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ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
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ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
3
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
परिचय
किताब िा नाम
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
लेखि िा नाम : क़ाज़ी उल क़
ु ज़्ज़ात मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम
वाकलद िा नाम :----------------------- मुहम्मद अब्बास आलम
किलाफत :------------------------------------ सलाकसले अर्बा
रर्हाइश :------------------- मीर्ा र्ोड मुुंबई ठाणे महार्ाष्ट्र भार्त
मुक्कमल कडज़ाइन :-अल्लामा शमशाद आलम (जानशीने हुज़ूर् मसीहे कमल्लत)
कहुंदी टाइक ुंग :----------------सूफी अली अिबर् (सुल्तान ुर्ी )
प्रिाशि :----दारुल उलूम फ
ै ज़ाने मुस्तफा एजूि
े श्नल टरस्ट ,मीर्ा र्ोड मुुंबई
तबाअत : फ
ै ज़ाने मुस्तफा अि
े डमी,मि
र ज़ुल )मर्ािीज़ बाबुल इल्म जनर्ल लाइब्रेर्ी
छ ाई :------------------------ 01/01/2024
4
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
मुक़द्दमा
अल्हम्दु कलल्लाकह र्ब्बब्बल आलमीन वस्सलातु वस्सलामु अला
र्हमतुल-कलल-आलमीनवआकलकहत्तैय्यबीनवत्ताकहर्ीनअम्मा
बादफअऊज़ु कबल्लाकह कमनश्शैताकनर्रजीम०
बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम०
‫یسطرون‬‫وما‬‫والقلم‬‫ن‬
०
तजुरमा:- -नूर्ानी क़लमऔर्उनि
े कलखेिीक़सम ||
जब मुझे "रूहुल अवारह कफल कहन्द हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन"
िी तसनीफ िी बशार्त हुई और् मैं उस किताब िी तसनीफ
ि
े कलए अजमेर् शर्ीफ र्वाना हुआ | वहाुं हुुंचिर् दर्बार्
शर्ीफ में हाज़र्ी दी | कफर् बशार्त ि
े मुताकबक़ उनि
े फज़रद
हज़र्त ख़्वाजा फखरुद्दीन कचश्ती अलैकह र्हमाुं ि
े दर्बार्
सर्वार् शर्ीफ में हाज़र्ी दी | मुर्ाक़बा किया तो बशार्त हुई
और् उस किताब िा नाम बताया गया "रूहुल अवारह कफल
कहन्द हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन" कफर् मैंने अजमेर् शर्ीफ में
क़याम किया और् दर्बार् शर्ीफ में हाज़र्ी देिर् अ ने ुर्ाने
दोस्त अब्दुल समद कजन्न से मुलाक़ात िी इलतेजा िी तो वह
भी हाकज़र् हुए और् उनिो उसिी इत्तेला दी कफर् तसनीफ िा
िामशुरूकिया।दौर्ानेतसनीफ"रूहुलअवारहकफलकहन्द
5
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन" एि र्ात शाहे कजन्नात से अजमेर्
शर्ीफमेंमेर्ीकफर्मुलाक़ातहुई।
बहुत देर् िी तबादला-ए--ियालात ि
े बाद हज़र्त अब्दुल
समद कचश्ती िहते हैं कि यहकिताब "र्हमतुल कलल कहन्द कल-
मकलकिल कजन्न" यह िॉ ी है उस मुक़द्दस किताब िी जो शुरू
से ही क़ौमे अकजन्ना ि
े ास र्ही है उसी ि
े कहसाब से कजन्नात ि
े
बादशाहोुं ने हुि
ू मत िी है। कहदायत ि
े कलए मशअले र्ाह
बनाई है जो उस किताब ि
े उसूलोुं से हटा वह शयातीन
िहलाया। उनि
े अक़्साम देव, भूत, र्ेत, खबीस, खबीसात,
चुड़ैल,डाइनवगैर्हहै।
यह तमाम सर्िश हुक्मर्ानोुं, जादू गार्ोुं, तुंत्र मुंत्र िर्ने वालोुं
िो स ोटर िर्ते हैं | और् उनि
े सर्िशी में बढ़ावा देते हैं और्
उनिी सर् ि
ु चलने ि
े कलए अच्छे और् नेि कजन्नात इुंसान िी
तिवा ि
े मर्ाकतब िी बुकनयाद र् उसी कहसाब ि
े कजन्नात
उनिासाथदेतेहैं।साथदेनेवालेकजन्नातिोइुंसानमोअब्बक्कल
िहते हैं। जबकि कजन्नात उनि
े मोअब्बक्कल नहीुंबब्बि बुर्ाई
िाखात्मािर्ने ि
े साथीहैं | किइबादतमें कजन्नातअव्वलऔर्
इुंसान खल्फ ( ीछे ) हैं। जैसा कि अल्लाह ताला िा फर्मान है
कि:
6
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
‫اال‬‫س‬‫ن‬‫واال‬‫ن‬‫ج‬‫ل‬‫ا‬‫خلقت‬‫وما‬
‫لیعبدون‬
०
तजुरमा :-- और् मैंने कजन्न और् इुंसान इसीकलए बनाये कि मेर्ी
इबादतिर्ें।इसआयतमें दोबातोुंसे कजन्नातअव्वलीयतर्खते
हैं।
(1) ब्बखलितमें। (2) इबादतमें।
इसीकलए नेि स्वालेह औकलया-ए-किर्ाम िा साथ देते हैं |
बुर्ाई िा खात्मा िर्ने में यह कजन्नात िा भी हक़ है और्
वह लोग जो लालच में दुकनया िमाने बड़ाई मार्ने और्
गलत िाम िर्ने ि
े कलए क़
ु र्आने िर्ीम िी ि
ु छ आयात
िा सहार्ा लेिर् अमल िर्ते हैं। इस किताब ि
े उसूलोुं ि
े
मुताकबक़ उसिो सज़ाएँ दी जाती है | इसी वजह से वह
गलत आमलीन ागल हो जाते हैं और् वह आम कज़न्दगी
गुज़ार्ने ि
े लायेक़ भी नहीुं र्हते। उस किताब िा नाम है
"नून कल-मकलकिल कजन्न" मेर्े वाकलद ने िहा कि उनिो
उनि
े वाकलद ने दी थी।
7
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
यानी मेर्े दादा ने और् मेर्े दादा िो उनि
े दादा ने उन्हें दी
थी। यह उस ज़माने िी बात है जब हज़र्त सुलेमान
अलैकहस्सलाम िी नबूव्वत व हुि
ू मत िा दौर् शुरू हुआ तो
उस किताब ि
े उसूल ि
े मुताकबक़ अ नी बादशाहत िो
ज़म िर्ि
े उनिी इताअत िर्नी थी तो कफर् उनि
े वाकलद
र् उतर्ने वाली मुक़द्दस किताब ज़बूर् शर्ीफ र् अमल
िर्ना था तो मेर्े दादा ि
े दादा आकसफ कबन बर्ब्बखया
शाहे कजन्नात और् हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलाम ि
े वज़ीर्े
िास बनाये गए और् यह अल्लाह ताला ि
े मुक़द्दस वली भी
थे और् उनिी र्हबर्ी हज़र्त अहमद ब्बखज़र् अलैकहस्सलाम
किया िर्ते थे और् इस किताब िा नुक़ात िा खुलासा भी
िर्ते थे।
कफर् हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलाम ि
े कवसाल ि
े बाद इस
किताब ि
े उसूलोुं ि
े मुताकबक़ अ नी ही बादशाहत िर्नी
थी और् हर् आने वाले अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम ि
े
तबलीगी िाम में कहस्सा भी लेना था।
8
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
इस तर्ह अल्लाह ताला ि
े महबूब हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा दौर् आया तब
हमार्े कजन्नात िी एि जमात िो उन र् नज़र् र्खने र्
मामूर् किया उनि
े ास हमार्ी किताब िा इल्म था। जब
उन 7 कजन्नातोुं ने उनसे क़
ु र्आन मजीद िी कतलावत िर्ते
सुना तो ईमान लाये और् इस तर्ह क़ौमे कजन्नात ने इस्लाम
क़
ु बूल किया और् तबलीगे इस्लाम शुरू किया हमार्ी
ियादत ि
े कलए हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम
िो अल्लाह ताला ि
े महबूब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही व सल्लम ने मुुंतखब किया हमार्ी
किताब में उनिा नाम "एकलया" है। कफर् बहुक्मे र्सूलल्लाह
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम हम सब उनि
े हो
गए और् वह हमार्े शाहे कजन्नात बन गए।
हमार्ी किताब ि
े उसूल ि
े मुताकबक़ वह मोजेज़ाती तलवार्
कजसिो अ नी मोजेज़ा से हज़र्त दाऊद अलैकहस्सलाम ने
बनाई थी उसी तलवार् िो ास में र्खिर् हज़र्त सुलेमान
अलैकहस्सलामहुि
ू मतिर्तेथे|
9
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
और्क़ौमे कजन्नातिोउसिीिोताही र्डाटते हुएफर्माते थे
किज़ुब्बल्फिार्सेटुिड़े टुिड़े िर्दूुंगा।
कजन्नात थर् थर् िाँ ते थे और् कफर् किसी िाम में िोताही नहीुं
कियािर्तेथे।
मगर्हज़र्तसुलेमान इब्ने दाऊद अलैकहमुस्सलाम ने िभीउस
तलवार्िा इस्तेमाल नहीुंफर्माया।वहफर्माते थे किइसिा
इस्तेमाल िर्ने वाला अल्लाह ताला ि
े घर् में ज़हूर् ज़ीर् होगा
और् वह उसि
े कलए बहुक्मे र्ब हज़र्त दाऊद अलैकहस्सलाम
से बतौर्े मोजेज़ा तैय्यार् िर्वाई गई है। तब से हमार्ी क़ौम
कजन्नात िी एि टोली िो हमेशा दो मुक़द्दस घर्ोुं िी कनगर्ानी
र्मामूर्कियागया |हमसबबहुतखुशथे जबि
ुुं वार्ीमरर्यम
हमल से थीुं और् बैतुल मुक़द्दस में थीुं कि यह अजूबा बच्चा
अल्लाहि
े घर्में आने वालाहै मगर्कफर्वक़्ते कवलादतउनिी
माँ बैतुल मुक़द्दस से बाहर् हो गई और् एि ेड़ ि
े नीचे जन्म
कलया। हम सब समझ गए कि यह वह नहीुं है | कफर् वक़्त
बदलता र्हा और् आब्बखर् र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लमिाज़हूर्हुआ|
10
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
वहभीअ नेघर्मेंहमार्ीतलाशनामुिम्मलर्हीतबयिा-यि
एि कदन उन सात कजन्नात ने िुशी िुशी शाहे कजन्नात िो
खुशखबर्ी
दी कि िाबतुल्लाह शर्ीफ ि
े अुंदर् एि बच्चा ैदा हुआ है।
शाहे कजन्नात बहुत खुश हुए और् िहा बहुत जल्द इस अमानत
िो सौुं ने िा वक़्त आएगा | अब उस बच्चा र् हर् वक़्त नज़र्
र्खोइसीतर्हवक़्तगुज़र्तागयाऔर्कफर्देखावहबच्चाअब
बड़ा हो गया है और् अल्लाह ताला ि
े महबूब हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े साथ साथ र्हता है।
दावते ज़ुल-अशीर्ा में उनिो अ ना वसी फर्माया और् उनिी
तबलीगी मुब्बिलात सब देखा मगर् शाहे कजन्नात िहते सब्र
िर्ोअभीवक़्तनहीुंआयाहै।
11
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
बिन्नोंकाईमािलािा
24 र्जा-बुल मुर्ज्जब बमुताकबक़ 17 अप्रैल 616 इसवी बर्ोज़
इतवार् ताईफ ि
े सफर् से वा सी र् एि जगह हज़र्त
मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
मक़ामे नखला में ियाम किया | र्ात िो तहज्जुद ि
े वक़्त
नसीबैन ि
े 7 कजन्न हसा, मसा, शासर्ा, नासर्ा, इब्नुल अर्ब,
अमीन और् अह्क़ब आये यह यहूदी थे। इन्होुंने हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी कक़र्ाअत
सुनी हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम
जब सलाते तहज्जुद अदा िर् चुि
े और् कतलावत से फ़ारर्ग हो
गएतोहज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम
नेबैठनेिीइजाज़तदे दीवहकजन्नातबैठगए।
कफर् उस कजन्नाती कगर्ोह िा सर्दार् बोला मैं आ िो 8 कदन से
बर्ाबर्देखर्हाहूँ और्जबआ सल्लल्लाहुअलैकहवआकलही
व सल्लम र् ज़ुल्म हुए वह भी देखा मगर् जब आ सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने इतने मज़ाकलम ि
े बाद भी उन
ताईफ वालोुं िो दुआएुं दी तो हम सब िो यक़ीन हो गया कि
कजसनबीि
े आने िीबशार्तक छलीकिताबोुंमें है वहकसफात
आ सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लममेंमौजूदहै।
12
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कफर्हज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमने
क़
ु र्आनमजीदिीि
ु छआयातिीकतलावतफर्माई :-
َ ْ
‫ی‬ِ‫م‬َ‫ل‬ٰ‫ْع‬‫ل‬َِ‫ل‬ ً‫ة‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ر‬ ََ
‫ال‬ِ‫ا‬ َ
‫ك‬ٰ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫س‬ْ‫ر‬َ‫ا‬‫ما‬َ‫و‬
O
तजुरमा :--- और् हमने तुम्हें ना भेजा मगर् र्हमत सार्े जहाुं ि
े
कलए।
जबइसआयतिीकतलावतहुईतमामकजन्नातझूमनेलगेऔर्बे
साख्ता िह उठे यक़ीनन आ "र्हमतुल-कलल-आलमीन" हैं |
आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम िी कतलावत
सुनिर् मूसलमान हो गए और् इस्लाम ले आए। और् वहाुं से
वा स आिर् अ नी क़ौम िी तबलीग में मशगूल हो गए।
कजन्नात में यह 7 अफर्ाद थे जो सबसे हले हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम र् ईमानलाएथे।इसी
वाकक़यािाकज़क्रअल्लाहतालानेइसआयतमेंफर्मायाहैं:-
‫القران‬‫یستمعون‬‫ن‬‫ج‬‫ل‬‫ا‬‫ن‬‫م‬‫نفرا‬‫الیك‬‫صرفنا‬‫واذ‬
O
तजुरमा:--और्जबहमनेतुम्हार्ीतर्फकजन्निीएिजमातिो
भेजाि
ु र्आन सुना |
13
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तीिसौबिन्ातकाक़
ु िूलेइस्लाम
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने
मक़ामे कहजून में 25 र्जा-बुल मुर्ज्जब बमुताकबक़ 18 अप्रैल
बर्ोज़सोमवार्क़ायमकिया नसीबैनि
े कजन्नातिावफ्दहुज़ूर्
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी ब्बखदमत में जब
नसीबैन से 7 कजन्न इस्लाम क़
ु बूल िर्ि
े बतने नखला से अ नी
क़ौम में वा स आए तो 300 कजन्नोुं िा वफ्द कहजून में आिर्
रुिा और् अह्क़ब कजन्न ने हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह
वआकलहीवसल्लम िीब्बखदमते अक़दस में सलामअज़र किया
और् िहा कि हुज़ूर् हमार्ी क़ौम िा बादशाह अखज़म 300
अफर्ाद ि
े साथ आ से मुलाक़ात ि
े कलए कहजून में हाकजर् है।
शफ
े बारर्याबीअताफर्मायाजाए।
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
इजाज़त दे दी वह गए और् आन ि
े आन में बुला लाए। वहाँ
कजन्नात आ र् ईमान लाए और् क़
ु र्आन मजीद सुनने िी
ख्वाकहश ज़ाकहर् िी तो उस वक़्त आ सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही व सल्लम ने "तबार्िल्लज़ी" और् "सूर्ह कजन्न" ढ़ी |
वह क़
ु र्आन सुनने िी ख्वाकहश में आ ि
े क़र्ीब होने ि
े कलए
एिदू सर्े र्कगर्र्हेथे |
14
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कजन्नात ने अज़र किया हुज़ूर् गुस्ताखी माफ़ हो सब आ ि
े
आकशि हैं। आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि
े
साथर्हनाचाहतेहैं|
आ ने फर्मायातुमलोगअ नीक़ौममें तबलीगिर्ोऔर्र्ात
में आिर् तालीम ले कलया िर्ो | कफर् सभी कजन्नात आ
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े साथ मक्का र्वाना
हुए तवाफ
े िाबा ि
े कलए | (जहाँ कजन्नोुं िी एि जमाअत ने
इस्लामक़
ु बूलकियाथावहाँआजभीमब्बिदे कजन्नमौजूदहैं।)
15
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
अमाितअमाितदािक
े िवाले
कफर् एि कदन क्या सुहाना मुंज़र् था कहजर्त से हले जब
मजकलसे मशावर्त क़ायम िी गई और् तमाम िलमा गो िो
समझाया गया कफर् हज़र्त अमीर् हमज़ा िो कहजर्त ि
े एि
जमाअत िा अमीर् मुुंतखब किया गया और् हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने खुद िी अचानि
र्वानगीिीभीइत्तेलादे दी| किजबभीअल्लाहिाहुक्महोगा
मुझे जाना होगा मेर्े जाने र् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल
िर्ीम तुम्हार्े अमीर् और् क़ायद व इमाम होुंगे। हज़र्त अली
िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ि
े इस मुंसब से शाहे कजन्नात
अखज़म बहुत खुश हुए और् र्ात िो हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि
े ास शाहे कजन्नात
अखज़म और् उनि
े मुशीर् हाकज़र् हुए और् एि बेहतर्ीन
दर्बार्सजगया।
शाहे कजन्नात अखज़म ने सलाम ेश किया और् िहा हुज़ूर्
हमार्ी किताब ि
े उसूल ि
े मुताकबक़ हज़र्त अली िर्रमल्लाहु
वझहुल िर्ीम वाक़ई उसी मुंसब ि
े लायि थे। हम सबिो
उसीकदनिाइुंतेज़ार्था।
16
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कफर् हज़र्त कजब्राईल अलैकहस्सलाम िा नुज़ूल हुआ सलाम
ेश किया और् िहा अल्लाह ताला ने सलाम ेश किया है और्
कजब्राईल अलैकहस्सलाम ने सूर्ह "नून" िी वही ेश िी हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने सूर्ह "नून"
िीकतलावतफर्माईशाहे कजन्नातखड़े होगएऔर्िहाहमार्ी
किताब"नून"िी ताएद मेंहै यहसूर्ह|
कलहाज़ा इस अमानत ि
े सौुं ने िा वक़्त आ गया है। कफर्
उन्होुंने वह तलवार् कनिाली हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ने फर्माया यह ज़ुब्बल्फक़ार् है |
यह अली िर्रमल्लाहु वझहल िर्ीम िी अमानत है |
कलहाज़ा हज़र्त कजब्राईल अलैकहस्सलाम ने शाहे कजन्नात से
वह ज़ुब्बल्फक़ार् अ ने हाथ में कलया और् िहा अल्लाह ताला
िी यही कहिमत है। कलहाज़ा हज़र्त अली िर्रमल्लाहु
वझहुल िर्ीम िो ज़ुब्बल्फक़ार् अल्लाह ताला िा इनाम
कमला।
इसज़ुब्बल्फक़ार्मेंवहबातहैकियहकजन्नोुं इुंसदोनोुंिोिाटती
है। इस तर्ह क़ौमे कजन्नात ि
े ास अल्लाह ताला िी जो
अमानत थी | वह अमानत कजन ि
े कलए थी उन ति हुँच गई।
कफर्उसवक़्ति
े इस्लामक़
ु बूलिर्नेवालेअकजन्नामेंसेि
ु छ
17
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम और्
हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम से असहाबे सुफ्फा ि
े
दर्कमयान मौजूद र्हिर् भी इल्म हाकसल िी और् कफर् उन
तालीमातिोमहफ
ू ज़किया | इसतर्हआजभीउनमें से ि
ु छ
कजन्नात सहाबा--ए--किर्म मौजूद हैं। वह सार्ी तालीमात िा
महफ
ू ज़ा और् वह किताब आज भी हमार्ी क़ौम में है। अगर्
आ इुंसानोुंि
े िाम आए तो अ ने अुंदाज़ में महफ
ू ज़ िर् लें।
इस तर्ह मैंने िमा हक़्क़हु इन तमाम चीज़ोुं िो तहर्ीर् किया
और् इसिो किताबी शक्ल देिर् इसिा नाम "ला इलाहा
इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह" र्खा ताकि इस्लाम िी सही
तार्ीख और् सही तालीमात से हर् िलमा गो अ ने अ ने
ईमानवआमालिीइस्लाहिर्सि
े ।
18
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
बिन्ातकामुख़्तसिशििा
आकसफ कबन बर्ब्बखया िा बेटा हया उनिा बेटा अलीक़ा
उनिा बेटा मुलेिा उनिा बेटा तुलेक़ा उनिा बेटा लेर्-सोमा
उनिा बेटा आकलमा उनिा बेटा सुलेखा उनिा बेटा मुलेखा
उनिा बेटा मलखूमा उनिा बेटा र्ाकहल उनिा बेटा जाफर्
और् अिज़म उनिी बहन हनकफया से मोहम्मद कबन
हनकफया।।
जाफर् िा बेटा मैं अब्दुल समद यह शजर्ा हज़र्त सुलेमान
अलैकहस्सलामि
े वक़्तसेहै | र्ाकहलि
े बादअिज़मबादशाह
थे और् जाफर् कस ह सालर्। अब्दुल समद कजन्न िहते हैं कि
जाफर्कजन्नि
े बयानि
े मुताकबक़इमामहुसैनदुश्मनेफ़ौज र्
हमलािर्नेहीलगेथेकियिायिगदर बुलुंदहुईऔर्मैंहाकज़र्
हुआइमामिोअदबसेसलामकिया।
इमाम ने ूछा कि तुम िौन हो? मैंने िहा मैं जाफर् ज़ाकहद
हूँ । शाहे मदाां िा अदना िाकदम हूुं | मुझ र् मौला-ए-
िायनात िा बहुत बड़ा एहसान है | मेर्ी सार्ी फ़ौज जुंगल
में तैय्यार् खड़ी है | मुझ खाकदम िो इजाज़त दीकजये !
आ ि
े वाकलद ने जब बीरुल-अलम में फतह ि
े बाद ईमान
लाने वाले कजन्नात र् दोबार्ा हुिमर्ान बनाया था।
19
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उनिा नाम र्ाकहल कजन्न था। मैं उनिा बेटा हूँ | वाकलद ि
े
वफ़ात ि
े बाद अिज़म बादशाह बना और् मैं कस ह-सालर्
सब कजन्न मेर्ी फ़ौज में हैं। हुक्म िर्ें कि मैं अ नी फ़ौजें
लाऊ
ँ और् आ ि
े दुश्मनोुं िी रूहें खीुंच लूुं। इमाम ने िहा
तुम कजन्न हो यह इुंसान हैं | यह तुम्हें देख नहीुं सि
ें गे और्
तुम इन्हें देख देख िर् क़त्ल िर्ोगे। और् यह धोखा है |
जाफ़र् कजन्न ने िहा कि बद्र में भी तो मलाइिा कदखाई ना
देते थे ! इमाम बोले वह अल्लाह ि
े र्ज़ा से आए थे तुम मेर्ी
मोहब्बत में आए हो और् मेर्े मामले में अल्लाह ताला कि
र्ज़ा यही है कि तुम यहाँ से चले जाओ | और् मैं इस जुंग में
ना बचूुं। कफर् मैंने इुंसानोुं ि
े रू में आिर् लड़ने िी
ेशिश भी िी मेर्ी एि ना चली। कफर् मैंने िहा इजाज़त
दीकजये कि अहलेबैत िो कहफाज़त से मदीना हुुंचा दूँ।
फ़र्माया मुिद्दर् यही है कि मेर्े बाद यह लोग असीर् होुं
और् क़
ै द िी सब्बियाुं उठाएुं ।
ऐ जाफर् तू लौट जा कि अब जो हाल इस मैदाने जुंग में
होगा वह तुझसे देखा ना जाएगा। मैं वहाँ रुि गया और् चु
चा सब ि
ु छ देखता र्हा। और् मैं शहादते अली अिबर्
ति मैदाने िबरला में मौजूद र्हा।
20
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उसि
े बाद घर् वा स गया तो मेर्ी वाकलदा ने ूछा कि तुम
िहाँ गए थे ? और् ि
ै से वा स आए हो?
तो मैंने सार्ा कक़स्सा जब अ नी माँ िो सुनाया तो माँ ने
फ़ौर्न हुक्म कदया कि जाओ दौड़ो इमाम िी मदद िर्ो !
कजस तर्ह मुमकिन हो और् कफर् मै अहलो अयाल ि
े साथ
वा स आया | लेकिन अब शहादतें हो चुिी थीुं। जब मैंने
हज़र्त िो शहीद ाया तो अ ने अयालो अतफ़ाल ि
े साथ
ि
ू फा से शाम ति असीर्ान ि
े साथ र्हा | लेकिन ि
ु छ ना
िर् सिा क्योुंकि हुक्म नहीुं था। मेर्े साथ मुहीन इब्नुल इब्र
भी थे। अल-इब्र मुहीन ि
े वाकलद अ ने क़बीला ि
े सर्दार्
थे और् मक्का ि
े कजन्नातोुं ि
े बादशाह | िहो या गवनरर्,
मुहीन इब्नुल इब्र अ ने क़बीला ि
े हज़ार्ोुं कजन्नात ि
े
कस हसालर् थे।
उनिा क़बीला तबलीगे इस्लाम में लग गए और् बहुत सार्े
अकजन्ना इस्लाम में दाब्बखल होते गए और् हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े िाम में अ नी
गुलामी ेश िर्ते र्हे और् एि टोली तो खास आ ि
े साथ
हो कलए उस कजन्नात िी टोली िी ियादत िर्ने वाले
मुहीन इब्नुल इब्र थे।
21
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
(मुहीन ही है जो वलीद ि
े बुत में घुस िर् हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी तार्ीफ
े िी और्
िाकफर् कजन्न मुसकफर् िो क़त्ल िर् कदया था। ) इतना
बयान िर्ि
े अब्दुल समद कजन्न खामोश हुए।।
सिािीबिन्सेमुलाक़ात
कफर् मैंने इब्बल्तजा िी कि किसी एि सहाबी से मुलाक़ात िर्ा
सितेहैं?
अब्दुल समद साहब ने िहा मैं िोकशश िरू
ँ गा। एि हफ्ता
बाद ज़ोहर् के बाद अब्दुल समद साहब ने कफर् मुलाक़ात ि
े
कलए मुझे बुलाया मैं सीधे मब्बिदे अल्तमश (यानी ढाई कदन िा
झो ड़ा)में हुुंचातोउन्होुंने िहाआजर्ातजहाँ आ क़ायमहैं
वहाँ हज़र्त मुहीन इब्नुल इब्र आने वाले हैं क्योुंकि मैंने आ िी
सोच और् मोहब्बते र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व
सल्लम ि
े खाकतर् उनिो बे कमसाली और् सही इस्लाम जानने
िीतड़ बयानकियातोवहकमलनेिोतैयार्होगएहैंऔर्
22
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
आज र्ात वक़्ते तहज्जुद वह आने वाले हैं। मैं बहुत खुश हुआ
और् बेताबी से इुंतज़ार् िर्ने लगा अल्लाह ताला ि
े फ़ज़्ल से
सर्िार्े मदीना िी र्हमत से से ख़्वाजा--ए--ख्वाजगाुं शाहे
कहुंदुस्तानहज़र्तख़्वाजामुईनुद्दीनहसनकचश्तीर्हमतुल्लाकह
अलैकह ि
े फ
ै ज़ से इुंतज़ार् िा वक़्त ित्म हुआ | वक़्ते तहज्जुद
उनिीआमदहुईऔर्कफर्मेर्ीमुलाक़ातमुहीनइब्नुल इब्रसे
िर्ाई | (यहवहीसहाबीकजन्नथे।)
मैंने सलाम किया उस वक़्त उनिी उम्र दो हज़ार् साठ (2060)
साल थी। कफर् उनसे बहुत सार्े सवालात किया और् उन्होुंने
िहा जाओ अल्लाह ताला अ ने हबीब (स.) ि
े सदक़
े दीन िा
बड़ा िाम लेगा। इस िाम में क़ौमे कजन्नात आ ि
े साथ हैं यह
िहिर्वा सचले गए।और्कफर्जोि
ु छमैं उनि
े किताबसे
ढ़ा और् सुना मैंने कलखा और् किताबी शक्ल देिर् मैंने अ ने
इश्क़िीमेर्ाज ाई।इश्क़
े नबीमें |
23
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
िसीित
इस किताब िी बातें आ िो बेहतर् लगे तो मान लें वर्ना इसे
झुठलानेिीगलतीनािर्ें।
झुठलाने िी वजह से अुंजाने में गुमर्ाही ि
े दलदल में फ
ुं स िर्
बबारद ना हो जाएुं | इस किताब में हज़र्त मोहम्मद (स.) िी
बेकमसालीऔर्उनिीज़ातसे र्ोनुमाहोनेवालीसच्चाईिो ेश
िी गई है। इस किताब र् अमल िर्ने वाले िा दीन इस्लाम
होगा, वह मुस्लमान होुंगे, इश्क़
े र्सूल (स.) उनिी हचान
होगी। मेर्े तमाम मुर्ीदीन े लाकज़म है कि इस किताब ि
े
कहसाब से ही अ ना अक़ीदा बनाए र्खे और् इस े ही अमल
िर्े।वर्नाआ ने जो ढ़ाहै जोजानाहै आ कजस र्क़ाएमहैं
वहीशायदआ िाईमानहै।
"
‫ن‬‫ی‬‫د‬‫ویل‬‫کم‬‫ین‬‫د‬‫کم‬‫ل‬
"o
तजुरमा:-- तुम्हार्े कलएतुम्हार्ादीनहैऔर्मेर्े कलएमेर्ादीन।।
24
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तखलीक
े आदमििूव्वतक
े साएििमतमें
ज़माना--ए--नबूव्वत में हज़र्त आदम अलैकहस्सलाम िी
तखलीि हुईहर् चीज उनिी मौजूदगी में बनाई गई कजस वक़्त
अल्लाह ताला ने नूर्े मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लमिो ि
ु न फ़र्मािर्नूर्े मोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहव
आकलही व सल्लम से रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही व सल्लम िो वजूद बख्शा और् अल्लाह ताला ने
फ़र्माया :- ऐ रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व
सल्लममुझसेिलामिर्ो ?
तो सबसे हले रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम ने "ला इलाहा इल्लल्लाह" िलाम
फ़र्माया। कफर् अल्लाह ताला ने जवाबन
“मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम” फ़र्माया उसी वक़्त मुंसबे नबूव्वत से सर्फर्ाज़
हुए अब उनिी नबूव्वत में वजूद रूहे अली, फाकतमा, हसन
25
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
व हुसैन अलैकहमुस्सलाम िा ज़हूर् हुआ और् उस िकलमा
िा कवदर किया कफर् नूर्े मोहम्मद से आलमे अवारह िा
वजूद हुआ। तमाम अर्वाह से र्ब मुिाकतब हुआ "अलस्तु
कबर्ब्बब्बि
ु म" क्या मैं तुम सबिा र्ब नहीुं हूँ, क़ालू रूहोुं ने
िहा बला क्योुं नहीुं | कफर् र्ब ने रूहोुं से फर्माया यह मेर्े
महबूब हैं, तुम सबिो इनि
े कलए तखलीि किया हूँ और्
मेर्े महबूब िो मेर्े कलए बनाया हूँ | तो रूहोुं ने इक़र्ार्
किया "अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अशहदु अन्ना
मोहम्मदन अब्दुहू व र्सूलुहू" यहाँ एलाने नबूव्वत व
रर्सालत होगी। गोया उन्हीुं िी नबूव्वत में उन्हीुं ि
े नूर् से
सत्तर्ह हज़ार् नौ सौ कनन्नानवे (17,999) मखलूक़ात िी
तखलीि मुिम्मल हो गई | मगर् िोई नबी-ए-िर्ीम
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम िी नयाबत ि
े कलए
खुद सुंवार् िर् इस मुंसब ि
े लाएि नहीुं ेश किया तब र्ब
ने आिर्ी मखलूि इसी गज़र से तखलीि िर्ने िा हुक्म
26
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
कदया कि ज़मीन र् नायब बनाने जा र्हा हूँ। यानी नायबे
नबी-ए-िर्ीम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम |
अल्लाह ताला ि
े महबूब सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लम िा फर्मान है मैं उस वक़्त भी नबी था जब
आदम िा खमीर्ा तैयार् किया जा र्हा था।
कलहाज़ा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व
सल्लम नबूव्वत व रर्सालत ि
े जाहो जलाल ि
े साथ जलवा
अफ़र्ोज़ थे | उन्हीुं िी मौजूदगी में ि
ु ल िायनत िी
तखलीि हुई | जसदे आदम अलैकहस्सलाम में ाुंच जलवा
ुंजतन िा मौजूद हुआ। रूह अम्र (हुक्मे र्ब है) और् अम्र
(हुक्म) ही ुंजतन हैं और् इसिी जानिार्ी अल्लाह ताला
बहुत िम कदया है।
27
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तमामबचिागइसीबचिागसेिौशििैं।
तमाम कचर्ागे नबूव्वत व रर्सालत हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही व सल्लम ि
े कचर्ागे नूर् से ही र्ौशन हुए हैं |
गोया आ ि
े कजस्म िा वजूद सबसे आब्बखर् में है | आ दर्
हिीित हले से ही मौजूद हैं। हज़र्त मोहम्मद (स.) ि
े
फर्मान:-
"
‫والطی‬‫الماء‬‫بی‬‫وآدم‬‫نبیا‬‫کنت‬
"o
िा यही मफ़हूम है। जबकि दीगर् अुंकबया-ए--िर्ाम
अलैकहमुस्सलाम िो नबूव्वत तब ही कमली जब उन्हें मबऊस
कियागया।नेज़अल्लाहतालािाफर्मानहै:--
ٍ‫اب‬َ‫ت‬ِ‫ک‬ ْ‫ن‬َِ‫م‬ ْ‫ُم‬‫ک‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ت‬‫آ‬‫ا‬َ‫َم‬‫ل‬ َ‫ی‬َِ‫ی‬ِ‫ب‬ََ‫ن‬‫ال‬ َ‫َاق‬‫ث‬‫ی‬ِ‫م‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ َ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫أ‬ْ‫ذ‬ِ‫إ‬َ‫و‬
ٌ‫ول‬ُ‫س‬َ‫ر‬ ْ‫ُم‬‫ک‬ َ‫ء‬‫ا‬َ‫ج‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ ٍ‫ة‬َ‫ْم‬‫ک‬ِ‫ح‬ََ‫و‬
ْ‫ُم‬‫ک‬ِ‫ل‬ٰ‫ذ‬ ٰ
‫َٰل‬‫ع‬ ْ‫ُم‬‫ت‬ْ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫أ‬َ‫و‬ ْ‫ُم‬‫ت‬ْ‫ر‬َ‫ر‬ْ‫ق‬َ‫أ‬َ‫أ‬ َ‫َال‬‫ق‬ ،‫ہ‬ََ‫ن‬ُ‫ر‬ ُ‫ص‬ْ‫ن‬َ‫ت‬َ‫ل‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ب‬ ََ‫ُن‬‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ت‬َ‫ل‬ ْ‫ُم‬‫ک‬َ‫ع‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫م‬َِ‫ل‬ ٌ‫ق‬َِ‫د‬ َ‫ص‬َُ‫م‬
َ‫ن‬‫ی‬ِ‫د‬ِ‫اہ‬ ََ‫الش‬ َ‫ن‬َِ‫م‬ ْ‫ُم‬‫ک‬َ‫ع‬َ‫م‬‫َا‬‫ن‬َ‫أ‬َ‫و‬‫وا‬ُ‫د‬َ‫ہ‬ْ‫اش‬َ‫ف‬ َ‫َال‬‫ق‬‫َا‬‫ن‬ْ‫ر‬َ‫ر‬ْ‫ق‬َ‫أ‬‫ُوا‬‫ل‬‫َا‬‫ق‬‫ي‬ِ‫ر‬ ْ‫ص‬ِ‫إ‬
)०
‫عمران‬‫آل‬‫سورۃ‬
(
तजुरमा :-- याद है कि जब अल्लाह ताला ने तमाम अुंकबया-ए-
िर्ाम अलैकहमुस्सलाम से ुख्ता अहद कलया कि तुम्हे किताब
वकहिमतदे देनेि
े बादमेर्े र्सूल(स.) तशर्ीफ़लेआएुं तोउन
28
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
र् ईमान ज़रूर् लाइयेगा और् उनिी नुसर्त िीकजएगा। क्या
आ यहवादािर्तेहैं ?
सबने िहा जी हम वादा िर्ते हैं। ुख्ता वादा? जी हाँ ुख्ता
वादा।
अल्लाह ताला ने फ़र्माया कि साथ आ भी गवाह र्हना। यह
बात तो तै है कि अर्वाह िो अजसाद से हले ैदा किया गया
था। कलहाज़ा (ि
ुुं तो नकबय्यन) में आ (स.) िी रूह और्
हिीित िी तर्फ इशार्ा है | हिाएि ति हमार्ी अक़्ल िी
र्साई नहीुंहै उन्हें अल्लाह ही जानता है या वह कजसे नूर्े र्ब िी
ताएद हाकसल हो, दू सर्े यहकि अल्लाह कजस हिीित िो जब
चाहता है ज़ाकहर् िर् देता है। नबी--ए--िर्ीम (स.)िी हिीित
हज़र्त आदम (अ.) िी तखलीि से भी हले मौजूद थी। यह
हिीित कजस्म िी सूर्त में ज़ाकहर् हुई तो उसे वस्फ
े नबूव्वत
उम्मत र्ज़ाकहर्हुए। सआ (स.)िीनबूव्वतज़ाकहर्हुई।
)
‫ا‬ًَ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ُ
‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬
(
ْ
‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ک‬ ،‫َہ‬‫ت‬ََ‫و‬ُ‫ب‬ُ‫ن‬ ََ‫ن‬َ‫أ‬ ٰ
‫یل‬ِ‫إ‬ ٌ‫ۃ‬َ‫ار‬َ‫ش‬ِ‫إ‬‫ا‬ً‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ْ‫و‬َ‫م‬ ُ
‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬ َ
‫ال‬ََ‫و‬ ‫ًا‬‫ن‬‫ا‬ َ‫ْس‬‫ن‬ِ‫إ‬ ُ
‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬: ْ‫ل‬ُ‫ق‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬
‫َی‬‫ہ‬َ‫ت‬ْ‫ن‬‫ا‬ ‫َا‬َ‫َم‬‫ل‬َ‫ف‬ ِ‫ۃ‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ہ‬ ََ‫الش‬ ِ‫َم‬‫ل‬‫ا‬َ‫ع‬ َ‫ون‬ُ‫د‬ ِ‫ب‬ْ‫ی‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫َم‬‫ل‬‫ا‬َ‫ع‬ ِ
‫ِف‬ ِ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ ِ‫ل‬ََ‫و‬َ‫أ‬ ِ
‫ِف‬ ً‫ۃ‬َ‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ْ‫و‬َ‫م‬
ِ‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ُ‫و‬ ٰ
‫یل‬ِ‫إ‬ ِ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ
‫اال‬ِ‫ب‬ ُ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬
ِ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬ َ‫ل‬َ‫ق‬َ‫ت‬ْ‫ن‬‫ا‬ِ‫ہ‬ِ‫ب‬ ِ
‫وح‬َُ‫الر‬ ِ‫اط‬َ‫ب‬ِ‫ت‬ْ‫ار‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ج‬
29
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
‫ا‬ً‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ ،‫َہ‬‫ل‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫َان‬‫ک‬َ‫ف‬ ‫ا‬ً‫وح‬ُ‫ر‬ََ‫و‬ ‫ا‬ً‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ج‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫ذ‬ِ‫ب‬ َ‫ر‬َ‫ہ‬َ‫ظ‬َ‫ف‬ ِ‫ر‬ِ‫اہ‬ ََ‫الظ‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ
‫اال‬ َ
‫یل‬ِ‫إ‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ی‬َ‫ر‬َ‫ج‬ ِ
‫ِف‬
ُ‫س‬َُ‫الر‬َ‫و‬ ِ‫ء‬‫ا‬َ‫ی‬ِ‫ْب‬‫ن‬َ‫ْـأ‬‫ل‬‫ا‬ ‫ي‬ِ‫د‬ْ‫ی‬َ‫أ‬ ٰ
‫َٰل‬‫ع‬ ِ‫ع‬ِ‫ئ‬‫ا‬َ‫ر‬ ََ‫الش‬ َ‫ِن‬‫م‬ َ‫ر‬َ‫ہ‬َ‫ظ‬ ‫ا‬َ‫م‬ َِ‫ل‬ُ‫ک‬ ِ
‫ِف‬ْ‫و‬َ‫أ‬
،‫َہ‬‫ل‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ار‬ َ‫ص‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ ِ‫ل‬
ِ
‫ف‬ َ
‫َل‬ِ‫ت‬ْ‫خ‬‫ا‬ ِ‫ان‬َ‫ی‬َ‫ب‬ِ‫ل‬ ِ‫ر‬ِ‫اہ‬ ََ‫الظ‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ
‫اال‬ ِ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬ِ‫ب‬ ُ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ْ‫س‬ ِ
‫اال‬ُ‫ہ‬َ‫ز‬َ‫ر‬ْ‫ب‬َ‫أ‬ ٍ‫ع‬ْ‫ر‬َ‫ش‬ َُ‫ل‬ُ‫ک‬ َ‫خ‬ ِ‫ُس‬‫ن‬َ‫ف‬‫ا‬ً‫ر‬ِ‫اہ‬َ‫ظ‬
‫ا‬ ً‫د‬ِ‫ح‬‫ا‬َ‫و‬ُ‫ع‬ْ‫ر‬ ََ‫الش‬ َ‫َان‬‫ک‬ ْ‫ن‬ِ‫إ‬َ‫و‬ ِ ْ
‫ی‬َ‫م‬ْ‫س‬ ِ
‫اال‬ ِ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬
.o
‘
‫ا‬ًَ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ُ
‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬
’मैंनबीथा।
यह नहीुं िहा कि मैं इुंसानी वजूद में ढल गया था बब्बि
यह इस बात िी तर्फ इशार्ा है कि आ िी नबूव्वत
आलमे गैब में कज़न्दगी कि तखलीि से िब्ल ही मौजूद थी।
जब ज़माने िो आलमे बाकतन से आलमे कजस्म में लाया गया
और् रूह िो कजस्म से मुुंसकलि िर् कदया गया तो ज़माने
िा बाकतन िा ज़ाकहर् ि
े नाम से तबादला हो गया | तो आ
(स.) कजस्म वरूह ि
े साथ ज़ाकहर् हुए उससे क़ब्ल कसफ
र नूर् था
बाद में कलबासे बशर् में मबऊस हो िर् मखलूक़ात िो फ
ै ज़
हुँचाया।।
30
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
िि ििी का कलमा !
अल्लाह ताला ने सूर्ते इस्लाम और् इल्म िो अव्वल ही
तखलीि किया इसिा मतलब यह हुआ कि तमाम
अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम िा तशर्ीफ़ लाना दीने
इस्लाम िी तबलीग़ ि
े कलए हुआ और् इस्लामी तालीमात
िो अल्लाह ताला ि
े बन्दोुं ति हुुंचाना और् हज़र्त
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े आने
िी बशार्त देना ही उनिा मिसद था | उनिी उम्मत िा
िलमा उनि
े कसफाती नामोुं से होता था मगर् अुंकबया
अलैकहमुस्सलाम िा और् ि
ु ल मख्लूिात िा िलमा है “ला
इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलल्लाह” यह अलग बात है
कि ि
ु छ कजन्नोुं इुंस ने नहीुं ढ़ा तो अब िोई यह नहीुं िह
सिता कि हमार्े नबी हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह
व आकलही व सल्लम ने किसी भी नबी ि
े दीन िी ैर्वी िी
है हर् नबी हमार्े नबी हज़र्त मोहम्मद (स.) ि
े दीने इस्लाम
िा ही िाम किया है और् उनिी ैर्वी िी है | हर् नबी िा
मज़हब इस्लाम है और् हर् नबी मुसलमान है जैसा कि ि
ु छ
31
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम ि
े बार्े में अल्लाह िा
फर्मान है | हज़र्त इब्राहीम अलैकहस्सलाम ि
े बार्े में :-
‫َه‬‫ل‬ َ
‫ك‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ
‫ال‬
-
َ‫و‬
0
َ ْ
‫ی‬ِ‫م‬ِ‫ل‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫ل‬ََ‫و‬َ‫ا‬‫َا‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬ ُ‫ت‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ُ‫ا‬ َ
‫ك‬ِ‫ل‬ ٰ
‫ذ‬ِ‫ب‬
O
तजुरमा :- उसिा िोई शर्ीि नहीुं उसी िा मुझे हुक्म कदया
गया है और् मैं सबसे हला मुसलमान हूँ |
ْ‫ن‬َ‫ا‬ ُ‫ت‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ُ‫ا‬ َ‫و‬ِ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ ٰ
‫َٰل‬‫ع‬ ََ
‫ال‬ِ‫ا‬ َ‫ری‬ِ‫ج‬َ‫ا‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬ٍ‫ر‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ ْ‫ن‬ِ‫م‬ ْ‫م‬ُ‫ک‬‫ْت‬‫ل‬
َ‫أ‬َ‫س‬‫ا‬َ‫م‬َ‫ف‬ ْ‫م‬ُ‫ت‬‫ی‬ََ‫ل‬ َ‫َو‬‫ت‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬َ‫ف‬(
َ‫ی‬ِ‫م‬ِ‫ل‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ َ‫ُون‬‫ک‬َ‫ا‬
o
)‫س‬‫ن‬‫یو‬‫سورہ‬(
तजुरमा :- (नूह नबी ने अ नी उम्मत से िहा) स अगर् तुम
लोग हक़ से रू गदाां हो तो में तुमसे किसी चीज़ िा ताकलब
नहीुं हूँ (क्योुंकि) अज्र व ादाश र्ब ही ि
े कज़म्मा है और् मैं
मामूर् हूँ कि मुसलमान र्ह िर् उसि
े हुक्म ि
े सामने
सर्ा ा तस्लीम हो जाऊ
ुं |
इसकलए हम सब िो चाकहए कि खुद िो इस साुंचे में ढालें
कि हमार्ा दीन इस्लाम है और् हम मुसलमान हैं और् इश्क़
े
र्सूल हमार्ी हचान है और् मवद्दते अहलेबैत उजर्ते
ईमान है | अल्लाह हम सबिो अमल िी नेि तौफीि दे
आमीन कबजाहे सैय्यदुल मुर्सलीन ||
(मनिम्मद अिवि आलम)
32
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तखलीक
े अव्वल
बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम
ُ‫م‬ ْ‫ظ‬ََ‫ن‬‫ال‬َ‫و‬ ُ‫ل‬ْ‫َض‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ل‬ ْ‫د‬َ‫ْع‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ن‬ْ‫ز‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ٰ
‫َٰل‬‫ع‬ ُ‫م‬ َ
‫َل‬ ََ‫الس‬َ‫و‬ ُ‫ۃ‬‫و‬ٰ‫ل‬ ََ‫الص‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬َ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫و‬ِ‫ل‬ ُ‫د‬ْ‫م‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬
ِ‫م‬َ‫ز‬َ‫ْج‬‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ ُ‫م‬ ْ‫ظ‬َ‫ْع‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬
o
ٍ‫ان‬َ‫ی‬َ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ان‬َ‫م‬ْ‫ی‬‫إ‬َ‫و‬ ٍ‫َان‬‫ق‬ْ‫ت‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ن‬ َ
‫َل‬ْ‫ع‬ِ‫إ‬ِ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ان‬ َ‫ْط‬‫ل‬ ُ‫س‬ِ‫ب‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ء‬‫آ‬َ‫ی‬ِ ْ
‫ْب‬ِ‫ک‬ِ‫ب‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬
ٍ‫َان‬‫ق‬ْ‫ر‬ُ‫ف‬ ِ
‫ِف‬
o
ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ا‬ ً‫د‬َِ‫ح‬َ‫و‬ُ‫م‬ ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ
‫یک‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ
‫ال‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬
o
ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ا‬ً‫َد‬َ‫ح‬َ‫و‬َُ‫م‬
ِ‫ال‬َ‫َم‬‫ک‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ
‫ِف‬ ٍ
‫ف‬ ْ‫ص‬َ‫و‬َ‫و‬ ٍ‫ب‬ َ‫ُص‬‫ن‬َ‫و‬ٍ‫د‬َ‫د‬ُ‫ج‬َ‫و‬ٍ‫د‬َ‫د‬ُ‫م‬ َ
‫َل‬ِ‫ب‬‫ا‬ً‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬َ‫و‬‫ا‬ً‫د‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬َ‫و‬
o
َ‫ری‬ِ‫ظ‬َ‫ن‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ
‫ک‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ
‫ال‬
َ‫ل‬ َ‫َال‬‫ث‬ِ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ل‬ْ‫ث‬ِ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬
‫ہ‬
o
َ ِ
‫اِن‬َ‫د‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ِ‫ظ‬‫َا‬‫ک‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫َار‬‫ق‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ر‬ْ‫ی‬ِ‫ز‬َ‫و‬ َ
‫ال‬َ‫و‬
‫َہ‬‫ل‬ َ‫ع‬ِ‫ار‬َ‫ض‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ‫َہ‬‫ل‬
o
‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ْ‫ز‬ُ‫ع‬ َ‫و‬ْ‫ز‬ُ‫ن‬ َ‫و‬ْ‫ز‬ُ‫ج‬ َ‫و‬ْ‫س‬ُ‫ر‬ َ‫د‬ َ‫س‬َ‫ج‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫و‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫ب‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫ج‬ َ
‫ال‬َ‫و‬
o
َ
‫ب‬ْ‫ز‬َ‫ج‬ َ
‫ال‬َ‫و‬
‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ ْ‫ص‬َ‫خ‬ َ
‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ب‬ َ
‫َاب‬‫ک‬ َ
‫ب‬ْ‫ی‬َ‫ع‬ َ
‫ف‬ ْ‫ص‬َ‫و‬
o
َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫َار‬‫ق‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬
َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬َ ِ
‫اِن‬ َ‫د‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ِ‫ظ‬‫َا‬‫ک‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬
ُ‫ہ‬َ‫ل‬ َ‫ِر‬‫ظ‬‫نا‬ُ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ُ‫ہ‬َ‫ل‬َ‫ع‬ِ‫ار‬َ‫ض‬ُ‫م‬
o
‫َہ‬‫ل‬ َ
‫ک‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ
‫ال‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ ََ
‫ال‬ِ‫إ‬ َ‫ہ‬ٰ‫ل‬ِ‫إ‬ََ‫ال‬ ْ‫أن‬ ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬
o
ْ‫ن‬َ‫م‬
ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬ٰ‫ی‬ٰ‫ا‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ع‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫َا‬‫ف‬ ِ‫ص‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫ذ‬ْ ِ
‫ِف‬ ُ
‫ک‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬َُ‫ی‬
o
ِ‫م‬ ٖ‫ہ‬ ِ ْ
‫ری‬َ‫غ‬ِ‫ب‬ ُ
‫ک‬ََ َ
‫ْب‬َ‫ت‬َ‫ی‬ ْ‫و‬َ‫أ‬
ٍَ ِ
‫ق‬َ‫ت‬َ‫و‬ ٍَ ِ
‫یل‬َ‫و‬َ‫و‬ ٍَ ِ
‫ب‬ََ‫ن‬ ْ‫ن‬
ُ‫ال‬َ‫ب‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ان‬َ‫ر‬ ْ‫س‬ُ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ہ‬ْ‫َی‬‫ل‬َ‫ع‬َ‫ف‬ ٍ ْ
‫ری‬ِ‫َب‬‫ک‬َ‫و‬ ٍ ْ
‫ری‬ِ‫غ‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ٍ‫ل‬ْ‫ی‬ِ‫م‬َ‫ج‬َ‫و‬ ٍ ْ
‫ی‬ ِ‫س‬َ‫ح‬َ‫و‬ ٍ‫م‬ْ‫ی‬ ِ‫َس‬‫ن‬َ‫و‬ ٍَ ِ
‫ق‬َ‫ن‬َ‫و‬
o
ََ‫م‬ُ‫ث‬
‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫و‬َ‫م‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ن‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬َ‫ند‬َ‫س‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬ َ‫د‬َِ‫ی‬َ‫س‬ ََ‫ن‬َ‫ا‬ ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬
o
33
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
ْ‫ع‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ُ‫ظ‬ْ‫ن‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ُ‫د‬ْ‫خ‬َ‫م‬ ‫َا‬‫ن‬ َ‫د‬ََ‫ی‬َ‫ؤ‬ُ‫م‬
‫َا‬‫ن‬َ‫د‬‫و‬ ُ‫ْص‬‫ق‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ ُ‫ْص‬‫ق‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ ُ‫ص‬
o
ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ر‬َ‫د‬ْ‫ج‬َ‫ا‬
‫َا‬‫ن‬َ‫ر‬ْ‫ی‬ِ‫د‬َ‫ج‬
o
َ‫ل‬َ‫ْم‬‫ک‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ل‬َ‫م‬ْ‫ج‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ َ‫س‬ْ‫ح‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ف‬َ‫ر‬ْ‫ش‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫م‬ َ‫ظ‬ْ‫ع‬َ‫أ‬
ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬
o
َ‫ی‬‫َا‬‫ک‬ِ‫ح‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ی‬َ‫ال‬ِ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ۃ‬َ‫ار‬َ‫د‬ ََ‫الس‬َ‫و‬ ِ‫ن‬ ْ
‫س‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬
ِ‫ة‬َ‫ی‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ع‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ة‬
ِ‫ة‬َ‫م‬‫ا‬َ‫م‬ِ ْ
‫اال‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬َ ْ
‫اال‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ی‬‫ا‬َ‫د‬ِ‫ْہ‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬
o
‫َا‬‫ن‬َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫ق‬َ‫ف‬ْ‫ر‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫َا‬‫ن‬ ْ‫د‬َ‫ه‬ْ‫ز‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫َا‬‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ت‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫ج‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫ع‬َ‫ا‬
‫َا‬‫ن‬َ َ
‫ْْب‬‫ک‬َ‫ا‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬َ َ
‫َت‬ْ‫خ‬َ‫ا‬َ‫و‬
o
‫َہ‬‫ل‬ َ‫ل‬َ‫ْم‬‫ک‬َ‫ا‬ َ‫ل‬َ‫م‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫ق‬َ‫ث‬ْ‫و‬َ‫ا‬ َ‫ل‬َ‫ف‬ ْ‫ط‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫د‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ا‬
o
ََ‫م‬ُ‫ث‬
ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬
‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ر‬ُ‫ف‬ ِ َِ
‫ی‬َ‫ب‬ُ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ا‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬َََ‫ز‬َ‫ن‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬َ‫د‬َ‫ج‬ َ‫ب‬ْ‫و‬ُ‫ب‬ْ‫ح‬َ‫م‬ ‫َا‬‫ن‬ِ‫د‬َ‫م‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ََ‫ب‬َ‫ر‬ َ‫ب‬ْ‫ی‬ِ‫ب‬َ‫ح‬ ََ‫ن‬َ‫ا‬
‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ر‬ ْ‫د‬ُ‫ج‬ ِ‫ق‬َ‫ن‬ْ‫و‬َ‫ر‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬ْ‫ی‬ِ‫ب‬َ‫س‬ ْ‫ی‬ِ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬
o
ِ‫ة‬َ‫ن‬ َ‫س‬َ‫ح‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ْ‫س‬ُ‫ا‬ ٌ‫ة‬َ‫ب‬ْ‫ت‬ُ‫ر‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ ْ‫ُد‬‫ق‬ ٌ‫ة‬َ‫م‬ ْ‫ظ‬َُ‫ن‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ ْ‫د‬ُ‫ع‬ َ‫و‬ُ‫ه‬
o
َ‫ر‬ِ‫ه‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ہ‬ِ‫ل‬ِ‫ء‬َ‫ال‬َ‫د‬ِ‫ب‬َ‫و‬
ِ‫ة‬َ‫ل‬ْ‫َی‬‫ل‬ ِ
‫ِف‬ ‫ی‬ٰ‫ہ‬َ‫ت‬‫ن‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ ْ‫د‬ِ‫س‬ ٰ
‫یل‬ِ‫إ‬ َ‫د‬ِ‫ع‬َ‫س‬ ِ‫ة‬َ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ِ‫ه‬‫ا‬ ََ‫ِالظ‬‫ة‬َ‫ب‬ِ‫ل‬‫ا‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬
َٰ
‫یل‬ َ‫د‬َ‫ت‬َ‫ف‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ٰ‫یج‬ َُ‫الد‬ َ
‫ف‬ َ‫َش‬‫ک‬ ِ
‫اج‬َ‫ر‬ْ‫ع‬ِ‫م‬ْ‫ل‬‫ا‬
o
ٰ‫ِن‬ْ‫د‬َ‫أ‬ ْ‫و‬َ‫أ‬ ِ ْ
‫ی‬َ‫س‬ْ‫َو‬‫ق‬ َ‫َاب‬‫ق‬ َ‫َان‬‫ک‬َ‫ف‬
o
ِ‫ج‬ََ‫الر‬ ِ‫ن‬ٰ‫ط‬ْ‫ی‬ ََ‫لش‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬ ِ‫هلل‬‫ا‬ِ‫ب‬ُ‫ذ‬‫و‬ُ‫ع‬َ‫فا‬ . ‫بعد‬‫اما‬
ِ‫م‬ْ‫ی‬
o
ِ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬ََ‫الر‬ ِ‫ن‬ٰ‫م‬ْ‫ح‬ََ‫الر‬ِ َٰ
‫اّلل‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬
o
ٌ‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬ ُ َٰ
‫اّلل‬ َ‫و‬ُ‫ه‬ ْ‫ل‬ُ‫ق‬
o
ُ‫د‬َ‫م‬ ََ‫الص‬ ُ َٰ
‫ّلل‬َ‫ا‬
o
ْ‫َد‬‫ل‬ْ‫و‬ُ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫و‬ ْ‫د‬ِ‫ل‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬
o
ٌ‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬‫ا‬ً‫ُو‬‫ف‬ُ‫ك‬‫ه‬ََ‫ل‬ ْ‫ن‬ُ‫ك‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫و‬
o
तजुरमा :-- तुम फर्माओ वह अल्लाह है वह अहद है अल्लाह
बेकनयाज़ है ना उसिी िोई औलाद और् ना वह किसी से ैदा
हुआऔर्नाउसि
े जोड़िािोई।।
34
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
उसज़ातअहदि
े कसवाि
ु छनाथाकफर्उसज़ातेअहदने मीम
ि
े र्दे में खुद िो ोशीदा र्खा खुद ि
े नूर् िो ज़ाते अहमद में
लािर्मज़हर्े ज़ातेअल्लाह हुआ।
ْ‫ی‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ َ‫ق‬َ‫ل‬َ‫خ‬‫ا‬َ‫م‬ ُ‫ل‬ََ‫و‬َ‫ا‬
०
तजुरमा:-सबसे हलेअल्लाहनेमेर्े नूर्िोखिकिया।।
ْ‫ی‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ْ‫ِن‬َ‫م‬ ِ‫ق‬ِ‫ئ‬ َ
‫َل‬َ‫خ‬ ََ‫ل‬ُ‫ک‬َ‫و‬
०
तजुरमा:-और्ि
ु लमखलूिातमेर्े नूर्सेतख्लीि ाईुंहैं।।
‫اهلل‬ِ‫ر‬ْ‫و‬َُ‫ن‬ ْ‫ِن‬‫م‬‫َا‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬
०
तजुरमा:-और्मैंअल्लाहिानूर्हूुं।।
ِ
‫ض‬ْ‫َر‬ ْ
‫اال‬ َ‫و‬ ِ‫ت‬ٰ‫و‬ٰ‫م‬ ََ‫الس‬ ُ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬
-
ٍ‫ۃ‬‫ٰو‬‫ك‬ ْ‫ش‬ِ‫م‬َ‫ك‬ٖ‫ه‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ُ‫ل‬َ‫ث‬َ‫م‬
ٌ‫اح‬َ‫ب‬ ْ‫ص‬ِ‫م‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ی‬ِ‫ف‬
-
ٍ‫ة‬َ‫اج‬َ‫ج‬ُ‫ز‬ْ ِ
‫ِف‬ ُ‫اح‬َ‫ب‬ ْ‫ص‬ِ‫م‬ْ‫ل‬َ‫ا‬
-
َ
‫ال‬ ََ‫و‬ ٍ‫ة‬ََ‫ی‬ِ‫ق‬ْ‫ر‬َ‫ش‬ ََ
‫ال‬ ٍ‫ة‬َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ز‬ ٍ‫ة‬َ‫ك‬َ ٰ
‫ْب‬َُ‫م‬ ٍ‫ۃ‬َ‫ر‬َ‫ج‬َ‫ش‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ُ‫َد‬‫ق‬ْ‫و‬َُ‫ی‬ ٌَ‫ی‬َِ‫ر‬ُ‫د‬ ٌ‫َب‬‫ك‬ْ‫َو‬‫ك‬ ‫ا‬َ‫ه‬ََ‫ن‬َ‫َا‬‫ک‬ ُ‫ة‬َ‫اج‬َ‫ج‬َُ‫ز‬‫ل‬َ‫ا‬
ٍ‫ة‬ََ‫ی‬ِ‫ب‬ْ‫َر‬‫غ‬
-
ٌ‫َار‬‫ن‬ ُ‫ه‬ ْ
‫س‬ َ‫س‬ْ‫َم‬‫ت‬ ْ‫َم‬‫ل‬ ْ‫َو‬‫ل‬ َ‫و‬ ُ‫ء‬ْْٓ ِ
‫ُض‬‫ی‬‫ا‬َ‫ه‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ز‬ُ‫د‬‫َا‬‫ک‬ََ‫ی‬
-
ٰ
‫َٰل‬‫ع‬ ٌ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬
ٖ‫ه‬ِ‫ر‬ْ‫و‬ُ‫ن‬ِ‫ل‬ ُ َٰ
‫اّلل‬‫ی‬ِ‫د‬ْ‫ه‬َ‫ی‬ ٍ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬
ُ‫ء‬‫آ‬ َ‫ش‬ََ‫ی‬ ْ‫ن‬َ‫م‬
-
ِ
‫اس‬ََ‫ن‬‫ل‬ِ‫ل‬ َ‫َال‬‫ث‬ْ‫م‬َ ْ
‫اال‬ ُ َٰ
‫اّلل‬ ُ‫ب‬ِ‫ر‬ْ‫ض‬َ‫ی‬َ‫و‬
-
ٌ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫ع‬ ٍ‫ء‬ْ َ
‫َش‬ َِ‫ل‬ُ‫ک‬ِ‫ب‬ ُ َٰ
‫اّلل‬ َ‫و‬
o
35
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
तजुरमा:--अल्लाहनूर्हैआसमानोुंऔर्ज़मीनिाउसि
े नूर्िी
कमसाल ऐसी है जैसे एि ताि कि उसमें कचर्ाग़ है वह कचर्ाग
एिफानूसमें है,गोयाएिकसतार्ा है,मोतीसाचमितार्ौशन
होता है, बर्ित वाले ेड़ ज़ैतून से जो ना ूर्ब (मकिक़) िा ना
किम (मग़रर्ब) िा क़र्ीब है कि उसिा तेल भड़ि उठे ।
अगर्चे उसे आग ना छु ए नूर् र् नूर् है । अल्लाह अ ने नूर् िी
र्ाह बताता है कजसे चाहता है और् अल्लाह कमसालें बयान
फर्माताहैलोगोुंि
े कलएऔर्अल्लाहसबि
ु छजानताहै।
यही वजह है कि कमट्टी, ानी, हवा और् आग से बने फानूस में
मौजूद रूह नूरुल्लाह है उसिो ‫نور‬ ‫العلم‬ ،‫نور‬ ‫االیمان‬ से र्ौशन
र्खनेि
े कलएआमालेस्वालेहािातेलज़ैतूनडालना ड़ेगाऔर्
उस फानूस ि
े शीशा िो तमाम बुर्ाइयोुं और् गुमर्ाकहयोुं से
साफ़ोशफ्फाफर्खना ड़ेगा।
‫ربه‬‫عرف‬‫فقد‬‫نفسه‬‫عرف‬‫ن‬‫م‬
०
तजुरमा :-- जो खुद िो हचानता है वह अ ने र्ब िो हचान
लेताहै।
अबगौर्सेउसज़ातिोऔर्उसिीकिलक़तिोयानीखुद
िोजाकनए।
36
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
अल्लाि
लफ्ज़े अल्लाह मे चार् हुरूफ़ है :-
“अकलफ़” से अव्वल में |
“लाम” से ला-मिाुं |
“लाम” लौहे महफ
ू ज़ में |
“हे” से हर् चीज़ िा बयान दजर हुआ |
वह ज़ात वाकहद किसी िा मोहताज नहीुं बब्बि हर् चीज़
उसि
े मोहताज हैं :- मसलन .....................................
लफ्ज़े “अल्लाह” ही िो जानो कि “अल्लाहु नूरुस्समावाते
वल-अदर”
अगर् लफ्ज़े “अल्लाह” से “अकलफ़” हट जाए तो भी िोई
फक़
र नहीुं ड़ता “कलल्लाकह मुि
ु स्समावाते वल अदर”
और् अगर् एि “लाम” हटा दें तो भी िोई फक़
र नहीुं ड़ता
“लहुल मुि
ु वला-हुल हम्दु वहुआ अला ि
ु ल्ली शैइन
क़दीर्”
और् दू सर्ा “लाम” भी हट जाए तो भी िोई फक़
र नहीुं
ड़ता |
َ‫و‬ُ‫ه‬ ََ
‫ال‬ِ‫ا‬َ‫ه‬ٰ‫ل‬ِ‫ا‬ۤ َ
‫ال‬ ْ‫ی‬ِ‫ذ‬ََ‫ل‬‫ا‬ ُ َٰ
‫اّلل‬ َ‫و‬ُ‫ه‬
-
ِ‫ۃ‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬ ََ‫الش‬ َ‫و‬ ِ‫ب‬ْ‫ی‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ِ‫ل‬ٰ‫ع‬
-
ُ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬ََ‫الر‬ ُ‫ن‬ٰ‫م‬ْ‫ح‬ََ‫الر‬ َ‫و‬ُ‫ه‬
o
वह ज़ात बहुत अज़ीम है और् वह “हू” है |
37
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
“हू”
38
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
अल्लाि
अल्लाहिीज़ाति
े ज़हूर्ि
े र्ाज़िोफाशिर्नेिीइजाज़त
नहीुं।
‫اهلل‬‫ذات‬‫ن‬‫م‬‫تفکروا‬‫وال‬
.o
तजुरमा:--अल्लाहतालािीज़ातमेंगौर्वकफ़क्रमतिर्ो।
कलहाज़ा इस बहस िी तर्फ ना जािर् अब नूर्े मोहम्मदी
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा खुलासा मुलाकहज़ा
िर्ें।
39
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
िूिकाियाि
َ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ِ‫ء‬‫ا‬َ‫ی‬ْ‫ش‬َ ْ
‫اْل‬ َ‫ل‬ْ‫ب‬َ‫ق‬ َ‫ق‬َ‫ل‬َ‫خ‬ ْ‫َد‬‫ق‬ َ
‫ایل‬َ‫َع‬‫ت‬ ‫اهلل‬ ََ‫ن‬ِ‫إ‬
َ‫ر‬ْ‫و‬َُ‫ن‬‫ال‬ َ
‫ِک‬‫ل‬َ‫ذ‬ َ‫ل‬َ‫ع‬َ‫َج‬‫ف‬ ،ِ‫ہ‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ْ‫ِن‬‫م‬ َ
‫ک‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬
َ
‫ال‬َ‫و‬، ٌ‫َم‬‫ل‬َ‫ق‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ٌ‫ح‬ْ‫َو‬‫ل‬ ِ‫ْت‬‫ق‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬ َ
‫ِک‬‫ل‬َ‫ذ‬ ِ
‫ِف‬ ْ‫ن‬ُ‫ک‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬َ‫و‬، َ
‫ایل‬َ‫َع‬‫ت‬‫اهلل‬ َ‫ء‬‫ا‬َ‫ش‬ ُ‫ث‬ْ‫ی‬َ‫ح‬ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ ْ‫ُد‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ ُ‫ر‬ْ‫و‬ُ‫د‬َ‫ی‬
َ‫و‬ ،ٌ‫ر‬َ‫َم‬‫ق‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ٌ
‫س‬ْ‫م‬َ‫ش‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ٌ
‫ض‬ْ‫ر‬َ‫أ‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ،ٌ‫ء‬‫ا‬َ‫م‬َ‫س‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ٌ
‫َک‬‫ل‬َ‫م‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ،ٌ‫َار‬‫ن‬ َ
‫ال‬َ‫و‬ ٌ‫ة‬ََ‫ن‬َ‫ج‬
َ
‫ال‬َ‫و‬ ،ٌَ َِ
‫ن‬ِ‫ج‬ َ
‫ال‬
ٌَ ِ
‫س‬ْ‫ن‬ِ‫إ‬
o
खुलासा :-- अल्लाह ताला ने तमाम मखलूक़ात िो तखलीि
िर्ने से हले हमार्े नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम िा नूर् अ ने नूर् ि
े फ
ै ज़ से ैदा फ़र्माया।
यह नूर् अल्लाह ताला िी मशीय्यत से जहाँ उसने चाहा सैर्
िर्ता र्हा। उस वक़्त ना लौह थी, ना क़लम, ना जन्नत थी, ना
दोज़ख, ना िोई कफरर्श्ता था, ना आसमान था, ना ज़मीन, ना
सूर्जथा,नाचाँद,ना कजन्नथेऔर्नाइुंसान।।
अल्लाह ताला िी मशीय्यत कि मैंने अ नी क़
ु दर्त ज़हूर् में
लाऊ
ँ ।। स इर्ादा-ए--हक़्क़
ु ल यक़ीन में अल्लाह ताला ने
सबसे हले रूहे ाि हुज़ूर्े अनवर् सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलहीवसल्लमि
े नूर्े ाििोअ नेनूर्े िाससेज़हूर्में
40
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
लाया और् खुद ही उस नूर्े मुक़द्दस ि
े आईने मोहब्बत में
मुशाकहदा िर्तार्हा।
यानी खुद िा जलवा खुद कनहार्ता र्हा। अ ने ही नूर् र् आ
शैदा होिर्। हक़ ताला ने ज़बाने क़
ु दर्त से फ़र्माया ऐ मेर्े
हबीब सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मुझसे हम
िलाम हो उस वक़्त वह नूर्े ाि वजूद में आया और् उस ज़ात
िा नाम कलया (जो भी उसिी ज़बान थी।) कजसिा अर्बी
तजुरमा है :- याअल्लाह !
स नाम इस्मे ज़ात अल्लाह हक़ ताला िा उस नूर् से ज़ाकहर्
हुआ। नूर्े अल्लाह ही ज़ाते मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलहीवसल्लमहैं।
दो लाख सत्तर् हज़ार् (2,70,000) साल वह नूर् अल्लाह ि
े
वजूद ि
े कज़क्रमें मशगूलर्हाऔर्हक़तालाने उन र्कनगाह
र्खी। (यहकगनतीकसफ
र समझाने ि
े कलएहै | यानीइतनीमुद्दत
ि
े बर्ाबर्) उसि
े बाद हक़ ताला ने अज़ रूए लुत्फ़ो िर्म ि
े
फर्माया ि
ु न (हो जा) कि ऐ नूर्े मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसल्लमहोजा।
“फ़याि
ु न” स वह नूर्े मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही
वसलल्लमरूहिीतर्फमुुंतकिलहोगया।
41
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
हज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमिानूर्
ाि जब अल्लाह ताला ने अ ने ही नूर् िो अ ने नूर् से वजूद
बख्शा।(इसवक़्तदोनोुंज़ातिानामनूर्है।)
वही र्बी--उल--अव्वल िहलाया | यानी हली फस्ल, हली
बहार्, (माहे र्बी-उल--अव्वल िा वजूद हुआ) और् अ ने
कसफते खाकलि िो ज़ाकहर् किया। उसी अम्र यानी हुक्म िो
रूहिहतेहैं।
ً
‫َل‬ْ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫ق‬ ََ
‫ال‬ِ‫ا‬ ِ‫ْم‬‫ل‬ِ‫ع‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬َ‫م‬ ْ‫م‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬ِ‫ت‬ْ‫و‬ُ‫ا‬‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬ْ َِ
‫ّب‬َ‫ر‬ِ‫ر‬ْ‫م‬َ‫ا‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ُ‫ح‬ْ‫و‬َُ‫الر‬ ِ‫ل‬ُ‫ق‬ ِ
‫ح‬ْ‫و‬َُ‫الر‬ ِ‫ن‬َ‫ع‬ َ
‫َک‬‫ن‬ْ‫ُو‬‫ل‬‫س‬َ‫ی‬َ‫و‬
०
तजुरमा :-- और् तुमसे रूह ि
े मुताअब्बल्लि ूछते हैं? तुम
फर्माओ :-- रूह मेर्े र्ब ि
े हुक्म से है और् (ऐ लोगोुं !) इसिा
तुम्हेबहुतथोड़ाइल्मकदयागयाहै।
हक़ ताला ने ज़बाने क़
ु दर्त से इर्शाद फर्माया कि ऐ रूहे
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मुझसे हम
िलाम हो। स रूहे मोहम्मद वजूद में आिर् िहा जो िहा
उसिा तजुरमा है "ला इलाहा इल्लल्लाह" हक़ ताला ने ज़बाने
क़
ु दर्त से जो जवाब कदया उसिा अर्बी तजुरमा "मोहम्मदुर्
र्सूलल्लाह" है | इस तर्ह "अकलफ़” “लाम” “मीम" िा वजूद
हुआ “यानी
42
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
"अकलफ़सेअव्वलिकलमातैय्यब"
"लामसेलाइलाहाइल्लल्लाह"
"मीमसेमुहम्मदुर्र्सूलल्लाह"
अव्वल िकलमा तैय्यब - ज़हूर् में आया "ला इलाहा इल्लल्लाह
मुहम्मदुर् र्सूलल्लाह" इसकलए इसिो अव्वल िकलमा िहते
हैं।और्इसिो ढ़नेवालेिोअर्बीमेंमोकमनिहतेहैं।
इस तर्ह अल्लाह ताला ने खुद अ नी कसफ़त मोकमन िो
ज़ाकहर् किया और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम मक़ामे रर्सालत र् फाएज़ हुए और् उनिी
एिकसफ़तर्सूलिाज़हूर्हुआ।
िकलमा-ए--तैय्यबा िा नूर् "मुहम्मदुर् र्सूलल्लाह" से सूर्ते
इस्लामऔर्कज़िरुल्लाहऔर्िलामुल्लाहिाज़हूर्हुआ|
और् सूर्ते इल्म और् इस्लाम ने रूहे हज़र्त मोहम्मद
सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमिो "अस्सलामु अलैिा
यारूहेमुहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम"
रूहे ाि ने जवाब कदया "वालैि
ु म अस्सलाम या इल्मे
िलामुल्लाह"
43
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने
इल्म िी क़दर् िी और् इल्म ि
े रूबरू हुए और् बोसा
कदया।
इल्म ने क़र्ार् और् सुि
ू त िड़ा और् मुताला किया रूहे
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा ||
तो अक़्ल वजूद में आई अल्लाह ताला ने रूहे मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो तीन लाख
तैतीस हज़ार् (3,33,000) साल ति अ नी क़
ु बे खास में
र्खा।
महबूब व मुकहब ि
े दर्कमयान होने वाली बातें अक़्सामे
तालीम िहलाया। इस तर्ह इल्म ने उरूज ाया।।
(यहकगनतीकसफ
र समझानेि
े कलएहै | यानीइतनीमुद्दति
े
बर्ाबर्)
इसमहबूबवमुकहबि
े दर्कमयानसेआ सल्लल्लाहु अलैकह व
आकलही वसल्लम िीकसफ़तिलीमिाज़हूर्हुआ।
इस्तेलाह में लफ्ज़े “ि
ु न” से मुर्ाद ुंजतन ाि हैं। यानी ाुंच
रूह(नफ़्स)और् ाुंचवजूदहैं।
44
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
इस वजूदे ुंजतन में अठ्ठार्ा हज़ार् (18,000) आलम समाये
हुएहैं।इसकलये ुंजतन ाििोबज़रखेि
ु बर्ाभीिहतेहैं।
रूहबा-मानाअम्रेर्बहैऔर्वहवाकहदहैमगर्वजूदमेंमक़ाम
बा-मक़ाम अ नी फज़ीलतोुंसे नाम बदलता है | तो ाुंच रूह,
ाुंचनफ़्सऔर् ाुंचवजूदिहाजाताहै।यानीहज़र्तमोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इर्शाद फर्माया
कि:--
"
‫نوری‬‫ن‬‫م‬‫َش‬‫ل‬‫ک‬‫و‬‫اهلل‬‫نور‬‫ن‬‫م‬‫انا‬
o
तजुरमा:- -मैं अल्लाह ि
े नूर्से हूँ और्तमाममखलूक़ातमेर्े नूर्
सेहैं।
चािचीज़ेंअल्लाितालािेअव्वलमेंखल्कबकया:-
‫نوری‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬
o
तजुरमा:- -सबसे हलेअल्लाहनेमेर्े नूर्िोखिकिया।
‫روح‬‫ن‬‫م‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬
o
तजुरमा:-- हलेअल्लाहनेमेर्ीरूहिोखिकिया।
45
ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
‫ل‬‫عق‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬
o
तजुरमा:- - हलेअल्लाहतालाने मेर्ी अक़्लिोखिकिया।
‫قلم‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬
o
तजुरमा:-- हलेअल्लाहतालानेक़लमिोखिकिया।
अल्लाहतालाने सबसे हले इनचार्चीज़ोुंिोनूर्,रूह,अक़्ल
और्क़लमिोवजूदमें लाया।यहचार्चीज़ें अव्वकलयतमें एि
दू सर्े से र्ाज़-दार्ाना ताल्लुक़ र्खते हैं। अल्लाह ताला िी
ज़हूरर्यतमेंभीचार्चीज़ेंहैं।
यािी
(1)हुवलअव्वलिाकज़लनूर्है।
(2)हुवलआब्बखर्िाकज़लअक़्लहै
(3)हुवलबाकतनिाकज़लरूहहै।
(4)हुवलज़ाकहर्िाकज़लक़लमहै।
इस तर्ह अल्लाह िी चार् कसफ़तें अव्वल, आब्बखर्, ज़ाकहर् व
बाकतन िा ज़हूर् हुआ और् यही हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु
अलैकह व आकलही वसल्लम ि
े भीकसफातहैं।
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  • 1. 1 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
  • 2. 2 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह
  • 3. 3 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह परिचय किताब िा नाम ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह लेखि िा नाम : क़ाज़ी उल क़ ु ज़्ज़ात मसीहे कमल्लत मोहम्मद अनवर् आलम वाकलद िा नाम :----------------------- मुहम्मद अब्बास आलम किलाफत :------------------------------------ सलाकसले अर्बा रर्हाइश :------------------- मीर्ा र्ोड मुुंबई ठाणे महार्ाष्ट्र भार्त मुक्कमल कडज़ाइन :-अल्लामा शमशाद आलम (जानशीने हुज़ूर् मसीहे कमल्लत) कहुंदी टाइक ुंग :----------------सूफी अली अिबर् (सुल्तान ुर्ी ) प्रिाशि :----दारुल उलूम फ ै ज़ाने मुस्तफा एजूि े श्नल टरस्ट ,मीर्ा र्ोड मुुंबई तबाअत : फ ै ज़ाने मुस्तफा अि े डमी,मि र ज़ुल )मर्ािीज़ बाबुल इल्म जनर्ल लाइब्रेर्ी छ ाई :------------------------ 01/01/2024
  • 4. 4 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह मुक़द्दमा अल्हम्दु कलल्लाकह र्ब्बब्बल आलमीन वस्सलातु वस्सलामु अला र्हमतुल-कलल-आलमीनवआकलकहत्तैय्यबीनवत्ताकहर्ीनअम्मा बादफअऊज़ु कबल्लाकह कमनश्शैताकनर्रजीम० बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम० ‫یسطرون‬‫وما‬‫والقلم‬‫ن‬ ० तजुरमा:- -नूर्ानी क़लमऔर्उनि े कलखेिीक़सम || जब मुझे "रूहुल अवारह कफल कहन्द हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन" िी तसनीफ िी बशार्त हुई और् मैं उस किताब िी तसनीफ ि े कलए अजमेर् शर्ीफ र्वाना हुआ | वहाुं हुुंचिर् दर्बार् शर्ीफ में हाज़र्ी दी | कफर् बशार्त ि े मुताकबक़ उनि े फज़रद हज़र्त ख़्वाजा फखरुद्दीन कचश्ती अलैकह र्हमाुं ि े दर्बार् सर्वार् शर्ीफ में हाज़र्ी दी | मुर्ाक़बा किया तो बशार्त हुई और् उस किताब िा नाम बताया गया "रूहुल अवारह कफल कहन्द हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन" कफर् मैंने अजमेर् शर्ीफ में क़याम किया और् दर्बार् शर्ीफ में हाज़र्ी देिर् अ ने ुर्ाने दोस्त अब्दुल समद कजन्न से मुलाक़ात िी इलतेजा िी तो वह भी हाकज़र् हुए और् उनिो उसिी इत्तेला दी कफर् तसनीफ िा िामशुरूकिया।दौर्ानेतसनीफ"रूहुलअवारहकफलकहन्द
  • 5. 5 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्त ख़्वाजा मुईनुद्दीन" एि र्ात शाहे कजन्नात से अजमेर् शर्ीफमेंमेर्ीकफर्मुलाक़ातहुई। बहुत देर् िी तबादला-ए--ियालात ि े बाद हज़र्त अब्दुल समद कचश्ती िहते हैं कि यहकिताब "र्हमतुल कलल कहन्द कल- मकलकिल कजन्न" यह िॉ ी है उस मुक़द्दस किताब िी जो शुरू से ही क़ौमे अकजन्ना ि े ास र्ही है उसी ि े कहसाब से कजन्नात ि े बादशाहोुं ने हुि ू मत िी है। कहदायत ि े कलए मशअले र्ाह बनाई है जो उस किताब ि े उसूलोुं से हटा वह शयातीन िहलाया। उनि े अक़्साम देव, भूत, र्ेत, खबीस, खबीसात, चुड़ैल,डाइनवगैर्हहै। यह तमाम सर्िश हुक्मर्ानोुं, जादू गार्ोुं, तुंत्र मुंत्र िर्ने वालोुं िो स ोटर िर्ते हैं | और् उनि े सर्िशी में बढ़ावा देते हैं और् उनिी सर् ि ु चलने ि े कलए अच्छे और् नेि कजन्नात इुंसान िी तिवा ि े मर्ाकतब िी बुकनयाद र् उसी कहसाब ि े कजन्नात उनिासाथदेतेहैं।साथदेनेवालेकजन्नातिोइुंसानमोअब्बक्कल िहते हैं। जबकि कजन्नात उनि े मोअब्बक्कल नहीुंबब्बि बुर्ाई िाखात्मािर्ने ि े साथीहैं | किइबादतमें कजन्नातअव्वलऔर् इुंसान खल्फ ( ीछे ) हैं। जैसा कि अल्लाह ताला िा फर्मान है कि:
  • 6. 6 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ‫اال‬‫س‬‫ن‬‫واال‬‫ن‬‫ج‬‫ل‬‫ا‬‫خلقت‬‫وما‬ ‫لیعبدون‬ ० तजुरमा :-- और् मैंने कजन्न और् इुंसान इसीकलए बनाये कि मेर्ी इबादतिर्ें।इसआयतमें दोबातोुंसे कजन्नातअव्वलीयतर्खते हैं। (1) ब्बखलितमें। (2) इबादतमें। इसीकलए नेि स्वालेह औकलया-ए-किर्ाम िा साथ देते हैं | बुर्ाई िा खात्मा िर्ने में यह कजन्नात िा भी हक़ है और् वह लोग जो लालच में दुकनया िमाने बड़ाई मार्ने और् गलत िाम िर्ने ि े कलए क़ ु र्आने िर्ीम िी ि ु छ आयात िा सहार्ा लेिर् अमल िर्ते हैं। इस किताब ि े उसूलोुं ि े मुताकबक़ उसिो सज़ाएँ दी जाती है | इसी वजह से वह गलत आमलीन ागल हो जाते हैं और् वह आम कज़न्दगी गुज़ार्ने ि े लायेक़ भी नहीुं र्हते। उस किताब िा नाम है "नून कल-मकलकिल कजन्न" मेर्े वाकलद ने िहा कि उनिो उनि े वाकलद ने दी थी।
  • 7. 7 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह यानी मेर्े दादा ने और् मेर्े दादा िो उनि े दादा ने उन्हें दी थी। यह उस ज़माने िी बात है जब हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलाम िी नबूव्वत व हुि ू मत िा दौर् शुरू हुआ तो उस किताब ि े उसूल ि े मुताकबक़ अ नी बादशाहत िो ज़म िर्ि े उनिी इताअत िर्नी थी तो कफर् उनि े वाकलद र् उतर्ने वाली मुक़द्दस किताब ज़बूर् शर्ीफ र् अमल िर्ना था तो मेर्े दादा ि े दादा आकसफ कबन बर्ब्बखया शाहे कजन्नात और् हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलाम ि े वज़ीर्े िास बनाये गए और् यह अल्लाह ताला ि े मुक़द्दस वली भी थे और् उनिी र्हबर्ी हज़र्त अहमद ब्बखज़र् अलैकहस्सलाम किया िर्ते थे और् इस किताब िा नुक़ात िा खुलासा भी िर्ते थे। कफर् हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलाम ि े कवसाल ि े बाद इस किताब ि े उसूलोुं ि े मुताकबक़ अ नी ही बादशाहत िर्नी थी और् हर् आने वाले अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम ि े तबलीगी िाम में कहस्सा भी लेना था।
  • 8. 8 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह इस तर्ह अल्लाह ताला ि े महबूब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा दौर् आया तब हमार्े कजन्नात िी एि जमात िो उन र् नज़र् र्खने र् मामूर् किया उनि े ास हमार्ी किताब िा इल्म था। जब उन 7 कजन्नातोुं ने उनसे क़ ु र्आन मजीद िी कतलावत िर्ते सुना तो ईमान लाये और् इस तर्ह क़ौमे कजन्नात ने इस्लाम क़ ु बूल किया और् तबलीगे इस्लाम शुरू किया हमार्ी ियादत ि े कलए हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम िो अल्लाह ताला ि े महबूब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने मुुंतखब किया हमार्ी किताब में उनिा नाम "एकलया" है। कफर् बहुक्मे र्सूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम हम सब उनि े हो गए और् वह हमार्े शाहे कजन्नात बन गए। हमार्ी किताब ि े उसूल ि े मुताकबक़ वह मोजेज़ाती तलवार् कजसिो अ नी मोजेज़ा से हज़र्त दाऊद अलैकहस्सलाम ने बनाई थी उसी तलवार् िो ास में र्खिर् हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलामहुि ू मतिर्तेथे|
  • 9. 9 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह और्क़ौमे कजन्नातिोउसिीिोताही र्डाटते हुएफर्माते थे किज़ुब्बल्फिार्सेटुिड़े टुिड़े िर्दूुंगा। कजन्नात थर् थर् िाँ ते थे और् कफर् किसी िाम में िोताही नहीुं कियािर्तेथे। मगर्हज़र्तसुलेमान इब्ने दाऊद अलैकहमुस्सलाम ने िभीउस तलवार्िा इस्तेमाल नहीुंफर्माया।वहफर्माते थे किइसिा इस्तेमाल िर्ने वाला अल्लाह ताला ि े घर् में ज़हूर् ज़ीर् होगा और् वह उसि े कलए बहुक्मे र्ब हज़र्त दाऊद अलैकहस्सलाम से बतौर्े मोजेज़ा तैय्यार् िर्वाई गई है। तब से हमार्ी क़ौम कजन्नात िी एि टोली िो हमेशा दो मुक़द्दस घर्ोुं िी कनगर्ानी र्मामूर्कियागया |हमसबबहुतखुशथे जबि ुुं वार्ीमरर्यम हमल से थीुं और् बैतुल मुक़द्दस में थीुं कि यह अजूबा बच्चा अल्लाहि े घर्में आने वालाहै मगर्कफर्वक़्ते कवलादतउनिी माँ बैतुल मुक़द्दस से बाहर् हो गई और् एि ेड़ ि े नीचे जन्म कलया। हम सब समझ गए कि यह वह नहीुं है | कफर् वक़्त बदलता र्हा और् आब्बखर् र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लमिाज़हूर्हुआ|
  • 10. 10 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह वहभीअ नेघर्मेंहमार्ीतलाशनामुिम्मलर्हीतबयिा-यि एि कदन उन सात कजन्नात ने िुशी िुशी शाहे कजन्नात िो खुशखबर्ी दी कि िाबतुल्लाह शर्ीफ ि े अुंदर् एि बच्चा ैदा हुआ है। शाहे कजन्नात बहुत खुश हुए और् िहा बहुत जल्द इस अमानत िो सौुं ने िा वक़्त आएगा | अब उस बच्चा र् हर् वक़्त नज़र् र्खोइसीतर्हवक़्तगुज़र्तागयाऔर्कफर्देखावहबच्चाअब बड़ा हो गया है और् अल्लाह ताला ि े महबूब हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े साथ साथ र्हता है। दावते ज़ुल-अशीर्ा में उनिो अ ना वसी फर्माया और् उनिी तबलीगी मुब्बिलात सब देखा मगर् शाहे कजन्नात िहते सब्र िर्ोअभीवक़्तनहीुंआयाहै।
  • 11. 11 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह बिन्नोंकाईमािलािा 24 र्जा-बुल मुर्ज्जब बमुताकबक़ 17 अप्रैल 616 इसवी बर्ोज़ इतवार् ताईफ ि े सफर् से वा सी र् एि जगह हज़र्त मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने मक़ामे नखला में ियाम किया | र्ात िो तहज्जुद ि े वक़्त नसीबैन ि े 7 कजन्न हसा, मसा, शासर्ा, नासर्ा, इब्नुल अर्ब, अमीन और् अह्क़ब आये यह यहूदी थे। इन्होुंने हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी कक़र्ाअत सुनी हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम जब सलाते तहज्जुद अदा िर् चुि े और् कतलावत से फ़ारर्ग हो गएतोहज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम नेबैठनेिीइजाज़तदे दीवहकजन्नातबैठगए। कफर् उस कजन्नाती कगर्ोह िा सर्दार् बोला मैं आ िो 8 कदन से बर्ाबर्देखर्हाहूँ और्जबआ सल्लल्लाहुअलैकहवआकलही व सल्लम र् ज़ुल्म हुए वह भी देखा मगर् जब आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इतने मज़ाकलम ि े बाद भी उन ताईफ वालोुं िो दुआएुं दी तो हम सब िो यक़ीन हो गया कि कजसनबीि े आने िीबशार्तक छलीकिताबोुंमें है वहकसफात आ सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लममेंमौजूदहै।
  • 12. 12 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कफर्हज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमने क़ ु र्आनमजीदिीि ु छआयातिीकतलावतफर्माई :- َ ْ ‫ی‬ِ‫م‬َ‫ل‬ٰ‫ْع‬‫ل‬َِ‫ل‬ ً‫ة‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ر‬ ََ ‫ال‬ِ‫ا‬ َ ‫ك‬ٰ‫ن‬ْ‫ل‬َ‫س‬ْ‫ر‬َ‫ا‬‫ما‬َ‫و‬ O तजुरमा :--- और् हमने तुम्हें ना भेजा मगर् र्हमत सार्े जहाुं ि े कलए। जबइसआयतिीकतलावतहुईतमामकजन्नातझूमनेलगेऔर्बे साख्ता िह उठे यक़ीनन आ "र्हमतुल-कलल-आलमीन" हैं | आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम िी कतलावत सुनिर् मूसलमान हो गए और् इस्लाम ले आए। और् वहाुं से वा स आिर् अ नी क़ौम िी तबलीग में मशगूल हो गए। कजन्नात में यह 7 अफर्ाद थे जो सबसे हले हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम र् ईमानलाएथे।इसी वाकक़यािाकज़क्रअल्लाहतालानेइसआयतमेंफर्मायाहैं:- ‫القران‬‫یستمعون‬‫ن‬‫ج‬‫ل‬‫ا‬‫ن‬‫م‬‫نفرا‬‫الیك‬‫صرفنا‬‫واذ‬ O तजुरमा:--और्जबहमनेतुम्हार्ीतर्फकजन्निीएिजमातिो भेजाि ु र्आन सुना |
  • 13. 13 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तीिसौबिन्ातकाक़ ु िूलेइस्लाम हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने मक़ामे कहजून में 25 र्जा-बुल मुर्ज्जब बमुताकबक़ 18 अप्रैल बर्ोज़सोमवार्क़ायमकिया नसीबैनि े कजन्नातिावफ्दहुज़ूर् सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी ब्बखदमत में जब नसीबैन से 7 कजन्न इस्लाम क़ ु बूल िर्ि े बतने नखला से अ नी क़ौम में वा स आए तो 300 कजन्नोुं िा वफ्द कहजून में आिर् रुिा और् अह्क़ब कजन्न ने हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह वआकलहीवसल्लम िीब्बखदमते अक़दस में सलामअज़र किया और् िहा कि हुज़ूर् हमार्ी क़ौम िा बादशाह अखज़म 300 अफर्ाद ि े साथ आ से मुलाक़ात ि े कलए कहजून में हाकजर् है। शफ े बारर्याबीअताफर्मायाजाए। हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इजाज़त दे दी वह गए और् आन ि े आन में बुला लाए। वहाँ कजन्नात आ र् ईमान लाए और् क़ ु र्आन मजीद सुनने िी ख्वाकहश ज़ाकहर् िी तो उस वक़्त आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने "तबार्िल्लज़ी" और् "सूर्ह कजन्न" ढ़ी | वह क़ ु र्आन सुनने िी ख्वाकहश में आ ि े क़र्ीब होने ि े कलए एिदू सर्े र्कगर्र्हेथे |
  • 14. 14 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कजन्नात ने अज़र किया हुज़ूर् गुस्ताखी माफ़ हो सब आ ि े आकशि हैं। आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि े साथर्हनाचाहतेहैं| आ ने फर्मायातुमलोगअ नीक़ौममें तबलीगिर्ोऔर्र्ात में आिर् तालीम ले कलया िर्ो | कफर् सभी कजन्नात आ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े साथ मक्का र्वाना हुए तवाफ े िाबा ि े कलए | (जहाँ कजन्नोुं िी एि जमाअत ने इस्लामक़ ु बूलकियाथावहाँआजभीमब्बिदे कजन्नमौजूदहैं।)
  • 15. 15 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह अमाितअमाितदािक े िवाले कफर् एि कदन क्या सुहाना मुंज़र् था कहजर्त से हले जब मजकलसे मशावर्त क़ायम िी गई और् तमाम िलमा गो िो समझाया गया कफर् हज़र्त अमीर् हमज़ा िो कहजर्त ि े एि जमाअत िा अमीर् मुुंतखब किया गया और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने खुद िी अचानि र्वानगीिीभीइत्तेलादे दी| किजबभीअल्लाहिाहुक्महोगा मुझे जाना होगा मेर्े जाने र् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम तुम्हार्े अमीर् और् क़ायद व इमाम होुंगे। हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम ि े इस मुंसब से शाहे कजन्नात अखज़म बहुत खुश हुए और् र्ात िो हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि े ास शाहे कजन्नात अखज़म और् उनि े मुशीर् हाकज़र् हुए और् एि बेहतर्ीन दर्बार्सजगया। शाहे कजन्नात अखज़म ने सलाम ेश किया और् िहा हुज़ूर् हमार्ी किताब ि े उसूल ि े मुताकबक़ हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम वाक़ई उसी मुंसब ि े लायि थे। हम सबिो उसीकदनिाइुंतेज़ार्था।
  • 16. 16 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कफर् हज़र्त कजब्राईल अलैकहस्सलाम िा नुज़ूल हुआ सलाम ेश किया और् िहा अल्लाह ताला ने सलाम ेश किया है और् कजब्राईल अलैकहस्सलाम ने सूर्ह "नून" िी वही ेश िी हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने सूर्ह "नून" िीकतलावतफर्माईशाहे कजन्नातखड़े होगएऔर्िहाहमार्ी किताब"नून"िी ताएद मेंहै यहसूर्ह| कलहाज़ा इस अमानत ि े सौुं ने िा वक़्त आ गया है। कफर् उन्होुंने वह तलवार् कनिाली हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने फर्माया यह ज़ुब्बल्फक़ार् है | यह अली िर्रमल्लाहु वझहल िर्ीम िी अमानत है | कलहाज़ा हज़र्त कजब्राईल अलैकहस्सलाम ने शाहे कजन्नात से वह ज़ुब्बल्फक़ार् अ ने हाथ में कलया और् िहा अल्लाह ताला िी यही कहिमत है। कलहाज़ा हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम िो ज़ुब्बल्फक़ार् अल्लाह ताला िा इनाम कमला। इसज़ुब्बल्फक़ार्मेंवहबातहैकियहकजन्नोुं इुंसदोनोुंिोिाटती है। इस तर्ह क़ौमे कजन्नात ि े ास अल्लाह ताला िी जो अमानत थी | वह अमानत कजन ि े कलए थी उन ति हुँच गई। कफर्उसवक़्ति े इस्लामक़ ु बूलिर्नेवालेअकजन्नामेंसेि ु छ
  • 17. 17 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम और् हज़र्त अली िर्रमल्लाहु वझहुल िर्ीम से असहाबे सुफ्फा ि े दर्कमयान मौजूद र्हिर् भी इल्म हाकसल िी और् कफर् उन तालीमातिोमहफ ू ज़किया | इसतर्हआजभीउनमें से ि ु छ कजन्नात सहाबा--ए--किर्म मौजूद हैं। वह सार्ी तालीमात िा महफ ू ज़ा और् वह किताब आज भी हमार्ी क़ौम में है। अगर् आ इुंसानोुंि े िाम आए तो अ ने अुंदाज़ में महफ ू ज़ िर् लें। इस तर्ह मैंने िमा हक़्क़हु इन तमाम चीज़ोुं िो तहर्ीर् किया और् इसिो किताबी शक्ल देिर् इसिा नाम "ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह" र्खा ताकि इस्लाम िी सही तार्ीख और् सही तालीमात से हर् िलमा गो अ ने अ ने ईमानवआमालिीइस्लाहिर्सि े ।
  • 18. 18 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह बिन्ातकामुख़्तसिशििा आकसफ कबन बर्ब्बखया िा बेटा हया उनिा बेटा अलीक़ा उनिा बेटा मुलेिा उनिा बेटा तुलेक़ा उनिा बेटा लेर्-सोमा उनिा बेटा आकलमा उनिा बेटा सुलेखा उनिा बेटा मुलेखा उनिा बेटा मलखूमा उनिा बेटा र्ाकहल उनिा बेटा जाफर् और् अिज़म उनिी बहन हनकफया से मोहम्मद कबन हनकफया।। जाफर् िा बेटा मैं अब्दुल समद यह शजर्ा हज़र्त सुलेमान अलैकहस्सलामि े वक़्तसेहै | र्ाकहलि े बादअिज़मबादशाह थे और् जाफर् कस ह सालर्। अब्दुल समद कजन्न िहते हैं कि जाफर्कजन्नि े बयानि े मुताकबक़इमामहुसैनदुश्मनेफ़ौज र् हमलािर्नेहीलगेथेकियिायिगदर बुलुंदहुईऔर्मैंहाकज़र् हुआइमामिोअदबसेसलामकिया। इमाम ने ूछा कि तुम िौन हो? मैंने िहा मैं जाफर् ज़ाकहद हूँ । शाहे मदाां िा अदना िाकदम हूुं | मुझ र् मौला-ए- िायनात िा बहुत बड़ा एहसान है | मेर्ी सार्ी फ़ौज जुंगल में तैय्यार् खड़ी है | मुझ खाकदम िो इजाज़त दीकजये ! आ ि े वाकलद ने जब बीरुल-अलम में फतह ि े बाद ईमान लाने वाले कजन्नात र् दोबार्ा हुिमर्ान बनाया था।
  • 19. 19 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उनिा नाम र्ाकहल कजन्न था। मैं उनिा बेटा हूँ | वाकलद ि े वफ़ात ि े बाद अिज़म बादशाह बना और् मैं कस ह-सालर् सब कजन्न मेर्ी फ़ौज में हैं। हुक्म िर्ें कि मैं अ नी फ़ौजें लाऊ ँ और् आ ि े दुश्मनोुं िी रूहें खीुंच लूुं। इमाम ने िहा तुम कजन्न हो यह इुंसान हैं | यह तुम्हें देख नहीुं सि ें गे और् तुम इन्हें देख देख िर् क़त्ल िर्ोगे। और् यह धोखा है | जाफ़र् कजन्न ने िहा कि बद्र में भी तो मलाइिा कदखाई ना देते थे ! इमाम बोले वह अल्लाह ि े र्ज़ा से आए थे तुम मेर्ी मोहब्बत में आए हो और् मेर्े मामले में अल्लाह ताला कि र्ज़ा यही है कि तुम यहाँ से चले जाओ | और् मैं इस जुंग में ना बचूुं। कफर् मैंने इुंसानोुं ि े रू में आिर् लड़ने िी ेशिश भी िी मेर्ी एि ना चली। कफर् मैंने िहा इजाज़त दीकजये कि अहलेबैत िो कहफाज़त से मदीना हुुंचा दूँ। फ़र्माया मुिद्दर् यही है कि मेर्े बाद यह लोग असीर् होुं और् क़ ै द िी सब्बियाुं उठाएुं । ऐ जाफर् तू लौट जा कि अब जो हाल इस मैदाने जुंग में होगा वह तुझसे देखा ना जाएगा। मैं वहाँ रुि गया और् चु चा सब ि ु छ देखता र्हा। और् मैं शहादते अली अिबर् ति मैदाने िबरला में मौजूद र्हा।
  • 20. 20 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उसि े बाद घर् वा स गया तो मेर्ी वाकलदा ने ूछा कि तुम िहाँ गए थे ? और् ि ै से वा स आए हो? तो मैंने सार्ा कक़स्सा जब अ नी माँ िो सुनाया तो माँ ने फ़ौर्न हुक्म कदया कि जाओ दौड़ो इमाम िी मदद िर्ो ! कजस तर्ह मुमकिन हो और् कफर् मै अहलो अयाल ि े साथ वा स आया | लेकिन अब शहादतें हो चुिी थीुं। जब मैंने हज़र्त िो शहीद ाया तो अ ने अयालो अतफ़ाल ि े साथ ि ू फा से शाम ति असीर्ान ि े साथ र्हा | लेकिन ि ु छ ना िर् सिा क्योुंकि हुक्म नहीुं था। मेर्े साथ मुहीन इब्नुल इब्र भी थे। अल-इब्र मुहीन ि े वाकलद अ ने क़बीला ि े सर्दार् थे और् मक्का ि े कजन्नातोुं ि े बादशाह | िहो या गवनरर्, मुहीन इब्नुल इब्र अ ने क़बीला ि े हज़ार्ोुं कजन्नात ि े कस हसालर् थे। उनिा क़बीला तबलीगे इस्लाम में लग गए और् बहुत सार्े अकजन्ना इस्लाम में दाब्बखल होते गए और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े िाम में अ नी गुलामी ेश िर्ते र्हे और् एि टोली तो खास आ ि े साथ हो कलए उस कजन्नात िी टोली िी ियादत िर्ने वाले मुहीन इब्नुल इब्र थे।
  • 21. 21 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह (मुहीन ही है जो वलीद ि े बुत में घुस िर् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िी तार्ीफ े िी और् िाकफर् कजन्न मुसकफर् िो क़त्ल िर् कदया था। ) इतना बयान िर्ि े अब्दुल समद कजन्न खामोश हुए।। सिािीबिन्सेमुलाक़ात कफर् मैंने इब्बल्तजा िी कि किसी एि सहाबी से मुलाक़ात िर्ा सितेहैं? अब्दुल समद साहब ने िहा मैं िोकशश िरू ँ गा। एि हफ्ता बाद ज़ोहर् के बाद अब्दुल समद साहब ने कफर् मुलाक़ात ि े कलए मुझे बुलाया मैं सीधे मब्बिदे अल्तमश (यानी ढाई कदन िा झो ड़ा)में हुुंचातोउन्होुंने िहाआजर्ातजहाँ आ क़ायमहैं वहाँ हज़र्त मुहीन इब्नुल इब्र आने वाले हैं क्योुंकि मैंने आ िी सोच और् मोहब्बते र्सूल सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि े खाकतर् उनिो बे कमसाली और् सही इस्लाम जानने िीतड़ बयानकियातोवहकमलनेिोतैयार्होगएहैंऔर्
  • 22. 22 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह आज र्ात वक़्ते तहज्जुद वह आने वाले हैं। मैं बहुत खुश हुआ और् बेताबी से इुंतज़ार् िर्ने लगा अल्लाह ताला ि े फ़ज़्ल से सर्िार्े मदीना िी र्हमत से से ख़्वाजा--ए--ख्वाजगाुं शाहे कहुंदुस्तानहज़र्तख़्वाजामुईनुद्दीनहसनकचश्तीर्हमतुल्लाकह अलैकह ि े फ ै ज़ से इुंतज़ार् िा वक़्त ित्म हुआ | वक़्ते तहज्जुद उनिीआमदहुईऔर्कफर्मेर्ीमुलाक़ातमुहीनइब्नुल इब्रसे िर्ाई | (यहवहीसहाबीकजन्नथे।) मैंने सलाम किया उस वक़्त उनिी उम्र दो हज़ार् साठ (2060) साल थी। कफर् उनसे बहुत सार्े सवालात किया और् उन्होुंने िहा जाओ अल्लाह ताला अ ने हबीब (स.) ि े सदक़ े दीन िा बड़ा िाम लेगा। इस िाम में क़ौमे कजन्नात आ ि े साथ हैं यह िहिर्वा सचले गए।और्कफर्जोि ु छमैं उनि े किताबसे ढ़ा और् सुना मैंने कलखा और् किताबी शक्ल देिर् मैंने अ ने इश्क़िीमेर्ाज ाई।इश्क़ े नबीमें |
  • 23. 23 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह िसीित इस किताब िी बातें आ िो बेहतर् लगे तो मान लें वर्ना इसे झुठलानेिीगलतीनािर्ें। झुठलाने िी वजह से अुंजाने में गुमर्ाही ि े दलदल में फ ुं स िर् बबारद ना हो जाएुं | इस किताब में हज़र्त मोहम्मद (स.) िी बेकमसालीऔर्उनिीज़ातसे र्ोनुमाहोनेवालीसच्चाईिो ेश िी गई है। इस किताब र् अमल िर्ने वाले िा दीन इस्लाम होगा, वह मुस्लमान होुंगे, इश्क़ े र्सूल (स.) उनिी हचान होगी। मेर्े तमाम मुर्ीदीन े लाकज़म है कि इस किताब ि े कहसाब से ही अ ना अक़ीदा बनाए र्खे और् इस े ही अमल िर्े।वर्नाआ ने जो ढ़ाहै जोजानाहै आ कजस र्क़ाएमहैं वहीशायदआ िाईमानहै। " ‫ن‬‫ی‬‫د‬‫ویل‬‫کم‬‫ین‬‫د‬‫کم‬‫ل‬ "o तजुरमा:-- तुम्हार्े कलएतुम्हार्ादीनहैऔर्मेर्े कलएमेर्ादीन।।
  • 24. 24 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तखलीक े आदमििूव्वतक े साएििमतमें ज़माना--ए--नबूव्वत में हज़र्त आदम अलैकहस्सलाम िी तखलीि हुईहर् चीज उनिी मौजूदगी में बनाई गई कजस वक़्त अल्लाह ताला ने नूर्े मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लमिो ि ु न फ़र्मािर्नूर्े मोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहव आकलही व सल्लम से रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम िो वजूद बख्शा और् अल्लाह ताला ने फ़र्माया :- ऐ रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लममुझसेिलामिर्ो ? तो सबसे हले रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने "ला इलाहा इल्लल्लाह" िलाम फ़र्माया। कफर् अल्लाह ताला ने जवाबन “मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम” फ़र्माया उसी वक़्त मुंसबे नबूव्वत से सर्फर्ाज़ हुए अब उनिी नबूव्वत में वजूद रूहे अली, फाकतमा, हसन
  • 25. 25 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह व हुसैन अलैकहमुस्सलाम िा ज़हूर् हुआ और् उस िकलमा िा कवदर किया कफर् नूर्े मोहम्मद से आलमे अवारह िा वजूद हुआ। तमाम अर्वाह से र्ब मुिाकतब हुआ "अलस्तु कबर्ब्बब्बि ु म" क्या मैं तुम सबिा र्ब नहीुं हूँ, क़ालू रूहोुं ने िहा बला क्योुं नहीुं | कफर् र्ब ने रूहोुं से फर्माया यह मेर्े महबूब हैं, तुम सबिो इनि े कलए तखलीि किया हूँ और् मेर्े महबूब िो मेर्े कलए बनाया हूँ | तो रूहोुं ने इक़र्ार् किया "अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अशहदु अन्ना मोहम्मदन अब्दुहू व र्सूलुहू" यहाँ एलाने नबूव्वत व रर्सालत होगी। गोया उन्हीुं िी नबूव्वत में उन्हीुं ि े नूर् से सत्तर्ह हज़ार् नौ सौ कनन्नानवे (17,999) मखलूक़ात िी तखलीि मुिम्मल हो गई | मगर् िोई नबी-ए-िर्ीम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम िी नयाबत ि े कलए खुद सुंवार् िर् इस मुंसब ि े लाएि नहीुं ेश किया तब र्ब ने आिर्ी मखलूि इसी गज़र से तखलीि िर्ने िा हुक्म
  • 26. 26 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह कदया कि ज़मीन र् नायब बनाने जा र्हा हूँ। यानी नायबे नबी-ए-िर्ीम सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम | अल्लाह ताला ि े महबूब सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा फर्मान है मैं उस वक़्त भी नबी था जब आदम िा खमीर्ा तैयार् किया जा र्हा था। कलहाज़ा हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम नबूव्वत व रर्सालत ि े जाहो जलाल ि े साथ जलवा अफ़र्ोज़ थे | उन्हीुं िी मौजूदगी में ि ु ल िायनत िी तखलीि हुई | जसदे आदम अलैकहस्सलाम में ाुंच जलवा ुंजतन िा मौजूद हुआ। रूह अम्र (हुक्मे र्ब है) और् अम्र (हुक्म) ही ुंजतन हैं और् इसिी जानिार्ी अल्लाह ताला बहुत िम कदया है।
  • 27. 27 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तमामबचिागइसीबचिागसेिौशििैं। तमाम कचर्ागे नबूव्वत व रर्सालत हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ि े कचर्ागे नूर् से ही र्ौशन हुए हैं | गोया आ ि े कजस्म िा वजूद सबसे आब्बखर् में है | आ दर् हिीित हले से ही मौजूद हैं। हज़र्त मोहम्मद (स.) ि े फर्मान:- " ‫والطی‬‫الماء‬‫بی‬‫وآدم‬‫نبیا‬‫کنت‬ "o िा यही मफ़हूम है। जबकि दीगर् अुंकबया-ए--िर्ाम अलैकहमुस्सलाम िो नबूव्वत तब ही कमली जब उन्हें मबऊस कियागया।नेज़अल्लाहतालािाफर्मानहै:-- ٍ‫اب‬َ‫ت‬ِ‫ک‬ ْ‫ن‬َِ‫م‬ ْ‫ُم‬‫ک‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ت‬‫آ‬‫ا‬َ‫َم‬‫ل‬ َ‫ی‬َِ‫ی‬ِ‫ب‬ََ‫ن‬‫ال‬ َ‫َاق‬‫ث‬‫ی‬ِ‫م‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ َ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫أ‬ْ‫ذ‬ِ‫إ‬َ‫و‬ ٌ‫ول‬ُ‫س‬َ‫ر‬ ْ‫ُم‬‫ک‬ َ‫ء‬‫ا‬َ‫ج‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ ٍ‫ة‬َ‫ْم‬‫ک‬ِ‫ح‬ََ‫و‬ ْ‫ُم‬‫ک‬ِ‫ل‬ٰ‫ذ‬ ٰ ‫َٰل‬‫ع‬ ْ‫ُم‬‫ت‬ْ‫ذ‬َ‫خ‬َ‫أ‬َ‫و‬ ْ‫ُم‬‫ت‬ْ‫ر‬َ‫ر‬ْ‫ق‬َ‫أ‬َ‫أ‬ َ‫َال‬‫ق‬ ،‫ہ‬ََ‫ن‬ُ‫ر‬ ُ‫ص‬ْ‫ن‬َ‫ت‬َ‫ل‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ب‬ ََ‫ُن‬‫ن‬ِ‫م‬ْ‫ؤ‬ُ‫ت‬َ‫ل‬ ْ‫ُم‬‫ک‬َ‫ع‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫م‬َِ‫ل‬ ٌ‫ق‬َِ‫د‬ َ‫ص‬َُ‫م‬ َ‫ن‬‫ی‬ِ‫د‬ِ‫اہ‬ ََ‫الش‬ َ‫ن‬َِ‫م‬ ْ‫ُم‬‫ک‬َ‫ع‬َ‫م‬‫َا‬‫ن‬َ‫أ‬َ‫و‬‫وا‬ُ‫د‬َ‫ہ‬ْ‫اش‬َ‫ف‬ َ‫َال‬‫ق‬‫َا‬‫ن‬ْ‫ر‬َ‫ر‬ْ‫ق‬َ‫أ‬‫ُوا‬‫ل‬‫َا‬‫ق‬‫ي‬ِ‫ر‬ ْ‫ص‬ِ‫إ‬ )० ‫عمران‬‫آل‬‫سورۃ‬ ( तजुरमा :-- याद है कि जब अल्लाह ताला ने तमाम अुंकबया-ए- िर्ाम अलैकहमुस्सलाम से ुख्ता अहद कलया कि तुम्हे किताब वकहिमतदे देनेि े बादमेर्े र्सूल(स.) तशर्ीफ़लेआएुं तोउन
  • 28. 28 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह र् ईमान ज़रूर् लाइयेगा और् उनिी नुसर्त िीकजएगा। क्या आ यहवादािर्तेहैं ? सबने िहा जी हम वादा िर्ते हैं। ुख्ता वादा? जी हाँ ुख्ता वादा। अल्लाह ताला ने फ़र्माया कि साथ आ भी गवाह र्हना। यह बात तो तै है कि अर्वाह िो अजसाद से हले ैदा किया गया था। कलहाज़ा (ि ुुं तो नकबय्यन) में आ (स.) िी रूह और् हिीित िी तर्फ इशार्ा है | हिाएि ति हमार्ी अक़्ल िी र्साई नहीुंहै उन्हें अल्लाह ही जानता है या वह कजसे नूर्े र्ब िी ताएद हाकसल हो, दू सर्े यहकि अल्लाह कजस हिीित िो जब चाहता है ज़ाकहर् िर् देता है। नबी--ए--िर्ीम (स.)िी हिीित हज़र्त आदम (अ.) िी तखलीि से भी हले मौजूद थी। यह हिीित कजस्म िी सूर्त में ज़ाकहर् हुई तो उसे वस्फ े नबूव्वत उम्मत र्ज़ाकहर्हुए। सआ (स.)िीनबूव्वतज़ाकहर्हुई। ) ‫ا‬ًَ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ُ ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬ ( ْ ‫َت‬‫ن‬‫َا‬‫ک‬ ،‫َہ‬‫ت‬ََ‫و‬ُ‫ب‬ُ‫ن‬ ََ‫ن‬َ‫أ‬ ٰ ‫یل‬ِ‫إ‬ ٌ‫ۃ‬َ‫ار‬َ‫ش‬ِ‫إ‬‫ا‬ً‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ْ‫و‬َ‫م‬ ُ ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬ َ ‫ال‬ََ‫و‬ ‫ًا‬‫ن‬‫ا‬ َ‫ْس‬‫ن‬ِ‫إ‬ ُ ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬: ْ‫ل‬ُ‫ق‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ ‫َی‬‫ہ‬َ‫ت‬ْ‫ن‬‫ا‬ ‫َا‬َ‫َم‬‫ل‬َ‫ف‬ ِ‫ۃ‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ہ‬ ََ‫الش‬ ِ‫َم‬‫ل‬‫ا‬َ‫ع‬ َ‫ون‬ُ‫د‬ ِ‫ب‬ْ‫ی‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫َم‬‫ل‬‫ا‬َ‫ع‬ ِ ‫ِف‬ ِ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ ِ‫ل‬ََ‫و‬َ‫أ‬ ِ ‫ِف‬ ً‫ۃ‬َ‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ْ‫و‬َ‫م‬ ِ‫د‬‫و‬ُ‫ج‬ُ‫و‬ ٰ ‫یل‬ِ‫إ‬ ِ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ ‫اال‬ِ‫ب‬ ُ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬ ِ‫ان‬َ‫م‬ََ‫ز‬‫ال‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬ َ‫ل‬َ‫ق‬َ‫ت‬ْ‫ن‬‫ا‬ِ‫ہ‬ِ‫ب‬ ِ ‫وح‬َُ‫الر‬ ِ‫اط‬َ‫ب‬ِ‫ت‬ْ‫ار‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ج‬
  • 29. 29 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ‫ا‬ً‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ ،‫َہ‬‫ل‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫َان‬‫ک‬َ‫ف‬ ‫ا‬ً‫وح‬ُ‫ر‬ََ‫و‬ ‫ا‬ً‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ج‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫ذ‬ِ‫ب‬ َ‫ر‬َ‫ہ‬َ‫ظ‬َ‫ف‬ ِ‫ر‬ِ‫اہ‬ ََ‫الظ‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ ‫اال‬ َ ‫یل‬ِ‫إ‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ی‬َ‫ر‬َ‫ج‬ ِ ‫ِف‬ ُ‫س‬َُ‫الر‬َ‫و‬ ِ‫ء‬‫ا‬َ‫ی‬ِ‫ْب‬‫ن‬َ‫ْـأ‬‫ل‬‫ا‬ ‫ي‬ِ‫د‬ْ‫ی‬َ‫أ‬ ٰ ‫َٰل‬‫ع‬ ِ‫ع‬ِ‫ئ‬‫ا‬َ‫ر‬ ََ‫الش‬ َ‫ِن‬‫م‬ َ‫ر‬َ‫ہ‬َ‫ظ‬ ‫ا‬َ‫م‬ َِ‫ل‬ُ‫ک‬ ِ ‫ِف‬ْ‫و‬َ‫أ‬ ،‫َہ‬‫ل‬ ُ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ار‬ َ‫ص‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ ِ‫ل‬ ِ ‫ف‬ َ ‫َل‬ِ‫ت‬ْ‫خ‬‫ا‬ ِ‫ان‬َ‫ی‬َ‫ب‬ِ‫ل‬ ِ‫ر‬ِ‫اہ‬ ََ‫الظ‬ ِ‫م‬ْ‫س‬ ِ ‫اال‬ ِ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬ِ‫ب‬ ُ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ْ‫س‬ ِ ‫اال‬ُ‫ہ‬َ‫ز‬َ‫ر‬ْ‫ب‬َ‫أ‬ ٍ‫ع‬ْ‫ر‬َ‫ش‬ َُ‫ل‬ُ‫ک‬ َ‫خ‬ ِ‫ُس‬‫ن‬َ‫ف‬‫ا‬ً‫ر‬ِ‫اہ‬َ‫ظ‬ ‫ا‬ ً‫د‬ِ‫ح‬‫ا‬َ‫و‬ُ‫ع‬ْ‫ر‬ ََ‫الش‬ َ‫َان‬‫ک‬ ْ‫ن‬ِ‫إ‬َ‫و‬ ِ ْ ‫ی‬َ‫م‬ْ‫س‬ ِ ‫اال‬ ِ‫ْم‬‫ک‬ُ‫ح‬ .o ‘ ‫ا‬ًَ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ُ ‫ت‬ْ‫ن‬ُ‫ک‬ ’मैंनबीथा। यह नहीुं िहा कि मैं इुंसानी वजूद में ढल गया था बब्बि यह इस बात िी तर्फ इशार्ा है कि आ िी नबूव्वत आलमे गैब में कज़न्दगी कि तखलीि से िब्ल ही मौजूद थी। जब ज़माने िो आलमे बाकतन से आलमे कजस्म में लाया गया और् रूह िो कजस्म से मुुंसकलि िर् कदया गया तो ज़माने िा बाकतन िा ज़ाकहर् ि े नाम से तबादला हो गया | तो आ (स.) कजस्म वरूह ि े साथ ज़ाकहर् हुए उससे क़ब्ल कसफ र नूर् था बाद में कलबासे बशर् में मबऊस हो िर् मखलूक़ात िो फ ै ज़ हुँचाया।।
  • 30. 30 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह िि ििी का कलमा ! अल्लाह ताला ने सूर्ते इस्लाम और् इल्म िो अव्वल ही तखलीि किया इसिा मतलब यह हुआ कि तमाम अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम िा तशर्ीफ़ लाना दीने इस्लाम िी तबलीग़ ि े कलए हुआ और् इस्लामी तालीमात िो अल्लाह ताला ि े बन्दोुं ति हुुंचाना और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े आने िी बशार्त देना ही उनिा मिसद था | उनिी उम्मत िा िलमा उनि े कसफाती नामोुं से होता था मगर् अुंकबया अलैकहमुस्सलाम िा और् ि ु ल मख्लूिात िा िलमा है “ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलल्लाह” यह अलग बात है कि ि ु छ कजन्नोुं इुंस ने नहीुं ढ़ा तो अब िोई यह नहीुं िह सिता कि हमार्े नबी हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही व सल्लम ने किसी भी नबी ि े दीन िी ैर्वी िी है हर् नबी हमार्े नबी हज़र्त मोहम्मद (स.) ि े दीने इस्लाम िा ही िाम किया है और् उनिी ैर्वी िी है | हर् नबी िा मज़हब इस्लाम है और् हर् नबी मुसलमान है जैसा कि ि ु छ
  • 31. 31 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह अुंकबया-ए-िर्ाम अलैकहमुस्सलाम ि े बार्े में अल्लाह िा फर्मान है | हज़र्त इब्राहीम अलैकहस्सलाम ि े बार्े में :- ‫َه‬‫ل‬ َ ‫ك‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ ‫ال‬ - َ‫و‬ 0 َ ْ ‫ی‬ِ‫م‬ِ‫ل‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ُ‫ل‬ََ‫و‬َ‫ا‬‫َا‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬ ُ‫ت‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ُ‫ا‬ َ ‫ك‬ِ‫ل‬ ٰ ‫ذ‬ِ‫ب‬ O तजुरमा :- उसिा िोई शर्ीि नहीुं उसी िा मुझे हुक्म कदया गया है और् मैं सबसे हला मुसलमान हूँ | ْ‫ن‬َ‫ا‬ ُ‫ت‬ْ‫ر‬ِ‫م‬ُ‫ا‬ َ‫و‬ِ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ ٰ ‫َٰل‬‫ع‬ ََ ‫ال‬ِ‫ا‬ َ‫ری‬ِ‫ج‬َ‫ا‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬ٍ‫ر‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ ْ‫ن‬ِ‫م‬ ْ‫م‬ُ‫ک‬‫ْت‬‫ل‬ َ‫أ‬َ‫س‬‫ا‬َ‫م‬َ‫ف‬ ْ‫م‬ُ‫ت‬‫ی‬ََ‫ل‬ َ‫َو‬‫ت‬ ْ‫ن‬ِ‫ا‬َ‫ف‬( َ‫ی‬ِ‫م‬ِ‫ل‬ ْ‫س‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ِ‫م‬ َ‫ُون‬‫ک‬َ‫ا‬ o )‫س‬‫ن‬‫یو‬‫سورہ‬( तजुरमा :- (नूह नबी ने अ नी उम्मत से िहा) स अगर् तुम लोग हक़ से रू गदाां हो तो में तुमसे किसी चीज़ िा ताकलब नहीुं हूँ (क्योुंकि) अज्र व ादाश र्ब ही ि े कज़म्मा है और् मैं मामूर् हूँ कि मुसलमान र्ह िर् उसि े हुक्म ि े सामने सर्ा ा तस्लीम हो जाऊ ुं | इसकलए हम सब िो चाकहए कि खुद िो इस साुंचे में ढालें कि हमार्ा दीन इस्लाम है और् हम मुसलमान हैं और् इश्क़ े र्सूल हमार्ी हचान है और् मवद्दते अहलेबैत उजर्ते ईमान है | अल्लाह हम सबिो अमल िी नेि तौफीि दे आमीन कबजाहे सैय्यदुल मुर्सलीन || (मनिम्मद अिवि आलम)
  • 32. 32 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तखलीक े अव्वल बिस्मिल्लाबििरिमाबििरिीम ُ‫م‬ ْ‫ظ‬ََ‫ن‬‫ال‬َ‫و‬ ُ‫ل‬ْ‫َض‬‫ف‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ل‬ ْ‫د‬َ‫ْع‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ن‬ْ‫ز‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ ٰ ‫َٰل‬‫ع‬ ُ‫م‬ َ ‫َل‬ ََ‫الس‬َ‫و‬ ُ‫ۃ‬‫و‬ٰ‫ل‬ ََ‫الص‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬َ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫و‬ِ‫ل‬ ُ‫د‬ْ‫م‬َ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ ِ‫م‬َ‫ز‬َ‫ْج‬‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ ُ‫م‬ ْ‫ظ‬َ‫ْع‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ o ٍ‫ان‬َ‫ی‬َ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ان‬َ‫م‬ْ‫ی‬‫إ‬َ‫و‬ ٍ‫َان‬‫ق‬ْ‫ت‬ِ‫ا‬ِ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ن‬ َ ‫َل‬ْ‫ع‬ِ‫إ‬ِ‫ب‬َ‫و‬ ٍ‫ان‬ َ‫ْط‬‫ل‬ ُ‫س‬ِ‫ب‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ء‬‫آ‬َ‫ی‬ِ ْ ‫ْب‬ِ‫ک‬ِ‫ب‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬ ٍ‫َان‬‫ق‬ْ‫ر‬ُ‫ف‬ ِ ‫ِف‬ o ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ا‬ ً‫د‬َِ‫ح‬َ‫و‬ُ‫م‬ ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ ‫یک‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ ‫ال‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ o ٍ‫ۃ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ِ‫ب‬‫ا‬ً‫َد‬َ‫ح‬َ‫و‬َُ‫م‬ ِ‫ال‬َ‫َم‬‫ک‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ ‫ِف‬ ٍ ‫ف‬ ْ‫ص‬َ‫و‬َ‫و‬ ٍ‫ب‬ َ‫ُص‬‫ن‬َ‫و‬ٍ‫د‬َ‫د‬ُ‫ج‬َ‫و‬ٍ‫د‬َ‫د‬ُ‫م‬ َ ‫َل‬ِ‫ب‬‫ا‬ً‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬َ‫و‬‫ا‬ً‫د‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬َ‫و‬ o َ‫ری‬ِ‫ظ‬َ‫ن‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ ‫ک‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ ‫ال‬ َ‫ل‬ َ‫َال‬‫ث‬ِ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ل‬ْ‫ث‬ِ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ ‫ہ‬ o َ ِ ‫اِن‬َ‫د‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ِ‫ظ‬‫َا‬‫ک‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫َار‬‫ق‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ر‬ْ‫ی‬ِ‫ز‬َ‫و‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ‫َہ‬‫ل‬ َ‫ع‬ِ‫ار‬َ‫ض‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ‫َہ‬‫ل‬ o ‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ْ‫ز‬ُ‫ع‬ َ‫و‬ْ‫ز‬ُ‫ن‬ َ‫و‬ْ‫ز‬ُ‫ج‬ َ‫و‬ْ‫س‬ُ‫ر‬ َ‫د‬ َ‫س‬َ‫ج‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫و‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫ب‬ َ‫َد‬‫ل‬َ‫ج‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ o َ ‫ب‬ْ‫ز‬َ‫ج‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ ْ‫ص‬َ‫خ‬ َ ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ب‬ َ ‫َاب‬‫ک‬ َ ‫ب‬ْ‫ی‬َ‫ع‬ َ ‫ف‬ ْ‫ص‬َ‫و‬ o َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫ن‬ِ‫َار‬‫ق‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬َ ِ ‫اِن‬ َ‫د‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬‫َہ‬‫ل‬ َ‫م‬ِ‫ظ‬‫َا‬‫ک‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬ ُ‫ہ‬َ‫ل‬ َ‫ِر‬‫ظ‬‫نا‬ُ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ُ‫ہ‬َ‫ل‬َ‫ع‬ِ‫ار‬َ‫ض‬ُ‫م‬ o ‫َہ‬‫ل‬ َ ‫ک‬ْ‫ی‬ِ‫ر‬َ‫ش‬ َ ‫ال‬‫ہ‬َ‫د‬ْ‫ح‬َ‫و‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ ََ ‫ال‬ِ‫إ‬ َ‫ہ‬ٰ‫ل‬ِ‫إ‬ََ‫ال‬ ْ‫أن‬ ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ o ْ‫ن‬َ‫م‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬ٰ‫ی‬ٰ‫ا‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ع‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫َا‬‫ف‬ ِ‫ص‬َ‫و‬ ٖ‫ہ‬ِ‫ت‬‫ا‬َ‫ذ‬ْ ِ ‫ِف‬ ُ ‫ک‬ِ‫ر‬ ْ‫ش‬َُ‫ی‬ o ِ‫م‬ ٖ‫ہ‬ ِ ْ ‫ری‬َ‫غ‬ِ‫ب‬ ُ ‫ک‬ََ َ ‫ْب‬َ‫ت‬َ‫ی‬ ْ‫و‬َ‫أ‬ ٍَ ِ ‫ق‬َ‫ت‬َ‫و‬ ٍَ ِ ‫یل‬َ‫و‬َ‫و‬ ٍَ ِ ‫ب‬ََ‫ن‬ ْ‫ن‬ ُ‫ال‬َ‫ب‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ُ‫ان‬َ‫ر‬ ْ‫س‬ُ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ہ‬ْ‫َی‬‫ل‬َ‫ع‬َ‫ف‬ ٍ ْ ‫ری‬ِ‫َب‬‫ک‬َ‫و‬ ٍ ْ ‫ری‬ِ‫غ‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ٍ‫ل‬ْ‫ی‬ِ‫م‬َ‫ج‬َ‫و‬ ٍ ْ ‫ی‬ ِ‫س‬َ‫ح‬َ‫و‬ ٍ‫م‬ْ‫ی‬ ِ‫َس‬‫ن‬َ‫و‬ ٍَ ِ ‫ق‬َ‫ن‬َ‫و‬ o ََ‫م‬ُ‫ث‬ ‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫و‬َ‫م‬َ‫و‬‫ا‬َ‫ن‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬َ‫ند‬َ‫س‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬ َ‫د‬َِ‫ی‬َ‫س‬ ََ‫ن‬َ‫ا‬ ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬ o
  • 33. 33 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ْ‫ع‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ُ‫ظ‬ْ‫ن‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ُ‫د‬ْ‫خ‬َ‫م‬ ‫َا‬‫ن‬ َ‫د‬ََ‫ی‬َ‫ؤ‬ُ‫م‬ ‫َا‬‫ن‬َ‫د‬‫و‬ ُ‫ْص‬‫ق‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ ُ‫ْص‬‫ق‬َ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫م‬ْ‫و‬ ُ‫ص‬ o ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ر‬َ‫د‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ ‫َا‬‫ن‬َ‫ر‬ْ‫ی‬ِ‫د‬َ‫ج‬ o َ‫ل‬َ‫ْم‬‫ک‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ل‬َ‫م‬ْ‫ج‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ن‬ َ‫س‬ْ‫ح‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ف‬َ‫ر‬ْ‫ش‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫م‬ َ‫ظ‬ْ‫ع‬َ‫أ‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫أ‬َ‫و‬ ِ‫ق‬ْ‫ل‬َ‫خ‬ْ‫ل‬‫ا‬ o َ‫ی‬‫َا‬‫ک‬ِ‫ح‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ی‬َ‫ال‬ِ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ۃ‬َ‫ار‬َ‫د‬ ََ‫الس‬َ‫و‬ ِ‫ن‬ ْ ‫س‬ُ‫ْح‬‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬ ِ‫ة‬َ‫ی‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ع‬ْ‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ ِ‫ة‬ ِ‫ة‬َ‫م‬‫ا‬َ‫م‬ِ ْ ‫اال‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬َ ْ ‫اال‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ی‬‫ا‬َ‫د‬ِ‫ْہ‬‫ل‬‫ا‬َ‫و‬ o ‫َا‬‫ن‬َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬َ‫ق‬َ‫ف‬ْ‫ر‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫َا‬‫ن‬ ْ‫د‬َ‫ه‬ْ‫ز‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫َا‬‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ت‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫ج‬َ‫ا‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ٰ‫ل‬ْ‫ع‬َ‫ا‬ ‫َا‬‫ن‬َ َ ‫ْْب‬‫ک‬َ‫ا‬َ‫و‬‫َا‬‫ن‬َ َ ‫َت‬ْ‫خ‬َ‫ا‬َ‫و‬ o ‫َہ‬‫ل‬ َ‫ل‬َ‫ْم‬‫ک‬َ‫ا‬ َ‫ل‬َ‫م‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫ق‬َ‫ث‬ْ‫و‬َ‫ا‬ َ‫ل‬َ‫ف‬ ْ‫ط‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫د‬ْ‫ج‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫ْو‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫ر‬َ‫م‬ْ‫ح‬َ‫ا‬ o ََ‫م‬ُ‫ث‬ ُ‫د‬َ‫ہ‬ ْ‫َش‬‫ن‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ر‬ُ‫ف‬ ِ َِ ‫ی‬َ‫ب‬ُ‫م‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ا‬‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬َََ‫ز‬َ‫ن‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬َ‫د‬َ‫ج‬ َ‫ب‬ْ‫و‬ُ‫ب‬ْ‫ح‬َ‫م‬ ‫َا‬‫ن‬ِ‫د‬َ‫م‬ َ‫ص‬َ‫و‬ ‫ا‬َ‫ن‬ََ‫ب‬َ‫ر‬ َ‫ب‬ْ‫ی‬ِ‫ب‬َ‫ح‬ ََ‫ن‬َ‫ا‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ن‬‫ا‬َ‫ر‬ ْ‫د‬ُ‫ج‬ ِ‫ق‬َ‫ن‬ْ‫و‬َ‫ر‬ ‫ا‬َ‫ن‬ِ‫ل‬ْ‫ی‬ِ‫ب‬َ‫س‬ ْ‫ی‬ِ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬ o ِ‫ة‬َ‫ن‬ َ‫س‬َ‫ح‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ْ‫س‬ُ‫ا‬ ٌ‫ة‬َ‫ب‬ْ‫ت‬ُ‫ر‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ ْ‫ُد‬‫ق‬ ٌ‫ة‬َ‫م‬ ْ‫ظ‬َُ‫ن‬ ٌ‫ۃ‬َ‫و‬ ْ‫د‬ُ‫ع‬ َ‫و‬ُ‫ه‬ o َ‫ر‬ِ‫ه‬‫َا‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ہ‬ِ‫ل‬ِ‫ء‬َ‫ال‬َ‫د‬ِ‫ب‬َ‫و‬ ِ‫ة‬َ‫ل‬ْ‫َی‬‫ل‬ ِ ‫ِف‬ ‫ی‬ٰ‫ہ‬َ‫ت‬‫ن‬ُ‫ْم‬‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ ْ‫د‬ِ‫س‬ ٰ ‫یل‬ِ‫إ‬ َ‫د‬ِ‫ع‬َ‫س‬ ِ‫ة‬َ‫ن‬ِ‫ط‬‫ا‬َ‫ب‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ِ‫ه‬‫ا‬ ََ‫ِالظ‬‫ة‬َ‫ب‬ِ‫ل‬‫ا‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ِ‫ۃ‬ َٰ ‫یل‬ َ‫د‬َ‫ت‬َ‫ف‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬‫َا‬‫ن‬َ‫د‬ ََ‫م‬ُ‫ث‬ٰ‫یج‬ َُ‫الد‬ َ ‫ف‬ َ‫َش‬‫ک‬ ِ ‫اج‬َ‫ر‬ْ‫ع‬ِ‫م‬ْ‫ل‬‫ا‬ o ٰ‫ِن‬ْ‫د‬َ‫أ‬ ْ‫و‬َ‫أ‬ ِ ْ ‫ی‬َ‫س‬ْ‫َو‬‫ق‬ َ‫َاب‬‫ق‬ َ‫َان‬‫ک‬َ‫ف‬ o ِ‫ج‬ََ‫الر‬ ِ‫ن‬ٰ‫ط‬ْ‫ی‬ ََ‫لش‬‫ا‬ َ‫ِن‬‫م‬ ِ‫هلل‬‫ا‬ِ‫ب‬ُ‫ذ‬‫و‬ُ‫ع‬َ‫فا‬ . ‫بعد‬‫اما‬ ِ‫م‬ْ‫ی‬ o ِ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬ََ‫الر‬ ِ‫ن‬ٰ‫م‬ْ‫ح‬ََ‫الر‬ِ َٰ ‫اّلل‬ ِ‫م‬ ْ‫س‬ِ‫ب‬ o ٌ‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬ ُ َٰ ‫اّلل‬ َ‫و‬ُ‫ه‬ ْ‫ل‬ُ‫ق‬ o ُ‫د‬َ‫م‬ ََ‫الص‬ ُ َٰ ‫ّلل‬َ‫ا‬ o ْ‫َد‬‫ل‬ْ‫و‬ُ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫و‬ ْ‫د‬ِ‫ل‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ o ٌ‫د‬َ‫ح‬َ‫ا‬‫ا‬ً‫ُو‬‫ف‬ُ‫ك‬‫ه‬ََ‫ل‬ ْ‫ن‬ُ‫ك‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬ َ‫و‬ o तजुरमा :-- तुम फर्माओ वह अल्लाह है वह अहद है अल्लाह बेकनयाज़ है ना उसिी िोई औलाद और् ना वह किसी से ैदा हुआऔर्नाउसि े जोड़िािोई।।
  • 34. 34 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह उसज़ातअहदि े कसवाि ु छनाथाकफर्उसज़ातेअहदने मीम ि े र्दे में खुद िो ोशीदा र्खा खुद ि े नूर् िो ज़ाते अहमद में लािर्मज़हर्े ज़ातेअल्लाह हुआ। ْ‫ی‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ َ‫ق‬َ‫ل‬َ‫خ‬‫ا‬َ‫م‬ ُ‫ل‬ََ‫و‬َ‫ا‬ ० तजुरमा:-सबसे हलेअल्लाहनेमेर्े नूर्िोखिकिया।। ْ‫ی‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ْ‫ِن‬َ‫م‬ ِ‫ق‬ِ‫ئ‬ َ ‫َل‬َ‫خ‬ ََ‫ل‬ُ‫ک‬َ‫و‬ ० तजुरमा:-और्ि ु लमखलूिातमेर्े नूर्सेतख्लीि ाईुंहैं।। ‫اهلل‬ِ‫ر‬ْ‫و‬َُ‫ن‬ ْ‫ِن‬‫م‬‫َا‬‫ن‬َ‫ا‬ َ‫و‬ ० तजुरमा:-और्मैंअल्लाहिानूर्हूुं।। ِ ‫ض‬ْ‫َر‬ ْ ‫اال‬ َ‫و‬ ِ‫ت‬ٰ‫و‬ٰ‫م‬ ََ‫الس‬ ُ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ُ‫ہ‬َٰ‫ل‬‫ال‬ - ٍ‫ۃ‬‫ٰو‬‫ك‬ ْ‫ش‬ِ‫م‬َ‫ك‬ٖ‫ه‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ُ‫ل‬َ‫ث‬َ‫م‬ ٌ‫اح‬َ‫ب‬ ْ‫ص‬ِ‫م‬‫ا‬َ‫ه‬ْ‫ی‬ِ‫ف‬ - ٍ‫ة‬َ‫اج‬َ‫ج‬ُ‫ز‬ْ ِ ‫ِف‬ ُ‫اح‬َ‫ب‬ ْ‫ص‬ِ‫م‬ْ‫ل‬َ‫ا‬ - َ ‫ال‬ ََ‫و‬ ٍ‫ة‬ََ‫ی‬ِ‫ق‬ْ‫ر‬َ‫ش‬ ََ ‫ال‬ ٍ‫ة‬َ‫ن‬ْ‫و‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ز‬ ٍ‫ة‬َ‫ك‬َ ٰ ‫ْب‬َُ‫م‬ ٍ‫ۃ‬َ‫ر‬َ‫ج‬َ‫ش‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ُ‫َد‬‫ق‬ْ‫و‬َُ‫ی‬ ٌَ‫ی‬َِ‫ر‬ُ‫د‬ ٌ‫َب‬‫ك‬ْ‫َو‬‫ك‬ ‫ا‬َ‫ه‬ََ‫ن‬َ‫َا‬‫ک‬ ُ‫ة‬َ‫اج‬َ‫ج‬َُ‫ز‬‫ل‬َ‫ا‬ ٍ‫ة‬ََ‫ی‬ِ‫ب‬ْ‫َر‬‫غ‬ - ٌ‫َار‬‫ن‬ ُ‫ه‬ ْ ‫س‬ َ‫س‬ْ‫َم‬‫ت‬ ْ‫َم‬‫ل‬ ْ‫َو‬‫ل‬ َ‫و‬ ُ‫ء‬ْْٓ ِ ‫ُض‬‫ی‬‫ا‬َ‫ه‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬َ‫ز‬ُ‫د‬‫َا‬‫ک‬ََ‫ی‬ - ٰ ‫َٰل‬‫ع‬ ٌ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ٖ‫ه‬ِ‫ر‬ْ‫و‬ُ‫ن‬ِ‫ل‬ ُ َٰ ‫اّلل‬‫ی‬ِ‫د‬ْ‫ه‬َ‫ی‬ ٍ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ُ‫ء‬‫آ‬ َ‫ش‬ََ‫ی‬ ْ‫ن‬َ‫م‬ - ِ ‫اس‬ََ‫ن‬‫ل‬ِ‫ل‬ َ‫َال‬‫ث‬ْ‫م‬َ ْ ‫اال‬ ُ َٰ ‫اّلل‬ ُ‫ب‬ِ‫ر‬ْ‫ض‬َ‫ی‬َ‫و‬ - ٌ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫ع‬ ٍ‫ء‬ْ َ ‫َش‬ َِ‫ل‬ُ‫ک‬ِ‫ب‬ ُ َٰ ‫اّلل‬ َ‫و‬ o
  • 35. 35 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह तजुरमा:--अल्लाहनूर्हैआसमानोुंऔर्ज़मीनिाउसि े नूर्िी कमसाल ऐसी है जैसे एि ताि कि उसमें कचर्ाग़ है वह कचर्ाग एिफानूसमें है,गोयाएिकसतार्ा है,मोतीसाचमितार्ौशन होता है, बर्ित वाले ेड़ ज़ैतून से जो ना ूर्ब (मकिक़) िा ना किम (मग़रर्ब) िा क़र्ीब है कि उसिा तेल भड़ि उठे । अगर्चे उसे आग ना छु ए नूर् र् नूर् है । अल्लाह अ ने नूर् िी र्ाह बताता है कजसे चाहता है और् अल्लाह कमसालें बयान फर्माताहैलोगोुंि े कलएऔर्अल्लाहसबि ु छजानताहै। यही वजह है कि कमट्टी, ानी, हवा और् आग से बने फानूस में मौजूद रूह नूरुल्लाह है उसिो ‫نور‬ ‫العلم‬ ،‫نور‬ ‫االیمان‬ से र्ौशन र्खनेि े कलएआमालेस्वालेहािातेलज़ैतूनडालना ड़ेगाऔर् उस फानूस ि े शीशा िो तमाम बुर्ाइयोुं और् गुमर्ाकहयोुं से साफ़ोशफ्फाफर्खना ड़ेगा। ‫ربه‬‫عرف‬‫فقد‬‫نفسه‬‫عرف‬‫ن‬‫م‬ ० तजुरमा :-- जो खुद िो हचानता है वह अ ने र्ब िो हचान लेताहै। अबगौर्सेउसज़ातिोऔर्उसिीकिलक़तिोयानीखुद िोजाकनए।
  • 36. 36 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह अल्लाि लफ्ज़े अल्लाह मे चार् हुरूफ़ है :- “अकलफ़” से अव्वल में | “लाम” से ला-मिाुं | “लाम” लौहे महफ ू ज़ में | “हे” से हर् चीज़ िा बयान दजर हुआ | वह ज़ात वाकहद किसी िा मोहताज नहीुं बब्बि हर् चीज़ उसि े मोहताज हैं :- मसलन ..................................... लफ्ज़े “अल्लाह” ही िो जानो कि “अल्लाहु नूरुस्समावाते वल-अदर” अगर् लफ्ज़े “अल्लाह” से “अकलफ़” हट जाए तो भी िोई फक़ र नहीुं ड़ता “कलल्लाकह मुि ु स्समावाते वल अदर” और् अगर् एि “लाम” हटा दें तो भी िोई फक़ र नहीुं ड़ता “लहुल मुि ु वला-हुल हम्दु वहुआ अला ि ु ल्ली शैइन क़दीर्” और् दू सर्ा “लाम” भी हट जाए तो भी िोई फक़ र नहीुं ड़ता | َ‫و‬ُ‫ه‬ ََ ‫ال‬ِ‫ا‬َ‫ه‬ٰ‫ل‬ِ‫ا‬ۤ َ ‫ال‬ ْ‫ی‬ِ‫ذ‬ََ‫ل‬‫ا‬ ُ َٰ ‫اّلل‬ َ‫و‬ُ‫ه‬ - ِ‫ۃ‬َ‫د‬‫ا‬َ‫ه‬ ََ‫الش‬ َ‫و‬ ِ‫ب‬ْ‫ی‬َ‫غ‬ْ‫ل‬‫ا‬ ُ‫م‬ِ‫ل‬ٰ‫ع‬ - ُ‫م‬ْ‫ی‬ِ‫ح‬ََ‫الر‬ ُ‫ن‬ٰ‫م‬ْ‫ح‬ََ‫الر‬ َ‫و‬ُ‫ه‬ o वह ज़ात बहुत अज़ीम है और् वह “हू” है |
  • 37. 37 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह “हू”
  • 38. 38 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह अल्लाि अल्लाहिीज़ाति े ज़हूर्ि े र्ाज़िोफाशिर्नेिीइजाज़त नहीुं। ‫اهلل‬‫ذات‬‫ن‬‫م‬‫تفکروا‬‫وال‬ .o तजुरमा:--अल्लाहतालािीज़ातमेंगौर्वकफ़क्रमतिर्ो। कलहाज़ा इस बहस िी तर्फ ना जािर् अब नूर्े मोहम्मदी सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा खुलासा मुलाकहज़ा िर्ें।
  • 39. 39 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह िूिकाियाि َ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ِ‫ء‬‫ا‬َ‫ی‬ْ‫ش‬َ ْ ‫اْل‬ َ‫ل‬ْ‫ب‬َ‫ق‬ َ‫ق‬َ‫ل‬َ‫خ‬ ْ‫َد‬‫ق‬ َ ‫ایل‬َ‫َع‬‫ت‬ ‫اهلل‬ ََ‫ن‬ِ‫إ‬ َ‫ر‬ْ‫و‬َُ‫ن‬‫ال‬ َ ‫ِک‬‫ل‬َ‫ذ‬ َ‫ل‬َ‫ع‬َ‫َج‬‫ف‬ ،ِ‫ہ‬ِ‫ر‬ْ‫ُو‬‫ن‬ ْ‫ِن‬‫م‬ َ ‫ک‬َِ‫ی‬ِ‫َب‬‫ن‬ َ ‫ال‬َ‫و‬، ٌ‫َم‬‫ل‬َ‫ق‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ٌ‫ح‬ْ‫َو‬‫ل‬ ِ‫ْت‬‫ق‬َ‫ْو‬‫ل‬‫ا‬ َ ‫ِک‬‫ل‬َ‫ذ‬ ِ ‫ِف‬ ْ‫ن‬ُ‫ک‬َ‫ی‬ ْ‫َم‬‫ل‬َ‫و‬، َ ‫ایل‬َ‫َع‬‫ت‬‫اهلل‬ َ‫ء‬‫ا‬َ‫ش‬ ُ‫ث‬ْ‫ی‬َ‫ح‬ِ‫ۃ‬َ‫ر‬ ْ‫ُد‬‫ق‬ْ‫ل‬‫ا‬ِ‫ب‬ ُ‫ر‬ْ‫و‬ُ‫د‬َ‫ی‬ َ‫و‬ ،ٌ‫ر‬َ‫َم‬‫ق‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ٌ ‫س‬ْ‫م‬َ‫ش‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ٌ ‫ض‬ْ‫ر‬َ‫أ‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ،ٌ‫ء‬‫ا‬َ‫م‬َ‫س‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ٌ ‫َک‬‫ل‬َ‫م‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ،ٌ‫َار‬‫ن‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ٌ‫ة‬ََ‫ن‬َ‫ج‬ َ ‫ال‬َ‫و‬ ،ٌَ َِ ‫ن‬ِ‫ج‬ َ ‫ال‬ ٌَ ِ ‫س‬ْ‫ن‬ِ‫إ‬ o खुलासा :-- अल्लाह ताला ने तमाम मखलूक़ात िो तखलीि िर्ने से हले हमार्े नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा नूर् अ ने नूर् ि े फ ै ज़ से ैदा फ़र्माया। यह नूर् अल्लाह ताला िी मशीय्यत से जहाँ उसने चाहा सैर् िर्ता र्हा। उस वक़्त ना लौह थी, ना क़लम, ना जन्नत थी, ना दोज़ख, ना िोई कफरर्श्ता था, ना आसमान था, ना ज़मीन, ना सूर्जथा,नाचाँद,ना कजन्नथेऔर्नाइुंसान।। अल्लाह ताला िी मशीय्यत कि मैंने अ नी क़ ु दर्त ज़हूर् में लाऊ ँ ।। स इर्ादा-ए--हक़्क़ ु ल यक़ीन में अल्लाह ताला ने सबसे हले रूहे ाि हुज़ूर्े अनवर् सल्लल्लाहु अलैकह व आकलहीवसल्लमि े नूर्े ाििोअ नेनूर्े िाससेज़हूर्में
  • 40. 40 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह लाया और् खुद ही उस नूर्े मुक़द्दस ि े आईने मोहब्बत में मुशाकहदा िर्तार्हा। यानी खुद िा जलवा खुद कनहार्ता र्हा। अ ने ही नूर् र् आ शैदा होिर्। हक़ ताला ने ज़बाने क़ ु दर्त से फ़र्माया ऐ मेर्े हबीब सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मुझसे हम िलाम हो उस वक़्त वह नूर्े ाि वजूद में आया और् उस ज़ात िा नाम कलया (जो भी उसिी ज़बान थी।) कजसिा अर्बी तजुरमा है :- याअल्लाह ! स नाम इस्मे ज़ात अल्लाह हक़ ताला िा उस नूर् से ज़ाकहर् हुआ। नूर्े अल्लाह ही ज़ाते मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलहीवसल्लमहैं। दो लाख सत्तर् हज़ार् (2,70,000) साल वह नूर् अल्लाह ि े वजूद ि े कज़क्रमें मशगूलर्हाऔर्हक़तालाने उन र्कनगाह र्खी। (यहकगनतीकसफ र समझाने ि े कलएहै | यानीइतनीमुद्दत ि े बर्ाबर्) उसि े बाद हक़ ताला ने अज़ रूए लुत्फ़ो िर्म ि े फर्माया ि ु न (हो जा) कि ऐ नूर्े मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लमहोजा। “फ़याि ु न” स वह नूर्े मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसलल्लमरूहिीतर्फमुुंतकिलहोगया।
  • 41. 41 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह हज़र्तमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमिानूर् ाि जब अल्लाह ताला ने अ ने ही नूर् िो अ ने नूर् से वजूद बख्शा।(इसवक़्तदोनोुंज़ातिानामनूर्है।) वही र्बी--उल--अव्वल िहलाया | यानी हली फस्ल, हली बहार्, (माहे र्बी-उल--अव्वल िा वजूद हुआ) और् अ ने कसफते खाकलि िो ज़ाकहर् किया। उसी अम्र यानी हुक्म िो रूहिहतेहैं। ً ‫َل‬ْ‫ی‬ِ‫ل‬َ‫ق‬ ََ ‫ال‬ِ‫ا‬ ِ‫ْم‬‫ل‬ِ‫ع‬ْ‫ل‬‫ا‬ َ‫ِن‬َ‫م‬ ْ‫م‬ُ‫ت‬ْ‫ی‬ِ‫ت‬ْ‫و‬ُ‫ا‬‫ا‬َ‫م‬ َ‫و‬ْ َِ ‫ّب‬َ‫ر‬ِ‫ر‬ْ‫م‬َ‫ا‬ ْ‫ِن‬‫م‬ ُ‫ح‬ْ‫و‬َُ‫الر‬ ِ‫ل‬ُ‫ق‬ ِ ‫ح‬ْ‫و‬َُ‫الر‬ ِ‫ن‬َ‫ع‬ َ ‫َک‬‫ن‬ْ‫ُو‬‫ل‬‫س‬َ‫ی‬َ‫و‬ ० तजुरमा :-- और् तुमसे रूह ि े मुताअब्बल्लि ूछते हैं? तुम फर्माओ :-- रूह मेर्े र्ब ि े हुक्म से है और् (ऐ लोगोुं !) इसिा तुम्हेबहुतथोड़ाइल्मकदयागयाहै। हक़ ताला ने ज़बाने क़ ु दर्त से इर्शाद फर्माया कि ऐ रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मुझसे हम िलाम हो। स रूहे मोहम्मद वजूद में आिर् िहा जो िहा उसिा तजुरमा है "ला इलाहा इल्लल्लाह" हक़ ताला ने ज़बाने क़ ु दर्त से जो जवाब कदया उसिा अर्बी तजुरमा "मोहम्मदुर् र्सूलल्लाह" है | इस तर्ह "अकलफ़” “लाम” “मीम" िा वजूद हुआ “यानी
  • 42. 42 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह "अकलफ़सेअव्वलिकलमातैय्यब" "लामसेलाइलाहाइल्लल्लाह" "मीमसेमुहम्मदुर्र्सूलल्लाह" अव्वल िकलमा तैय्यब - ज़हूर् में आया "ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर् र्सूलल्लाह" इसकलए इसिो अव्वल िकलमा िहते हैं।और्इसिो ढ़नेवालेिोअर्बीमेंमोकमनिहतेहैं। इस तर्ह अल्लाह ताला ने खुद अ नी कसफ़त मोकमन िो ज़ाकहर् किया और् हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम मक़ामे रर्सालत र् फाएज़ हुए और् उनिी एिकसफ़तर्सूलिाज़हूर्हुआ। िकलमा-ए--तैय्यबा िा नूर् "मुहम्मदुर् र्सूलल्लाह" से सूर्ते इस्लामऔर्कज़िरुल्लाहऔर्िलामुल्लाहिाज़हूर्हुआ| और् सूर्ते इल्म और् इस्लाम ने रूहे हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लमिो "अस्सलामु अलैिा यारूहेमुहम्मदसल्लल्लाहुअलैकहवआकलहीवसल्लम" रूहे ाि ने जवाब कदया "वालैि ु म अस्सलाम या इल्मे िलामुल्लाह"
  • 43. 43 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इल्म िी क़दर् िी और् इल्म ि े रूबरू हुए और् बोसा कदया। इल्म ने क़र्ार् और् सुि ू त िड़ा और् मुताला किया रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िा || तो अक़्ल वजूद में आई अल्लाह ताला ने रूहे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िो तीन लाख तैतीस हज़ार् (3,33,000) साल ति अ नी क़ ु बे खास में र्खा। महबूब व मुकहब ि े दर्कमयान होने वाली बातें अक़्सामे तालीम िहलाया। इस तर्ह इल्म ने उरूज ाया।। (यहकगनतीकसफ र समझानेि े कलएहै | यानीइतनीमुद्दति े बर्ाबर्) इसमहबूबवमुकहबि े दर्कमयानसेआ सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम िीकसफ़तिलीमिाज़हूर्हुआ। इस्तेलाह में लफ्ज़े “ि ु न” से मुर्ाद ुंजतन ाि हैं। यानी ाुंच रूह(नफ़्स)और् ाुंचवजूदहैं।
  • 44. 44 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह इस वजूदे ुंजतन में अठ्ठार्ा हज़ार् (18,000) आलम समाये हुएहैं।इसकलये ुंजतन ाििोबज़रखेि ु बर्ाभीिहतेहैं। रूहबा-मानाअम्रेर्बहैऔर्वहवाकहदहैमगर्वजूदमेंमक़ाम बा-मक़ाम अ नी फज़ीलतोुंसे नाम बदलता है | तो ाुंच रूह, ाुंचनफ़्सऔर् ाुंचवजूदिहाजाताहै।यानीहज़र्तमोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ने इर्शाद फर्माया कि:-- " ‫نوری‬‫ن‬‫م‬‫َش‬‫ل‬‫ک‬‫و‬‫اهلل‬‫نور‬‫ن‬‫م‬‫انا‬ o तजुरमा:- -मैं अल्लाह ि े नूर्से हूँ और्तमाममखलूक़ातमेर्े नूर् सेहैं। चािचीज़ेंअल्लाितालािेअव्वलमेंखल्कबकया:- ‫نوری‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬ o तजुरमा:- -सबसे हलेअल्लाहनेमेर्े नूर्िोखिकिया। ‫روح‬‫ن‬‫م‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬ o तजुरमा:-- हलेअल्लाहनेमेर्ीरूहिोखिकिया।
  • 45. 45 ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर्रसूलुल्लाह ‫ل‬‫عق‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬ o तजुरमा:- - हलेअल्लाहतालाने मेर्ी अक़्लिोखिकिया। ‫قلم‬‫اهلل‬‫ق‬‫خل‬‫ما‬‫اول‬ o तजुरमा:-- हलेअल्लाहतालानेक़लमिोखिकिया। अल्लाहतालाने सबसे हले इनचार्चीज़ोुंिोनूर्,रूह,अक़्ल और्क़लमिोवजूदमें लाया।यहचार्चीज़ें अव्वकलयतमें एि दू सर्े से र्ाज़-दार्ाना ताल्लुक़ र्खते हैं। अल्लाह ताला िी ज़हूरर्यतमेंभीचार्चीज़ेंहैं। यािी (1)हुवलअव्वलिाकज़लनूर्है। (2)हुवलआब्बखर्िाकज़लअक़्लहै (3)हुवलबाकतनिाकज़लरूहहै। (4)हुवलज़ाकहर्िाकज़लक़लमहै। इस तर्ह अल्लाह िी चार् कसफ़तें अव्वल, आब्बखर्, ज़ाकहर् व बाकतन िा ज़हूर् हुआ और् यही हज़र्त मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैकह व आकलही वसल्लम ि े भीकसफातहैं।