Personality development according to punchakosh 2016Varadraj Bapat
Personality development according to punchakosh
there are five types of koshas
Anamay kosh, Pranamay kosh, Manomay kosh, Vignayanmay kosh, Aanandamay kosh.
प्रकृतिवाद (Naturalism) पाश्चात्य दार्शनिक चिन्तन की वह विचारधारा है जो प्रकृति को मूल तत्त्व मानती है, इसी को इस बरह्माण्ड का कर्ता एवं उपादान (कारण) मानती है। यह वह 'विचार' या 'मान्यता' है कि विश्व में केवल प्राकृतिक नियम (या बल) ही कार्य करते हैं न कि कोई अतिप्राकृतिक या आध्यातिम नियम। अर्थात् प्राक्रितिक संसार के परे कुछ भी नहीं है। प्रकृतिवादी आत्मा-परमात्मा, स्पष्ट प्रयोजन आदि की सत्ता में विश्वास नहीं करते।
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प्रकृतिवाद (Naturalism) पाश्चात्य दार्शनिक चिन्तन की वह विचारधारा है जो प्रकृति को मूल तत्त्व मानती है, इसी को इस बरह्माण्ड का कर्ता एवं उपादान (कारण) मानती है। यह वह 'विचार' या 'मान्यता' है कि विश्व में केवल प्राकृतिक नियम (या बल) ही कार्य करते हैं न कि कोई अतिप्राकृतिक या आध्यातिम नियम। अर्थात् प्राक्रितिक संसार के परे कुछ भी नहीं है। प्रकृतिवादी आत्मा-परमात्मा, स्पष्ट प्रयोजन आदि की सत्ता में विश्वास नहीं करते।
This PPT would be made for all about judgment means nyay. it's all about judgment like how to make a judgment and take the right decision like this type of ............
This PPT belongs to the school principal. this all about principal. this PPT belongs to school students college students and especially the final year of b.ed students.
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2. • वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं
एवं तथ्ों को िमझने, उनमें
आपिी िम्बन्ध खोजने तथा
तकक पूर्क ज्ञान प्राप्त करने में
िहायक होती है।
3. • कहा जाता है सक,
'बुक्तियकस्य बलंतस्य'
अथाकत् सजिमें बुक्ति है
वही बलवान है। बुक्ति
के कारर् ही मानव
अन्य प्रासर्यों िे श्रेष्ठ
माना जाता है।
4. मनोवैज्ञासनकों ने बुक्ति की पररभाषाओं को तीन वगों में रखा है-
• बुक्ति िामान्य योग्यता है।
• बुक्ति दो या तीन योग्यताओं का योग है।
• बुक्ति िमस्त सवसशष्ट योग्यताओं का योग है।
6. • इि सििान्त के
अनुिार बुक्ति वह शक्ति
है जो िमस्त मानसिक
कायों को प्रभासवत
करती है।
7. • उनके मतानुिार बुक्ति दो
शक्तियों के रूप में है या बुक्ति
की िंरिना में दो कारक हैं।
• इनमें िे एक को उन्ोंने
'िामान्य बुक्ति' (General or G-
factor) तथा दू िरे कारक को
'सवसशष्ट बुक्ति' (Specific S-
factor) कहा है।
8. • थॉमिन के अनुिार व्यक्ति
का बौक्तिक व्यवहार अनेक
स्वतंत्र योग्यताओं पर सनभकर
करता है परन्तु परीक्षा करते
िमय उनका प्रसतदशक ही
िामने आता है।
9. • बुक्ति िीखने की क्षमता है।
• बुक्ति अतीत के अनुभवों िे लाभ उठाने की
योग्यता है।
• बुक्ति अमूतक सिंतन और बुक्ति के द्वारा जो
प्रत्यक्ष नहीं है उिके बारे में सिंतन कर
िकते हैं।
• बुक्ति द्वारा असजकत ज्ञान का नवीन
पररक्तथथसतयों में उपयोग सकया जा िकता
है।