भारतीय मूल के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान चाकुओं से ताबतोड़ कई वार किए गया। हमला करने वाले शख्स की पहचान हादी मतार (Hadi Matar) के रूप में हुई है।
मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie)
कौन है ये सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ?
सलमान रुश्दी एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) से प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला। उनके अधिकांश प्रारंभिक उपन्यास भारतीय उप-महाद्वीप पर आधारित हैं।
उनकी शैली का वर्गीकरण अक्सर ऐतिहासिक कल्पना के साथ संयोजित जादुई यथार्थवाद के रूप में किया जाता है और उनकी कृतियों की प्रमुख विषय-वस्तु, पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के बीच कई रिश्तों के जुड़ने, अलग होने और देशांतरणों की कहानी रही है।
कहाँ के हैं सलमान रुश्दी(Salman Rushdie)?
19 जून 1947 को मुंबई भारत में पैदा होने वाले सलमान रुश्दी एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार से हैं। जन्म के कुछ सालों बाद ही रुश्दी का परिवार ब्रिटेन में रहने लगा। ऐसे में स्कूली पढ़ाई इंग्लैंड के फेमस रग्बी स्कूल से करने के बाद रुश्दी ने आगे की शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से की।
फिर 1968 में इतिहास में MA की डिग्री हासिल करने के बाद 1970 में उन्होंने लंदन में एक एडवरटाइजमेंट राइटर के तौर पर नौकरी शुरू कर दी। इसके बाद 1975 में रुश्दी ने ग्राइमस नाम से पहली किताब पब्लिश की।
सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का जीवन कैसा रहा ?
सलमान रुश्दी की लिखी हुई करीब 30 किताबें हैं, जिनमें फिक्शन, नॉन-फिक्शन उपन्यास और बच्चों पर लिखी गई किताबें भी शामिल हैं।
लेखक सलमान रुश्दी की 4 शादियां हो चुकी हैं। सलमान की पहली शादी 1976 में क्लेरिसा लुआर्ड से हुई थी। करीब 11 साल के बाद क्लेरिसा का यह रिश्ता टूट गया था। इसके बाद रुश्दी ने दूसरी शादी अमेरिकी उपन्यासकार मैरिएन विगिन्स से की थीं। 1993 में रुश्दी ने विगिन्स से तलाक ले लिया था।
इसके बाद 1997 में एलिजाबेथ नाम की महिला से सलमान रुश्दी ने शादी की थी। साल 2004 में रुश्दी ने चौथी शादी की। इस बार उन्होंने एक भारतीय मूल की अमेरिकी एक्ट्रेस और मॉडल पद्मालक्ष्मी से शादी की थी। हालांकि 2 जुलाई 2007 को रुश्दी ने पद्मा से भी तलाक ले लिया था।
एक्ट्रेस पद्मालक्ष्मी ने पूर्व पति (Salman Rushdie) पर लगाया था गंभीर आरोप
सलमान रुश्दी की चौथी पत्नी पद्मालक्ष्मी से शादी के तीन साल बाद ही तलाक हो गया था। लक्ष्मी उम्र में रुश्दी से 23 साल छोटी हैं। अपनी आत्मकथा में एक्ट्रेस पद्मालक्ष्मी ने लिखा है कि उनकी मुलाकात 1999 में न्यूयॉर्क में एक पार्टी के दौरान हुई थी।
तब रुश्दी 51 साल के और लक्ष्मी 28 साल की थीं। इसके बाद दोनों अक्सर एक-दूसरे से मिलने लगे। तीसरी पत्नी से रुश्दी के तलाक होने के बाद लक्ष्मी ने 2004 में रुश्दी से शादी करने का फैसला किया। शादी के 3 साल बाद ही दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। आखिर में लक्ष्मी ने अपने रिश्ते को खत्म करने का फैसला किया था।
पद्मालक्ष्मी ने अपनी किताब Love, Loss, and What We Ate में लिखा कि रुश्दी सेक्स के लिए पागल हैं। शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर रुश्दी अपनी पत्नी को ताना देते थे।
वजह क्या था सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को जान से मारने का ?
बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने के बाद विवादों में आ गए थे। 1988 में प्रकाशित इस पुस्तक को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
भारतीय मूल के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी Salman Rushdie पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला.pdf
1. भारतीय मूल क
े मशहूर लेखक सलमान रुश्दी
Salman Rushdie पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला
Spread the love
भारतीय मूल क
े मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर न्यूयॉर्क
में एक कार्यक्रम क
े दौरान चाक
ु ओं से ताबतोड़ कई वार किए गया। हमला करने
वाले शख्स की पहचान हादी मतार (Hadi Matar) क
े रूप में हुई है।
2. मशहूर लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie)
कौन है ये सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ?
सलमान रुश्दी एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उन्होंने अपने
दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) से प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसे 1981 में
बुकर पुरस्कार मिला। उनक
े अधिकांश प्रारंभिक उपन्यास भारतीय उप-महाद्वीप पर
आधारित हैं।
उनकी शैली का वर्गीकरण अक्सर ऐतिहासिक कल्पना क
े साथ संयोजित जादुई
यथार्थवाद क
े रूप में किया जाता है और उनकी कृ तियों की प्रमुख विषय-वस्तु, पूर्वी
और पश्चिमी दुनिया क
े बीच कई रिश्तों क
े जुड़ने, अलग होने और देशांतरणों की
कहानी रही है।
कहाँ क
े हैं सलमान रुश्दी(Salman Rushdie)?
19 जून 1947 को मुंबई भारत में पैदा होने वाले सलमान रुश्दी एक कश्मीरी
मुस्लिम परिवार से हैं। जन्म क
े क
ु छ सालों बाद ही रुश्दी का परिवार ब्रिटेन में
रहने लगा। ऐसे में स्क
ू ली पढ़ाई इंग्लैंड क
े फ
े मस रग्बी स्क
ू ल से करने क
े बाद
रुश्दी ने आगे की शिक्षा क
ै म्ब्रिज विश्वविद्यालय से की।
फिर 1968 में इतिहास में MA की डिग्री हासिल करने क
े बाद 1970 में उन्होंने
लंदन में एक एडवरटाइजमेंट राइटर क
े तौर पर नौकरी शुरू कर दी। इसक
े बाद
1975 में रुश्दी ने ग्राइमस नाम से पहली किताब पब्लिश की।
3. सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का जीवन क
ै सा रहा ?
सलमान रुश्दी की लिखी हुई करीब 30 किताबें हैं, जिनमें फिक्शन,
नॉन-फिक्शन उपन्यास और बच्चों पर लिखी गई किताबें भी शामिल हैं।
लेखक सलमान रुश्दी की 4 शादियां हो चुकी हैं। सलमान की पहली शादी 1976
में क्लेरिसा लुआर्ड से हुई थी। करीब 11 साल क
े बाद क्लेरिसा का यह रिश्ता टूट
गया था। इसक
े बाद रुश्दी ने दूसरी शादी अमेरिकी उपन्यासकार मैरिएन
विगिन्स से की थीं। 1993 में रुश्दी ने विगिन्स से तलाक ले लिया था।
इसक
े बाद 1997 में एलिजाबेथ नाम की महिला से सलमान रुश्दी ने शादी की
थी। साल 2004 में रुश्दी ने चौथी शादी की। इस बार उन्होंने एक भारतीय मूल
की अमेरिकी एक्ट्रेस और मॉडल पद्मालक्ष्मी से शादी की थी। हालांकि 2 जुलाई
2007 को रुश्दी ने पद्मा से भी तलाक ले लिया था।
एक्ट्रेस पद्मालक्ष्मी ने पूर्व पति (Salman Rushdie) पर लगाया था गंभीर आरोप
सलमान रुश्दी की चौथी पत्नी पद्मालक्ष्मी से शादी क
े तीन साल बाद ही तलाक
हो गया था। लक्ष्मी उम्र में रुश्दी से 23 साल छोटी हैं। अपनी आत्मकथा में
एक्ट्रेस पद्मालक्ष्मी ने लिखा है कि उनकी मुलाकात 1999 में न्यूयॉर्क में एक
पार्टी क
े दौरान हुई थी।
4. तब रुश्दी 51 साल क
े और लक्ष्मी 28 साल की थीं। इसक
े बाद दोनों अक्सर
एक-दूसरे से मिलने लगे। तीसरी पत्नी से रुश्दी क
े तलाक होने क
े बाद लक्ष्मी ने
2004 में रुश्दी से शादी करने का फ
ै सला किया। शादी क
े 3 साल बाद ही दोनों क
े
बीच झगड़ा होने लगा। आखिर में लक्ष्मी ने अपने रिश्ते को खत्म करने का
फ
ै सला किया था।
पद्मालक्ष्मी ने अपनी किताब Love, Loss, and What We Ate में लिखा कि
रुश्दी सेक्स क
े लिए पागल हैं। शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर रुश्दी
अपनी पत्नी को ताना देते थे।
वजह क्या था सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को जान से मारने
का ?
बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने क
े बाद विवादों
में आ गए थे। 1988 में प्रकाशित इस पुस्तक को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
1989 में ईरान क
े सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खोमैनी ने इसे इस्लाम
का अपमान बताकर उनक
े खिलाफ फतवा जारी किया था। भारत समेत कई
देशों में सलमान रुश्दी की यह किताब प्रतिबंधित है।
5. खोमैनी ने सलमान रुश्दी को मारने वाले क
े लिए 30 लाख डॉलर क
े इनाम का
ऐलान किया था। फतवा जारी होने क
े 33 साल बाद जानलेवा हमला हुआ।
यह भी पढ़ें-
39 साल की झूलन इंग्लैंड क
े खिलाफ खेलेंगी अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच | लॉर्ड्स पर खत्म करेंगी करियर
देशों की साख मापने वाली रेटिंग्स हमारे लिए इनक
े क्या मायने हैं ? सॉवरेन क्र
े डिट रेटिंग्स और आउटलुक होते क्या हैं?
सैटेनिक वर्सेज’ में सलमान रुश्दी ने ऐसा क्या लिखा था, जिसकी आग अब तक सुलग रही
है-
‘शुरुआत से ही आदमी ने गलत को सही ठहराने क
े लिए ईश्वर का इस्तेमाल
किया।’
ये बात लेखक सलमान रुश्दी ने अपनी किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ में 34 साल
पहले यानी 1988 में लिखी थी। इसी किताब की वजह से सलमान रुश्दी पर
पैगंबर की बेअदबी क
े आरोप लगे।
6. 1989 में ईरान की इस्लामिक क्रांति क
े नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी क
े
खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था। इस फतवे क
े जारी होने क
े 33 साल
बाद शुक्रवार को अमेरिका क
े न्यूयॉर्क शहर में सलमान रुश्दी पर जानलेवा
हमला हुआ है।
न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस क
े मुताबिक सुबह 11 बजे चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में
हमलावर तेजी से मंच पर दौड़ा और सलमान रुश्दी पर चाक
ू से हमला कर दिया।
चाक
ू सलमान रुश्दी क
े गर्दन पर लगा और वह मंच पर ही गिर पड़े। रुश्दी को
एयर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
इस हमले को 24 साल क
े युवक ने अंजाम दिया। रुश्दी पर हमला करने वाले
शख्स की पहचान हादी मतार (Hadi Matar) क
े रूप में हुई है। हमलावर ने
रुश्दी पर चाक
ू से ताबड़तोड़ कई वार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
7. ‘सैटेनिक वर्सेज’ किताब की वो कहानी जिसकी वजह से हुआ जानलेवा
हमला
‘सैटेनिक वर्सेज’ उपन्यास का हिंदी में अर्थ ‘शैतानी आयतें’ हैं। इस किताब क
े
नाम पर ही मुस्लिम धर्म क
े लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। रुश्दी ने अपनी इस
किताब में एक काल्पनिक किस्सा लिखा है।
किस्सा क
ु छ इस तरह है कि दो फिल्म कलाकार हवाई जहाज क
े जरिए मुंबई से
लंदन जा रहे हैं। इनमें एक फिल्मी दुनिया का सुपरस्टार जिबरील है और दूसरा
‘वॉयस ओवर आर्टिस्ट’ सलादीन है।
बीच रास्ते में इस प्लेन को कोई सिख आतंकी हाइजैक कर लेता है। इसक
े बाद
विमान अटलांटिक महासागर क
े ऊपर से गुजर रहा होता है, तभी पैसेंजर से
आतंकियों की बहस होने लगती है। गुस्से में आतंकवादी विमान क
े अंदर बम
विस्फोट कर देता है।
इस घटना में जिबरील और सलादीन दोनों समुद्र में गिरकर बच जाते हैं। इसक
े
बाद दोनों की जिंदगी बदल जाती है। फिर एक रोज एक धर्म विशेष क
े संस्थापक
क
े जीवन से जुड़े क
ु छ किस्से पागलपन की ओर जा रहे जिबरील क
े सपने में
आता है।
इसक
े बाद वह उस धर्म क
े इतिहास को एक बार फिर नई तरह से स्थापित करने
की सोचता है। इसक
े आगे रुश्दी ने अपने कहानी क
े किरदार जिबरील और
सलादीन क
े किस्से को क
ु छ इस अंदाज में लिखा है कि इसे ईशनिंदा माना गया।
8. किताब पर बैन और जान से मारने का फतवा
भारत पहला देश था जिसने इस उपन्यास को बैन किया। उस वक्त देश में
राजीव गांधी की सरकार थी। इसक
े बाद पाकिस्तान और कई अन्य इस्लामी
देशों ने इसे प्रतिबंधित कर दिया।
फरवरी 1989 में रुश्दी क
े खिलाफ मुंबई में मुसलमानों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन
किया। इस प्रदर्शन पर पुलिस की गोलीबारी में 12 लोग मारे गए और 40 से
अधिक घायल हो गए थे।
ईरान की इस्लामिक क्रांति क
े नेता अयातुल्ला खुमैनी ने उनक
े खिलाफ 1989
में मौत का फतवा जारी किया था। 3 अगस्त 1989 को ही सेंट्रल लंदन क
े एक
होटल पर RDX विस्फोट कर सलमान रुश्दी का मारने की कोशिश हुई, लेकिन
वह इस हमले में बाल-बाल बच गए।
बाद में मुजाहिद्दीन ऑफ इस्लाम ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। मानव
बम बने एक शख्स ने होटल क
े अंदर इस विस्फोट को अंजाम दिया था।
9. इसक
े बाद से सलमान रुश्दी छिपकर और पुलिस प्रोटेक्शन में जिंदगी जी रहे
थे। ईरानी सरकार ने सार्वजनिक तौर पर 10 साल बाद यानी 1998 में कहा कि
अब वो सलमान की मौत का समर्थन नहीं करते। हालांकि, फतवा अपनी जगह
पर कायम रहा।
2006 में हिजबुल्ला संगठन क
े प्रमुख ने कहा था कि सलमान रुश्दी ने जो
ईशनिंदा की है उसका बदला लेने क
े लिए करोड़ों मुस्लिम तैयार हैं। पैगंबर क
े
अनादर का बदला लेने क
े लिए क
ु छ भी करने को तैयार हैं।
2010 में आतंकी संगठन अलकायदा ने एक हिट लिस्ट जारी किया था। इसमें
इस्लाम धर्म क
े अपमान करने क
े आरोप में सलमान रुश्दी को भी जाने से मारने
की बात कही गई थी।
‘सैटेनिक वर्सेज’ विवाद में 59 लोगों की गई जान
सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर दुनिया भर क
े कई देशों में
हो रहे हिंसक विरोध में 59 लोगों मारे गए हैं। इन मृतकों की संख्या में इस
किताब क
े प्रकाशक और दूसरे भाषा में अनुवाद करने वाले लोग भी शामिल हैं।
जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी ने रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ की
अपने भाषा में अनुवाद किया था। इसक
े क
ु छ दिनों बाद ही उसकी बेरहमी से
हत्या कर दी गई थी। इसी तरह ‘सैटेनिक वर्सेज’ क
े इटैलियन अनुवादक और
नॉर्वे क
े प्रकाशक पर भी जानलेवा हमले किए जा चुक
े हैं।
10. क
ॅ रियर और प्रमुख साहित्यिक कृ तियां
आंशिक रूप से एक विज्ञान साहित्य कथा वाले उनक
े पहले उपन्यास ग्राइमस
(1975) को आम तौर पर जनता और साहित्यिक आलोचकों ने नज़रअंदाज
किया। पर उनक
े अगले उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) ने, उन्हें
साहित्यिक प्रसिद्धि प्रदान की।
इस कृ ति ने 1981 बुकर पुरस्कार जीता और 1993 और 2008 में इसे सर्वश्रेष्ठ
बुकर का पुरस्कार मिला, यहीं नहीं पुरस्कार क
े क्रमशः प्रथम 25 और 40 साल
में यह कृ ति बतौर सर्वश्रेष्ठ उपन्यास पुरस्कार जीता।
मिडनाइट्स चिल्ड्रन को कई पुरस्कार मिले और इसे रुश्दी क
े सबसे अच्छे,
सर्वाधिक प्रवाहमय और प्रेरणादायक कृ ति क
े रूप में उद्धृत किया गया है।
कहानी एक बच्चे क
े जीवन पर आधारित है, जो भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति क
े
साथ आधी रात को जन्म लेता है, जो विशेष शक्ति-संपन्न है और अन्य
भारतीय उप-महाद्वीप और आधुनिक राष्ट्र भारत क
े जन्म क
े इतिहास में एक
नए और अशांत युग क
े ऊषा काल में पैदा हुए बच्चों क
े साथ सम्बन्ध रखता है।
मिडनाइट्स चिल्ड्रन क
े बाद, रुश्दी ने शेम (1983) लिखा जिसमें उन्होंने पात्रों
को जुल्फ़िकार अली भुट्टो और जनरल मोहम्मद जिया उल हक पर आधारित
करते हुए पाकिस्तान की राजनीतिक अशांति को दर्शाया है।
शेम ने फ्रांस का Prix du Meilleur Livre Étranger (सर्वश्रेष्ठ विदेशी पुस्तक)
जीता और बुकर पुरस्कार क
े लिए द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
11. उत्तर औपनिवेशिक साहित्य की इन दोनों कृ तियों में जादुई यथार्थवाद और
आप्रवासी दृष्टिकोण की एक विशिष्ट शैली है, जिसक
े प्रति रुश्दी भारतीय मूल
क
े सदस्य क
े रूप में बहुत जागरूक रहे हैं।
रुश्दी ने निकारागुआ क
े बारे में 1980 क
े दशक में उपन्यास से इतर एक पुस्तक
लिखी, द जगुआर स्माइल (1987)। इस पुस्तक में एक राजनीतिक क
े न्द्र-बिंदु है
और सैंडीनिस्ता राजनीतिक प्रयोग क
े स्थलों पर यह उनक
े प्रथम अनुभवों और
शोध पर आधारित है।
जगुआर स्माइल को बढ़ावा देने क
े क्रम में सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय में एक
साक्षात्कार क
े दौरान उन्होंने इस बात की वकालत की कि छात्र वह ना लिखें, जो वे
लिखना चाहते हैं, लेकिन वह लिखें जिसे वे लिखे बग़ैर नहीं रह सक
ें । उन्होंने एक
अपूर्ण कृ ति का हवाला दिया, जो अगले वर्ष प्रकाशित हुई, एक ऐसी परियोजना,
जिसने उनक
े जीवन पर ऐसा प्रभाव डाला जिसकी उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी।
किताबें
● ग्राइमस (1975)
● मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981)
● शेम (1983)
● द जगुआर स्माइल: अ निकारागुआ जर्नी (1987)
● सैटेनिक वर्सेज (1988)
● हारून एंड द सी ऑफ़ स्टोरीज़ (1990)
● इमेजिनरी होमलैंड्स: एसेज़ एंड क्रिटिसिस्म 1981 – 1991 (1992)
● होमलेस बाई चाइस (1992, आर. झबवाला और वी.एस. नायपॉल क
े साथ)
● ईस्ट, वेस्ट (1994)
● द मूअर्स लास्ट साई (1995)
● द फायरबर्ड्स नेस्ट (1997)
● द ग्राउंड बिनीद हर फीट (1999)
12. ● द स्क्रीनप्ले ऑफ़ मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1999)
● फ्यूरी (2001)
● स्टेप अक्रॉस दिस लाइन: कलेक्टेड नान फिक्शन 1992 – 2002 (2002)
● शालीमार द क्लाउन (2005)
● द एन्चेन्ट्रेस ऑफ़ फ्लॉरेंस (2008)
● द बेस्ट अमेरिकन शॉर्ट स्टोरीज़ (2008, अतिथि संपादक क
े रूप में)
● “इन द साउथ” द न्यू यॉर्क र, 18 मई 2009
निबंध
● “अ फाइन पिकल” द गार्डियन फ़रवरी 28, 2009.
● “इमेजिन देअर इज़ नो हेवेन”, सिक्स बिलिअन्थ वर्ल्ड सिटिज़न को दिए पत्रों से
निकाले योगदान, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित उइटगेवरिज पोडीअम, एम्स्टर्डम
द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित. द गार्डियन 16 अक्टूबर 1999.
● “मोहनदास गांधी”. TIME, 13 अप्रैल 1998.
पुरस्कार
● एरिसटिओन पुरस्कार (यूरोपीय संघ)
● कला परिषद राइटर्स अवार्ड
● वर्ष का लेखक (ब्रिटिश बुक पुरस्कार)
● वर्ष का लेखक (जर्मनी)
● बुकर ऑफ़ बुकर्स या उपन्यास क
े लिए बुकर पुरस्कार विजेताओं क
े बीच सर्वश्रेष्ठ
उपन्यास, 1993 में प्राप्त
● बुकर का सर्वश्रेष्ठ बुकर पुरस्कार क
े 40 साल पूरे होने क
े उपलक्ष्य पर 2008 में
प्राप्त
● उपन्यास क
े लिए बुकर पुरस्कार
● Commandeur de l’Ordre des Arts et des Lettres (फ्रांस)
● इंग्लिश स्पीकिं ग यूनियन अवार्ड
● हच क्रॉसवर्ड फिक्शन प्राइज़ (भारत)
● इंडिया अब्रॉड लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड (USA)
13. ● जेम्स टैट ब्लैक मेमोरियल पुरस्कार (गल्प)
● कर्ट टुचोल्स्कि पुरस्कार (स्वीडन)
● मनटुआ पुरस्कार (इटली)
● जेम्स जॉइस पुरस्कार – यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन
● मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान मानद प्रोफ
े सरशिप
● चैपमैन विश्वविद्यालय मानद डॉक्टरेट – डॉक्टर ऑफ़ ह्यूमन लेटर्स
● सांस्कृ तिक मानवतावाद में आउटस्टैंडिंग लाइफटाइम अचीवमेंट (हार्वर्ड
विश्वविद्यालय)
● प्रेमियो ग़्रिन्ज़ेन क
े वोर (इटली)
● प्रिक्स कोलेट (स्विट्जरलैंड)
● Prix du Meilleur Livre Étranger
● सेंट लुइस साहित्य पुरस्कार – सेंट लुईस विश्वविद्यालय
● साहित्य क
े लिए स्टेट प्राइज़ (आस्ट्रिया)
● जनता क
े वोट द्वारा बुकर पुरस्कार विजेताओं में सर्वश्रेष्ठ, बुकर पुरस्कार की
40वीं सालगिरह की स्मृति में प्रदान किया गया।
● व्हाइटब्रेड उपन्यास पुरस्कार (दो बार)
● राइटर्स गिल्ड ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन पुरस्कार, बाल उपन्यास क
े लिए
यह भी पढ़ें-
राष्ट्रमंडल खेल 2022 भारतीय खिलाडियों ने बर्मिंघम में 61 पदक जीते।
मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की रविवार शाम साढ़े 5 बजे ह त्या कर दी गई।