12. साहहत्य अकादेमी के दहिण िेत्रीय कायाालय, बेंगलूरु में ददनाांक 18.09.2017 को हहन्दी सप्ताह की शुरुआत
की गई। इस अवसर पर िेत्रीय कायाालय में कायारत कमाचाररयों के हलए हवहिन्न प्रहतयोहगताएां आयोहित की
गईं। हवशेष अहतहथ के रूप में ससहिकेट बैंक कॉरपोरेट कायाालय के हहन्दी अनुिाग के प्रिारी श्री ओम प्रकाश साह
को आमांहत्रत दकया गया था, हिनकी देखरेख में प्रहतयोहगताओं का आयोिन दकया गया । अांत में एक औपचाररक
कायाक्रम दकया गया हिसमें प्रहतयोहगताओं के पररणामों की घोषणा की गई और हविेताओं को पुरस्कार हवतरण
दकए गए। कायाक्रम के दौरान िेत्रीय कायाालय के िेत्रीय सहचव श्री एस पी महासलगेश्वर िी उपहस्थत रहे। उन्होंने
सिी प्रहतिाहगयों को बधाई दी तथा अपने वक्तव्य में दैनांददन कायों में हहन्दी के प्रयोग को बढ़ाने पर ज़ोर ददया।
हवशेष अहतहथ के रूप में श्री ओम प्रकाश साह ने राििाषा हहन्दी के महत्त्व एवां उसके प्रचार-प्रसार सांबांधी
सरकार के प्रयासों को हवस्तार से बताया तथा सिी से तत्सांबांधी सहयोग की अपील की। िेत्रीय सहचव के
धन्यवाद के साथ कायाक्रम का समापन हुआ।
13.
14. साहहत्य अकादेमी के पहिम िेत्रीय कायाालय, मुांबई में राििाषा सप्ताह के अवसर
पर 18 हसतांबर 2017 को सहदी ददवस मनाया गया। इस सप्ताह के अांतगात कायाालय के
अहधकारी/कमाचाररयों के हलए हवहिन्न प्रहतयोहगताओं का आयोिन दकया गया। इन
प्रहतयोहगताओं में कायाालय के अहधकतम अहधकारी/कमाचाररयों ने िाग हलया।
सहदी ददवस के ददन हवशेष अहतहथ के रूप में गृह मांत्रालय के सहदी हशिण योिना के
उपहनदेशक, श्री वीरिद्र सोनी को आमांहत्रत दकया गया, हिन्होंने प्रहतयोहगताओं के
पररणाम हनहित दकए। कायाक्रम की शुरुआत कायाालय के श्री रत्नाकर पारटल ने, हबक्री-
प्रदशानी सहायक, अहधकारी/ कमाचाररयों का तथा अहतहथ का स्वागत पररचय देकर
दकया। इसके बाद अहतहथ द्वारा अहधकारी/कमाचाररयों को सहदी सांबांहधत कायाालयीन
कामकाि के सांदिा में वर्णणत दकया गया, हिसमें उन्होंने गृह मांत्रालय के ‘हशिण योिना’
के तहत कमाचाररयों के हलए सहदी पाठ्यक्रम दैहनक काया में सहदी का प्रयोग और
सामाहिक िीवन में सहदी एवां मातृिाषा का महत्व के सांदिा में िानकारी दी और उन्होंने
सिी अहधकारी / कमाचाररयों से अनुरोध दकया दक वह कायाालयीन कामकाि में सहदी का
अहधक से अहधक उपयोग करें।
अांत में श्री रत्नाकर पारटल द्वारा अहतहथ को धन्यवाद प्रकट करके प्रहतयोहगताओं के
पररणामों की घोषणा की गई और श्री रत्नाकर पारटल ने कायाक्रम के अहतहथ एवां िेत्रीय
कायाालय के उपहस्थत अहधकारी/ कमाचाररयों के प्रहत औपचाररक धन्यवाद देकर कायाक्रम
को समाप्त दकया।