विषय: शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, यूजीसी और नेक ऑफिस बैंगलोर की मिलीभगत से नेक एक्रेडिटेशन और एनआईआरएफ रैंकिंग में हो रहे भ्रष्टाचार और निजी शिक्षण संस्थाओं को पैसा देकर दिए जा रहे नेक ग्रेड और एनआईआरएफ रैंकिंग के संबंध में शिकायत पत्र। आदरणीय प्रधानमंत्री जी, बड़े दुख के साथ आपको यह पत्र लिखना पड़ रहा है जहां एक और आप दिन रात परिश्रम कर भारत को विश्वगुरु और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए निर्मल मन से प्रयत्नशील है वही आपके अंर्तगत शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी की मिलीभगत से आपके विश्वगुरु और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प , देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ और लाखो करोड़ो अभिभावकों के विश्वास को धता बताते हुए शिक्षा मंत्रालय और इसके अंतर्गत कार्य करने वाली संस्थाएं यूजीसी और नेक बैंगलोर निजी शिक्षण संस्थाओं को मोटा पैसा लेकर नेक में अच्छा ग्रेड और एनआईआरएफ रैंकिंग रेवड़ी की तरह प्रदान करने में लगा हुआ है। निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर फर्जी डाटा जमा कर नेक एक्रेडिटेशन और एनआईआरएफ रैंकिंग दी जा रही है। गंभीर प्रश्न तो यह है कि सैकड़ों शिकायते बाकायदा पुख्ता प्रमाणों और सबूतों के साथ शिक्षा मंत्री भारत सरकार, चेयरमैन यूजीसी, चेयरमैन नेक बैंगलोर, निदेशक नेक बैंगलोर को अभी तक की गई है परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टा नेक ग्रेड ए और ए प्लस प्रदान कर दिया गया है। यही नहीं सीएजी और पीएमओ आपके कार्यालय के शिकायत ग्रीवेंस पोर्टल पर भी शिकायत की गई परंतु शिक्षा मंत्रालय के निदेशक श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव, निदेशक (यूजीसी) शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार (Rm No. 326-C, C-Wing MHRD, Shastri Bhawan New Delhi) द्वारा गलत और भ्रामक पत्र आपके प्रधानमंत्री कार्यालय के शिकायत पोर्टल पर अपलोड कर मामले को रफा दफा कर उक्त संस्थान को पैसे लेकर नेक में ए ग्रेड प्रदान करना आपके कार्यालय को भी संदेह के घेरे में लेकर आ गया है। इनके द्वारा जो पत्र आपके पोर्टल पर अपलोड किया गया है वह खुल ही नही रहा है और उसकी दोबारा से शिकायत और अपील की जा चुकी है जो अभी तक अंडर प्रोसेस में दर्शाई गई है। इसी क्रम आपको यह पत्र लिखा गया है ताकि इस गंभीर विषय में जो कि देश की सबसे बड़ी व्यवस्था से जुड़ा है और लोगो से सीधे तौर पर जुड़ा है खासतौर पर युवाओं और छात्रों के भविष्य और उनके अभिभावकों के विश्वास का सवाल है ऐसे आपसे से अनुरोध है कि इस शिकायत पत्र पर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करे। श्रीमान यह बहुत ही गंभीर प्रकरण है और यह मुद्दा अगर विपक्ष के हाथ लग गया तो पूरे देश में इस पर बहुत बड़ा बवाल हो सकता है इस बात का अंदाजा आप लगा सकते है कि यह विषय कितना संवेदनशील है और लोगो को सीधे प्रभावित करता है। शिक्षामंत्री भारत सरकार और नेक का निदेशक इसमें सीधे तौर पर सम्मलित है। सैकड़ों शिकायत पत्रों को दबाकर जिस निजी यूनिवर्सिटी को बचाया जा रहा है फर्जीवाड़े में और जिस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री जी और पूरा शिक्षा का तंत्र इतना मेहरबान है इस यूनिवर्सिटी के मालिकों के व्यापारिक संबंध सीधे तौर पर एक ऐसे राजनीतिक घराने से जो यूपी में बीजेपी का सबसे बड़ा विपक्ष है। ऐसे में सवाल है कि मंत्री जी किसके कहने पर इस यूनिवर्सिटी द्वारा किए फर्जीवाड़े में कार्यवाही ना कर ग्रेड प्रदान कर रहे है।