7. म मह ला या तो
चुप बैठकर तमाशा
देख सकत़ी ै या
तो साथ ममलकर
बुराई के खखलाफ
अपऩी आिाज उठा
सकत़ी ै|
8. शशक्षा के मित्त्व
र्ािंध़ीज़ी ने मह लाओिं
की मशक्षा को पयागप्त
म त्त्ि हदया,ककिं तु िे
जानते थे कक अके ले
मशक्षा से ी राष्र
तनधागररत लक्ष्य प्राप्त
न ीिं ककये जा सकते ै|