A beautiful Presentation On Krishna janmashtami which is to be celebrated on 5 September . Great For Any Seminar Children Function Or To Be Shown IN Schools .Hope you
Like it !
Made By Danish Joshi
2. मानव जीवन सबसे सुंदर और सवोतम होता
है. मानव जीवन की खुिशयो का कु छ ऐसा
जलवा है िक भगवान भी इस खुशी को
महसूस करने समय-समय पर धरती पर आते
है. शासो के अनुसार भगवान िवषणु ने भी
समय-समय पर मानव रप लेकर इस धरती के
सुखो को भोगा है. भगवान िवषणु का ही एक
रप कृ षण जी का भी है िजनहे लीलाधर और
लीलाओ का देवता माना जाता है
3. कृ षण को लोग रास रिसया, लीलाधर, देवकी
नंदन, िगिरधर जैसे हजारो नाम से जानते है.
कृ षण भगवान दारा बताई गई गीता को िहदू
धमर के सबसे बड़े गंथ और पथ पदशरक के रप मे
माना जाता है. कृ षण जनमाषमी कृ षण जी के ही
जनमिदवस के रप मे पिसद है
4. मानयता है िक दापर युग के अंितम चरण मे भादपद
माह के कृ षणपक की अषमी ितिथ को मधयराित
मे शीकृ षण का जनम हआ था. इसी कारण शासो मे
भादपद कृ षण अषमी के िदन अदरराित मे शीकृ षण-
जनमाषमी मनाने का उललेख िमलता है. पुराणो मे इस
िदन वत रखने को बेहद अहम बताया गया है. इस
साल जनमाषमी 5 िसतंबर को है
5. कृ षण जनमकथा
शीकृ षण का जनम भादपद कृ षण अषमी की
मधयराित को रोिहणी नकत मे देवकी व
शीवसुदेव के पुत रप मे हआ था. कं स ने अपनी
मृतयु के भय से अपनी बहन देवकी और वसुदेव को
कारागार मे कै द िकया हआ था. कृ षण जी जनम के
समय घनघोर वषार हो रही थी. चारो तरफ घना
अंधकार छाया हआ था. भगवान के िनदेशानुसार
कु षण जी को रात मे ही मथुरा के कारागार से
गोकु ल मे नंद बाबा के घर ले जाया गया.
6.
7. जनमाषमी मे हांडी फोड़
शीकृ षण जी का जनम मात एक पूजा अचरना का िवषय नही
बिलक एक उतसव के रप मे मनाया जाता है. इस उतसव मे
भगवान के शीिवगह पर कपूर, हलदी, दही, घी, तेल, के सर
तथा जल आिद चढ़ाने के बाद लोग बडे हषोललास के साथ
इन वसतुओ का परसपर िवलेपन और सेवन करते है. कई
सथानो पर हांडी मे दूध-दही भरकर, उसे काफी ऊं चाई पर
टांगा जाता है. युवको की टोिलयां उसे फोडकर इनाम लूटने
की होड़ मे बहत बढ-चढकर इस उतसव मे भाग लेती है.
वसतुत: शीकृ षण जनमाषमी का वत के वल उपवास का िदवस
नही, बिलक यह िदन महोतसव के साथ जुड़कर वतोतसव बन
जाता है.