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Akbar History in Hindi | अकबर का पूरा इ￸तहास
 1hour ago Tanishsai 51
Akbar-History-in-Hindi-अकबर-का-पूरा-इ￸तहास
जलाल-उ ीन-मुह मद अकबर (Jalal-ud-din-
Muhammad Akbar)
पूरा नाम – Abul-fath Jalal-ud-din
Muhammad Akbar (अबुल-फ़त जलाल-
उद-दीन मुह मद अकबर)
ज म – 5अ टूबर 1542, उमरकोट
मृ यु– 27अ टूबर 1605, फ़तेहपुर ■सकरी
प नी – मरयम-उज़-जमानी
सलीमा सु तान बेगम
माता-िपता – हमीदा बानु बेगम, हुमायूँ
औलाद – हसन िमज़ा
हुसैन िमज़ा
जहाँगीर
खानुम सु तान बेगम
मुराद िमज़ा
दािनयाल िमज़ा
शकर-उन-िनसा बेगम
आराम बानू बेगम
श स-उन-िन सा बेगम
मािह बेगम
सा ा य – Mughal Empire(मुग़ल स तनत)
शासन –  11 February 1556 – 27 October
1605
क गाह – ■सक
ं दरा, आगरा, उ र देश
TS HISTORICAL
Akbar The Great : जलालु ीन मोह मद अकबर मुग़ल स तनत क
े तीसरे सु तान थे उ ह मुगल
िह टी का सबसे महान राजा माना जाता है। भारत देश म मुगल स तनत क बुिनयाद भले ही अकबर
क
े दादा यानी जही ीन बाबर ने रखी थी लेिकन मुग़ल स तनत क न व को मजबूत करने वाले
इंसान का नाम जलालु ीन मुह मद अकबर है। अकबर ने अपनी बहादुरी और हो￱शयार से मुग़ल
स तनत को आधे से यादा हदु तान पर फ
ै ला िदया था और अपने मरने से पहले इस कािबल बना
िदया था िक उसक आने वाली न ल ने िह दू तान पर बहुत ल बे समय तक राज िकया था। अकबर
अपने दौर मे अपनी स तनत क
े लया देवता बन गया था। लोग उस क
े दरबार म आकर म ते मांगा
करते थे और उसक
े सामने सर झुकाया करते थे। यहां तक िक वो अपनी स तनत म रहने वाले लोग
क नजर म इतना बाइ त और क मती हो चुका था िक उसने अपना ही एक अलग धम बना िदया था
और इन तमाम चीज क वजह से ही उसका नाम हमेशा हमेशा क
े लए (Akbar The Great)
अकबर-द- ेट पड़ गया था।
अकबर का जीवन प रचय: अकबर का पूरा नाम Abul-fath Jalal-ud-din Muhammad
Akbar(अबुल-फ़त जलाल-उद-दीन मुह मद अकबर) था। अकबर का ज म 15 अ टूबर 1542 को
उमरकोट क
े इलाक
े म उस व हुआ था जब अकबर क
े वा लद नसी ीन हुमायूँ शेरशाह सूरी क
े हाथ
अपनी िद ी स तनत गवाहने क
े बाद जंगल म भटक रहे थे य िक हुमायूँ उस दौर म जंगल म भटका
करते थे। इसी वजह से अकबर क परव रश अकबर क
े चाचा कामरान िमजा ने क थी जो िक काबुल
इलाक
े क
े गवनर हुआ करते थे अकबर क
े बारे म यादातर इ￸तहासकार यह मानते ह िक बचपन से ही
अकबर बहुत ज़हीन और तेज़ थे लेिकन उनको पढ़ने लखने का जरा भी शौक नह था पढाई- लखाई
से वह हमेशा ही दूर भागा करते थे लेिकन हो￱शयार इतने थे क उ ह ने 10 साल क छोटी सी उ से
भी पहले ही तलवारबाजी, िनजाबाजी, घुड़सवारी जैसी चीज बहुत अ छी तरह से सीख ली थी छोटी
सी उ म ही वह अपने से बड़े बड़े उ क
े लोग को क
ु ती म चैलज िकया करता था और हैरानी क बात
तो यह है िक बड़े-बड़े लोग को भी अकबर इतनी कम उ म हरा िदया करता था आ खरकार 1555
ई० म हुमायूँ ने सूरी खानदान से अपनी िद ी स तनत को दोबारा से छीन लया था ■जस व हुमायूँ ने
अपनी िद ी स तनत को दोबारा हा■सल िकया उस व अकबर क उ ■सफ 13 साल थी 1 साल
बाद ही हुमायूं क अपनी लाइ ेरी क सीिढ़य से िगरकर मौत हो गई।
■जस व त हुमायूँ क मौत हुई उस व अकबर क उ
■सफ 14 साल थी हुमायूँ क मौत क
े बाद मुग़ल दरबार म
रहने वाले लोग को यह डर सताने लगा था क कही मुग़ल
स तनत म बगावत न हो जाये और ये डर सच सािबत हुआ।
धीरे-धीरे जगह-जगह से बगावत उठना शु हो गई। हुमायूँ
का एक बहुत वफादार दो त था ■जसका नाम बैरम खान
था ■जसने व त को भांपते हुए एक सही फ
ै सला लया और
हुमायूँ क
े ■सफ 14 साल क
े बेटे अकबर को (11
february 1556)ई० को सु तान घोिषत कर िदया।भले
ही अकबर को खतरे को देखते हुए सु तान घोिषत कर
िदया गया था लेिकन अकबर अभी ना समझ था इसी वजह
से सु तान भले ही अकबर बन चुका था लेिकन पूरी
स तनत को बैरम खान ही चलाया करता था और
स तनत का हर हुक
ु म बैरम खान ही जारी िकया करता था लेिकन बगावत क
े ■जस खतरे को देखते हुए
बैरम खान ने एक छोटी सी उ क
े अकबर को सु तान बना िदया था वो खतरा अकबर क
े सु तान बनने
क
े बाद भी नह टला।
Second battle of panipat | पानीपत का दूसरा यु
Battles Empires History MughalEmpire tomb TS HISTORICAL
Bairam Khan
Hemu
PaniPat Second Battle : सूरी स तनत क ■जसे चंद िदन पहले ही हुमायूँ ने अपनी स तनत को
वापस छीना था उसी स तनत क
े एक हदू ■सपाह-सालार ■जसका नाम हेमू था उसने बगावत कर दी
और वो अपनी पूरी फौज लेकर िद ी क तरफ रवाना हुआ और दूसरी तरफ बैरम खान को जब इस
बात क खबर हुई िक वो अपनी बड़ी फौज लेकर हमारी स तनत क तरफ रवाना हो गया है तो वह भी
अपनी फौज लेकर िद ी से रवाना हो गया दोन का आमना-सामना पानीपत क
े इ￸तहा■सक मैदान म
हुआ और बहुत जबरद त जुंग हुई, शु म तो ऐसा महसूस होने लगा था िक हेमू क फौज मुग़ल फौज
को बड़ी आसानी से ही हरा देगी लेिकन पर अचानक से मुगलो क तरफ से चलाया हुआ एक तीर
डायरे ट हेमू क
े ■ज म पर जाकर लगा ■जसक वजह से हेमू क मौत हो गई। हेमू क
े ■सपािहय को जब
इस बात क खबर हुई क
े हेमू क मौत हो चुक है तो उ ह ने पीठ िदखाकर भागना शु कर िदया और
इसतरह से बैरम खान क ■सपहसालार म मुगल स तनत क फौज को जीत हा■सल हुई।कहा जाता है
िक ■जसतीर से हेमु क मौत हुई थी वह तीर अकबर ने ही चलाया था।
Bairam Khan क मौत क
ै से हुई
1556 से लेकर 1560 तक यानी तकरीबन 4 साल तक अकबर भले ही शहंशाह क ग ी पर बैठा रहा लेिकन पूरी
संतलत को बैरम खान ह चलाता रहा लेिकन जब धीरे-धीरे अकबर क उ 17-18 वष क हुई और अकबर समझदार
हुआ तो अकबर को ये महसूस होने लगा िक बैरम खान मुझे गलत तरीक
े से क
ं टोल करने क को￱शश कर रहा है य िक
बैरम खान ऐसे बहुत सारे फ
ै सले खुद जारी कर िदया करता था ■जसपर अकबर राजी नह हुआकरता था और जािहर है
िक अबअकबर समझदार हो चुका था इस लए वह भी चुपबैठने वाला नह था।बैरम खान क तरफ से पानी सर से ऊपर
जा चुका है और इस लए अकबर ने बैरम खान को चुका था लेिकन वो बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था और
बैरम खान को बाबा कहकर बुलाता था। अकबर ने जब बे म खान को वज़ीर-ए-आज़म क पद से हटा िदया और बैरम
खान को बहुत सारा मालो-दौलत देकर यह मशवरा िदया िक आप हज करने चले जाएं य िक भले ही अकबर ■सयासी
मामले म बैरम खान से मुखा लफ हो चुका था लेिकन वो बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था और बैरम खान को
बाबा कहकर बुलाता था। अकबर ने जब बे म खान को वज़ीर-ए-आज़म क
े ओहदे से हटा िदया था तो यह बात बे म
खान को बहुत बुरी लगी वह सोचता था िक अकबर अभी भी नादान है इसी वजह से उसने यह फ
ै सला लया है और िफर
बे म खान ने अकबर क
े खलाफ बगावत कर दी लेिकन य िक अकबर अब बहुत समझदार और हो￱शयार हो चुका था तो उसने चंद ल ह म ही बैरम खान को
￱शक त दे दी। अकबर क
े ■सपाही बैरम खान को पकड़कर उनक
े सामने ले आये और अकबर बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था तो इसी लए अकबर ने
दोबारा बगावत करने क
े बावजूद भी बैरम खान क
े खलाफ कोई भी हुक
ु म जारी नह िकया।ब क उनको इ त क
े साथ िबठाकर दोबारा मशवरा िदया और कहा
िक मेहरबानी करक
े हज करने चले जाएं इस बार बैरम खान हज करने क
े लए रवाना हो गए लेिकन कहा जाता है िक 31 जनवरी 1561 को गुजरात क
े रा ते से
जाते हुए मुबारक खान लोहानी क लीडर￱शप म अफगान क
े एक ुप ने अनिहलवाड़ पाटन क
े पास बैरम खान पर हमला कर िदया अफ़ग़ािनओक
े हमला करने
क
े पीछे क वजह ये बताई जाती है क उनक
े िपता 1555 म माछीवाड़ा क लड़ाई म मुगल से लड़ते हुए मारे गए थे। और इस लए अफगानो ने बैरम खान क
ह या करक
े अपना इ तेक़ाम लया था।
Din-i Ilahi | दीन-ए इलाही
अकबर ■जतना बहादुर था उससे कह यादा हो￱शयार था और यही वजह थी िक
वह अपने दु मन को मैदान म हराने क बजाय उसे िदमागी तौर पर हराने को यादा
तरजी िदया करता था उसने हदु तान क यादातर इलाक
े अपनी ताकत क
े ज रए
से ही जीत लए थे ■जन इलाक क
े बारे म उसे ये महसूस होता था िक वह उनको
ताकत क
े तरीक
े से नह जीत सकता है उन तमाम इलाक को उसने ■सयासत क
े
ज रए से जीत लया था उसने राजपूत क एक बेटी जोधाबाई से शादी कर ली थी।
■जसक वजह से महाराणा तापक
े अलावा हदु तान क
े तमाम राजपूत ने अकबर
क बादशाहत को कबूल कर लया था अकबर ने अपने महल म गैर मु लम को
बहुत बड़े बड़े पद दे रखे थे उसक स तनत क
े दौर म उसक
े महल म बड़ी बड़ी पो ट
पर हदू लोग बैठे हुए थे यहां तक िक अकबर िक वह टीम ■जसे नवर न क
े नाम से
जाना जाता है यानी ■जसम 9 वजीर थे उनम भी तकरीबन 3 लोग हदू थे ■जनम से
एक का नाम बीरबल एक का नाम मान↓सह और एक का नाम राजा टोडरमल था
कहा जाता है िक अकबर कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले अपने टीम क
े इ ह 9
लोग से मशवरा लया करता था और वो लोग भी हमेशा ही अकबर क
े साथ जुड़े
रहते थे।
बैरम खान क मौत क
े बाद जबअकबर स तनत चलाने क
े लए पूरी तरह से आजाद हुआतो अकबर ने अपने नवर न म से एक वजीर ■जसका नाम अबुल फजल
था उससे मशवरा कर क
े एक नए िदन क थापना क ■जसका नाम Din-i Ilahi | दीन-ए इलाही था। अकबर का यह मानना था िक हर मजहब म कोई न कोई
अ छी बात ज र है तो इसी लए य ना हर मजहब क क
ु छ क
ु छ अ छी बात को िनकाल कर एक नया मजहब तैयार िकया ■जसक
े ज रए तमाम मजहबी झगड़े
भी ख म हो जाएंगे अकबर ने इसी सोच को म ेनजर रखते हुए िदन-ए-इलाही नाम क
े ने एक नये मजहबको तैयार िकया इसमजहबम इ लाम क
े साथ-साथ और
दूसरे मजहबक बहुत सारी चीज को भी शािमल िकया गया था ■जसे अकबर अ छा मानता था अकबर क
े इसमजहबको सबसे पहले बीरबल और अबू फज़ल ने
ही क
ु बूल िकया था लेिकन अकबर क
े इस मजहब को हदु तान म रहने वाले लोग ने पसंद नह िकया था अकबर क
े दौर मे हदू धम से तालुक रखने वाले लोग
अकबर को बहुत यादा अ छा मानने लगे थे बहुत से लोग अकबर क पूजा िकया करते थे और अकबर क
े दरबार क
े बाहर लोग म त मांगने आया करते थे
य िक अकबर का यह नज रया था िक हर मजहब म अ छाई और बुराई दोन चीज होती ह इसी लए वो ईसाइयो क
े साथ भी पूजा िकया करता था और हदुओं
क
े साथ भी पूजा िकया करता था और मुसलमान क
े साथ म जद म नमाज भी अदा िकया करता था।
Battle of Haldighati | ह दीघाटी का यु
Haldighati ka yudh: महाराणा ताप क
े अलावा हदु तान क
े तमाम राजपूत ने अकबर क बहादुरी और हो￱शयारी देखते हुए अकबर क बादशाहत को
क
ु बूल कर लया था लेिकन महाराणा ताप एक ऐसे राजा थे जो आ खर तक अकबर को बादशाह मानने क
े लए तैयार नह थे भले ही महाराणा ताप अकबर
क
े खलाफ कामयाबनह हो पाए लेिकन वह अपनी आ खरी ↓जदगी तक अकबर क
े खलाफ लड़ते रहे ■जससे यक नन उनक बहादुरी सािबत होती है।
आज बहुत से लोग ह दीघाटी क
े यु को हदू vs मु लम क
े तौर पर देखते ह
लेिकन स ाई इसक
े िबलक
ु ल उलट है आपको जानकर शायद थोड़ी हैरानी होगी
िक ■जसव महाराणा तापक मुगल से जंग हुई थी उसव फौज म अकबर खुद
मौजूद नह थे अकबर क फौज को उस व अकबर क 9 खास वज़ीरो म से एक
वज़ीर ■जसका नाम मान↓सह था वह लीड कर रहा था जो एक हदू था इससे से यह
बात तो ि यर हो जाती है िक इस जंग म दोन फौ■जय क
े कमांडर हदू ही थे ■जससे
हदू vs मु लम का तो सवाल ही पैदा ही नह होता और दूसरी हैरानी क बात यह है
िक जहां एक तरफ मुग़लो क फौज मे बहुत सारे हदू मौजूद थे जो महाराणा ताप
क
े खलाफ लड़ रहे थे तो वह दूसरी तरफ महाराणा ताप क फौज म भी बहुत से
मु लम मौजूद थे ब क महाराणा ताप क फौज म तो हक म खान सूर जैसे बड़े-
बड़े मु लम सरदार भी मौजूद थे जो इसबात को सािबत करते ह िक यह लड़ाई हदू
vs मु लम क नह थी लेिकन अगर बात क जाए इसलड़ाई क
े नतीजे क
े बारे म तो ये लड़ाई मान↓सह यानी मुग़ल फ़ौज़ ने जीत ली थी और महाराणा ताप क
इसजंग म हार हुई थी और इसहार क
े साथ ही मुग़लो क
े रा ते क सबसे बड़ी कावट यानी महाराणा तापभी हट चुका था।
Akbarnama | अकबरनामा
अकबरनामा, या द बुक ऑफ अकबर, अकबर क
े शासनकाल का इ￸तहास है, तीसरा मुगल स ाट,■जसे खुद अकबर ने
बनवाया था और इसे दरबारी इ￸तहासकार और जीवनी लेखक अबुल-फजल इ न मुबारक ने लखा था। अकबरनामा
का पहला श द अकबर क
े ज म, तैमूर क पा रवा रक इ￸तहास ,बाबर और हुमायूँ क
े शासनकाल और िद ी क
े सूरी
सु तान क
े बारे म है। दूसरा खंड 1602 क
े बाद से अकबर क
े शासनकाल क
े साथ-साथ उसक
े पूरे शासनकाल म हुई
घटनाओं क
े बारे मे बताता है।
Death of Akbar | अकबर क मौत क
ै से हुई | Tomb of Akbar
मुगल स ाट अकबर क मृ यु27अ टूबर, 1605को हुई थी।महान मुगल बादशाह अकबर क उनक
े 63व ज मिदन क
े दसिदन बाद उनक राजधानी आगरा म
पे￸चश से मृ युहो गई थी।अकबर को ■सक
ं दरा (आगरा)क
े मकबरे म दफनाया गया था।
Tags: akbar, akbar birbal, akbar history, akbar history in hindi, akbar ka jeevan parichya, akbar ki death kaisa hui, akbar spouse, akbar the great, akbar v,
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  • 1. TS HISTORICAL LET'S KNOW THE HISTORY Home About Categories Blogs Site Map Privacy Policy DMCA Contact us  Akbar History in Hindi | अकबर का पूरा इ￸तहास  1hour ago Tanishsai 51 Akbar-History-in-Hindi-अकबर-का-पूरा-इ￸तहास जलाल-उ ीन-मुह मद अकबर (Jalal-ud-din- Muhammad Akbar) पूरा नाम – Abul-fath Jalal-ud-din Muhammad Akbar (अबुल-फ़त जलाल- उद-दीन मुह मद अकबर) ज म – 5अ टूबर 1542, उमरकोट मृ यु– 27अ टूबर 1605, फ़तेहपुर ■सकरी प नी – मरयम-उज़-जमानी सलीमा सु तान बेगम माता-िपता – हमीदा बानु बेगम, हुमायूँ औलाद – हसन िमज़ा हुसैन िमज़ा जहाँगीर खानुम सु तान बेगम मुराद िमज़ा दािनयाल िमज़ा शकर-उन-िनसा बेगम आराम बानू बेगम श स-उन-िन सा बेगम मािह बेगम सा ा य – Mughal Empire(मुग़ल स तनत) शासन –  11 February 1556 – 27 October 1605 क गाह – ■सक ं दरा, आगरा, उ र देश TS HISTORICAL Akbar The Great : जलालु ीन मोह मद अकबर मुग़ल स तनत क े तीसरे सु तान थे उ ह मुगल िह टी का सबसे महान राजा माना जाता है। भारत देश म मुगल स तनत क बुिनयाद भले ही अकबर क े दादा यानी जही ीन बाबर ने रखी थी लेिकन मुग़ल स तनत क न व को मजबूत करने वाले इंसान का नाम जलालु ीन मुह मद अकबर है। अकबर ने अपनी बहादुरी और हो￱शयार से मुग़ल स तनत को आधे से यादा हदु तान पर फ ै ला िदया था और अपने मरने से पहले इस कािबल बना िदया था िक उसक आने वाली न ल ने िह दू तान पर बहुत ल बे समय तक राज िकया था। अकबर अपने दौर मे अपनी स तनत क े लया देवता बन गया था। लोग उस क े दरबार म आकर म ते मांगा करते थे और उसक े सामने सर झुकाया करते थे। यहां तक िक वो अपनी स तनत म रहने वाले लोग क नजर म इतना बाइ त और क मती हो चुका था िक उसने अपना ही एक अलग धम बना िदया था और इन तमाम चीज क वजह से ही उसका नाम हमेशा हमेशा क े लए (Akbar The Great) अकबर-द- ेट पड़ गया था। अकबर का जीवन प रचय: अकबर का पूरा नाम Abul-fath Jalal-ud-din Muhammad Akbar(अबुल-फ़त जलाल-उद-दीन मुह मद अकबर) था। अकबर का ज म 15 अ टूबर 1542 को उमरकोट क े इलाक े म उस व हुआ था जब अकबर क े वा लद नसी ीन हुमायूँ शेरशाह सूरी क े हाथ अपनी िद ी स तनत गवाहने क े बाद जंगल म भटक रहे थे य िक हुमायूँ उस दौर म जंगल म भटका करते थे। इसी वजह से अकबर क परव रश अकबर क े चाचा कामरान िमजा ने क थी जो िक काबुल इलाक े क े गवनर हुआ करते थे अकबर क े बारे म यादातर इ￸तहासकार यह मानते ह िक बचपन से ही अकबर बहुत ज़हीन और तेज़ थे लेिकन उनको पढ़ने लखने का जरा भी शौक नह था पढाई- लखाई से वह हमेशा ही दूर भागा करते थे लेिकन हो￱शयार इतने थे क उ ह ने 10 साल क छोटी सी उ से भी पहले ही तलवारबाजी, िनजाबाजी, घुड़सवारी जैसी चीज बहुत अ छी तरह से सीख ली थी छोटी सी उ म ही वह अपने से बड़े बड़े उ क े लोग को क ु ती म चैलज िकया करता था और हैरानी क बात तो यह है िक बड़े-बड़े लोग को भी अकबर इतनी कम उ म हरा िदया करता था आ खरकार 1555 ई० म हुमायूँ ने सूरी खानदान से अपनी िद ी स तनत को दोबारा से छीन लया था ■जस व हुमायूँ ने अपनी िद ी स तनत को दोबारा हा■सल िकया उस व अकबर क उ ■सफ 13 साल थी 1 साल बाद ही हुमायूं क अपनी लाइ ेरी क सीिढ़य से िगरकर मौत हो गई। ■जस व त हुमायूँ क मौत हुई उस व अकबर क उ ■सफ 14 साल थी हुमायूँ क मौत क े बाद मुग़ल दरबार म रहने वाले लोग को यह डर सताने लगा था क कही मुग़ल स तनत म बगावत न हो जाये और ये डर सच सािबत हुआ। धीरे-धीरे जगह-जगह से बगावत उठना शु हो गई। हुमायूँ का एक बहुत वफादार दो त था ■जसका नाम बैरम खान था ■जसने व त को भांपते हुए एक सही फ ै सला लया और हुमायूँ क े ■सफ 14 साल क े बेटे अकबर को (11 february 1556)ई० को सु तान घोिषत कर िदया।भले ही अकबर को खतरे को देखते हुए सु तान घोिषत कर िदया गया था लेिकन अकबर अभी ना समझ था इसी वजह से सु तान भले ही अकबर बन चुका था लेिकन पूरी स तनत को बैरम खान ही चलाया करता था और स तनत का हर हुक ु म बैरम खान ही जारी िकया करता था लेिकन बगावत क े ■जस खतरे को देखते हुए बैरम खान ने एक छोटी सी उ क े अकबर को सु तान बना िदया था वो खतरा अकबर क े सु तान बनने क े बाद भी नह टला। Second battle of panipat | पानीपत का दूसरा यु Battles Empires History MughalEmpire tomb TS HISTORICAL
  • 2. Bairam Khan Hemu PaniPat Second Battle : सूरी स तनत क ■जसे चंद िदन पहले ही हुमायूँ ने अपनी स तनत को वापस छीना था उसी स तनत क े एक हदू ■सपाह-सालार ■जसका नाम हेमू था उसने बगावत कर दी और वो अपनी पूरी फौज लेकर िद ी क तरफ रवाना हुआ और दूसरी तरफ बैरम खान को जब इस बात क खबर हुई िक वो अपनी बड़ी फौज लेकर हमारी स तनत क तरफ रवाना हो गया है तो वह भी अपनी फौज लेकर िद ी से रवाना हो गया दोन का आमना-सामना पानीपत क े इ￸तहा■सक मैदान म हुआ और बहुत जबरद त जुंग हुई, शु म तो ऐसा महसूस होने लगा था िक हेमू क फौज मुग़ल फौज को बड़ी आसानी से ही हरा देगी लेिकन पर अचानक से मुगलो क तरफ से चलाया हुआ एक तीर डायरे ट हेमू क े ■ज म पर जाकर लगा ■जसक वजह से हेमू क मौत हो गई। हेमू क े ■सपािहय को जब इस बात क खबर हुई क े हेमू क मौत हो चुक है तो उ ह ने पीठ िदखाकर भागना शु कर िदया और इसतरह से बैरम खान क ■सपहसालार म मुगल स तनत क फौज को जीत हा■सल हुई।कहा जाता है िक ■जसतीर से हेमु क मौत हुई थी वह तीर अकबर ने ही चलाया था। Bairam Khan क मौत क ै से हुई 1556 से लेकर 1560 तक यानी तकरीबन 4 साल तक अकबर भले ही शहंशाह क ग ी पर बैठा रहा लेिकन पूरी संतलत को बैरम खान ह चलाता रहा लेिकन जब धीरे-धीरे अकबर क उ 17-18 वष क हुई और अकबर समझदार हुआ तो अकबर को ये महसूस होने लगा िक बैरम खान मुझे गलत तरीक े से क ं टोल करने क को￱शश कर रहा है य िक बैरम खान ऐसे बहुत सारे फ ै सले खुद जारी कर िदया करता था ■जसपर अकबर राजी नह हुआकरता था और जािहर है िक अबअकबर समझदार हो चुका था इस लए वह भी चुपबैठने वाला नह था।बैरम खान क तरफ से पानी सर से ऊपर जा चुका है और इस लए अकबर ने बैरम खान को चुका था लेिकन वो बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था और बैरम खान को बाबा कहकर बुलाता था। अकबर ने जब बे म खान को वज़ीर-ए-आज़म क पद से हटा िदया और बैरम खान को बहुत सारा मालो-दौलत देकर यह मशवरा िदया िक आप हज करने चले जाएं य िक भले ही अकबर ■सयासी मामले म बैरम खान से मुखा लफ हो चुका था लेिकन वो बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था और बैरम खान को बाबा कहकर बुलाता था। अकबर ने जब बे म खान को वज़ीर-ए-आज़म क े ओहदे से हटा िदया था तो यह बात बे म खान को बहुत बुरी लगी वह सोचता था िक अकबर अभी भी नादान है इसी वजह से उसने यह फ ै सला लया है और िफर बे म खान ने अकबर क े खलाफ बगावत कर दी लेिकन य िक अकबर अब बहुत समझदार और हो￱शयार हो चुका था तो उसने चंद ल ह म ही बैरम खान को ￱शक त दे दी। अकबर क े ■सपाही बैरम खान को पकड़कर उनक े सामने ले आये और अकबर बैरम खान क बहुत इ त िकया करता था तो इसी लए अकबर ने दोबारा बगावत करने क े बावजूद भी बैरम खान क े खलाफ कोई भी हुक ु म जारी नह िकया।ब क उनको इ त क े साथ िबठाकर दोबारा मशवरा िदया और कहा िक मेहरबानी करक े हज करने चले जाएं इस बार बैरम खान हज करने क े लए रवाना हो गए लेिकन कहा जाता है िक 31 जनवरी 1561 को गुजरात क े रा ते से जाते हुए मुबारक खान लोहानी क लीडर￱शप म अफगान क े एक ुप ने अनिहलवाड़ पाटन क े पास बैरम खान पर हमला कर िदया अफ़ग़ािनओक े हमला करने क े पीछे क वजह ये बताई जाती है क उनक े िपता 1555 म माछीवाड़ा क लड़ाई म मुगल से लड़ते हुए मारे गए थे। और इस लए अफगानो ने बैरम खान क ह या करक े अपना इ तेक़ाम लया था। Din-i Ilahi | दीन-ए इलाही अकबर ■जतना बहादुर था उससे कह यादा हो￱शयार था और यही वजह थी िक वह अपने दु मन को मैदान म हराने क बजाय उसे िदमागी तौर पर हराने को यादा तरजी िदया करता था उसने हदु तान क यादातर इलाक े अपनी ताकत क े ज रए से ही जीत लए थे ■जन इलाक क े बारे म उसे ये महसूस होता था िक वह उनको ताकत क े तरीक े से नह जीत सकता है उन तमाम इलाक को उसने ■सयासत क े ज रए से जीत लया था उसने राजपूत क एक बेटी जोधाबाई से शादी कर ली थी। ■जसक वजह से महाराणा तापक े अलावा हदु तान क े तमाम राजपूत ने अकबर क बादशाहत को कबूल कर लया था अकबर ने अपने महल म गैर मु लम को बहुत बड़े बड़े पद दे रखे थे उसक स तनत क े दौर म उसक े महल म बड़ी बड़ी पो ट पर हदू लोग बैठे हुए थे यहां तक िक अकबर िक वह टीम ■जसे नवर न क े नाम से जाना जाता है यानी ■जसम 9 वजीर थे उनम भी तकरीबन 3 लोग हदू थे ■जनम से एक का नाम बीरबल एक का नाम मान↓सह और एक का नाम राजा टोडरमल था कहा जाता है िक अकबर कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले अपने टीम क े इ ह 9 लोग से मशवरा लया करता था और वो लोग भी हमेशा ही अकबर क े साथ जुड़े रहते थे।
  • 3. बैरम खान क मौत क े बाद जबअकबर स तनत चलाने क े लए पूरी तरह से आजाद हुआतो अकबर ने अपने नवर न म से एक वजीर ■जसका नाम अबुल फजल था उससे मशवरा कर क े एक नए िदन क थापना क ■जसका नाम Din-i Ilahi | दीन-ए इलाही था। अकबर का यह मानना था िक हर मजहब म कोई न कोई अ छी बात ज र है तो इसी लए य ना हर मजहब क क ु छ क ु छ अ छी बात को िनकाल कर एक नया मजहब तैयार िकया ■जसक े ज रए तमाम मजहबी झगड़े भी ख म हो जाएंगे अकबर ने इसी सोच को म ेनजर रखते हुए िदन-ए-इलाही नाम क े ने एक नये मजहबको तैयार िकया इसमजहबम इ लाम क े साथ-साथ और दूसरे मजहबक बहुत सारी चीज को भी शािमल िकया गया था ■जसे अकबर अ छा मानता था अकबर क े इसमजहबको सबसे पहले बीरबल और अबू फज़ल ने ही क ु बूल िकया था लेिकन अकबर क े इस मजहब को हदु तान म रहने वाले लोग ने पसंद नह िकया था अकबर क े दौर मे हदू धम से तालुक रखने वाले लोग अकबर को बहुत यादा अ छा मानने लगे थे बहुत से लोग अकबर क पूजा िकया करते थे और अकबर क े दरबार क े बाहर लोग म त मांगने आया करते थे य िक अकबर का यह नज रया था िक हर मजहब म अ छाई और बुराई दोन चीज होती ह इसी लए वो ईसाइयो क े साथ भी पूजा िकया करता था और हदुओं क े साथ भी पूजा िकया करता था और मुसलमान क े साथ म जद म नमाज भी अदा िकया करता था। Battle of Haldighati | ह दीघाटी का यु Haldighati ka yudh: महाराणा ताप क े अलावा हदु तान क े तमाम राजपूत ने अकबर क बहादुरी और हो￱शयारी देखते हुए अकबर क बादशाहत को क ु बूल कर लया था लेिकन महाराणा ताप एक ऐसे राजा थे जो आ खर तक अकबर को बादशाह मानने क े लए तैयार नह थे भले ही महाराणा ताप अकबर क े खलाफ कामयाबनह हो पाए लेिकन वह अपनी आ खरी ↓जदगी तक अकबर क े खलाफ लड़ते रहे ■जससे यक नन उनक बहादुरी सािबत होती है। आज बहुत से लोग ह दीघाटी क े यु को हदू vs मु लम क े तौर पर देखते ह लेिकन स ाई इसक े िबलक ु ल उलट है आपको जानकर शायद थोड़ी हैरानी होगी िक ■जसव महाराणा तापक मुगल से जंग हुई थी उसव फौज म अकबर खुद मौजूद नह थे अकबर क फौज को उस व अकबर क 9 खास वज़ीरो म से एक वज़ीर ■जसका नाम मान↓सह था वह लीड कर रहा था जो एक हदू था इससे से यह बात तो ि यर हो जाती है िक इस जंग म दोन फौ■जय क े कमांडर हदू ही थे ■जससे हदू vs मु लम का तो सवाल ही पैदा ही नह होता और दूसरी हैरानी क बात यह है िक जहां एक तरफ मुग़लो क फौज मे बहुत सारे हदू मौजूद थे जो महाराणा ताप क े खलाफ लड़ रहे थे तो वह दूसरी तरफ महाराणा ताप क फौज म भी बहुत से मु लम मौजूद थे ब क महाराणा ताप क फौज म तो हक म खान सूर जैसे बड़े- बड़े मु लम सरदार भी मौजूद थे जो इसबात को सािबत करते ह िक यह लड़ाई हदू vs मु लम क नह थी लेिकन अगर बात क जाए इसलड़ाई क े नतीजे क े बारे म तो ये लड़ाई मान↓सह यानी मुग़ल फ़ौज़ ने जीत ली थी और महाराणा ताप क इसजंग म हार हुई थी और इसहार क े साथ ही मुग़लो क े रा ते क सबसे बड़ी कावट यानी महाराणा तापभी हट चुका था। Akbarnama | अकबरनामा अकबरनामा, या द बुक ऑफ अकबर, अकबर क े शासनकाल का इ￸तहास है, तीसरा मुगल स ाट,■जसे खुद अकबर ने बनवाया था और इसे दरबारी इ￸तहासकार और जीवनी लेखक अबुल-फजल इ न मुबारक ने लखा था। अकबरनामा का पहला श द अकबर क े ज म, तैमूर क पा रवा रक इ￸तहास ,बाबर और हुमायूँ क े शासनकाल और िद ी क े सूरी सु तान क े बारे म है। दूसरा खंड 1602 क े बाद से अकबर क े शासनकाल क े साथ-साथ उसक े पूरे शासनकाल म हुई घटनाओं क े बारे मे बताता है। Death of Akbar | अकबर क मौत क ै से हुई | Tomb of Akbar मुगल स ाट अकबर क मृ यु27अ टूबर, 1605को हुई थी।महान मुगल बादशाह अकबर क उनक े 63व ज मिदन क े दसिदन बाद उनक राजधानी आगरा म पे￸चश से मृ युहो गई थी।अकबर को ■सक ं दरा (आगरा)क े मकबरे म दफनाया गया था। Tags: akbar, akbar birbal, akbar history, akbar history in hindi, akbar ka jeevan parichya, akbar ki death kaisa hui, akbar spouse, akbar the great, akbar v, akbar's tomb, akbarnama, bairam khan, battle of haldighati, death of akbar, din-i llahi, father of akbar, halighati ka yudh, hemu vs akbar, history of akbar, humayun, jodha akbar, jodha bai, maharana pratap, mughal empire, panipat ka dusra yudh, second battle of panipat, the great akbar, tomb of akbar Battle of Haldighati Previous
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