीज
माबाप भाईबहनसे आदमी बन जाये बदतमीज
भगवान ने मुफतमे दी है हसी की शराब
मै भी समझता ह िक हसीही है मेरी शराब
और पूरा संसार है मयखाना
और साकी तो खुद भगवान है
मुफतमे िपलाता है हसी की शराब
िपयो मेरे यारो ये हसीकी शराब, िफर कभी नाही जायेगा आपका कोई िदन खराब
हा हा ही ही ह ह हे हे है है हो हो हम हम हा हा
हममा हममा ही ही हो हो हे है हे हे हे
यारो इजाजत दो मुझे अब,कया मालूम िफर िमले कब –
-------------------हसी का साकी डॉ वैभव लुंकड