आत्मविश्वास, इसका महत्त्व हम सबको पता है. चाहे वो सफलता हासिल करना हो, कोई इंटरव्यू हो, या गर्लफ्रेंड ही क्यों ना बनानी हो. अगर आत्मविश्वास नहीं है तो कुछ हासिल नहीं कर सकते. इसलिए आज हम इसी पे बात करेंगे कि How to boost self confidence:
All content and Words taken by some Internet sites. Here this PPT share only for education and training purpose. And help Hindi medium student to create our project on this topic..
आत्मविश्वास, इसका महत्त्व हम सबको पता है. चाहे वो सफलता हासिल करना हो, कोई इंटरव्यू हो, या गर्लफ्रेंड ही क्यों ना बनानी हो. अगर आत्मविश्वास नहीं है तो कुछ हासिल नहीं कर सकते. इसलिए आज हम इसी पे बात करेंगे कि How to boost self confidence:
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आज की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में, ज़िन्दगी में कुछ पाने की दौड़ में हमारे दिमाग में अनेक प्रकार की चिंताएं और तनाव आने लगता है और हम परेशान होने लगते हैं. तो आज इसी पे कुछ बातें करेंगे के how to calm your mind;
जो हो रहा हे अच्छा हो रहा हे
अच्छा हुआ जो हुआ क्यों डरे ,अच्छा ही होगा फिक्र क्यों करें
हम छोटी छोटी बातो से डर जाते हे जैसे की मेरा रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो मुझे कोई पूछता नहीं किसी ने मेरा अपमान कर दिया तो मेरा कोई सम्मान नहीं करता | मान से बड़ा हे स्वमान हमें स्व को मान देना चाहिए ।कोई हमें मान दे या न दे हमें उसकी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और याद अखना चाहिए की कुछ गलत अगर होता भी हे तो वो कुछ समय के लिए हमें दुःख देता हेहे किन अंत में तो सबकुछ अच्छा ही होता हे |इसलिए हमें हमेशा यह सोचकर चलना चाहिए की जो हो रहा हे अच्छा हो रहा हे | जो हुआ वह अच्छा हुआ | जो होगा वह भी अच्छा ही होगा |
सकारात्मक सोच
हमें अपने आप पर विशवास करके सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए | कितनी भी बुरी परिस्थिति क्यों न आये हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए |
हमारे जीवन में जब कोई प्रॉब्लम आती है, उसके साथ हमारे जीवन में कुछ परिवर्तन भी आते हैं,उस प्रॉब्लम का आसानी से सामना करने के लिए सबसे पहले हमें उस प्रॉब्लम को स्वीकार करना जरूरी है । जब कोई प्रॉब्लम आती है, तो हमारा मन कुछ प्रश्नों में उलझ जाता है ,हमारा मन प्रश्नों से भर जाता है ,जब हम किसी प्रश्नों से गिर जाते हैं ।तब हमें क्योंकि बहुत सारे प्रश्न रहते हैं तो हमें उनका जवाब नहीं मिल पाता, हमारा मन ठीक से काम नहीं कर पाता । आजकल एक प्रॉब्लम आती है प्रॉब्लम छोटी होती है लेकिन उसका हल मिलना मुश्किल हो जाता है जब हल नहीं मिलता है तो हम डर जाते हैं डर की वजह से हम सिक्योर फिल नहीं करते इसकी वजह से छोटी प्रॉब्लम होने के बावजूद भी जब वह प्रॉब्लम से बाहर नहीं निकल पाते तो शारीरिक परेशानियां सामने आने लगती है कभी-कभी किसी रिश्ते में कोई प्रॉब्लम हो जाता है या व्यापार में कोई प्रॉब्लम आ जाता है तो उसका प्रभाव इतना बड़ा हो जाता है कि हम उसे सह नहीं पाते प्रॉब्लम एक ही रहती है उसको आसानी से बाहर नहीं निकल पाने के कारण हम बहुत सी परेशानियों में फंस जाते हैं आजकल के बच्चों में भी हम देखते हैं कि उन्होंने तय किया था कि उनके जीवन में क्या होना चाहिए आगे चलकर अपना भविष्य कैसा बनाना चाहते हैं अगर वैसा आगे चलकर नहीं होता,जो उन्होंने सोचा था वह अगर बच्चे नहीं कर पाते, नहीं बन पाते, जो चाहा था वह नहीं मिलता तो वह अपने आप को भी कुछ कर लेते हैं। या परेशान हो जाते हैं, डर जाते हैं ,निराश हो जाते हैं, इसकी वजह से परिस्थिति एक होते हुए भी उसका असर जो है वह एक नहीं रहता है उसका प्रभाव काफी जगहों पर दिखने लगता है क्योंकि हम सिर्फ एक छोटी परेशानी का सामना करने में भी असमर्थ होते हैं। उसकी वजह से हमारा मन और कमजोर होता जाता है, जो प्रॉब्लम है उसका हल नहीं मिला उसके बाद उसकी वजह से हमारे मन में डर पैदा हुआ बाद में हमें गुस्सा आया गुस्से की वजह से हमारा व्यवहार बदल गया और वह व्यवहार रोज ऐसा ही चलने लगा वह व्यवहार वह परिस्थिति में हम धीरे-धीरे चलने लगे हमें पता ही नहीं चला कि हम कब गुस्से वाले व्यवहार में आ गए इसकी वजह से हमारा मन सही सोचने की क्षमता खो देता है लेकिन हमें यह लगता है कि हम सही सोच रहे हैं या गलत, हम वो परिस्थिति को एक्सेप्ट करते हैं आर आगे बढ़ते जाते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं होता है कि हम इन प्रॉब्लम्स के साथ हमारा मन कितना एडजस्ट कर पा रहा है और हमारे मन की क्षमता कितनी है। जब कोई प्रॉब्लम आती है तो चलो प्रॉब्लम आई है इसका हम सामना करेंगे और बहुत हिम्मत से सामना करेंगे यह सोच करना क्रिएट
हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार
ओसीडी एक प्रकार का मानसिक रोग होता है जिसमें अनचाहे विचार पीड़ित व्यक्ति को बार-बार आने लगते हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति जरूरत से ज्यादा चिंता करने लगता है इसमें शिकार हुए लोग अक्सर संशय में रहते हैं अपने विचारों पर काबू नहीं रख पाते दिमाग से जुड़ी कई बीमारियां ऐसी हैं जिनका कई लोग शिकार हो रहे हैं इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने आप पर किसी प्रकार का भरोसा नहीं रख पाता एवं उसकी शक करने की आदत बढ़ती जाती है आपने कई बार ऐसे व्यक्तियों को देखा होगा जो किसी एक चीज को लेकर काफी समय तक शक में रहते हैं जैसे पंखा लाइट बंद किया या नहीं घर का दरवाजा बंद किया या नहीं बार-बार पैसों को गिनना बार-बार हाथ धुलने की आदत बार-बार किसी जगह पर हाथ टच करने की आदत ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर यानी मानसिक रोग के कारण होता है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति का दिमाग एक ही काम को बार-बार करने के लिए कहता है जिसकी वजह से कोई बार-बार वही सोचे वही काम करें यह किस तरह की नकारात्मक सोच के कारण होता है और ना ही यह यह कोई पागलपन या जानलेवा बीमारी है
लक्षण
· दोहराव वाला व्यवहार
डर से जुड़ी चीजों को को महसूस करना जैसे, घर में कोई बाहरी व्यक्ति घुस आया है।
·
· हाथ धोना
· ऐसे लोगों को किसी और को नुकसान पहुंचने का डर भी रहता है।
· अत्यधिक सफाई
· धर्म या नैतिक विचारों पर पागलपन की हद तक ध्यान देना।
· व्यवहार की जाँच
चीजों को बेवजह बार-बार जांचना, जैसे कि ताले, उपकरण और स्विच आदि।
·
· गिनती
किसी चीज को भाग्यशाली या दुर्भाग्यशाली मानने का अंधविश्वास
·
· अवांछित यौन विचार
बेकार की चीजें इकट्ठा करना जैसे कि पुराने न्यूजपेपर, खाने के खाली डिब्बे, टूटी हुई चीजें आदि।
·
· आश्वासन की तलाश
कंटैमिनेशन
ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति हद से ज्यादा सफाई करता है चाहे वह शरीर के कपड़े हो कमरा हो घर हो चादर इत्यादि को बार-बार साफ करता है ऐसे व्यक्तियों को महसूस होता है कि यदि वह गंदगी व कूड़े के आसपास जाएंगे तो उनके ऊपर कीटाणु अटैक कर देंगे और उनको नहाना पड़ेगा बाहर जाने पर इस प्रकार के व्यक्ति टॉयलेट आदि का उपयोग नहीं करते उनको एक वहमहोता हैपरफेक्शन
ओसीडी से पीड़ित रोगी छोटी-छोटी बातों को लेकर अत्यधिक विचलित हो जाते हैं जैसे चीज़े एक विशेष प्रकार से क्यों नहीं रखी?संदेह करना
इस तरह के ओसीडी में लोगों के दिमाग में बार बार एक संदेह ख्याल आते रहते हैं। एक चीज को लेकर काफी समय तक शक में रहते हैं जब तक वह इस काम को ना कर लें उन्हें तसल्ली नहीं मिलती।
जैसे क्या मैंने दरवाजा बंद किया, क्या मैंने सिलेंडर बंद किया, पंखे का बटन बंद है या नहीं, दरवाज़ा कहीं खुला न रह गया, आदि जैसे सवाल उनके मन में पैदा होते रहते हैं। इसी कारण वे बार-बार इसको देखने के लिए आते हैं क्योंकि उनके मस्तिष्क में अजीब तरह का तनाव होता रहता है।
वैसे तो अपनी सुरक्षा का ख़याल रखना सबके लिए आवश्यक हैं लेकिन हर 10 मिनट में इस बात का बार-बार ख्याल आना कि मैं फिर से चेक कर लूं, या कहीं खुला ना रह गया हो वास्तव में संदेह को जन्म देता है।ना सोचने योग्य चीज़ें व अपराधबोध
ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार ऐसे विचार आते हैं जो नॉर्मल इंसान के लिए गलत होते हैं पीड़ित व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह गलत इंसान बन जाएगा वह दूसरे व्यक्ति के लिए भी गलत सोचने लगता है हालांकि यह सब वह जानबूझकर नहीं करता है
अच्छी आदतों को अपनाकर हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। ये बिलकुल सच है कि आप किसी भी बुरी आदत को रातों-रात नही छोड़ सकते और आदतों को छोड़ना थोड़ा कठिन होता है लेकिन जल्द ही आप सकारात्मक परिणाम महसूस करेंगे और जल्द की आपको एक खुशहाल, स्वस्थ और अधिक उत्पादक जीवन शैली के लाभ समझ में आएंगे।
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आज की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में, ज़िन्दगी में कुछ पाने की दौड़ में हमारे दिमाग में अनेक प्रकार की चिंताएं और तनाव आने लगता है और हम परेशान होने लगते हैं. तो आज इसी पे कुछ बातें करेंगे के how to calm your mind;
जो हो रहा हे अच्छा हो रहा हे
अच्छा हुआ जो हुआ क्यों डरे ,अच्छा ही होगा फिक्र क्यों करें
हम छोटी छोटी बातो से डर जाते हे जैसे की मेरा रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो मुझे कोई पूछता नहीं किसी ने मेरा अपमान कर दिया तो मेरा कोई सम्मान नहीं करता | मान से बड़ा हे स्वमान हमें स्व को मान देना चाहिए ।कोई हमें मान दे या न दे हमें उसकी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और याद अखना चाहिए की कुछ गलत अगर होता भी हे तो वो कुछ समय के लिए हमें दुःख देता हेहे किन अंत में तो सबकुछ अच्छा ही होता हे |इसलिए हमें हमेशा यह सोचकर चलना चाहिए की जो हो रहा हे अच्छा हो रहा हे | जो हुआ वह अच्छा हुआ | जो होगा वह भी अच्छा ही होगा |
सकारात्मक सोच
हमें अपने आप पर विशवास करके सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए | कितनी भी बुरी परिस्थिति क्यों न आये हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए |
हमारे जीवन में जब कोई प्रॉब्लम आती है, उसके साथ हमारे जीवन में कुछ परिवर्तन भी आते हैं,उस प्रॉब्लम का आसानी से सामना करने के लिए सबसे पहले हमें उस प्रॉब्लम को स्वीकार करना जरूरी है । जब कोई प्रॉब्लम आती है, तो हमारा मन कुछ प्रश्नों में उलझ जाता है ,हमारा मन प्रश्नों से भर जाता है ,जब हम किसी प्रश्नों से गिर जाते हैं ।तब हमें क्योंकि बहुत सारे प्रश्न रहते हैं तो हमें उनका जवाब नहीं मिल पाता, हमारा मन ठीक से काम नहीं कर पाता । आजकल एक प्रॉब्लम आती है प्रॉब्लम छोटी होती है लेकिन उसका हल मिलना मुश्किल हो जाता है जब हल नहीं मिलता है तो हम डर जाते हैं डर की वजह से हम सिक्योर फिल नहीं करते इसकी वजह से छोटी प्रॉब्लम होने के बावजूद भी जब वह प्रॉब्लम से बाहर नहीं निकल पाते तो शारीरिक परेशानियां सामने आने लगती है कभी-कभी किसी रिश्ते में कोई प्रॉब्लम हो जाता है या व्यापार में कोई प्रॉब्लम आ जाता है तो उसका प्रभाव इतना बड़ा हो जाता है कि हम उसे सह नहीं पाते प्रॉब्लम एक ही रहती है उसको आसानी से बाहर नहीं निकल पाने के कारण हम बहुत सी परेशानियों में फंस जाते हैं आजकल के बच्चों में भी हम देखते हैं कि उन्होंने तय किया था कि उनके जीवन में क्या होना चाहिए आगे चलकर अपना भविष्य कैसा बनाना चाहते हैं अगर वैसा आगे चलकर नहीं होता,जो उन्होंने सोचा था वह अगर बच्चे नहीं कर पाते, नहीं बन पाते, जो चाहा था वह नहीं मिलता तो वह अपने आप को भी कुछ कर लेते हैं। या परेशान हो जाते हैं, डर जाते हैं ,निराश हो जाते हैं, इसकी वजह से परिस्थिति एक होते हुए भी उसका असर जो है वह एक नहीं रहता है उसका प्रभाव काफी जगहों पर दिखने लगता है क्योंकि हम सिर्फ एक छोटी परेशानी का सामना करने में भी असमर्थ होते हैं। उसकी वजह से हमारा मन और कमजोर होता जाता है, जो प्रॉब्लम है उसका हल नहीं मिला उसके बाद उसकी वजह से हमारे मन में डर पैदा हुआ बाद में हमें गुस्सा आया गुस्से की वजह से हमारा व्यवहार बदल गया और वह व्यवहार रोज ऐसा ही चलने लगा वह व्यवहार वह परिस्थिति में हम धीरे-धीरे चलने लगे हमें पता ही नहीं चला कि हम कब गुस्से वाले व्यवहार में आ गए इसकी वजह से हमारा मन सही सोचने की क्षमता खो देता है लेकिन हमें यह लगता है कि हम सही सोच रहे हैं या गलत, हम वो परिस्थिति को एक्सेप्ट करते हैं आर आगे बढ़ते जाते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं होता है कि हम इन प्रॉब्लम्स के साथ हमारा मन कितना एडजस्ट कर पा रहा है और हमारे मन की क्षमता कितनी है। जब कोई प्रॉब्लम आती है तो चलो प्रॉब्लम आई है इसका हम सामना करेंगे और बहुत हिम्मत से सामना करेंगे यह सोच करना क्रिएट
हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार पर निर्णय लेते हैं ।
आइए इसे इस तरह समझते हैं, पहले लोगों का मानना था कि दुनिया सपाट है, इस कथित सत्य ने लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित किया, इस अवधि के दौरान बहुत कम खोजबीन की गई थी लोगों को डर था कि अगर उन्होने बहुत दूर की यात्रा की तो वे प्रथ्वी के किनारे से गिर सकते हैं।
और जब पता चला कि प्रथ्वी गोल है, लोगों का व्यवहार बड़े पैमाने पर बदल गया। लोगों ने दूसरी सभ्यताओं की खोज शुरू कर दी, व्यापार मार्गों की स्थापना हुई विचारों और प्रगति के साथ मानवजाति और विकसित हुई।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी निर्णय सही नहीं होते, चाहे हम कितनी भी जानकारी एकत्रित कर लें। कभी कभी उन गलत निर्णयों का प्रभाव मामूली होता है और कभी कभी यह विनाशकारी हो सकता है। परिणाम चाहे कुछ भी हो हम दुनिया की एक धारणा के आधार पर निर्णय लेते हैं।हम जो धारणाएं बनाते हैं वह कभी कभी अधूरी या गलत जानकारी के आधार पर अपनी आस पास की दुनिया के बारे में धारणाएं बनाते हैं क्यों कि हमारा व्यवहार हमारे कथित सत्य के आधार पर होता है और हम जो सोचते हैं उसी आधार
ओसीडी एक प्रकार का मानसिक रोग होता है जिसमें अनचाहे विचार पीड़ित व्यक्ति को बार-बार आने लगते हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति जरूरत से ज्यादा चिंता करने लगता है इसमें शिकार हुए लोग अक्सर संशय में रहते हैं अपने विचारों पर काबू नहीं रख पाते दिमाग से जुड़ी कई बीमारियां ऐसी हैं जिनका कई लोग शिकार हो रहे हैं इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने आप पर किसी प्रकार का भरोसा नहीं रख पाता एवं उसकी शक करने की आदत बढ़ती जाती है आपने कई बार ऐसे व्यक्तियों को देखा होगा जो किसी एक चीज को लेकर काफी समय तक शक में रहते हैं जैसे पंखा लाइट बंद किया या नहीं घर का दरवाजा बंद किया या नहीं बार-बार पैसों को गिनना बार-बार हाथ धुलने की आदत बार-बार किसी जगह पर हाथ टच करने की आदत ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर यानी मानसिक रोग के कारण होता है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति का दिमाग एक ही काम को बार-बार करने के लिए कहता है जिसकी वजह से कोई बार-बार वही सोचे वही काम करें यह किस तरह की नकारात्मक सोच के कारण होता है और ना ही यह यह कोई पागलपन या जानलेवा बीमारी है
लक्षण
· दोहराव वाला व्यवहार
डर से जुड़ी चीजों को को महसूस करना जैसे, घर में कोई बाहरी व्यक्ति घुस आया है।
·
· हाथ धोना
· ऐसे लोगों को किसी और को नुकसान पहुंचने का डर भी रहता है।
· अत्यधिक सफाई
· धर्म या नैतिक विचारों पर पागलपन की हद तक ध्यान देना।
· व्यवहार की जाँच
चीजों को बेवजह बार-बार जांचना, जैसे कि ताले, उपकरण और स्विच आदि।
·
· गिनती
किसी चीज को भाग्यशाली या दुर्भाग्यशाली मानने का अंधविश्वास
·
· अवांछित यौन विचार
बेकार की चीजें इकट्ठा करना जैसे कि पुराने न्यूजपेपर, खाने के खाली डिब्बे, टूटी हुई चीजें आदि।
·
· आश्वासन की तलाश
कंटैमिनेशन
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इस तरह के ओसीडी में लोगों के दिमाग में बार बार एक संदेह ख्याल आते रहते हैं। एक चीज को लेकर काफी समय तक शक में रहते हैं जब तक वह इस काम को ना कर लें उन्हें तसल्ली नहीं मिलती।
जैसे क्या मैंने दरवाजा बंद किया, क्या मैंने सिलेंडर बंद किया, पंखे का बटन बंद है या नहीं, दरवाज़ा कहीं खुला न रह गया, आदि जैसे सवाल उनके मन में पैदा होते रहते हैं। इसी कारण वे बार-बार इसको देखने के लिए आते हैं क्योंकि उनके मस्तिष्क में अजीब तरह का तनाव होता रहता है।
वैसे तो अपनी सुरक्षा का ख़याल रखना सबके लिए आवश्यक हैं लेकिन हर 10 मिनट में इस बात का बार-बार ख्याल आना कि मैं फिर से चेक कर लूं, या कहीं खुला ना रह गया हो वास्तव में संदेह को जन्म देता है।ना सोचने योग्य चीज़ें व अपराधबोध
ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार ऐसे विचार आते हैं जो नॉर्मल इंसान के लिए गलत होते हैं पीड़ित व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह गलत इंसान बन जाएगा वह दूसरे व्यक्ति के लिए भी गलत सोचने लगता है हालांकि यह सब वह जानबूझकर नहीं करता है
अच्छी आदतों को अपनाकर हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। ये बिलकुल सच है कि आप किसी भी बुरी आदत को रातों-रात नही छोड़ सकते और आदतों को छोड़ना थोड़ा कठिन होता है लेकिन जल्द ही आप सकारात्मक परिणाम महसूस करेंगे और जल्द की आपको एक खुशहाल, स्वस्थ और अधिक उत्पादक जीवन शैली के लाभ समझ में आएंगे।
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2. CS Life Hacks
|2
By: Chirag Patil
सिर्फ खिचाव या कु छ और……
इि पोस्ट को पढने के बाद आकर्फण और िेक्शुअसिटी को िेकर आपके मन मे जो अिमंजि ववचार है, वो
९९.९९% ितम हो जाएगा।
१. आकर्षण महसूस करना एक नॅचरल बात है। आकर्षण के २ प्रकार है, “Sexual Attraction” और
“Physical Attraction” ।
२. कु छ लोग “Sexual Attraction” और “Physical Attraction” के बीच कन्फ्युज्ड हो जाते है। ककसी के
भी प्रतत आकर्षण होना आम बात है, चाहे वो ववपरीत ललिंग के प्रतत हो या अपने ही जेंडर वालों के
प्रतत हो। इन दोनों मे अपने ही जेंडर वालों के प्रतत आकर्षण होना आम बात है, यह Feeling “Sexual
Attraction” या “Romantic Attraction” से अलग होती है।
३. ववपरीत ललिंग के प्रतत आकर्षण होना आम बात है। इस प्रकार के आकर्षण मे या तो “Sexual
Attraction” या “Physical Attraction” या किर दोनों हो सकते है। लेकीन जरुरी नही है की अपने ही
जेंडर वालों के प्रतत जो आकर्षण होता है, उसमे दोनों प्रकार हो सकते है।
४. “Physical Attraction” एक नॉमषल बात है, ये तो हर ककसी को ककसी से भी हो जाता है। इस प्रकार
के आकर्षण मे ककसी भी प्रकार के इिंटिमेन्फसी (SEX) के इरादे नही होते। हम लोग घर, ऑकिस, दोस्तों
के साथ आटद सब जगहों पर सब एक साथ लमल जुलकर रहते है, वो इस प्रकार के आकर्षण के
कारण। जजसके साथ रहने मे अच्छा लगता है या किर जजन लोगों का साथ हमे जजिंदगी भर के ललए
चाटहए, ऐसे आकर्षण को “Physical Attraction” कहते है।
५. “Sexual Attraction” भी एक नॉमषल ही बात है, लेककन ये हर ककसी से नही होता। इस प्रकार का
आकर्षण लसिष उनके साथ होता है जजनके साथ हमारे इिंटिमेन्फसी (SEX) के इरादे होते है। इिंटिमेन्फसी
लसिष एक तरीका है,”Married Life” में अपने पािषनर के प्रतत प्यार जताने का और कु छ नही, वो भी
लसिष अपने विंश को आगे बढाने के ललए।
६. अगर आप को भी ककसी से आकर्षण होता है, तो अपने आपको गलत मत समझे। सबसे पहले खुद
ही जान लो की वो आकर्षण ककस प्रकार का है, उसके बाद ही सही तनणषय लो और कु छ गलत है, तो
अपने आप को कोसने की जरुरत नही है, आकर्षण एक नँचरल बात है। आकर्षण कभी भी ककसी से भी
हो सकता है।
(Note: जो िोग सिर्फ SEX और MONEY के सिए दुिरोंको भाव देतें है, उनके अंदर ककिी भी प्रकार
का कोई आकर्फण नही होता। उन्हे सिर्फ ये दो चीजें ही ददिती है, बाकी उनको कु छ भी िेना-देना नही
होता।)
3. CS Life Hacks
|3
By: Chirag Patil
अच्छे और मतिबी िोगों की पहचान
१. मतलबी इिंसान अपाना काम करने पर हमेशा आपकी ताररि करता रहेगा और जब उसका काम
खतम हो जायेगा तो वो आपका हाल भी नही पूछेगा । अच्छे लोग बीना ककसी िायदे से आपका काम
करते है और वो हमेशा आपकी तारीि करते रहते है।
२. हर मतलबी इिंसान अपना काम करने से पहले आपको कािी कु छ खखलाएगा – वपलाएगा और आपके
साथ रहेगा जब तक की उसका वो काम खत्म ना हो , काम खत्म होने के बाद वो आपको एक कप
चाय भी नही पुछेगा । अच्छे लोगों का बरताव अच्छा ही रहता है चाहे उनको आपसे कोई काम हो या
ना हो और वो आपका खुद से भी ज्यादा खयाल रखते है।
३. जो एिंसान आपसे कभी प्यार से बात ना करता हो वो अचानक आपपे अपना प्यार बरसाने लगे तो
समझ जाना की इसको आपसे कु छ ना कु छ काम जरूर है । मतलबी इिंसान अपना काम तनकालने के
ललए बहुत ही प्यार और नरम टदल से बात करता है । अच्छे लोग सबसे अच्छे तरीके से ही पेश आते
है और उनका काम होने के बाद भी वो आपको उतनी ही इज्जत और सन्फमान देते है जजतनी काम
करते वक्त देते है।
४. जो इिंसान बुरे समय मे आपसे लमलने तक ना आया हो या आपसे बात तक ना की हो और अगर
अचानक वो आपसे रोज बात करने लगे तो तुरिंत समझ जाना की उसे आपसे कु छ काम है । अच्छे
लोग जो आपको टदल से अपना मानते है वो हमेशा आपको Call/Message करके आपको परेशान
करके आपसे बात करते है।
५. यदी कोई इिंसान हमेशा आपसे झुठ बोलता हो या किर आपके दुश्मनों से आपकी बुराई और आपसे
उनकी बुराई करता है, तो समझो वो कािी विादार नही है । ये लोग पक्के मतलबी होते है, इनके
साथ रहना खतरेसे खाली नही है । अगर ऐसे लोग आपके साथ रहेंगे तो आपके हर सीक्रे ि को जान
जाते है और आगे चलकर आपको नुकसान पहुचा सकते है। अच्छे लोग जो आपको टदल के पास रखते
है वो कभी आपसे झुठ नही बोलते, उनके मन की बात वो तुरिंत आपको बता देते है और अगर कोई
बात उनको खिकती है तो वो सीधे सीधे बता देते है, इनके साथ रहने मे आपको कोई खतरा नही।
4. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
ये बातें बताती है की िामने वािा व्यक्ती आपको ददि िे
चाहता है।
ददनभर आप बहुत िारे िोगों िे समिते है। कु छ िोगों को आपिे बहुत ज्यादा िगाव हो ज्याता है। ये
बात वो िुि के बता नही पाते, जो िाहिी और ननडर होतें है उनके ददि की बात वो आपको तुरंत
बताते है। अगर कोई आप पर कर्दा हो गया है, तो ये बात वो कार्ी देर तक छु पा कर नही रि िकते
और उिके िंके त वो िुद ही देने िगते है।
१. जब व्यक्ती ककसी को पसिंंिंद करता है तो वो उसके बारे सब कु छ जानना चाहता है।
२. आपकी पसषनल लाईि और ररलेशनलशप स्िेिस के बारे मे जानने की कोलशश करता है। यह एक
इशारा है की वो आपकी और बबना ककसी मतलब के खखचा चला जा रहा है।
३. अगर कोई आपको पसिंद करता है तो वो ककसी ना ककसी बहाने से आपको छु ने की कोलशश करता
है और हमेशा आपके नजदीक रहने की कोलशश करता है या बार बार आपका हात पकडता है। अगर ये
बात है तो समझ ले की उनको आपसे बहुत लगाव हो गया है।
४. आपसे बाते करने मे उन्फहे अच्छा लगता है और आपको देखते ही वो बहुत खुश होते है। आपके
साथ वो तनडर होकर रहते है या जब आप साथ होते है तो उन्फहे ककसी भी बात की पवाष नही होती और
वो सारी चचिंता भुल जाते है।
५. बार बार आपसे बाते करने का बहाना ढुिंढते है और आपको एस एम एस या कॉल करके परेशान
करते रहते है चाहे आप ररप्लाय दो या ना दो ।
अगर ये इशारे कोई दे रहा है तो िमझ सिजजये की वो आपको बेहद चाहते है, शायद िुद
िे भी ज्यादा। उनके सिए बि आप ही मायने रिते है, बाकी आपकी िुंदरता कै िी भी हो या आपकी
पररजस्िती कै िी भी हो, ये बाते उनके डडक्शनरी मे नही होती, उन्हे तो बि आप की जरुरत है नाकी
आपके िुंदर होने की और नाही आपके अमीर होने की।
5. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
ककिी मे है ये िुबीयॉ तो भुिकर भी ना छोडे उनका िाि
१. अपनी गिती मानना
अपनी गलती होने या ना होने पर भी वो आपसे खुद सॉरी बोलते है तो वो एकदम पिे क्ि है। क्योंकी
ऐसे लोग ररलेशन को बरकरार रखना जानते है।
२. पेरेंट्ि की इज्जत करना
जो आपके पेरेंट्स की अच्छे से इज्जत करते है ऐसे लोगों का साथ कभी ना छोडे।
३. के यर करना
अगर कोई आपकी बहुत के यर करता है तो ऐसे लोग आपको कही और नही लमल सकते, ऐसे लोगो को
भुलकर भी अपने से दुर ना करे।
४. िमय ननकािना
बबजी होने के बावजुद भी आपके ललए समय तनकालते है उनका साथ कभी नही छोडना।
५. हमेशा एजक्टव रहना
थकान होने के बावजुद भी अगर वो आपके ललए एजक्िव रहते है तो वो आपके साथ बहुत खुश है।
ऐसे लोग प्रॉब्लेम आने पर भी साथ नही छोडते, इससे पता चलता है की वो आपकी ककतनी के यर
करते है।
६. आपके िाि रहते है तो िुश होते है
जो लोग आपको अपना मानते है उनको कभी भी हिष नही करना चाटहये, क्योंकी उनके ललए आपके
खुशी से बढकर कु छ नही होता।
6. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
ऐिे जाने िामने वािे की मन की बात।
१. अगर टदन भर काम करके थक जाने के बाद भी वो आपसे लमलने के ललए तैयार रहते है, तो
समझ ललजीए की आप उनके ललय बहुत खास है।
२. अगर आप के बारे मे उन्फहे सब बाते मालूम है और वो आपकी बाते ध्यान से सुनते है, तो समझ
ललजीए की वो आपको टदल से अपना मानते है।
३. अगर आप के हर बात वो सुनते है, तो समझ ललजीए की उनसे ज्यादा अच्छा दोस्त, साथी आपको
चचराग लेके ढुिंढने से भी नही लमलेगा।
४. अगर वो छु पके से बबना शमाषये या ककसी को डरे आपको देखते है या आपकी नजरोंसे नजरे लमलाते
है, तो समझ ललजीए की आप उनके ललए बहुत खास है।
५. आपसे लमलने का या बात करने का बहाना ढुिंढते है, तो समझ जाना की उनके टदल मे आपके ललए
बहुत ज्यादा अपनापन है और ऐसा दोस्त या साथी आपका साथ पुरी जजिंदगी भर के ललए चाहते है।
7. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
अगर आ गया है ककिी पे ददि तो ऐिी हरकते ना करे।
1. र्ीसिंग्ि को कं ट्रोि करें
आप जल्दी से अपने टदल की बात उन्फहें कह देना चाहते हैं, लेककन जल्दी-जल्दी में कोई गलती करके
जजिंदगी भर के ललए अपना इिंप्रेशन खराब करने से बेहतर होगा थोडा किं ट्रोल करें. क्योंकक हर चीज़ का
सही वक्त होता है।
2. अपनी र्ीसिंग्ि को छु पाना मत
भावनाओिं को किं ट्रोल करने का मतलब यह नहीिं कक आप उन्फहें कभी बताएिं ही नहीिं कक आपके मन में
उनके ललए क्या है। जब तक आप बताएिंगे नहीिं आपको नहीिं मालूम पडेगा कक सामने वाला भी क्या
आपके ललए वही सोचता है जो आप सोचते हैं और उसे भी कै से पता चलेगा इसीललए अपनी िीललिंग्स
जरूर बताएिं, बबना ये डर तनकाले कक जवाब हािं लमलेगा या ना।
3. कभी भी र्ॉिो ना करें
कई लोग अपने टदल की बात बताने से पहले कई बार सामने वाले को स्िॉक करते हैं। जैसे िे सबुक
पर उनका प्रोिाइल देखना, इिंस्िाग्राम पर पोस्ि चेक करना, आस-पास हो तो बार-बार देखना या किर
िॉलो करना। आप गलती से भी ऐसा करने की कोलशश ना करें। जजतना स्पेस आप उनको देंगे उतनी
ही ररस्पेक्ि आपको लमलेगी। इसी के साथ ही आप दोनों का ररश्ता भववष्य में उतना ही बेहतर होगा।
4. िीधे बात करें
ककसी के भी पास इतना समय नहीिं कक वो आपकी घुमा किरा कर कही गई बातों को समझने के ललए
वक्त तनकाले। इसीललए हमेशा सीधे बात करें और अपनी िीललिंग्स को क्लीयर रखें। ताकक सामने
वाला आपकी बातों को आसानी से समझ सके ।
5. अजीब हरकते
उन सभी अजीब हरकतों से भी बचें जो आपको दूसरों के सामने हिंसी का पात्र बनाती हों। क्योंकक सभी
को ऐसे पािषनर की जरूरत होती है जजसका अपना कोई वजूद हों। क्योंकक अजीब हरकतों से आप लसिष
नोटिस हो सकते हैं, लेककन सामने वाले की तरि से हािं में जवाब लमलना मुजश्कल है। वहीिं, अगर
आपको जवाब में हािं लमल भी जाएिं तो बात लिंबे समय तक चलेगी नहीिं।
8. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
इन बातोंिे पता चिता है की आप ककतने “Matured” है।
दुसरों को जलाने की कोलशश
कु छ लोग दुसरोंको जलाने मे हमेशा आगे रहते है। खास कर उन लोगों को जो उन्फहे सबसे ज्यादा
अपनापन देते है। अगर कोई ऐसा करता है तो वो बच्चा है ना की “Matured”।
अपने आप मे व्यस्त
कु छ लोगों को अपने आप से मतलब होता है । उन्फहे दुसरों के “Feelings” की कोई कदर नही होती ।
कोई बात अगर उनके िायदे की होती है तभी वो उसपे ध्यान देते है । ऐसे लोग “Matured” नही
बल्की बेवकु ि होते है।
बेवजह का झगडा
छोिी छोिी बातों पे गुस्सा करना, पररजस्थती को समझने के वजह गुस्सा करना। ऐसे लोग “Matured”
नही “Stupid” होते है।
जीतना मकसद
अपनी गलती मान लेना पररपक्वता की तनशानी होती है। लेककन वो तो कभी अपनी गलती मानते ही
नहीिं है। इतना ही नहीिं उन्फहें झगडे को सुलझाने से ज्यादा बहस में जीत जाना ज्यादा महत्वपूणष लगता
है।
जब ककसी के अिंदर “Maturity” आ जाती है तो वो समझता है कक जजिंदगी में छोिी-छोिी कु बाषतनया देनी
पडती है। मगर कु छ तो झुकने के ललए भी तैयार नहीिं है। उन्फहें सबकु छ अपने टहसाब से ही करना है
तो यह बचपना है ना की “Maturity”।
आप की गिती नाहो तो भी पूरी दुननया आपके खििार् हो जाए िेककन कोई एक हमेशा आपके िाि
िड़ा होता है। इिे कहते है “िमझदारी”।
अपने कपड़ों-बतफन िे िेकर बबस्तर तक ठीक रिते है तो इिे कहते है िमझदारी ।
जो िोग अपनी कदर करते है, उनकी “Care” करना ही िबिे बडी िमझदरी है।
9. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
क्या होती है “प्यार” नाम की चीज ?
प्यार या प्रेम एक अहसास है जो अनेक भावनाओिं का लमश्रण है जो खुशी की ओर ववस्ताररत है। प्यार
एक मज़बूत आकर्षण और तनजी जुडाव की भावना है। ये ककसी की दया, भावना और स्नेह प्रस्तुत
करने का तरीका भी माना जा सकता है। खुद के प्रतत, या ककसी जानवर के प्रतत, या ककसी इन्फसान के
प्रतत स्नेहपूवषक कायष करने या जताने को प्यार कहते हैं।
प्यार एक गहरा और खुशनुमा एहसास है। जब ककसी से प्यार होने लगता है तो ररश्ते की शुरवात में
हम अक्सर लसिष सकारात्मक चीज़ें ही देखते हैं, और सातवे आसमान में महसूस करते हैं। ये एहसास
इतना गहरा होता है की यटद हमें उस व्यजक्त से बदले में उतना ही प्यार न लमले तो कािी दुुःख
पहुँचता है।
तनष्कर्ष ये है कक प्यार अलग अलग चरणो में ववकलसत होता है। पहले शारीररक आकर्षण का
दीवानापन, किर स्वप्नलोक, किर मजबूत लगाव और उसके बाद दौर आता है गहरे प्यार का जो
अक्सर उम्र भर तक रहता है।
जब आप ककसी से प्यार करते हैं तो आप उस इिंसान के बारे में हर समय सोचते रहते हैं। उनकी कक
हुई हर बात आपको सही लगती है। प्यार का एहसास आपको सातवें आसमान जैसा महसूस करता है।
लेककन साथ ही ये आपको नवषस भी कर सकता है ।
(Note: जो सिर्फ शरीर या बाहरी िुंदरता या पैिे के सिये प्यार करते है उनकी बात अिग है । िेक्ि
और प्यार अिग चीज़ें हैं। िेक्ि सिर्फ आकर्फण और शारीरक िंतुजटट के सिए भी हो िकता है। िेककन
िेक्ि का अििी आनंद उि व्यजक्त के िाि ही है जजििे वो बेहद इश्क़ करते हैं। प्यार होता है तो
उिमे बाहरी िुंदरता, अमीरी और गरीबी देिी नही जाती ।)
वैज्ञातनकों ने पाया कक कक जब कोई व्यजक्त प्यार में होता है तो उसके शरीर में एक ख़ास हामोन का
प्रवाह बढ़ जाता है। इनमे से एक है ऑक्सीिोलसन, जजसे आम भार्ा में ‘लव हामोन’ कहते हैं।
10. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
ये हैं िच्चे प्यार की ननशाननयां
हमारे साथ ऐसा होता है कक अगर हम सडक पर अके ले चल रहे हैं तो हमारे खयालों में लसिष वही
शख्स रहता है. हमारे आस-पास बहुत सी चीजें होती हैं लेककन आपके ववचारों में लसिष वही शख्स
होता है।
अपना िे वररि लव सािंग सुनने पर आपको लसिष उसी की याद आती है और आपको ये लगता है कक
उस गाने का हर शब्द आपको ही ध्यान में रखकर ललखा गया है।
आपको उस शख्स की हर बुराई और बचकानी हरकत में भी अच्छाई नजर आती है और उसकी
गलततयों पर प्यार आता है।
अगर गलतीसे आप दोनों के बीच खूब बहस होती है लेककन अिंत में आप सारी बातें भूल जाते हैं।
उसकी गैर-मौजूदगी में खुद को अधूरा महसूस करते हैं। चाहे ककतने ही लोग आपके साथ हों आपकी
नजरें उसे ही खोजती हैं?
उसके दुखी होने पर आपको भी दुख होता है और आप चाहते हैं कक कै से भी करके आप उसके दुख
को दूर कर दें।
आपको अपने प्यार पर पूरा भरोसा है और आपको कोई डर नहीिं है कक आप उसे खो देंगे। क्या आप
इस बात पर यकीन कर चुके हैं कक वो हमेशा आपके साथ ही रहेगा।
आपको उसके ललए ककसी चीज की कु बाषनी देने में कु छ भी बुरा नहीिं लगता है और आपको लगता है कक ऐसा
करने से उसे खुशी होगी इसललए यही करना सही लगता है।
कई बार पजब्लक प्लेसेज पर आप एक-दूसरे को छेडते है और ये भूल जाते हैं कक आपके आस-पास
दूसरे भी मौजूद हैं।
आपने इस नए साथी लमलने के बाद से आपमे कािी कु छ बदल रहे हैं। जैसे अपनी प्रोिाइल वपक्चर
बदलना, आए टदन रोमािंटिक गानों का अपडेि डालना, पॉजजटिव बातें और लव या उससे जुडे पोस्ि
शेयर करना.
आपको कहीिं भी अके ले जाना अच्छा नहीिं लगता है और अके ले होने पर आप उसके साथ की ख्वाटहश
करते हैं।
11. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
अके िापन…. र्ायदे या नुकिान ?
अके लापन आपको न लसिष मानलसक रूप से बजल्क शारीररक रूप से भी बीमार बना सकता है।
अके लेपन की समस्या पूरी दुतनया में तेजी से बढ़ रही है। अगर सिर्फ दि िेकें ड तक ही ककिी को गिे
िगा सिया जाए तो इििे आपकी रोग-प्रनतरोधक क्षमता बढ़ती है। अगर आपको नींद ना आने की
बीमारी है तो िोते वक्त आपके िाि कोई होगा तो ये बबमारी दुर हो जायेेेेेगी।
अके लापन अथाषत लोनलीनेस आपकी सोच को इस कदर प्रभाववत करता है कक सेहत भी इसके लशकिं जे
में ििं स जाती है। यहािं यह बताना भी जरूरी है कक अपनी इच्छा से अके ले रहना अलग बात है और
समूह में रहते हुए भी अके लापन महसूस करना पूरी तरह से एक अलग बात है। अगर आप ककिी के
िाि चचपक कर रहते है या िोते है तो इििे आपकी िकान और तनाव दूर होता है। इििे आपको
अके िेपन का एहिाि नहीं होता और िारी चचंताएं भी दूर होती हैं।
अके लेपन से तनाव, व्याकु लता और आत्मववश्वास में कमी जैसी मानलसक समस्याएिं होती हैं। अके लेपन
से शारीररक बीमाररयािं होने के जोखखम भी बढ़ जाते हैं। ककिी के िाि चचपककर रहने िे शरीर में
गमी पैदा होती है। इि वजह िे ब्िड िकुफ िेशन अच्छा होता है। इििे िोगों की िोचने और चीजें याद
रिने की क्षमता बढ़ती है।
(Note: अके िे होने का मतिब शारीररक रूप िे अके िे होना नहीं है, बजकक िोगों के िाि जुड़ाव
महिूि न होना या परवाह न ककये जाना ही अके िापन है। इि बबमरी का इिाज एक ही है, अगर
आपके िाि कोई भी हो तो उन्हे अके िा मत छोडो। अगर आपका िािी या दोस्त बहुत चुप चुप िा
रहता है,तो िमज िेना की उिके मन मे कु छ तनाव जरुर है, ऐिे मे आप उनके करीब रहेंगे तो ये
उनके सिए और आपके सिए बहुत ज्यादा र्ायदेमंद है। क्योंकक हम िबको ये नहीं कह िकते कक
बाहर ननकिो और कोई चाहने वािा ढूंढो।)
12. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
२५ की उम्र के बाद ये आदते छोड दे
25 की आयु बेहद महत्वपूणफ होती है इिसिये कु छ आदतों को 25 की उम्र होने िे पहिे छोड़ देना ही
बेहतर होता है।
1. बुरी आदतें और कु छ बुरे लोग आपको बेहद नुकसान पहुिंचा सकती हैं तो ऐसी आदतों और ऐसे
लोगों से जजतना हो सके उतना दूर रहने की कोलशश करें। टदन-रात नकारात्मक लोगों के सिंपकष में
रहने से हमारी सोच पर गलत असर पडता है। सही लोगों की सिंगत में रहेंगे तो आपके जजिंदगी को
हिंसी-खुशी के साथ जीना सीखने में मदद होंगी।
2.अपने गुस्से के बारे मे औरों को एक्सप्लेनेशन देना बिंद करे। ऐसा करने से आप अपने अिंदर के
नकारात्मक भाव को नष्ि करने मे सिल हो सकते है।
3.”मैं यह नहीिं कर सकता हूिं” इस वाक्य को भूल जाना ही बहतर होगा। याद रखे “Everything is
Impossible until it’s done”.
4.गुस्सा करना ककसी चीज का समाधान नही। अगर आपको हर छोिी बात-बात पर गुस्सा आता है तो
दूसरों से राय लें। गुस्सा करने से सोचने समझने की शजक्त कम हो जाता है और लोग सही तनणषय
नहीिं ले पाते। गुस्सा कम करने के ललये योग और ध्यान करें।
5.सुबह की शुरूआत हैंगओवर की जगह एक्सरसाइज़ के साथ करना चालू कर दो। लसगरेि या शराब
जैसे मादक चीजोंका सेवन बिंद कर दो।
13. CS Life Hacks
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By: Chirag Patil
ये बातें शेअर करने में िडकों को शमफ आती है(डर िगता है)।
१. एक उम्र के बाद लडकों की आवाज मोिी हो जाती है, उनकी ये बदली हुई आवाज उन्फहे पसिंद नही
आती। आवाज बदलने का कारण भी वो जानना चाहते है लेकीन वो बताने मे या पुछने मे शमाषते है।
२. जब पती पत्नी एक साथ एक ही जगह पर काम करते है, तो कु छ पतीयोंको अपने पत्नी से जलन
होती है, लेकीन ये बात वो ये बात बताने मे शमाषते है।
३. कई लडकों को खाना बनाना पसिंद आता है, लेकीन सबके सामने ककसी ने पुछा तो वो साि मना
कर देते है।
४. कई लडके तो लडकीयों से भी ज्यादा इमोशनल हो जाते है, लेकीन ये बात बताने मे कु छ लडके
डरते है तो कु छ शमाषते है।
५. कु छ लडके हँडसम बनके का बहुत प्रयास करते है, लेकीन ये बात वो सबसे छु पाते है। कभी कभी
तो वो छु प छु प लडकीयों की ब्युिी प्रोडक्ट्स भी इस्तेमाल करते है।
६. कु छ लडकों को लडकों से ही आकर्षण हो जाता है, लेकीन कोई उनका मजाक ना उडाये इलसलीए ये
बात बताने मे वो डरते है ।
७. कु छ् लोगों से इन्फहे बहुत ज्यादा लगाव हो जाता है या किर वो लोग इन्फहे अपनेसे लगते है, ये बात
बताने मे वो शमाषते है ।
14. CS Life Hacks
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क्यों होता है ककिी के प्रनत आकर्फण?
ककसी के प्रतत आकर्षण ककसपेजप्िन नामक हामोन के कारण होता है, जो मानव मजस्तष्क में पाया
जाता है।
इस हामोन की वजह से ही मटहला व पुरुर् एक-दूसरे के प्रतत आकवर्षत होते हैं।
इस हामोन की तीव्रता से इिंसान साइकोसेक्सुअल डडसॉडषर का लशकार हो सकता है, यानी कामुकता का
मनोववकार पैदा हो सकता है। इस जस्थतत में इलाज करवाना जरूरी होता है। मजस्तष्क में मौजूद
ककसपेजप्िन की पहचान पहले ही ऐसे अणु के रूप में की जा चुकी है, जजसके कारण तरुणाई टदखती है
या जनन क्षमता पर तनयिंत्रण होता है। एक हाललया शोध के नतीजे बताते हैं कक तरुणाई, जनन
क्षमता, आकर्षण, यौनाचार पर तनयिंत्रण एक अणु के माध्यम से तनयिंबत्रत होता है, जजसे ककस्पेजप्िन
कहते हैं। यह मजस्तष्क के ववलभन्फन पररपथ में एक-दूसरे के समािंतर गतत करता है।
हाइपोथेल्मस में मौजूद न्फयरॉन का एक उपसमूह ववपरीत ललिंगों के प्रतत आकर्षण पैदा करता है और
मजस्तष्क बाह्य जगत से लमल रहे सिंके तों को डडकोड करता है और इन वातावरणीय सिंके तों को
व्यवहार में बदलता है।
इसललये होता है ककसी से आकर्षण |