3. कवव-पररचय
कवि िह व्यक्क्त होता है जो कविता िचता है।
एक कवि बस कविता का िेखक हो सकता है, या दशशकों को
अपनी किा का प्रदशशन कि सकता है।
एक कवि का काम अननिायश रूप से संचाि किना होता है, या तो
एक शाक्ददक अर्श में विचािों को व्यक्त किना, जैसे ककसी
विलशष्ट घटना या स्र्ान क
े बािे में लिखना।
प्रत्येक सभ्यता औि भाषा क
े दौिान, कवियों ने विलभन्न शैलियों
का उपयोग ककया है जो साहहक्त्यक इनतहास क
े माध्यम से बदि
गए हैं, क्जसक
े परिणामस्िरूप कवियों क
े इनतहास को उनक
े
द्िािा उत्पाहदत साहहत्य क
े रूप में विविध रूप हदया गया है।
5. सुरेंद्र दुबे
सुिेंद्र दुबे एक भाितीय कवि औि
हास्य कविताओं क
े िेखक हैं।
दुबे का जन्म 8 जनििी 1953 को
बेमेतिा, दुगश, भाितीय िाज्य
छत्तीसगढ़ में हुआ र्ा।
उन्हें 2010 में भाित सिकाि द्िािा
पद्म श्री क
े चौर्े सिोच्च भाितीय
नागरिक पुिस्काि से सम्माननत
ककया गया र्ा। िह 2008 में काका
हार्सिी से हसी ित्न पुिस्काि क
े
प्राप्तकताश भी हैं।
6. सुरेंद्र दुबे
उन्होंने पांच ककताबें लिखी हैं औि
कई स्टेज औि टेिीविजन शो में
हदखाई हदए हैं।
उनकी िचनाएँ:
मेिी झाँसी
उठो अहल्या
लमट्ठक मंर्न
एक हदया सिहद पि िखा जाए
7. कोडुराम दललत
कोडुिाम दलित हहंदी औि
छत्तीसगढ़ी भाषाओं क
े एक भाितीय
कवि र्े।
उनका जन्म एक गिीब परििाि में
क्जिा दुगश क
े हटकिी गाँि में हुआ
र्ा।
दलित गांधीिादी लसद्धांतों में
विश्िास किते र्े औि उन्होंने हहंदी
औि छत्तीसगढ़ी भाषाओं में
कविताएँ, कहाननयाँ, बच्चों की
कहाननयाँ औि िोक गीत लिखे।
8. कोडुराम दललत
िषश १९२६ में इन्होंने कविताएँ
लिखनी शुरू कि दीं।
उनकी िचनायें –
1. लसयानी गोठ 2. कनिा समधी
3. अिहन 4. दू लमतान
5. हमि देस 6. कृ ष्ण जन्म
7. बाि ननबंध 8. कर्ा कहानी
9. छत्तीसगढ़ी शदद भंडाि अउ
िोकोक्क्त।
9. श्यामलाल चतुवेदी
श्यामिाि चतुिेदी भाितीय िाज्य
छत्तीसगढ़ क
े एक पत्रकाि औि कवि र्े।
उन्हें िषश 2018 में साहहत्य औि लशक्षा
क
े क्षेत्र में पद्म श्री नागरिक सम्मान
से सम्माननत ककया गया र्ा।
2004 में िाज्योत्सि क
े अिसि पि,
चतुिेदी को पंडडत सुंदििाि शमाश िाज्य
अिंकाि सम्मान हदया गया।
चतुिेदी का जन्म छत्तीसगढ़ क
े
बबिासपुि क्जिे क
े कोटुमी गाँि में हुआ
र्ा।
उन्होंने विलभन्न िचनात्मक कायों क
े
सार् िोक साहहत्य में योगदान हदया,
उनमें भोििा भोिािाम बाननस औि
पािा बाि िाहे सबसे िोकवप्रय र्े।
10. ववनोद क
ु मार शुक्ल
विनोद क
ु माि शुक्ि एक आधुननक हहंदी
िेखक औि कवि हैं, जो अपनी शैिी क
े
लिए जाने जाते हैं, जो अक्सि जादू-
यर्ार्शिाद की सीमा पि होते हैं।
उनका जन्म 1 जनििी 1937 को
िाजनांदगांि, छत्तीसगढ़ में हुआ र्ा।
उनका पहिा कविता संग्रह ‘िगभग
जय हहंद’ 1971 में प्रकालशत हुआ र्ा।
‘िह आदमी चिा गया नया गिम कोट
पहनकि विचाि की तिह’ उनका दूसिा
कविता संग्रह र्ा, क्जसे 1981 में
सांभप्रकाश प्रकाशन ने प्रकालशत ककया
र्ा औि 1992 में कविताओं का एक
औि संग्रह, ‘सब क
ु छ हो गया बच
गया’ प्रकालशत हुआ।
11. िबीब तनवीर
हबीब तनिीि एक िोकवप्रय भाितीय
उदूश, हहंदी कवि र्े।
उनका जन्म 1 लसतंबि 1923 को
िायपुि, छत्तीसगढ़ में हुआ र्ा।
अपने जीिनकाि क
े दौिान उन्होंने कई
िाष्रीय औि अंतिाशष्रीय पुिस्काि जीते,
क्जनमें 1969 में संगीत नाटक
अकादमी पुिस्काि, 1979 में जिाहि
िाि नेहरू`` नेहरू फ
ै िोलशप, 1983 में
पद्म श्री, कालिदास सम्मान 1990,
1996 में संगीत नाटक अकादमी
फ
ै िोलशप औि 2002 में पद्म भूषण
शालमि र्े।