Hindi Varnamala| Hindi Varnamala Letter
Hindi Varnamala: हिंदी व्याकरण में स्वर और व्यंजन को वर्णमाला क
े सभी अक्षरों से अलग किया
गया है।
स्वर: ए, आ, ई, ई, यू, ऊ, री, ए, एई, ओ, औ
अनुसार- एक विसर्ग: ए:
क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़)
च, छ, ज, झ, ञ (ज़, झ़)
ट, ठ, ड, ढ, ण (ड़, ढ़)
त, थ, द, ध, न
प, फ, ब, भ, म (फ़)
य, र, ल, व
श, ष, स, ह
संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
Hindi Alphabet Chart | Alphabet in Hindi
स्वर: वे स्वर हैं जो श्वास का उच्चारण करते समय बिना रुक
े गले, तालू और मुंह क
े अन्य हिस्सों से
निकलते हैं। व्यंजन: अक्षरों का उच्चारण करते समय जब श्वास क
ं ठ, तालु या मुख क
े अन्य भागों से
बाहर निकलती है तो उसे ‘व्यंजन’ कहते हैं।
प्राय: व्यंजन का उच्चारण स्वरों की सहायता से किया जाता है। हिंदी व्याकरण में स्वर और व्यंजन को
वर्णमाला क
े सभी अक्षरों से अलग किया गया है।
वर्णमाला क
े किसी वर्ग क
े पांचवें व्यंजन को पंचमक्षरा कहते हैं। उदाहरण क
े लिए, ‘, ‘ज्ञान’, ‘न’, ‘न’, ‘म’,
आदि। आधुनिक हिंदी में पंचमाक्षरों का प्रयोग काफी कम हो गया है, जबकि बिंदी (ं) का प्रयोग बढ़ गया
है।
विशेष: वाक्य सबसे महत्वपूर्ण भाषाई इकाई है। एक इकाई खंड एक वाक्य से छोटा होता है, एक इकाई
वाक्यांश एक वाक्य से छोटा होता है, एक इकाई एक वाक्यांश से छोटा होता है, एक अक्षर एक वाक्यांश
से छोटा होता है, और एक ध्वनि एक अक्षर से छोटी होती है।
जैसे :- पुन: = इसमें दो अक्षर हैं – पु , नः । लेकिन इसमें वर्ण ५ हैं = उ, प्, अ, न्, ह् ।
Varnamala in Hindi
Hindi Varnamala: ध्वनि हिन्दी भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इस ध्वनि को वर्ण नाम दिया गया है।
वर्णमाला पत्र व्यवस्था का एक संग्रह है। उच्चारण क
े आधार पर हिंदी में 52 अक्षर हैं। इस शब्द में 11
स्वर और 41 व्यंजन हैं। लेखन क
े आधार पर 56 अक्षर हैं, जिनमें 11 स्वर, 41 व्यंजन और 4 मिश्रित
व्यंजन हैं।
वर्णमाला को दो भागों में बांटा गया है: 1. स्वर और 2. व्यंजन।
1. स्वर क्या है? स्वर वे अक्षर हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप से बोला जा सकता है।
व्यंजन एक ध्वनि है जो एक अक्षर से शुरू होती है और एक अक्षर से समाप्त होती है। व्यंजन वे अक्षर
होते हैं जिनका उच्चारण बिना स्वरों क
े किया जाता है। प्रत्येक व्यंजन क
े उच्चारण में एक स्वर होता है।
अक्षर ‘अ’ क
े बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं किया जा सकता है। वर्णमाला में 45 व्यंजन होते हैं।
क वर्ग : क , ख , ग , घ , ङ (क़, ख़, ग़)
च वर्ग: च , छ , ज , झ , ञ (ज़)
ट वर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़,ढ़ )
त वर्ग: त , थ , द , ध , न
प वर्ग: प , फ, ब , भ, म (फ़)
अंतस्थ: य , र , ल , व
उष्म : श, श़, ष, स , ह
संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
Hindi VarnamalaLetter
Hindi Varnamala: इस वर्णमाला को लिखने क
े लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता है।
देवनागरी लिपि का प्रयोग संस्कृ त, मराठी, कोंकणी, नेपाली और मैथिली भाषाओं को लिखने क
े लिए
किया जाता है। हिन्दी वर्णमाला में ॠ , ऌ , ॡ , ळ का प्रयोग नहीं किया जाता है।
यह एक चित्रलिपि-आधारित चीनी शब्द है जिसका अर्थ है “पुस्तक” या “लेखन।” यह एक अक्षर नहीं है
और इसकी कोई आवाज नहीं है; जापान में, इसे “काक
ू ” कहा जाता है, जबकि चीन में इसका उच्चारण
“काक
ू ” होता है। “शू” बोली जाती है।
एक वर्णमाला मानक प्रतीकों का एक समूह है जिसका उपयोग एकल या एकाधिक भाषाओं को लिखने क
े
लिए किया जाता है।उदाहरण क
े लिए देवनागरी की वर्णमाला में अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः क
ख ग घ ङ। च छ ज झ ञ। ट ठ ड ढ ण। त थ द ध न। प फ ब भ म। य र ल व। श ष स ह को ‘देवनागरी
वर्णमाला’ कहते हैं और a b c d … z को रोमन वर्णमाला (रोमन ऐल्फ़बेट) कहते हैं।
वर्णमाला इस विचार पर आधारित है कि अक्षर भाषण में पाए जाने वाले मूल ध्वनियों (स्वनिम या
ध्वनि) का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये ध्वनियाँ उन अक्षरों क
े वर्तमान या ऐतिहासिक उच्चारण पर
आधारित हैं। वर्णमाला क
े अलावा, विभिन्न लेखन प्रणालियाँ हैं जैसे कि लॉगोग्राफी, शब्दांश, आदि।
लिपि में प्रत्येक शब्दांश संपूर्ण शब्द, एक रूपिम, या एक अर्थ इकाई का प्रतिनिधित्व करता है। शब्दांश
में, प्रत्येक लिपि चिह्न एक अक्षर (अक्षर (वर्ण) क
े बजाय) को इंगित करता है।
यह एक चित्रलिपि-आधारित चीनी शब्द है जिसका अर्थ है “पुस्तक”
या “लेखन।” यह एक अक्षर नहीं है और इसकी कोई आवाज नहीं है; जापान (Japan) में, इसे “काक
ू ” कहा
जाता है, जबकि चीन में इसे “शू” कहा जाता है।
मूल ध्वनि, जिसे खंडित या खंडित नहीं किया जा सकता, वर्ण कहलाती है।जैसे- अ, ई, व, च, क, ख्
इत्यादि।
वर्ण सबसे छोटी भाषाई इकाई है, और इसे आगे और उप-विभाजित नहीं किया जा सकता है। वर्णमाला –
एक वर्णमाला अक्षरों का एक संग्रह है।
अन्य दृष्टिकोण अभिव्यक्तियों (जैसे चीनी वाक्यांशों में) या प्रतीकों क
े साथ अक्षरों को इंगित करते हैं।
इसी तरह, प्राचीन मिस्र की भाषा एक वर्णमाला क
े बिना एक चित्रलिपि लेखन थी, जिसमें प्रत्येक प्रतीक
एक शब्द या धारणा का प्रतिनिधित्व करता था।
Hindi Varnamala क
े प्रकार | Types of Hindi
Varnamala
Hindi Varnamala: प्रत्येक वर्णमाला में दो प्रकार क
े अक्षर होते हैं: स्वर अक्षर और व्यंजन अक्षर।
व्यंजन क
े साथ ध्वनियों क
े अलग-अलग तरीकों क
े आधार पर वर्णों को तीन वर्गों में वर्गीकृ त किया गया
है।
● रूढ़ी वर्णमाला: ग्रीक वर्णमाला एक साधारण या ‘सत्य’ वर्णमाला का उपयोग करती है, जिसमें
स्वरों को अलग-अलग अक्षरों द्वारा दर्शाया जाता है, जैसा कि ‘पेमिर'(πεμιρ) शब्द में लिखा
गया है “(जिसमें और क
े स्वर स्पष्ट रूप से जोड़े जाने हैं)।
● अबुगिडा: अबुगिडा में मात्रा प्रतीकों का उपयोग करक
े स्वरों को व्यंजन में जोड़ा जाता है, इसी
तरह देवनागरी में। उदाहरण क
े लिए, ‘पेमिर’ को ‘पामीर’ क
े रूप में नहीं लिखा जाता है, लेकिन
हम इसे ‘पी’ जोड़कर और ‘पे’ और ‘म’ क
े साथ चिह्नित करक
े इसे ‘मि’ बना सकते हैं। अंग्रेजी में,
इन मात्रा चिह्नों को ‘डायक्रिटिक’ क
े रूप में जाना जाता है।
● अबजद (abjad): जैसे फोनीशियन वर्णमाला में, जहां व्यंजन वाले स्वरों में कोई अक्षर या मात्रा
संक
े त नहीं होते हैं और पाठक को यह निर्धारित करना होगा कि संदर्भ क
े आधार पर कौन से स्वरों
का उपयोग करना है। हालाँकि अरबी-फ़ारसी वर्णमाला में राशि चिन्हों का एक समूह होता है,
लेकिन वे हमेशा लिखे नहीं जाते हैं, जिसक
े परिणामस्वरूप ऐसी लिपियाँ होती हैं जो उपयोग में
abjads जैसी होती हैं। ‘‫بنتی‬‎
’ को ‘अनुरोध’ और ‘बुनाई’ क
े रूप में भी पढ़ा जा सकता है क्योंकि
प्रारंभिक ‘‫ب‬‎
’ (‘b’) व्यंजन में स्वर चिह्न नहीं होता है।
Hindi Varnamala अन्य भाषाओं में
अंग्रेजी में ‘वर्णमाला‘(Varnamala) शब्द का अर्थ ‘ऐल्फाबेट‘ (Alphabet) होता है। इसे अरबी, फ़ारसी,
क
ु र्द और अन्य मध्य पूर्वी भाषाओं में ‘अलिफ़-बे’ या बस ‘अलिफ़-बे’ क
े रूप में जाना जाता है (जो
अरबी-फ़ारसी लिपि क
े पहले दो अक्षरों का नाम है)।

Hindi Varnamala

  • 1.
    Hindi Varnamala| HindiVarnamala Letter Hindi Varnamala: हिंदी व्याकरण में स्वर और व्यंजन को वर्णमाला क े सभी अक्षरों से अलग किया गया है। स्वर: ए, आ, ई, ई, यू, ऊ, री, ए, एई, ओ, औ अनुसार- एक विसर्ग: ए: क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़) च, छ, ज, झ, ञ (ज़, झ़) ट, ठ, ड, ढ, ण (ड़, ढ़) त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म (फ़) य, र, ल, व श, ष, स, ह संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र Hindi Alphabet Chart | Alphabet in Hindi स्वर: वे स्वर हैं जो श्वास का उच्चारण करते समय बिना रुक े गले, तालू और मुंह क े अन्य हिस्सों से निकलते हैं। व्यंजन: अक्षरों का उच्चारण करते समय जब श्वास क ं ठ, तालु या मुख क े अन्य भागों से बाहर निकलती है तो उसे ‘व्यंजन’ कहते हैं।
  • 2.
    प्राय: व्यंजन काउच्चारण स्वरों की सहायता से किया जाता है। हिंदी व्याकरण में स्वर और व्यंजन को वर्णमाला क े सभी अक्षरों से अलग किया गया है। वर्णमाला क े किसी वर्ग क े पांचवें व्यंजन को पंचमक्षरा कहते हैं। उदाहरण क े लिए, ‘, ‘ज्ञान’, ‘न’, ‘न’, ‘म’, आदि। आधुनिक हिंदी में पंचमाक्षरों का प्रयोग काफी कम हो गया है, जबकि बिंदी (ं) का प्रयोग बढ़ गया है। विशेष: वाक्य सबसे महत्वपूर्ण भाषाई इकाई है। एक इकाई खंड एक वाक्य से छोटा होता है, एक इकाई वाक्यांश एक वाक्य से छोटा होता है, एक इकाई एक वाक्यांश से छोटा होता है, एक अक्षर एक वाक्यांश से छोटा होता है, और एक ध्वनि एक अक्षर से छोटी होती है। जैसे :- पुन: = इसमें दो अक्षर हैं – पु , नः । लेकिन इसमें वर्ण ५ हैं = उ, प्, अ, न्, ह् । Varnamala in Hindi Hindi Varnamala: ध्वनि हिन्दी भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इस ध्वनि को वर्ण नाम दिया गया है। वर्णमाला पत्र व्यवस्था का एक संग्रह है। उच्चारण क े आधार पर हिंदी में 52 अक्षर हैं। इस शब्द में 11 स्वर और 41 व्यंजन हैं। लेखन क े आधार पर 56 अक्षर हैं, जिनमें 11 स्वर, 41 व्यंजन और 4 मिश्रित व्यंजन हैं। वर्णमाला को दो भागों में बांटा गया है: 1. स्वर और 2. व्यंजन। 1. स्वर क्या है? स्वर वे अक्षर हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप से बोला जा सकता है। व्यंजन एक ध्वनि है जो एक अक्षर से शुरू होती है और एक अक्षर से समाप्त होती है। व्यंजन वे अक्षर होते हैं जिनका उच्चारण बिना स्वरों क े किया जाता है। प्रत्येक व्यंजन क े उच्चारण में एक स्वर होता है। अक्षर ‘अ’ क े बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं किया जा सकता है। वर्णमाला में 45 व्यंजन होते हैं। क वर्ग : क , ख , ग , घ , ङ (क़, ख़, ग़) च वर्ग: च , छ , ज , झ , ञ (ज़) ट वर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़,ढ़ ) त वर्ग: त , थ , द , ध , न प वर्ग: प , फ, ब , भ, म (फ़) अंतस्थ: य , र , ल , व उष्म : श, श़, ष, स , ह संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र Hindi VarnamalaLetter Hindi Varnamala: इस वर्णमाला को लिखने क े लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता है। देवनागरी लिपि का प्रयोग संस्कृ त, मराठी, कोंकणी, नेपाली और मैथिली भाषाओं को लिखने क े लिए किया जाता है। हिन्दी वर्णमाला में ॠ , ऌ , ॡ , ळ का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • 3.
    यह एक चित्रलिपि-आधारितचीनी शब्द है जिसका अर्थ है “पुस्तक” या “लेखन।” यह एक अक्षर नहीं है और इसकी कोई आवाज नहीं है; जापान में, इसे “काक ू ” कहा जाता है, जबकि चीन में इसका उच्चारण “काक ू ” होता है। “शू” बोली जाती है। एक वर्णमाला मानक प्रतीकों का एक समूह है जिसका उपयोग एकल या एकाधिक भाषाओं को लिखने क े लिए किया जाता है।उदाहरण क े लिए देवनागरी की वर्णमाला में अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ ङ। च छ ज झ ञ। ट ठ ड ढ ण। त थ द ध न। प फ ब भ म। य र ल व। श ष स ह को ‘देवनागरी वर्णमाला’ कहते हैं और a b c d … z को रोमन वर्णमाला (रोमन ऐल्फ़बेट) कहते हैं। वर्णमाला इस विचार पर आधारित है कि अक्षर भाषण में पाए जाने वाले मूल ध्वनियों (स्वनिम या ध्वनि) का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये ध्वनियाँ उन अक्षरों क े वर्तमान या ऐतिहासिक उच्चारण पर आधारित हैं। वर्णमाला क े अलावा, विभिन्न लेखन प्रणालियाँ हैं जैसे कि लॉगोग्राफी, शब्दांश, आदि। लिपि में प्रत्येक शब्दांश संपूर्ण शब्द, एक रूपिम, या एक अर्थ इकाई का प्रतिनिधित्व करता है। शब्दांश में, प्रत्येक लिपि चिह्न एक अक्षर (अक्षर (वर्ण) क े बजाय) को इंगित करता है। यह एक चित्रलिपि-आधारित चीनी शब्द है जिसका अर्थ है “पुस्तक” या “लेखन।” यह एक अक्षर नहीं है और इसकी कोई आवाज नहीं है; जापान (Japan) में, इसे “काक ू ” कहा जाता है, जबकि चीन में इसे “शू” कहा जाता है। मूल ध्वनि, जिसे खंडित या खंडित नहीं किया जा सकता, वर्ण कहलाती है।जैसे- अ, ई, व, च, क, ख् इत्यादि। वर्ण सबसे छोटी भाषाई इकाई है, और इसे आगे और उप-विभाजित नहीं किया जा सकता है। वर्णमाला – एक वर्णमाला अक्षरों का एक संग्रह है। अन्य दृष्टिकोण अभिव्यक्तियों (जैसे चीनी वाक्यांशों में) या प्रतीकों क े साथ अक्षरों को इंगित करते हैं। इसी तरह, प्राचीन मिस्र की भाषा एक वर्णमाला क े बिना एक चित्रलिपि लेखन थी, जिसमें प्रत्येक प्रतीक एक शब्द या धारणा का प्रतिनिधित्व करता था।
  • 4.
    Hindi Varnamala क ेप्रकार | Types of Hindi Varnamala Hindi Varnamala: प्रत्येक वर्णमाला में दो प्रकार क े अक्षर होते हैं: स्वर अक्षर और व्यंजन अक्षर। व्यंजन क े साथ ध्वनियों क े अलग-अलग तरीकों क े आधार पर वर्णों को तीन वर्गों में वर्गीकृ त किया गया है। ● रूढ़ी वर्णमाला: ग्रीक वर्णमाला एक साधारण या ‘सत्य’ वर्णमाला का उपयोग करती है, जिसमें स्वरों को अलग-अलग अक्षरों द्वारा दर्शाया जाता है, जैसा कि ‘पेमिर'(πεμιρ) शब्द में लिखा गया है “(जिसमें और क े स्वर स्पष्ट रूप से जोड़े जाने हैं)। ● अबुगिडा: अबुगिडा में मात्रा प्रतीकों का उपयोग करक े स्वरों को व्यंजन में जोड़ा जाता है, इसी तरह देवनागरी में। उदाहरण क े लिए, ‘पेमिर’ को ‘पामीर’ क े रूप में नहीं लिखा जाता है, लेकिन हम इसे ‘पी’ जोड़कर और ‘पे’ और ‘म’ क े साथ चिह्नित करक े इसे ‘मि’ बना सकते हैं। अंग्रेजी में, इन मात्रा चिह्नों को ‘डायक्रिटिक’ क े रूप में जाना जाता है। ● अबजद (abjad): जैसे फोनीशियन वर्णमाला में, जहां व्यंजन वाले स्वरों में कोई अक्षर या मात्रा संक े त नहीं होते हैं और पाठक को यह निर्धारित करना होगा कि संदर्भ क े आधार पर कौन से स्वरों का उपयोग करना है। हालाँकि अरबी-फ़ारसी वर्णमाला में राशि चिन्हों का एक समूह होता है, लेकिन वे हमेशा लिखे नहीं जाते हैं, जिसक े परिणामस्वरूप ऐसी लिपियाँ होती हैं जो उपयोग में abjads जैसी होती हैं। ‘‫بنتی‬‎ ’ को ‘अनुरोध’ और ‘बुनाई’ क े रूप में भी पढ़ा जा सकता है क्योंकि प्रारंभिक ‘‫ب‬‎ ’ (‘b’) व्यंजन में स्वर चिह्न नहीं होता है। Hindi Varnamala अन्य भाषाओं में अंग्रेजी में ‘वर्णमाला‘(Varnamala) शब्द का अर्थ ‘ऐल्फाबेट‘ (Alphabet) होता है। इसे अरबी, फ़ारसी, क ु र्द और अन्य मध्य पूर्वी भाषाओं में ‘अलिफ़-बे’ या बस ‘अलिफ़-बे’ क े रूप में जाना जाता है (जो अरबी-फ़ारसी लिपि क े पहले दो अक्षरों का नाम है)।