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पीएम के यस
(PM CARES)
संदभ:
हाल ही म,सु ीम कोट ने इलाहाबाद उ यायालय के
‘पीएम-के यस फं ड’ (PM-CARES Fund) से संबंिधत आदेश
को चुनौती देने वाली अपील पर िवचार करने से इनकार कर
दया है।इलाहाबाद उ यायालय ने अपने इस आदेश म
‘पीएम-के यस फं ड’ क संवैधािनक वैधता को चुनौती देने
वाली चुनौती को खा रज कर दया था।
संबंिधत करण:
 उ यायालय ने ‘आपदा बंधन अिधिनयम’, 2005 क पृ भूिम म ‘पीएम-के यस फं ड’ और ‘ धानमं ी रा ीय राहत
कोष’ क वैधता को चुनौती देने वाली जनिहत यािचका को खा रज कर दया था।
 यािचकाकता ने तक दया था, क ‘पीएम-के यस फं ड’ को िबना कसी वैधािनक समथन के थािपत कया गया है,और
इसे ‘सूचना के अिधकार अिधिनयम’ (आरटीआई अिधिनयम) क अिधकार- े से बाहर रखा गया है।
पीएमके यसफं डऔरइसके कामकाजसे संबंिधत मु े:
पीएमके यस फं ड, अपनी घोषणाके बादसेहीसंदेहके घेरेमरहा है, और िवप ीदल ारा इस फं डके संचालनमपारद शताक मांगक जाती
रही है।
PM-CARESके बारे म:
आपातकालीन ि थित म धान मं ी नाग रक सहायताएवं राहत कोष(Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief
in Emergency Situations Fund : PM-CARESFund) का गठन,कोिवड-19 महामारी, और इसी कार क अ य आपात
ि थितय के दौरान, दान वीकार करने और राहत दान करने के िलए कया गया था।
पीएम के यस फं ड के बारे म:
 PM CARES फं ड क थापना 27माच 2020 को ‘पंजीकरण अिधिनयम, 1908’ के तहत एक धमाथ ट के प म क
गयी थी।
 यह िवदेशी अंशदान से से ा दान का लाभ उठा सकता है और इस िनिध म दयाजानेवाला दान100% कर-मु होता
है।
 PM-CARES,‘ धानमं ी रा ीय राहत कोष’(PMNRF)से िभ है।
फं ड का बंधन कौन करता है?
 धानमं ी, PM CARES फं ड के पदेन अ य और र ा मं ी, गृह मं ी और िव मं ी, भारत सरकार िनिध के पदेन
यासी होते ह।
 2021 म, क सरकार ारा द ली उ यायालय को सूिचत कया गया था, क PM CARES फं ड भारत सरकार का
फं ड नह है और इसके ारा एक क गई रािश भारत के समे कत कोष म नह जाती है।
मेके दातु जल प रयोजना
(Mekedatu water project)
संदभ:
 हाल ही म,कनाटक िवधानसभा ारा ‘मेके दातु प रयोजना’ (Mekedatu project) को मंजूरी देने के िलए एक
सवस मितसे एक ताव पा रत कया गया है।
 कु छ समय पूव,तिमलनाडु ने कनाटक ारा तािवत ‘मेके दातु पेयजल और संतुलन जलाशय प रयोजना’ के िवरोध म
एक ताव पा रत कया था।कनाटक ने यह ताव, तिमलनाडु के उस ताव क ित या म पा रत कया गया।
कनाटक क मांग:
 कनाटक िवधान सभा ारा ‘क ीय जल आयोग’ और ‘पयावरण एवं वन मं ालय’ से मेके दातु प रयोजना को ज द से ज द
मंजूरी देने का आ ह कया गया है।
 िवधान सभासदन ारा क ीय ािधका रय से गोदावरी, कृ णा, पे ार, कावेरी, वैगई और गुंडर नदी-जोड़ने क
प रयोजना क ‘िव तृत प रयोजना रपोट’(Detail Project Report – DPR) कोतटीय रा य कािह सा तय होने तथा
कनाटक ारा अपनी मंजूरी दए जाने तक अंितम प नह देने का आ ह कया गया है।
 सदन ने क ीय ािधका रय से तिमलनाडु क अवैध प रयोजना को मंजूरी नह देने और तिमलनाडु को उ ह जारी
रखने से रोकने का िनदश देने का भी आ ह कया है।
कनाटक ारा मेके दातु प रयोजना को शु करने के संबंध म दए
गए कारण:
 सु ीम कोट ने कावेरी जल िववाद यायािधकरण के
फै सले म संशोधन करते ए एक सामा य जल वष म
िबलीगुंडलू (जल गेज) म 177.25 टीएमसी फ ट पानी
छोड़ने क पुि क है।
 बगलु महानगर शहर के िलए 24tmcftका आवंटन,
और सु ीम कोट के फै सले के अनुसार 4.75tmcftका
उपभोग सुिनि त करने के िलए, और बदले म
पनिबजली उ पादन हेतु ‘मेके दातु पेयजल और संतोलन
जलाशय प रयोजना’ क योजना बनाई गई है।
‘मेके दातु प रयोजना’ के बारे म:
‘मेके दातु’ एक ब उ ेशीय (जल एवं िव ुत्) प रयोजना है।
 प रयोजना के तहत,कनाटक के रामनगर िजले म कनकपुरा के पास एक ‘संतोलन जलाशय’ (Balancing Reservoir)
का िनमाण कया जाना तािवत है।
 इस प रयोजना का उ े य, बगलु शहर और इसके िनकटवत े के िलए पीने के योजन हेतु पानी (75 टीएमसी) का
भंडारण और आपू त करना है। इस प रयोजना के मा यम से लगभग 400मेगावाट िबजली उ प करने का भी ताव
कया गया है।
 प रयोजना क अनुमािनत लागत 9,000 करोड़ पये है।
‘मेके दातुप रयोजना’के बारे म अिधक जानकारी हेतु प ढ़ए।
द ली नगर िनगम (संशोधन) िवधेयक
(Delhi Municipal Corporation (Amendment) Bill)
संदभ:
शी ही ‘ द ली नगर िनगम (संशोधन) िवधेयक’ (Delhi
Municipal Corporation (Amendment) Bill) संसद म
पेश कया जाएगा।
 इसका उ े य, राजधानी के तीन नगर िनगम –
दि ण, उत्तर और पूव – को नगर िनकाय के
िवभाजन के दस वष पूरे होने के बाद पर पर िवलय
करना है।
 वष 2011 म, रा य सरकार ारा बेहतर द ता के िलए नगर-िनगम को तीन भाग म िवभािजत करने का ताव रखा
गया था।
आव यकता:
 ि िवभाजन क सम याएँ: तीन नगर िनकाय के बीच संपि कर का असमान िवतरण, अ म बंधन और बढ़ते नुकसान
आ द।
 उपल ध संसाधन म अंतर: े ीय िवभाजन, और येक िनगम क राज व-सृजन मता के मामले म असमान
ि िवभाजन।
नगर िनगम से संबंिधत संवैधािनक ावधान:
 भारत के संिवधान म, रा य के नीित िनदेशक त व म ‘अनु छेद 40’ को शािमल करने के अलावा, ‘ थानीय वशासन’
क थापना के िलए कोई ावधान नह कया गया था।
 74व संशोधन अिधिनयम, 1992 के ारा संिवधान म एक नया भाग IX-A सि मिलत कया गया है, जो क‘नगर
पािलका ’ और ‘नगर िनगम ’ के शासन से संबंिधत है।
 इस भाग म अनु छेद 243P से 243ZG शािमल है। 74व संशोधन अिधिनयमके मा यम से संिवधान म एक नई ‘बारहव
अनुसूची’ भी जोड़ी गयी। 12व अनुसूची म 18 िवषय शािमल ह।
िनयात तैयारी सूचकांक 2021
(Export Preparedness Index 2021)
संदभ:
हाल ही म,नीित आयोग ारा ‘ ित पधा सं थान’(Institute of Competitiveness) के साथ साझेदारी म ‘िनयात तैयारी
सूचकांक’(EPI)2021 (Export Preparedness Index 2021)जारी कया गया है।
यह ‘िनयात तैयारी सूचकांक’(EPI)का दूसरा सं करण है।पहला इंडे स अग त 2020 म लॉ च कया गया था।
सूचकांक के बारे म:
 ‘िनयात तैयारी सूचकांक’, भारत क िनयात उपलि धय का एक ापक िव ेषण तुत करता है।
 इसका उ े य,उप-रा ीय िनयात संवधन के िलए मह वपूण; मूलभूत े क पहचान करना है।
 सूचकांक म,तटीय रा य को सव े दशनकता के प म चुना गया है।
रा य क र कं ग का तरीका:
 सूचकांक म, रा य और क शािसत देश का 4 मु य तंभ - नीित; ापार इकोिस टम; िनयात इकोिस टम; िनयात
दशन – के आधार पर सूची तैयार क गयी है।
 सूचकांक ने 11 उप- तंभ — िनयात ो साहन नीित; सं थागत ढांचा; ापार वातावरण; आधारभूत संरचना; प रवहन
संपक; पूंजी तक प ंच; िनयात आधारभूत संरचना; ापार समथन; अनुसंधान एवं िवकास(आर एंड डी) आधारभूत
संरचना; िनयात िविवधीकरण और िवकास आकां ा – को भी यान म रखा गया है।
सूचकांक म िविभ रा य का दशन:
 गुजरात ने नीित आयोग के ‘िनयात तैयारी सूचकांक’ (ईपीआई) 2021 म लगातार दूसरी बार शीष थान हािसल कया
है।
 सूचकांक म, महारा को दूसरा और कनाटक को तीसरा थान िमला है।
GSAT 7Bऔर भारत के अ य सै य उपग्रह
(The GSAT 7B and India’s other military satellites)
संदभ:
GSAT 7B उप ह को हाल ही म र ा मं ालय ारा ‘आव यक व तु के िलए वीकृ ित’ (Acceptance of Necessity –
AoN) दान क गयी है, यह उप ह भारतीय सेना के िलए एक सम पत उप ह होगा।
यह उप ह भारतीय सेना को सीमावत े म अपनी िनगरानीबढ़ाने म मदद करेगा।
इस उप ह का मह व:
 जीसैट 7बी (GSAT 7B),मु य प से सेना क संचार ज रत को पूरा करेगा।
 इस तरह के उप ह के इ तेमाल का मतलब यह भी होगा, क सेना के रेिडयो संचार उपकरण क िव तृत ृंखला, एक ही
लेटफ़ॉम के अंतगत आ सकती है।
जीसैट 7 उप ह ृंखला:
(GSAT 7 Satellite series)
 ‘जीसैट 7’,र ा सेवा क संचार ज रत को पूरा करने के िलए ‘भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन’ (इसरो) ारा
िवकिसत उ त उप ह ह।
 जीसैट 7 उप ह, हंद महासागर े म लगभग 2,000 समु ी मील क दूरी तक अपनी सेवाएं दान करते है।
 जीसैट 7 ( ि मणी), भारत का पहला सै य उप ह है। यह सै य संचार ज रत के िलए िविभ सेवाएं दान करता है,
िजसम म टी-बड संचार सिहत,‘कम िबट वॉयस रेट’ से लेकर ‘हाई िबट रेट’ डेटा सुिवधाएं भी शािमल ह।
 2018 म लॉ च कया गया GSAT 7A, भारतीय वायु सेना के ाउंड रडार टेशन , एयरबेस और एयरबोन अल वा नग
एंड कं ोल एयर ा ट (AEW&C) के बीच कनेि टिवटी को बढ़ाने म मदद करता है।
नासा वोयाजर अंत र यान
(NASA Voyager spacecraft)
संदभ:
नासा के दोन ‘वोयाजर’ अंत र यान (NASA Voyager spacecraft), पृ वी से दूर जाते ए और ‘अंतरतारक य अंत र ’
(Interstellar Space) म गित कर रहे ह। फर भी हर साल, कु छ समय के िलए, दोन अंत र यान क पृ वी से दूरी कम हो
जाती है।
इसका कारण:
इसका जबाव यह है, क हर साल कु छ महीन के िलए, पृ वी अपनी क ा म अंत र यान क ओर काफ तेजी से आगे बढ़ती है
और यह गित इन अंत र यान के पृ वी से दूर जाने क गित से अिधक होती है।
 सूय के चार ओर पृ वी,वोयाजर अंत र यान’ क गित से अिधक, तेजी से मण करती है।
 पृ वी अंत र म67,000 मील ित घंटे (30 कमी/सेकं ड)
क गित से मण करती है। जब क ‘वोयाजर 1’ (Voyager
1) क अंत र म 38,210 मील ित घंटे (17 कमी/सेकड)
क गित से आगे बढ़ रहा है, और वोयाजर 2 (Voyager 2)
क गित 35,000 मील ित घंटा (15 कमी/सेकड) है।
 तो, वष के एक भाग म,जब पृ वी सूय के चार ओर घूमती
ए उस ओर प ँचती है, िजस ओर से अंत र
यान‘अंतरतारक य अंत र ’ म गित कर रहे है, तो वह
‘अंत र यान ’ के दूर जाने क गित से अिधक तेजी से उनक
ओर बढ़ती है।
इसिलए, पृ वी से इन अंत र यान ’ क दू रयां कम हो जाती है,
हालाँ क यह के वल अ थायी प से होता है। ये अंत र यान अपनी
बाहरी गित को कभी नह बदलते। ये हम पृ वी वासी ही अपनी
ि थित बदलते रहते ह।
‘वोयाजर िमशन’ के बारे म:
नासा का ‘वोयाजर िमशन’ (Voyager Mission)1970 के दशक म लॉ च कया गया था। इस िमशन म नासा ारा अंत र म
बाहरी ह का के वल पता लगाने के ‘ ोब’भेजे गए थे – ले कन ये दोन ोब बस अगाध अंत र म आगे क ओर बढ़ते जा रहे ह।
 िमशन के तहत, ‘वोयाजर 1’ ने 5 िसतंबर 1977 को पृ वी से थान कया और इसके कु छ दन बादवायेजर 2 को
पृ वी से छोड़ा गया था। इस दोन अंत र यान ने 2013 म हमारे सौर मंडल को छोड़ दया।
 वोयाजर अंतरतारक य / इंटर टेलर िमशन (Voyager Interstellar Mission – VIM) का िमशन उ े य, नासा के सौर
मंडल अ वेषण को, बा ह के िनकटवत े से परे / आगे, हमारे सूय के भाव े क बाहरी सीमा तक और
संभवतः उससे आगे तक िव ता रत करना है।
 वोयाजर (VOYAGER)अंत र यान, हमारे सौर मंडल के सभी ह से आगे उड़ान भरने वाले मशः तीसरे और चौथे
मानव अंत र यान है। इससे पहले ‘पायिनयर 10’ और‘पायिनयर 11’ सूय के गु वाकषण आकषण सीमा से आगे िनकल
गए थे, कं तु 17 फरवरी, 1998 को, वोयाजर 1, पायिनयर 10 को पार करते ए अंत र म सबसे दूर तक प ँचने वाली
मानव िन मत व तु बन गई।
अब तक क उपलि धयां:
 ‘वोयाजर 2’, ह क उड़ान के दौरान नेप यून और यूरेनस का अ ययन करने वाला एकमा ोब है।
 यह हमारे ह से बाहर जाने वाली मानव िन मत दूसरी व तु है।
 वोयाजर 2,सभी चार गैसीय िवशालकाय ह – बृह पित, शिन, यूरेनस और नेप यून-का मण करने तथा 16 चं मा
क खोज करने वाला और साथ ही, ने यून के रह यमयी िणक ेट डाक पॉट, यूरोपा के बफ के खोल म दरार, और
येक ह पर छ ल जैसी िवशेषताएं जैसी घटना का पता लगाने वाला एकमा अंत र यान है।
‘इंटर टेलर पेस’ या है?
‘अंतरतारक य अंत र ’ / इंटर टेलर पेस (Interstellar Space)कहां से शु होता है, इसे िचि नत करने के िलए वै ािनक
‘हेिलयोपॉज’ (HELIOPAUSE) का उपयोग करते ह।हालां क यह इस बात पर िनभर करता है क आप हमारे ‘सौर मंडल’ को
कै से प रभािषत करते ह- जो क सूय से पृ वी क क ीय दूरी क तुलना म, 1,000 गुना दूर से आरंभ होने वाले ‘ऊट लाउड’
(Oort Cloud) तक िव ता रत हो सकता है।
हेिलओ फ यर:
हेिलओ फ यर(Heliosphere)सूय के चार ओर फै ला आ एक बुलबुला है, जो क सौर हवा के सूय के क से बाहर क ओर
वाह, तथा अंतरतारक य हवा के सूय क ओर आने वाले वाह को रोकने से िन मत होता है।‘हेिलओ फ यर’, सौर हवा के
साथ आने वाले सूय क ग या मकिवशेषता - जैसे क चुंबक य े , ऊजायु कण और सौर पवन ला मा आ द- से भािवत े
है। ‘हेिलओपॉज़’, हेिलओ फ यर के अंत और ‘इंटर टेलर पेस’ क शु आत क िनशानी होते ह।

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  • 1. D A I L Y N E X T C A P S U L E W I L L H E L P Y O U T O P R O V I D E 2nd floor, shahar plaza, munshi pulia, indira nagar, lucknow Feel Free to call us at: 9454721860 Follow us on:
  • 2. पीएम के यस (PM CARES) संदभ: हाल ही म,सु ीम कोट ने इलाहाबाद उ यायालय के ‘पीएम-के यस फं ड’ (PM-CARES Fund) से संबंिधत आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर िवचार करने से इनकार कर दया है।इलाहाबाद उ यायालय ने अपने इस आदेश म ‘पीएम-के यस फं ड’ क संवैधािनक वैधता को चुनौती देने वाली चुनौती को खा रज कर दया था। संबंिधत करण:  उ यायालय ने ‘आपदा बंधन अिधिनयम’, 2005 क पृ भूिम म ‘पीएम-के यस फं ड’ और ‘ धानमं ी रा ीय राहत कोष’ क वैधता को चुनौती देने वाली जनिहत यािचका को खा रज कर दया था।  यािचकाकता ने तक दया था, क ‘पीएम-के यस फं ड’ को िबना कसी वैधािनक समथन के थािपत कया गया है,और इसे ‘सूचना के अिधकार अिधिनयम’ (आरटीआई अिधिनयम) क अिधकार- े से बाहर रखा गया है। पीएमके यसफं डऔरइसके कामकाजसे संबंिधत मु े: पीएमके यस फं ड, अपनी घोषणाके बादसेहीसंदेहके घेरेमरहा है, और िवप ीदल ारा इस फं डके संचालनमपारद शताक मांगक जाती रही है। PM-CARESके बारे म: आपातकालीन ि थित म धान मं ी नाग रक सहायताएवं राहत कोष(Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund : PM-CARESFund) का गठन,कोिवड-19 महामारी, और इसी कार क अ य आपात ि थितय के दौरान, दान वीकार करने और राहत दान करने के िलए कया गया था। पीएम के यस फं ड के बारे म:  PM CARES फं ड क थापना 27माच 2020 को ‘पंजीकरण अिधिनयम, 1908’ के तहत एक धमाथ ट के प म क गयी थी।  यह िवदेशी अंशदान से से ा दान का लाभ उठा सकता है और इस िनिध म दयाजानेवाला दान100% कर-मु होता है।  PM-CARES,‘ धानमं ी रा ीय राहत कोष’(PMNRF)से िभ है। फं ड का बंधन कौन करता है?  धानमं ी, PM CARES फं ड के पदेन अ य और र ा मं ी, गृह मं ी और िव मं ी, भारत सरकार िनिध के पदेन यासी होते ह।  2021 म, क सरकार ारा द ली उ यायालय को सूिचत कया गया था, क PM CARES फं ड भारत सरकार का फं ड नह है और इसके ारा एक क गई रािश भारत के समे कत कोष म नह जाती है।
  • 3. मेके दातु जल प रयोजना (Mekedatu water project) संदभ:  हाल ही म,कनाटक िवधानसभा ारा ‘मेके दातु प रयोजना’ (Mekedatu project) को मंजूरी देने के िलए एक सवस मितसे एक ताव पा रत कया गया है।  कु छ समय पूव,तिमलनाडु ने कनाटक ारा तािवत ‘मेके दातु पेयजल और संतुलन जलाशय प रयोजना’ के िवरोध म एक ताव पा रत कया था।कनाटक ने यह ताव, तिमलनाडु के उस ताव क ित या म पा रत कया गया। कनाटक क मांग:  कनाटक िवधान सभा ारा ‘क ीय जल आयोग’ और ‘पयावरण एवं वन मं ालय’ से मेके दातु प रयोजना को ज द से ज द मंजूरी देने का आ ह कया गया है।  िवधान सभासदन ारा क ीय ािधका रय से गोदावरी, कृ णा, पे ार, कावेरी, वैगई और गुंडर नदी-जोड़ने क प रयोजना क ‘िव तृत प रयोजना रपोट’(Detail Project Report – DPR) कोतटीय रा य कािह सा तय होने तथा कनाटक ारा अपनी मंजूरी दए जाने तक अंितम प नह देने का आ ह कया गया है।  सदन ने क ीय ािधका रय से तिमलनाडु क अवैध प रयोजना को मंजूरी नह देने और तिमलनाडु को उ ह जारी रखने से रोकने का िनदश देने का भी आ ह कया है। कनाटक ारा मेके दातु प रयोजना को शु करने के संबंध म दए गए कारण:  सु ीम कोट ने कावेरी जल िववाद यायािधकरण के फै सले म संशोधन करते ए एक सामा य जल वष म िबलीगुंडलू (जल गेज) म 177.25 टीएमसी फ ट पानी छोड़ने क पुि क है।  बगलु महानगर शहर के िलए 24tmcftका आवंटन, और सु ीम कोट के फै सले के अनुसार 4.75tmcftका उपभोग सुिनि त करने के िलए, और बदले म पनिबजली उ पादन हेतु ‘मेके दातु पेयजल और संतोलन जलाशय प रयोजना’ क योजना बनाई गई है। ‘मेके दातु प रयोजना’ के बारे म: ‘मेके दातु’ एक ब उ ेशीय (जल एवं िव ुत्) प रयोजना है।  प रयोजना के तहत,कनाटक के रामनगर िजले म कनकपुरा के पास एक ‘संतोलन जलाशय’ (Balancing Reservoir) का िनमाण कया जाना तािवत है।  इस प रयोजना का उ े य, बगलु शहर और इसके िनकटवत े के िलए पीने के योजन हेतु पानी (75 टीएमसी) का भंडारण और आपू त करना है। इस प रयोजना के मा यम से लगभग 400मेगावाट िबजली उ प करने का भी ताव कया गया है।  प रयोजना क अनुमािनत लागत 9,000 करोड़ पये है।
  • 4. ‘मेके दातुप रयोजना’के बारे म अिधक जानकारी हेतु प ढ़ए। द ली नगर िनगम (संशोधन) िवधेयक (Delhi Municipal Corporation (Amendment) Bill) संदभ: शी ही ‘ द ली नगर िनगम (संशोधन) िवधेयक’ (Delhi Municipal Corporation (Amendment) Bill) संसद म पेश कया जाएगा।  इसका उ े य, राजधानी के तीन नगर िनगम – दि ण, उत्तर और पूव – को नगर िनकाय के िवभाजन के दस वष पूरे होने के बाद पर पर िवलय करना है।  वष 2011 म, रा य सरकार ारा बेहतर द ता के िलए नगर-िनगम को तीन भाग म िवभािजत करने का ताव रखा गया था। आव यकता:  ि िवभाजन क सम याएँ: तीन नगर िनकाय के बीच संपि कर का असमान िवतरण, अ म बंधन और बढ़ते नुकसान आ द।  उपल ध संसाधन म अंतर: े ीय िवभाजन, और येक िनगम क राज व-सृजन मता के मामले म असमान ि िवभाजन। नगर िनगम से संबंिधत संवैधािनक ावधान:  भारत के संिवधान म, रा य के नीित िनदेशक त व म ‘अनु छेद 40’ को शािमल करने के अलावा, ‘ थानीय वशासन’ क थापना के िलए कोई ावधान नह कया गया था।
  • 5.  74व संशोधन अिधिनयम, 1992 के ारा संिवधान म एक नया भाग IX-A सि मिलत कया गया है, जो क‘नगर पािलका ’ और ‘नगर िनगम ’ के शासन से संबंिधत है।  इस भाग म अनु छेद 243P से 243ZG शािमल है। 74व संशोधन अिधिनयमके मा यम से संिवधान म एक नई ‘बारहव अनुसूची’ भी जोड़ी गयी। 12व अनुसूची म 18 िवषय शािमल ह। िनयात तैयारी सूचकांक 2021 (Export Preparedness Index 2021) संदभ: हाल ही म,नीित आयोग ारा ‘ ित पधा सं थान’(Institute of Competitiveness) के साथ साझेदारी म ‘िनयात तैयारी सूचकांक’(EPI)2021 (Export Preparedness Index 2021)जारी कया गया है। यह ‘िनयात तैयारी सूचकांक’(EPI)का दूसरा सं करण है।पहला इंडे स अग त 2020 म लॉ च कया गया था। सूचकांक के बारे म:  ‘िनयात तैयारी सूचकांक’, भारत क िनयात उपलि धय का एक ापक िव ेषण तुत करता है।  इसका उ े य,उप-रा ीय िनयात संवधन के िलए मह वपूण; मूलभूत े क पहचान करना है।  सूचकांक म,तटीय रा य को सव े दशनकता के प म चुना गया है। रा य क र कं ग का तरीका:  सूचकांक म, रा य और क शािसत देश का 4 मु य तंभ - नीित; ापार इकोिस टम; िनयात इकोिस टम; िनयात दशन – के आधार पर सूची तैयार क गयी है।  सूचकांक ने 11 उप- तंभ — िनयात ो साहन नीित; सं थागत ढांचा; ापार वातावरण; आधारभूत संरचना; प रवहन संपक; पूंजी तक प ंच; िनयात आधारभूत संरचना; ापार समथन; अनुसंधान एवं िवकास(आर एंड डी) आधारभूत संरचना; िनयात िविवधीकरण और िवकास आकां ा – को भी यान म रखा गया है। सूचकांक म िविभ रा य का दशन:  गुजरात ने नीित आयोग के ‘िनयात तैयारी सूचकांक’ (ईपीआई) 2021 म लगातार दूसरी बार शीष थान हािसल कया है।  सूचकांक म, महारा को दूसरा और कनाटक को तीसरा थान िमला है। GSAT 7Bऔर भारत के अ य सै य उपग्रह (The GSAT 7B and India’s other military satellites) संदभ: GSAT 7B उप ह को हाल ही म र ा मं ालय ारा ‘आव यक व तु के िलए वीकृ ित’ (Acceptance of Necessity – AoN) दान क गयी है, यह उप ह भारतीय सेना के िलए एक सम पत उप ह होगा। यह उप ह भारतीय सेना को सीमावत े म अपनी िनगरानीबढ़ाने म मदद करेगा। इस उप ह का मह व:  जीसैट 7बी (GSAT 7B),मु य प से सेना क संचार ज रत को पूरा करेगा।
  • 6.  इस तरह के उप ह के इ तेमाल का मतलब यह भी होगा, क सेना के रेिडयो संचार उपकरण क िव तृत ृंखला, एक ही लेटफ़ॉम के अंतगत आ सकती है। जीसैट 7 उप ह ृंखला: (GSAT 7 Satellite series)  ‘जीसैट 7’,र ा सेवा क संचार ज रत को पूरा करने के िलए ‘भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन’ (इसरो) ारा िवकिसत उ त उप ह ह।  जीसैट 7 उप ह, हंद महासागर े म लगभग 2,000 समु ी मील क दूरी तक अपनी सेवाएं दान करते है।  जीसैट 7 ( ि मणी), भारत का पहला सै य उप ह है। यह सै य संचार ज रत के िलए िविभ सेवाएं दान करता है, िजसम म टी-बड संचार सिहत,‘कम िबट वॉयस रेट’ से लेकर ‘हाई िबट रेट’ डेटा सुिवधाएं भी शािमल ह।  2018 म लॉ च कया गया GSAT 7A, भारतीय वायु सेना के ाउंड रडार टेशन , एयरबेस और एयरबोन अल वा नग एंड कं ोल एयर ा ट (AEW&C) के बीच कनेि टिवटी को बढ़ाने म मदद करता है। नासा वोयाजर अंत र यान (NASA Voyager spacecraft) संदभ: नासा के दोन ‘वोयाजर’ अंत र यान (NASA Voyager spacecraft), पृ वी से दूर जाते ए और ‘अंतरतारक य अंत र ’ (Interstellar Space) म गित कर रहे ह। फर भी हर साल, कु छ समय के िलए, दोन अंत र यान क पृ वी से दूरी कम हो जाती है। इसका कारण: इसका जबाव यह है, क हर साल कु छ महीन के िलए, पृ वी अपनी क ा म अंत र यान क ओर काफ तेजी से आगे बढ़ती है और यह गित इन अंत र यान के पृ वी से दूर जाने क गित से अिधक होती है।  सूय के चार ओर पृ वी,वोयाजर अंत र यान’ क गित से अिधक, तेजी से मण करती है।  पृ वी अंत र म67,000 मील ित घंटे (30 कमी/सेकं ड) क गित से मण करती है। जब क ‘वोयाजर 1’ (Voyager 1) क अंत र म 38,210 मील ित घंटे (17 कमी/सेकड) क गित से आगे बढ़ रहा है, और वोयाजर 2 (Voyager 2) क गित 35,000 मील ित घंटा (15 कमी/सेकड) है।  तो, वष के एक भाग म,जब पृ वी सूय के चार ओर घूमती ए उस ओर प ँचती है, िजस ओर से अंत र यान‘अंतरतारक य अंत र ’ म गित कर रहे है, तो वह ‘अंत र यान ’ के दूर जाने क गित से अिधक तेजी से उनक ओर बढ़ती है। इसिलए, पृ वी से इन अंत र यान ’ क दू रयां कम हो जाती है, हालाँ क यह के वल अ थायी प से होता है। ये अंत र यान अपनी बाहरी गित को कभी नह बदलते। ये हम पृ वी वासी ही अपनी ि थित बदलते रहते ह।
  • 7. ‘वोयाजर िमशन’ के बारे म: नासा का ‘वोयाजर िमशन’ (Voyager Mission)1970 के दशक म लॉ च कया गया था। इस िमशन म नासा ारा अंत र म बाहरी ह का के वल पता लगाने के ‘ ोब’भेजे गए थे – ले कन ये दोन ोब बस अगाध अंत र म आगे क ओर बढ़ते जा रहे ह।  िमशन के तहत, ‘वोयाजर 1’ ने 5 िसतंबर 1977 को पृ वी से थान कया और इसके कु छ दन बादवायेजर 2 को पृ वी से छोड़ा गया था। इस दोन अंत र यान ने 2013 म हमारे सौर मंडल को छोड़ दया।  वोयाजर अंतरतारक य / इंटर टेलर िमशन (Voyager Interstellar Mission – VIM) का िमशन उ े य, नासा के सौर मंडल अ वेषण को, बा ह के िनकटवत े से परे / आगे, हमारे सूय के भाव े क बाहरी सीमा तक और संभवतः उससे आगे तक िव ता रत करना है।  वोयाजर (VOYAGER)अंत र यान, हमारे सौर मंडल के सभी ह से आगे उड़ान भरने वाले मशः तीसरे और चौथे मानव अंत र यान है। इससे पहले ‘पायिनयर 10’ और‘पायिनयर 11’ सूय के गु वाकषण आकषण सीमा से आगे िनकल गए थे, कं तु 17 फरवरी, 1998 को, वोयाजर 1, पायिनयर 10 को पार करते ए अंत र म सबसे दूर तक प ँचने वाली मानव िन मत व तु बन गई। अब तक क उपलि धयां:  ‘वोयाजर 2’, ह क उड़ान के दौरान नेप यून और यूरेनस का अ ययन करने वाला एकमा ोब है।  यह हमारे ह से बाहर जाने वाली मानव िन मत दूसरी व तु है।  वोयाजर 2,सभी चार गैसीय िवशालकाय ह – बृह पित, शिन, यूरेनस और नेप यून-का मण करने तथा 16 चं मा क खोज करने वाला और साथ ही, ने यून के रह यमयी िणक ेट डाक पॉट, यूरोपा के बफ के खोल म दरार, और येक ह पर छ ल जैसी िवशेषताएं जैसी घटना का पता लगाने वाला एकमा अंत र यान है। ‘इंटर टेलर पेस’ या है? ‘अंतरतारक य अंत र ’ / इंटर टेलर पेस (Interstellar Space)कहां से शु होता है, इसे िचि नत करने के िलए वै ािनक ‘हेिलयोपॉज’ (HELIOPAUSE) का उपयोग करते ह।हालां क यह इस बात पर िनभर करता है क आप हमारे ‘सौर मंडल’ को कै से प रभािषत करते ह- जो क सूय से पृ वी क क ीय दूरी क तुलना म, 1,000 गुना दूर से आरंभ होने वाले ‘ऊट लाउड’ (Oort Cloud) तक िव ता रत हो सकता है। हेिलओ फ यर: हेिलओ फ यर(Heliosphere)सूय के चार ओर फै ला आ एक बुलबुला है, जो क सौर हवा के सूय के क से बाहर क ओर वाह, तथा अंतरतारक य हवा के सूय क ओर आने वाले वाह को रोकने से िन मत होता है।‘हेिलओ फ यर’, सौर हवा के साथ आने वाले सूय क ग या मकिवशेषता - जैसे क चुंबक य े , ऊजायु कण और सौर पवन ला मा आ द- से भािवत े है। ‘हेिलओपॉज़’, हेिलओ फ यर के अंत और ‘इंटर टेलर पेस’ क शु आत क िनशानी होते ह।