1. हैल्लो दोस्तों ,
Think And Grow Rich ( थ िंक एिंड ग्रो रिच ) - दोस्तों यह ककताब #1 इिंटिनेशनल बेस्टसेलि में से एक है
जो अमेरिका क
े जाने माने लेखक नेपोललयन हहल क
े द्वािा ललखी गई है। यह ककताब पहली बाि सन
1937 में प्रकालशत हुई। जो सबसे अथिक बबकने वाली पुस्तकों में से एक बनी।
लेखक - नेपोललयन हहल
जन्म - अक्टूबि 1883 , वर्जिननया
व्यवसाय - लेखक , पत्रकाि
नागरिकता - अमेरिका
दोस्तों इस पुस्तक क
े हि अध्याय में पैसा कमाने क
े िहस्य क
े बािे में बताया गया है। जो की हमें
लसखाती है कक ककस प्रकाि हम अपनी बुद्थि का उपयोग किक
े बहुत पैसा कमा सकते है,औि
एक महान सफलता हालसल कि सकते है।
2. दोस्तों अगि आप भी सफल औि कामयाब व्यर्क्त बनना चाहते है तो आपको Think & Grow
Rich ककताब जरूि पढ़ना चाहहये।
अपनी र् िंदगी में हि कोई कामयाब होना चाहता है पिन्तु हि कोई कामयाब न होकि क
ु छ ही
लोग कामयाब हो पाते है। ऐसा क्यों ? जो लोग कामयाब होते है उनमे ऐसा क्या होता है, जो
नाकामयाब लोगो में नहीिं होता है।
इसी वजह को जानने क
े ललए नेपोललयन हहल ने दुननयाभि क
े 500 से ज्यादा सफल /कामयाब
(Successful) लोगो का साक्षात्काि (Interviews) ककया। या हम दूसिे शब्दो में कह सकते है कक
सफलता का फामूिला खोजने क
े ललए लेखक(Author) ने 500 से अथिक सफल औि महान
व्यर्क्तयों का साक्षात्काि ककया। उसी अनुभव क
े आिाि पि यह ककताब ललखी गयी। इस
ककताब को प्रकालशत होने में 25 वर्ि का समय लगा।
असल में कोई इिंसान सफलता की सीहिया तभी चढ़ पता है जब उसको सफलता पाने क
े तिीकों
का पता होता है। इस बुक में नेपोललयन हहल द्वािा सफलता पाने क
े 13 लसद्िािंतो क
े बािे में
वर्िन ककया गया है र्जनको फॉलो किक
े आप भी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते है।
1. इच्छा (Desire) -
दोस्तों इस दुननया में हि इिंसान क
े पास क
ु छ न क
ु छ इच्छा जरूि होती है र्जसको वह पूिी किना
चाहता है। हम जो क
ु छ भी काम किते है उस हि काम क
े पीछे इच्छा जरूि होती है। दोस्तों एक
ऐसी चीज ,जो ककसी भी व्यर्क्त को अपने लक्ष्य तक पहुिंचने क
े ललए मजबूि कि देती है वह है
उस व्यर्क्त क
े मन की तीव्र इच्छा।
यहािं तीव्र इच्छा का मतलब है की जब तीव्र इच्छा ककसी व्यर्क्त क
े अिंदि जाग्रत हो जाती है तो
वह अपने लक्ष्यों क
े प्रनत बहुत सजक हो जाता है।
जब कोई व्यर्क्त अपने पीछे हटने का कोई सिंभव तिीका नहीिं छोड़ता है कफि उन्हें या तो
जीतना होता है या कफि नष्ट हो जाना ।
यहााँ नेपोललयन हहल क
े द्वािा पैसे क
े प्रनत इच्छा जगाने औि उसे पूिी किने 6 तिीक
े बताये है -
3. 1. आप अपने मन में इर्च्छत पैसे की सटीक मात्रा तय किे "मैं बहुत पैसा चाहता हूाँ "क
े वल यह
कहना ही पयािप्त नहीिं है । इसे िालश क
े रूप में ननर्चचत किें ।
2. अब आपने जो पैसे की मात्रा तय की है आप उसक
े बदले में वास्तव में लोगों को क्या कीमत
देना चाहते है वह ननिािरित किे । (" क
ु छ नहीिं से क
ु छ अच्छा " जैसी कोई वास्तववकता नहीिं
है। )
3. एक ननर्चचत तािीक ननिािरित किे र्जस तािीक को आप इर्च्छत पैसे पाने का इिादा िखते
है।
4. अपनी इच्छा कियार्न्वत किने की एक ननर्चचत योजना बनाये औि एक बाि में शुरू कि दे
चाहे आप इस योजना को कािवाई में डाल देने को तैयाि हो या नहीिं।
5. आप पैसे को जो िालश प्राप्त किना चाहते है उसका एक सिंक्षक्षप्त बयान स्पष्ट रूप से ललखे ,
उसक
े अथिग्रहर् की समय सीमा को नाम दें , पैसे क
े बदले में देने क
े ललए आपका इिादा क्या
है बताये औि उस योजना का स्पष्ट रूप से वर्िन किे र्जसक
े माध्यम से आप इसे जमा किना
चाहते हैं।
6. अपना ललखखत बयान हदन में 2 बाि जोि से पढ़े , एक बाि िात में सोने से ठीक पहले औि
एक आि सुबह जागने क
े तुििंत बाद। जब आप पढ़े तो देखे औि महसूस किे औि अपने आप
पि ववचवास किे की पैसे पहले से ही आपक
े कब्जे में है।
उस व्यर्क्त क
े ललए क
ु छ भी असिंभव नहीिं है, जो थचिस् ायी/प्रबल ववचवास क
े सा इच्छा क
े
पीछे खड़ा है ।
2. आस् ा (Faith) -
आस् ा , जो हमािी इच्छा को प्राप्त किने का ववचवास औि प्रत्यक्षीकिर् देती है।
4. दोस्तों मान लीर्जये कक आप अपने मन में तीव्र इच्छा तो िखते है पिन्तु आपको अपने आप
पि औि इस ब्रह्माण्ड की कोई भी वस्तु पि ववचवास नहीिं है तो आपने जो अपने मन में तीव्र
इच्छा िखी है वह काम नहीिं किेगी क्योकक इच्छा क
े सा ववचवास का होना नहीिं बहुत जरुिी है।
आस् ा हदमाग की एक अवस् ा है र्जसे आत्मसुझाव क
े लसद्िािंत क
े माध्यम से अवचेतन मन
को बाि बाि ननदेश देने से ननलमित होती है।
यहााँ Author आस् ा/ववचवास को एक उदाहिर् क
े माध्यम से समझाते है -
जब कोई व्यर्क्त पहली बाि ककसी अपिाि क
े सिंपक
ि में आता है तो वह अपिाि से घृर्ा किता
है यहद वह काफी समय तक अपिाि क
े सिंपक
ि में िहता है तो वह अपिाि सहन किने का आदी
हो जाता है औि अन्ततः अपिाि को गले लगा लेता है।
ववचवास (Trust), प्रेम (Love), वासना (Lust) की भावनाएिं सभी प्रमुख सकािात्मक भावनाओिं
में सबसे शर्क्तशाली होते है। प्रेम औि ववचवास मानलसक होते है जो मनुष्य क
े आध्यार्त्मक
(Spiritual) पक्ष से सम्बिंथित होते है। वासना ववशुद्ि रूप से जैववक है औि यह क
े वल शािीरिक
से सम्बिंथित है।
हमािे मर्स्तष्क की कोई सीमा नहीिं होती ,लसवा उनक
े र्जन्हे हम स्वीकाि किते
है।
3. आत्म-सुझाव -
दोस्तों आत्म-सुझाव का सािािर् शब्दो में अ ि होता है - खुद क
े हदमाग को समझाना। आपका
अवचेतन मर्स्तष्क क
े वल उन ववचािों को पहचानता है औि उन पि कायि किता है जो भावना
या चेतना क
े सा अच्छी तिह से लमथित ककया गया हो।
हमािा अवचेतन मन अच्छे बुिे की पहचान नहीिं कि पता है। अगि आप अपने अवचेतन मन
को बाि -बाि नकािात्मक सुझाव देते है तो आपका अवचेतन मन उस नकािात्मक सुझाव को
भी ग्रहर् कि लेता हैं औि कफि आपको बहुत सी समस्याओ का सामना किना पड़ता है। औि
जब आप अवचेतन मन को सकािात्मक सुझाव देते है तो वह उनको भी ग्रहर् किक
े कािवाई
5. शुरू कि देता है औि आपको अच्छे परिर्ाम लमलना शुरू हो जाते है। तो जैसा आप अपने
अवचेतन मन को सुझाव देते है वैसा ही आपक
े जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाता है।
इसललए हमेशा अपने अवचेतन को सकािात्मक सुझाव ही दे।
जब हमािे अवचेतन मन पि हमािा ननयिंत्रर् नहीिं होता है तो हमािी हाि होती है।
अपने अवचेतन मन को एक ऐसा ववचाि प्रदान किे जैसा आप भववष्य में बनना या किना
चाहते है।
जो ववचाि आपने अपने मन को प्रदान ककया है उसको भावपूर्ि बनाये क्योंकक हमािा अवचेतन
मन भावहीन शब्दों/ववचािों को प्रभाववत नहीिं किता है इसललए ववचािो को भावपूर्ि बनाये।
औि अपने ववचाि को बाि-बाि दोहिाकि अपने अवचेतन मन तक पहुाँचाये औि यह ववचवास
िखे कक मैं जो बनना या पाना चाहता हूाँ वह मुझे लमल चूका है। इस प्रकिया को ;लगाताि बनाये
िखे औि कफि आप देखेंगे कक िीिे-िीिे आपक
े जीवन में परिवतिन आने शुरू हो जायेंगे औि
अन्ततः आप एक सफल व्यर्क्त बन जायेंगे।
अपने लक्ष्य तक पहुिंचने का प्लान हमािे अवचेतन मन क
े पास पहले से होता है बस अभ्यास
क
े द्वािा इस प्लान को सकिय (Active) किना होता है।
शुरुआत में आपको क
ु छ मुर्चकलों का सामना किना पड़ सकता है पिन्तु हाि न माने औि
लगाताि अपनी प्रैर्क्टस को बनाये िखे।
4. व्यर्क्तगत अनुभव या अवलोकन -:
इस अध्याय में author हमें बताते है कक ज्ञान दो प्रकाि क
े होते है-
1. सामान्य ज्ञान 2. ववशेर् ज्ञान
सामान्य ज्ञान इससे कोई फक
ि नहीिं पड़ता कक आपक
े पास ककतनी बड़ी मात्रा में यह ज्ञान है।
ववशेर् ज्ञान में आपको ककसी भी एक क्षेत्र में आपको ववर्ेशज्ञता हालसल किनी होती है।
इसमें Author Ford क
े माललक हेनिी फोडि क
े उदहािर् क
े द्वािा बताते है कक फोडि की स्क
ू ली
लशक्षा बहुत कम होते हुए भी वे ऑटोमोबाइल क्षेत्र का ववशेर् ज्ञान िखते े औि यही ववशेर्
6. ज्ञान उनको ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सफलता क
े लशखि तक पहुिंचाया है।बहुत सािा पैसा सिंगहठत
किने औि एक अच्छी सफलता पाने क
े ललए ववशेर् ज्ञान की आवचयकता होती है।
अगि आप यह सोच कि पिेशान िहते है की मेिी स्क
ू ली लशक्षा कम/सीलमत िही है तो आप यह
याद िखखये कक ॉमस ए एडडशन अपने पुिे जीवन में क
े वल 3 महीने क
े ललए ही स्क
ू ल गए े
कफि भी उनक
े पास लशक्षा की कमी नहीिं ी औि न ही वे गिीब मिे े वे ववत्तीय रूप से काफी
अच्छा प्रदशिन किने में कामयाब िहे है।
सफल लोग सभी क्षेत्रों में अपने प्रमुख उद्देचय, व्यवसाय या पैसे से सम्बिंथित ववशेर् ज्ञान
प्राप्त किना कभी बिंद नहीिं किते है।
5. कल्पना (Imagination)-
कहा गया है कक आदमी क
ु छ भी बन सकता है र्जसकी वह कल्पना कि सकता है।
इस अध्याय में Author बताते है की कल्पना दो प्रकाि की होती है -
१. लसिं ेहटक कल्पना - इस कल्पना क
े माध्यम से आप पुिानी अविािर्ाओिं, ववचािों औि
योजनाओिं को नये सिंयोजन में व्यवर्स् त कि सकते हैं।
२. िचनात्मक कल्पना - इस कल्पना क
े माध्यम से एक आदमी का सीलमत हदमाग का अनिंत
ज्ञान से सीिा सिंचाि होता है।
6. सिंगहठत योजना (Organized Planning) -
वह सब क
ु छ जो आदमी बनाता है या अपने जीवन में प्राप्त किता है उसक
े पीछे एक गहिी इच्छा औि एक
योजना जरूि होती है। आज तक र्जतने भी व्यर्क्त सफल हुए है उन्होंने पहले अपनी सफलता
की कल्पना की औि उस कल्पना को एक इच्छा औि योजना क
े द्वािा हकीकत में बदल सक
े
है।
यहााँ Author बताते है कक कोई भी आदमी तब तक नहीिं हाि सकता जब तक की वह अपने मन में हाि न
मान ले , क्योंकक हाि की पहली ननशानी अपने मन से ही शुरू होती है।
हेनिी फोडि को भी अस् ायी हाि का सामना किना पड़ा ा न लसफ
ि ऑटोमोबाइल क
ै रियि की शुरुआत
बर्ल्क ऊपि की ओि काफी दूि तक जाने क
े बाद भी। औि कफि उन्होंने एक नयी योजना बनाई औि
जीत क
े मागि पि अग्रसि हो गए।
7. जीवन में कोई भी काम किने से पहले उसकी उथचत योजना जरूि बना लेनी चाहहए र्जससे उस काम को
प्राप्त किने की आशिंका बढ़ जाती है।
7. ननर्िय (Decision) - टालमटोल की आदत पि महाित
असफलता क
े अनुभव क
े सा 25000 से अथिक पुरुर्ों औि महहलाओिं क
े सटीक एनालललसस ने
इस तथ्य का खुलासा ककया है कक ननि्र्य लेने की कमी असफलता क
े 30 प्रमुख कािर्ों की
सूची में सबसे ऊपि ी। या हम कह सकते है कक 25000 पुरुर् व महहलाओिं की असफलता का
कािर् उनका ननर्िय न लेना ा अपना सटीक ननर्िय न लेने क
े कािर् उनको असफलता का
सामना किना पड़ा।
अननर्िय एक आदत है जो आमतौि पि युवावस् ा में शुरू होती है जैसे-जैसे हम स्क
ू ल से हाई
स्क
ू ल औि कफि कॉलेज से होकि गुजिते है तो यह अननर्िय की आदत स् ानयत्व ग्रहर् कि
लेती है। आमतौि पि सभी लशक्षा प्रर्ाललयों की बड़ी कमजोिी यह है की वे ननर्चचत ननर्िय की
आदत न तो लसखाती है औि न ही इसे प्रोत्साहहत किती है।
इस अध्याय में Author बताते हैं की यहद आप दुसिो की बातो से प्रभाववत होते है तो आपकी
अपनी कोई इच्छा नहीिं िह जाएगी। इसललए हमेशा अपना खुद का सही ननर्िय ले औि उस पि
काम शुरू कि दे।
दोस्तों िाय दुननया की सबसे सस्ती वस्तु है जो हि कोई हि ककसी को दे देता है। क
ु छ ऐसा ही
िीमान हेनिी फोडि क
े सा भी हुआ ा। हेनिी फोडि क
े ऑटोमोबाइल क्षेत्र क
े शुरुआती क
ै रियि
में बहुत से लोग उनकी काि को दुननया की सबसे बदसुित काि बोलकि अपनी अपनी िाय हदए
े। पिन्तु हेनिी फोडि क
े सबसे उत्कृ ष्ट गुर्ों में से एक है - उनका ननर्ियों पि जल्दी औि
ननर्चचत रूप से पहुिंचना औि िीिे-िीिे उन्हें बदलने की उनकी आदत। िीमान फोडि क
े हठी होने
की प्रनतष्ठा ी। उन्होंने अपने काम की नयी योजना बनाकि उस पि काम ककया औि पूिी
दुननया में अपना व्यवसाय फ
ै लाया। आज हेनिी फोडि को पूिी दुननया में कौन नहीिं जानता ?
उनकी ननर्िय लेने की क्षमता औि उस पि काम किने की लगन उनको इस ननर्िय में पहचान
हदलाई है।
8. दृढ़ता/हठ/लगन (Persistence) -
8. दृढ़ता का साििर् शब्दो में मतलब होता है अपने काम क
े प्रनत लगन िखना औि उस काम को
बबना लगाताि किते िहना।
दृढ़ता शब्द क
े पीछे ज्यादा बड़ा अ ि नहीिं नछपा हुआ है पिन्तु यह सफल होने क
े ललए उतना ही
जरुिी है र्जतना प्यास बुझाने क
े ललए पानी की आवचयकता का होना।
आज तक ककसी भी क्षेत्र में सफल हुए लोगो में सबसे कॉमन कािर् यही है कक उनको अपने
काम क
े प्रनत लगन ी। इच्छा क
े उद्देचय को आगे बढ़ाने क
े ललए दृढ़ता/लगन को बनाये
िखना महत्वपूर्ि है।
यहााँ Author लगन को बनाये िखने क
े ललए चाि कदम बताते है र्जसमे पहला है- एक ननर्चचत
लक्ष्य का होना। दूसिा है- उस ननर्चचत लक्ष्य क
े पीछे एक ननर्चचत योजना बनाना औि उस पि
लगाताि काम किते िहना। तीसिा है - अपने मर्स्तष्क को हमेशा सकािात्मक ननदेश देते
िहना। औि चौ ा है - ऐसे व्यर्क्तयों क
े समूह में िहना जो आपको आपक
े लक्ष्य तक पहुिंचने में
आपकी मदद किते हो।
9.मास्टिमाइिंड की शर्क्त (The Power Of MasterMind) -
यहााँ मास्टिमाइिंड शर्क्त का मतलब है कक कोई भी बड़े कायि में सफलता प्राप्त किने क
े ललए
एक से अथिक हदमाग को कायि किना पड़ेगा यानन अक
े ला व्यर्क्त काम न किक
े एक टीम क
े
सा काम किना।
Author बताते है कक पैसा कमाने क
े ललए शर्क्त आवचयक है औि पैसा जमा कि लेने क
े बाद
इसको बनाये िखने क
े ललए भी शर्क्त आवचयक है। दोस्तों शुरुआत में अक
े ला आदमी अपने
ललए खुद ही काम किता है, लेककन एक समय क
े बाद जब उसका काम बढ़ जाता है औि वह
अपने काम को औि ज्यादा ऊपि ले जाना चाहता है तो कफि उसको एक टीम की जरुित पड़ती
है। जब वह टीम बनाकि काम किने लग जाता है तो अपने बड़े लक्ष्यों तक पहुिंच जाता है।
इसललए बड़े लक्ष्य हालसल किने क
े ललए Team Work किना बहुत महत्वपूर्ि है।
10. सेक्स क
े रूपािंतिर् (Transformation Of Sex)-
सेक्स ऊजाि का रूपािंतिर् को हम सिल शब्दों में कह सकते है , एक तत्व या ऊजाि क
े एक रूप
का दूसिे रूप में परिवतिन या रूपािंतिर् होना।
9. यहााँ Author द्वािा बताया गया है कक सेक्स की भावना अपने पीछे तीन िचनात्मक योग्यता
की सिंभावनाएिं िखती है।
1. मानवजानत का स् ायीकिर्
2. स्वास्थ्य का िख-िखाव
3. सेक्स ऊजाि का सही रूपािंतिर् एक व्यर्क्त को महान एविं जीननयस बना सकता है।
सेक्स की इच्छा मानव जीवन क
े ललए सबसे शर्क्तशाली इच्छा होती है। बहुत से लोग इस
कामवासना क
े कािर् अपने आप को जीवन क
े सही िास्तों से भटका लेते है औि अपने आप को
ननचा थगिा देते है।औि अपने जीवन को जोखखम में दाल लेते है। अगि कोई व्यर्क्त इसी सेक्स
की ऊजाि का सही उपयोग किता है तो वह व्यर्क्त अपने जीवन में जीननयस व्यर्क्त बन
सकता है।
यहााँ नेपोललयन हहल एक उदहािर् क
े माध्यम से बताते है कक एक नदी पि बािंि बनाया जा
सकता है औि इसक
े पानी को एक समय क
े ललए िोका जा सकता है लेककन अिंत में यह पानी
ननकलने क
े ललए मजबूि हो जायेगा औि अपना िास्ता बनाने की सोचेगा। ऐसे ही सेक्स की
भावना का भी सच है कामवासना को भी एक समय तक बािंिा जा सकता है। पिन्तु अगि इस
भावना को िचनात्मक प्रयास में परिवनतित नहीिं ककया जाता है तो कफि यह ननकास का अन्य
तिीका खोज लेता है।
इसललए सेक्स की भावना को िचनात्मक कायों में लगाना चाहहए अगि आप ऐसा किते है तो
आप असिंभव कामों को भी सिंभव बना सकते है। पिन्तु इसका गलत इस्तेमाल किने वाला
व्यर्क्त अपने जीवन में कभी सफल नहीिं हो पता है। आप सेक्स की ऊजाि को योग ववथि द्वािा
िचनात्मक प्रयासों में बदल सकते है।
11. अवचेतन मन (Subconcious Mind)-
हमािा अवचेतन मन वह क्षेत्र है र्जसमे चेतन मर्स्तस्क क
े द्वािा पािंच इर्न्ियों में से ककसी क
े
भी माध्यम से जो ववचाि पहुिंचाया जाता है उसे ग्रहर् कि ललया जाता है। बाद में जब उस
ववचाि को याद ककया जात्ता है तो उसे वापस ननकाला जा सकता है।
10. अवचेतन मर्स्तष्क इिंसान क
े सीलमत मर्स्तष्क औि अनिंत ज्ञान क
े बीच को जोड़ने वाली कड़ी
है। हमािा अवचेतन मन सही गलत फ
ै सला नहीिं किता है इसको जैसा सुझाव/ववचाि हदया
जाता है वह उसको उसी रूप में ग्रहर् कि लेता है।
यहााँ Author ने क
ु छ सकािात्मक औि नकािात्मक भावनाये बताई है -
7 सकािात्मक भावनाएिं -
1. इच्छा (Desire) 2. आस् ा (Faith) 3. प्याि (Love) 4. सेक्स/वासना (Sex)
5. उत्साह (Enthusiasm) 6. िोमािंस (Romance) 7. आशा (Hope)
सभी सकािात्मक भावनाओिं पि ववजय प्राप्त किने वाला व्यर्क्त महान औि सफल बन सकता
है।
7 नकािात्मक भावनाएिं -
1. डि (Fear) 2. ईष्याि (Jealousy) 3. घृर्ा (Hate) 4. बदला (Revenge)
5. लालच (Greed) 6. अन्िववचवास (Blind Faith) 7. िोि (Anger)
नकािात्मक भावनाये इिंसान को सफल होने में बािाए डालती है। तो कोलशश किें कक इन
नकािात्मक भावनाओिं से दूि िहे।
12. मर्स्तष्क (The Brain) -
मर्स्तष्क हमािे शिीि का सबसे महत्वपूर्ि भाग होता है। हमािे मर्स्तष्क में 2 तिीक
े क
े
लसस्टम होते है र्जनमे पहला है- प्रसािर् (Broadcast), औि दूसिा है- प्रार्प्त क
ें ि (Receiving
System)। मनुष्य का मर्स्तष्क एक ऐसा मर्स्तष्क होता है जो अन्य हदमागों से छोड़े गए
ववचाि क
े कम्पन को पकड़ने में सक्षम है।
हमािे मर्स्तष्क की शर्क्त एक अमूति शर्क्त है र्जसे देखा औि स्पशि नहीिं ककया जा सकता
पिन्तु यह बहुत शर्क्तशाली होती है। मानव मर्स्तष्क का मध्य र्स्वचबोडि मर्स्तष्क की
कोलशकाओिं को एक दूसिे क
े सा जोड़ने वाली िेखाओिं की सिंख्या एक क
े बाद पन्िह किोड़
शून्य लगाने से प्राप्त होने वाली सिंख्या क
े बिाबि होती है।इसललए अपने हदमाग को हमेशा
फ्र
े श एविं अपडेट िखे।
13. छठी इर्न्िय (Sixth Sense) -
11. छठी इर्न्िय को बुद्थिमानी क
े मिंहदि का दिवा ा भी कहा गया है। छठी इर्न्िय मर्स्तष्क का
वह भाग होता है र्जसे िचनात्मक कल्पना में सिंदलभित ककया जाता है। अब तक क
े हदए गए 12
लसद्िािंतो को अपनाकि ही आप तेिहवें लसद्िािंत यानन छठी इर्न्िय का प्रयोग कि सकते है।
छठी इर्न्िय क
े माध्यम से हमािे हदमाग में नये-नये ववचाि औि योजनाए कौंिती है, जो कक
हमें सफलता क
े नए िास्तों पि ले जाती है।
आप इन तेिह लसद्िािंतो को अपने जीवन में उतािकि एक बेहति औि सफल जीवन पा सकते
है, औि ववत्तीय दृर्ष्ट एविं मानलसक दृर्ष्ट से बेहति बन सकते है। यही थ िंक & ग्रो रिच बुक का
उद्देचय है।