The article discusses the role of tourism in the economy of Rajasthan, India. Rajasthan is known for its cultural heritage, arts, palaces, forts, and landscapes, and attracts a large number of domestic and international tourists every year. Tourism is the second-largest contributor to the state's GDP and generates significant revenue. It also provides direct and indirect employment to millions of people and promotes the growth of other sectors such as hospitality, transport, handicrafts, and agriculture. The government of Rajasthan has taken several initiatives to promote tourism in the state, including the development of tourism infrastructure, preservation of heritage sites, and promotion of cultural activities. The state also organizes several cultural festivals and fairs throughout the year, which attract a large number of tourists.
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राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका.pdf
1. 27
राजस्थान िी अथयव्यवस्था में पययिन िी भूलमिा / महत्व
यद्यवप राजस्थान में पययिन उद्योग िा वािंतछत वविास नहीिं हो पाया है पर अगर उसिा
द्रुत गतत से सिंभाव्य क्षमता ति वविास किया जाए तो वह राज्य िी अथयव्यवस्था में
रोजगार और आय बढ़ाने में सहायि होने ि
े साथ-साथ ववदेशी मुद्रा अजयन द्वारा
अथयव्यवस्था ि
े ववदेशी ववतनमय सिंिि िो लमिाने में भी सहायि हो सिता है । ऑक्स्ट्रया ,
इि ी , स्पेन ,लसिंगापुर , हािंगिािंग , हवाई ैंि जैसे देश ि
े व पययिन ि
े िारण ही इतने
समृद्ध और खुशहा हैं । पययिन एि ऐसा उद्योग है , क्जससे राज्य िी अथयव्यवस्था उतनी
ही सुदृढ और समृद्ध हो सिती है , क्जतनी िृ वष एविं उद्योगों से । पययिन ही एि ऐसा
उद्योग है जो बबना प्रदूषण एविं बहुत िम तनवेश से राज्य िी अथयव्यवस्था िो सवायधिि
समृद्ध बना सिता है । इस पररपेक्ष्य में राजस्थान में पययिन उद्योग िा अथयव्यवस्था में
महत्व एविं भूलमिा तनम्नािंकित वववरण से स्पटि है-
ववदेशी मुद्रा अजयन में सहायि
भारत में प्रततवषय गभग 28 से 30 ाख ववदेशी पययिि आते हैं उनमें से 10 से 12 ाख
ि
े िरीबन पययिि राजस्थान आते हैं । िभी-िभी तो भारत में आने वा े पययििों में , हर
तीसरा पययिि राजस्थान आता ही है । उन से ववदेशी मुद्रा िा अजयन होता है। 2006 में
12.2 ाख ववदेशी पययिि राजस्थान आए, जबकि 2004 में यह सिंख्या 9. 72 ाख थी ।
राजस्थान पययिन वविास तनगम िो 1983- 84 से 1990 -91 ति 750 ाख रू.ववदेशी
मुद्रा िा अजयन होने िा अनुमान है ।
रोजगार में वृवद्ध
पययिन उद्योग में गे गाइि , ड्राइवर, ट्रैव एजेंट्स, तािंगे वा े, होि वा े , हस्तलशल्पी
आहद सभी िो रोजगार लम ता है । यह अनुमान गाया जाता है कि प्रतत 8 ववदेशी पययििों
पर एि व्यक्तत िो रोजगार लम ता है व प्रतत 32 स्वदेशी पययििों पर एि व्यक्तत िो
रोजगार लम ता है । इस दृक्टि से राजस्थान में बढ़ती पययििों िी सिंख्या राजस्थान राज्य में
रोजगार िी रोजगार में भारी वृवद्ध िा सिंि
े त है ।
परोक्ष रोजगार िो भी बढ़ावा लम ता है, तयोंकि राजस्थान में आने वा े पययिि िई प्रिार
िी खरीदारी िरि
े अप्रत्यक्ष रोजगार िो बढ़ावा देते हैं ।
2. 28
सिंस्िृ तत एविं ि ा िा वविास होता है तयोंकि पुरानी सािंस्िृ तति िरोहर िो जीववत रखने िा
प्रयास किया जाता है
िम पूिंजी पर ववतनयोग पर अधिि ाभ सरिार िो पययिन उद्योग में बहुत िम पूिंजी
गाने पर भी अधिि आय हो सिती है और पययिन वविास से अधिि ाभाजयन सिंभव है ।
सिंस्िृ तत एविं हस्त ि ा, लशल्प ि ा िा वविास ोगों िी आय एविं रोजगार में अप्रत्यक्ष
वृवद्ध िरता है।
पररवहन एविं सिंचार िा वविास भी सिंभव होता है तयोंकि इन दोनों ि
े अभाव में पययिन
सिंभव नहीिं हो पाता ।
स्थानीय ोगों िी आय एविं रोजगार बढता है तयोंकि पययिन स्थ ों ि
े िारण स्थानीय
ोगों ि
े तािंगे, ररतशे, िारें, जीपें , होि , रेस्िोरेंि आहद में रोजगार बढ़ता है।
व्यापार और उद्योगों िा वविास आने वा े पययिि िई प्रिार िी ि ात्मि वस्तुएिं , साज-
सामान खरीदते हैं । यहािं ति कि वे भावी क्रय ि
े ऑियर दे जाते हैं । दोनों में दोनों से
व्यापार व उद्योग पनपते हैं ।
अिंतरराटट्रीय व्यापार में वृवद्ध जब ि ात्मि अथवा ऐततहालसि दु यभ वस्तुएिं, पययििों ि
े
माध्यम से दूसरे देशों में पहुिंचतीिं हैं तो दूसरे शौकीन व्यक्तत भी उन्हें उनिी खरीद ि
े आदेश
प्रेवषत िरते हैं और इससे अिंतरराटट्रीय व्यापार िो प्रोत्साहन लम ता है । इसि
े अततररतत
उद्योग एविं व्यापार से सिंबिंिी पययििों ि
े एि दूसरे ि
े सिंपि
य में आने से , ववदेशी व्यापार
वृवद्ध िा मागय प्रशस्त होता है । सौहादय एविं सद्भावना में वृवद्ध होती है और पारस्पररि आधथयि
सहयोग िा मागय प्रशस्त होता है
पययिन बबना प्रदूषण आय और रोजगार प्रदान िरने वा ा उद्योग है। अन्य अथय व्यवस्थाओिं
िी भािंतत राजस्थान भी अपने ऐततहालसि गौरवपूणय अतीत और प्रािृ तति सौंदयय िा मौहद्रि
ाभ उठा सिता है ।
राजस्थान ि
े सूखे प्रदेशों में पययिन िा वविास उन्हें अिा एविं सूखे िी मार से बचा सिता
है । पययिन उद्योग से रोजगार एविं उद्योगों िो बढ़ावा लम सिता है।