रानीखेत का नाम बहुत कम ही लोग जानते हैं जिस वजह से यहां बहुत कम
भीड़ होती है लेकिन जितने भी लोग यहांआते हैं वो रानीखेत की खूबसूरती
देखकर हैरान रह जाते हैं।रानीखेत चारों तरफ से चीड़ औरदेवदार के घने जंगलों से घिरा हुआहै। साथ ही फूलों से ढके रास्ते किसी का भी मनमोहने के लिएकाफी हैं।
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Looking places where to visit in uttarakhand
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2. रानीखेत का नाम बहुत कम ही लोग जानते हैं जजस वजह से यहाां
बहुत कम भीड़ होती है लेककन जजतने भी लोग यहाांआते हैं वो
रानीखेत की खूबसूरती देखकर हैरान रह जाते हैं।
रानीखेत चारों तरफ से चीड़
और देवदार के घने जांगलों से
घघरा हुआ है। साथ ही फू लों से
ढके रास्ते ककसी का भी
मनमोहने के ललए काफी हैं।
रानीखेत
3. पिथौरागढ़ काफी खूबसूरत शहर है, जजस वजह से इसे छोटा कश्मीर
भी कहते हैं। पिथौरागढ़ में आि ररवर राज्टांग, हैंड-ग्लाइडडांगऔर
स्कीइांग का मजा भी ले सकते हैं।
पिथौरागढ़ को िहले सोरघाटी के
नाम से जाना जाता था| सोर
का मतलब सरोबर होता है।
ऐसा कहा जाता है कक िहले
इस जगह में सात सरोवर हुआ
करते थे।
पिथौरागढ़
4. अल्मोड़ा की खूबसूरती की वजह से उसे भारत का जस्वट्जरलैंड भी
कहा जाता है। अल्मोड़ाके चारों तरफ खूबसूरत फू लों के िेड़, झरने
और िहाड़ हैं।
इस खूबसूरत नजारे की जजतनी
भी तारीफ की जाए कम है।
अल्मोड़ा
5. बद्रीनाथ भगवान पवष्णु का स्थान है। दो िहाड़ों नर और नारायण
नाम के दो िहाड़ों के बीच खड़ा बद्रीनाथ मांददर,दहांदुओां के चार धामों
में से एक है|
अलकनांदा नदी के तट िर बसे
इस मांददर के सामने एक हॉट
वॉटर फॉल है, जजसे “तप्त कुां ड”
कहा जाता है (तप्त का अथथ है
बहुत गमथ)|बहुत अधधक ठांड होने
के कारण यह मांददर साल में 6
महीने बांद रहता है|
बद्रीनाथ
6. भगवान लशव का धाम के दारनाथ भी दहांदुओां के चार धामों में से एक
है|कु छ साल िहले आई भयांकर बाड़ में इस मांददर के आस िास का
सब कु छ नष्ट हो गया था |
लेककन लसफथ भगवान लशव का
यह मांददर अिनी जगह खड़ा
रहा| बाढ़ आने से िहले
के दारनाथ मांददर के िास एक
बड़ा सा ित्थर आ धगरा जजस
वजह से के दार मांददर बाढ़ की
चिेट में आने से बच गया|
के दारनाथ
7. जब से 1960s में महपषथ महेश योगी के आश्रम में बीटल्स गए,
ऋपषके श आध्याजत्मक साधकों के ललए एक चुांबक की तरह बन गया
है।ऋपषके श को पवश्व की योगा राजधानी के नाम से भी जाना जाता
है।
ऋपषके श योग और अध्यात्म के
साथ साथ ररवर रज्टांग और
ट्रेककां ग के ललए भी जाना जाता
है;हर साल सैकड़ों लोग यहााँ इन
आजटटपवटीस का मजा लेने
आते हैं|
ऋपषके श
8. भगवान लशव और भगवान पवष्णु की नगरी है हररद्वार।दहांदुओां की
सबसे िपवत्र नदी गांगा के कारण, लाखों लोग हर साल यहााँ गांगा
स्नान के ललए आते हैं।हररद्वार दो शब्द हरर और द्वार को लमलाकर
बना है |
हरर का मतलब है भगवान और
द्वार का मतलब दरवाजाहै।
हररद्वार दहांदुओां के चार धामों के
ललए प्रवेश द्वार की तरह है।रोज
शाम और सुबह गांगा जी की
आरती की जाती है, लेककन शाम
की आरती में आिको हजारों की
सांख्या में भटत नजर आएांगे।
हररद्वार